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जेरेनियम, जिनका दूसरा नाम पेलरगोनियम्स (pelargoniums) भी है उन्हें आप स्प्रिंग और ऑटम में कट्टिंग्स से आसानी से उगा सकते हैं। कट्टिंग्स से उगाने की सबसे अच्छी बात है की आप पुराने पौधे का अस्तित्व बनाये रखते हैं और नए पौधों में फूलों की ताज़ा खेती होना तय है।

  1. शुरुआती स्प्रिंग और गर्मी के आखिरी महीने इसके लिए उपयुक्त समय है, लेकिन स्प्रिंग, गर्मी और शुरुआती ऑटम में आपको बढ़िया कटिंग मिल जाएँगी। शुरुआत की कटिंग उसी गर्मी में फूल दे देंगी, जबकि बाद में कटिंग करने से अगले साल की गर्मी में फूल निकलेंगे।
  2. ऐसी शूट्स चुनें जो देखने में स्वस्थ लग रहे हैं और जिनमें फूल नहीं निकले हैं। (अगर आपके पास विकल्प नहीं है तभी फूल उगी हुई शूट्स प्रयोग करें, जहाँ तो कोशिश हो इनके प्रयोग से बचें) ।
  3. एक साफ़ स्कैल्पल या पैने चाकू (सेकटर से शूट्स कुचल सकती हैं ), से शूट को 3-4 इंच या 7.5-10 सेंटीमीटर की लेंथ पर काटें। अगर पौधा छोटा है, तो लेंथ इसकी आधी रखें। पत्तियों के जॉयंट या नोड के ठीक ऊपर काटें।
  4. लीफ स्टॉक्स के बेस पर मौजूद स्केल्स और लोअर लीव्स को हटा दें। [१] कम से कम ऊपर से दो लीव्स छोड़ दें।
  5. ये सोचें की क्या आपको कटिंग को एड करना है या नहीं: पेलरगोनियम्स के लिए आपको रुट हॉरमोन पाउडर की ज़रुरत नहीं होगी, बल्कि वो उनकी ग्रोथ के लिए नुकसानदायक साबित होंगी। [२] कुछ लोग कटिंग को शहद में डुबोने की सलाह देते हैं- लेकिन ये फैसला भी आपके ऊपर है।
  6. [३] हर कंटेनर को कटिंग कम्पोस्ट या पीट बेस्ड सीड कम्पोस्ट से भरें। अगर आपको ये नहीं मिलें, तो पीट और शार्प सैंड को बराबर मात्रा में मिलाकर उसका मिश्रण बनाएँ।
    • कंटेनर की साइज:: ये सुझाव दिया जाता है की आप एक कटिंग के लिए 7.5 सेंटीमीटर /3 इंच, और पाँच कटिंग तक के लिए 12.5 सेंटीमीटर(5 इंच) साइज का कंटेनर प्रयोग करें।
  7. डिब्बल, ऊँगली या पेंसिल से पोटिंग मिक्स में छेद कर लें: पानी का बहाव सही से हो इसके लिए एज के पास छेद बनाएँ।
  8. [४] पानी को कम ही रखें और कट्टिंग्स को पानी से ढकने से बचें नहीं तो बोट्रिटिस उग सकती है।
  9. कट्टिंग्स को जड़ पकड़ने के लिए उन्हें एक गरम स्थान की आवश्यकता होती है। अगर हो सके तो हीटिंग मैट या प्रोपगैटोर प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन एक धूम से परिपूर्ण खिड़की भी मदद कर सकती है, बस ये सुनिश्चित करें की वो सीधी धूम (घर का वो हिस्सा चुनें जहाँ सीधी धूप नहीं पड़ रही हो) से बचे हुए हैं। आप इसे छाँव वाली खिड़की पर भी रख सकते हैं। अगर कट्टिंग्स को नीचे से गर्माहट मिल रही है तो, ठंडी हवा उनके लिए समस्या नहीं पैदा करेगी।
  10. जैसे जड़ें विकसित हों तो हल्का सा पानी डालें, मुख्यतः तब जब आपको कट्टिंग्स में मुरझाने के निशान देखें: संपूर्ण रूप से, कम्पोस्ट को सूखा ही रखें। कोशिश करें की मूल कट्टिंग्स पर पानी नहीं पड़े। आप कुछ किस्मों में तीन दिन के अंदर जड़ें विकसित होते देखेंगे, और अगर हवा ठंडी है तो बाकियों के लिए ज़्यादा समय लग सकता है। नयी ऊपर की ग्रोथ जड़ें बनने के बाद आएँगी और अगर आपने कटिंग को धीरे से खींचा, तो वो (अपनी नयी जड़ों की वजह से) अपने स्थान पर रहेंगी ।
    • अगर आपने एक पॉट में कई सारी कट्टिंग्स लगायी हैं, जड़ें बनने के बाद उन्हें अलग कंटेनर में लगा दें।
    • जड़ों का विकास कट्टिंग्स लेने के एक हफ्ते से महीने के बीच में विकसित हो सकती हैं।

सलाह

  • जड़ों को मज़बूत बनाने के लिए अंदर से गर्माहट देने की कोशिश करें।

चेतावनी

  • कम्पोस्ट को कभी गीला नहीं छोड़ें क्योंकि इससे उसके गलने की सम्भावना बढ़ जाती है।

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • स्कैल्पल या पैना चाकू
  • जेरेनियम पौधे
  • कम्पोस्ट
  • गर्म वातावरण वाली जगह
  • पानी
  • शहद (वैकल्पिक)
  • पोट्स (कंटेनर्स)

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