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आप बहुत अच्छे मूड में हैं। आप का दिन बहुत अच्छा गुजर रहा है। अचानक "वह एक इंसान" आप के सामने आता है। वही जो हर समय आप को तुच्छता का अनुभव कराता है और गुस्सा दिलाता है। ये वही इंसान हैं, जो आप को हानि पहुँचा सकता है, इन्हें अपनी ज़िंदगी बरबाद ना करने दें। ये सिर्फ़ तभी ऐसा कर सकते हैं, जब "आप" इन्हें ऐसा करने देंगे।

विधि 1
विधि 1 का 3:

इस तरह की ज़हरीली सोच वाले लोगों की पहचान करना

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  1. हम सभी की ज़िंदगी में एक मध्यम दौर आता है। लेकिन ऐसा समय जब किसी ज़हरीले इंसान के जीवन में आता है, तो वो इसे हर किसी के सामने लाने की कोशिश करते हैं, वे नहीं चाहते कि वे अकेले इस दौर से गुजरें। और उन्हें लगता है, कि उन के पास मौजूद हर किसी को उन के ही तरह दुख का अनुभव हो। इस तरह के लोगों में पाए जाने वाले लक्षण: [१]
    • चिड़चिड़ापन, नकारात्मक ऊर्जा।
    • निरंतर किसी ना किसी बात का रोना और शिकायत करना।
    • हमेशा आप के साथ रहना और आप पर निर्भर रहना।
    • आलोचक, हर किसी की आलोचना करना।
    • नकारात्मक और निंदक दृष्टि।
  2. अपने अंदर की आवाज़ सुनें, यदि कोई आप को दुखी और असहज महसूस करवाता है, तो उन से दूरी बना लें: जब भी आप किसी स्टोर पर कुछ सामान लेने जाते हैं, तो जाते ही आप वहाँ के कैशियर का मूड तो समझ जाते हैं। बिल्कुल, आप इसे उस के साथ हुई बातचीत के ज़रिए पहचान सकते हैं। आप ऐसी ही पहचान अपने मित्रों की भी कर सकते हैं! भले ही वो आप को ना बताए, लेकिन आप पहचान सकते हैं, कि कुछ गड़बड़ है, और यह भी जान सकते हैं, कि किन लोगों को अपने जीवन से बाहर करना है। खुद पर विश्वास रखें -- यहाँ ऐसे बहुत सारे लोग मौजूद हैं, जो खुश रहते हैं, और खुशी बाँटते हैं, तो आप भी क्यों ना ऐसे ही लोगों का साथ पाएँ।
  3. उन के शारीरिक हाव-भाव और बोलने के अंदाज़ पर ध्यान दें: लोगों के द्वारा बोली जा रही बातों के अलावा उस के पीछे की आवाज़ सुनने की कोशिश करें, या यूँ कहिए कि, जो वो नहीं बोल रहे हैं, उसे सुनने की कोशिश करें। बिल्कुल, आप इसे सुन सकते हैं। लोग आप से किस तरह से बात करते हैं? कुछ बोलते समय उन के अंदर कैसे विचार जन्म लेते हुए समझ आते हैं?
    • बुरी शारीरिक हाव-भाव में लोग, उदास, सुस्त किशोर की तरह, झुके हुए कंधे, आँखों के संपर्क की कमी, भारी, प्रतिरोधात्मक मुद्रा में नज़र आते हैं। [२]
    • अच्छी मुद्रा में सीधी पीठ, पीछे की ओर कंधे, ठुड्डी ऊपर और आँखों का संपर्क शामिल है। [३]
  4. गुस्से को महसूस करने के लिए अपनी आँखे और कानों को खुला रखें: इस तरह के विषैले लोगों में, गुस्सा, चिल्लाना और नकारात्मक आलोचना के लक्षण देखने को मिलते हैं। गुस्से में इंसान को किसी की मदद की ज़रूरत होती है, लेकिन इस का मतलब यह नहीं है, कि आप वहाँ उन के गुस्से को अपने ऊपर झेलने खड़े हो जाएँ। इस तरह के लोग, कभी-कभी आप के अंदर भी गुस्से को जन्म देने में कामयाब हो जाते हैं। तो बेहतरी इसी में है, कि ऐसे लोगों से दूर हो जाएँ और कुछ खुशमिज़ाज़ लोगों का साथ पाने की कोशिश करें।
    • ऐसे लोग जिन का अपनी भावनाओं पर नियंत्रण होता है, उन्हे कभी किसी के ऊपर चिल्लाने की ज़रूरत नहीं होती, तो इस बात को भी ध्यान में लेकर आगे बढ़ें।
    • शांत और अंदर ही अंदर पनप रहे गुस्से को भी देखें। कुछ लोग ज़्यादा तो नहीं बोलते, लेकिन अपनी भावनाओं को अंदर दबा कर रख लेते हैं। ऐसे लोग किसी और समय पर, जबकि उन के गुस्से में आने का कोई कारण भी ना हो, चिल्लाना शुरू कर देते हैं।
    • यदि आप को गुस्सैल लोगों के साथ में काम करना पड़ रहा है, तो कभी भी उन के गुस्से के सामने झुकें नहीं -- इस तरह से आप उन को और भी बढ़ावा देंगे। यदि वे गुस्से में दिखें, तो आप शांत और प्रोफेशनल रहें और वहाँ से चुपचाप बाहर निकल जाएँ। उन्हें उस समय आप के इस बर्ताव पर गुस्सा आएगा, लेकिन बाद में उन्हें सब समझ आ जाएगा।
  5. क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं, जिसे हर बात में कुछ ना कुछ बुराई नज़र आती है? ये लोग हर समय कोई ना कोई शिकायत करते रहते हैं, इन्हें कभी कुछ सही नज़र नहीं आता और ये हर चीज़ से नफ़रत करते हैं। ये लोग एक अच्छी परिस्थिति को भी खराब कर सकते हैं। [४]
    • नकारात्मक दृष्टि के साथ वाले लोग, हमेशा ही अपने दुख में डूबे रहते है, और चाहते हैं कि हर कोई इस से भी ज़्यादा दुखी हो।
    • ऐसे लोगों की ओर ध्यान दें, जो अपनी असफलताओं और दुख के बारे में भी मुस्कुराते हुए बताते हैं। ऐसा कोई भी व्यक्ति, जो दूसरों की असफलताओं की निंदा करे, भी विषैले व्यवहार के हो सकते हैं, लेकिन इन्हें नकारा भी जा सकता है।
  6. असुरक्षित भावना वाले लोग, अपनी खुद की पहचान को बनाए रख पाने में असमर्थ होते हैं, और हर समय दूसरे लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने की मंशा बनाए रखते हैं। जब लोग उन पर ध्यान नहीं देते तो इन के मन में उसे पाने की लालसा उत्पन्न हो जाती है और ये किसी ना किसी तरह इसे पाने के तरीकों को खोज लेते हैं। और कोई भी अपने जीवन में इस तरह का ड्रामा नहीं चाहेगा। [५]
    • दया की याचना करना ("आज मेरा बिल्कुल भी काम नहीं हुआ") इस तरह की बातें भी विषैले लोगों में पाई जातीं हैं।
    • इस तरह के लोग हर समय अपने आप को वहाँ मौजूद हर किसी से ऊपर जताते हैं, या हर समय किसी भी बात के विषय को घुमा फिरा कर कैसे भी अपने ऊपर ले आते हैं।
  7. इस तरह के गपशप करने वाले और अफवाह फैलाने वाले लोगों को खुद से दूर रखें: इस तरह की गपशप से आप के मन में ईर्ष्या की भावना जागृत होगी। गपशप करना कभी-कभी बहुत मजेदार लगता है, और इस से आप को गपशप करने वाले के साथ में निकटता का नुभव भी होता है। यदि आप कभी भी गपशप करते पाए गये हैं, तो ऐसा मत समझिए कि सिर्फ़ आप ही ऐसा करते हैं, बिल्कुल हर किसी को गपशप करने में मज़ा आता है। लेकिन आप को एक बात का ध्यान रखना चाहिए, जो नियमित रूप से गपशप करते हैं, उन के लिए आप भी कभी ना कभी चर्चा का विषय बन सकते हैं।
    • इस तरह के लोग हर समय अपनी तुलना किसी और के साथ करते हुए पाए जाते हैं, जो शायद अपनी असफलताओं और निराशाओं से उभरने का एक बेहतर तरीका भी है। लेकिन, अपने आसपास के लोगों के बारे में सोचने के बजाय पहले अपने ही बारे में सोचें, आप की अंतरआत्मा सब जानती है।
विधि 2
विधि 2 का 3:

विषाक्त लोगों से निपटना

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  1. एक बार खुद से बहुत ईमानदारी के साथ एक सवाल करें, क्या आप का कोई दोस्त इस तरह के (विषाक्त) व्यवहार वाला है: क्या आप के जीवन में मौजूद लोग आप को अच्छा करने को प्रेरित करते हैं या आप उन की नकारात्मकता को ग्रहण करते जा रहे हैं? क्या यहाँ ऐसे लोग हैं, जो आप को बुरा महसूस कराते हैं, या फिर आप अच्छा महसूस करते हैं, जब आप वहाँ से निकल जाते हैं? अपने मित्रों को इस तरह से अलग करना एक बहुत कठिन काम है, लेकिन आप को यह करना होगा।
  2. नुकसान पहुँचाने वाले व्यवहार को नियंत्रित करने या ढँकने की कोशिश ना करें -- यह आप को भी प्रदूषित कर देगा: हानि पहुँचाने वाले लोग तभी तक इस श्रेणी में आते हैं, जब तक ये आप को बुरी तरह से हानि पहुँचाते हैं। आप गुस्सैल लोगो के साथ भी मित्रता रख सकते हैं। आप नकारात्मक लोगों से भी मित्रता रख सकते हैं। व्यक्तियों को, वो जैसे भी हैं, उसी रूप में अपनाएँ, लेकिन उन्हें आप की ज़िंदगी को प्रभावित ना करने दें।
    • हर एक व्यक्ति आप का मित्र नहीं रहने वाला! ऐसा ही होता है।
    • नकारात्मक विचारों की भी एक सीमा होती है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति हर समय गुस्से में रहता है और नकारात्मक विचार लेकर चलता है, तो ऐसे लोगों से बिल्कुल दूर हो जाएँ।
  3. लोगों से सहानुभूति रखें, लेकिन इन्हें बदलने की कोशिश बिल्कुल ना करें: खुद से सवाल करें, हो सकता है सामने वाले व्यक्ति के इस तरह के बर्ताव के पीछे कोई कारण रहा हो। क्या उन के जीवन में कुछ सही नहीं है? क्या उन की नौकरी में या घर में कोई तनाव है? याद रखें, आप अपने अलावा और किसी व्यक्ति को नहीं बदल सकते, तो किसी भी तरह के बहाने ना बनाएँ। उन की परिस्थितियों को समझने की कोशिश करें -- इस तरह से आप को उन के इस बर्ताव से निपटने में आसानी होगी। [६]
  4. यदि आप किसी के द्वारा बोली जा रही बातों को पसंद नहीं कर रहे हैं, तो उस पर ध्यान देना बंद कर दें। चर्चा में मौजूद किसी सकारात्मक और रचनात्मक भाग पर ध्यान दें और यदि वह नकारात्मकता की ओर आगे बढ़ने लगे तो आप अपनी किसी और सोच में डूब जाएँ।
    • नकारात्मकता का भी सकारात्मकता के साथ सामना करें। यदि वे किसी चीज़ की बुराई करते हैं, तो आप उस में मौजूद अच्छाई को उन के सामने लाएँ। जैसे वे बोलें कि "स्कूल एक बहुत बेकार जगह है", तो आप कह सकते हैं "क्यों कितना अच्छा तो है, यहाँ पर कम से कम लंच तो कर सकते हैं"। ये लोग अपनी नकारात्मकता को आगे किसी और स्तर पर ले जाएँगे।
    • चर्चा के विषय को बदल दें। जब भी यह व्यक्ति चर्चा को नकारात्मकता की ओर ले जाने की कोशिश करे, तो आप इस का विषय बदल सकते हैं। [७]
    • किसी भी समस्या के समाधान की तलाश करें।
  5. विषाक्त लोगों से ठीक उसी तरह से बचने की कोशिश करें, जिस तरह आप कीचड़ से बचते हैं: यदि आप अपनी ज़िंदगी में विषाक्त लोगों के द्वारा फैलाई हुई नकारात्मकता का सामना करने में परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो उन लोगों के साथ मेल-जोल को कम कर दें। आप लोगों के बर्ताव को नहीं बदल सकते, तो कम से कम उन से बच तो सकते हैं।
    • यदि आप हर दिन इन के साथ चर्चा की शुरुआत करते हैं, तो इसे बंद कर दें। यदि ये लोग भी पहल करना बंद कर देते हैं, तो आप भाग्यशाली है!
    • यदि वह आप के सामने किसी भी चीज़ की बुराई करता है, तो आप ईमानदार रहें। और उसे कहें "मैं तुम्हारी इस नकारात्मकता के साथ और नहीं रह सकता। तुम जब कभी भी इस तरह की बातें करते हो, मेरा दिमाग़ खराब हो जाता है। सच में मुझे तुम बहुत अच्छे लगते हो, लेकिन मुझे लगता हैं, कि हमें एक-दूसरे से दूर रहना चाहिए।"
  6. यदि कोई सच में, उस की नकारात्मकता के साथ आप के स्वास्थ्य को और सुखी जीवन को प्रभावित कर रहा है, इस रिश्ते को ख़त्म कर दें। इस से कष्ट तो होगा -- इस में कोई शक नहीं है -- लेकिन यह इस व्यक्ति के साथ रहकर सारे जीवन में मिलने वाले दर्द से तो कम ही होगी।
    • उसे कहें, "मैं तुमसे बात तो करना चाहता हूँ, लेकिन सिर्फ़ तभी जब तुम सकारात्मक बातें करोगे।" यदि ऐसा नहीं होता है, तो उन्हें अपने जीवन से बाहर निकालने से बिल्कुल ना घबराएँ।
विधि 3
विधि 3 का 3:

खुद को विषाक्त बनने से बचाना

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  1. आप के लिए क्या ज़रूरी है? लोगों की बातों को सुनें, लेकिन करें वही, जो आप करना चाहते हैं। आप ही अपनी ज़िंदगी को तय करेंगे, ना कि आप के आसपास मौजूद इस तरह के विषैले लोग। यदि वे इसे नहीं स्वीकार कर सकते, तो आप को ऐसे लोगों की कोई ज़रूरत नहीं।
    • एक पेपर पर अपने अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाएँ लिखें। इसे दीवार पर किसी ऐसी जगह पर लगाएँ, जहाँ से आप का ध्यान इस पर कभी भी जा पाएँ। इस तरह से भी आप को अपना ध्यान नकारात्मकता से हटाकर अपने लक्ष्यों पर लगाने में मदद मिलेगी। [८]
  2. बहुत से लोग इस तरह की बातें कहा करते हैं "मेरे माता-पिता चाहते थे क़ि मैं ये करूँ, तो मैने किया", या "मेरी बहन ने मुझे ऐसा करने की सलाह दी, तो मैने मान ली।" क्या आप अपनी ज़िंदगी के सारे निर्णय अन्य लोगों की सोच से करना चाहते हैं? आप अपना रास्ता खुद बनाएँ और फिर इस के चाहे जो भी परिणाम हों, स्वीकार करें।
    • खुद को, अन्य लोगों को या उन के नज़रिए पर निर्भर ना रहने दें। जैसे कुछ ऐसा कहना "मैं आज कहीं और होता, यदि मैने ऐसे किया होता" भी कुछ ऐसा कहने "मैं अपनी ज़िंदगी का ज़िम्मेदार नहीं हूँ" का ही एक तरीका है। यह सच है, कभी-कभी हमें अन्य लोगों के नज़रिए को ध्यान में रखकर निर्णय करना पड़ते हैं। लेकिन हर समय ऐसा करना आप के लिए ग़लत भी साबित हो सकता है।
  3. कुछ खुशमिज़ाज़ और स्वस्थ्य लोगों का एक समूह बनाएँ: आप क्यों ऐसे किसी के साथ समय बिताएँ, जिस के आसपास भी नहीं रहना चाहते? कुछ ऐसे लोगों की तलाश करें, जो आशावादी और खुश हैं। आप की मुस्कान, आप के दुश्मनों को रोकने के लिए काफ़ी होगी। [९]
    • यदि आप चाह कर भी ऐसे लोगों से दूर नहीं हो पा आहे हैं, तो अपना शहर, अपनी नौकरी या अपना घर बदल लें। और कुछ ऐसे लोगों के साथ में नई शुरुआत करें, जो आप को ऊपर उठने में मदद करें, ना कि नीचे गिराए।
  4. आप जिस सकारात्मकता को अपने आसपास देखना चाहते हैं, आप भी उसे अपनाएँ: खुद को इस तरह के लोगों से दूर करने के लिए, अपने ज़ीवन में मौजूद कुछ बड़े-बुजुर्गों से प्रेरणा हासिल करें। मुस्कुराएँ, धन्यवाद करें, आँखों का संपर्क साधे और हर वो चीज़ करें, जो आप एक सामान्य और साधारण इंसान से पाना चाहते हैं। अच्छा बनना कोई बहुत कठिन काम नहीं है, लेकिन कुछ लोगों को आप की अच्छाई की ज़रूरत नहीं होती।
  5. यदि आप नियमित रूप से अपने आसपास मौजूद लोगों की नकारात्मकता से लड़ रहे हैं, तो आप को खुद को तनाव-मुक्त करने की बहुत ज़्यादा ज़रूरत है। कुछ ऐसी चीज़ों की तलाश करें, जो आप को शांत करने में सहायता करें और जब भी आप को ऊर्जा की ज़रूरत हो, तो ये आप की मदद कर सकें। जैसे कि:
    • मेडिटेशन
    • योग
    • पैदल चलना
    • मार्शल आर्ट
    • म्यूज़िक सुनें, किताबें पढ़ें या मूवी देखें

सलाह

  • हर दिन में कुछ ना कुछ ऐसी बात ज़रूर तलाशें, जिस पर आप को आभार हो।
  • जहाँ तक हो सके, नकारात्मक लोगों के साथ में कम से कम समय बिताने की कोशिश करें। भले ही ये सिर्फ़ 5 मिनिट हों, लेकिन इन्हें अपने सकारात्मक और अच्छे मिनिट बनाने का प्रयास करें।
  • यदि लोग आप को एंटी-सोशल समझते हैं, तो इस बात की चिंता ना करें, यदि आप कुछ लोगों से दूरी बनाकर रखना चाहते हैं, तो रखें। आप के लिए क्या सही है, ये दूसरे लोग नही, आप तय करेंगे।
  • एक अच्छा सा फोटो फ्रेम बनाएँ, जिस पर धन्यवाद; का एक नोट लिखा हो और इसे किसी ऐसी जगह पर रखें, जहाँ से आते-जाते समय इसे देखा जा सके।
  • अपने रिश्तों को तब तक परखते रहें, जब तक ये आप की जीवन का एक हिस्सा ना बन जाएँ, और इन के बिना आप का रहना मुश्किल हो जाए।
  • कुछ रिवर्स साइकोलोजी का प्रयोग करें। जहरीले लोग, विशेष रूप से जोड़तोड़ करने वाले (manipulators), आमतौर पर आपको, उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ भी करने को विवश करने की कोशिश करेंगे। यदि आपका सामना इस तरह की किसी रिक्वेस्ट से होता है तो पाँसा उन्हीं की तरफ पलटने की कोशिश करें। अगर वे आत्म-जागरूक हैं, तो वे शांत हो जाएंगे। यदि नहीं, तो आपको वहां से जाने की जरूरत है।
  • खुद को बचायें। अगर आप पहले से ही किसी टॉक्सिक रिलेशनशिप में हैं तो ये जानना और अपने मौलिक अधिकारों को समझना जरूरी है। मत भूलिए की:
    • आप भी रिस्पेक्ट डिसर्व करते हैं।
    • आपकी फीलिंग्स और भावनाओं की भी कुछ कीमत है।
    • आप भी खुशियां और मेंटली हेल्दी लाइफ डिज़र्व करते हैं।

चेतावनी

  • आप की सामाजिक ज़रूरतों का भी ध्यान रखें। हर चीज़ की एक सीमित होना चाहिए, ताकि यह कभी भी हद से आगे ना बढ़ पाए।
  • कई बार कुछ ऐसे लोग, जिन्हें मानसिक बीमारी होती है या जो खुद ही किसी तरह के विषाक्त व्यक्ति के द्वारा दुखी हो चुके होते हैं, उन में भी इस तरह के लक्षण पनप आते हैं। यदि वे आप के साथ बदतमीज़ी करते हैं, तो उन से दूर हो जाएँ, चाहे कुछ भी क्यों ना हुआ हो, आप किसी की बदतमीज़ी सहने के लायक तो नहीं होंगे। यद्यपि, वे ज़रूरतमंद हैं लेकिन भावनात्मक या अन्य किसी भी तरह से आप के साथ बदतमीज़ी नहीं करते हैं, तो शायद ये लोग आप को हानि पहुँचाने वाले नहीं हैं, और जहाँ तक हो सके, इन की मदद करने की कोशिश करें।
  • भले ही आप उस की सहायता का साधन बनना चाहते हैं, लेकिन एक बात हमेशा याद रखें, कि आप उन्हें पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकते। आप किसी कठिन परिस्थिति में शायद उन के साथ नही रह सकेंगे।
  • नार्सिसिस्टिक (Narcissistic), एंटीसोशल (Antisocial), बॉर्डरलाइन (Borderline) और हिस्ट्रिॉनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर्स (Histrionic Personality Disorders), ये सब व्यक्तित्व के विकार हैं। इन चारों का उपचार करना, किसी सुशिक्षित थेरपिस्ट के लिए भी बहुत कठिन होता है और ये चारों ही व्यक्तित्व, एक हानि पहुँचाने वाले व्यक्तित्व का कारण हैं। इस परिस्थिति में जहाँ तक हो सके, सहायता का साधन बनने की कोशिश करें, विशेष रूप से जब वह व्यक्ति, उस के लिए ज़रूरी मदद की तलाश ना कर पा रहा हो।

विकीहाउ के बारे में

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