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जब कोई अपने किसी प्रिय को खो देता है, तो यह जानना मुश्किल हो जाता है कि उनसे से क्या कहा जाय, जो उपयुक्त हो। ऐसे दुख के समय में शब्द कैसे दुख को हल्का करने में सहायक हो सकते हैं? लेकिन सच में, महसूस किए गए संदेश के साथ भेजे गए सहानुभूति कार्ड से दुखी व्यक्ति को लगता है कि उनकी कोई परवाह करता है, उनसे प्यार करता है, जिससे गहरे दुख के समय थोड़ी सी शांति मिलती है। स्टेप 1 और उसके आगे यह जानने के लिए देखिये कि विचारशील सहानुभूति कार्ड पर नोट कैसे लिखा जाता है ।

विधि 1
विधि 1 का 3:

सही नोट पर आरंभ करें

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  1. सहानुभूति कार्ड को आरंभ करने का सर्वाधिक प्रचलित तरीका है “प्रिय” से आरंभ करना। आप “डियरेस्ट” लिख सकते हैं या उस व्यक्ति के नाम से भी आरंभ कर सकते हैं । “हाय” या अनौपचारिक अभिवादन से आरंभ मत करिए-इसके बजाय थोड़ा औपचारिक रहिए।
    • जिस व्यक्ति को आप लिख रहें हैं उसको उसी तरह संबोधित करिए जैसा कि आप सामान्य रूप से करेंगे। अगर आप अध्यापक को लिख रहें हैं तो सामान्य रूप से “सुश्री फ्रैंकिल” ही कार्ड में लिखिए। अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को लिख रहे हैं जिन्हें आप अच्छी तरह से जानते हैं, तो उनको पहले नाम से संबोधित करना उचित होगा।
    • अगर कार्ड का उद्देश्य एक व्यक्ति के बजाय पूरे परिवार के लिए संवेदना अभिव्यक्त करना है तो कार्ड के ऊपर हरेक व्यक्ति का नाम लिखिए। अगर आप परिवार के हर सदस्य का नाम नहीं जानते हैं तो आप लिख सकते हैं ”सारा और परिवार”।
  2. लिखिए कि आप उस व्यक्ति के गुजरने से कितना दुखी हैं: बताइए कि आप जानेवाले के गुज़रने से कितना दुखी हैं, और अगर आप उस व्यक्ति को जानते हैं, तो उनका नाम लिखिए। अगर आप उस व्यक्ति को नहीं जानते हैं तो आप उन्हें “आपकी माँ” या “आपके दादाजी”, इसी तरह से लिख सकते हैं। उदाहरणार्थ :
    • मुझे बहुत दुख है कि माइल्स कैंसर से लंबे संघर्ष के बाद नहीं रहे।“
    • “मारगैरट का गुज़रना सुनकर मुझे गहरा सदमा पहुंचा है।“
    • ”शब्द यह अभिव्यक्त करने में असमर्थ हैं कि मैं जून के जाने से कितना दुखी हूँ।“
  3. अगर आप उस व्यक्ति को भली-भांति नहीं जानते हैं, तो संक्षेप में लिखिए: अपनी सहानुभूति को संक्षेप में वर्णन करके नोट को समाप्त करना बिलकुल उचित है यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति को लिख रहे हैं, जिन्हें आप ज़्यादा नहीं जानते हैं। आप पारंपरिक मुहावरे का भी प्रयोग कर सकते हैं जिसका ग़लत अर्थ न लगाया जा सके। कुछ इस तरह भी लिखा जा सकता है जैसे “संवेदना में आपके बारे में सोचते हुए” या “हमारा शोक संदेश स्वीकार कीजिये”। यदि आप नोट को संक्षिप्त रखना चाहते हैं ।यह तब और भी उपयुक्त है यदि आप जिस सहानुभूति कार्ड का प्रयोग कर रहे हैं उसके अंदर कविता भी छपी हो ।अन्य उपयुक्त संक्षिप्त मनोभावों के कुछ उदाहरण हैं:
    • “आप हमारे ख़यालों में हैं।”
    • ”हमारा ध्यान और प्रार्थनाएँ आपके साथ हैं।”
    • ”हमलोग आपके बारे में सोच रहे हैं।“
    • “इस कठिन समय में हम आपके लिए प्रार्थना कर रहें हैं।”
    • ”इस दुख की घड़ी में हम (मृतक) की याद को सँजो कर रखेंगे।“
    • “[मृतक] हमेशा हमारे ख़यालों में रहेंगे।“
  4. अगर आप मृतक को जानते हैं, तो यादों को सांझा करने के बारे में सोचिए: गुज़रनेवाले को अगर आप जानते थे लिखिए कि उनकी कमी आपको कितनी खलेगी, और अपनी कुछ यादों को सांझा कीजिये। सांझा दुख प्रतीत होने से कार्ड पानेवाले को इस खोने की घड़ी में कम एकाकीपन लगेगा। संक्षेप में उस व्यक्ति के बारे में कुछ विशेष कहिए या यह बतलाइए कि उस व्यक्ति का आपके जीवन में कितना महत्व था ।
  5. यदि आप कुछ शब्द इस बारे में लिखेंगे जिससे आप उस व्यक्ति को आमंत्रित करें कि वह आवश्यकता होनेपर आप से फोन पर बात कर सकते है या आपतक पहुँच सकते हैं तो संभवतः इसका स्वागत होगा ।
  6. अगर आप उस व्यक्ति को अच्छी तरह से जानते हैं, तो आप साधारण रूप से “सप्रेम” लिख सकते हैं, और फिर अपने हस्ताक्षर कर सकते हैं। अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को लिख रहे हैं जिसके लिए ऐसा समापन उपयुक्त नहीं होगा, तो इस तरह से समापन करिए जो आपकी भावनाओं और आपके उस व्यक्ति के रिश्ते को भली-भांति अभिव्यक्त करे। [१] For example:
    • ”देखभाल के विचारों के साथ”
    • ”प्रेमभरी यादों के साथ”
    • "सप्रेम”
    • ”प्रगाढ़ सहानुभूति के साथ”
    • ”आंतरिक शोक के साथ”
    • "हमारी हार्दिक सहानुभूति”
विधि 2
विधि 2 का 3:

विशेष स्थितियों में सम्बोधन

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  1. अगर आप मृतक को भली-भांति जानते थे तो आत्मीय संदेश लिखिए: प्राकृतिक रूप से आपके पास सांझा करने के लिए यादें होंगी, अगर आप गुजरनेवाले को जानते थे तो कुछ और भी बातें कहने के लिए होंगी। अपने विचारों को सहानुभूति कार्ड पर लिखने से पहले उन्हें एक अलग कागज पर लिखकर एक मसौदा बना लीजिये ।ज़रा सोचिए कि आप मृतक के बारे में क्या जानते थे, प्रकृतिक रूप से दिल से महसूस किया नोट लिखिए। यहाँ पर कुछ उदाहरण हैं:
    • प्रिय स्टीव , “हमलोग आश्चर्यजनक रूप से दुखी हैं कि जोन गुज़र गईं। वह दयालु, परवाह करनेवाली मित्र थीं जो हमेशा दूसरों के लिए समय रखती थीं, और हमसब उनसे स्नेह करते थे ।उनके विद्यार्थी हमेशा उन्हें एक समर्पित टीचर और आश्चर्यजनक रोल मॉडेल के रूप में याद करेंगे। अगर आपको रोज़मर्रा के काम के लिए, घर के सही संचालन के लिए, या किसी भी काम के लिए कोई भी मदद चाहिए, तो कृपया संपर्क करने में ज़रा भी संकोच मत कीजिये ।हमलोग आपसे स्नेह करते हैं और आप ही के बारे में सोंच रहे हैं। गहरी सहानुभूति के साथ, मारसिया और ल्यूक।“
    • ”प्रिय मेरी ऐन और जुआन, यह अभिव्यक्त कर पाना असंभव है कि संघर्ष के बाद तुम्हारी सुंदर बेटी के गुज़रने से हमसब कितने दुखी हैं। कितनी बहादुर, खुशदिल बच्ची थी वह। हम उसकी कमी हर दिन महसूस करेंगे। हमारा ध्यान और प्रार्थनाएँ आपके और आपके दोनों बेटों के साथ हैं। अगर हम कुछ भी कर सकते हैं, तो हमसे संपर्क करें। सप्यार, हैडेन और ड्वेन।
  2. अगर आप मृतक से कभी नहीं मिले थे तो हार्दिक शोक अभिव्यक्त करें: जबकि आप उस व्यक्ति की यादों को सांझा नहीं कर पाएंगे, आप उस व्यक्ति की प्रतिष्ठा के बारे में बात कर सकते हैं या साधारण रूप से यह बता सकते है कि आप अपने मित्र या उनके परिवार के सदस्यों की हानि से कितना दुखी हैं ।यहाँ पर कुछ उदाहरण हैं।:
    • प्रिय मौली, "मैं यह सुनकर बहुत दुखी हूँ कि आपके पिताजी गुज़र गए। जबकि मुझे कभी भी उनसे मिलने का मौक़ा नहीं मिला, मुझे मालूम है कि सेंट पॉल में सब उनके स्वैच्छिक कार्य की कितनी प्रशंसा करते हैं। यह कितना आश्चर्यजनक है कि आप उनके अंतिम दिनों में इतना समय उनके साथ गुज़ार सकीं। आप मुझसे संपर्क कर सकती हैं यदि आपको किसी भी चीज़ की आवश्यकता हो या सिर्फ बात करना चाहती हों। मैं आपके बारे में सोच रहा हूँ। सहानुभूति के साथ, जिम"
    • प्रिय विक्टर, "मैं आपके भाई हेक्टर के बारे में सुनकर बहुत दुखी हुआ। मैं जानता हूँ आप दोनों बहुत करीब थे। अगर मैं आपकी कोई भी मदद कर सकता हूँ, तो कृपया बात करने में संकोच न करें। हार्दिक शोक, अलीशिया”
  3. जब आप किसी के पालतू की मृत्यु पर सहानुभूति कार्ड भेजते हैं तब भी उसी तरह के हार्दिक मनोभाव अभिव्यक्त होने चाहिए। उस पालतू के बारे में कुछ ब्यौरा याद करने की कोशिश कीजिये जिसे आप शामिल कर सकें। यहाँ पर कुछ उदाहरण हैं: :
    • प्रिय लूसिया, "मुझे बहुत दुख है कि शैडो गुज़र गया। मुझे याद है जब आपने 13 वर्ष पहले उसे गोद लिया था। कितना अद्भुत साथी था वह। हमारा सैर पे जाना अब वैसा नहीं होगा जैसा कि जब वह तुम्हारी तरफ अपने छोटे छोटे कदम रखकर दौड़ता था। प्यार और आलिंगन, जूल्स”
    • बॉबी, "मैंने तुम्हारी प्यारी बर्डी के बारे में सुना। वह एक विशिष्ट बिल्ली थी। यह विश्वास करना बहुत कठिन है कि अगली बसंत ऋतु में वह गार्डेन में पहले की तरह उछलकूद नहीं करेगी जो उसको बहुत पसंद था, जब मौसम गरम होना शुरू होगा।"
विधि 3
विधि 3 का 3:

सहानुभूति कार्ड का शिष्टाचार जानना

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  1. अगर आपको किसी के निधन का पता सोशल मीडिया या ईमेल से चला है, यह ज़्यादा उपयुक्त होगा यदि आप नियमित मेल से कार्ड भेजें। चाहें तो स्टोर से सिंपैथी कार्ड खरीद लें, या अच्छी स्टेशनरी पर अपना नोट लिखें। नोट हाथ से लिखा हुआ या नीली या काली स्याही में टंकित होना चाहिए।
    • टेक्स्ट संदेश द्वारा शोक न अभिव्यक्त करें ।
    • यदि आप सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से शोक संदेश भेजते हैं, तो कार्ड भी भेजें।
  2. जबकि फूल छोटे नोट कार्ड के साथ आते हैं, एक सिंपैथी कार्ड अलग से भेजें जिसमे आप के हार्दिक शोक को अभिव्यक्त करने के लिए काफी जगह हो। इससे आपको मौक़ा मिलेगा कि आप स्वयं लिखें और हस्ताक्षर करें बजाय इसके कि फूलों की शॉप से छपा हुआ या कार्ड हो।
  3. जैसे ही आप किसी के निधन के बारे में सुनते हैं, जो सामान्य रूप से व्यक्ति के गुज़रने के कुछ दिन या सप्ताह बाद होगा, कार्ड भेजें, फिर भी, यदि उनके निधन के बारे में आपके जाने बिना महीने या साल गुज़र गए हों ।यदि आप कार्ड नहीं भेजते हैं, तो वह व्यक्ति सोच सकता है कि क्या आप परवाह नहीं करते हैं। जबकि देर से कार्ड भेजना थोड़ा बेढंगा लगता है, फिर भी बिलकुल न भेजने से बेहतर है। [२]
  4. जब तक वह व्यक्ति विश्वास का भागीदार न हो धार्मिक विषय न डालें: इतना कहना “मेरी प्रार्थनाएँ आपके साथ हैं” पर्याप्त है, लेकिन बाइबल के गदयांश या आपके धर्म के मत सिंपैथी कार्ड में देना दूसरी तरह से उपयुक्त नहीं है। कार्ड को पानेवाले का विश्वास उसमें होना आवश्यक नहीं है और इतने नाज़ुक समय में आप अपने विश्वास को ठूँसना नहीं चाहेंगे। अपने धर्म के बजाय सार्वभौम रूप से स्वीकृत प्रेम और सहानुभूति की अभिव्यक्तियों से चिपके रहें।
    • उदाहरण के लिए, ये कहना “मैं जानता हूँ वह अब स्वर्ग में हैं” उपयुक्त नहीं होगा, क्योंकि हो सकता है कि वह व्यक्ति स्वर्ग में विश्वास न करता हो।
    • फिर भी, यदि आप और वह व्यक्ति समान धर्म के हैं, तो उसके बारे में लिखना बिलकुल उचित है।
  5. अपने में विश्वास रखें कि आप ऐसा संदेश लिखेंगे जिसमें यथार्थ अभिव्यक्ति हो और कार्ड पानेवाले को यह पता चले कि आप उनकी परवाह करते हैं। कार्ड भेजना एक विचारशील चेष्टा है जिसको सराहा जाएगा। अपनी तरफ से भरसक प्रयास कीजिये कि नोट हार्दिक और सहलानेवाला हो। अगर आप लिखित नोट के द्वारा अभिव्यक्त करने में अपने को असमर्थ पाते हैं, तो कोई बात नहीं- अन्य तरीके भी होंगे जिनसे आप यह उस व्यक्ति को बता सकें कि इस कठिन समय में आप उनकी परवाह करते हैं।

सलाह

  • जैसे ही आपको निधन के बारे में पता चलता है आप सिंपैथी कार्ड भेजिये। आपको मुंह दर मुंह बात करने का मौका मिल सकता है, लेकिन कार्ड भेजना यह बताने के लिए कि वह आपके ख़यालों में हैं विचारशील और आदरसूचक है।

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • कार्ड
  • पेन
  • लिफ़ाफ़ा

विकीहाउ के बारे में

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