किसी दिए गए तत्व (element) में प्रोटान्स, न्यूट्रान्स और इलेक्ट्रान्स की संख्या ज्ञात करना उतना कठिन नहीं होता है जितना आपको लगता है। अक्सर आपके उत्तर का कुछ हिस्सा आपके ठीक सामने ही आवर्त सारिणी (periodic table) में होता है। एक बार आपको यह पता चल जाए कि देखना कहाँ है तो प्रोटान्स, न्यूट्रान्स और इलेक्ट्रान्स की संख्या ज्ञात करना एक आसान काम हो जाता है।
चरण
विधि 1
विधि 1 का 2:
प्रोटान्स, न्यूट्रान्स और इलेक्ट्रान्स की संख्या की गणना करना
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तत्वों की एकआवर्त सारिणी लें: आवर्त सारिणी एक चार्ट होता है जो तत्वों को उनके एटामिक स्ट्रक्चर (atomic structure) के अनुसार आर्गेनाइज़ करता है। यह कलर-कोडेड (color-coded) होता है और प्रत्येक तत्व को एक 1 या 2-अक्षरों का विशिष्ट संक्षिप्त नाम प्रदान करता है। तत्व संबंधी अन्य जानकारियों में परमाणु भार (atomic weight) और परमाणु संख्या शामिल होते हैं। [१] X रिसर्च सोर्स
- आप, एक आवर्त सारिणी ऑनलाइन या किसी रसायन शास्त्र की पुस्तक में पा सकते हैं।
- परीक्षा में, आवर्त सारिणी उपलब्ध कराई जाएगी।
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आवर्त सारिणी में अपने तत्व को ढूंढें: सारिणी में तत्वों को उनके परमाणु संख्या के आधार पर स्थान दिया जाता है और उन्हें तीन मुख्य समूहों में बांटा जाता है: मेटल्स, नान-मेटल्स और मेटलॉयड्स (सेमी-मेटल्स)। इसके आगे तत्वों को जिन समूहों में बांटा गया है उनमें, क्षार तत्व (alkali metals), हैलोजेन्स और नोबुल गैसेज़ शामिल हैं। [२] X रिसर्च सोर्स
- ग्रुप (columns) या पीरियड (rows) का उपयोग करने से, सारिणी में किसी भी तत्व को ढूँढना काफी आसान हो सकता है।
- यदि आप तत्व के किसी अन्य गुण के बारे में नहीं जानते हैं तो, उस तत्व के सिंबल को जानने के लिए भी आप सारिणी में खोज सकते हैं।
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तत्व की परमाणु संख्या ढूंढें: परमाणु संख्या, तत्व के वर्ग में, तत्व के सिंबल के ऊपर ऊपरी-बाएँ कोने में लिखा होता है। परमाणु संख्या से आपको किसी तत्व के एक परमाणु में कितने प्रोटान्स हैं, यह ज्ञात होता है। [३] X रिसर्च सोर्स
- उदाहरण के लिए, बोरान (B) की परमाणु संख्या 5 होती है इसलिए, उसमें 5 प्रोटान्स होते हैं।
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इलेक्ट्रान्स की संख्या की गणना करें: प्रोटान्स, परमाणु के नाभिक (nucleus) में स्थित कण होते हैं और उनमें से प्रत्येक पर +1 के बराबर धन आवेश होता है। इलेक्ट्रान्स भी कण होते हैं और उनमें से प्रत्येक पर -1 के बराबर ऋण आवेश होता है। इसलिए, उदासीन अवस्था में, एक तत्व में, प्रोटान्स और इलेक्ट्रान्स बराबर संख्या में होते हैं।
- उदाहरण के लिए, बोरान (B) की परमाणु संख्या 5 होती है इसलिए, उसमें 5 प्रोटान्स और 5 इलेक्ट्रान्स होते हैं।
- तथापि, यदि तत्व में कोई ऋण या धन आयन शामिल हो तो, प्रोटान्स और इलेक्ट्रान्स की संख्या बाराबर नहीं होगी। आपको उनकी गणना करनी होगी। आयन संख्या, तत्व के बाद, एक छोटे सुपरस्क्रिप्ट के रूप में दिखता है।
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तत्व का परमाणु मॉस ढूंढें: न्यूट्रान्स की संख्या ज्ञात करने के लिए, आपको पहले तत्व का परमाणु मॉस ज्ञात करना होगा। किसी तत्व का परमाणु मॉस (जिसे परमाणु भार भी कहते हैं), उसका भारित औसत मॉस (weighted average mass) होता है [४] X रिसर्च सोर्स परमाणु मॉस, तत्व के सिंबल के नीचे लिखा पाया जा सकता है।
- परमाणु मॉस को निकटतम पूर्णांक में परिवर्तित (round off) करना सुनिश्चित करें। उदाहरण के लिए, बोरान का परमाणु मॉस 10.811होता है परंतु, आप उन्हें राउंड ऑफ करके 11 में परिवर्तित कर सकते हैं।
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परमाणु मॉस में से परमाणु संख्या को घटाएँ: न्यूट्रान्स की संख्या ज्ञात करने के लिए आपको परमाणु मॉस में से परमाणु संख्या को घटाने की आवश्यकता पड़ेगी। याद रखें कि, परमाणु संख्या वही होती है जो प्रोटान्स की संख्या होती है जिसे, आप पहले ही जान चुके हैं। [५] X रिसर्च सोर्स
- हमारे बोरान के उदाहरण के लिए, 11 (परमाणु मॉस) – 5 (परमाणु संख्या) = 6 न्यूट्रान्स
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निवल आवेश (net charge) को जानें: किसी आयन का निवल आवेश, तत्व के बाद एक छोटे सुपरस्क्रिप्ट संख्या के रूप में दिखता है। आयन, एक परमाणु होता है जिस पर, इलेक्ट्रान्स के जुड़ने या निकलने के कारण, एक ऋण या धन आवेश होता है। [६] X रिसर्च सोर्स यद्यपि, एक परमाणु में प्रोटान्स की संख्या वही रहती है तथापि, एक आयन में इलेक्ट्रान्स की संख्या बदल जाती है।
- चूंकि, इलेक्ट्रान पर ऋण आवेश होता है इसलिए, जब आप इलेक्ट्रान्स को निकालते हैं तो आयन धनावेशित हो जाता है। उसी प्रकार, जब आप इलेक्ट्रान्स को जोड़ते हैं तो, आयन ऋणावेशित हो जाता है।
- उदाहरण के लिए, N 3- पर -3 आवेश होता है जबकि Ca 2+ पर +2 आवेश होता है।
- इस बात का ध्यान रखें कि, यदि तत्व के बाद कोई सुपरस्क्रिप्ट संख्या न हो तो, आपको इस गणना को करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
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धन आयनों के लिए परमाणु संख्या में से आवेश को घटाएँ: जब एक आयन पर धन आवेश हो, तो इसका अर्थ है कि परमाणु ने इलेक्ट्रान्स खोए हैं। शेष बचे इलेक्ट्रान्स की संख्या की गणना करने के लिए, परमाणु संख्या में से अतिरिक्त धन आवेश को घटाएँ। धन आयन में, प्रोटान्स की संख्या इलेक्ट्रान्स की संख्या से अधिक होती है।
- उदाहरण के लिए, Ca 2+ पर +2 आवेश होता है जिसका अर्थ है कि, इसने अपनी उदासीन अवस्था की तुलना में 2 इलेक्ट्रान्स खोए हैं। कैल्शियम की परमाणु संख्या 20 होती है इसलिए, आयन में 18 इल्क्ट्रान्स होंगे।
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ऋण आयनों के लिए, आवेश को परमाणु संख्या में जोड़ें: जब किसी आयन पर ऋण आवेश होता है तो, इसका अर्थ है कि परमाणु ने इलेक्ट्रान्स प्राप्त किए हैं। उपस्थित इलेक्ट्रान्स की संख्या की गणना करने के लिए, आप सिर्फ अतिरिक्त आवेश की मात्रा को परमाणु संख्या में जोड़ दें। ऋण आयन के मामले में, इलेक्ट्रान्स की तुलना में प्रोटान्स कम होते हैं।
- उदाहरण के लिए, N 3- पर -3 आवेश होता है इसलिए, अपनी उदासीन अवस्था की तुलना में इसने 3 इलेक्ट्रान्स प्राप्त किए होंगे। नाइट्रोजेन की परमाणु संख्या 7 होती है इसलिए, इस आयन में 10 इलेक्ट्रान्स होंगे।
रेफरेन्स
- ↑ http://periodic.lanl.gov/index.shtml
- ↑ http://edtech2.boisestate.edu/lindabennett1/502/Periodic%20Table%20e%20config/PTable_organized.html
- ↑ http://education.jlab.org/qa/pen_number.html
- ↑ http://chemistry.about.com/od/chemistryglossary/a/atomicweightdef.htm
- ↑ http://education.jlab.org/qa/mathnuceus_01.html
- ↑ http://www.qrg.northwestern.edu/projects/vss/docs/propulsion/1-what-is-an-ion.html