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केल्लीग्रेफी (Calligraphy) का ग्रीक में अनुवाद होता है “खूबसूरत लिखावट” और ये हजारों सालों और संस्कृतियों से चलती आ रही है | इसकी कई स्टाइल हैं, जिनमें शामिल हैं वेस्टर्न (Western), ईस्टर्न एशियाई (East Asian), सथर्न एशियाई (Southern Asian), और इस्लामिक (Islamic) | सभी प्रकार की केल्लीग्रेफी में एक ही तरह के तरीकों से खूबसूरत अक्षर लिखे जाते हैं | अगर आपको भी सजावटी लेखन की इस कला को सीखना है, तो आपको बस कुछ चरणों का पालन करना होगा |

विधि 1
विधि 1 का 3:

बेसिक्स सीखना

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  1. अपने पेन को डाय्ग्नाली 30 से 60 डिग्री एंगल पर पकडें: केल्लीग्रेफी का पेन साधारण पेन की तरह इस्तेमाल नहीं होता है | जैसे आप लिखते जाएँ, आपके पेन की टिप, या निब को आपकी ओर से विपरीत बांयी दिशा की ओर होना चाहिए | [१]
  2. Watermark wikiHow to कैलीग्राफी (Calligraphy) में लिखें
    केल्लीग्रेफी करने के लिए इस्तेमाल किये गए पेन की टिप को निब कहा जाता है | आप चाहे जो भी अक्षर लिख रहे हों, निब का स्थान एक ही रहना चाहिए | चाहे आप एक सीधी रेखा बना रहे हैं या घुमावदार, निब की टिप एक ही दिशा में रहनी चाहिए | [२]
  3. Watermark wikiHow to कैलीग्राफी (Calligraphy) में लिखें
    निब जिस भी दिशा में झुकी है उसे उसकी पीछे या एक तरफ की दिशा की और आगे बढ़ाना चाहिए | अगर आप उसे अपने हाथ से आगे को धकेलेंगे तो इंक तो फैलेगी ही और अक्षर भी गलत प्रकार से बनेंगे | [३]
  4. Watermark wikiHow to कैलीग्राफी (Calligraphy) में लिखें
    ज्यादा दबाव लगाने से आपके कागज़ पर ख़राब अक्षर और खरोंचें पड़ सकती है | ज्यादा दबाव लगाने से निब को नुकसान पहुँच सकता है इसलिए बेहतर है की आप पेन को कागज़ पर हलके, लगातार दबाव के साथ इस्तेमाल करें | कोशिश करें की आप हाथ या कोहनी पर ज्यादा दबाव नहीं डालें, नहीं तो टेड़े अक्षर बनेंगे | [४]
  5. Watermark wikiHow to कैलीग्राफी (Calligraphy) में लिखें
    अलग अक्षरों में वर्टीकल, हॉरिजॉन्टल, और डाय्ग्नाली लाइनें बाकि की लाइनों से पैरेलल होनी चाहियें | इससे आपकी लिखावट ज्यादा सजीली और बंधी हुई लगेगी | [५]
    • उदाहरण के तौर पर, अक्षर “d” में मोजूद वर्टीकल लाइन को अक्षर “b” की वर्टीकल लाइन से पैरेलल बनाएं |
विधि 2
विधि 2 का 3:

अक्षरों और शब्दों का अभ्यास

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  1. किसी एक केल्लीग्रैफी अक्षर का सैंपल चुन कर प्रिंट करें और उसे ट्रेसिंग पेपर से ढक लें | अक्षरों की रेखाओं को बनाने का तब तक अभ्यास करते रहे जब तक आप खुद से उन सभी अक्षरों को ठीक प्रकार से लिखना नहीं शुरू कर दें | [६]
  2. Watermark wikiHow to कैलीग्राफी (Calligraphy) में लिखें
    हर अक्षर या चिन्ह कई अलग खण्डों से बना होता है, जिसे स्ट्रोक नाम की एक ही हरकत, से बनाया जा सकता है | तब तक उपरी और निचले स्ट्रोक का अभ्यास करें जब तक आप उन्हें सही से बनाना नहीं शुरू कर दें | ये ध्यान में रखें की अक्षर लिखते समय स्ट्रोक का क्रम भी अहम् होता है, और यह हर स्टाइल के लिए अलग होता है, तो अक्षर के मुताबिक कौन सा स्ट्रोक पहले आएगा ये जानने के लिए केल्लीग्रैफी गाइड की मदद लें | [७]
    • उदाहरण के तौर पर, वेस्टर्न केल्लीग्रैफी में, पहले वर्टीकल लाइन लिखते हैं और फिर हॉरिजॉन्टल, जैसे जब अक्षर “t” लिखते हैं | [८]
    • एशियाई केल्लीग्रैफी में, स्ट्रोक करैक्टर के ऊपर से शुरू हो कर उसके निचले हिस्से तक जाते हैं | [९]
    • इस्लामिक केल्लीग्रैफी में, अक्षर के सबसे बड़े स्ट्रोक से शुरू करें और फिर सबसे छोटे स्ट्रोक और डॉट्स तक जाएँ | [१०]
  3. Watermark wikiHow to कैलीग्राफी (Calligraphy) में लिखें
    पेपर पर 1 इंच (2.5 सेंटीमीटर) के स्कुएरस बना कर एक ग्रिड बना लें और फिर अभ्यास करें | पेंसिल की मदद से ग्रिड बनाएं, और फिर हर रो में आप जिस अक्षर का अभ्यास करना चाहते हैं उसकी बार बार प्रतियाँ बनाएं, ऐसा तब तक करें जब तक आपके स्ट्रोक एक समान और साफ़ नहीं बनने लगें | [११]
  4. केल्लीग्रैफी टेम्पलेटस की मदद से आप ना सिर्फ अक्षर को सही से बनाना सीख सकते हैं बल्कि बीच में उपयुक्त स्थान छोड़ने का भी अनुभव पा सकते हैं | ये आपके अक्षरों और शब्दों को पेज पर ऊपर या नीचे से टेड़े होने से भी रोक देगा | इन्टरनेट पर सर्च करके फ्री गाइड या टेम्पलेट ढूँढें, या अभ्यास करने के लिए केल्लीग्रैफी गाइड ले आयें | [१२]
  5. Watermark wikiHow to कैलीग्राफी (Calligraphy) में लिखें
    एक बार आपको ये पता चल जाए की केल्लीग्रैफी के अक्षर कैसे बनाने हैं, तो केल्लीग्रैफी में नोट्स, मेसेज और जर्नल एंट्रीज़ लिखने का अभ्यास करें | आपको अगर कुछ यूँ ही लिखना तो वो भी आप केल्लीग्रैफी में कर सकते हैं ताकि आपको अलग अलग अक्षर जोड़ने का अभ्यास हो जाए | [१३]
विधि 3
विधि 3 का 3:

अपने लिए सामग्री चुनना

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  1. चिकना पेपर आपके लिखावट के लिए इस्तेमाल होने वाले पेन को खुद पर आसानी से आगे बढ़ने देगा | आपके द्वारा बनाये गए अक्षर समय के साथ अच्छे दिखें उसके लिए ऐसे पेपर का चुनाव करें जिस पर “acid-free” और “archival” लिखा हो | आप ऐसा पेपर भी ढूंढना चाहेंगे जिस पर “sized,” लिखा हो मतलब उस पर ऐसे प्रयोग किये गए हैं की इंक उस पर बहेगी नहीं | [१४]
    • ऐसे कागज़ का प्रयोग नहीं करें जो बहुत ज्यादा ग्रीज़ी (Greasy) या वैक्सी (Waxy) है, क्योंकि वो कागज़ को इंक सोखने से रोक सकता है |
  2. वैसे तो आप किसी भी प्रकार के पेन से केल्लीग्रैफी कर सकते हैं, पर कुछ पेन लिखावट के लिहाज से औरों से बेहतर माने जाते हैं | आप किस पेन को चुनते हैं, फिर भी, इस पर निर्भर होता है की आपको किस प्रकार की केल्लीग्रैफी करनी है और किस प्रकार का पेन उसके लिए उपयुक्त साबित होगा | [१५]
    • डिप पेंस (Dip pens) वो पेन होते हैं जिन्हें आप इंक में डुबोते हैं: उनका लकड़ी, प्लास्टिक या बोन का हैंडल और मेटल की निब (वो नुकीला हिस्सा जो पेपर से संपर्क में आएगा) होती है | निब को इंक में डुबोते हैं और वो उस में समा जाती है | इन्हें अक्सर इस्लामिक केल्लीग्रैफी के लिए प्रयोग किया जाता है |
    • फाउंटेन पेन (Fountain pens) डिप पेन से मिलते जुलते हैं पर वह पेन के अन्दर के बजाय किसी और कंटेनर से इंक खीचते हैं | वैसे तो ये इंक आपको बार बार बदलनी होगी, आप पेन को बार बार डुबोने के कष्ट से बच जायेंगे | फाउंटेन पेन अक्सर वेस्टर्न केल्लीग्रैफी में प्रयोग होती है |
    • ब्रश कई प्रकार के साइज़ में मिलते हैं पर अधिकतर एक ही किस्म के होते हैं | इन्हें इंक में डुबोया जाता है और लेखक अपने स्ट्रोक से लगे दबाव और दी गयी दिशा से रेखाओं में थोड़े बहुत बदलाव कर सकते हैं | अक्सर ब्रश का इस्तेमाल एशियाई केल्लीग्रैफी के लिए होता है |
  3. अपनी स्टाइल के मुताबिक सर्वोत्तम इंक का चुनाव करें: कई प्रकार की इंक होती हैं और आप कौन सी चुनेंगे ये कुछ हद तक इस पर निर्भर होगा की आप किससे इसे लिखने वाले हैं | इंक बहुत रंगों में मिलती हैं पर किसी भी प्रकार की केल्लीग्रैफी के लिए काला रंग सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है | [१६]
    • केल्लीग्रैफी के लिए सबसे ज्यादा पॉट इंक (Pot ink) प्रयोग की जाती है | ये इंक छोटे जार में पहले से मिश्रित हुई मिलती है और आपको उसमें अपना पेन डुबोना होता है, ये इस्लामिक केल्लीग्रैफी के लिए प्रयोग हो सकती है | इंडिया इंक केल्लीग्रैफी में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाली पॉट इंक है |
    • फाउंटेन पेन इंक एक ख़ास प्रकार की डाई बेस की इंक होती है जिसे फाउंटेन पेन के लिए प्रयोग किया जाता है, ख़ास तौर से वेस्टर्न केल्लीग्रैफी के लिए | ये ज़रूरी है की इस प्रकार के पेन में सिर्फ फाउंटेन पेन इंक ही प्रयोग हो क्योंकि बाकी इंक पेन में जम जाती है | फाउंटेन पेन इंक या तो पहले से भरे बैरल में मिलती हैं, जिन्हें आप अपने पेन में डाल सकते हैं, या फिर पॉट्स में, जिसमें आपको अपने पेन को खुद भरना होगा |
    • इंक स्टिक, जिन्हें इंक स्टोन की भी ज़रुरत होती है, इंक की स्टिक होती है जिन्हें पीस कर पानी से मिश्रित कर के लिखने वाली इंक बनायीं जाती है | ये केल्लीग्रैफी करने वालों के लिए उत्तम विकल्प होती हैं क्योंकि वो जिस प्रकार से मिश्रित हुई हैं उस पर निर्भर, आपको एक ही प्रकार की इंक से कई टोन बनाने की सुविधा देती हैं | ये अक्सर एशियाई केल्लीग्रैफी के लिए इस्तेमाल की जाती हैं |
  4. स्थिरता के लिए रूलर और अन्य गाइड इंस्ट्रूमेंट्स का प्रयोग करें: आप चाहें तो रूलर और टी गाइड की सहायता से अपने लिए गाइडलाइन बना कर ये सुनिश्चित कर सकते हैं की लिखावट सीधी आ रही है | या शायद आपकी इच्छा है की आप एक घुमावदार या गोलाकार रेखा के आसपास लिखें लेकिन उसके लिए आपको रेफरेन्स चाहिए होगा| विशेषज्ञ भी रूलर और अन्य गाइड इंस्ट्रूमेंट्स की मदद से अपनी लिखावट को जितना हो सके सुन्दर और स्थिर बनाते हैं | [१७]
  5. अपने पेपर को टेप या वेट से उसके स्थान पर टिकाये रखें: पेंटर की टेप या वेट्स से लिखते समय पेपर को उसके स्थान पर टिकाये रखें | ये आपको पेपर को ऊपर नीचे करते रहने और अक्षरों को ख़राब करने से रोकेगा | आप क्लिपस और ड्राइंग बोर्ड का भी प्रयोग कर सकते हैं | [१८]

सलाह

  • पेपर, इंक, पेन, और अन्य सामग्री आपको ऑनलाइन और किसी भी आर्ट,क्राफ्ट, और स्टेशनरी स्टोर में आसानी से मिल सकती है |
  • केल्लीग्रैफी पेन का प्रयोग करें, वो कई सुपरमार्केट में उपलब्ध होते हैं |
  • केल्लीग्रैफी में बेहतर बनने के लिए आपको इसमें बहुत समय देना होगा।

विकीहाउ के बारे में

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