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एक कंट्रोलिंग पार्टनर के साथ रिश्ते में बंधे रहना मुश्किल होता है | एक कंट्रोलिंग पार्टनर हर पल दूसरे पार्टनर की चीज़ों में कमी निकालने, उनकी आलोचना करने या हर काम में रोक-टोक करने में आगे होता है | अपने पार्टनर के साथ बात करके या काउंसलिंग का सहारा लेकर आप अपनी शादीशुदा ज़िन्दगी में फिर से ख़ुशी और सुकून ला सकते हैं लेकिन ये सब निर्भर करता है कि सब कितना गंभीर है और आपके पार्टनर का कितना ज्यादा कंट्रोलिंग स्वभाव है | यदि व्यवहार बहुत ज्यादा गंभीर है और काउंसलिंग भी काम नहीं कर पा रही तो अपने अस्तित्व को खोकर रिश्ता रखना कोई समझदारी नहीं | ऐसे रिश्ते को खत्म कर देना ही बेहतर है |

विधि 1
विधि 1 का 3:

व्यवहार कण्ट्रोल करने की छोटी-छोटी बातों को हैंडल करना

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  1. बहुत से लोगों के लिए एक कंट्रोलिंग पार्टनर के गलत व्यवहार का जवाब होता है उनसे बहसबाजी करना | लेकिन सच ये है कि एक कंट्रोलिंग पार्टनर कभी भी नहीं झुकता और किसी हाल में भी आपको सही नहीं मानता | तो यदि आप शब्दों का जोर लगाएंगे तो बात और बढ़ जायेगी | झगड़ा करने की बजाए शान्ति से काम लें और अपना धैर्य बनाये रखें | आप बिना चीखे या बिना गलत बोले भी अपने पार्टनर को बता सकते हैं कि आप उनकी किसी बात से सहमत नहीं है |
    • यदि आपको लगता है कि आप अपने पार्टनर की किसी बात से सहमत नहीं है तो अपनी बात बोलने का एक तरीका होता है | जैसे "यह बिल्कुल गलत है, मेरा आईडिया बहुत बेहतर है!” की बजाय "मैं तुम्हारे नजरिये को समझती हूँ लेकिन क्या तुमने इस बारे में सोचा है?" बोलना बेहतर है |
    • बहुत बार, आपको लगेगा कि अपने पार्टनर की बात से सहमत होना ही बैस्ट है लेकिन आप यह अपने पार्टनर के कंट्रोलिंग नेचर को बढ़ावा दिए बिना भी कर सकते हैं | उदहारण के लिए, आप उनकी राय को ध्यान में रखते हुए खुद अपना डिसीज़न ले सकते हैं |
  2. कण्ट्रोल करने वाले को एक प्लान बनाने के लिए कहें: बहुत सी बार, आप अपने कंट्रोलिंग पार्टनर के साथ मिलके छोटी-छोटी प्रॉब्लम का सलूशन निकाल सकते हैं | अपने पार्टनर को प्रॉब्लम समझाएं और बताये कि प्रॉब्लम हमारी है तो सलूशन भी हम दोनों को मिलकर ही निकालना है |
    • जब आप अपने पार्टनर को प्रॉब्लम के बारे में बता रहें हो तो जितना डिटेल में समझाएं और जो प्रॉब्लम है उसी को साफ़-साफ बताएं | उदहारण के लिए, "तुम बहुत ज्यादा कंट्रोलिंग हो," कहने की बजाय "आप मेरी हर बात को गलत समझते हो और आपको लगता है कि मैं अपने बलबूते कुछ नहीं कर सकता/सकती" कहना बेहतर है |
    • यदि आपका पार्टनर मानना ही नहीं चाहता कि कोई प्रॉब्लम है तो यह तरीका काम नहीं कर सकता |
  3. जब आपका पार्टनर आपके सामने कोई डिमांड रखता है या फिर आपको कण्ट्रोल करने की कोशिश करता है तो अपने आपको उसकी जगह रख कर देखें | उसके नजरिये को समझें | एक पल को सोचें कि आपका पार्टनर ऐसा क्यों कर रहा है और उनको समझने की कोशिश करें | ऐसा करने से जब भी आपको पार्टनर कंट्रोलिंग होगा तो आपको कम गुस्सा आएगा |
    • ऐसा करने से आप अपने पार्टनर के व्यवहार को समझ पाएंगे और हो सकता है आप अपने पार्टनर की उन बातों को नज़रअंदाज़ कर दें जिनके होने पर आपको पहले गुस्सा आया करता था | लेकिन इस तरीके को तब बिल्कुल न अपनाएँ जब आपका पार्टनर आपसे बदतमीजी से बात करने पर उतर जाएँ |
  4. यदि आपके पार्टनर आपकी निंदा करने लगते है या आपसे पूछ-ताछ करने के मूड में हैं तो आप कुछ कंस्ट्रक्टिव सवाल पूछ कर बात को घुमा सकते हैं | इस तरह के सवाल पूछें जिनसे ये झलके की उनका ये बुरा व्यवहार या अपेक्षा ठीक नहीं है और मानी नहीं जा सकती | उदहारण के लिए, जैसे आप यह कह सकते हैं, "क्या तुमने मुझे पहले अच्छे से बताया था कि क्या करना है?" या फिर "अगर तुम्हे मुझसे अच्छे से बात नहीं करनी तो मैं चली जाती हूँ | क्या तुम यही चाहते हो?"
    • हर बात पर सफाई न दें या फिर अपने आपको बचाने की कोशिश न करें, ऐसा करने से उनका व्यवहार और कंट्रोलिंग हो जायेगा |
विधि 2
विधि 2 का 3:

बार-बार कण्ट्रोल करने की आदत को सुधारना

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  1. बुरे व्यवहार को अस्वीकार करने के लिए तैयार हो जाएँ: कण्ट्रोल करने वाले पार्टनर को खुद नहीं पता होता कि वह दूसरे को कण्ट्रोल कर रहा है | क्योंकि ऐसा करना उनकी आदत बन जाती है | बल्कि उन्हें लगता है है कि उन्हें कण्ट्रोल किया जा रहा है इसीलिए वह अपनी बात को मनवाने या साबित करने के लिए इतना जोर देते हैं | यदि आपका पार्टनर भी आपको कण्ट्रोल कर रहा है तो आपको उन्हें समझाना होगा कि वह ऐसा कर रहे हैं | लेकिन चीज़ें ठीक होने में टाइम लगता है | [१]
    • जब आप इस तरह की बातचीत कर रहे होते हैं तो जितना हो सके प्यार, सब्र और आदर से बात करें | यदि आपको अपनी शादी को बचाना है तो अपने पार्टनर के चरित्र पर कभी उंगली न उठायें | बल्कि बातों या परिस्थितियों पर ध्यान दें और उन्हें ठीक करने की कोशिश करें |
    • अपने पार्टनर को ये बताने के लिए कि वह "कंट्रोलिंग" है, जितने तरीकों, जितने उदहारण की जरुरत पड़े यूज़ करें |
  2. अपने पार्टनर के साथ उनके कंट्रोलिंग व्यवहार को लेकर डिस्कशन करने के बाद, आपको साफ-साफ़ बताना होगा कि आप क्या बर्दाश्त कर सकते है या क्या नहीं | अपने पार्टनर को पूरी गहराई से समझाएं कि कौन सी आदत उनको ठीक करनी होगी | [२]
    • अपने पार्टनर के साथ बैठकर सभी बड़ी प्रॉब्लम की लिस्ट बनाएं और उनके साथ डिस्कस करें कि कैसे आप दोनों फ्यूचर में उन सभी प्रॉब्लम को आने से रोक सकते हैं |
    • ऐसा हो सकता है कि आपके पार्टनर भी सोचते हो कि कई बार आप भी उन्हें कण्ट्रोल करते हैं तो इन सब बातों को सुनने के लिए तैयार रहें | हो सकता है वे भी कोई सीमा निर्धारित करना चाहते हो |
  3. आपको अपने पार्टनर को समय-समय पर याद दिलाना होगा कि बर्दाश्त करने की लिमिट क्या है | बेहतर ये है कि आप उन्हें पहले से ही बता दें कि किस तरह का व्यवहार के क्या परिणाम हो सकते हैं | ये सभी सिर्फ बड़ी गलतियों पर लागू होना चाहिए जिन्हे हैंडल करने का और कोई तरीका न हो |
    • छोटी-मोटी गलतियों के लिए, आपके पार्टनर को सिर्फ लिमिट की याद दिलाना जरूरी है |
    • परिणामों का जरुरत से ज्यादा यूज़ न करें: छोटी गलतियों के लिए भी अपने प्यार को रोकना भी कंट्रोलिंग नेचर की ओर इशारा करता है |
    • आपके परिणाम गंभीर भी हो सकते हैं जैसे अगले पूरे महीने तक यदि आपके पार्टनर ने आपकी रिस्पेक्ट करने की कोशिश नहीं की या आपके अस्तित्व को चोट पहुंचाई तो आप घर छोड़ के चले जाएंगे |
  4. यदि आपके पार्टनर अपने व्यवहार को ठीक करने की कोशिश ही नहीं करना चाहते या आप दोनों मिलकर भी अपने अनसुलझी ज़िंदगी को सुलझा नहीं पा रहे तो प्रोफेशनल काउंसलिंग की हेल्प लेना समझदारी है | एक प्रोफेशनल काउन्स्लर ही आपके पार्टनर को अच्छे से समझा सकता है कि एक कंट्रोलिंग नेचर क्या होता है, इससे दूसरों को क्या परेशानी हो सकती है और कैसे इसे ठीक किया जा सकता है | [३]
    • आप कपल थेरेपी भी ट्राई कर सकते हैं इसमें एक मैरिज काउन्स्लर के साथ आप दोनों एक-दूसरे से अपनी प्रॉब्लम के बारे में बात कर सकते हैं |
    • आपके पार्टनर इंडिविजुअल (अकेले) थेरेपी भी ट्राई कर सकते हैं जिससे उन कारणों का पता लग सकता है जिनकी वजह से उनका कंट्रोलिंग नेचर है जैसे आत्म-सम्मान की कमी या फिर दर्दनाक बचपन |
विधि 3
विधि 3 का 3:

अपनी ज़िन्दगी की कमान वापिस अपने हाथ में लेना

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  1. बहुत से कंट्रोलिंग पार्टनर अपने पार्टनर की ज़िन्दगी में मालिक बन समझने लगते हैं और उन्हें किसी भी दोस्त या घरवालों से मिलने नहीं देते | वे सोचते है जैसा मैं बोलूं मेरा पार्टनर वैसे ही करे | यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा हो रहा है तो अपने लिए खड़े हो और अपने पार्टनर को बताएं कि आप किसी भी हाल में अपने दूसरे रिश्तों को खत्म या बिगड़ने नहीं देंगे | [४]
    • हर इंसान को अपने आपको टाइम देना जरूरी है | ऐसा टाइम जब वह अपने लिए ही जीता है | अपने पार्टनर को बताएं कि आपको अपनी हॉबी या किसी शौक को पूरा करने के लिए टाइम चाहिए या फिर बस अपने लिए टाइम चाहिए | यदि आप अपने पार्टनर को भी कोई हॉबी अपनाने के लिए कहेंगे तो आप दोनों साथ-साथ ऐसा कर सकते हैं |
    • यदि आप अपने रिश्ते में आयी खटास को मिठास में बदलना चाहते हैं तो आपको अपने पार्टनर के साथ वक्त बिताना चाहिए | और इस टाइम में कुछ ऐसी एक्टिविटीज़ करें जो मज़ेदार हो और आप दोनों को करीब लाएं |
  2. जब आपका पार्टनर आपको बार-बार नीचे दिखाने की कोशिश करता है या हर बात पर आपकी आलोचना करता है तो कई बार ऐसा हो सकता है कि आपको लगने लगता है कि शायद आपकी ही गलती है या मैं इस व्यवहार के ही लायक हूँ | उस समय अपने आपको याद दिलाएं कि मैं ज़िन्दगी में बेस्ट के लायक हूँ और मुझे इन सभी बातों को दिल से नहीं लगाना है | यदि आप अपनी कद्र नहीं करेंगे तो सामने वाला आपकी कद्र नहीं करेगा | [५]
    • जब आप खुद अपने बारे में गलत सोचते है या अपनी कद्र नहीं करते तो आपको अपनी काबलियत पर भी शक होने लगता है | यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा हो रहा है तो अपने उन सभी सपनों या लक्ष्यों के बारे में सोचें जिन्हे आप पूरा करना चाहते थे और अपने दिमाग से आपके पार्टनर के द्वारा दी गयी नेगेटिव सोच को बाहर निकाल दें | उन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए छोटे-छोटे कदम उठायें और अपने कंट्रोलिंग पार्टनर से अपने आप को आज़ाद करें |
  3. बहुत से कंट्रोलिंग पार्टनर अपने पार्टनर को दोषी महसूस करवाते है ताकि उनकी बात मनती रहे | यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो याद रखें कि ये आपको कण्ट्रोल करने का एक और तरीका है और कुछ भी आपके डिसीज़न को बदल नहीं सकता | [६]
    • बहुत से कंट्रोलिंग पार्टनर अपने पार्टनर को ये कहकर दोषी महसूस करवाते हैं कि यदि वह उनकी ज़िन्दगी से गए तो वह अपने आप को नुकसान पहुचाएंगे या उनके बिना ज़िन्दगी की गाड़ी नहीं चल सकती |
    • बहुत से कंट्रोलिंग पार्टनर अपने पार्टनर को ऐसे जताते हैं कि वे उन्हें अपने घर में रखकर या प्यार करके उन पर एहसान कर रहे हैं |
  4. जो आप मानते है उस पर विश्वास करें और ईमानदार रहें: बहुत से कंट्रोलिंग पार्टनर अपने पार्टनर के ऊपर अपना रॉब जमाते हैं कि जैसे मेरी सोच सही है और तुम्हे भी अपना दिमाग चलाये बिना उसी तरीके से सोचना है | यदि आपकी राय, आपकी सोच, आपका नजरिया आपके पार्टनर से अलग है तो उसके लिए डट कर खड़े हों | [७]
    • यदि आपका धर्म आपके पार्टनर से अलग है तो अपनी आज़ादी को बनाये रखें और बिना डर के अपनी धारणाओं और अपने धर्म का पालन करें |
    • यदि आपकी राजनितिक मान्यताएं आपके पार्टनर से अलग है तो जिसे आप वोट करना चाहते हैं उसी को करें | किसी के दबाव में न आएं |
  5. जिस रिश्ते से आपकी ज़िन्दगी खराब हो ऐसे रिश्ते का न होना ही बेहतर है: कई बार, कंट्रोलिंग नेचर को ठीक किया जा सकता है और खोयी हुई खुशियां, आदर, सत्कार को वापिस लाया जा सकता है लेकिन याद रहे सभी केस में ऐसा नहीं होता | बहुत बार, एक कंट्रोलिंग पार्टनर अपने आप में कोई बदलाव नहीं लाता क्योंकि उन्हें लगता है जो वह कर रहे हैं वही ठीक है | तो अगर आपके अस्तित्व को ठेस पहुंच रही है या आपको मानसिक या शारीरिक नुकसान पहुंच रहा है तो रिश्ते को ख़त्म करने में ही भलाई है | [८]
    • कुछ व्यवहार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने चाहिए | जैसे अगर आपका पार्टनर आपको शारीरिक या मानसिक रूप से बुरा बर्ताव करता है तो ऐसे इंसान को छोड़ देना ही बेस्ट ऑप्शन है | यदि आपको हेल्प की जरुरत है तो डोमेस्टिक वोइलेंस हॉटलाइन पर कॉल करें |

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