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हालाँकि सफलता को कोई एक मूलमंत्र नहीं होता लेकिन सफल लोगों के कई लक्षण और आदतें एक-दूसरे के समान ही होती हैं | सफल लोगों की आदतों की नकल करने और उन्हें अपने जीवन में ज्यादा सक्रीय रूप से साकार करने से आप चाहे किसी भी क्षेत्र में हों, सफल बन सकते हैं |

विधि 1
विधि 1 का 3:

स्वस्थ जीवन जीते हुए सफलता हासिल करें

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  1. सुबह जल्दी जागें : एक सफल बिजनेसमैन बेन फ्रेंक्लिन ने कहा था, कि "सुबह जल्दी उठने और रात में जल्दी सोने से मनुष्य स्वस्थ, धनवान और बुद्धिमान बनता है |" रिसर्च से भी पता चलता है कि सुबह जल्दी जागने से आप ज्यादा विवेकशील बन सकते हैं और समस्याओं को सुलझाने की क्षमता बेहतर हो सकती है | इसके अलावा, ध्यान दें की आपने दिन के प्रत्येक घंटे से ज्यादा से ज्यादा हासिल कर सकते हैं | [१] यहाँ ईमानदारी के साथ सुबह जल्दी जागने में मदद के लिए कुछ उपाय बताएं जा रहे हैं:
    • रात में सही समय पर सोने के लिए अपनी शाम को व्यवस्थित करें (जिसमे सोने से एक घंटे पहले सभी इलेक्ट्रॉनिक्स का इस्तेमाल बंद करना भी शामिल है) |
    • अलार्म क्लॉक की स्नूज़ बटन को न दबाएँ | इसकी बजाय, अलार्म क्लॉक या टाइमिंग डिवाइस को अपने बेडरूम की टेबल पर इतनी दूर रखें कि उसे बंद करने के लिए आपको जबरदस्ती उठना ही पड़े |
  2. सफल लोग जानते हैं कि बेहतर बने रहने का मतलब है कि अपनी बॉडी की केयर करना और इसमें रेगुलर एक्सरसाइज भी शामिल होती हैं जिससे निम्नलिखित फायदे मिलते हैं:
    • इससे डिप्रेशन कम होता है | [२]
    • इससे एनर्जी लेवल बढ़ता है और थकान का सामना करने की शक्ति मिलती है | [३]
    • इससे इम्यून सिस्टम सुधरता है और बीमारियों से बचाव होता है | [४]
    • इससे अपने लक्ष्य के प्रति अनुशासित और समर्पित रहने की शिक्षा मिलती है | [५]
    • अगर आपके पास समर्पित वर्कआउट शिड्यूल का समय नहीं है तो हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए थोड़े बदलाव लायें जैसे, किसी नजदीकी जगह पर जाने के लिए पैदल जाने या सीढ़ियों का इस्तेमाल करना चुनें | [६] [७]
  3. अपने मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की देखभाल करें: रिसर्च बताते हैं कि ओवरऑल कॉन्फिडेंस के लिए इमोशनल हेल्थ का आधार बहुत जरुरी होता है जो सफल प्रोफेशनल वेंचर्स का मुख्य घटक है | दूसरे शब्दों में कहें तो सफलता लोगों को खुश नहीं बनाती बल्कि खुशमिजाज लोग सफल बनते हैं | [८] अपनी खुशियों की जिम्मेदारी खुद लेने और सफल बन्ने के लिए नीचे कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं: [९]
    • कमिटमेंट या वादा: यहाँ, कमिटमेंट का मतलब है- चुनौतयों और नाकामयाबियों के वाबजूद संलग्न बने रहने या डंटे रहने का रवैया | इसका मतलब है कि अपनी क्षमताओं पर शक न करना बल्कि निराशाओं का इस्तेमाल, वर्तमान और भविष्य में किये जाने वाले प्रयासों की प्रेरक शक्ति के रूप में करना |
    • नियन्त्रण: कण्ट्रोल या नियन्त्रण का मतलब है- खुद को शक्तिहीन समझने से इन्कार करना | इसका मतलब है कि सरलता से रिजल्ट पाने की बजाय टास्क और इनसे जुड़े संघर्षों को अपनाएँ और उनसे प्रेरित नतीजे हासिल करें |
    • चुनौती: चुनौतियाँ, न बदलने वाले दृष्टिकोण को रिफ्लेक्ट करती हैं, उदाहरण के लिए स्ट्रेस, चाहे पॉजिटिव हो या नेगेटिव दोनों ही सीखने और उद्विकास के अग्रसर के रूप में काम करता है |
विधि 2
विधि 2 का 3:

एक मेंटल प्रोसेस के रूप में सफलता को देखें

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  1. प्रत्येक दिन की योजना बनायें | सिर्फ लिस्ट बनाने के अलावा, जरुरी प्रोजेक्ट्स और काम पूरे करने के लिए आप जो भी कदम उठाने वाले हैं, उनकी सच में कल्पना करें | रिसर्च दर्शाते हैं कि विसुअलाइज़िंग एक्टिविटीज काम पूरा करने की स्पीड और सफलता को बढ़ा देती हैं | इसका मतलब यह है कि जब आप अपनी योजना को जितना विसुअलाइज करते हैं, प्रत्येक दिन उतना ही ज्यादा काम कर पाते हैं | [१०] नीचे सफलता के लिए विसुअलाइज़ेशन के कुछ अच्छे तरीके बताये गये हैं:
    • आपको सफल होने में जिन व्यक्तिगत गुणों की जरूरत पड़ेगी, उन पर फोकस करें | भले ही आप किसी बैंक के प्रेसिडेंट हों या किसी स्कूल के टीचर, प्रत्येक सल्फ़ व्यक्ति में कुछ न कुछ गुण जरुर होते हैं | सुनना, सीखना, बातचीत का कौशल, डेलिगेटिंग, ऑर्गनाइजिंग, ये बस कुछ नाम हैं, इसके अलावा भी सफल लोगों में कई गुण होते हैं |
    • इमेजिन करें कि सफल होकर कैसे दिखाई देंगे | क्या आप भी एक सफल इंटीरियर डिज़ाइनर बनना चाहते हैं या घर पर रहने वाले सफल पैरेंट बनना चाहते हैं ? इन दोनों ही केसेस में, यह विसुअलाइज करना बहुत जरुरी है कि आपके लिए सफलता कैसी दिखाई देगी | इसकी सभी डिटेल लिखें जैसे आप क्या पहनेंगे और आपके साथ कौन उपस्थित होगा |
    • दृढ़ वचन का इस्तेमाल करें: बोलकर और लिखकर दृढ़वचनों की कल्पना करें | उदाहरण के लिए, अगर आप एक सफल गोल्फर बनना चाहते हैं तो अपनी आँखें बंद करें और खुद को दोहरायें, "मैं खुद को गोल्फ के मैदान में देख सकता हूँ | मैं कम्फ़र्टेबल और कॉंफिडेंट हूँ और गेंद उछालने के लिए तैयार हूँ | जब मैं बॉल को हिट करता हूँ तो यह बिलकुल उसी जगह पर पहुँचती है, जहाँ मैं इसे पहुंचाना चाहता हूँ, I यह गोल्फ के मैदान में पार के दो स्ट्रोक्स आगे गिरती है |"
  2. जाने कि आप जो चीज़ें चाहते हैं, वास्तव में उन्हें क्यों पाना चाहते हैं: आत्म-आंकलन सफलता का एक अंग है और अपनी इच्छाओं और व्यवहार का सञ्चालन करने वाली प्रेरणा को समझना, आत्म-आंकलन का एक अंग है | [११]
    • इसके लिए अपने लक्ष्यों को, इन्हें हासिल करने के लिए किन चीज़ों की जरूरत है, ये उपलब्धियां किस तरह से आपकी लाइफ पर पॉजिटिव प्रभाव डालते हैं, को पहचानने की जरूरत होती है | उदाहरण के लिए, अगर आप अपने काम में अपना प्रमोशन चाहते हैं तो खुद से पूछें कि आप प्रमोशन क्यों चाहते हैं | क्या सिर्फ ज्यादा पैसे कमाने के लिए या ज्यादा से ज्यादा व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिए? क्या आप किसी को इम्प्रेस करने के लिए ऐसा चाहते हैं?
    • अपने लक्ष्य की स्थिति निर्धारण के बारे में गहराई से सोचने पर, आप अपनी जरूरतों का आंकलन फिर से कर पाएंगे और फिर ज्यादा बेहतर निर्णय ले पाएंगे | इसी तरह, अगर आप प्रमोशन पाने के कारण को समझ जाते हैं कि यह सच में उस व्यक्ति से सम्बंधित नहीं है जिसे पाने के लिए आपको ऐसा बनना ही होगा तो अपनी प्राथमिकताओं को फिर से सेट करें और सफलता हासिल करने की जिद की बजाय व्यक्तिगत ख़ुशी मेन्टेन रखने के तरीके खोजें |
  3. एक ऐसा टाइम बजट लिखें जो बता सके कि आपने क्या काम कर लिए हैं और पिछले सप्ताह में इनमे कितना समय लगा | आपने जहाँ-जहाँ अपना समय और प्रयास लगायें हैं, उस पर बारीकी से ध्यान दें | इसमें पर्सनल और प्रोफेशनल रिश्ते बनाने में खर्च किया गया समय भी शामिल है जो आपकी सफलता में मुख्य भूमिका निभा सकता है | [१२]
    • खुद से पूछें कि आपने प्रयास लगाकर जो समय खर्च किया है, उससे आपको क्या हासिल हो सकता है | उदाहरण के लिए, रातभर अपनी गर्लफ्रेंड से बात करने के लिए जागते हुए गुजारने से आप अपनी पसंदीदा जॉब में अपना बेहतर दे पाएंगे ? एक टीचर के रूप में एक सप्ताह में 40 घंटे तक काम करने से बच्चों की मदद करने की आपकी व्यक्तिगत रूप से संतुष्टि मिल जाएँगी और दुनिया बेहतर हो जाएगी?
    • उम्मीदों और उन्हें पूरे करने के तरीकों को एडजस्ट करें | खुद से पूछें कि कौन से काम और जिम्मेदारियां आपको सबसे ज्यादा संतुष्टि देते हैं और उन्हें लिख लें | अब अपनी लिस्ट देखें और खुद से पूछें कि प्रत्येक लक्ष्य तक पहुँचने में कौन सी बाधाएं आयेंगी | क्या ये बाधाएं आपने खुद बनायीं हैं या इन चुनौतियों से आप एक बेहतर इंसान बन जायेंगे? क्या इनमे से किसी भी बाधा को आप अपने रस्ते से हटाकर खुद को सफलता के नजदीक ले जा सकते हैं?
  4. लक्ष्य का पीछा करना, वास्तव में सफलता की राह में की जाने वाली एक गलती होती है क्योंकि ऐसा करने से आप खुद अपने जूनून को अनदेखा कर देते हैं और किसी और को सफल बना देते हैं | इसका मतलब यह नहीं है कि आपको उग्रता के साथ काम करना होगा बल्कि इसका मतलब यह है कि आपको अपनी स्ट्रेंथ के साथ आगे बढ़ना होगा और अपनी क्रिएटिविटी और उत्साह को और ज्यादा बढ़ाना सीखना होगा | [१३]
    • काम अच्छा होने पर आमदानी भी अच्छी होती है | बेहतर आमदानी होने के कारण जॉब का लक्ष्य बनाने की बजाय, ऐसी जॉब पाने का लक्ष्य बनायें जिनके लिए आप उत्साहित हों और जिन में आप अपना बेहतर दे सकते हों | किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता ही फाइनेंसियल रिवॉर्ड दिलायगी |
    • आप एक प्रोडक्ट हैं | जब लोग किसी कंपनी में इन्वेस्ट करते हैं तो बहुत ही कम ऐसा देखा जाता है कि वे इसलिए इन्वेस्ट कर रहे हैं क्योंकि जो प्रोडक्ट उन्होंने खरीदा हैं, उसे खरीदना अनिवार्य है | बल्कि, प्रोजेक्ट का सञ्चालन करने वाला प्रबंधक एक विज़न और कॉन्फिडेंस के साथ संचालन करता है | जब आप अपने जूनून को स्वीकार कर लेते हैं तो आप अपने चरित्र के उन मुख्य गुण और स्किल्स को हाईलाइट जो आपको ख़ास बनाती हैं | लोग इसके प्रति प्रतिक्रिया देंगे और आप पर भरोसा भी करेंगे |
    • अगर आपको लगता है कि आप कोई काम नही कर सकते तो उसे जरूर करें | सोचें कि आप सुबह-सुबह क्या बनने के लिए जागते हैं | क्या काम पर आपकी यही भूमिका है, पेरेंट्स के रूप में यही भूमिका है, शाम को इस तरह अपनी हॉबी पूरी करेंगे? ऐसे तरीके खोजें जो आपको पानी स्किल्स दिखने या प्रोडक्ट बेचने के लिए प्रेरित करें और आपको सफल बनायें |
  5. मेंटल स्ट्रेंथ का मतलब भावनाविहीन होना नहीं है | इसका मतलब है- अपनी भावनाओं के प्रति सचेत रहना लेकिन अपरिहार्य असुविधा का सामना करने में उन्हें मैनेज करने के लिए पर्याप्त रूप से स्ट्रोंग बने रहना | [१४]
    • मोटिवेटेड रहें | क्या आपको लोगों के बीच घबराहट होती है? क्या आप वर्तमान में किये जा रहे उस काम से बोर हो गये हैं जो बड़े प्रोजेक्ट की सफलता की कुंजी है ? अगर ऐसा है तो "ईश्वर करें, मुझे ये काम न करने की जरूरत न पड़े" कहने की बजाय कहें, " मैं इसके जाये सफलता पा सकता हूँ " या "मैं इसे एक दिन में सिर्फ एक बार ही करूँगा |"
    • छोटे स्तर से शुरुआत करें | आज आप बर्तन धोने के बाद तक टीवी देखने से मन करें | आज से एक साल तक, मैराथन के 14 मील के दौरान हार मानने से इंकार करें | सफलता की ट्रेनिंग कोई चुटकी बजाने का काम नहीं है | इसमें समय के साथ-साथ अच्छी आदतें और स्टैण्डर्ड मेन्टेन करने पड़ते हैं और जिन्दगी का नजरिया सेट करना पड़ता है |
  6. इसी तरह से, योजना बनाना बहुत जरुरी होता है, यह एक कदम वापस जाकर अपनी उपलब्धियों के बारे में सोचने और बचे हुए काम पूरे करने के बारे में सोचने के बरनर ही जरुरी है | [१५]
    • सप्ताह में या महीने में एक बार एक कदम पीछे जाकर सोचें कि आपके लिए क्या उचित है और क्या नहीं |
    • एक डायरी रखें | कुछ एक्टिविटीज जैसे डायरी बनाना, लिस्ट बनाना या कैलेन्डर या विज़न बोर्ड का इस्तेमाल करने से चिन्तन करने में मदद मिलती है और सफलता का रास्ता ट्रैक करने में भी मदद मी सकती है |
    • याद रखें, चिन्तन करना आसान नहीं है | आपकी सफलता की राह पर सारे पॉइंट्स का चिन्तन करने से न केवल आप खुद को शाबाशी दे सकते हैं बल्कि अपनी सफलता के मील के पत्थर पाने के लिए गंभीर रू पसे आंकलन भी कर सकते हैं | अगर ऐसा न हो पाए तो आपको अपने ओरिजिनल प्लान में थोड़े एडजस्टमेंट करने पड़ेंगे या आप जिस ओरिजिनल सोच को साकार करने की योजना बना रहे थे उसका पूरी तरह से कायापलट करना पड़ सकता है |
    • फिर से शुरुआत करने में कोई नुकसान नहीं होता | अगर आपके विचारों के आधार पर, आप समझ जाते हैं कि आप गलत रस्ते पर जा रहे हैं तो नयी दिशा की कल्पना करने का समय आ जाता है | आपने अभी तक जो भी सीखा है और इकट्ठा करें और पता लगायें कि आप जिस रास्ते से गुजर रहे हैं, उससे खुद को हटाकर कैसे अपनी आकाँक्षाओं और टैलेंट वाले रास्ते के नजदीक ला सकते हैं |
विधि 3
विधि 3 का 3:

सफलता की आदत बनायें

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  1. लोग सफलता के साथ पैदा नहीं होते बल्कि अपने जीवन के अनुभवों, जिनमे जोखिम के साथ ही असफलता भी होती है, को संजोकर सफलता हासिल करते हैं | हालाँकि कभी भी आक्रामक रवैये की सिफारिश नहीं की जाती क्योंकि इस तरह एक जोखिम का भुगतान लम्बे समय में करना ही पड़ता है | भले ही सारी कोशिशें करने के बाद भी आप सफल न हों, तो भी असफलता से सीख लें क्योंकि असफलताओं से भी सीखना सफल लोगों का मुख्य लक्षण होता है | [16]
    • स्टीव जॉब्स को 1985 में एक बड़ी पोस्ट से एप्पल कंपनी से बाहर निकाल दिया गया क्योंकि उन्हें वहां काम करने में परेशानी हो रही थी | लेकिन, वे 12 साल बाद वापस लौटे और उस समय उस असफल कंपनी को एक सफल कंपनी में बदला क्योंकि वे एक बेहतरीन लीडर बन चुके थे | [17]
  2. रिसर्च के अनुसार व्यक्तिगत सफलता और सक्रियता में पारस्परिक समबन्ध होता है | इसीलिए, मौका आपको खोजे, इसका इंतज़ार करने की बजाय अपने कैरियर और लाइफ को सुधारने के तरीकों के बारे में मंथन करें और देर करने की बजाय जल्दी से जल्दी काम करें | ज्यादा सक्रीय बनने के लिए नीचे कुछ उपाय बताये जा रहे हैं: [18] [19] बुद्धिशीलता वाली फायदेमंद तकनीकों मे शामिल हैं- फ्रीराइटिंग, लिस्ट बनाना और नक्शा तैयार करना | [20]
    • अंदाजा लगाना कि आपको किन बाधाओं का सामना करना पड़ेगा और आप उनका सामना कैसे करेंगे | यह विसुअलाइज़िंग जैसी स्किल के समान है | जब हम वास्तिवकता में सफलता की राह पर चलते हैं तो निश्चित ही इस राह में कुछ नुकसान भी उठाते हैं |
    • रोके जा सकने वाले अवरोधों से बचें | हालाँकि सभी बाधाएं रोकी जाने योग्य नहीं होतीं लेकिन इनमे से कई अवरोधों को पहले से तैयारी, फंडिंग और ट्रेनिंग करके नाकाम बनाया जा सकता है |
    • समय की कीमत पहचानें | रिसर्च दर्शाते हैं कि एक्शन लेने के समान ही लर्निंग भी जरूरी है | when . किसी ऐसे काम, जिसके बारे में आप ज्यादा नहीं जानते हों, को बहुत जल्दी करने से आप बिना तैयारी किये हुए या उतावले दिखाई दे सकते हैं | जबकि बहुत देर से काम करने से आपको अपनी स्किल्स का इस्तेमाल करने और लीडरशिप दिखाने का मौका नहीं मिल पाता | [21]
  3. सफलता कभी भी शून्य जगह पर नहीं होती | प्रत्येक सफल व्यक्ति के पास दोस्तों, टीचर्स, मेंटोर्स, सहकर्मियों आदि की एक लम्बी लिस्ट होती है जो सफलता की रह में उनका सहयोग करते हैं | [22]
    • किसी ऐसे व्यक्ति पर ध्यान दें जो पहले से आपकी लाइफ में मौजूद हो और जो टैलेंटेड, पॉजिटिव, मोटीवेटेड और ज्ञानी हो | उनसे सीखने में समय बिताएं और जब भी संभव हो उनका सहयोग करें |
    • इंटर्नशिप, सेमिनार्स और जॉब-शैडोइंग भी सफल लोगों से बातचीत करने और उनसे सीखने के बढ़िया तरीके हैं |
    • संभव है कि आपका लक्ष्य दूसरों से अलग हो और आप एक सफल पैरेंट या टीचर बनने के तरीके खोज रहे हों | इस स्थिति में भी नियम एकसमान ही रहते हैं | ऐसे लोगों को खोजें जो सफल हों और जो आपकी सराहना करते हों | उनके साथ समय गुजारें और उनसे सीखें | अच्छी आदतें फॉलो करने से आपकी अपनी इच्छाएं उजागर होंगे |
  4. क्या आप क्लाइंट के लिए प्रोडक्ट की डिलीवरी या सर्विस देने में सुधार लाना चाहते हैं? क्या आप दूसरे ज्यादा सीनियर प्रोफेशनल्स से सदस्यता पाना चाहते है? क्या आप अपनी स्किल्स में एक प्रतिस्पर्धी साइकिल चालक की तरह सुधार करना चाहते हैं? चाहे तार्किक रूप से सोचा जाए या व्यक्तिगत रूप से, मजबूत रिश्ते को बढ़ावा देना, सफलता का अभिन्न अंग होता है | इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके काम का क्षेत्र क्या है | नीचे दिए गये उपाय, आपको इन रिलेशनशिप्स को अच्छी तरह से बढाने में मदद कर सकते हैं:
    • अपना पर्सनल नेटवर्क बढायें | हालाँकि प्रत्येक व्यवसायी जानता है कि स्ट्रोंग ब्रांड और सोशल मीडिया में उपस्थिति प्रोफेशनल सफलता की कुंजी होती है लेकिन ये व्यक्तिगत सम्पर्क की जगह नहीं ले पते जो अवसर और ग्रोथ का सबसे कॉमन सोर्स होता है | [23]
    • आपकी महत्वपूर्ण आकाँक्षाओं के अलावा प्रोत्साहन या पालन करने वाले रिश्तों पर भी ध्यान दें | अपनी पर्सनल लाइफ को प्रोफेशनल या एम्प्लॉयमेंट-रिलेटेड सन्दर्भ में लोगों को मैनेज करने के लिए प्रैक्टिस करने के रूप में सोचें | अगर आप अपनी फैमिली की जरूरतों पर ध्यान नहीं देते या अपने दोस्त के प्रति ईमानदार नहीं रहते तो ये रिश्ते पनप नहीं पाते | नए दोस्तों के साथ रिश्ते बढाने के मौके खोजने भी जरुरी होते हैं इसलिए कोई क्लब ज्वाइन करें या शौक पूरे करने के लिए एकसाथ मिलने वाली जगह पर जाना शुरू करें | [24]
  5. किसी जरूरी कन्वर्सेशन का हिस्सा बनने के लिए सवाल पूछना न केवल एक बेहतरीन तरीका है बल्कि इससे आपका नॉलेज और सम्भावनायें भी बढती है क्योंकि इससे दूसरों को अपने विचार शेयर करने के मौके मिलते हैं |
    • दूसरों को सुनने से आप उनकी विशेषज्ञता का फायदा ले सकते हैं और उसे सीखकर उसका इस्तेमाल भविष्य में किये जाने वाले कामों को पूरा करने में कर सकते हैं |
  6. जब आप अपने कामों के लिए आउटसोर्स को दोषी ठहराते हैं तो अपनी सफलता का क्रेडिट लेने की क्षमता भी खो देते हैं | [25]
    • बाहरी चीज़ों पर असफलता का दोषारोपण न करें | इसकी बजाय, इस बात का आंकलन करें कि आपने क्या किया था और अगली बार आप उसे किस तरह से बेहतर करेंगे | याद रखें, केवल आप ही तय कर सकते हैं कि आप सफल हुए या असफल |
  7. हाई स्टैण्डर्ड का पालन करें | सफल लोग बहुत ही मोटिवेटेड रहते हैं और अपनी कार्यनीति का सख्ती से पालन करते हैं |
    • आप जो भी काम अपने हाथ में लें, उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ दें | सहकर्मियों और सुपरवाइजर की अपेक्षाओं से आगे निकलें | "पर्याप्त" को न स्वीकारें बल्कि हमेशा जरूरतों से परे सुधार और प्रगति की ओर काम करते जाएँ |

विकीहाउ के बारे में

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