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गार्डनिंग बहुत लोगों की सबसे पसंदीदा हॉबी होती है। अपने खाली समय को एक वेज़ीटेबल गार्डन बनाकर व्यतीत करना, समय का भी एक बहुत अच्छा सुदुपयोग है। एक वेज़ीटेबल गार्डन या शाक वाटिका बनाना एक मज़ेदार और फल देने वाला तजुर्बा होता है। जो सब्जियां आपके परिवार के सदस्य खाना पसंद करते हैं, उन स्वादिष्ट सब्जियों को उगाएँ। उन्हें उगाने के लिए अपने आंगन में सबसे अच्छी जगह चुनें और थोड़े से समय और देखभाल से आपका डिनर टेबल पौष्टिक, पके सब्जियों से भर जाएगा।

विधि 1
विधि 1 का 3:

शाक वाटिका बनाने की योजना बनाएँ

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  1. आप किन सब्जियों को सेवन करना पसंद करते है? सोचिए आप इन गर्मियों में कौन सी सब्जियाँ खाना पसंद करेंगे, और उसके मुताबिक अपनी शाक वाटिका में वह सब उगाने की योजना बनाएँ। वैसे तो ज़्यादातर सब्जियाँ अलग-अलग मौसम में अच्छी तरह से उग जाती हैं परन्तु कुछ भी उगानी से पहले यह जानना कि आपके क्षेत्र में सबसे बेहतरीन क्या उगता है, एक उच्च विचार होगा। [१]
    • ऐसी सब्जियों को चुनें जिन्हें अलग-अलग समय पर काटा जा सके। ऐसा करने से सभी सब्जियाँ एक समय पर मिलने के बदले वह आपको पूरी गर्मियों के दौरान मिलती रहेगी।
    • कुछ पौधे कुछ क्षेत्रों में ठीक से नहीं उग पाते हैं। पता करें कि जो सब्जियाँ आप उगाना चाहते हैं, कहीं उन्हें उगाने के लिए शुरुआत में ठंडे मौसम की ज़रूरत तो नहीं हैं, या तापमान के बढ़ने पर वह मुरझा या मर तो नहीं जाएंगे। यदि आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहाँ गर्मी कम पड़ती है, या बरसात ज़्यादा नहीं होती हैं, तो आपको सब्जियाँ उगाने के बारे में चुनिंदा रहना पड़ेगा।
    • ऐसे पौधे चुनें जिनके उगने की और मिट्टी की आवश्यकता एक समान हो, जिससे आपको अपनी शाक वाटिका की देखभाल करने में आसानी होगी।
  2. सब्जियों को तेज़ और ज़्यादा धूप की ज़रूरत होती है, और इसलिए, शाक वाटिका बनाने के लिए अपने आँगन के सबसे ज़्यादा धूप पड़ने वाली जगह को चुनें। ऐसे स्थान को न चुनें जहाँ दिन में ज्यादातर समय आपके घर या पेड़ की छाया गिरती हो। ऐसी जगह देखें जहाँ पानी निकासी का अच्छी व्यवस्था है और मिट्टी भी उपजाऊ है।
    • यदि किसी क्षेत्र में पानी का निकास अच्छा है तो आपको यह तब पता चलेगा जब आप उसे भारी बारिश होने के बाद देखेंगे। यदि वहाँ एक गड्ढ़ा बन जाता है तो वह जगह शाक वाटिका के लिए ठीक नहीं है। यदि पानी मिट्टी में जल्द ही सोक जाता है तो वह जगह सही है।
    • बिना पत्थरों और जड़ों वाली सीधी जगह चुनें। ऐसा करने से बाग़ तैयार करने के लिए मिट्टी को जोतना आसान होगा।
    • यदि आपकी मिट्टी में अच्छा निकास नहीं है, तो आप एक ऊँची क्यारी बना सकते हैं जो पौधों को ज़मीन के स्तर से ऊपर उगने देती है।
    • कुछ सब्जियाँ बड़े गमलों में भी अच्छी उगती है। यदि आपके पास आँगन नहीं है तो आप मिर्च, टमाटर और आलू को आँगन में, या फायर एस्केप (आग लगने पर भागने वाले रास्ते) पर गमलों में उगाए जा सकते हैं।
  3. अब समय आ गया है आप देख ले कि बाग़ बनाने में कितनी जगह चाहिए होगी, और सब्जियों के पौधे कहाँ-कहाँ लगाने चाहिए। अलग-अलग पौधों के लिए अलग-अलग मात्रा में जगह की ज़रूरत होती है। यह देख लीजिए कि आपको पौधे लगाने के लिए कितनी जगह की ज़रूरत है।
    • आपको यह जानना ज़रूरी है कि बोए गए बीजों या पौधों के बीच कितनी जगह छोड़नी चाहिए, और पौधों के बढ़ जाने पर उन्हें कितनी जगह चाहिए होगी। कुम्हड़ा (स्क्वॉश), तोरी (ज़ुचिनी), और कद्दू बहुत जगह लेते हैं और ज़्यादा फल भी उगाते हैं, जबकि आलू, गाजर और सलाद पत्ते कम जगह लेते हैं। [२]
    • सब्जियों को पंक्ति में बोने से आप पता रख सकते हैं कि कौन से पौधे कौन से हैं।
    • पंक्तियों के बीच में और ज़्यादा जगह छोड़ें जिससे आपको पानी देने, खाद देने और घास फुस हटाने के लिए बाग़ में चलने और साथ ही पके सब्जियों को तोड़ने में आसानी हो सकें।
विधि 2
विधि 2 का 3:

बोने के लिए तैयारी करें

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  1. अपने बाग़ की शुरुआत बीजों से करना है या अंकुरित बीजों से, यह तय करें। यह आप कैटलॉग या नर्सरी से खरीदें। आपको यह भी निर्णय लेना पड़ेगा कि आपको बाग़ के लिए कौन से औज़ार खरीदने चाहिए। बागवानी साधारण औज़ारों के साथ हाथों से की जा सकती है परन्तु बड़े बागों की मिट्टी को ढीला करने के लिए हल की ज़रूरत पड़ सकती है। [३] Here's what you'll need:
    • बीज या अंकुरित बीज। नर्सरी में बीज और अंकुरित बीजों के अच्छी प्रजाति मिलती हैं और वहाँ के कर्मचारी आपको अच्छे बीज खरीदने में मदद कर सकते हैं।
    • खाद। अच्छी कुदरती खाद आपके सब्जी के पौधों को और अच्छी तरह से उपजने में मदद मिलेगी। अस्थि चूर्ण और ऑर्गेनिक खाद को मिट्टी में डालें। कम्पोस्ट भी अच्छा काम करता है।
    • आधी सड़ी घास और ऊपरी मिट्टी। सब्जियों के पौधे जब उगने लगते हैं तो इन्हें शुरूआत हवा और भारी बारिश से बचाने की ज़रूरत होती है। ऐसा करने के लिए आप आधी सड़ी घास या ऊपरी मिट्टी की एक परत का इस्तेमाल कर सकते हैं। अंकुरित पौधों को बचाने के लिए आप सूखी घास से मिट्टी को ढक सकते हैं।
  2. यह मशीन मिट्टी को ढीला करता है, जिससे कि आप उसमें खाद डाल सकें और सब्जी के पौधों को बोने के लिए गड्ढ़ा खोद सकें। छोटे बाग़ के लिए आप कुदाल का प्रयोग कर सकते हैं परन्तु 10 वर्ग फुट से अधिक बाग़ के लिए आप एक हल खरीदें या इसे आप भाड़े पर भी ले सकते हैं।
    • फावड़ा, बेलचा और घास इकट्ठा करने वाला पाँचा (गार्डन रेक)। गड्ढा खोदने और पौधे और मिट्टी को हटाने के लिए इन ज़रूरी बागवानी के औज़ारों का प्रयोग करें।
    • मापक या नापने वाला फीता। सब्जी के पौधों को अलग-अलग गहराइयों में बोने की ज़रूरत होती है इसलिए मिट्टी में किए गए गड्ढों को मापक से नापना लाभकारी होता है।
    • एक ऐसा होज़ पाइप उपयोग में लाएं जिसमें पानी के दबाव को अजस्ट करने की सुविधा है (जैसे कि उसमें नल लगा हो)। यह विशेष तौर पर पानी के बहाव को बदलने में मदद करता है।
    • बाड़ा लगाने का सामान। खरगोश, गिलहरी, हिरन और दूसरे जानवर सब्जियाँ कुतरना पसंद करते हैं, तो आप अपने बाग़ के इर्दगिर्द बाड़ा लगाना चाहेंगे।
  3. बाग़ के कोनों पर पत्थर लगा लें। कोनों के अंदरूनी भाग को जड़ों, पत्थरों, लकड़ियों, घास-फुस और अन्य बड़े मलबों को हटा लें। सब्जियों को बोने की गहराई के अनुसार, 12 इंच (30.5 सेंटिमीटर) की गहराई तक खोदने के लिए मिट्टी को छोटे भागों में तोड़ने के लिए हल, घास इकट्ठा करने वाला औज़ार या कुदाल का प्रयोग करें।
    • घास इकट्ठा करने वाले औज़ार से खाद को मिट्टी में डाल दें। ध्यान रहे कि आप उसे मिट्टी में बराबर फैला दें।
    • ध्यान रहे कि आप मिट्टी में दबे पत्थर निकालने के लिए समय निकाल लें। वह आपके पौधों को बढ़ने नहीं देंगे, तो उस जगह को पत्थर रहित करना आवश्यक है।
    • यदि आप अपने आँगन की मिट्टी के गुणों को लेकर चिंतित है, तो उनमें उपस्थित कार्बनिक पदार्थ, पोषक तत्व, और पीएच स्तर जानने के लिए मिट्टी की जाँच करने वाली एक किट खरीदें। यह सब तत्व आपकी सब्जियों के विकास और पोषण पर असर डालते हैं। मिट्टी की जाँच करने के बाद आप उसमें वह सब डाल सकते हैं जिसकी कमी आपको उसमें नज़र आती है।
विधि 3
विधि 3 का 3:

सब्जियों को उगाना

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  1. सब्जियां जिन्हें आप उगाना चाहते हैं, उनके ज़रूरत के मुताबिक गहराई खोदने के लिए फावड़े का इस्तेमाल करें। हर गड्ढे में पहले थोड़ी खाद डालें और फिर बीज या अंकुरित बीज उनमें धीरे से डालें। यदि ज़रूरत पड़े तो उन गड्ढों को ऊपरी मिट्टी या सड़ी घास से ढक लें।
  2. पहले कुछ हफ्ते, जब तक सब्जियों में जड़े आएँ तब तक आपको ऊपरी मिट्टी को नम रखना ज़रूरी है। बाग़ में हर रोज़ हल्के से फुहारा देने के लिए, होज़ पाइप के मिस्टिंग फंक्शन का प्रयोग करें।
    • अकसर मिट्टी की जाँच करते रहें। यदि वह आपको सूखी लगे तो उसे फिर से फुहारे से पानी छिड़क कर नम करें।
    • रात के समय बाग़ में पानी न दें। यदि पानी बिना सोके या वाष्पित हुए पूरी रात मिट्टी को नम रखता है तो वहाँ फफूंदी उत्पन्न हो सकता है। [४]
  3. जैसे-जैसे सब्जियाँ अंकुरित होने लगें, ध्यान दें कि दूसरे जंगली पौधे खाद और पानी का फायदा उठाकर उगने न लग जाएं। उन जंगली पौधों को जड़ से पकड़ कर बाहर खींचें और बाग़ से कहीं दूर फेंक दें, ताकि उनके बीज फिर से फैल न जाएं। ध्यान रहे आप उनके साथ नव अंकुरित सब्जियाँ भी न उखाड़ दें।
  4. सब्जी के पौधों में फलों के आने से पहले खरगोशों और गिलहरियों को बाड़ा लगाकर दूर रखें। आम तौर पर, एक छोटी जाली वाली बाड़ा लगाने से फायदा होगा। यदि वहाँ हिरण है तो आपको बड़ी बाड़ लगानी पड़ेगी।
  5. सब्जी के पौधों को उतनी मात्रा में पानी, खाद और छंटाई करें जितनी उन्हें ज़रूरत है। जैसे-जैसे गर्मियों के दौरान सब्जियां उगती रहें, वैसे-वैसे समय-समय पर जंगली घास और पौधों को काटते रहें। जब सब्जियां तोड़ने का समय आएं, तो पहले सबसे ज़्यादा पकी हुई सब्जियां तोड़ें और बाकी की सब्जियों को पकने के लिए और समय दें।


सलाह

  • बाग़ को सुंदर दिखने और पौधों को बढ़ते रखने के लिए उसे साफ-सुथरा रखें।
  • पौधे की अच्छी उपज और जंगली घास को उगने से रोकने के लिए पूरी जगह पर आधी सड़ी घास डाल दें।
  • ज़्यादा सुरक्षा के लिए बाड़ लगाएँ।
  • केमिकल वाली खाद का अधिक इस्तेमाल न करें, क्योंकि वह मिट्टी की उपज को कम कर देता है।

विकीहाउ के बारे में

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