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कोई भी व्यक्ति जिस के पास बताने लायक एक कहानी है, एक किताब लिख सकता है। या तो वह ऐसा अपने स्वयं की खुशी के लिए या फिर सभी लोगों के लिए प्रकाशित करने के लिये (और खरीदे जाने की उम्मीद से) कर सकता है। यदि आप अपने मनपसंद उपन्यास पढ़ते वक्त, या फिर किसी उद्यान में आराम करते वक्त स्वयं को अपने ही दिमाग़ में रचनात्मक, आख्यात्मक या काल्पनिक पाते हैं, तो कहानी लिखना आरंभ कर दें। हालाँकि ये चुनौतीपूर्ण लग सकता है, पर आप इसे कर सकते हैं। आप कैसे शुरुआत करें, इस के लिए हम आप को कुछ संकेत देंगे। कुछ समय लें, बैठें और लोगों की पढ़ने की पसंद के बारे में सोचें। अपने दोस्तों से पूछें और हो सकता है कि आप एक आश्चर्यजनक कहानी ले कर आएँ!

विधि 1
विधि 1 का 4:

अपनी किताब की शुरुआत करें

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  1. या और भी बहुत। जैसे कि आप अपने उपन्यास को सीधे कंप्यूटर पर नहीं लिखना चाहेंगे, और यह हमेशा मुमकिन भी नहीं है, कि जब आप को कोई विचार आए तब कंप्यूटर आप के पास में हो। इस प्रकार, कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप कहाँ पर हो, आप अपने साथ एक पुरानी पेन्सिल और पेपर भी ले कर चल सकते हैं। इस के अलावा बहुत से लेखक अपने मन से हाथ के संबंध को कागज और कलम पर रखने की कसम लेते हैं, तो कम से कम अपने लेखन के अनुभव में सहायता के लिए इस विकल्प को नकारने से पहले एक बार फिर से सोच लें।
  2. अब आप के पास आप की नोटबुक है, अब सभी लेखकों की एक पुरानी परंपरा का समय है : कि पहला पेज खाली रखें। उन खाली पेज का उपयोग अपनी कहानियों के लिए कुछ नये विचारों को लिखने के लिए करें। जब भी आप को लगे कि आप ने आप की कहानी के लिए पर्याप्त विचार लिख लिए हैं, तो उन्हें पढ़ें। दोबारा पढ़ें। फिर अपने विचारों को किसी और के पास ले कर जाएँ और प्रतिक्रिया जानें। तय करें कि किस विचार के साथ आगे बढ़ना है, और सुनिश्चित करें कि यह विचार हाल ही में प्रकाशित हुए विचारों जैसा नहीं है। फिर कुछ समय प्रतीक्षा करें और सुनिश्चित होने के लिए विचार को अच्छी तरह से पढ़ लें, फिर अगला कदम बढ़ाएँ।
  3. अपनी कहानी का अवलोकन बनाएं; जिसमें आप की कहानी की रूपरेखा, पात्रों के बारे में ध्यान देने योग्य बातें (संभावित नाम, विवरण, "पृष्ठभूमि की कहानी" इत्यादि) को शामिल करें: और हर एक छोटी चीज़ जो आप की इस बड़ी सी कहानी में जुड़ने वाली हैं, सब को लिखें। इस अवलोकन के बहुत सारे फ़ायदे हैं जिनमे निम्नलिखित शामिल हैं:
    • जैसे ही आप अपनी कहानी के विभिन्न भागों का वर्णन करेंगे तब यह आप को आप की कहानी के लिए नये विचार प्रदान करेगा (इन्हें लिख लें!)
    • कुछ भी बेकार नही जाता है। जैसे उदाहरण के लिए आप किसी पात्र का वर्णन करते हैं, जो कभी भी प्रत्यक्ष रूप से इस कहानी में नज़र नहीं आता लेकिन वह दूसरे पात्रों को प्रभावित करता है।
  4. एक टेबल या चार्ट बनाएँ और इसमें अपनी कहानी में उपस्थित विशेष पात्रों जिन का इस कहानी में एक विशेष प्रयोजन है, के बारे में लिखें: इन के बारे में और भी बहुत कुछ लिखने के लिए अपनी नोटबुक का प्रयोग करें। इनमें से कुछ के लिए एक पृष्ठभूमि की कहानी भी तैयार करें। ऐसा करने से आप को इन के बारे में जानने में और अपने ही पात्रों को समझने में भी बहुत सहायता मिलेगी।
    • जब आप को जल्दी होगी तब आप के पास कोई तो स्त्रोत होगा जिसे आप ध्यान में रख कर विचार में ला सके।
  5. एक रूपरेखा आप की कहानी की शाखाओं को परिभाषित करेगी—शुरुआत, कल्पना और पात्रों की रचना, संघर्ष या चरम तक की ओर अग्रणी सभी घटनाओं की स्थापना, और फिर स्थिरता और समाप्ति।
    • कहानी की शुरुआत लिखना, आप के ऊपर आश्रित है कि आप कौन हैं, यह अक्सर सबसे कठिन भाग होता है—अगर आप ऐसा करना चाहते हैं सबसे अच्छी बात होगी यदि आप मोटे तौर पर इस की शुरुआत करें। उदाहरण के लिए, यदि आप एक रहस्यमयी उपन्यास लिखना चाह रहे हैं, और "कहानी " मूवी के प्रशंसक भी हैं। तो इसे ऐसे लिखें: Kahani1 यह दोनो श्रेणियों में व्यापक है और यही इसकी विशेषता है, लेकिन इन्हें एक साथ रख कर, आप संभावनाओं के क्षेत्र को संकीर्ण कर देते हैं। अब आप के पास कम से कम, एक समय अवधि और एक केंद्र बिंदु है। कहानी मूवी में कुछ रहस्यमय हुआ था। इस पर थोड़ा और ज़्यादा ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें।
      • यह व्यक्तिगत है, या यह व्यापक है? उदाहरण के लिए, बोल सकते हैं, कि यह किसी इंसान की व्यक्तिगत कहानी है।
      • यह घटना कब हुई थी? स्पष्ट रूप से जब यह मूवी आई थी, इस मूवी के जैसे ही कहानी है—या नहीं? ये कुछ निर्णय बिंदु हैं, जो आप को आगे लेने होंगे। यह वास्तव में अभी होता है, और आप को अगले सवाल की ओर ले जाता है, "अब यह कैसे?" आगे बढ़ते हुए, शुरुआती कथानक का अभिन्यास करें: आप के मुख्य पात्र को एक पत्रिका मिलती है—उस के दादा जी की पत्रिका। यह एक रहस्योदघाटन है, क्योंकि उस का दादा जी बहुत दिनों से घर नहीं आया था, लेकिन कोई भी नहीं जानता कि क्या हुआ था। शायद, इस पत्रिका से आप के नायक को जवाब मिल जाए।
      • अब आप के पास बहुत से सवालों के जबाव बाहर निकल कर आए हैं: कौन: आप का नायक; कब: तब और अभी; क्या: एक पत्रिका, और एक खोए हुए व्यक्ति का रहस्य। पर आप को अभी तक यह नहीं पता है "क्यों"। यह उन चीज़ों में से एक है जिनकी खोज आप को करनी है। कैसे? फिर, इस का जवाब आप को अपने आप से सवाल पूछ कर मिलना चाहिए।
    • अपने पात्रों का विकास करें। जो प्रत्यक्ष हैं उन से ही शुरुआत करें। इस स्थिति में, आप ने पहले ही दो पात्र बनाए है—एक नवयुवक और उस के दादा जी । आप दोनो की विशेषताओं का निर्धारण, अपने पात्रों का समायोजन और विस्तार कर के कर सकते हैं। संभावना है कि दादा जी शादीशुदा होंगे, तो इस चित्रण में दादी माँ भी होंगी। दादाजी और नवयुवक के बीच में एक पीढ़ी है, तो यहाँ पर उस के माता-पिता भी होंगे जो दादा जी के बेटे या बेटी होंगे। आपने देखा यह कितना आसान है?
    • इसी तरीके से आगे बढ़ें, हर एक पात्र को दूसरे सभी पात्रों से जोड़ कर बढ़ते हैं। बहुत आगे जाने से पहले, ऐसा भी हो सकता है कि आप के पास बहुत सारे पात्र और संवाद हों। विशेष रूप से एक रहस्य के लिए यह अच्छा है। आप को कुछ अमंगलकारी दिखाने के लिए जैसे कि एक "लाल शर्ट" की ज़रूरत होगी!
    • अपने पात्रों का विकास की प्रक्रिया में, आप को खुद से कुछ सवाल पूछने होंगे जो कि आप के पाठक आप से जल्द ही पूछने वाले हैं: आगे क्या होता है? अपनी कहानी के विकास में इन सवालों का उपयोग करें। आप यह जानते हैं कि आप की कहानी में नवयुवक यह जानना चाहता है कि उस के दादाजी को क्या हुआ था। इस सब के बाद भी यह सब जानने के लिए उस के पास एक पत्रिका है, वह उसे पढ़ता है, और दादाजी की कहानी खोजता है, जो उन के छोटे से गाँव रतनपुर में उन की गर्भवती पत्नी (grandma!) के साथ खुद को घायल अवस्था में पाते हुए शुरू होती है—यह सब कुछ उन्होने अपनी पत्रिका में लिखा था। उन्होने ये सब कभी भी घर पर नहीं बताया। ये सारी बातें जान कर, आप के सामने कुछ इस तरीके के प्रश्‍न उभर कर आएँगे:
      • यह घटना "आज के समय" की है, और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान की भी: जैसे कि पत्रिका में पढ़ी हुई तारीख 1964 की है। और पोते ने इसे आज खोजा है।
      • इस रहस्य में कुछ और मुहिम जोड़ने के लिए आप को ही कुछ करना होगा जैसे कि दादा जी घर नहीं आ रहे हैं, तो इस नवयुवक को उन्हें ज़िंदा या मृत ढूँढने के लिए पंजाब भेज देते हैं।
      • इस सब में दादी माँ कहाँ हैं?
    • इसे शाख निर्माण की प्रक्रिया के साथ जारी रखें, लेकिन इस स्थिति में आप को एक अस्थायी समाप्ति का ख़तरा बना रहेगा: नवयुवक यह खोजता है कि दादा जी ने इसे कभी भी घर पर क्यों नहीं बताया, और कैसे उन की पत्रिका ने बताया। अब आप को सारा कुछ बीच में लिखने की ज़रूरत है!
    • अपनी रूपरेखा का "घटनाक्रम" बनाएँ। अब आप ने जिस बुनियादी कहानी की रचना की है (उसमे से शब्दों को हटा दें), घटनाक्रम के रूप में रूपरेखा का रेखाचित्र हर एक पात्र के मील के पत्थर के साथ उन्ही के रेखाओं के सामने बनाएँ। ऐसा वक्त भी आएगा जब एक से ज़्यादा पात्र एक साथ सामने आएँगे और कभी सारे एक साथ गायब रहेंगे। जहाँ पर ऐसी घटना होती है वहाँ पर एक रेखा बनाएँ। यह भी जब आप के विचार डगमगाने लगें तब आप के विचारों में एक तेज़ी लाएगा।
  6. यदि कभी आप को लगता है कि आप के कथानक में कमी आ रही है, और आप ऐसा कुछ नहीं कर सकते जिस से की मदद मिले—इसे वापस उस जगह पर ले जाएँ जहाँ पर यह समझने लायक थी, और कुछ और करने की कोशिश करें। आप के द्वारा रूपरेखा में दर्शाई गयी हर बात कहानी पर लागू हो यह आवश्यक नहीं है। कभी कभी कहानी के कुछ अलग ही विचार होते हैं जिन पर वह चलती है। आप इस प्रक्रिया में कहीं भी हों, आप की काव्य प्रतिभा आप को कहीं से भी बुला लेगी। उसका अनुसरण करें—यह लेखन की खुशी का एक हिस्सा है।

विधि 2
विधि 2 का 4:

एक उपन्यास लिखें

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  1. अपने किताब के हर एक अध्याय का नाम लिखें और सुनिश्चित करें कि आप इसमें क्या लिखने वाले हैं, इस तरीके से आप को हमेशा पता होगा कि आप अपनी कहानी के साथ कहाँ पर जा रहे हैं।
  2. एक अच्छे उपन्यास के मूल तत्वों के बारे में पता करें: यदि आप एक सफल लेखक बनना चाह रहे हैं तो, किसी कॉलेज से एक रचनात्मक लेखन का कोर्स करने के बारे में एक बार विचार कर लें (यदि आपने पहले ऐसा नहीं किया है); इस के बजाय, अँग्रेज़ी साहित्य लें। कुछ भी लिखने से पहले आप को इसे सूझ-बूझ के साथ और नाज़ुकता से पढ़ने के बारे में जानना होगा। यदि आप नाज़ुकता के साथ लिखना जान चुके हैं , तो वाक्य संरचना, पात्र भेद, साज़िशों का गठन और सभी पात्रों का व्यक्तित्व विकास सब कुछ सही जगह पर होगा।
  3. यह आप की कहानी के लिए शुरुआती सहारा बनेगा। कुछ भी काल्पनिक नहीं, बस जो कुछ भी चल रहा है उस की एक सामान्य योजना। अपनी किताब के बीच में ही, आप के द्वारा लिखी गई कूटनीति को देखें। यह बहुत ही अद्भुत होगा कि कैसे आप की अपनी किताब के प्रति सारी संवेदना ही बदल जाएगी। आप अपनी किताब को आप के द्वारा लिखी गई कूटनीति के हिसाब से बदल सकते हैं या फिर कूटनीति को ही बदल कर जो आप ने अभी लिखा है उसी के साथ आगे बढ़ जाएँ। आप इन दोनो को एकीकृत और मिश्रित भी कर सकते हैं––आप जैसा भी चाहें। बस याद रखें कि यह आप की किताब है !
  4. यह सब से अच्छा भाग है। यदि आप को शुरुआत में परेशानी हो रही है तो, अपनी कहानी के संघर्षों को छोड़ दें और यहाँ से चले जाएँ। एक बार आप आप अपनी लेखन में सहज हो जाएँ फिर आप कहानी की कड़ियों को जोड़ सकते हैं। आप निश्चित रूप से अपनी कहानी में बहुत कुछ बदलेंगे, क्योंकि कहानी लिखने में सब से बड़ी बात यह होती है कि आप अपनी सोचने की क्षमता को बढ़ाते जाते हैं। आप को सिर्फ़ एक ही बात ध्यान में रखने की ज़रूरत है कि आप को इस प्रक्रिया का आनंद उठना है, या फिर आप की कहानी सिर्फ़ एक जंग खाये हुये पुराने कचरे के डब्बे के समान रह जाएगी।
  5. याद रखें कि आप की नोटबुक का इस्तेमाल सिर्फ़ योजनाओं के लिए कर रहे है! यह अच्छा होगा कि आप अपनी कहानी को टाइप (type) कर रहे हैं ताकि आप अपने पास इसकी एक से अधिक प्रतियाँ रख सकें, आसानी से ग़लतियों को हटा सकें और प्रकाशकों तक ले जाएँ।

विधि 3
विधि 3 का 4:

एक अकाल्पनिक किताब लिख कर

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  1. ऐसा कुछ चुनें जिसे आप जानते हैं या जिस के बारे में जानना चाहते है: आप की अकाल्पनिक किताब पाठकों के लिए एक स्थान होगा जहाँ पर उन्हें सारी जानकारी प्राप्त होगी। यह आज के समाज के बारे में भी हो सकता है, या फिर समकालीन या ऐतिहासिक नेता या फिर किसी दिलचस्प व्यक्ति के बारे में भी हो सकता है। यह किसी भी अकाल्पनिक कहानी के लिए केवल एक चेतावनी है, कि जो भी हो तथ्यात्मक हो।
  2. कोई भी विशेषज्ञ चाहे जितना भी जानता हो लेकिन उस के पास हमेशा कम से कम एक चीज़ तो सीखने के लिए होती है! आप कभी भी किसी विषय के बारे में बहुत ज़्यादा नहीं जान सकते। यदि आप को कोई भी परेशानी है या कहीं और ही पहुँच गये हैं, तो इन्हें प्रयोग करें:
    • ऑनलाइन जाएँ: कभी कभी चीज़ों को इकट्ठा करने में बहुत ज़्यादा समय लग सकता है, लेकिन इस खोज में सर्च इंजन (search engine) को आप की मदद करने दें। सिर्फ़ मुख्य पृष्ठ का ही अनुसरण ना करें, इस के साथ साथ सन्दर्भित लेखों को भी पढ़ें। फोरम (forum) या अन्य किसी जगह भी अपने प्रश्‍न छोड़ दें ताकि कोई और भी आप की इन्हें जानने में मदद कर सके।
    • कोई और दूसरी अकाल्पनिक या आप के विषय से संबंधित किताब भी पढ़ें। किताब के लेखक चीज़ों को दूसरे नज़रिए से भी देख सकते हैं, और उन के पास कोई ऐसी जानकारी भी हो सकती है जिस के विषय में आप भी ना जानते हों, जिसे आप किताब में शामिल करने से पहले इस की किसी स्वतंत्र स्त्रोत से पुष्टि करेंगे, है ना? जी हाँ बिल्कुल!
    • किसी विशेषज्ञ से पूछें। यहाँ पर इस क्षेत्र में एक ऐसे विशेषज्ञ होने की संभावना है, जिन्होने अपनी सारी ज़िंदगी उस विषय के बारे में, जिसे आप लिख रहे हैं, सारी बातें जानने में बिता दी हो। उन्हें ढूँढें, उन से समय माँगें और यदि यहाँ उस विषय के बारे में कोई अद्भुत और रूचिकर बात है तो इस के बारे में उन से पूछें।
    • विश्वकोश (encyclopedia) पढ़ें। यह एक बहुत ही अरुचिपूर्ण कार्य है, पर किसी व्यक्ति को तो यह करना ही होगा। जैसे कि आप अपनी किताब के बारे में सारी जानकारी एकत्रित कर रहे हैं तो, हो सकता है कि वह व्यक्ति आप ही हैं।
  3. कुछ किताबें ऐसी भी हैं जो उन के खराब आयोजन के कारण आज तक प्रकाशित नहीं हुई हैं। उदाहरण के लिए, किसी एक ही अध्याय में मछली पकड़ने के लिए अच्छे स्थानों और दक्षिण भारत के अच्छे समुद्री किनारों के बारे में एक साथ बात ना करें। अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए हुए संबंधित विकीहाउ की सलाह लें।
  4. प्रचुर वर्णनात्मक विवरण को जोड़ें। कोई भी उबाउ किताब नहीं पढ़ना चाहेगा! अच्छी किताबें वर्णन और रंगों से भरपूर रहती हैं।

विधि 4
विधि 4 का 4:

इस पर ध्यान दें

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  1. एक युवक ने दिल्ली में एक टैक्सी ड्राइवर को रोका और पूछा कि "इंडिया गेट" कहाँ है ?" और उसने तुरंत उस युवक को रास्ता बता दिया। यह कैसे संभव हुआ ? अभ्यास से। अभ्यास आपको परिपूर्ण बनाता है। इसलिए लगातार बस लिखते रहिये- चाहे फिर वो कोई कहानी हो या फिर आपके स्वयं के कुछ विचार या दृष्टिकोण। जितना ज्यादा आप लिखेंगे उतनी ज्यादा सफलता और महारथ आपको मिलेगी। यह ज़रूरी नही है कि आप के विचार एकदम सटीक हो, इन्हें आप शुरुआत में जैसे पढ़ना चाह रहे थे, इसे उस तरह भी पढ़ने की ज़रूरत नहीं है, ज़रूरी सिर्फ़ यह है कि आप इन्हें बाहर निकालें। आप के पास बाद में अपने लेखन की समीक्षा के लिए बहुत समय रहेगा।
  2. अपने इरादों, अपनी कहानी और अपने पात्रों के बारे में खुद से ही सवाल करते रहें: हर चीज़ और हर किसी के पास इस उपन्यास में होने का कारण होना चाहिए—जैसे कि यह कहना कि पत्तियाँ हरी हैं, पाठकों को यह समझाता है कि यह या तो वसंत या गर्मी का मौसम है। या फिर ऐसा बोलना कि पात्र की दाढ़ी बहुत बढ़ी हुई लग रही है, यह दर्शाता है कि वह किसी दवाब में काम कर रहा है (या फिर कोई तमिल या दक्षिण भारतीय अभिनेता है )। हर एक पात्र जो कुछ भी कर रहा है उसे करने के लिए उस के पास प्रेरणा होती है, तो लिखते समय उन से सवाल करें। "आप ऐसा क्यों कर रहे हैं?"
  3. कुछ और संभावनाओं को पाने के लिए थोड़ा सा विराम लें: लेखन क्षमता में अंतराल के साथ सुधार आता है। इस पर वापस जा कर आप को समझ आ जाएगा कि इस से आपके लेखन में सुधार आया है या नहीं, जबकि आप इसे तब पाने की कोशिश कर रहें, जब आप बीच में कहीं फँस चुके हैं, तब यह आप को और भी कठिन लगेगा। किसी एक अध्याय से एक हफ्ते के लिए दूर हो जाएँ, फिर एक नये नज़रिए के साथ वापस लौटें।
    • यदि आप लेखन में कहीं अटक गये हैं, तो कुछ दिनों के लिए लिखना बंद कर दें और अपने मन को साफ करने कुछ अच्छा संगीत सुनें।
  4. अपने सुझावों से ज़्यादा दूसरों के सुझावों पर ध्यान दें: आप के हाथों से लिखी हुई कथानक को दूसरों को भी पढ़ने दें। ये आप को बहुमूल्य राय देंगे और शायद आप के लेखन में आप की मदद भी करेंगे।
  5. और यहाँ ऐसा बहुत कुछ मिलेगा जो किसी काम का नहीं होता। किसी पात्र, घटनाक्रम और भी ऐसा कुछ जो किसी काम का नहीं है, इस को अपनी किताब से हटाने में घबराएँ नहीं। इसी तरह किसी भी ऐसी चीज़ जो आप की किताब में किन्हीं फासलों को भरने और आप के लेखन को एक समझ दे, इन्हें जोड़ने से भी ना घबराएँ। इसी तरह अकाल्पनिक कहानी में, अपने बयान के समर्थन में अधिक तथ्य खोजने की कोशिश करें!
  6. ध्यान रखें कि बहुत सारे लेखक अपने वास्तविक विचारों को खोजने से पहले कई मसौदों में असफल होते हैं, यह विचार कहानी से जुड़े रहने के लिए काफ़ी है।
  7. यह पुरानी कहावत आप के लिए मददगार होगी या नहीं। आप को लिखने से पहले पूरे अनुसंधान करने की ज़रूरत नहीं है, बस कुछ थोड़ा ही करें ताकि यह बाद में आप को आघात ना पहुँचाए। और यह एक अच्छी मेहनत भी है: नई चीज़ों का लेखन एक नये विचार का पता लगाने में मदद करेगा!
  8. आप ने मन के विचारों को हमेशा बनाए रखने की कोशिश करें, ताकि आप के पास ना लिखने का कोई बहाना ना हो। आप को अपनी कहानी में सब कुछ भरने की ज़रूरत नहीं है, बस इतना ही लिखें जो आप के पाठकों को संतुष्ट करने के लिए काफ़ी हो। यदि आप लिखते हुए थक गये हैं, और बस अब रुकने ही वाले हैं, तो एक विराम लें और बाहरी दुनिया, जहाँ से आप को कुछ विचार मिल सकें, उस से फिर से जुड़ें। या फिर लिखने के मुक्त तरीके का प्रयोग करें बस लिखें, ना कोई बदलाव, ना कुछ मिटाना बस लिखना, लिखना और लिखना "यह बुरा लग सकता है क्योंकि" हो सकता है कि यहाँ पर इस में कुछ बिखरे हुए दृश्य, या फिर तुकबंदी या दो वाक्य एक साथ हों।

सलाह

  • ध्यान रखें कि यहाँ पर अपनी कल्पनाओं को वास्तविक बनाने की कोई सीमा नहीं है!
  • "CLAPS" इसे याद कर लें:
    • C- Characters (पात्र)
    • L- Location (अवस्था)
    • A- Action (क्रिया)
    • P- Problem (समस्या)
    • S- Solution (समाधान)
  • पढ़ने वाले एक ऐसी किताब चाहते हैं जिसका, एक अच्छा शीर्षक हो, सामने का आवरण अच्छा हो, आवरण पर अच्छी तस्वीरें और एक बहुत अच्छी शुरुआत हो।
  • दुबारा संशोधन करना ना भूलें! यदि आप संशोधन नही करते हैं तो शायद आप एक स्तर की कहानी लिखते हैं। समाचार पत्रों के संपादक कहानियों का संशोधन करते हैं। लोग किताबों को पसंद करते हैं और वे इन से जुड़े रहना भी चाहते हैं।
  • यदि आप अपनी कहानी का विषय बीच में ही बदल रहे हैं, तो घबराएँ नहीं। अच्छे विचार सिर्फ़ तभी बाहर नही आते जब आप अपने दिमाग़ पर ज़ोर डालते हैं, बल्कि ये तब आते हैं जब आप लिख रहे होते हैं। सिर्फ़ अपने शब्दों के प्रवाह में बहते जाएँ और बाकी सब स्वाभाविक रूप से हो जाएगा।
  • अपने विचारों को ज़ोर-ज़ोर से पढ़ें, इस से आप की ग़लतियाँ या कुछ अच्छे विचार बाहर निकल कर आएँगे।
  • कुछ दूसरी किताबों को पढ़ कर, मूवी (movie) देख कर, संगीत सुन कर या फिर किसी सिनेमा में जा कर प्रेरणा हासिल करें।
  • अपनी कल्पना शक्ति का उपयोग करें! यह एक काल्पनिक किताब के लिए एक कुंजी के समान है।
  • एक छोटी पत्रिका अपने साथ रखें। यदि आप कभी एक अद्वितीय नाम, विषय का विचार करते या सुनते हैं, तो इसे लिखते जाएँ! यह आप की किताब की अच्छी विक्री के लिए एक अच्छी कुंजी होगी!
  • अपने पात्रों को जानने के लिए कि वे कैसे दिखते हैं, उन्हें बाहर बनाएँ। यह ज़रूरी नहीं है कि ये हमेशा ही सटीक हों, यहाँ तक एक स्केच (sketch) भी काम करेगा। फिर इन के बारे में लिखना और भी आसान हो जाएगा।
  • हतोत्साहित ना हो जाएँ! यदि आप अपनी कहानी के साथ हताश महसूस कर रहे हैं, तो कुछ समय विराम ले लें। कुछ लघु कहानियों पर, समाचार पत्र के लेखों पर, किसी निबंध पर या विकीहाउ पर कुछ संपादन करने पर काम करें।
  • यदि आप के पास अपनी किताब के लिए विचार ही नहीं हैं, तो विराम लें, एक मूवी देखें या किताब पढ़ें और देखें कैसे आप इस से कितने नये विचार निकालने के काबिल हो जाते हैं जैसे कि आप कोई टीवी सीरियल देख कर उसमें से कुछ कहानी की प्रति ले सकते हैं, उदाहरण के लिए, जब में अपनी दूसरी किताब लिख रहा था तब अपने विचारों से बहुत आगे था। "जोधा अकबर और देवदास" देखने के बाद, मुझे अचानक से अपनी किताब के लिए बहुत सारे विचार आ गये।
  • सही व्याकरण, वर्तनी और संवादों का उपयोग करें। आप एक सही उपन्यास तब तक नहीं लिख सकते जब तक कि आप सही कला के बारे में ना जानते हों। और अपनी शब्दावली का प्रयोग करें! उदाहरण के लिए, " उस के लापरवाही के दिन उस के पीछे थे," आप अपने पात्रों के बारे में बोल सकते हैं। लेकिन उस के सख्त और औपचारिक पिता बोल सकते हैं, "जसमीत, अब तुम अपनी लापरवाही की कीमत देखो" यदि पाठकों को शब्दकोष की सहयता लेना पड़ती है, इसका मतलब कि वे कुछ सीखेंगे। यहाँ पर बस एक ही बात का ध्यान रखें कि आप अनुपयुक्त रूप से बहुत बड़े शब्दों का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। यदि आप की मिलनसार कहानी में आप, ऐसा बोलते हैं कि आप की नई मिस (miss) एक अच्छी शिक्षिका होने के बजाय नव सिखिया है, तब आप विद्वान नज़र नहीं आएँगे। और लिखते समय अपने पाठकों को नीचे ना रखें बल्कि उन्हें भी अपने समान ही समझें।
  • किसी भी विषय पर बहुत ज़्यादा तनाव मत लें। यह आपको नये विचारों और विषय से बदलते समय बहुत तकलीफ़ देगा।
  • जो आप जानते हैं वही लिखें, विशेष रूप से तब जब आप को नहीं मालूम कि शुरुआत कैसे करी जाए। बहुत सारे लेखक जिन्होने सबसे ज़्यादा बिकने वाली किताबें लिखी हैं, उनमें से कुछ ना कुछ तो उन के (या उन के किसी करीबी के) जीवन में उन के साथ हुई घटनाओं पर आधारित होती हैं।
  • आगे बढ़ते हुए आप बेहतर बनते जाएँ। पहली ही बार लिखने की कोशिश करते समय आप अच्छी विक्री के बारे में ना सोचें! क्योंकि अभ्यास से ही परिपूर्ण बनते हैं तो अच्छी विक्री तक जाने का अभ्यास करें। आप जितना ज़्यादा लिखेंगे आप को उतना ही ज़्यादा अनुभव होता जाएगा!
  • यदि आप कोई एतिहासिक कल्पना लिखना चाहते हैं, तो कुछ ऐसा लिखें जो सच में हुआ था! यहाँ तक कि नाम भी वही रखें! उदाहरण के लिए: सलीम, मधुबाला, अशोक इत्यादि। ब्राउन, हाइन की जगह। नये नामों की जगह पुराने नामों का उपयोग करें!
  • लेखकों और अपने माता पिता से भी आप की मदद करने को बोलें। उनके पास कुछ अच्छे विचार हो सकते हैं!
  • पात्र का एक यादगार और अच्छा नाम रखने का लक्ष्य रखें। कुछ विचित्र और मजाकिया नामों के प्रति बहुत ही सावधान रहें–कभी कभी ये अच्छी तरह से काम करते हैं, लेकिन दूसरी ही तरफ ये बहुत ही मूर्खतापूर्ण भी लगते हैं।
  • यदि आप कहीं अटक जाते हैं और किसी भी विचार के बारे में नहीं सोच पा रहे हैं, लिखना शुरू करें बस। यदि आप सचमुच अटक गये हैं, तो इस अभिलेख में बनाई गई नकली बातों का उपयोग करें; यह आप के लिए सब से अच्छी विक्री की शुरुआत या एक विचार की शुरुआत हो सकता है।
  • लेखन अवरोध यह एक ऐसी चीज़ है जिसे आप कभी भी नहीं पाना चाहेंगे। कुछ नकली रत्नों या कुछ भी ऐसा जो आप को किताब लिखने के लिए प्रोत्साहित करे, इन्हें पाने की कोशिश करें। कुछ जानवर भी प्रोत्साहन के अच्छे स्त्रोत होते हैं। यदि आप के पास दो अलग अलग पालतू जानवर हैं, तो उन के नाम आपस में मिला कर एक नया नाम पाएँ। यदि आप कुछ काल्पनिक लिख रहे हैं तो इस से आप को संभवतः मदद मिलेगी। आप के पास कुछ भी ऐसा होना जो आप को ज़रा भी प्रोत्साहित कर सके, एक बहुत बड़ी मदद होगी।
  • अपनी ज़िंदगी की रोजमर्रा की वस्तुओं पर किताब लिखने की कोशिश करें, और तब हो सकता है कि उस विषय पर आप की कल्पना शक्ति और बढ़ जाए।
  • एक बहुत ही सफल लेखक का मानना है कि एक सफल लेखक बनने के लिए रोजाना दिन के कम से कम चार घंटे अध्ययन करना ज़रूरी होता है। दिन का वह समय जिस पर आप अच्छी तरह से काम कर सकते हैं, इस के साथ ही अपने हिसाब से उचित समय का निर्धारण करें। बहुत से लेखक दिन के अलग अलग समय को अपने लिए बेहतर बताते हैं, सुबह बहुत जल्दी जब बहुत शांति और चुप्पी होती है, सुबह की शक्ति के साथ सुबह का समय, दोपहर का मेहनती समय और रात को जागने वालों के लिए शोरगुल से मुक्त रातें। इन को सिर्फ़ आप ही अपने हिसाब से जो आप के लिए उपयुक्त है, समझ सकते हैं।
  • अपने कंप्यूटर या लेपटॉप के लिए एक अच्छा writing software या program खरीदें। विंडोज़ (windows) में बहुत सी श्रेणियाँ हैं लेकिन Office बहुत ही सामान्य है। लेकिन माइक्रोसॉफ्ट ऑफीस (Microsoft Office) बहुत ही बेकार और तनावपूर्ण हो सकता है। यदि आप इसे इस के यूज़र इंटरफेस के कारण पसंद नहीं करते, तो कुछ आसान पाने की कोशिश करें - यदि आप अपने वर्ड प्रोसेसर के लिए बहुत ही सरल बनावट चाहते हैं तो Dark Room; Write Room और AbiWord, आप के लिए बेहतर होंगे। और यदि आप कुछ मुफ़्त में चाहते हैं तो , इसमें सारा ऑफीस सूट (office suit) मुफ़्त है लेकिन यदि आप सिर्फ़ वर्ड प्रोसेसर चाहते हैं तो AbiWord बहुत से गुणों के साथ मुफ़्त है, और (RAM wise) अव्यवस्था से बहुत दूर है।
  • लेखन के बारे में जानने के लिए कुछ किताबें पढ़ें। यदि आप एक बच्चे (या जवान) हैं, तो आप इन्हें उपयोग कर सकते हैं:
    • मुंशी प्रेमचंद्र जी की: "कफ़न", "शतरंज के खिलाड़ी", "देवस्थान रहस्य", "वरदान रंगभूमि", "प्रतिज्ञा"
    • हरिवंश राय बच्चन जी की: "दशद्वार से सोपान तक (आत्मकथा)", "मधुशाला (कविता)", "सोपान", "खादी के फूल (कविता)", "सतरंगिनी", "ओथेल्लो (Othello)"
    • अमृता प्रीतम जी की "पिंजर"
    • रामधारी सिंग दिनकर जी की "ऱश्मिरथि", "कुरुक्षेत्र"
    • सरत चंद्र चट्टोपाध्याय जी की "देवदास"
    • बन्किम चंद्र चट्टोपाध्याय जी की "आनंदमत"
  • यदि आप कहीं किसी विचार में अटक गये हैं, तो अपनी आँखें बंद करें, शांत रहें और अपनी कल्पनाओं को बहने दें!
  • अपनी किताब के लिए लगने वाले समय के लिए खुद को तैयार रखें और अपनी किताब को दोबारा लिखने से कतराएँ नहीं। कुछ प्रसिद्ध लेखकों को अपनी किताब लिखने में दशकों गुजर गये!
  • यदि आप को लगता है कि आप किताब के साथ जुड़े रहने में सक्षम नही हैं, जैसे कि आप हमेशा किताब को अधूरा छोड़ देते हैं, तो अपनी कहानियों को दूसरे नज़रिए से लिखना शुरू कर दें। सबसे पहले विषय को जाँचने की कोशिश करें और फिर पात्र या फिर पहले पात्रों को जाँचने की कोशिश करें।
  • अपने मित्रों के साथ लिखना शुरू करें और उन से मदद लें, या फिर यदि वे कोई किताब लिख रहे हैं तो आप भी तभी अपनी किताब लिखें।
  • प्रोत्साहन हमेशा बहुत ही अज़ीब जगहों से मिलता है, और जब आप बिल्कुल भी इस के बारे में नहीं सोचते। Google Images, 'Inspirations for stories', पर जाएँ या फिर कुछ ऐसा जो आप की किताब के शीर्षक से संबंधित हो, जैसे कि 'Autumn', 'Unicorns', या 'Secret Passageways'।
  • अपने पात्रों को एकदम सटीक बनाने से बचें, और उन्हें आप से बात करने दें। यह जानने की कोशिश करें कि किसी स्थिति में जिस में आप हैं, इनकी क्या प्रतिक्रिया होगी ।
  • इस बात से अवगत रहें कि, किताब के पात्र आमतौर पर सिर्फ़ लेखक के आदर्श मात्र होते हैं।
  • कहानियों के लिए प्रोत्साहित करने वाली किताबों को पढ़ने की कोशिश करें।
  • अद्वितीय रहें। किसी और के विषय की नकल ना करें।
  • ऐसा कुछ भी ना लिखें जो आप के विषय के बारे में अर्थपूर्ण ना हो और यह थोड़ा कम भ्रामक हो सकता है लेकिन अपनी कहानी को जीवित रखने के लिए एक बार में दो बातें मिला कर प्रयोग करें।
  • अपनी नोटबुक और कलम को अपने बिस्तर के बाजू में रखें और अपने सपनों की एक पत्रिका भी रखें। आप कभी नहीं सोच सकते कि आप का कौन सा सपना आप के लिए एक प्रेरणा या लिखने के लायक एक कहानी बन जाए!
  • एक नोटबुक रखें जिसमें आप अपनी कहानी के लिए कुछ विचार, वाक्यांश, या कोई नाम, जिसे आप आसानी से संक्षेप में लिख सकें। इस तरीके से आप को यह ध्यान में रहेगा।

चेतावनी

  • अपने अनुसंधान को सुनिश्चित करें। सुनशचित करें कि आप जो किताब लिखना चाहते हैं वह पहले से ही मौजूद ना हो।
  • आलोचनाओं के लिए तैयार रहें। यही कारण है कि जब यह अच्छी तरह से उभर कर ना आए तब इसे बहुत ज़्यादा नीचे ना गिरने दें।
  • कोई भी व्यक्ति जो अपनी पहली किताब लिख रहा या रही है, उसे हमेशा इस से जुड़े रहना चाहिए। उसे अपने समय और पैसे के बारे में नहीं सोचना चाहिए। हो सकता है कि पहली किताब का प्रमोचन सफल ना हो, पर उसे अपनी किताब से अपनी ग़लतियों के बारे में सीखने को मिलेगा।
  • चोरी (किसी और लेखक के काम की नकल) से बचें। और यदि आप ऐसा ही कर रहे हैं तो इसे जहाँ तक हो सके कलात्मक रूप से करें। अंत में कोई आप के नकल किए हुए भागों का पता लगा सकता है। कुछ लोगों के लिए यह एक चुनौती है जिस का वे आनंद लेते हैं।
  • सुनिश्चित करें कि आप वही लिख रहे हैं जो आप को पसंद है! समय-समय पर खुद से पूछे:
    • क्या मैं इसका आनंद ले रहा हूँ?
    • क्या यह मजेदार है?
    • क्या मुझे अपना मुख्य पात्र पसंद है)?

और, सब से ज़रूरी है:

    • क्या मैं ये करना चाहता हूँ?
      • कारण: किसी के बोलने पर लिखना एक अच्छा विचार नही है। आप लिखें क्योंकि आप लिखना चाहते हैं।

वीडियो

रेफरेन्स

  1. Gravel, a WWII historical fiction by Rachel Kambury. Available on Lulu.com – research source

विकीहाउ के बारे में

आर्टिकल समरी (Summary) X

एक किताब लिखने के लिए, पहले एक ऐसे आइडिया के बारे में सोचें, जिसके बारे में लिखने के लिए आप उत्सुक हों। ये कुछ भी हो सकता है – आपकी ज़िंदगी में गुजरी कोई बात, कोई काल्पनिक कहानी या अगर आप किसी टॉपिक में एक्सपर्ट हैं, तो एक नॉन-फिक्शन किताब। जैसे ही आपको कोई आइडिया मिल जाए, फिर अपनी किताब लिखने के लिए, आपको लिखने की कुछ अच्छी आदतें अपनाने की जरूरत होगी। सबसे पहले, लिखने को अपने बिजी शेड्यूल में फिट करने के बजाय, उसे अपना रोज़ का रूटीन बना लें। लगातार हर रोज एक ही वक़्त और एक ही जगह पर बैठकर लिखने की कोशिश करें। फिर हर रोज लिखने के लिए कुछ शब्दों या पेज का लक्ष्य बना लें, ताकि रोज आपको, आपके लिखने के काम के पूरे होने का पता चलता रहे। आखिर में, पहले ड्राफ्ट को एकदम परफेक्ट बनाने का दबाव मत महसूस करें, क्योंकि इसे पहली बार में परफेक्ट लिखने की कोशिश करने की बजाय, इसे बाद में परफेक्ट तरीके से एडिट करना ज्यादा आसान होता है। लिखने पर जितना हो सके, उतना ज्यादा ध्यान दें। फिर, अगले दिन एक बार वापस उसे देखें और उसे एडिट करने में वक़्त बिताएँ। अपने ड्राफ्ट को लिखने और एडिट करने के बाद, अपने परिवार, या दोस्तों से फीडबैक माँगें। अगर आप खुद इसे पब्लिश या प्रकाशित करना चाहते हैं, तो ऑनलाइन इसे पब्लिश करने के तरीके के ऊपर रिसर्च कर लें। आप चाहें तो एडिटिंग और पब्लिशिंग में आपकी मदद के लिए किसी एडिटर को भी हायर कर सकते हैं। अगर आप नॉन-फिक्शन बुक लिखने के बारे में और ज्यादा जानकारी पाना चाहते हैं, तो पढ़ते जाएँ!

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