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सब जानते हैं की छात्रों को पढ़ाना आसान नहीं हैं | पर उनका प्रोत्साहन करना उससे भी मुश्किल काम है | चाहे आप 8 कक्षा में या किसी व्यवसायिक स्कूल में वयस्कों को पढ़ा रहे हों छात्रों को खुद से काम कराना और पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना एक चुनौती बराबर होता है | मगर कई ऐसे तरीके हैं जो छात्रों के लिए पढ़ाई को और मज़ेदार और खुशनुमा बना देते हैं | अगर आप जानना चाहते हैं कैसे छात्रों को प्रोत्साहित करना है तो नीचे लिखे कदम 1 से शुरू करते हैं |

विधि 1
विधि 1 का 2:

एक सकारात्मक और सहायक वातावरण बनाएं

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  1. समझें की छात्रों को प्रोत्साहित करना क्यूँ इतनी बड़ी चुनौती है: छात्र अपने जीवन में कई ऐसे लोगों से मिलते है जो उनकी ज़िंदगी में "अध्यापक" का काम करते हैं | हर कोई और हर चीज़ भरपूर कोशिश करती है उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए, उनसे काम करवाने के लिए और उन्हें ऐसे लोगों में बदलने में जिन पर सारी दुनिया नाज़ करे | इतनी दखलंदाजी की वजह से छात्र अक्सर अपनी पहचान ढूँढ़ते रह जाते हैं और हर कोई जो उन्हें प्रभावित करने की कोशिश करता है उस पर शक करते हैं |
    • एक बार वह उसकी पहचान कर लेते हैं तो वह इस दबाव को सँभालने के लिए एक नीति अपना लेते हैं "में आपको तब अपनी ज़िंदगी में प्रभाव डालने दूंगा जब आप मुझे विश्वास दिलाओगे की आप इस लायक हो" | यह नीति एक तरीका है यह सुनिश्चित करने का की वह हमेशा सही इंसान से बात करें | यह नीति तब मुसीबत बन जाती है जब कोई गलत इंसान उन को प्रभावित करने की कोशिश करता है या कोई अच्छा इंसान अपना प्रभाव उन पर डालने में असमर्थ रहता है |
  2. अगर आप छात्रों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं तो आपको ये साबित करना होगा की क्यूँ उन्हें आपकी बातें सुननी चाहिए | वह पहले दिन आप पर शक करेंगे पर आपको उनका भरोसा और इज्ज़त जीतने की कोशिश करनी होगी | इसके लिए आपको कुछ ऐसा करना होगा जिससे उनका ध्यान आपकी तरफ आकर्षित हो जाये | आपको अलग दिखना चाहिए और उन्का ध्यान अपनी तरफ केन्द्रित करके उसे बनाये रखना चाहिए | छात्रों पर एक सकारात्मक छाप छोड़ने के कुछ आसान तरीके नीचे लिखे हैं:
    • अपनी बात को सही से पेश करें | एक राय बनाएं और उसको सही वक़्त पर सबके सामने रखें | ज्यादा न बोलें और न ही अपनी राय सब जगह दें | आपको देखकर उन्हें ऐसे लगना चाहिए जैसे आप बहुत समझदार, पढ़े लिखे और निडर हैं | अपने आपको ऐसे न दिखाएं जैसे आप बहुत घमंडी और स्वकेन्द्रित हैं |
    • जो आप पढ़ा रहे हों उसके बारे में भावुक बनें | अध्यापक की बड़ी आँखें , हल्की सी हंसी और एक जोश छात्रों को खूब ख़ुशी देता है | अगर उन्हें आपके विषय में रूचि नहीं भी होगी तो भी आपका व्यव्हार उन्हें ख़ुशी देगा | ऊपर से अगर आप अपने विषय के प्रती अपना प्यार को ऐसे ज़ाहिर करेंगे तो वह आपको "सच्चा" समझेंगे |
    • जोशीले बनें | जोश बनाये रखना बहुत ही अच्छा भाव होता है | अगर अध्यापक मन से छात्रों को पढ़ायेगा तो उन्का उब जाना थोडा मुश्किल होगा | यह कोशिश करें की आप में वो ताकत हो जिससे आप अपने और अपने विषय को उनके सामने सही से पेश कर सकें |
    • अपनी वेशभूषा पर ध्यान दें | आपको दूसरों पर एक अमिट छाप छोडनी है; याद रहे की आप जब कक्षा में घुसें तो अच्छे दिखें | एक साधारण इंसान से थोड़ा अलग दिखने की कोशिश करें |
  3. एक साधारण अध्यापक जो करे उससे थोडा ज्यादा करें | मसलन अगर किसी भी छात्र को अपना कार्य समय से ख़त्म करने में दिक्कत हो तो अगली बार जब ऐसा हो तो उसे अलग से बुलाएं और उसके साथ उसका पूरा असाइनमेंट समझें | असाइनमेंट लिखने में और उसकी खोज में उसकी मदद करें और उसे और छात्रों का किया गया काम दिखाएं | ऐसा करने से कई समस्याओं का हल निकलता है; मसलन अगर छात्र का रवैय्या गलत है तो आप उनको बहाना बनाने के मौकों को कम कर रहे हैं और अगर उन्हें काम ख़त्म करने में वाकई कोई तकलीफ हो रही है तो उन्हें समझ आएगा की उसका सामना कैसे करना है |
    • ध्यान से बात सुनें , उनके हर सवाल का जवाब दें और यह जान लें की उन्को आपकी हरकतें समझ आ गई हैं | उन्हें ये समझाएं की आप उनके साथ दुबारा ऐसे काम नहीं करेंगे | उनसे पूछें की क्या वो यह बात समझ गए हैं और जब वो सहमती दे दें तब ही उन्को जाने दें |
    • लेकिन ये याद रहे की ऐसा करने से छात्र आपका फायदा न उठाने लगें | आपको उनकी जो मदद करनी है करें पर अगर आपको लगे की ऐसा करने से आपके सिद्दांतों पर असर पड़ेगा तो फिर अपने आप को रोक लें |
  4. अपने विषय के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दें: अगर आप चाहते हैं की छात्र आपके विषय को लेकर प्रोत्साहित रहे तो आपको उन्हें पाठ्यक्रम से थोडा ज्यादा ही पढ़ाना पड़ेगा | अपने विषय में जो भी नयी गतिविधियाँ हो रही हों उनके बारे में छात्रों को बताएं | मसलन अगर आप विज्ञान के अध्यापक हैं तो आप उनके लिए 1) कोई लेख ला सकते हैं कक्षा में पढने के लिए या 2) उन्हें लेख का एक सारांश दें, उससे जुड़े चित्र दिखाएं, उससे जुड़े प्रश्न और कुछ वाक्यों का मतलब पूछें और अगर किसी छात्र को वो लेख चाहिए तो वह कक्षा के बाद उसे दे दें | दूसरा विकल्प अच्छा तरीका है छात्रों को प्रोत्साहित करने का |
    • आप को ये समझने की ज़रुरत है की ये आपका काम है की छात्रों में इस विषय को लेकर रूचि बड़े न की उस लेख की |
  5. ऐसे असाइनमेंट दें जो छात्रों को अलग सोचने का मौका दें: एक ऐसा कार्य दें उन्हें करने के लिए जो मज़ेदार और अलग सा हो | मसलन आप अपनी कक्षा के छात्रों को विज्ञान(या जो भी विषय हो) उससे जुड़ा कोई नाटक करा सकते हैं जो वह छोटे बच्चों के आगे प्रदर्शित कर सकते हैं | पूरी कक्षा एक किताब लिख सकती है जो आप प्रकाशित करवा कर आस पास के पुस्तकालय में दान दे सकते हैं|
    • बस ये ध्यान रखें की ये विचार थोड़े हटके हों; आपको उन्हें ये सब कक्षा के वक़्त में कराना होगा या फिर विद्यालय के वक़्त में (आने जाने का वक़्त बचाने के लिए) और आपको सब के साथ मिलकर इस काम को करना है |
  6. मजाकिया बनने से आप छात्रों का मन लगा पाएंगे, विषय और रोचक बनेगा और आप उनसे आसानी से एक सम्बन्ध बना पाएंगे | सच तो ये है की अगर आप हमेशा गंभीर बने रहेंगे तो उन्के लिए बहुत मुश्किल होगा आपसे जुड़ने में और आप पर ध्यान देने में | इसका मतलब ये नहीं है की आपको हर बात पर मज़ाक करना चाहिए लेकिन अगर आप पढ़ाई के माहौल को और मज़ेदार बनायेंगे तो वह आसानी से प्रोत्साहित होंगे और जल्दी ही आपकी सिखाई बातों को मानेंगे |
  7. आपको छात्रों को ये भरोसा दिलाना है की आपकी बातें सुनने लायक हैं विशेषकर तब जब आप उन्हें अपने विषय की तरफ प्रोत्साहित कर रहे हों | आपको अपना हुनर दिखाना है | आप सिर्फ एक अध्यापक नहीं हैं, आप अपने कामों में बहुत योग्य और निपुण हैं | बिलकुल ऐसे अपने को दिखाएं जैसे एक नौकरी के साक्षात्कार के लिए दिखायेंगे | नम्र बनें पर इस बात को छुपायें नहीं | ये ध्यान रखें की उनसे बात करते वक़्त आपका अपने अनुभव के प्रती गर्व दिखाई दे | अगर आपके कुछ रुबावदार लोगों से ताल्लुकात हैं तो उन्हें बुलाएं | उनसे भाषण देने को न कहें बस सिर्फ एक साक्षात्कार जैसा कराएं |
    • अगर आपके छात्रों को लगेगा की आपको आपके विषय की जानकारी नहीं है तो वह असाइनमेंट्स के वक़्त पर आलसी हो जायें और सोचेंगे की आप उन्के लिखे असाइनमेंट को सही से नहीं पढेंगे |
  8. जिन छात्रों को ज्यादा आश्वासन की ज़रुरत हो उन पर ध्यान दें: अगर कोई छात्र बीमार या दुखी लगे तो उसे कक्षा के बाद मिलें और उससे पूछें की वो ठीक है के नहीं | जब आप ऐसा करें तो ऐसे दिखाएं की जैसे आप थोड़े व्यस्त हैं | उन्की तरफ देखें पर तब तक उन्को घूरते न रहे जब तक वो कोई जवाब न दें | अगर वो कहें की वो ठीक हैं तो ज्यादा पूछताछ की ज़रुरत नहीं हैं | बस ये कहें कि "मुझे लगा की तुम परेशान हो" और फिर बात को रफा दफा कर काम करते रहे | आपको उन्का ख्याल है ये बात ही उनके लिए काफी है |
    • अगर कोई छात्र देखेगा की आपको उसकी इतनी परवाह है और आपने उस पर ध्यान दिया है तो यह बात उसे मेहनत करने के लिए और प्रोत्साहित करेगी | अगर छात्र को लगेगा की आपको उसकी भावनाओं का ख्याल नहीं है तो वह मेहनत नहीं करना चाहेगा |
    • अगर किसी छात्र को तकलीफ हो तो थोड़े नियम बदल दें | इसके लिए आपको थोड़ी परवाह दिखाने की ज़रुरत है पर इससे भरोसा जीतने में आसानी होती है | अगर कोई छात्र बार बार अपना काम नहीं कर के आ रहा हो और वो "फिर" आकर बोले की उसने काम नहीं किया है तो आपको समझना चाहिए की कुछ गड़बड़ है (फिर चाहे छात्र का रवय्या गलत हो) और उनकी मदद करें | चुपके से उन्हें काम पूरा करने का और वक़्त दें और विषय को थोड़ा आसान कर दें | माना की इससे नियम तोड़ने पड़ेंगे पर ऐसा करने से ये दुबारा न हो उसकी आशंका कम हो जायेगी | उससे ये साफ़ कह दें की दुबारा आप उसको इतनी रियायत नहीं देंगे |
  9. अगर छात्रों को लगेगा की आप उन्हें सिर्फ भाषण दे रहे हैं और आपको उनकी परवाह नहीं हैं तो वह प्रोत्साहित नहीं होंगे | अगर आप उनसे किसी राजनेतिक गतिविधि, किताब या किसी वैज्ञानिक प्रयोजन के बारे में पूछेंगे तो वो ज़रूर ख़ुशी खुशी अपने मन की बात बोल पाएंगे | अगर उन्हें लगेगा की आपको उनकी राय जानने में रुची है तो वह अपने विचार आपसे ख़ुशी से व्यक्त करेंगे |
    • ये ध्यान रखें की एक अच्छे वार्ता करने के लिए ये ज़रूरी है की बातचीत का कुछ अस्तित्व हो | यह कोशिश करें की छत्रों के पास अपनी कही बातों को साबित करने के लिए सबूत हों |
    • बेशक अगर आप गणित या कोई विदेशी भाषा पढ़ा रहे हों तो छात्रों का अपनी राय पेश करना बहुत मुश्किल है तो कुछ उस विषय से जुडी हुई उचित जानकारी को कक्षा में बताएं | मसलन अगर आप कक्षा 8 के छात्रों को पढ़ा रहे हों तो आप उन्हें पढने के बेहतेरीन तरीकों के बारे में लिखा लेख सुना सकते हैं |
  10. अगर आप हमेशा भाषण देंगे तो छात्र आपको अपने से दूर कर देंगे | अगर आपको छात्रों को प्रोत्साहित रखना है तो आपको कक्षा में मतलब के विषयों पर चर्चा छेड़नी चाहिए | पूरी कक्षा से न पूछ कर एक एक छात्र से उन्का नाम लेकर अलग अलग सवाल करें | कोई भी छात्र ये नहीं चाहता है की जब उसका नाम लिया जाये तो उसके पास सवाल का जवाब न हो इसलिए हर छात्र इस डर से चर्चा में सही से शामिल होगा |
    • इस से न सिर्फ छात्र कक्षा से पहले सारी जानकारी पढ़ कर आयेंगे पर वह कक्षा में आने से पहले खुश होंगे क्यूँकी उन्हें मालूम है की यहाँ उनकी राय को मान्यता दी जाती है |
  11. छात्रों की तारीफ करने से पहले उन्हें अच्छे से जान लें: मसलन अगर आप किसी कक्षा में जायें और छात्रों को कहें की आप जानते हैं की वह सब बहुत अच्छे हैं और इस कक्षा में वो जानेंगे की कैसे दुनिया को बदला जा सकता है वह आपकी बात पर भरोसा नहीं करेंगे और आप उनकी नज़र में अपनी इज्ज़त खो देंगे | वो ये सोचेंगे की जब आप ने उन्को जानने की कोशिश नहीं की तो आपको कैसे पता की वो कैसे हैं | आप उन्हें कैसे बताएँगे की दुनिया को कैसे बदलना है जब आपने उन्हें दुनिया के बारे में अभी नहीं बताया है | ऐसा अगर वो सोच रहे हैं तो वो बिलकुल सही सोच रहे हैं |
    • अक्सर अध्यापकों के लिए सब छात्र एक जैसे होते हैं इसलिए वह सबसे एक तरीके से बात करते हैं, लेकिन एक अच्छे अध्यापक के लिए हर छात्र अलग होता है |
    • उन्से "आप में से कुछ छात्र" इस तरीके से न बात करें ("कुछ वकील बनेंगे,कुछ डॉक्टर इत्यादी") | ऐसा भाषण तब दें जब आपकी उनके साथ कुछ ही क्लास बची हों और तब उन्का नाम लेकर उन्से बातें करें |
    • थोड़ा बहुत हंसी मजाक करें और छात्रों को ज़ाहिर करें की आपको सब के बारे में कुछ बातें पता हैं | ये आपकी उम्मीदें हैं इन छात्रों से, जिस तरह से आपने अपने आपको उनके सामने साबित किया उसी तरह से "उन्होंने" अपने आपको आपके सामने साबित किया है |
  12. छात्रों को एहसास दिलाएं की कैसे आपके विषय से दुनिया पर असर पढता है: उन्का सामने ऐसे एहसासों से करवाएं जिन से वो वाकिफ नहीं थे | लोगों, समाज, देश और दुनिया से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करें | कोई भी ऐसी चीज़ जो आपको ज़रूरी लगे, जिससे आप उन्हें प्रोत्साहित कर सकें वह उनसे बाटें | अब जब आपने उन्का भरोसा जीत लिया है और उन्होंने ये फैसला किया है की आप सुनने लायक हो तो वह आपके बात ज़रूर सुनेंगे | अगर वो आप की किसी बात से सहमत नहीं भी होंगे तो भी वो कोशिश ज़रूर करेंगे |
    • आपको अपने छात्रों को प्रोत्साहित करने में दिक्कत तब आयेगी जब वह आपके विषय को देखेंगे | हो सकता है की अगर आपका विषय इतिहास या साहित्य हो तो आप उन्हें उसकी रोज़ मर्रा की ज़िंदगी में ज़रुरत न समझा पाएं | कोई लेख या किताब का सर्वेक्षण लेकर आयें और उन्हें दिखाएं की वह जो सीख रहे उसका असर बाहरी दुनिया पर भी पड़ता है | अगर वे विषय से जुडी प्रयोगों को जानेंगे तो उनकी उसकी तरफ रूचि और बढ़ेगी |
विधि 2
विधि 2 का 2:

चुनौतीयों को सामने रखें

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  1. आप को हैरानी होगी की छात्रों को अगर किसी विषय पर अकेले या समूह में अपनी जानकारी प्रस्तुत करने को कह दी जाये तो वह कितनी जल्दी प्रोत्साहित होते हैं | वह बड़े खुश होंगे की उन्हें यह ज़िम्मेदारी दी गयी है | कक्षा से बाहर प्रोजेक्ट या प्रेजेंटेशन तैयार करवाने से छात्रों में सीखने की उत्सुकता बढ़ती है और ये आसान तरीका है पाठ्यक्रम को समझ कर ख़त्म करवाने का |
    • अगर छात्र किसी विषय को प्रस्तुत करेंगे तो उससे बाकी छात्र भी सीखने के लिए प्रोत्साहित होंगे | कई बार छात्र आपको वहां खड़े देख कर उब जाते हैं और ऐसा करने से उन्हें एक नयी ख़ुशी मिलती है |
  2. एक जुट हो कर काम करने से छात्र एक दुसरे को जान पाएंगे, अपनी जानकारी को नए नज़रिए से देखेंगे और सफल होने के लिए प्रोत्साहित भी होंगे | अगर कोई छात्र अकेले काम कर रहा है तो वह सफल होने का इतना दबाव नहीं महसूस करेगा जितना की कई सारे छात्रों के साथ(जहाँ उसे एक ज़िम्मेदारी दी गयी है)वहां महसूस करेगा | ऐसा करने से आप उसी पाठ्यक्रम को अलग तरीके से समझा कर पूरा करवा सकते हैं |
    • आप गुटों में एक अच्छी होड़ भी करवा सकते हैं | चाहे वो कोई भी चुनौती हो आप देखेंगे की छात्र उसमें शामिल होने से कितने प्रोत्साहित होते हैं और कैसे सही जवाब देने की कोशिश करते हैं |
  3. ज्यादा अंकों वाले असाइनमेंट करने से छात्रों को अपने ज्ञान को एक अलग ऊँचाई पर ले जाने का मौका मिलेगा | मसलन अगर आप रसायन शास्त्र के अध्यापक हैं और आपको पता है कुछ छात्रों को तकलीफ हो रही है तो एक मज़ेदार पर विषय से जुडी हुई किताब छात्रों को दें | छात्रों को ऐसे में विज्ञान को एक अलग तरीके से समझने में आसानी होगी और इससे उन्का प्रदर्शन भी और अच्छा होगा |
    • आप छात्रों को ऐसे असाइनमेंट दें जिनमें आपके विषय का ज्यादा उपयोग करना हो | मसलन अगर आप अंग्रेज़ी पढ़ते हैं तो उन छात्रों को ज्यादा अंक दें जो अपने समुदाय में किसी कविता का पाठ सुन और समझ कर आये हों | उनसे ये बात सब को बताने के लिए कहें ताकी और छात्र भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित हों |
  4. छात्र तब ज्यादा प्रोत्साहित हों जब उन्हें अपने कार्य में विकल्प दिए जायें | विकल्पों से उन्हें ऐसा लगता है की उन्का ज्ञान और प्रोत्साहन उनके नियंत्रण में है | उन्हें उन्का साथ चुनने का विकल्प दें या अगले असाइनमेंट या निबंध के लिए उन्हें अलग अलग विषयों का विकल्प दें | इससे छात्रों को भी अच्छा लगेगा और आप अपने विषय पर अपनी पकड़ भी बनाये रखेंगे |
  5. अगर आप छात्रों को प्रोत्साहित करना चाहते है तो आपकी राय साफ़ और सार्थक होनी चाहिए | अगर उन्हें अपनी ताकतों और खामियों का पता चलेगा तो वो आगे बढ़ने के लिए और प्रोत्साहित होंगे बजाय इसके के उन्हें असाइनमेंट पर सिर्फ अंक दे दीये जायें | समय निकाल कर उन्हें ये एहसास दिलाएं की आपके लिए उनकी सफलता कितने मायने रखती है और आप चाहते हैं की वो और सुधरें |
    • अगर आपके पास वक़्त हो तो छात्रों से उनकी तरक्की जांचने के लिए बातचीत करें | ऐसा व्यक्तिगत ध्यान देने से उन्हें लगेगा की आपको उन्की परवाह है और आप उन्के काम पर ध्यान दे रहे हैं |
  6. छात्रों को साफ़ निर्देशों में और पुराने असाइनमेंट दिखा के बताएं की आप क्या चाहते हैं | अगर उन्हें पता नहीं होगा की आप क्या चाहते हैं तो वो अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित नहीं होंगे | साफ़ निर्देशों से और एक ऐसे अध्यापक जो उनके सारे सवालों का जवाब देने को तत्पर है के होने से वह काफी प्रोत्साहित होंगे |
    • असाइनमेंट समझाने के बाद प्रश्नों का उत्तर देने का वक़्त रखें | छात्र ऐसे दिखायेंगे जैसे वह सब जानते हैं पर अगर आप उनसे पूछेंगे तो आप जानेंगे की समझाने की और गुंजाईश है |
  7. भाषण देना आसान है पर अगर आप कक्षा में चीज़ों को मिला दें तो छात्र काफी प्रोत्साहित होंगे | मसलन आप उन्हें 10 -15 मिनट के लिए किताब से पड़ा सकते है और उसके बाद गुटों में असाइनमेंट दें जिसमें सीखी हुई सब बातों को दोहराया जाए | उसके बाद आप छात्रों को विडियो दिखा सकते हैं या फिर उनसे बोर्ड पर आकर समझाने को कह सकते हैं| ऐसे कार्यक्रम से छात्र बहुत उत्साहित और खुश होंगे |
    • हर कक्षा के लिए एक कार्य सूची बनाएं, चाहे वो कागज़ पर हो या बोर्ड पर लिखी हो | इससे छात्रों को ये पता चलता है की आगे क्या पढ़ाया जाने वाला है |

सलाह

  • अपने प्रयास को काफी सरल दिखाएं | चाहे आप बोल रहे हो, पढ़ा रहे हों, सुन रहे हो या कुछ भी कर रहे हों ऐसा लगे की इसमें कोई मेहनत नहीं करनी पड़ रही है |
  • हर बदतमीजी पर नाराज़ न हों | आपके छात्रों को ऐसे लगना चाहिए की उनकी पढ़ाई आपके रॉब से ज्यादा प्राथमिक है |
  • जानबूझकर धीरे धीरे न बोलें | इससे छात्रों को ये लगता है जैसे आप को लगता है की जल्दी बोलने से वह आपको समझ नहीं पाएंगे |
  • अपने अध्यापक- छात्र के रिश्ते को ख़राब न करें | ऐसे न दिखाएं की जैसे आप अध्यापक नहीं दोस्त हैं | यहाँ पर आपको मर्यादा में रहना चाहिए | आप सिर्फ एक अलग तरीके के और अच्छे अध्यापक हैं |
  • ज्यादा चौकस न बनें |
  • आप उन्हें अपनी खामियां और परेशानियाँ न दिखाएं | वह ज़िंदगी के ऐसे मोड़ पर है जहाँ उनकी ज़िंदगी में और लोगों को कई तरीके की तकलीफें हो रही हैं ऐसे में आप ये न दिखाएं की आप कमज़ोर हैं और वह आपमें सहारा नहीं ढूंढ सकते हैं | अगर वो अपनी कोई परेशानी लेकर आयें तो उनकी परेशानी को अपने अनुभव के साथ मिलाकर उनसे बात करें |
  • अगर आप अक्सर धीरे बोलते हैं तो थोड़ा सा जल्दी बोलने की कोशिश करें |
  • ज्यादा न मुस्कुराएं और पूरी कक्षा के लिए न मुस्कुराएं | कभी कभी और एक छात्र को देखकर ही मुस्कुराएं|

चेतावनी

  • आप सब तक नहीं पहुँच सकते हैं | इसके लिए तैयार रहें | फिर भी एक अच्छे अध्यापक की तरह उन्हें ऐसे विश्वास दिलाएं की आप बस उन्हें अच्छे नागरिक बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं |

विकीहाउ के बारे में

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