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आजकल ज्यादातर लोगों की जीवनशैली काफी व्यस्त होती है इसलिए यह जानना बहुत जरुरी है कि अपने समय को किस तरह से मैनेज करें | समय एक ऐसी चीज़ है जिसे एक बार या कई बार बहुत सारे रूपों में ख़रीदा नहीं जा सकता और न ही इसे लापरवाही से इस्तेमाल किया जाता है या बर्बाद किया जाता है | अच्छी तरह से सोच-समझकर बनाए गये टाईमटेबल से आप अपने दिन के प्रत्येक घंटे पर अपना कण्ट्रोल रख सकते हैं | यह आपकी लाइफ के छोटे और बड़े दोनों ही लक्ष्यों को हासिल करने का भी बहुत अच्छा उपाय होता है |

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपने सबसे जरुरी दैनिक कामों की लिस्ट बनायें

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  1. डेली बेसिस पर किये जाने वाले कामों की लिस्ट तैयार करें: आपके ये काम व्यवस्थित हों या न हों, इसकी चिंता न करें | यह केवल दिमागी कसरत के लिए है, न की कामों के क्रम के लिए | एक घंटा या उससे ज्यादा समय लें और हर दिन किये जाने वाले और सभी न किये जाने वाले काम लेकिन जिनका करना जरुरी हो) सभी कामों को लिखें | [१]
    • सभी चीज़ों के बारे में सोचना काफी कठिन होता है इसलिए छोटी सी नोटबुक अपने साथ रखें और प्पूरे दिन की एक्टिविटी लिखते जाएँ |
  2. जब आप शुरुआत करें तो किसी एक्टिविटी को न करने को बहुत छोटे काम में गिनें | अगर कोई काम ऐसा है जो करा जरुरी हो तो उसे जरुरी काम के रूप में लिखें | जब आप पहली बार टाईमटेबल बने रहे हों तो उसमे सभी चीज़ों के बारे में लिखना और जरूरत पढने पर बाद में एडिट करना बेहतर होता है |
    • अगर आपको अपने कुत्ते को सुबह और शाम को घुमाने ले जाना पड़ता है तो उसे लिखें |
  3. आपको जो भी काम करना हो, उसके लिए सुनिश्चित करें कि क्या आपने पर्याप्त खाना खाया है ? काम करने के लिए आपको कौन से काम हर दिन पूरे करने पड़ते हैं ? सुनिश्चित करें कि अपनी बेटी को स्कूल से लाने के लिए आपको क्या करना होगा?
    • आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि अपनी बड़ी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए आपको कितने सारे छोटे-छोटे काम करने करने पड़ते हैं | लेकिन इस अँधेरी सुरंग के अंत में रोशनी भी होती है | टाईमटेबल बनाने से आप उन एरियाज को पहचान सकते हैं जहाँ से आपको ज्यादा लाभ नहीं मिलता और जिन कामों को आप अपनी लिस्ट से हटा सकते हैं |
  4. अगर आपको लगता है कि आपके पास बहुत छोटा या गैरजरूरी समय उपलब्ध है तो अपने कामों का फिर से आंकलन करने पर आप देखेंगे कि ये भी जरुरी हैं | आपको कुछ ऐसी जरुरी जिम्मेदारियां मिल सकती हैं जिन्हें ज्यादा बेहतर तरीके से पूरा किया जा सकता है या किसी को सौंपा जा सकता है |
    • अगर आपको लगता है किआप जितना चाहते हैं, उससे कही ज्यादा समय किचन में ही बीतता है तो अपने पडोसी से पूछें कि क्या वो आपकी कुकिंग की ड्यूटी को शेयर कर सकते हैं | आप दोनों मिलकर कुछ ऐसी नयी डिशेस बना सकते हैं जो आप दोनों को पसंद हों और फिर एक सप्ताह के एक या दो दिन कुकिंग में उनकी अदला-बदली कर सकते हैं |
विधि 2
विधि 2 का 3:

टाईमटेबल बनायें

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  1. माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल या इसी की तरह कोई स्प्रेडशीट प्रोग्राम ओपन करें: पेज की बायीं तरफ टाइम के कॉलम बनायें और सबसे ऊपर सप्ताह के दिन की पंक्ति बनायें |
  2. शुरुआत ऐसी एक्टिविटी के साथ करें जिन्हें हर दिन किसी ख़ास समय पर पूरा करना जरुरी हो | ऊपर दिए गये आपके आंकलन के आधार पर, आपके सोचे गये समय पर आधारित कामों को स्लॉट्स में करने पर उन्हें पूरा करना ज्यादा आसान हो सकता है | इस बात का भी ध्यान रखें कि आप पूरे दिन में खुद को एक या कई ब्रेक देते रहें |
  3. समय के बड़े हिस्से में एक्टिविटीज को आर्गेनाइज करें: आमतौर पर घंटे भर का समय भी काफी होता है | लेकिन, कुछ कामों को करने में थोडा ज्यादा समय भी लग सकता है इसलिए आपको इस काम के लिए 90 मिनट या दो घंटों की जरूरत पड़ सकती है | इसके साथ ही 30 मिनट में काम को करना न भूलें | अपना शिड्यूल बहुत ज्यादा टाइट न रखें | [२]
    • समय के बड़े ब्लॉक्स बनाने के लिए आपको सेल्स (cells) को एकसाथ मैनेज करना पड़ सकता है |
  4. पहले से यह कहना काफी मुश्किल होता है कि किस एक्टिविटी में कितना समय लगेगा | इसलिए अपना शिड्यूल ऐसा बनायें जो जरूरत पड़ने पर आसानी से एक डायरेक्शन से दूसरे में ले जाया जा सके | आपको अनवांछित रूप से देरी होने के लिए थोडा टाइम बफर भी रखना होगा | [३]
    • अपने रिलैक्सेशन समय का इस्तेमाल एक "बफर" जोन की तरह इस्तेमाल करने के मायाजाल में न फंसे | रिलैक्सेशन समय को लक्जरी के रूप में नहीं देखा जायेगा बल्कि इसे किसी दूसरी एक्टिविटी की तरह जरुरी मानना होगा |
  5. कई सारी कॉपीज की प्रिंट निकालना बेहतर होता है जिसमे से एक कॉपी को रेफ्रीजिरेटर पर, एक को बेडरूम में और एक को बाथरूम में लगाया जा सकता है | जरुरी कामों को अंडरलाइन या हाईलाइट करें |
  6. अपनी लाइफ के अलग-अलग हिस्सों के लिए भिन्न-भिन्न तरह के कलर मार्कर का इस्तेमाल करें | आप येलो कलर काम के लिए, रेड एक्सरसाइज के लिए, ब्लू स्कूल के लिए और इसी तरह दूसरे कलर का इस्तेमाल कर सकते हैं | इस तरह से सिर्फ इन्हें देखने से ही आपको अपने दिन की प्लानिंग समझ आ जाएगी | उदाहरण के लिए, अगर इसमें बहुत ज्यादा ब्लू कलर है तो आपको पता चल जायेगा कि आप पर अभी स्कूल के काम का बोझ ज्यादा है | [४]
विधि 3
विधि 3 का 3:

अपने टाईमटेबल को सुधारें

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  1. अंदाजा लगाएं कि सुबह आपमें कितनी एनर्जी होती है: कई लोगों की क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स और क्रिएटिविटी सुबह के समय में ज्यादा स्ट्रोंग होती हैं | लेकिन दिन आगे बढ़ने के साथ-साथ इसमें कमी आने लगती है | अगर आपके साथ भी ऐसा ही होता है तो राइटिंग जैसी “बड़ी सोच” वाली एक्टिविटी सुबह करें | [५]
    • हालाँकि, हो सकता है कि आप अपने ज्यादातर क्रिएटिव काम रात में करते हों | कोई भी समय खराब नहीं है | यह केवल एक ऐसे असरदार टाईमटेबल को बनाने पर निर्भर करता है जो आपकी और आपकी जरूरत पर खरा उतरता हो |
  2. अंदाजा लगायें कि दोपहर में आपमें कितनी एनर्जी होती है: अगर आप अपनी ज्यादा से ज्यादा एनर्जी दोपहर में इस्तेमाल करना पसंद करते हैं तो सबसे बोरिंग रूटीन के कामों के करने के लिए यह समय सबसे अच्छा होता है | इस समय ऐसे काम कर सकते हैं जिनमे ज्यादा सोचना न पड़े | इस समय का इस्तेमाल अपॉइंटमेंट्स सेट करने, रोजमर्रा के काम करने और ईमेल के जबाव देने से कामों में करें |
  3. अंदाज़ा लगायें कि शाम तक आपमें कितनी एनर्जी होती है: कई लोगों के लिए, अगले दिन की प्लानिंग और तैयारी के लिए शाम का समय बेहतर होता है | आपके “तैयारी करने वाले” कामों में लंच पैक करना, अपने कपडे इस्त्री करना और हेयर स्ट्रैटनिंग करने और घर की साफ़-सफाई करने जैसे काम हो सकते हैं |
  4. अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आपको इस चीज़ों की आदत डालना शुरू करना पड़ेगा: दिन में 30 मिनट का समय नॉवेल लिखने में, अपना गेराज आर्गेनाइज करने या गार्डनिंग सीखने में बिताएं | हर दिन अपने लक्ष्य की ओर छोटे-छोटे कदम बढ़ाने से आपको डेवलप की गयी अच्छी आदतों को मेन्टेन करने में मदद मिलेगी | ऐसा इसलिए होगा क्योंकि आप ऑटोपायलट (आपके काम आपकी आदतों के अनुसार होते जायेंगे) पर होंगे | आप रेगुलर बेसिस पर जो भी काम आवश्यक रूप से करते रहें, चाहे वो अच्छा हो या बुरा, अंत में आपको उसकी आदत पड़ जाएगी | [६]
  5. आपको कैसा फील होता है ? क्या आपके द्वारा की गयी एक्टिविटीज सही समय पर की गयी थीं ? क्या आपको चीज़ें एडजस्ट करने की जरूरत होती है ? समय-समय पर काम न करने वाली किसी भी चीज़ में बदलाव करके देखें | आपको सप्ताह या महीने के अंत तक इंतज़ार नहीं करना है | इसे प्रत्येक कुछ दिन तक थोडा-थोडा करके तक तक एडजस्ट करते रहें, जब तक यह आपके लिए काम के योग्य न हो जाए | आपको हर महीने बड़े और छोटे बदलाव भी करने पड़ेंगे क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है |

सलाह

  • अगर आप अपने टाईमटेबल के अनुसार काम पूरे न कर पायें (जैसे आप सोते रह जाए) तो घबराएँ नहीं और न ही टाईमटेबल में उसे पूरा करने की जद्दोजहद करें, बस वहां से काम जारी करें जहाँ आप हैं | आप जल्दी ही अपने ट्रैक पर वापस आ जायेंगे |
  • अगर कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें आप बीच-बीच में कर सकते हैं तो जब तक आप उन्हें हर दिन किसी एक ख़ास समय पर पूरा करने के इच्छुक न हों तब तक उन्हें अपने टाईमटेबल में शामिल न करें | इसकी बजाय, आप इन्हें पूरे दिन में मिलने वाले फ्री समय में करें |

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