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लगभग सभी लोगों को गाना पसंद होता है। हालांकि बहुत सारे लोग अपनी आवाज़ सुधारने के लिए गाने का प्रशिक्षण लेते हैं, आप, अपने आप ही अपना स्टाइल विकसित कर सकते हैं और साथ ही विश्वास भी। प्रतिदिन नियमित गाने के अभ्यास से शुरुआत करिए। यह आप अपने प्रिय गाने के साथ गा कर भी कर सकते हैं या केवल अपने स्केल्स (scales) का अभ्यास करके भी कर सकते हैं। अपने वोकलाइज़ेशन (vocalization) में थोड़ा क्रिएटिव (creative) होने से हिचकिचाइएगा नहीं। धूम्रपान न करके और हाइड्रेटेड (hydrated) रह कर, अपने वोकल स्वास्थ्य का ध्यान रख कर आप सर्वश्रेष्ठ क्वालिटी (quality) की आवाज़ पा सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपनी वोकल रेंज का पता लगाना

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  1. अपनी आवाज़ रिकॉर्ड करने के लिए माइक्रोफ़ोन का इस्तेमाल करिए: अपने कंप्यूटर या स्मार्टफ़ोन में साउंड रिकॉर्डिंग ऐप को लॉंच (launch) करिए। उसके बाद, ऑडियो इनपुट सेटिंग को एडजस्ट करिए ताकि वह आपकी आवाज़ के शुद्ध, और बिना किसी मिलावट वाले वर्ज़न (version) को रिकॉर्ड कर सके। विभिन्न गानों को गाने का और उनको रिकॉर्ड करने का अभ्यास करिए। [१]
    • परफ़ॉर्म (perform) करने की प्रक्रिया के साथ और भी सहज होने के लिए, अपने कंप्यूटर या फ़ोन में एक बाहरी माइक्रोफ़ोन अटैच (attach) करिए। इससे आपको इससे परिचित होने में मदद मिलेगी, कि किस प्रकार किसी माइक्रोफ़ोन में गाने या उसको हैंडल (handle) करने से आवाज़ पर अंततः क्या फ़र्क पड़ सकता है।
    • जैसे कि, गायकों के लिए परफेक्ट पियानो (Perfect Piano) और पॉकेट पिच (Pocket Pitch) दो बहुत ही बढ़िया ऐप्स (apps) हैं।
    • आप डिजिटल ट्यूनर का इस्तेमाल कर सकते हैं या वैनिडो (Vanido) जैसा कोई ऐप डाउनलोड कर सकते हैं जो आपके पिच (pitch) नियंत्रण के बारे में आपको फ़ीडबैक उपलब्ध करा सकता है।
  2. आपको जिस गीत में मज़ा आता हो उसके शब्दों को प्रिंट कर लीजिये। कुछ समय लगा कर गीत के शब्दों की बारीकी समझ लीजिये। फिर इस पर परिश्रम करिए कि किस प्रकार से आप अपनी आवाज़ के इन्फ़्लेक्शंस (inflections) को बदल कर गाने को ही नया रूप दे सकते हैं। [२]
    • महत्वपूर्ण यह है कि आप ऐसा गाना चुनें, जिसमें आपको मज़ा आता हो क्योंकि आपको उसी पर बार बार मेहनत करनी पड़ेगी।
    • इसके अलावा, जब आप पहली बार शुरू कर रहे हों, तब ऐसा गाना गाने की कोशिश करिए जो कि आपकी वोकल रेंज के अंदर हो, ताकि आपकी आवाज़ पर स्ट्रेन (strain) न पड़े।
  3. अपने वोकल सिस्टम (vocal system) के विभिन्न भागों का इस्तेमाल करके वोकलाइज़ेशन्स बनाने का अभ्यास करिए: गाना गाने का अर्थ केवल गले से निकली हुई आवाज़ को मुंह से बाहर निकालना नहीं है। अपनी ज़बान, मुंह, डायफ़्राम (diaphragm) गले और यहाँ तक कि नाक तक को मैनीपूलेट (manipulate) करके वही गाना गाने पर कंसेंट्रेट (Concentrate) करिए। इन वोकलाइज़ेशन्स को रिकॉर्ड करके और उनको वापस प्ले करने से आपको अपने शरीर को, तथा उसके द्वारा उत्पन्न की जा सकने वाली आवाज़ों को, समझने में मदद मिलेगी। [३]
    • जैसे कि, नाक से अधिक हवा बाहर निकालने से, अनजाने में एक ऊंची पिच वाली नकनकाती आवाज़ उत्पन्न होगी। अगर आप गाते समय अपने नथुने पर बाहर से हल्के से दबाव डालेंगे, तब आपकी आवाज़ भी बदल सकती है।
    • यह देखने के लिए गाते समय अपनी ज़बान को अपने तालू की ओर ले जाइए और सुनिए कि परिणाम स्वरूप निकलती हुई आवाज़ कैसे बदल जाती है। आप अपनी ज़बान को अपने गाल की ओर ले जाकर भी देख सकते हैं। जबड़े को इधर से उधर विग्गल (wiggle) करने से आप भिन्न वोकलाइज़ेशन्स बना सकते हैं।
    • डायफ़्राम वोकलाइज़ेशन्स के साथ एक्सपेरिमेंट करने के लिए, गाने गाते हुये ही अपने सीने से एक साथ सारी हवा को बाहर धकेल देने का प्रयास करिए। उसके स्थान पर, तब देखिये कि क्या होता है, जब आप हवा की बहुत थोड़ी मात्रा का इस्तेमाल गाने के लिए करते हैं।
  4. प्रत्येक गाने का अभ्यास करने से पहले, अपने आपको यह बताइये कि आप अपने श्रोताओं तक कौन सी भावनाएँ पहुंचाना चाहते हैं। उसके बाद, उन भावनाओं को प्रत्येक गाने में घोलने का प्रयास करिए। आप जैसी भावना ज़ाहिर करना चाहते हैं, उससे मिलती जुलती अपने जीवन की किसी घटना या पल को याद करने की कोशिश करिए। [४]
    • कुंजी यह है कि उस पल का इस्तेमाल उन भावनाओं को पकड़ने के लिए किया जाए, न कि उनमें डूब जाने के लिए। आखिरकार, अगर आप हर दर्द भरे गाने पर रोने लगेंगे, तब आपके गाने की क्वालिटी तो नहीं सुधर जाएगी।
    • जैसे कि, अगर आप संबंध विच्छेद के बारे में कोई गाना गा रहे हों, तब अपने सम्बन्धों में आए किसी निगेटिव (negative) पल के बारे में सोचिए।
    • अपने आप को उन भावनाओं में डूबने से बचाने के लिए, जब आप उन घटनाओं के बारे में सोच चुकें, तब अपना ध्यान वापस अपने गाये जाने वाले गीत के शब्दों और नोट्स (notes) की ओर ले आइये।
  5. किसी पियानो के साथ गाइए और अपनी पिच को उस उपकरण की पिच से मैच (match) कराने की कोशिश करिए। आवाज़ के क्रैक (crack) हुये या टूटे बिना आप जितनी ऊंची या नीची पिच पर जा सकें आपकी रेंज (range) को मार्क (mark) करता है। सुनिश्चित करिए कि आप नाक या गले से नहीं बल्कि अपने सीने से गा रहे हैं, वरना आप ग़लत रेंज समझ लेंगे।
    • यह भी नोट करिए कि आप किस रजिस्टर पर गा रहे हैं। अधिकतर, अगर आप पुरुष हैं तब आपको ऊंचे एयरी (airy) नोट्स गाने के लिए फल्सेट्टो (falsetto) इस्तेमाल करने की ज़रूरत पड़ेगी। इसके विपरीत अगर आप महिला हैं, तब ऊंचे नोट्स आपकी हेड वॉइस (head voice) से आते हैं जबकि निचले नोट्स सीने की आवाज़ में गाये जाते हैं। [५]
    • अपने फ़ोन पर कीबोर्ड या परफेक्ट पियानो जैसे पियानो ऐप का इस्तेमाल वास्तव में आपको अपनी रेंज को ठीक-ठीक जानने में सहायता करेगा। ये ऐप्स आपको अक्सर बताते हैं कि आपकी आवाज़ अभी प्ले (play) किए जा रहे नोट्स से कितनी अलाइन (align) हो रही है।
विधि 2
विधि 2 का 3:

अपनी गाने वाली आवाज़ को मज़बूत करना

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  1. आपके वोकल कौशल का निर्माण केवल गाने के अभ्यास से ही नहीं बढ़ेगा। बोल कर पढ़ते हुये अपनी आवाज़ का एक सार्थक तरीके से इस्तेमाल करना आपकी सहायता, अपने इंफ्लेक्शन्स को सुधारने और सहनशक्ति को बढ़ाने में कर सकता है। कोई अखबार या किताब ले लीजिये और प्रतिदिन 30 मिनट तक उसे बोल कर पढ़िये। [६]
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    गाने से पहले वार्म अप (Warm up) करिए ताकि आप अपनी आवाज़ को स्ट्रेन (strain) न करें: "ee" को कोमलता से मध्यम सी के ऊपर एफ़ (महिलाएं) या मध्यम सी के नीचे एफ़ (पुरुष) पर गाइए और जितनी देर तक रोक सकें उसे रोके रखिए। इस एकसरसाइज़ (exercise) को 2 बार दोहराइए। एक और वार्म अप है "knoll" शब्द को गाना, जबकि आप निचले नोट से ऊंचे नोट की ओर ग्लाइड (glide) करते हैं, और इस एकसरसाइज़ को दो बार दोहराइए। फिर इसका उल्टा करिए और तीन बार "knoll" गाते समय ऊंचे नोट से निचले नोट की ओर ग्लाइड करिये। [७]
    • अपनी मध्य रेंज में 5-नोट स्केल (सी-डी-ई-एफ़-जी) के ऊपर से "oll" गाइए। इस एकसरसाइज़ को दो बार दोहराइए।
  3. यह अपनी वोकल कॉर्ड्स को वार्म अप करने का और कंसिस्टेंट (consistent) नोट्स को होल्ड करने के अभ्यास का एक और बढ़िया तरीका है। सी स्केल से शुरू करिए, फिर सी# स्केल और फिर उससे भी ऊपर जाइए। धीमे-धीमे जाइए और वहाँ तक स्लाइड (slide) करके पहुंचने की जगह प्रत्येक नोटको तुरंत हिट (hit) करिए। [८]
    • बेसिक स्केल: “Do Re Mi Fa Sol La Ti Do” पर फ़ोकस करिए। इसमें थोड़ी उत्तेजना शामिल करने के लिए, आप 2 नोट्स ऊपर जा सकते हैं, और फिर 1 जंप (jump) कर सकते हैं या किसी और पैटर्न पर जा सकते हैं।
    • फिर उसे मिला दीजिये: स्केल पर ऊपर जाते हुये, 2 नोट्स ऊपर जाइए, और 1 नीचे।
    • एक स्केल अंतरालों की वह एक शृंखला होता है जो पिचों के बीच में होती है। अगर आप किसी स्केल में ऊपर या नीचे की ओर जाएँगे, तब आप ऊंची और नीची दोनों आवाज़ों को गाएँगे। जैसे कि, सी से सी# एक स्केल है और सी# से डी# एक दूसरा स्केल है।
  4. यह आपकी वोकल कॉर्ड्स को वार्म अप करने के लिए पर्याप्त है, मगर इतना लंबा भी नहीं है कि उनको स्ट्रेन कर सके। सबसे अच्छा तो यह होगा कि इस अभ्यास के समय में आप डिस्टर्ब (disturb) न हों। हालांकि अगर आपको गाने का काम मिलेगा, तब इससे आपको सार्वजनिक रूप से गाने के कौशल को विकसित करने का भी अवसर मिल सकेगा। [९]
    • सार्वजनिक रूप से प्रतिदिन थोड़े समय तक गाने से आपको श्रोताओं के अध्ययन की तथा किस प्रकार से श्रोताओं के साथ काम किया जाये, यह भी शिक्षा मिलेगी।
    • ऐसी स्थानीय जगह, जहां पर प्रस्तुति के लिए कोई छोटी सी जगह या स्टेज हो, जैसे कि कॉफी शॉप, वहाँ पर एप्रोच (approach) करने से शायद आपको गाने का काम भी मिल जाये। अगर यह विकल्प उपलब्ध न हो, तब आप अपने कौशल को स्वैच्छिक सेवाओं के रूप में चर्च कॉयर (choir) या किसी अन्य समूह में शामिल हो कर इस्तेमाल कर सकते हैं।
  5. गाने के सही पोश्चर (posture) को बनाए रखने के लिए प्रयास करिए: पीठ को सीधा रख कर और मुंह सामने की ओर करके खड़े होइए। यह सुनिश्चित करिए कि आपके कंधे पीछे की ओर हों और गर्दन बहुत झुकी हुई न हो। अपनी ज़बान को अपने मुंह के अंदर नीचे की ओर रखिए, ताकि वह आपके सामने वाले बॉटम (bottom) दाँत को छूती रहे। उसे आराम से वहीं रखने के लिए अपने जबड़े को इधर से उधर खिसकाइए। [१०]
    • गाते समय स्लाउच (slouch) करने या झुकने से बचिए। [११]
    • शीशे के सामने ऐसे खड़े हो कर गाने से, जिससे आपका साइड व्यू दिख सके, आपको गाने के बीच में अपना पोश्चर चेक (check) करने में सहायता मिलेगी।
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    अपने डायफ़्राम को मज़बूत करने के लिए ब्रीदिंग (breathing) एकसरसाइज़ करिए: कोस्टल (costal) ब्रीदिंग करने का प्रयास करिए।, जिसका अर्थ है कि जब आप सांस अंदर को लें तब अपनी रिब केज (rib cage) को एक्सपैन्ड (expand) करिए। जब आप सांस अंदर को लें तब अपनी रिब केज को खुला रख कर पेट की मांसपेशियों को रिलैक्स (relax) रहने दीजिये। जब आप सांस बाहर छोड़ें, तब अपनी पेट की मांसपेशियों का इस्तेमाल करिए। [१२] जब अपने डायफ़्राम से सांस लें तब इस एक्सरसाइज़ को करने का प्रयास करिए: [१३]
    • 1 की गिनती पर: अपने फेफड़ों को ¼ भरने के लिए सांस अंदर को लीजिये।
    • 2 की गिनती पर: अपने फेफड़ों को 2/4 भरने के लिए सांस अंदर को लीजिये।
    • 3 की गिनती पर: अपने फेफड़ों को 3/4 भरने के लिए सांस अंदर को लीजिये।
    • 4 की गिनती पर: अपने फेफड़ों को पूरा भरने के लिए सांस अंदर को लीजिये।
    • 5 से 12 तक गिनते हुये धीमे से धीरे धीरे अपनी सांस को बाहर की ओर छोड़िए।
    • दोहराइए।
विधि 3
विधि 3 का 3:

अपने स्वास्थ्य और अपनी आवाज़ का ध्यान रखना

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  1. गले को तर रखने से, उसमें से डीप (deep), और रिच (rich) रेंज की आवाज़ निकलेगी। पानी, जो गुनगुना हो, मगर गरम नहीं, आपकी आवाज़ के लिए सबसे अच्छा होता है। ठंडा पानी आपके गले को बंद कर सकता है। आप स्वाद बढ़ाने के लिए और अपने गले को राहत देने के लिए उसमें 1 teaspoon (4.9 mL) शहद या नीबू की एक फांक डाल सकते हैं। [१४]
    • अगर आप शहद मिलाने के बारे में सोचें, तब यह ध्यान रखिएगा कि वह प्राकृतिक शहद के जितना निकट हो उतना अच्छा होगा। आप नहीं ही चाहेंगे कि उसमें कुछ बाहरी चीज़ें और रसायन मिले हुये हों।
  2. अगर आप थके होंगे, तब उसके परिणामस्वरूप आपकी आवाज़ को कष्ट होगा। यह तब और भी महत्वपूर्ण हो जाएगा जबकि आपको लंबे समय तक गाना हो। अगर आपको एक बार में बिना बाधा पड़े 8 घंटे की नींद न मिल सके, तब आप दिन भर छोटी-छोटी झपकियाँ लेते रह सकते हैं। [१५]
    • कभी-कभी, वार्म अप करने और गाने से पहले 30-मिनट की झपकी ले लेने से वास्तव में आपकी आवाज़ की क्वालिटी सुधर सकती है।
  3. अपने मुंह से सांस ले कर अपने फेफड़ों के कोने-कोने को हवा से पूरी तरह भर लेने पर और फिर उसे अपनी नाक के नथुनों से निकालने पर ध्यान केन्द्रित करिए। इसको गिनती गिनते हुये करने का प्रयास करिए, जैसे कि 1-2-अंदर, 3-4-बाहर। आप गहरी सांस लेने की अन्य तकनीकों के बारे में ऑनलाइन वीडियो देख सकते हैं या किसी रेस्पिरेटरी थेरपिस्ट (respiratory therapist) से सलाह ले सकते हैं। [१६]
    • गहरी सांसें लेने की तरह ही, मेडिटेशन (meditation) तकनीकें भी आपके तनाव के स्तर को संतुलित तथा मैनेजेबल (manageable) रखने में मदद कर सकती हैं। वरना आपकी आवाज़ का पिच ऊंचा हो सकता है और वह तनावग्रस्त हो सकती है।
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    अपनी आवाज़ को ओवरयूज़ (overuse) करने से बचिए: कोशिश करिए कि आप न तो ज़ोर से बोलें, न चिल्लाएँ और न ही दूसरी आवाज़ों से ऊपर गाने की कोशिश करें, खास तौर पर लंबे समय के लिए तो ऐसा बिलकुल ही न करें। उसकी जगह पर जब भी ज़रूरी हो, तब अपनी आवाज़ को ऐम्प्लिफ़ाई (amplify) करने के लिए माइक्रोफ़ोन का इस्तेमाल करिए। जब आप अपनी आवाज़ का बहुत इस्तेमाल करते हों जैसे कि परफ़ॉर्मेंस देने या भाषण देते समय तब उसे रिकवर (recover) करने देने के लिए बीच-बीच में थोड़ा आराम भी दीजिये। [१७]
    • छोटे-छोटे सत्रों में गाने का अभ्यास करिए और सत्रों के बीच में अपनी आवाज़ को आराम भी दीजिये। [१८]
    • गले को स्ट्रेन से बचाने के लिए गाते समय अपने गले को फैलाइए और रिलैक्स करिए। [१९]
    • बार-बार खाँसने और अपने गले को साफ़ करने से बचिए। [२०]
  5. धूम्रपान मत करिए: अगर आप अभी धूम्रपान करते हैं, तब सलाह के लिए अपने डॉक्टर से मिलिये। धूम्रपान छोड़ने के लिए वे शायद निकोटिन पैच या किसी दवाई तक की सलाह दे सकते हैं। तत्काल छोड़ना शायद संभव न हो, मगर धूम्रपान कम करने भर से ही आपकी आवाज़ की क्वालिटी पर पॉज़िटिव (positive) फ़र्क पड़ेगा। [२१]
    • धूम्रपान से न केवल आपके गले और वोकल कॉर्ड्स में इर्रिटेशन (irritation) होता है, उसके कारण आपके फेफड़ों की क्षमता और नोट्स को होल्ड (hold) करने की योग्यता में भी कमी आती है।
  6. अगर आपकी आवाज़ बैठी हुई, कर्कश या खरखराहट वाली लगे तब संभवतः आपने अपनी वोकल कॉर्ड्स को स्ट्रेन कर लिया है। जब आप गाने की या वोकलाइज़ करने की कोशिश करते हैं तब आपको लग सकता है कि गले में घाव है या थोड़ा दर्द है। अगर आपको वही नोट निकालने के लिए पहले की तुलना में कहीं अधिक एनर्जी ख़र्च करनी पड़ती है, तब शायद आपकी वोकल कॉर्ड्स शत-प्रतिशत काम नहीं कर रहे हैं। [२२]
    • आवाज़ के पूरी तरह रिकवर करने से पहले गाना गाने से बचना ही सबसे बढ़िया होगा। अगर आप बातों और वोकलाइज़ेशन को सीमित कर सकें, तब उससे भी सहायता मिल सकती है। अक्सर ही आवाज़ का स्ट्रेन वोकल कॉर्ड्स के ओवरयूज़ के कारण होता है, इसलिए अपने आप को रिकवर होने देने का समय देना महत्वपूर्ण होता है।
    • अगर आपकी आवाज़ अभी भी अजीब लगे या 2 हफ़्तों के बाद भी आपको विचित्र लगता रहे तब समझ लीजिये कि डॉक्टर को दिखाने का समय आ गया है। यह संभावना हो सकती है कि आपकी वोकल कॉर्ड्स में कोई ग्रोथ (growth) हो गई हैं जिनका प्रभाव आपकी गाने की योग्यता पर पड़ रहा है।

सलाह

  • हालांकि आप दूसरे गायकों की रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल करके अभ्यास कर सकते हैं, मगर कोशिश करिए कि आप सीधे उनसे तुलना करने का प्रयास न ही करें। हर आवाज़ ख़ास होती है और उसकी अलग ख़ासियत होती है।
  • कोशिश करिए कि गाने से ठीक पहले आप बहुत अधिक न खा लें, क्योंकि उससे आपकी आवाज़ पर असर पड़ सकता है। कुछ चीज़ें जिनसे आपको बचना चाहिए, वे हैं चॉकलेट, आइस क्रीम, कुकीज़, और तले हुये तथा नमकीन स्नैक्स।

चेतावनी

  • अगर आपको सर्दी जुकाम, फ़्लू या कोई और सांस की बीमारी हो, तब खुद को गाने से या अभ्यास करने से ब्रेक दीजिये। अन्यथा आप दरअसल अपनी वोकल कॉर्ड्स को स्ट्रेन कर सकते हैं और उन्हें नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।

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