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वर्णनात्मक पैराग्राफ़ में विस्तार से लिखे विवरण हमारी पांचों इंद्रियों (दृष्टि, स्वाद, स्पर्श, सूंघना, और सुनना) को लुभाते हैं। ऐसे पैराग्राफ़ के लेखकों को सारी जानकारी का विवरण कुछ इस प्रकार से देना चाहिए कि पाठक के सभी बोध संतुष्ट हो सकें। वर्णनात्मक पैराग्राफ़्स आमतौर पर काल्पनिक और अकाल्पनिक, दोनों प्रकार के होते हैं, जिनके द्वारा लेखक पाठकों को अपने संसार में लाकर उनके सभी बोधों को संतुष्ट, और मन को लीन करता है। वैसे तो इन पैराग्राफों की रूपरेखा के लिए कोई विशेष नियम नहीं है, परंतु ऐसी कई सलाहें हैं जो आपको प्रभावपूर्ण और आकर्षक वर्णनात्मक पैराग्राफ़ लिखने में सहायता कर सकती हैं। पहले क़दम से आज ही शुरू करिए।

विधि 1
विधि 1 का 1:

वर्णनात्मक पैराग्राफ़ लिखना

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  1. महत्त्वपूर्ण व्यक्ति, स्थान, या वस्तु का चुनाव सुनिश्चित करिए: पैराग्राफ़ लिखना शुरू करने से पहले, ऐसी ही वस्तु को चुनना तय करें जो वर्णन के योग्य हो। यदि आप किसी चरित्र का वर्णन करना चाहते हैं, तो उसका किसी न किसी रूप में रोचक होना आवश्यक है। अगर आप किसी वस्तु का वर्णन करना चाहते हैं, तो ये नियत करें कि उसमें कुछ गहराई भी हो, जिससे आप उसके बारे में ख़ूब लिख सकें। यदि आप किसी जगह के बारे में लिखना चाहते हैं, तो उसके बारे में इतने अनूठे ढंग से वर्णन कीजिये कि पाठकों का ध्यान उसको पढ़ने में लगा रहे।
    • उदाहरण के लिए, “The Catcher in the Rye, के आरंभिक पृष्ठों में होल्डेन कौलफ़ील्ड एक बेसबॉल के दस्ताने का वर्णन करते हैं। दस्ताना अपने आप में विशेष नहीं है, किन्तु उन्होंने अपने वर्णन से उसे बहुत अर्थपूर्ण बना दिया क्योंकि वह उनके दिवंगत भाई का दस्ताना था। हालांकि आपके वर्णन की हर वस्तु को इतने विस्तृत वर्णन की ज़रूरत नहीं होगी, किन्तु यदि उसके पीछे कुछ अर्थपूर्ण कहानी हो, तो उससे आपके वर्णन को रोचक बनाने में और सहायता मिलेगी।
    • यदि आप किसी स्थान के बारे में लिखना चाहते हैं, तो समुद्र के किनारे की किसी भी मामूली सी जगह को न चुनें, बल्कि ऐसी जगह चुनें जो आपके लिए अर्थपूर्ण भी हो, और यदि आप कुछ काल्पनिक लिखने जा रहे हैं, तो अपने किसी जानकार चरित्र को ध्यान में रखकर लिखें। इससे उस जगह के बारे में आप गहराई से लिख सकेंगे।
  2. उस व्यक्ति, वस्तु, या स्थान का परिचय दें जिसका आप वर्णन कर रहे हैं: यदि आप पाठक का ध्यान आकर्षित कराना चाहते हैं, तो शुरू में ही आप ये बता दें कि आप किसका वर्णन करने जा रहे हैं, जिससे पाठक अंदाज़ा ही न लगाता रहे। आगे कुछ वर्णनात्मक पैराग्राफ़्स के उदाहरण दिये जा रहे हैं:
    • “नताशा का तहख़ाना हमारा शरणस्थान था। सबसे अच्छे सपनों में मैं इसमें वापस जाती हूँ और ख़ुशी ख़ुशी मर सकने के एहसास के साथ जागती हूँ।“
      • ऐसे प्रारम्भिक वाक्य उस विषय से परिचित कराते हैं, जिसका वर्णन किया जा रहा है, जैसे कथावाचक की सहेली का तहख़ाना। ये बात वे बिलकुल स्पष्ट कर देते हैं कि यह स्थान कथावाचक के लिए कितना महत्त्वपूर्ण है।
  3. आप शुरुआत उन चीजों से कर सकते हैं जिन्हें पाठक देख सकता है और जो उसके दृष्टिबोध को उन्हें पहचान पाने में सहायक होती हैं। चूंकि दृष्टि सबसे सहायक बोध है, किसी भी अच्छे वर्णनात्मक पैराग्राफ में सर्वप्रथम उस बात की चर्चा होनी चाहिए, जिन्हें लेखक अपने पाठक को दिखाना चाहता है। अपने पल, अनुभव या वस्तु का विवरण देते समय मजबूत विशेषणों का प्रयोग आपके पाठक को अपनी कल्पना में देख पाने के लिए एक चित्र बना देगा। मगर यह ध्यान रखिए कि जहां विशेषणों का प्रयोग एक ओर तो वस्तु के संबंध में कुछ जानकारी देगा वहीं उसकी अति पाठक के लिए भारी और उबाऊ हो जाएगी। यह एक उदाहरण है कि वर्णनात्मक पैराग्राफ की शुरुआत कैसे की जा सकती है:
    • ”मैं तो आज भी उसकी बिलकुल सही तस्वीर बना सकता हूँ, यहाँ तक कि पिंग पोंग टेबल के नीचे पड़े, सड़ते हुये पिज़ा के टुकड़ों तक की।“
      • तुरंत ही, पाठक को तलघर में रखी हुई कुछ चीजों का दृशयात्मक विवरण मिल सकता है: बासी पिज़ा के टुकड़े और पिंग पोंग टेबल। पाठक को एक गंदी और अव्यवस्थित जगह का ध्यान आ जाता है।
  4. यदि आपके लिए संभव हो तो स्वाद और गंध का वर्णन करिए: सोचिए कि आप विषय, दृश्य या पल का विवरण, स्वाद और गंध की दृष्टि से पाठक को कैसे दे सकते है। सर्वश्रेष्ठ वर्णनात्मक पैराग्राफ, पाठक को ऐसा एहसास दिलाते हैं जैसे कि वह उन चीजों के बारे में केवल पढ़ नहीं रहा/ रही है बल्कि उसे अनुभव कर रहा/ रही है। अपने विषय की गंध के बारे में अपने पैराग्राफ में एक या दो पंक्तियाँ लिखिए और कुछ सटीक विशेषणों का भी प्रयोग करिए ताकि वह गंध पाठक तक पहुँच सके। “गंध अच्छी है” कह देने से आपके पाठक को उसका कुछ भी विशिष्ट अनुभव तो होगा ही नहीं। मगर उसकी तुलना दादीमाँ द्वारा बनाई जाने वाली ऐसी मिठाई से करने पर जिसकी चाशनी अभी भी बुदबुदा रही हो, आप उसके मज़ेदार मीठे स्वाद की विशेषता का वर्णन कर देते हैं। वैसे यह भी सही है कि हर उस चीज़ में, जिसका आप विवरण देंगे, स्वाद और गंध हो, यह आवश्यक नहीं है; मगर यदि हो, तो उनका वर्णन करना सहायक होता है। और यह है हमारे पैराग्राफ का अगला भाग:
    • ”गहरे भूरे कालीन पर गिरा हुआ शर्बत और सब्जी का शोरबा, गुजरी हुयी उस रात की कहानी बता रहा था जो हंसी मज़ाक और उछल कूद में गुज़री थी और जिसमें उसे साफ करने जैसी मूर्खतापूर्ण बातों के लिए समय था ही नहीं। कालीन पर पापड़ों का चूरा था जिसे कभी साफ ही नहीं किया गया था। चाहे आप बाहर बरामदे में ही क्यों न खड़े होते, मगर वहाँ भी आप इस तेल की, और मिठाई की महक सूंघ सकते थे।“
  5. वर्णन करिए कि उस पल या घटना के समय भावनाएँ क्या थीं: जब आप अपना पैराग्राफ लिखते हैं, तब एक या दो वाक्य उस अनुभव से आपने कैसा महसूस किया, इस पर लिखिए। जब आप उसकी सतह पर अपना हाथ फेरते हैं, तब आपको किसकी याद आती है, या आपकी पीठ में सिहरन होने लगती है? उस पल की याद में आपकी क्या प्रतिक्रिया है? और हाँ, उस पल को महसूस करने के वर्णन में विवरणात्मक विश्लेषणों का प्रयोग करिए। साधारण वक्तव्य जैसे कि, “अच्छा लगता है” कहने से बचिए, क्योंकि ये बिलकुल भी वर्णनात्मक नहीं है। विशिष्ट निश्चित उदाहरण दीजिये जिससे कि पाठक तक आपकी भावनाएँ पहुँच सकें। यदि आप यह बताना चाहते हैं कि किसी चरित्र विशेष के लिए वह चीज़ या घटना क्या भावनाएँ लाती है तब इससे भी पाठक को पता चल सकता है कि वह कैसा था। आगे देखें तो:
    • ”न ही, कुछ भी, कभी मिट सका। वह तो यादों जैसा था। समय और इच्छा से, आप वहाँ नीचे से ढूंढ कर कुछ भी निकाल सकते थे। निर्मला ने एक बार अपने तीसरी कक्षा में खेले गए एक नाटक की पटकथा वहाँ से ढूंढ निकाली थी। एक बार कमला ने वहाँ से एक पुराना कैमरा निकाला था जिसमें वह रील पड़ी थी जहां उसके चौथी क्लास की पिकनिक की तस्वीरें थीं।“
      • ध्यान दीजिये, इन उपरिलिखित वाक्यों में, कथाकार यह दिखा रहा है कि यह उस तलघर का विवरण है जिसकी कभी सफाई नहीं होती है, साथ ही इन विवरणों से यह भी बता रहा है कि मगर तलघर महत्वपूर्ण है क्योंकि वह उसके बचपन का टाइम कैप्सूल है। यह दोनों चीज़ें बता रही हैं, एक ओर तो तलघर में होने की भावना और दूसरी ओर प्रतीकात्मक भाषा के प्रयोग से कुछ और ही गहन अर्थ।
  6. विस्तार से बताइये कि आपका विषय सुनने में कैसा लगता है: आप क्या सुन सकते हैं? क्या गहरी खामोशी छाई है? यदि घनघनाने की आवाज़ आ रही हो, तो ऐसा कहने से बचिए “एकाएक मुझे घनघनाने का तेज़ स्वर सुनाई पड़ा”, बल्कि कहिए “मैं कांप उठा क्योंकि मुझे एकाएक अजीब सी घनघनाने का स्वर सुनाई पड़ा, इतनी ज़ोर का कि मैंने अपने मुंह और कानों पर हाथ रख लिया। मुझे लगा कि यह आग लगने का अलार्म था ....” और पाठक “आग लगने के अलार्म” के अपने अनुभव से उसको सम्बद्ध कर सकेगा, क्योंकि अधिकांश लोगों को आग लगने के अलार्म की आवाज़ का अनुभव होता है। हमारे पैराग्राफ में ध्वनियों का विवरण ऐसे दिया गया है:
    • ”तलघर में टेलीविज़न हमेशा चलता रहता था, मगर लगता नहीं था कि कोई भी कभी उसको देखता था। हम लोग हमेशा ही अपने एक न एक मूर्खतापूर्ण खेल पर हँसते रहते थे, दोस्तों को परेशान करने वाले फोनों में व्यस्त रहते थे या दरवाजे की उस घंटी के बजने का इंतज़ार करते रहते थे जिससे पता चलता कि पिज़ा वाला, पिज़ा देने आ गया है।“
      • यहाँ पर, वाचक तलघर की ध्वनियों के विवरण का उपयोग यह बताने के लिए कर रहा है कि वहाँ वास्तव में था कैसा और अप्रत्यक्ष रूप से पाठकों को यह भी बता रहा है कि वहाँ पर आम तौर पर क्या क्या किया जाता था।
  7. जब आप अपने पाठकों को कोई विवरण दे रहे हों, तब उन्हें ऐसा कोई बिम्ब, गंध, या दृश्य सुझाइये जिसकी वह आशा न कर रहे हों। जैसे कि, यदि आप किसी वकील के बारे में बता रहे हों, तब पाठकों से केवल वही मत कहिए जिसकी वे आशा कर रहे हों जैसे कि वह काला कोट पहनता है और बहुत काम करता है; उन्हें बताइये कि अकेले में वह अपने पालतू खरगोशों को बहुत चाहता है। यह ध्यान रखिए कि आपके विवरण ताजगी भरे और अचंभित करने वाले हों। अब अपने पैराग्राफ की ओर चलते हुये:
    • ”रेलिंग पर पड़े हुये क्रिसमस के माला आदि लगभग सदैव ही वहीं लगे रहते थे; और जन्मदिन के उत्सवों में लगाई जाने वाली झालरें कभी कभी तो सालों ही लगी रह जाती थीं, यहाँ तक कि गोंद सूख जाने पर वे अपने आप ही दीवारों से उखड़ जाती थीं”
      • इस वाक्य से लगता है कि तलघर जीवंत था और वह अपनी मंशा से भी बहुत कुछ करता था।
  8. पैराग्राफ को बेहतर बनाने के लिए, लेखन की और प्रभावात्मक विधियों का उपयोग उसको आकर्षक और यादें ताज़ी कराने वाला बना देंगी। यदि आप इन सभी तत्वों का प्रयोग अपने पैराग्राफ में कर लेंगे तब आपके पाठक आपके लेखन का बखूबी अनुभव कर उसे सराह सकेंगे। आप वास्तविक भाषा के साथ साथ उपमाओं और अलंकारों का प्रयोग कर किसी व्यक्ति स्थान या वस्तु का ऐसा विवरण प्रस्तुत कर सकेंगे जिससे कि, लोगों को आपके द्वारा वर्णित चीज़ के संबंध में पूरी तरह समझ में आ सके। यह प्रतीकात्मक भाषा के कुछ नमूने हैं:
    • ”बिना नेट वाली पिंग पोंग टेबल और उसके सामने पड़े हुये फटे गद्दे देखने से ऐसा नहीं लगता था कि यह बच्चों के बड़े होने की जगह है, बल्कि वह जगह रामज़े ब्रदर्स की भयावह फ़िल्म के किसी दृश्य जैसी जगह लगती थी।“
      • इस वाक्य में उपमा का प्रयोग तलघर की तुलना भयावह फ़िल्म से करने से अर्थ की एक और परत उजागर होती है।
  9. हालांकि आपको इस सृजनात्मक पैराग्राफ के समापन के लिए किसी साफ सुथरे अंतिम वाक्य की आवश्यकता नहीं है (जब तक कि यह स्कूल के कार्य का हिस्सा नहीं हो), तब भी आपको उसका समापन किसी ऐसी विधि से करना है ताकि जो भी आपने पहले बताया है पाठक को उसकी याद आ जाए और उसके दिमाग पर व्यक्ति, स्थान या वस्तु की छाप लंबे समय के लिए पड़ जाये। यह पैराग्राफ समाप्त ऐसे होता है:
    • ”और इसी कारण से तीन अतिरिक्त टूथ ब्रश नीचे वाले स्नानागार तक पहुंचे थे। हम सब वहीं पर जी भी सकते थे, और मर भी।
      • अंतिम से पहले की पंक्ति, हालांकि यह स्पष्ट रूप से नहीं कहती है कि अन्य लड़कियां अपना सारा समय वहीं गुजारती थीं, केवल तीन टूथब्रशों के बिम्ब का प्रयोग यह संकेत देने के लिए करती है कि किसी समय में तलघर छोटी लड़कियों की शरणस्थली थी, जिससे कि पाठक को प्रथम वाक्य की याद ताज़ी हो जाती है। इन वाक्यों से, बिना स्पष्ट शब्दों में ऐसा कुछ कहे, यह पता चलता है कि तलघर उन लड़कियों, “जो वहीं पर बड़ी हुयीं”, के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था।

सलाह

  • सदैव अपने आसपास की चीजों पर ध्यान केन्द्रित करिए तथा उन चीजों का वर्णन करने के लिए, जिन्हें आप सुन, देख, सूंघ, महसूस कर या चख सकते हैं, ढेरों उपमाओं और अलंकारों का प्रयोग करिए।
  • ”अच्छा”, “ठीक”, “सुंदर” या “बढ़िया” जैसे शब्दों के प्रयोग से बचिए क्योंकि इनसे पाठक को विषय का कोई भी विषद बिम्ब प्राप्त नहीं होता है।
  • कभी कभार सादा, प्रभावी वाक्य भी प्रयोग करिए!
  • ध्वनियों का विवरण देना कठिन हो सकता है, स्वाद और गंध का भी। उपमा और अन्योक्तियों का प्रयोग करिए ताकि आपका पाठक “आपके” अनुभव को ठीक ठीक पकड़ सके, और कुछ भी उसके अंदाज़ा लगाने के लिए छूट न जाये।
  • याद रखिए के पाठक की कल्पना के लिए कुछ छोडना नहीं है, विशेषकर ध्वनियों के मामले में। ऐसे वाक्य “हवा का हल्का सा झोंका फुसफुसाता से मेरे कानों के पास से, दरख्तों में एक आरामदेह खामोशी छोड़ता हुआ चला गया” सुनाई पड़ने के मामले में बहुत ही अच्छे हैं।
  • वर्णनात्मक विशेषणों जैसे: उसके बाद, का प्रयोग करिए।
  • धैर्यपूर्वक, कल्पनाशील बने रहिए और सुनिश्चित करिए कि आप एक वस्तु से दूसरी वस्तु तक के प्रत्येक परिवर्तन का वर्णन करें।

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