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एक अच्छी बेटी बनने के लिए आपको अपने पेरेंट्स (माता-पिता) को यह एहसास कराना होगा कि आप उनको प्यार करती हैं और उनका सम्मान करती हैं | यह दर्शाने का कोई एक तरीका नहीं है, क्योंकि हर परिवार अलग-अलग प्रकार के होते हैं, पर इसका अर्थ यह है कि आपको अपने पेरेंट्स की बात मानना चाहिए, जिम्मेदार बनना चाहिए और घर के कामों में उनका सहयोग करना चाहिए, इसके अलावा आप साफ दिल की, ईमानदार और उदार बनें | चाहे आप अपने पेरेंट्स के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रही हों या फिर अपने बिगड़े हुये रिश्तों को सुधार कर पेरेंट्स का दिल जीत रही हों, हमेशा ज़िम्मेदारी निभाना एक अच्छी बेटी बनने का बड़िया तरीका है और अपने पेरेंट्स को जताएँ कि आप उनके लिए कितने खास हैं |

विधि 1
विधि 1 का 3:

ज़िम्मेदारी निभायें

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  1. यह निश्चय करें कि अपने पेरेंट्स के बोले या बताए बिना ही आप घर के काम में उनकी मदद करेंगी | उसके बाद आप अतिरिक्त कामों की ज़िम्मेदारी ले सकती हैं | घर के कामों को करते समय आप सिर्फ अपने कमरे की सफाई ही न करें बल्कि बाकी के कमरे जैसे लिविंग रूम (बैठक) और डाइनिंग रूम की सफाई भी करें | आपके इन कामों से पेरेंट्स खुश हो जाएंगे | [१]
    • घर के कार्यों को निपटाने में कोई लापरवाही या जल्दबाज़ी न करें | अपना काम अच्छा और साफ-सुथरा करें |
    • छोटे-छोटे कामों को करने पर ध्यान दें, जैसे कि भोजन के बाद आप डाइनिंग टेबल साफ कर सकती हैं |
  2. यदि आपका कोई छोटा भाई या बहन है तो उसके काम में अपने पेरेंट्स की मदद करें | यदि आप उसके डाइपर बदल दें, दूध की बोतल तैयार कर दें या फिर उसका होमवर्क पूरा करने में मदद कर सकती है | यदि आप थोड़ी बड़ी हैं तो जब आपके पेरेंट्स बाहर जाएँ तब अपने छोटे भाई या बहन को घर पर संभाल सकती हैं |
    • यदि आप घर पर अकेले रुक सकती हैं तो आपके पेरेंट्स छोटे बच्चे को आपके पास छोड़कर जा सकते हैं |
    • आप अपने पेरेंट्स से यह पूछ सकती हैं कि “मम्मी और पापा सुनिए, आप पहले भी मुझे कई बार घर पर अकेले छोड़ कर गए हैं, तो मैं आपको यह बताना चाहती हूँ कि यदि आप दोनों बाहर डिनर करना या मूवी देखना चाहें, तो मैं अपने छोटे भाई/बहन को संभाल सकती हूँ |”
  3. जब भी आपके पेरेंट्स आपको कोई सलाह दें या कोई जरूरी बात बताएं तो उसे ध्यान से सुनें | क्योंकि वे बहुत अनुभवी होते हैं और आपको जीवन का कोई भी अनुभव नहीं होता, इसलिए उनके ज्ञान और अनुभवों का सम्मान करें | यदि आप उनकी सलाह मानकर अपने जीवन में उसको अपनाएँगी तो आप वे गलती नहीं करेंगी, जो आपके पेरेंट्स से हुई होंगी |
    • जैसे कि, मान लीजिये यदि आपके पेरेंट्स आपसे धीमे ड्राइविंग करने को बोलते हैं, तो आप दृढ़ता से उनकी बात मानें | यदि आपके किसी साथी पर उनको भरोसा नहीं है तो आप भी उससे कम ही मिलें |
  4. यदि आपके पेरेंट्स ने आपको रात में 11 बजे तक बाहर रहने की इजाजत दी है तो आप 10:45 पर ही घर आ जाएँ | जब आप उनके साथ रह रही हैं तो हमेशा उनके बनाए नियमों का पालन करें | ऐसा कर के आप उन्हें यह दिखाएँ कि आप उनका कितना आदर करती हैं और उनकी बात मानती हैं |
  5. यदि आप स्कूल में पढ़ती हैं तो यह निश्चय करें कि जितना जल्दी अपना होमवर्क पूरा कर सकती हैं उतना जल्दी कर लें | आप यह नहीं चाहेंगी कि वे हमेशा आपको इसकी याद दिलाते रहें | यदि इसमें आपको उनकी मदद की जरूरत हो तो उनसे पूछ लें! पेरेंट्स को यह अच्छा लगता है कि आपको बड़े होने के बाद भी उनकी जरूरत होती है | [२]
  6. यदि आप को कोई परेशानी हो या आपसे कुछ गलती हो गयी हो, तो अपने पेरेंट्स को बताएं | उनसे किसी भी प्रकार की कोई बात न छुपाएं बल्कि उन्हें सब खुलकर बता दें | यदि आप उनसे कोई गंभीर बात करना चाहती हैं तो उनके साथ आराम से बैठकर बात करें |
    • जैसे कि, मान लो यदि आप स्कूल में अपनी क्लास में फेल हो गयी हैं तो अपने पेरेंट्स के साथ बैठकर बात करें और उन्हें बताएं कि आप अपनी गलती को सुधारने के लिए क्या-क्या प्रयास कर रही हैं | इस बारे में आप उनसे मदद और सलाह ले सकती हैं |
  7. लक्ष्यों को निर्धारित करें और उन्हें पूरा करें: लक्ष्य बनाकर उसे पूरा करने के लिए प्रयास करने से आपका दृढ़ निश्चय आपके पेरेंट्स को दिखेगा | अपने पेरेंट्स को अपना उद्देश्य बताएं और इसको पूर्ण करने में उनसे सहयोग लें | आपके द्वारा अपना लक्ष्य पूरा करना, आपके पेरेंट्स को यह दर्शायेगा कि आप समझदार और आत्मनिर्भर बन गयी हैं | और इससे आपके और पेरेंट्स के बीच के रिश्ते भी मजबूत होंगे |
  8. यदि आपको लगता है कि आपके पेरेंट्स को किसी तरह की परेशानी है तो उनकी मदद के लिए आगे बढ़ें | यदि आपकी मम्मी को सब्जियाँ लाने में दिक्कत हो रही है तो उन्हें घर पर ही आराम करने दें और आप स्वयं जाकर उनका यह काम कर दें | यदि आपके पेरेंट्स को आर्थिक रूप से कोई दिक्कतें आ रही हों, तो आप कुछ समय के लिए जॉब भी कर सकती हैं ताकि उन पर पैसों का दबाव न पड़े | [३]
  9. अपने पेरेंट्स को अपने दोस्तों और उनके पेरेंट्स के साथ मिलवायें और इस तरह से अपनी जिंदगी में पेरेंट्स को शामिल रखें | आप किस के साथ रहती हैं और अपना ज्यादा समय कहाँ बिताती हैं, इसका पता आपके पेरेंट्स को होना बहुत जरूरी होता है | [४]
    • यदि आप अपने मित्रों से मिलने जा रही हैं तो अपने पेरेंट्स को बताएं कि वे कौन-कौन हैं |
    • सुनिश्चित करें कि आपके पेरेंट्स आपके पार्टनर से भी मिल लें |
विधि 2
विधि 2 का 3:

पेरेंट्स से अपना प्यार जताएँ

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  1. इसका मतलब यह है कि आपके पेरेंट्स के लिए यह बहुत महत्व रखता है कि उनकी बेटी उनके जन्मदिन और सालगिरह जैसे खास दिनों को भूलती नहीं है | इसके लिए आप अपने फोन में रिमाइन्डर लगा सकती हैं या कोई योजना बना सकती हैं या उनके लिए कुछ विशेष आयोजन कर सकती हैं | [५]
    • आप उनको खाना खाने के लिए बाहर ले जा सकती हैं या ग्रीटिंग कार्ड बनाएँ या कोई उपहार दें |
  2. अपने पेरेंट्स को आप अक्सर ही मोबाइल पर “मैं आपको बहुत चाहती हूँ” या “आपका दिन अच्छा बीते” जैसे मैसेज भेजती रहें और यह सब करने में आपको बस कुछ सेकंड ही लगेंगे, पर उनको इससे अत्यधिक खुशी मिलेगी | आप घर पर हों या बाहर, आप कभी-भी उन्हें ये मैसेज कर सकती हैं | [६]
  3. यदि आप खरीदने योग्य हैं तो पेरेंट्स के लिए उपहार खरीदें | यह उपहार छोटे या टेलीविजन जैसी बड़ी चीजें भी हो सकती हैं और उनके लिए काम की चीज जैसे कि अपने पिता को कोई अच्छी किताब गिफ्ट करें | उपहार देने से वे बहुत खुश होंगे, इससे आपका उनके प्रति प्यार और परवाह दोनों ही प्रदर्शित होंगे | [७]
    • यदि आप गिफ्ट खरीदने में असमर्थ हैं तो इसे घर पर भी बना सकती हैं | आप कई प्रकार के गिफ्ट खुद ही बना सकती हैं जो मार्केट के गिफ्ट जैसे ही सुंदर लगते हैं |
    • आप उनसे पूछ लें यदि कुछ और भी उनके लिए करना चाहें, तो करें |
  4. आपके उपहार और कुछ भी इस प्रकार का करने की बजाय आपके पेरेंट्स बस यही चाहेंगे कि आप उनकी सराहना करें | उन्होने आपके लिए जो भी किया उसके लिए उनको धन्यवाद दें और जो वे आपके लिए कर रहे हैं उसके लिए बार-बार उनका आभार व्यक्त करें | [८]
    • आप उनसे कहें कि “आप दोनों को बहुत-बहुत धन्यवाद आप मेरे इतने अच्छे पेरेंट्स हैं | आप मेरे लिए एक अच्छे उदाहरण हैं, मैं आपको पा कर धन्य हो गयी |”
  5. हर सप्ताह अपने पेरेंट्स के साथ समय बिताने के लिए कोई योजना बनायें | आप जितनी बड़ी होती जाएंगी, आपको अपने पेरेंट्स के साथ बिताए हुये समय का महत्व समझ आयेगा | इसलिए आप उनके साथ पार्क में पिकनिक के लिए, या बोलिंग (bowling) खेलने या डिनर के बाद टहलने के लिए जाएँ | [९]
    • आप उन दोनों के साथ अलग-अलग समय भी बिता सकती हैं | जैसे कि आप मम्मी के साथ बाहर डिनर के लिए जा सकती हैं और पापा के साथ मूवी देखने जा सकती हैं |
  6. अपने पेरेंट्स के साथ बिताए हुये पुराने पर मजेदार पलों को याद करने के लिए एल्बम खोलकर फोटो देखें | बाहर आँगन में या बालकनी में अपने पेरेंट्स के साथ बैठकर यह फोटो देखें | इस समय उन्हें बताएं कि आपके साथ बिताए वे पल कितने कीमती और अच्छे थे | [१०]
    • जैसे कि आप कह सकती हैं “आहा, मुझे याद है उस दिन बीच (beach) पर मैंने कितनी मस्ती की थी | और पापा जब आपको वो केकड़े ने काट लिया था, हम कितना हँसे थे ओहो, मैं तो उन दिनों को कभी भूल ही नहीं सकती |”
विधि 3
विधि 3 का 3:

जब आप वयस्क हो जाएँ तब अच्छी बेटी बनें

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  1. यदि आप बड़ी हो गयी हैं और अपने पेरेंट्स से अलग रहती हैं तो उन्हें कॉल करना न भूलें | उनसे बातचीत करने और उनकी खबर लेने के लिए फोन करती रहें | आपकी लाइफ में क्या चल रहा है उसकी जानकारी भी उन्हें देती रहें | [११]
    • कभी-कभी आप जब व्यस्त हों या आपके पास फोन करने या बात करने का समय नहीं होता, तब आप अपने पेरेंट्स को एक मैसेज भेजें और उन्हें यह एहसास कराएं कि आप उनसे प्यार करती हैं और उनकी परवाह करती हैं | इस मौके का फायदा उठाकर आप उन्हें फोन कर सकती हैं या स्काइप पर या वीडियो कॉल कर सकती हैं |
  2. कोई भी गंभीर फैसले लेने या महत्वपूर्ण निर्णय लेने के पहले अपने पेरेंट्स से बात करें | आप उनसे सलाह लेंगी तो वे बहुत खुश होंगे और आपकी तारीफ करेंगे | इसके साथ ही वे आपको सही फैसले लेने में आपकी मदद करेंगे | [१२]
    • उदाहरण के लिए, यदि आप निश्चित नहीं कर पा रही हैं कि कौन-से कॉलेज में पढ़ना है या फिर कौन-सा घर खरीदना चाहिए | तो आप अपने पेरेंट्स के सुझाव लें |
    • आप उनके सिर्फ बड़े और महत्वपूर्ण निर्णयों में ही शामिल न रहें बल्कि अपनी ज़िंदगी की सामान्य बातें भी बताती रहें | जैसे कि आपके स्कूल में क्या चल रहा है या ऑफिस में काम कैसा चल रहा है या फिर आप किसको पसंद करती हैं, किस से मिलती-जुलती हैं और किस के साथ मूवी देखा करती हैं |
  3. यदि आप काफी समय से अपने पेरेंट्स के साथ नहीं रह रही हैं तो उनसे मिलने जाती रहा करें | आप उनके साथ डिनर करने या मूवी देखने के बहाने, महीने में कम से कम एक बार तो जरूर मिलें | यदि वे काफी बुजुर्ग हैं तो उनके काम करवाने के लिए उन्हें अपने साथ बाहर ले जाएँ या उनके घर की सफाई कर आयें | [१३]
    • यदि आप शादीशुदा हैं और आपके बच्चे भी हैं तो कोशिश करें कि अपने पूरे परिवार को साल भर में कभी-कभी अपने पेरेंट्स से मिलवाने ले जाया करें | आप छुट्टियों में सब के साथ कहीं बाहर घूमने का प्लान भी बना सकती हैं, ताकि आपके पति, बच्चों और माता-पिता के रिश्ते आपस में और मजबूत हो जाएँ |
  4. यह बिल्कुल वैसा ही है, जब आप बच्ची थीं और आपको उनकी जरूरत थी, तो यह समझें कि अब कभी-कभी उनको भी आपकी जरूरत होगी | जैसे कि यदि उनकी सर्जरी हुई है तो आप उनके साथ ही रहें | या फिर उन्हें अपने कार्यस्थल में कोई अवार्ड मिलना है; तो आप उनके साथ जाएँ और उनका सहारा बनें | अच्छी बेटी होने का मतलब है कि आप कठिन समय में अपने पेरेंट्स के साथ हैं | [१४]
  5. आप केवल अपने साथियों या जिसे आप प्यार करती हैं उसके साथ ही मौज-मस्ती न करें, बल्कि अपने पेरेंट्स के साथ भी कोई ट्रिप (trip) पर जाएँ | आप पेरेंट्स के साथ समुद्र किनारे मस्ती करने जा सकती हैं या उनके साथ कहीं दूर घूमने जा सकती हैं | अपने पेरेंट्स के साथ यादगार समय बिताएँ और एक अच्छी बेटी बनी रहें! [१५]
  6. आपके पेरेंट्स ने कई बार आपके साथ बैठकर कार्टून देखें होंगे और भले ही उन्हें पसंद न हो, पर फिर भी आपकी खुशी के लिए वे आपको पार्क ले गए होंगे | इसलिए अब समय है उनके कर्ज चुकाने का | तो अगर आपको आर्ट म्यूजियम जाना अच्छा न लगे, लेकिन इससे आपकी मम्मी के चेहरे पर खुशी आती है तो आप उनके साथ वहाँ जाएँ | या आपको चिड़ियाघर या पक्षी खोजना बकवास लगता हो, पर आपके पापा को यह बहुत भाता है तो उनके लिए यह करें |

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