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स्कूल में यदि आप एक बेहतरीन स्पीच देते हैं तो ना सिर्फ अपनी टीचर बल्कि अपने साथियों का भी दिल जीत लेंगे | शायद आप फिल्मों में सुनाई जाने वाली स्पीच जैसा नहीं बोलेंगे, लेकिन यही तो सबसे बढ़िया बात है: लोग आपकी खुद की लिखी स्पीच को ज्यादा पसंद करेंगे | आईडिया चुनने से स्टेज के डर को मन से निकालने तक, इन क़दमों को अपनाकर अपनी स्पीच को यादगार बनाएं |

विधि 1
विधि 1 का 3:

स्पीच लिखना

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  1. आपकी पूरी स्पीच में आपको किसी एक विषय पर या उसी से जुड़े कुछ अलग अलग विषयों पर बात करनी होगी | आपकी स्पीच का विषय उसके उद्देश्य पर निर्भर होगा | ग्रेजुएशन स्पीच में आप अपनी स्कूल की यादें और अपने भविष्य की, स्कूल इलेक्शन में लोगों को इस बात का विश्वास दिलाएं की आप चुने जाने पर सही फैसले लेंगे, और क्लास असाइनमेंट स्पीच में किसी विषय पर बहस करेंगे |
    • अगर आपको समझ नहीं आ रहा क्या विषय चुनना है, तो कुछ कहानियां और तर्क लिखें जो आप अपनी स्पीच में शामिल कर सकते हैं | इनमें से सबसे बेहतरीन विषय चुनें और देखें उन्हें कैसे एक बना कर स्पीच लिखी जा सकती है |
    • विषय पर और राय जानने के लिए क्या करें और क्या नहीं करें देखें |
  2. अगर आपको लोगों को हँसाना अच्छा लगता है, तो मज़ाकिया स्पीच लिखें | अगर आप एक संजीदा व्यक्ति हैं, तो ऐसी बातें लिखें जो लोगों को सोच में डाल दे | याद रहे की स्पीच को हमेशा प्रेरणादायक विचार पर ख़त्म करें, ख़ास तौर से कोम्मेंसमेंट स्पीच अगर हो तो |
  3. छोटे वाक्य लिखें, और ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं करें जो सुनने वालों को समझ नहीं आयेंगे: लम्बे, इधर उधर भटकने वाले वाक्यों और पेचीदा बहस से बचें | एस्से लिखने से विपरीत, यहाँ आपको तकनीकी भाषा समझाने और पुरानी बातें दोहराने में परेशानी होगी | हर वाक्य को आसानी से समझे जाने वाला बनाएं | अगर छोटे बच्चे भी मोजूद होंगे, तो ऐसे शब्दों और विचारों को पेश करें जो उन्हें समझ में आयेंगे |
    • किसी भी बात को कॉमा डाल कर काटने की कोशिश नहीं करें | ये कहने के बजाय “हमारी टेनिस और बास्केट बॉल टीम जो जैसा हम सब जानते है दो साल पहले रीजनल चैंपियनशिप जीती थीं, उन्हें पैसों से मदद की ज़रुरत है”, “कहें हमारी टेनिस और बास्केटबॉल टीम ने दो साल पहले रीजनल चैंपियनशिप जीती थी | अब और स्कूल से प्रतिस्पर्धा करने के लिए हमें ज्यादा पैसों की ज़रुरत है |”
    • आप मजाक में एक या दो बार अपने स्कूल की स्लैंग भाषा में बोल सकते हैं, पर इससे ज्यादा नहीं, खास तौर से अगर श्रोताओं में पेरेंट्स भी हैं |
  4. या तो एक पूरा रफ़ ड्राफ्ट लिखें, या फिर अपने विषय से मिलते जुलती कई अलग अलग कहानियों और प्रेरणादायक कथनों को मिलाकर स्पीच लिखें | अपने विचारों और विवरण पर अडिग रहे | “मैं अपने स्कूल का नाम रोशन करूंगा” और “हमारी क्लास बढ़ी चीज़ें करेगी” जैसे वाक्यों के बजाय अपने विचार और भावनाओं को प्रकट करने से लोग उसे आगे भी याद रखते हैं |
    • ऐसा सन्देश चुनें, जो किसी एक विषय के बारे में बात करता हो मगर जिसे सभी श्रोता अपनी जिंदगी से जोड़ सकें. उदाहरण के तौर पर: "जिस हीरो ने आपको प्रेरणा दी उस जैसा बनें "(पर अपना विषय इस वेबसाइट से नहीं चुनें) |
    • आपकी कहानियां आपकी जिंदगी या इतिहास से जुड़ी हो सकती हैं, लेकिन आपको उन्हें किसी एक आम विषय से जोड़ना पड़ेगा | मसलन, आप अपने भाई या बहन की बीमारी में अस्पताल में भर्ती होने के बारे में कहानी बता कर, आगे जिंदगी में डर और कठिनाई पर जीत हासिल करने के बारे में बात कर सकते हैं |
    • अगर आपको जो आप लिख रहे अच्छा लग रहा है, मगर वह आपके विषय से विपरीत है तो आप अपने विषय को पूरी तरह से बदल या परिवर्तित कर सकते हैं | अगर आप फँस जाएँ तो कहानियों और अपने विषय के बीच में स्पीच को आगे बढ़ाते रहे |
  5. अपनी स्पीच को शुरू करने का कोई रोचक तरीका ढूँढें: एक लुभावनी और विषय से जुड़ी कहानी चुनें जो श्रोताओं का ध्यान आकर्षित कर ले और उसे आगे के सन्देश के लिए तैयार करें | पहले वाक्य पर थोड़ा ज्यादा ध्यान दें | [१]
    • एक मुश्किलों से भरी कहानी जैसे “जब में 10 साल का था, मैंने अपने पिता को खो दिया था” से शुरू कर श्रोताओं का ध्यान अपनी ओर करें |
    • अपने श्रोताओं को हंसाने के लिए जोक सुनाएं, कुछ ऐसा जो सब को समझ आ जाये "हेल्लो, जिस व्यक्ति ने एयर कंडीशनिंग इनस्टॉल की है उसके लिए ज़रा ताली तो बजाएँ" |
    • किसी सोच बदलने वाले विचार से स्पीच की शुरुआत करें | “हमारी गैलेक्सी में अरबों पृथ्वी जैसे ग्रह हैं, और हमने अभी बस उनकी खोज करनी शुरू की है”|
    • हो सकता है, कोई और आपकी पहचान कराएगा, और आपके कई क्लासमेट तो आपको पहले से जानते ही हैं | अगर कोई आपसे खुद अपनी पहचान देने को कहे तो ठीक, नहीं तो आप सीधे मुख्य बात पर आ जायें |
  6. आपके श्रोताओं को आपके विषय के बारे में स्पीच के आखरी कुछ वाक्यों से पहले पता चल जाना चाहिए | शुरुआत में ही लोगों को साफ़ तौर से बता दें की आप किस विषय पर बात करने वाले हैं |
    • पहले का एक उदहारण लें अगर आपका विषय है “जिस हीरो ने आपको प्रेरणा दी उस जैसा बनें” | आप दो या तीन वाक्यों में उस इंसान के बारे में बता सकते हैं, और फिर कहना “आप सबकी नज़र में ऐसा कोई हीरो है जिसने आपको प्रेरित किया है, लेकिन आपको सिर्फ उनके जैसा ही नहीं बनना है | आप ऐसे लोगों से भी आगे जा सकते हैं"|
  7. एक विचार से दूसरे पर स्वाभाविक तरीकों से जांयें. एक जोक से कूद कर सीधा कार दुर्घटना से बचने की कहानी मत बताने लगना | ये सोच लें की श्रोता हर खंड के बाद क्या महसूस और उम्मीद कर रही है | ये अच्छा है की आप उन्हें चौंकाना चाहते हैं, लेकिन ऐसा अपने विचारों से करें, किसी बिलकुल अलग विषय के बारे में बात करके उन्हें भ्रमित नहीं करें |
    • अगले विचार तक जाने के लिए “अब में ...... के बारे में बात करना चाहूँगा” और “पर हमें ये ...... याद रखना चाहिए” जैसे वाक्यों को शामिल करें | [२]
  8. ऐसे यादगार वाक्य से स्पीच ख़त्म करें जो लोगों का मन मोह ले: माहौल के मुताबिक, एक अच्छा जोक या एक सोच बदलने वाला विचार दो तरीकें हैं किसी स्पीच को ख़त्म करने के | अगर आप किसी बात पर बहस कर रहे हैं, तो उसके बारे में थोड़ा सा अंत में कहें और अपनी सोच पर अडिग बने रहें |
    • एक मजाकिया स्पीच को ख़त्म करने के लिए उसके अंत को बढ़ा कर जोक के साथ ख़त्म करें "| और जब आप कल मतदान करने जायेंगे, आप सही फैसला लेने की स्थिति में होंगे | अपने और अपने स्कूल के हितों की रक्षा के लिए बाद में हाथ ज़रूर धो लेना |आपको पता है कितने लोग उस मतदान पेटी को छूते हैं?"
    • अगर आप कोम्मेंसमेंट स्पीच दे रहे हैं, तो लोगों को भविष्य के बारे में आश्चर्यचकित कर दें | ये एक महत्वपूर्ण समय हैं और आपको उन्हें उसकी शक्ति समझने में मदद करनी है | "आज से कुछ सालों बाद, आप अपने बच्चे के आदर्श माँ –बाप होंगे | वो लेखक जो सबकी सोच बदल दे | वो इन्वेन्टर जो जीने के नए तरीके खोजता है | स्टेज पर आयें और हीरो बनने की कोशिश शुरू कर दें!”
  9. जितनी बार ज़रुरत हो स्पीच में बदलाव कर उसे बेहतर बनाएं: मुबारक हो, आपका पहला ड्राफ्ट तैयार है | रुकिए, आपका काम अभी पूरा नहीं हुआ है! एक अच्छी स्पीच लिखने के लिए, आपको उस पर काम करना होगा, उसके बारे में सोचना होगा, और शायद उसे फिर से लिखना भी पड़े|
    • किसी टीचर, परिवार के सदस्य या भरोसेमंद दोस्त से उसमें ग्रामर की गलतियाँ जांच करवा कर उनकी राय जानें | भाषा की अशुद्धियाँ इतनी अहम् नहीं हैं, क्योंकि आप तो उसे खुद से पढ़ेंगे |
  10. मैप, तसवीरें या अन्य किसी सामान का उपयोग क्लास असाइनमेंट के तहत दी गयी स्पीच के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि आपको कुछ भी क्लास के बाहर नहीं ले जाना है और आपके पास आगे लिख कर दिखने के लिए भी वस्तुएं होंगी | ग्रेजुएशन स्पीच के लिए आपको ऐसी किसी चीज़ की ज़रुरत नहीं होगी |
    • अगर आपके विषय में नंबर का बहुत इस्तेमाल होगा, तो उन्हें बोर्ड पर लिखने का विचार बनाएं ताकि श्रोताओं को वह नंबर याद रहें | [३]
  11. स्पीच को नोट कार्ड्स के रूप में लिखें और फिर अभ्यास करें: यहाँ पर कोई भी आपके द्वारा लिखा एस्से सुनने नहीं आया है | आपने जो भी लिखा है उससे आपको इतना परिचित हो जाना चाहिये की आप श्रोताओं की तरफ देखते हुए अपनी पूरी स्पीच बोल डालें | स्पीच को याद करने के लिए छोटे इंडेक्स कार्ड्स पर नोट्स लिखना एक बेहतरीन आईडिया “है” |
    • आपके नोट्स आपको अगले आने वाले महत्वपूर्ण तथ्यों की याद दिलाने के लिए होने चाहिए | “आगे जाकर हम पहलवान (बन्दे का नाम .....)की कहानी सुनेंगे” इस तरह से आपको हर बात लिखनी होगी |
विधि 2
विधि 2 का 3:

स्पीच का अभ्यास और स्पीच देना

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  1. क्या आपके पास इधर उधर चलने के लिए जगह है, या फिर आप एक ही जगह खड़े रहेंगे ? आप अपने नोट कार्ड्स, विजुअल ऐड और बाकी सामान को कहाँ रखेंगे ? एक बार आपकी स्पीच ख़त्म हो फिर आप इस सामान का क्या करेंगे ? [४]
    • जहाँ आपको स्पीच देनी है वैसे स्थान और स्थिति में स्पीच देने की कोशिश करें |
    • आम तौर पर, आपको स्पीच देते समय एक स्थान पर स्थिर खड़े रहना चाहिए | थोड़े बहुत हाथ के इशारे या कभी कभी नए स्थान पर जाना ठीक है, खास तौर से अगर वह आपका आत्मविश्वास बढ़ाने में, मदद करे | [५]
  2. अगर आपको एक कमरा भर कर लोगों से बात करनी है, अपनी आवाज़ को चीखे या फुसफुसाने के बजाय जोर से निकालने का प्रयत्न करें | अपने पैरों को कन्धों के बीच के अंतर जितना दूर रखें और पीठ को सीधा रखें | अपनी छाती के अन्दर से हवा निकाल कर अपने डायाफ्राम से बोलने का प्रयत्न करें | [६]
  3. आप कितनी देर में स्पीच पढ़ रहे हैं उस समय को मापें: ऊपर दी गयी तकनीकों का इस्तेमाल करें | अगर आपको स्पीच अच्छे से याद है, इंडेक्स कार्ड्स को काम में लायें | नहीं तो, कागज़ से पढ़ देना- भी ठीक है |
    • अगर आपकी स्पीच बहुत बढ़ी है, तो आपको उसमें से छोटा या फिर लम्बी कहानियों या विचारों को हटाना होगा | अगर आप कोम्मेंसमेंट स्पीच दे रहे हैं तो उसे ज्यादा से ज्यादा 10-15 मिनट का रखें | एक इलेक्शन स्पीच कुछ मिनटों से ज्यादा की नहीं होनी चाहिए, और आपकी टीचर आपको क्लास असाइनमेंट की स्पीच की समय अवधि बता देगी |
  4. धीरे धीरे बोलें और विचारों पर जाने से पहले रुकें: जब हम घबराये होते हैं तो जल्दी बोलना एक आम बात है | हर वाक्य के बाद थोड़ा ठहरें | हर खंड की समाप्ति के बाद, और दूसरे विचार पर जाने से पहले, थोड़ा ज्यादा देर रुकें और ऐसे दिखाएं जैसे आप श्रोताओं में बैठे कुछ लोगों की तरफ ऑय कांटेक्ट कर रहे हैं |
    • अगर आप जल्दी ही पढ़ना चाहते हैं, तो ये सोच लें की आप हर खंड पर कितना समय व्यतीत करेंगे और मिनट संख्या को इंडेक्स कार्ड या पैराग्राफ के ऊपर लिख लें | एक घड़ी को साथ में रख अभ्यास करें ताकि आपको पता चल सके की आप सही जा रहे हैं | [७]
  5. जब तब आप बिना देखें स्पीच नहीं पढ़ने लगें तब तक शीशे में देख कर बोलें: पहले स्पीच को जोर से पढ़ना शुरू करें और फिर अपनी छवि से ऑय कांटेक्ट बनाते हुए कागज़ की ओर देखना कम करते रहे | अंत तक, आपको सिर्फ इंडेक्स कार्ड्स पर लिखे नोट को देख कर स्पीच देना आ जाना चाहिए |
    • एक बार आपने मुख्य विचार लिख लिए तो हर बार अलग शब्दों का प्रयोग करें | सीधे रट्टा लगाने से बचें; अपने विचार को किसी नए शब्द के इस्तेमाल से समझाने से आपकी स्पीच ज्यादा प्रभावशाली लगती है |
  6. एक बार आपको जो लिखा है उसकी आदत हो जाये तो और बातों पर भी ध्यान दें: एक बार आप सभी विचारों को याद कर स्वाभाविक तरीके से उन्हें जोड़ने लगें, तो शीशे में ध्यान से देख कर और कोई परेशानी हो उस पर ध्यान देकर उसे ठीक करें |
    • अगर आप का चेहरा एक जैसा लग रहा है तो अपने चहरे के भावों को बदलने का अभ्यास करें | [८]
    • अपनी आवाज़ के टोन को बदलते रहें | अपनी स्पीच को ऐसे मत दिखाएं जैसे आप याद से हर शब्द बोल रहे हैं; यूँ लगना चाहिए जैसे आप साधारण बातचीत कर रहे हैं |
  7. अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों को इकठा कर उनसे आपका अभ्यास सुनने को कहें | आप शायद ऐसा करने से घबराएं, लेकिन इस तरह अभ्यास करने से असली स्पीच के लिए आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा |
    • स्पीच के दौरान श्रोताओं में बैठे अलग अलग लोगों से ऑय कांटेक्ट बनाने का प्रयत्न करें | किसी एक व्यक्ति को ज्यादा देर तक नहीं घूरते रहें |
    • किसी कोने में या बड़ी वस्तु के ओट में छुपने के प्रलोभन से बचें |
    • बैचेन नहीं हों, पैरों को थपथपाएं नहीं और घबराहट में इशारे करने से भी बचें | धीरे धीरे स्टेज के आगे पीछे चल कर अपनी घबराहट को कम करने का प्रयत्न करें |
  8. श्रोता आप को आपके विचारों या बोलने के तरीके के बारे में ऐसी कमियां बताएँगे जो आपने सोची भी नहीं होंगी | उनके सुझावों को विनम्रता से सुनें; आपको ये बता कर की आपको क्या सुधार करने की ज़रुरत है वो आप पर एहसान कर रहे हैं |
  9. स्पीच वाले दिन अपने आत्मविश्वास पर काम करें : एक रात पहले जल्दी सोयें और एइसा पौष्टिक खाना खाएं जिससे आपका पेट सही बने रहे | स्पीच देने से पहले किसी और गतिविधि में मन लगा कर स्पीच से थोड़ा ध्यान हटा लें |
    • अच्छे से तैयार होने से ना सिर्फ आपका आत्मविश्वास बढ़ता है बल्कि आपको श्रोताओं की इज्ज़त और ध्यान भी मिलता है |
विधि 3
विधि 3 का 3:

क्या करें और क्या नहीं करें

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  1. आपको थोड़ा सा समय अपनी योग्यता बताने में लगाना चाहिए, लेकिन बाकि की स्पीच में आपको ये बताना होगा की यदि आप जीत गए तो आप किस प्रकार बदलाव काना चाहेंगे | अगर हो सके, तो इन सब को मिलाकर एक यादगार श्रेणी या सन्देश बना दें |
  2. (कोम्मेंसमेंट स्पीच) के लिए उपयुक्त विषय का चयन करें: ये कुछ आम विषयों के उदाहरण हैं, हांलाकि आपको कोशिश करनी चाहिए की एक आप इनको बिलकुल नए और विशिष्ट विषय में परिवर्तित कर दें | [९]
    • कुछ ऐसी निजी या क्लास से जुड़ी यादें जिनसे कई लोग अपनापन महसूस कर सकें, जैसे स्कूल में आपका पहला दिन |
    • मुसीबतों को पार करना | बताएं की कैसे आपके क्लासमेटस ने पढ़ाई, पैसे और सेहत से जुड़ी समस्याओं को पार किया और अब गर्व महसूस कर रहे हैं की इस पढ़ाव पर खड़े हैं |
    • अपने क्लासमेटस में मोजूद विविधता और स्कूल में उनके व्यक्तित्व, अनुभव और शौक के बारे में बताएं | ये कहें की कैसे इन में से कुछ लोग अलग अलग तरीकों से दुनिया में बदलाव लायेंगे |
  3. आप अपने आपको एक बेहतरीन लेखक नहीं मानते होंगे, पर कुछ ऐसे फैसले होंगे जिन्हें ले कर आपकी स्पीच और रोचक बन सकती है | [१०]
    • अपने श्रोताओं से सीधे बात करें | जवाब की उम्मीद किये बिना उनसे सवाल पूछें, इससे वह उन बातों पर सोचने को, मजबूर हो जायेंगे |
    • तीन के गुट में बात करें | इन्सान का दिमाग बातों को दोहराता है, और ख़ास तौर पर तीन बार | एक ही शब्द के गुट से तीन वाक्यों की शुरुआत करें, और आने वाले वाक्य को थोड़ा तेज़ बोलें |
    • भावनात्मक भाषा बोलें. अपने श्रोताओं को तथ्यों की सूची देने के बजाय, उनके भीतर से एक सशक्त भावनात्मक जवाब निकालने की कोशिश करें |
  4. अगर आपको अपने विषय के लिए उपयुक्त लगे, तो आप अपनी टीचर, माँ बाप और ज़िन्दगी में मोजूद और लोगों को धन्यवाद कहें | पर अगर किसी रोचक कहानी का हिस्सा नहीं हो तो ज्यादा विस्तार में नहीं जाएँ; नहीं तो श्रोता ऊब कर भ्रमित हो सकते हैं |
  5. ऐसे सन्दर्भों में बात करें जो आपके श्रोताओं को समझ में आयें, और बाकी सब को भूल जायें: किसी लोकप्रिय फिल्म या स्कूल में हुए किसी मशहूर घटना से जुड़ी कोई बात बताने से आपके श्रोताओं को ख़ुशी होगी पर ये तकनीक आप कुछ ही बार इस्तेमाल कर सकते हैं |
    • ऐसी कहानियां ‘’’नहीं’’’ बताएं जो सिर्फ कुछ दोस्तों को पता होंगी | अगर कमरे में पेरेंट्स मोजूद हैं तो ऐसे सन्दर्भ नहीं दें जिसके बारे में आपकी पूरी क्लास को मालूम होगा |
  6. ख़ास तौर से ग्रेजुएशन स्पीच में सब एक ही जैसी बातें बोलते हैं | अगर आप इनको कम कर सकें, तो लोग आपकी बातों को ध्यान से सुनेंगे | आगे हैं कुछ ऐसे वक्तव्य जो सब ग्रेजुएशन स्पीच में बोलते हैं | [११]
    • दुनिया को बदलें!
    • आज आपकी शिक्षा का आखरी नहीं, बल्कि पहला दिन है |
    • भविष्य आपका है |
    • अगर में जीत गया, तो में सभी छात्रों की आवाज़ बनूँगा |
    • ये बदलाव का समय है!
  7. स्पीच वो मौका नहीं होता जिसमें आप मज़ाक में भी किसी और छात्र की बेईज्ज़ती कर सकतें हैं | चुनाव में भी अगर आप अपने विपक्षी उम्मीदवार पर हमला करने के बजाय, अपनी खूबियों की बात करेंगे तो लोग आपको ज्यादा पसंद करेंगे |
    • अगर आप हाई स्कूल कोम्मेंसमेंट स्पीच दे रहे हैं, तो याद रखें की आपकी क्लास में हर व्यक्ति कॉलेज नहीं करेगा | अपनी शिक्षा का मजाक बनाते हुए ये नहीं कहें की उससे आप एक “ख़राब “ नौकरी से बच जायेंगे; हो सकता है वो नौकरी कोई पैरेंट कर रहा हो | [१२]

सलाह

  • श्रोताओं में सिर्फ एक इंसान की तरफ नहीं देखकर सभी लोगों की तरफ देखें |
  • अपने श्रोताओं को किसी प्रकार से नाराज़ और बेइज्ज़त नहीं करें |
  • शुरू करने से कहले दिवार पर कोई एक स्थान देख लें जहा आप अपने ध्यान को केन्द्रित रखेंगे | स्पीच के दौरान हर वाक्य के बाद उस स्थान को देखें | इससे आपके श्रोताओं और टीचर को लगता है की आप ऑय कांटेक्ट कर रहे हैं !
  • अपनी स्पीच को बार बार अध्ययन कर, याद कर लें |
  • भावों के इस्तेमाल से श्रोताओं का मनोरंजन करें |

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • कागज़
  • लिखने के लिए उपकरण
  • इंडेक्स कार्ड्स

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