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एलोवेरा एक पोपुलर पौधा है जो आसानी से उगाया जा सकता है, बस आपको इसमें दिए जाने वाले पानी और धूप के लेवल को समझने की जरूरत होती है जिससे हॉट क्लाइमेट में भी यह पौधा आसानी से उगाया जा सकता है | असामान्य रूप से रसीला पौधा होने के कारण एलोवेरा को लीफ कटिंग से नहीं उगाया जा सकता बल्कि इसे एडल्ट प्लांट के बेस से या जॉइंट रूट सिस्टम के यंग क्लोन प्लांट से अलग करके उगाया जाता है | इन यंग प्लांट्स को सावधानी से ट्रीट करना चाहिए जिसे प्रोपगेशन के सेक्शन में डिटेल में एक्सप्लेन किया गया है |

विधि 1
विधि 1 का 3:

एलोवेरा को ट्रांसप्लांट या प्लांट करें

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  1. एलो प्लांट्स अपेक्षाकृत छोटी रूट्स और भारी पत्तियों वाला होता है इसलिए जब ये ऊपरी सिरे पर भारी और नोंकदार हो जाएँ तब इन्हें आमतौर पर किसी भारी पॉट में लगाते हैं | अगर एलोवेरा की रूट्स को ग्रो करने के लिए जगह नहीं बचती तो यह "पप्स" प्रोड्यूस करना शुरू कर देता है जिससे इसे उनके अपने पॉट में रखा जा सकता है (प्रोपागेशन सेक्शन देखें) | अगर आप नए प्लांट्स प्रोड्यूस करने की बजाय एडल्ट प्लांट को उगाने में इंटरेस्टेड हैं तो इसके कंटेनर की दीवारों के घेरे से रूट्स के बाहर आने से पहले इसे एक बड़े पॉट में ट्रांसप्लांट कर दें | [१]
    • अगर आप पुराने पौधे के बेस पर एक नया प्लांट ट्रांसप्लांट करना चाहते हैं तो इसके लिए प्रोपागेशन सेक्शन देखें |
  2. एलोवेरा प्लांट को हर दिन 8 से 10 घंटे की धूप की जरूरत होती है | [२] हालाँकि ये गर्म तापमान में बेहतर रूप से ग्रो करते हैं लेकिन ये ज्यादा डोर्मेंट स्टेट में ठन्डे मौसम में सर्ववाइव करने की क्षमता भी रखते हैं | लेकिन अगर इन्हें 25 डिग्री फेरेनहाइट (-4 डिग्री सेल्सियस) से कम तापमान में रखा जाये तो इन्हें नुकसान पहुँच सकता है |
    • हार्डीनेस जोन 9, 10, और 11 एलोवेरा को पूरे साल घर से बाहर रखने के लिए सबसे ज्यादा सूटेबल होते हैं | [३] अगर आप किसी अन्य ज़ोन में रहते हैं तो आप लगभग पूरे साल इसे घर से बाहर रख सकते हैं लेकिन ठण्ड का मौसम आने से पहले इसे घर के अंदर रखना होगा |
    • अगर आप उत्तरी गोलार्द्ध में रहते हैं तो इस प्लांट को धूप आने वाली खिड़कियों में इसे रखें जो पश्चिम या दक्षिण दिशा में हों या फिर अगर आप दक्षिणी गोलार्द्ध में रहते हों तो इसे पश्चिम और उत्तर दिशा वाली खिडकियों में रखें |
    • प्लांट के अडॉप्टेशन की वजह से इसे गर्म कंडीशन में भी उगाया जा सकता है लेकिन यहाँ इसके जलने की सम्भावना भी होती है | अगर इसकी पत्तियां ब्राउन होने लगे तो इन्हें छाया वाली जगह पर रखें | [४]
  3. Watermark wikiHow to एलोवेरा उगायें
    एलोवेरा प्लांट को अच्छी तरह से ड्रेन्ड मिट्टी में लगायें: एलोवेरा प्लांट ड्राई कंडीशन में सर्वाइव करने के लिए अनुकूल होता है और अगर इसे पानी भरी हुई गीली मिट्टी में लगाया जाता है तो ये सड सकता है | कैक्टस पॉटिंग मिक्स का उपयोग करें या बराबर भाग में मिट्टी, रेत और कंकण (बजरी) मिलकर अपन्ना मिक्स तैयार करें | [५]
    • अगर अलोवेरा को कंटेनर में प्लांट कर रहे हैं तो ध्यान दें कि वाटर ड्रेन करने के लिए इसके बेस में एक होल होना चाहिए |
  4. Watermark wikiHow to एलोवेरा उगायें
    प्लांट करते समय रूट बॉल को कवर कर दें लेकिन पत्तियां मिट्टी को टच न करें: एलोवेरा रूट बॉल को मिट्टी की सरफेस के बिलकुल नीचे रखें | अगर कोई मोटी, ग्रीन पट्टी आंशिक रूप से मिट्टी में दब जाए या मिट्टी को टच करे तो वे सड सकती हैं | [६]
  5. Watermark wikiHow to एलोवेरा उगायें
    मिट्टी की सरफेस को बजरी या कंकण (ऑप्शनल) से कवर करें: वाष्पीकरण को कम करने और मिट्टी को अपनी जगह पर बनाये रखने के लिए एलो प्लांट के बेस के चारों ओर छोटे पत्थरों की एक लेयर रखें | [७] यह एलो प्लांट को पनपने के लिए जरुरी नहीं है इसलिए अगर आप इसे दिखाना चाहें तो मिट्टी को खुला (एक्सपोज्ड) छोड़ सकते हैं |
    • सफ़ेद पत्थर प्लांट के बेस के लिए सूरज की गर्मी रिफ्लेक्ट करेंगे जो उस स्थिति में एक बेहतर तरीका है जब आप हॉट क्लाइमेट में नहीं रहते हों | [८]
  6. प्लांटिंग करने के शुरूआती कुछ दिन तक पानी न डालें: पानी डालना शुरू करने से पहले एलो प्लांट को प्लांटिंग के दौरान डैमेज हुई रूट्स को रिपेयर होने का समय दे [९] | पानी डालने से डैमेज हुई रूट्स के सड़ने के चांसेस बढ़ जाते हैं | एलो प्लांट अपनी पत्तियों में खूब सारा पानी स्टोर किये रहता है और इस दौरान पानी की कमी से उसे कोई नुकसान नहीं पहुँचेगा | अगर आप एक्स्ट्रा सुरक्षा चाहते हों तो पहले एक या दो दिन तक लाइट वाटरिंग करें |
    • दिन प्रति सदीं की केयर में वाटरिंग इंस्ट्रक्शन के लिए डेली केयर सेक्शन देखें |
विधि 2
विधि 2 का 3:

डेली केयर करें और मुश्किलों का सामना करें

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  1. Watermark wikiHow to एलोवेरा उगायें
    ग्रोइंग सीजन के दौरान जब भी मिट्टी ड्राई हो, पानी डालें: गर्मियों में या अन्य समय में जब गर्मी और धूप हो तब एलो प्लांट रेगुलर वाटरिंग के साथ बहुत तेज़ी से ग्रो करेगा | लेकिन, ग्रोइंग सीजन में जब भी मिट्टी सूखे, तब इसमें पानी डालें | गर्मियों में या अन्य किसी समय में जब मौसम गर्म और धूप वाला हो तब रेगुलरली पानी डालने से एलो प्लांट बहुत तेज़ी से ग्रो करता है | हालाँकि प्लांट में पानी भरना उन्हें सूखा छोड़ने से कई ज्यादा आसान होता है लेकिन 3 इंच (7.5 सेंटीमीटर) की गहराई तक मिट्टी सूखने तक पानी न डालें | [१०]
  2. मौसम लम्बे समय तक ठंडा बना रहने पर या सर्दियों में एलो प्लांट अधिकतर डोर्मेंट या सुषुप्त बने रहते हैं | अब तक आप इन्हें सालभर तक हीटेड रूम में न रखें तब तक इस मौसम के दौरान महीने में एक या दो बार ही पानी डालें | [११]
  3. Watermark wikiHow to एलोवेरा उगायें
    एलो प्लांट को फर्टिलाइजर की कोई जरूरत नहीं होती और इनके ओवरयूज़ से प्लांट को नुकसान पहुँच सकता है या इसके कारण प्लांट अनहेल्थी रूप से ग्रो कर सकता है | अगर आप प्लांट की ग्रोथ को बढ़ाना चाहते हैं तो कम नाइट्रोजन, हाई फॉस्फोरस, लो पोटैशियम फ़र्टिलाइज़र का उपयोग कर सकते हैं जैसे 10:40:10 या 15:30:15 | बरसात का मौसम ख़त्म होते समय ग्रोइंग सीजन शुरू होने पर साल में एक बार इनका उपयोग करें | [१२] [१३]
  4. Watermark wikiHow to एलोवेरा उगायें
    एलो प्लांट के चारों ओर की मिट्टी में घास और खरपतवार भी उग सकती है | अगर प्लांट घर के बाहर रखा हो तो इन्हें नियमित रूप से हटाते रहें लेकिन सावधानी के साथ | चूँकि अच्छी एलो मिट्टी लूज़ और रेतीली होती है जिसके कारण जल्दबाजी में खरपतवार खींचने से रूट्स आसानी से डैमेज हो सकती हैं | [१४]
  5. अगर पत्तियां फ्लैट और नीची दिखें तो धूप में ज्यादा रखें: अगर पत्तियां फ्लैट और नीचे की ओर ग्रो करें तो धूप में ज्यादा रखें | एलो प्लांट की पत्तियां ऊपर की ओर या बाहर की ओर एंगल वाली धूप की दिशा में ग्रो करती हैं | अगर ये जमीन की तरफ नीचे की ओर ग्रो करें तो इसका मतलब है कि प्लांट को पर्याप्त धूप नहीं मिल पा रही है | [१५] इसे धूप वाली जगह पर क्र्हें | अगर घर के अंदर प्लांट रखा हुआ है तो इसे दिन में घर के बाहर रखने पर विचार करें |
  6. अगर पत्तियां ब्राउन होने लगें तो धूप में कम रखें: अगर पत्तियां ब्राउन होने लगें तो धूप दिखाना कम कर दें | हालाँकि अन्य पौधों की तुलना में एलो प्लांट धूप के सम्पर्क में आने पर काफी मजबूत होता है लेकिन फिर भी पत्तियां जलने की सम्भावना बनी रहती है | अगर एलो प्लांट ब्राउन होने लगे तो दोपहर की शुरुआत में ही इसे छायादार जगह पर रख दें |
  7. अगर पत्तियां पतली/मुड़ी हुई दिखाई दें तो पानी ज्यादा डालें: अगर पत्तियां पतली या मुड़ी हुई दिखें तो पानी ज्यादा बार डालें | मोटी और फ्लेशी पत्तियों में पानी ज्यादा स्टोर होता है जिसका उपयोग प्लांट सूखे की स्थिति में करता है | अगर पत्तियां पतली या मुड़ी हुई दिखें तो एलो प्लांट में बार-बार पानी डालें | [१६] पानी की भरपाई करने में सावधानी रखें और पानी तुरंत ड्रेन हो जाना चाहिए अन्यथा यह रूट्स को सडा सकता है जिसे रोकना मुश्किल हो सकता है |
  8. अगर पत्तियां पीली पड़ने लगे या गिरने लगें तो पानी डालना बंद कर दें: पीली या "गलने वाली" पत्तियां आमतौर पर पानी की ज्यादा मात्रा की मार भुगत रही होती हैं | अगले एक सप्ताह (या डोर्मेंट सीजन में दो सप्ताह ) तक पानी न डालें और जब भी आपको लगे पानी डालना बार-बार कम कर दें | आप पौधे को बिना नुकसान पहुंचाए डिसकलर्ड पत्तियों को हटा सकते हैं लेकिन बेहतर होगा कि इसके लिए एक साफ़ चाकू का इस्तेमाल करें |
विधि 3
विधि 3 का 3:

नए पौधे उगायें

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  1. एडल्ट एलो प्लांट को ग्रो होने दें और इसके कंटेनर को भरने दें: हालाँकि कोई भी हेल्थी एलो प्लांट में यंग प्लांट या "पप्स" को प्रोड्यूस करने की संभावनाएं होती हैं और ऐसा होने की सम्भावनाये और तब बढ़ जाती हैं जब एडल्ट प्लांट की अपने कंटेनर की बाउंड्री तक पहुँच जाते हैं | [१७]
  2. एलोवेरा प्लांट "पप्स (pups)" प्रोड्यूस करा शुरू कर देगा जो अपने मदर प्लांट के रूट सिस्टम के समान अपने आप में एक क्लोन होता है और बेस से जुड़ा होता है | ये कई बार कंटेनर के ड्रेनेज होल से बाहर आ जाते है या पास वाले कंटनेर तक भी मुड़ जाते हैं | [१८]
    • एडल्ट प्लांट की पत्तियों की अपेक्षा पप्स हलके हरे रंग के हो जाते हैं और जब पहली बार उभरते हैं तब उनमे एडल्ट प्लांट के समान पत्तियों के नुकीले किनारे नहीं होते | [१९]
  3. Watermark wikiHow to एलोवेरा उगायें
    यंग प्लांट की ग्रो करने की सक्सेस रेट तभी हो सकती है जब आप इसकी रूट्स को अच्छी तरह से ग्रो करने के लिए इसे थोडा बड़ा हो जाने दें | हालाँकि, अलग-अलग प्रजाति के पौधे का साइज़ अलग-अलग होता है लेकिन एक सही नियम यह है कि यंग प्लांट कम से कम 3 इंच (7.5 सेंटीमीटर) लम्बा और संभवतः 5 इंच (12.5 सेंटीमीटर) तक बड़ा हो जाना चाहिए | [२०] अगर कंटेनर में पर्याप्त जगह हो तो एडल्ट प्लांट के साइज़ की तुलना में यंग प्लांट का साइज़ 1/5 होने और एडल्ट प्लांट के समान दिखाई देने वाली "असली पत्तियों" के कई सेट्स बन जाने तक इंतज़ार करें | [२१]
  4. Watermark wikiHow to एलोवेरा उगायें
    यंग प्लांट को हटाने के लिए एक तेज़ धार वाले साफ़ चाकू का उपयोग करें: इन्फेक्शन के चांसेस को कम करने के लिए सबसे पहले चाकू को साफ़ करें | पप के बेस से मिट्टी साफ करके देखें की यह किस जगह से मदर प्लांट से जुड़ा हुआ है | अगर वो हिस्सा दिखे तो उसे काटकर अलग करें लेकिन ध्यान रखें कि युनग प्लांट से जुडी हुई कोई रूट हो तो वो सुरक्षित रहे | इसकी अपनी रूट्स की उपस्थिति सक्सेस रेट को बढ़ा देती है लेकिन पप निकालने के बाद इन्हें खोजना आसान नहीं होता |
  5. कटे हुए प्लांट को हवा में कुछ दिन के लिए खुला छोड़ दें: नए एलोवेरा को तुरंत प्लांट करने की बजाय चाकू से काटे गये हिस्से के ऊपर एक कैलस फॉर्म हो जाने देना चाहिए | प्लांट की कटी हुई सरफेस को डायरेक्ट मिट्टी में प्लांट करने से इसमें इन्फेक्शन हो सकता है |
  6. Watermark wikiHow to एलोवेरा उगायें
    ऊपर तक अच्छी तरह से ड्रेन्ड मिट्टी पर पत्तियां मिटटी में दबाए बिना यंग प्लांट रखें | चूँकि रूट सिस्टम बहुत छोटा होता है (हो सकता है कि ठीक से दिखाई भी न दे) इसलिए आपको कंकण की लेयर के साथ प्लांट को प्रोप अप करना पड़ सकता है और इसे एनी किसी चीज़ से सहारा दें | पौधे को सहारा देने के लिए रूट सिस्टम कुछ ही सप्ताह में काफी ग्रो कर लेंगी | [२२]
    • अधिक जानकारी के लिए प्लांटिंग सेक्शन देखें जिसमे वयस्क प्लांट के साथ ही यंग प्लांट की जानकरी भी दी गयी है |
  7. Watermark wikiHow to एलोवेरा उगायें
    अगर पौधे में कोई रूट्स न हों तो हर थोड़े दिन बाद एक बार थोडा पानी छिडकें: रूट्स के ग्रो करने से पहले पौधे में पानी न डालें | पानी डालने से पहले पप्स को अपनी रूट्स ग्रो करने के लिए कम से कम कुछ दिन का समय दें | इसकी बजाय, हर तीन दिन में एक बार प्लांट पर स्प्रे बोतल से पानी छिडकें | [२३]
  8. एलो प्लांट बिना पानी के लम्बे समय तक बना रह सकता है और रूट्स के अच्छी तरह से सेट होने से पहले पानी डालने से पानी भर जायेगा और पौधे को सडा देगा | [२४] पप्स में अपनी रूट्स भी होती हैं इसलिए आप एक बार पानी डालकर इसकी रूट्स को सेट होने दें और इसे 2 से 3 सप्ताह तक छाया में रखकर छोड़ दें | [२५]
  9. जब प्लांट कंटेनर में हो और उसकी रूट्स बढ़ने लगे तब उसे एक एडल्ट प्लांट की तरह ट्रीट करना चाहिए | डेली केयर देने वाले सेक्शन में दिए गये इंस्ट्रक्शन फॉलो करें |

सलाह

  • कोई भी पौधा अगर लम्बे समय तक छाया में रखा रहता है तो उसे तीखी धूप में एक्स्पोज होने से पहले धीमे एडजस्टमेंट की जरूरत होती है | धूप में रखने से पहले इसे पार्शियल शेड वाली जगह पर कई सप्ताह तक रखें |
  • अगर सौभाग्य से आपको एलोवेरा प्लांट में फल और फूल देखने मिलें तो उनके बीज कलेक्ट कर सकते हैं और उनसे नया पौधा उगा सकते हैं | चूँकि पक्षी और इन्सेक्ट अलग-अलग क्वालिटी के प्लांट्स को प्रोड्यूस करने के लिए एलोवेरा को क्रॉस-पोलिनेट कर सकते हैं और क्योंकि पप्स से उगाने की तुलना में सीड्स से प्लांट ग्रो होने की सक्सेस रेट कम होती है इसलिए ऐसा बहुत कम होता है | अगर आप एलोवेरा प्लांट बीज से उगाना चाहते हैं तो ब्लैक सीड इस्तेमाल करें और इन्हें मिट्टी की सतह पर फैला दें | रेट से इन पर वज़न डालें और इनमे से अंकुर निकलने तक बार-बार पानी डालें | इन्हें इनडायरेक्ट लाइट में ग्रो कराएं और अंकुर निकलने के 3 से 6 माह के बाद इन्हें किसी बड़े पॉट में ट्रांसप्लांट करें | [२६]

चेतावनी

  • रसदार प्रजाति के कई पौधों से भिन्न, एलोवेरा प्लांट लीफ कटिंग के द्वारा ग्रो नही किया जा सकता | इसकी बजाय आपको मैन प्लांट से जुड़े हुए यंग सेपरेटेड प्लांट की का उपयोग करना चाहिए जिसमे उसकी अपनी रूट्स सिस्टम और कई सारे शूट्स या तने हों | [२७]

चीज़ें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • एलोवेरा सीड्स, कटिंग या एडल्ट प्लांट
  • क्ले पॉट
  • पानी
  • कैक्टस पॉटिंग मिक्स या रेट, कंकड़ और मिट्टी को मिलाकर बनाया गया एक होममेड मिक्स |

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