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जब कोई कंपनी पैसा बनाती है, तो उसके पास आमतौर पर दो सामान्य विकल्प होते हैं। एक तरफ, अपने ख़ुद के कामकाज का विस्तार करना, नए उपकरण खरीदना, आदि करने में कंपनी इन पैसों को पुनर्निवेश (re-invest) कर सकती है। (इस तरह खर्च किये गए पैसों को “प्रतिधारित कमाई या retained earnings” कहा जाता है)। दूसरी ओर, कंपनी अपने इन्वेस्टर्स (निवेशकों) को भुगतान करने के लिए इस अपने मुनाफे का उपयोग कर सकती है। इस तरह से इन्वेस्टर्स को दिया जाने वाला पैसा "डिविडेंड (यानि लाभांश)" कहलाता है। एक कंपनी द्वारा अपने शेयरधारक को कितना डिविडेंड देय है, यह कैलकुलेट करना आमतौर पर काफ़ी आसान होता है; dividend per share या DPS (यानी प्रति शेयर जितना डिविडेंड देय है) को बस आपके पास मौजूद शेयर्स की संख्या से मल्टिप्लाय कर दीजिये । DPS को price per share (यानि, प्रति शेयर की कीमत) से डिवाइड करके "डिविडेंड यील्ड या लाभांश उपज" (आपकी इन्वेस्टमेंट का उतना परसेंट जो आपकी स्टॉक होल्डिंग्स आपको डिविडेंड के रूप में कमाकर देगी) का पता लगाना भी संभव है। [१]

विधि 1
विधि 1 का 2:

DPS से टोटल डिविडेंड्स (यानि कुल लाभांश) का पता लगाना

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  1. आपके पास स्टॉक के कितने शेयर्स हैं इसका पता लगाएं. यदि आपके पास इस बात की जानकारी पहले से उपलब्ध नहीं है कि कंपनी के कितने शेयर्स आपके पास हैं, तो उसका पता लगाएं। आप आमतौर पर यह जानकारी अपने ब्रोकर या इन्वेस्टमेंट एजेंसी से संपर्क करके या कंपनी द्वारा अपने इन्वेस्टर्स को डाक या ईमेल द्वारा नियमित रूप से भेजे जाने वाले स्टेटमेंट्स की जांच करके, प्राप्त कर सकते हैं।
  2. अपनी कंपनी के dividend per share (या "DPS") का पता लगाएं। यह उस राशि को दर्शाता है जो एक इन्वेस्टर को कंपनी से उसके हर शेयर पर डिविडेंड के रूप में मिलती है। दिए गए समय के लिए, DPS को इस फोर्मुले से कैलकुलेट किया जा सकता है DPS = (D - SD)/S जिसमें D = नियमित डिविडेंड के रूप में भुगतान की गई राशि, SD = एक बार दिए गए विशेष डिविडेंड की राशि, और S = इन्वेस्टर्स की मालकियत वाले कंपनी के शेयरों की कुल संख्या। [२]
    • इस कैलकुलेशन के लिए, आप आमतौर पर D और SD के आंकड़े कंपनी के कैश फ्लो स्टेटमेंट से तथा S का आंकड़ा कंपनी की बैलेंस शीट से ले सकते हैं।
    • ध्यान दें कि, किसी कंपनी का डिविडेंड पेआउट रेट (यानि, लाभांश भुगतान दर) समय के साथ बदल सकती है। इसलिए, आपको भविष्य में कितना डिविडेंड मिलेगा इस बात का अंदाज़ा लगाने के लिए यदि आप पिछले डिविडेंड्स के आंकड़ों का उपयोग करते हैं, तो ऐसा संभव है कि आपकी कैलकुलेशन बिलकुल सटीक ना हो।
  3. जब आप कंपनी स्टॉक के शेयरों की संख्या जानते हैं और कंपनी के सबसे हालिया समयावधि (most recent period) का DPS भी जानते हैं, तो आपको अंदाजन कितना डिविडेंड मिलेगा इसका पता लगाना आसान हो जाता है। बस इस फोर्मुले का उपयोग करें D = DPS x S, जिसमें D = आपके डिविडेंड्स और S = आपकी मालकियत के शेयर्स की संख्या। याद रखें कि, चूंकि आप कंपनी के पिछले DPS के आंकड़ों का उपयोग कर रहे हैं, इसलिए भविष्य के डिविडेंड पेमेंट के आंकड़े के लिए लगाया आपका अनुमान वास्तविक आंकड़े से कुछ अलग हो सकता है। [३]
    • उदहारण के लिए, मान लीजिये कि आपके पास एक ऐसी कंपनी, जिसने पिछले साल रु. 0.75 प्रति शेयर के हिसाब से डिविडेंड दिया था, के 1,000 शेयर्स हैं। ऊपर के फोर्मुले में उचित आंकडें डालने पर, हमें मिलता है D = 0.75 x 1,000 = रु.750 । अर्थात, यदि कंपनी इस साल भी डिविडेंड के रूप में पिछले साल जितनी राशि ही देती है, तो आप लगभग रु. 750 कमाएँगे।
  4. यदि आप कई अलग-अलग स्टॉक होल्डिंग्स के लिए डिविडेंड्स की कैलकुलेशन कर रहे हैं, या यदि आप बड़े आंकड़ों के साथ काम कर रहे हैं, तो डिविडेंड्स का पता लगाने के लिए उपयोग किया जानेवाला साधारण मल्टीप्लिकेशन कठिन लग सकता है। ऐसे में, कैलकुलेटर का उपयोग करना बहुत आसान होता है। आप लेख के शीर्ष पर दिए गए मुफ्त कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं, या ऑनलाइन उपलब्ध कई डिविडेंड कैलकुलेटर्स में से कोई एक (जैसे यह कैलकुलेटर ) जो आपके डिविडेंड्स की कैलकुलेशन के लिए एक बढ़िया विकल्प प्रदान करते हैं।
    • इसी तरह के इन्वेस्टमेंट कैलकुलेशन्स करने के लिए अन्य प्रकार के कैलकुलेटर्स उपयोगी हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, यह कैलकुलेटर पीछे की ओर (backwards) काम करता है, और कंपनी के टोटल डिविडेंड्स और आपके शेयरों की संख्या पर से DPS का पाता लगाता है।
  5. डिविडेंड री-इन्वेस्टमेंट (यानि लाभांश पुनर्निवेश) का भी ध्यान रखें. उपरोक्त प्रक्रिया अपेक्षाकृत सरल मामलों के लिए काम करने के लिए डिज़ाइन की गई है जहां आपके मालकियत वाले शेयरों की संख्या निश्चित होती है। हालांकि, वास्तविक जीवन में, इन्वेस्टर्स अक्सर डिविडेंड का उपयोग स्टॉक के और ज्यादा शेयर्स खरीदने के लिए करते हैं, जिसे "डिविडेंड री-इन्वेस्टमेंट (यानि लाभांश पुनर्निवेश)" कहा जाता है। ऐसा करने से, एक इन्वेस्टर दीर्घावधि के लाभ (long-term gains) कमाने के उद्देश्य से एक अल्पकालिक डिविडेंड पेआउट (short-term dividend payout) का त्याग करता है जो उसे नए ख़रीदे शेयर्स पर हो सकता है। यदि आपने अपने इन्वेस्टमेंट के हिस्से के रूप में एक डिविडेंड री-इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम (यानि, लाभांश-पुनर्निवेश कार्यक्रम) की व्यवस्था की है, तो अपनी मालकियत वाले शेयर्स की अपडेटेड संख्या रखें, ताकि आपकी कैलकुलेशन्स सटीक हो। [४]
    • उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप अपने एक इन्वेस्टमेंट से डिविडेंड के रूप में हर साल रु. 100 कमाते हैं और आप इस पैसे को हर साल और ज्यादा शेयर्स खरीदने में री-इन्वेस्ट करने की व्यवस्था करते हैं। यदि वह शेयर रु. 10 प्रति शेयर पर ट्रेड करता है और सालाना रु. 1 का DPS है, तो आपके रु. 100 खर्च करने पर आपको दस और शेयर्स मिलेंगे और रु. 10 के रूप में अतिरिक्त डिविडेंड भी मिलेगा, जिससे अगले साल आपके डिविडेंड्स रु. 110 हो जाएंगे। यह मानते हुए कि स्टॉक की कीमत समान रहेगी, आप अगले साल ग्यारह और शेयर्स खरीद पाएंगे, फिर उसके अगले साल लगभग बारह शेयर्स। यह "कंपाउंडिंग" इफ़ेक्ट तब तक जारी रहेगा जब तक आप इसे जारी रखते हैं, पर ये सब यह मानते हुए कि स्टॉक प्राइस स्थिर रहती है या बढ़ जाती है। इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी के रूप में डिविडेंड पर इस फोकस ने कुछ लोगों को धनी बना दिया है, हालांकि, यह भी सच है कि, इसमें शानदार परिणामों की कोई गारंटी नहीं होती।
विधि 2
विधि 2 का 2:

अपने डिविडेंड यील्ड का पता लगाना

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  1. आपके द्वारा एनलाइज़ किए जा रहे स्टॉक का शेयर प्राइस पता करें. कभी-कभी, जब इन्वेस्टर्स कहते हैं कि वे अपने शेयरों पर "डिविडेंड" कैलकुलेट करना चाहते हैं, तो वे वास्तव में "डिविडेंड यील्ड (यानि लाभांश उपज)" की बात कर रहे होते हैं। डिविडेंड यील्ड आपके इन्वेस्टमेंट का उतना प्रतिशत है जो आपका स्टॉक आपको डिविडेंड के रूप में कमाकर देगा। आप डिविडेंड यील्ड को स्टॉक पर मिलने वाले “इंटरेस्ट रेट” जैसा मान सकते हैं। शुरू करने के लिए, आपको उस शेयर की करंट प्राइस पर शेयर (प्रति शेयर की वर्त्तमान कीमत) का पता लगाना होगा जिस शेयर का आप एनालिसिस कर रहे हैं।
    • आप किसी भी प्रमुख स्टॉक इंडेक्स (जैसे, SENSEX या NIFTY50) की वेबसाइट पर से किसी पब्लिक्ली-ट्रेडेड कंपनी (जैसे, ररिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड) की लेटेस्ट स्टॉक प्राइस पता कर सकते हैं। [५]
    • ध्यान रखें कि, कंपनी स्टॉक के शेयर प्राइस में कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर उतार-चढ़ाव हो सकता है। इस प्रकार, यदि किसी कंपनी स्टॉक की प्राइस अचानक काफी बढ़ या घट जाती है, तो ऐसे में उस कंपनी स्टॉक के डिविडेंड यील्ड के लिए लगाया गया अनुमान गलत भी हो सकता है।
  2. आपकी मालकियत के स्टॉक्स की सबसे ताज़ा DPS वैल्यू (most recent DPS Value) निकालें। फिर से, फार्मूला वही रहेगा DPS = (D - SD)/S जिसमें D = नियमित डिविडेंड के रूप में भुगतान की गई राशि, SD = एक बार दिए गए विशेष डिविडेंड की राशि, और S = इन्वेस्टर्स की मालकियत वाले कंपनी के शेयरों की कुल संख्या। [६]
    • जैसा की ऊपर उल्लेख किया गया था कि, आप आमतौर पर D और SD के आंकड़े कंपनी के कैश फ्लो स्टेटमेंट से तथा S का आंकड़ा कंपनी की बैलेंस शीट से ले सकते हैं। एक रिमाइंडर के तौर पर यह फिर दोहराना जरूरी है कि, एक कंपनी के DPS में समय के साथ उतार-चढ़ाव हो सकते हैं, इसलिए आपको सबसे सटीक परिणामों के लिए हाल की समयावधि (recent time period) का उपयोग करना चाहिए।
  3. अंत में, अपनी डिविडेंड यील्ड का पता लगाने के लिए DPS वैल्यू को आपकी मालकियत के स्टॉक की प्राइस पर शेयर (price per share) से डिवाइड करें (या, यूँ कह सकते हैं कि, DY = DPS/SP इस फोर्मुले का उपयोग करें)। यह सरल सा रेश्यो आपको डिविडेंड के रूप में मिलने वाली राशि की तुलना आपके द्वारा शुरू में स्टॉक खरीदने के लिए चुकी गई राशि से करता हैं। जितना ज्यादा डिविडेंड यील्ड होगा, आप उतना ज्यादा पैसा अपने शुरुआती इन्वेस्टमेंट पर कमाएंगे। [७]
    • उदहारण के लिए, मान लें कि आपके पास एक कंपनी स्टॉक के 50 शेयर्स हैं और आपने ये शेयर्स रु. 20 प्रति शेयर के भाव से ख़रीदे थे। यदि कंपनी के हालिया समयावधि (recent period) का DPS लगभग रु. 1 रहा है, तो आप DY = DPS/SP इस फोर्मुले में अपने आंकडें डालकर डिविडेंड यील्ड का पता लगा सकते हैं; इस प्रकार, DY = 1/20 = 0.05 या 5% । दुसरे शब्दों में कहें तो, डिविडेंड के हर राउंड में आप अपने इन्वेस्टमेंट पर 5% कमाएँगे, फिर चाहे आप कितना भी ज्यादा या कम इन्वेस्ट करें।
  4. निवेश के अवसरों (investment opportunities) की तुलना करने के लिए डिविडेंड यील्ड का उपयोग करें. इन्वेस्टर्स अक्सर, कुछ इन्वेस्ट करना चाहिए या नहीं, यह निर्धारित करने के लिए ‘डिविडेंड यील्ड’ का उपयोग करते हैं। विभिन्न प्रकार की यील्ड्स विभिन्न इन्वेस्टर्स को अपील करती हैं। उदहारण के लिए, एक इन्वेस्टर जो आय के एक स्थिर, नियमित स्रोत की तलाश में है, वह एक ऐसी कंपनी, जिसकी डिविडेंड यील्ड ज्यादा हो, में इन्वेस्ट कर सकता है। आमतौर पर, ये सफल, मज़बूत कंपनियां होती हैं। दूसरी ओर, एक इन्वेस्टर जो एक बड़े मुनाफे की संभावना के लिए जोखिम उठाने को तैयार है, वह एक ऐसी नई कंपनी, जिसमें भविष्य में विकास करने की बहुत क्षमता है, उसमें इन्वेस्ट कर सकता है। ऐसी कंपनियां अक्सर अपने अधिकांश मुनाफे को कंपनी में ही बरकरार रखी गई आय (retained earnings) के रूप में रखती हैं, और जब तक वे मज़बूती से अपने आप को स्थापित नहीं कर लेतीं, तब तक डिविडेंड के रूप में बहुत अधिक भुगतान नहीं करतीं। इस प्रकार, जिन कंपनियों में इन्वेस्ट करने के बारे में आप सोच रहे हैं, उनकी डिविडेंड यील्ड का पता लगाकर आप एक स्मार्ट और विवेकपूर्ण इन्वेस्टमेंट डिसिशन ले सकते हैं।
    • उदहारण के लिए, मान लें कि, दो प्रतिस्पर्धी कंपनीयां हैं जो, दोनों हीं, डिविडेंड के रूप में रु. 2 प्रति शेयर देने की पेशकश करती हैं। हालाँकि, पहली नज़र में ये दोनों ही कंपनिया बिलकुल एक समान लगनेवाली अच्छी इन्वेस्टमेंट ओपोर्चुनिटी लग सकती हैं लेकिन, यदि एक कंपनी का शेयर रु. 20 प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहा है और दूसरी कंपनी का शेयर रु. 100 प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहा है, तो जिस कंपनी के शेयर की प्राइस रु. 20 प्रति शेयर है, वह एक बेहतर विकल्प है (यदि अन्य सभी फैक्टर्स समान रहते हैं)। रु. 20 प्रति शेयर वाली कंपनी का हर शेयर आपको हस साल 2/20 या 10% (आपकी शुरुआती इन्वेस्टमेंट पर) कमाकर देगा, जबकि रु. 100 प्रति शेयर वाली कंपनी का हर शेयर आपको हस साल 2/100 या 2% (आपकी शुरुआती इन्वेस्टमेंट पर) कमाकर देगा।

सलाह

  • किसी विशिष्ट (specific) इन्वेस्टमेंट पर डिविडेंड की ज्यादा जानकारी के लिए कंपनी के प्रॉस्पेक्टस की जांच करें।

चेतावनी

  • डिविडेंड यील्ड की कैलकुलेशन में इस धारणा को मानकर चलना पड़ता है कि डिविडेंड्स स्थिर रहेंगे। यह धारणा कोई गारंटी नहीं होती।
  • हर स्टॉक या फंड डिविडेंड्स नहीं देता। कुछ, मुख्य रूप से, ग्रोथ स्टॉक्स या ग्रोथ फंड्स होते हैं। ऐसे मामलों में, जब आप उन्हें बेचते हैं तो शेयर की प्राइस में हुई वृद्धि से इन्वेस्टमेंट पर हुई कमाई का कैलकुलेशन किया जाता है। कुछ मामलों में, संघर्षरत कंपनियां शेयरधारकों को भुगतान करने के बजाय कंपनी में ही उस मुनाफे को री-इन्वेस्ट कर देती हैं।

विकीहाउ के बारे में

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