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अनेक पश्चिमी यात्री और एशियन समुदाय के लोग जब पारंपरिक इंडियन बाथरूम में घुसते हैं, तब अपने आप को बड़ी उलझन में पाते हैं। वहाँ पर कन्वेन्शनल (conventional) टॉइलेट को नहीं देख कर उन्हें समझ में नहीं आता है कि अब क्या करना चाहिए। यह परेशानी तब और भी बढ़ जाती है जब एमर्जेंसी होती है या जब उनको टॉइलेट पेपर या हाथ धोने वाला साबुन वहाँ पर दिखाई नहीं पड़ता है। पहले से इंडियन बाथरूम के बारे में जानकारी ले कर अपने आप को इन परेशानियों से दूर कर लीजिये।

विधि 1
विधि 1 का 3:

सही टॉइलेट की खोज करना

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  1. ध्यान रहे कि अनेक इंडियन टॉइलेट स्क्वाट (squat) टॉइलेट होते हैं: अगर आप अक्षम हैं, तब आपको इस्तेमाल करने योग्य टॉइलेट खोजना पड़ सकता है। अक्षमता को इंडिया में भली भांति समझा नहीं जाता और उनके अनुसार सुविधाएं भी नहीं तैयार की जाती हैं, इसके अलावा इंडिया के निवासी आजीवन स्क्वाट टॉइलेट्स का इस्तेमाल करते ही रहे हैं। यह काम उन लोगों के लिए विशेष चुनौतीपूर्ण हो सकता है जिन्हें स्क्वाट करने में दिक्कत होती हो जैसे कि गर्भवती महिलाएं, वृद्ध, या शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति। 2016 तक इन समूहों के व्यक्तियों के लिए इंडिया में बहुत कुछ नहीं किया गया है, इसलिए यहाँ आने से पहले अपनी यात्रा के लिए ठीक से योजना बना लीजिये। [१]
    • इन्टरनेट पर खोज लीजिये कि कहाँ पर पश्चिमी टॉइलेट और रैंप (ramp) वाले, हैंडरेल वाले और ब्रेल साइन (Braille sign) वाले टॉइलेट मिल सकेंगे। होटल के कनसीयर्जेज़ (concierges) और शहर के गाइड्स से पूछ लीजिये कि ये सुविधाएं कहाँ मिल सकती हैं।
    • सार्वजनिक स्थानों जैसे कि रेलवे लाइन्स के निकट रुकने का प्रयास करिए। यहाँ पर सरकार ने अक्षम लोगों की पहुँच के लिए सुविधाओं को विकसित करने का वादा किया है।
    • नई दिल्ली में 2016 में सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए 47 नए ऐसे स्मार्ट टॉइलेट बनाने की स्वीकृति दी गई थी जो विकलांगों के लिए सुविधाजनक हों। जब ये बन जाएँ तब इन तक पहुँचने का प्रयास करिए। [२]
    • बच्चे भी उन्हीं टॉइलेट्स का इस्तेमाल करते हैं जिन्हें बड़े इस्तेमाल करते हैं।
  2. इंडिया में स्क्वाट टॉइलेट्स में टॉइलेट पेपर का इस्तेमाल नहीं किया जाता है बल्कि मलद्वार साफ़ करने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जाता है। चूंकि टॉइलेट पेपर का आम तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाता है इसलिए स्प्रे होज़ या पानी की बाल्टी ही सफ़ाई के एकमात्र स्त्रोत होते हैं। कभी-कभी कोई दूसरे मेहमान, किसी के ध्यान देने से पहले ही पानी इस्तेमाल कर लेते हैं और बाल्टी को दोबारा से भर देते हैं।
    • बाथरूम में या तो स्प्रे होज़ होना चाहिए या एक बाउल (bowl) या मग के साथ सफ़ाई करने के लिए पानी से भरी एक बाल्टी होनी चाहिए। अगर पानी नहीं है, तब कोई दूसरा टॉइलेट देखिये।
  3. इंडिया में हाइजीन (Hygiene) का स्तर असमान है। इंडियन लोग बाएँ हाथ में पानी ले कर गंदगी साफ़ करते हैं। अगर आप हाथ का इस्तेमाल करने का जोखिम उठाना चाहते हैं तब आप शायद ऐसा टॉइलेट चुनना चाहेंगे जहां पर बाद में इस्तेमाल के लिए साबुन उपलब्ध हो।
    • ऐसे मौकों के लिए, वाइप्स (wipes), साबुन और सैनिटाइज़र पास में रखिए। इससे, आप एमर्जेंसी में दूसरा बाथरूम ढूँढने की परेशानी से बच जाएँगे।
  4. यह वैकल्पिक है, मगर जाने से पहले नीचे थोड़ा पानी छिड़क देने से आपका जूता ज़मीन से नहीं चिपकेगा बाद में आप गंदगी को भी आसानी से साफ़ कर सकेंगे।
    • मग या बाउल को बाल्टी में डुबाइए या स्प्रे होज़ का इस्तेमाल करिए। इतना पानी इस्तेमाल करिए कि फ़र्श गीला तो हो जाये मगर फिसलन वाला न हो। इसके अलावा बाद में इस्तेमाल करने के लिए पर्याप्त पानी बचा कर रखिए।
  5. इस तरह के टॉइलेट का इस्तेमाल करने वालों के लिए शुरुआत में यह लाभदायक होता है कि वे अपने नीचे वाले कपड़े उतार दें। कुछ जगहों पर कपड़ों के हुक होते हैं, और कुछ जगहों पर पाइप या बाहर को निकली हुई खूँटियाँ होती हैं जहां पर आप अपने सामान को रख कर उसको नुकसान से बचा सकते हैं।
विधि 2
विधि 2 का 3:

टॉइलेट का इस्तेमाल करना

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  1. अपनी पैंट और अंडरवियर को पानी और गंदगी लगने से बचाने का सबसे अच्छा तरीका तो यह होगा कि उन्हें पूरी तरह उतार दिया जाये। कुछ बाथरूम्स में हुक या ऐसी खूँटियाँ हो सकती हैं जहां आप उनको टांग सकें। अगर नहीं हों, तो उनको पाइप या किसी और चीज़ पर लपेट कर सुरक्षित रखने की कोशिश करिए। [३]
    • आप बिना कपड़े उतारे भी स्क्वाट टॉइलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। उनको घुटनों तक खिसका दीजिये और अपने पैंट के पायंचे फ़ोल्ड कर लीजिये।
    • अगर आप स्कर्ट पहने हों, तब आप अपने दायें हाथ से उसे समेट लीजिये।
  2. टॉइलेट एक यू (U) के आकार का होता है जिसके पीछे वाले सिरे पर एक छेद होता है। सही पोज़ीशन वैसी ही होती है जैसी कि आपके लिए वेस्टर्न टॉइलेट में इस्तेमाल करते समय होती है। आपकी पीठ दीवार की ओर होनी चाहिए। और आपको उस छेद के ऊपर केन्द्रित होना चाहिए। [४]
  3. टॉइलेट के किनारों पर फ़ुटपैड (foot pad) हो सकते हैं। खड़े होते समय यह ध्यान रखिए कि आपके पैर दोनों ओर हों, और टॉइलेट का छेद आपके पीछे की ओर हो। अगर पैड्स न हों, तब दोनों पैर, टॉइलेट के दोनों ओर, करीब कंधों की चौड़ाई में रखिए।
  4. इंडियन टॉइलेट उसी तरह से काम करता है जिस तरह से सीट वाला टॉइलेट करता है, अंतर केवल इतना होता है कि इसमें कोई सीट नहीं होती है। सहज तरीके से बैठने के लिए, अपने घुटने ऐसे मोड़िए जैसे कि आपने अपने कंधों पर वज़न उठा रखा हो, और तब तक झुकिए जब तक कि आप आधी बैठी स्थिति में न पहुँच जाएँ। [५]
    • आप सबसे आराम से तब होंगे जब आपकी जांघें एक साथ होंगी और आपके हाथ घुटनों पर टिके होंगे।
  5. आप जितना अधिक नीचे हो सकेंगे आपके लिए उतना ही अच्छा होगा। कोशिश करिए कि आपका निशाना छेद पर हो ताकि आपके ऊपर छपाका न पड़े। [६]
विधि 3
विधि 3 का 3:

समाप्त करना

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  1. उपलब्ध पानी से अपने प्राइवेट पार्ट्स (private areas) को धो लीजिये: इस काम के लिए आपको लगभग 1 liter (0.3 US gal) पानी की ज़रूरत पड़ेगी। धोने के लिए स्प्रे होज का इस्तेमाल करिए या बाल्टी में जो डिपर (dipper) उपलब्ध हो उसका इस्तेमाल करिए। दायें हाथ से गंदी वाली जगह पर पर पानी डालिए। [७]
    • इंडिया में, आम तौर पर बाएँ हाथ से साफ़ किया जाता है। जब आप दायें हाथ का इस्तेमाल पानी डालने के लिए करते हैं, तब अपने पैरों के बीच में अपने बाएँ हाथ को ले जाइए। गिरते हुये पानी को इकट्ठा करने के लिए हाथ को कप जैसा बना लीजिये और इस पानी से खुद को साफ़ करिए।
    • महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने जननांगों की तरफ़ हाथ ला कर सफ़ाई न करें। महिलाओं और पुरुषों दोनों ही के लिए कप बना कर पानी ऊपर की ओर उछाल कर सफ़ाई करने से बेहतर यह होता है कि पीछे से एनस (anus) की ओर पानी डालते समय बाएँ हाथ की बीच वाली उंगली को तेज़ी से हिलाया जाये। पानी और उंगली का मूवमेंट (movement) गंदगी को साफ़ कर देता है, और लगातार पानी गिरते रहने के कारण बायाँ हाथ लगभग साफ़ ही रहता है। यह पूरी प्रक्रिया दरअसल काग़ज़ से पोंछने की तुलना में अधिक साफ़ होती है क्योंकि टॉइलेट-पेपर से गंदगी एनल-एरिया (anal area) में फैल जाती है।
  2. अगर आप अपना टॉइलेट पेपर लाये हों, तब उसे छेद में मत डालिएगा। प्लम्बिंग (plumbing) काग़ज़ के लिए नहीं बनी है और उसके कारण नाली जाम हो सकती है। कुछ बाथरूम्स में कूड़े का डिब्बा रखा होता है जिसमें आप इस्तेमाल किया हुआ काग़ज़ डाल सकते हैं।
    • अगर कोई कूड़े का डिब्बा न मिले और आपके पास इस्तेमाल किया हुआ काग़ज़ हो, तब उसे एक थैली में तब तक के लिए इकट्ठा कर लीजिये जब तक आप उसे फेंकने की जगह न ढूंढ लें। अगर ज़रूरी हो, तब इस काम के लिए थैली साथ ले कर आइये।
  3. अगर टॉइलेट में पानी की टंकी हो, तब आपको और कुछ नहीं करना है, केवल बगल वाले हैंडल को खींचना है। कुछ स्क्वाट टॉइलेट्स में खींचने के लिए लटकी हुई चेन होती है। कुछ ऐसे भी होते हैं जिनमें फ्लश कर पाना संभव नहीं होता और आपको गंदगी की सफ़ाई करने के लिए या तो होज़ से पानी स्प्रे करना होता है या गंदगी को बहाने के लिए उसके ऊपर डिपर से पानी डालना पड़ता है। [८]
  4. अगर तौलिया या टिशूज़ उपलब्ध हों तो उनका इस्तेमाल करिए। उनको टॉइलेट के छेद में मत डालिए वरना वो सब अटक जाएगा और नाली जाम हो जाएगी। इस्तेमाल किए गए टिशूज़ को कूड़े के डिब्बे में डालिए।
    • अच्छा होगा, अगर आपने साथ तौलिया और टिशूज़ तथा उनको तब तक इकट्ठा करने के लिए एक थैली ले कर यात्रा करें, जब तक कि आप उनको फेंकने के लिए कोई उचित जगह न ढूंढ लें।
  5. कुछ जगहों पर साबुन उपलब्ध कराया जाता है। जितना भी पानी उपलब्ध हो उसका इस्तेमाल करके अपने हाथों को मल मल कर धो लीजिये। अगर आपने शुरू करने से पहले साबुन का पता नहीं कर लिया है, तब आप अभी तो इसके सिवा कुछ नहीं कर सकते, कि जब आप बाहर निकलें तब उसको ढूंढें।

सलाह

  • जूते या फ़्लिप फ्लॉप्स पहनिए। आपसे पहले उस जगह को दूसरे लोगों ने इस्तेमाल किया होगा और आप नहीं चाहेंगे उस जगह पर आप नंगे पाँव जाएँ।
  • टॉइलेट पेपर अक्सर नहीं ही उपलब्ध होता है। अगर आप यह चीज़ चाहते हैं, तब आपको इसे अपने साथ ले कर जाना होगा (टिशूज़/क्लीनेक्स का एक यात्रा पैकेज ले कर जाना अधिक आसान और बुद्धिमत्ता पूर्ण रहेगा)।
  • जगह का इस्तेमाल करने से पहले टॉइलेट में थोड़ा पानी डाल दीजिये। जगह को गीला कर देने आप अपना काम समाप्त करके उसको और आसानी से साफ़ कर सकेंगे।
  • बाथरूम में आसपास की जगह भी साफ़ कर दीजिये ताकि कोई कण या छींटे पड़े न रह जाएँ।
  • अगर आप अभी ही स्क्वाट टॉइलेट का इस्तेमाल शुरू कर रहे हैं, तब बेहतर होगा कि जब तक आपकी इस प्रक्रिया को इस्तेमाल करने की आदत न पड़ जाये तब तक आप कमर के नीचे के सभी कपड़े उतार दिया करें। इससे आपके कपड़े गंदे होने की संभावना कम हो जाएगी और आपको ठीक तरह से बैठने में मदद मिलेगी।
  • इस्तेमाल किए हुये टॉइलेट पेपर को टॉइलेट के छेद में डालने से बचिए। उसकी जगह इस्तेमाल किए हुये टॉइलेट पेपर को कूड़े की बाल्टी में डालिए।
  • शायद आपको जिसकी आदत है, यह उससे फ़र्क होगा। अगर आपको असुविधाजनक लगता है, तब एक गहरी सांस लीजिये और रिलैक्स करिए।

चेतावनी

  • जब आप स्क्वाट कर रहे हों तब अपनी जेब में रखे सामान पर ध्यान दे कर उनमें रखी चीजों को गिरने से बचाइए या टॉइलेट इस्तेमाल करने से पहले जेब से सभी सामान निकाल ही लीजिये।

विकीहाउ के बारे में

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