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खुद से प्यार करने को कभी-कभी सेल्फ़िश या एरोगेंट (घमंड जैसा) मान लिया जाता है। हालांकि, ये मेंटल हैल्थ का एक जरूरी और अक्सर अनदेखा किया जाने वाला पहलू है। अगर आप किसी को खुद से प्यार करना सिखाना चाहते हैं, तो उन्हें उनके सेल्फ-एस्टीम को पाने में मदद करें और हमेशा नेगेटिव विचारों के ऊपर कंट्रोल बनाए रखने की टिप्स दें। इसके अलावा, उन्हें सिखाएँ, कि वो किस तरफ से उनकी फिजिकल और इमोशनल जरूरतों को पूरा करते हुए अपने प्रति प्यार को बनाए रख सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 3:

सेल्फ-एस्टीम बनाना (Cultivating Self-Esteem)

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  1. इस बात पर ज़ोर दें, कि उन्हें खुद से प्यार करने के लिए गिल्टी फील करने की जरूरत नहीं है: कुछ लोगों को ऐसा लगता है, कि खुद से प्यार करना सेल्फ़िश होता है और खुद को लेकर अच्छा फील करना एरोगेंट है। वो इंसान, जिसे आप खुद से प्यार करना सिखा रहे हैं, अगर वो खुद से प्यार करने को लेकर गिल्टी फील कर रहा है, तो उसके सामने इस बात पर ज़ोर दें, कि एक पॉज़िटिव सेल्फ-इमेज होने में कुछ बुराई नहीं है। [१]
    • उसे समझाएँ, कि एक हैल्दी सेल्फ-लव में उनकी स्ट्रेंथ्स को समझना, उनकी वीकनेस को एक्सेप्ट करना, उनके अचीव्मेंट्स को लेकर प्राउड फील करना शामिल है।
    • दूसरों को बुरा महसूस कराने के लिए अपनी उपलब्धियों के बारे में शेख़ी बघारते रहना, जो कि असल में सेल्फ-एस्टीम की कमी को दर्शाता है, और एक हैल्दी सेल्फ-लव के बीच अंतर की पहचान सिखाएँ।
    • इस बात को भी पेश करें, कि अपनी देखभाल करना भी सेल्फ-लव कहलाता है। उदाहरण के लिए, खुद को पूरी तरह से थकाने से बचाने के लिए काम से छुट्टी लेना सेल्फ़िश नहीं है। ये फिजिकल और मेंटल हैल्थ को बनाए रखने का सबसे अहम हिस्सा है।
    • उन्हें ये बात याद दिलाएँ, कि खुद से प्यार करने और सेल्फ़िश होने में दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं होता है। इसकी बजाय, इसे “खुद से संतुष्ट” होने की तरह डिस्क्राइब करें। इसका मतलब, अपने आप से प्यार करना और अपनी परवाह करना है, जो कि खुद-ब-खुद उन्हें दूसरों की मदद के लिए तैयार कर देगा। [२]
  2. उनसे बोलें, कि वो अपनी पॉज़िटिव क्वालिटीज़ की एक लिस्ट बना लें: उन्हें उनके टैलेंट्स, उनकी पॉज़िटिव पर्सनालिटी की खूबियाँ और उनकी ऐसी हॉबीज को लिखने का कहें, जिन्हें वो खूब एंजॉय करते हैं। इसके उदाहरणों में गार्डनिंग, अच्छा सेंस ऑफ ह्यूमर होना या स्पोर्ट्स में अच्छा होना शामिल है। [३]
    • अगर उन्हें अपने पॉज़िटिव लक्षण जान पाने में कोई तकलीफ हो रही है, तो उन्हें बताएं, कि आपको उनकी कौन सी क्वालिटी अच्छी लगती है। जैसे कि, उनसे कहें, “तुम्हारे अंदर काफी खूबियाँ हैं! तुम एक हार्ड वर्कर हो, तुम टेनिस अच्छा खेलते हो और तुम हमेशा तुम्हारी फ़ैमिली और फ्रेंड्स की मदद करने को तैयार रहते हो।”
    • उन्हें उनकी पॉज़िटिव क्वालिटीज़ देख पाने के लिए प्रेरित करें, लेकिन जहां तक हो सके, कोशिश यही करें, कि आप बॉसी न बनें या न ही अपने इस प्यारे इंसान को कोई अनचाही सलाह दें।
  3. उसे समझाएँ, कि सेल्फ-एस्टीम किसी और के ओपिनियन पर डिपेंड नहीं होनी चाहिए: आप जिस इंसान की मदद कर रहे हैं, उसे बताएँ, कि सेल्फ-एस्टीम के कुछ एक्सटर्नल और इंटरनल सोर्स होते हैं। एक्सटर्नल सोर्सेस दूसरे लोगों के ओपिनियन पर आधारित होते हैं और ये इंटरनल सोर्सेस के मुक़ाबले बहुत कम गंभीर होते हैं। [४]
    • उन्हें बताएँ, “आपको अपनी कीमत का अंदाजा अपने अंदर से महसूस होना चाहिए, न कि दूसरे लोगों से। लोगों के सामने स्मार्ट बनने की चाह में अच्छे ग्रेड्स लाने की सोच रखने के बजाय, अपने पर्सनल गोल्स (लक्ष्यों) तक पहुँचने के लिए या फिर अपने ज्ञान की कद्र करने के लिए हार्ड स्टडी करें।”
    • कहें, “किसी के द्वारा आपकी तारीफ किए जाने पर अच्छा फील करना सही है, लेकिन दूसरे लोगों के विचारों को आपको डिफ़ाइन न करने दें। मान लीजिये, कि कोई आपके पियानो लेशन लेने का मजाक बनाता है। आप पियानो प्ले करना एंजॉय करें और क्योंकि आपको म्यूजिक की कद्र है, इसलिए उनके मानने या न मानने से आपको कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।”
  4. उन्हें याद दिलाएँ, कि उन्हें खुद को कभी किसी से कंपेयर नहीं करना चाहिए: हर किसी की अपनी एक अलग एबिलिटी, अपनी कुछ अलग क्वालिटीज़ और उनके अपने पैशन होते हैं, तो इसलिए अपने उस प्यारे इंसान को अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस से प्यार करना सिखाएँ। उनसे कहें, कि उन्हें दूसरों के टैलेंट या क्वालिटीज़ को देखकर, अपने बारे में बुरा नहीं फील करना चाहिए। [५]
    • कहें, “किसी से जेलस होना या अपने ऊपर नाराजगी जताने से आपके साथ कुछ अच्छा नहीं होने वाला है। आपकी पसंद के किसी टैलेंट को रखने वाले इंसान के लिए खुश रहें। अगर आपके पास में वो काबिलियत नहीं है, तो इसके लिए खुद को नीचा न दिखाएँ। इसकी बजाय, खुद को अपनी स्ट्रेंथ्स याद दिलाते रहें।
    • उन्हें उन्हीं चीजों को करने के लिए प्रेरित करें, जो उनके वश में हैं, जैसे कि और अच्छा शेप पा लेना या अपनी टाइम मेनेजमेंट स्किल्स को इंप्रूव करना। हालांकि, अगर वो एक टॉप जिमनेस्ट बनना चाहते हैं, लेकिन वो एक कार्टव्हील भी ठीक से नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें समझाएँ, कि वो हर एक चीज़ में अच्छे नहीं हो सकते।
    • सोशल मीडिया पर काफी वक़्त बिताने की वजह से भी एक अनहैल्दी कम्पेरिजन की भावना आना शुरू हो जाती है। अगर जरूरत हो, तो उन्हें उनके स्क्रीन टाइम को लिमिट करने की सलाह दें। [६]
  5. उन्हें दूसरों की मदद करने और उनके द्वारा सराहे जाने वाले किसी मकसद को वॉलंटियर करने के लिए प्रेरित करें: अपने उस प्यारे इंसान को पॉज़िटिव माइंडसेट डेवलप करने की सलाह देने के साथ ही, उन्हें जब भी हो सके, दूसरों की मदद करने की सलाह दें। अपने प्यारे लोगों की मदद करना और कुछ चेरीटेबल वर्क करना, खुद को लो सेल्फ-एस्टीम से बचाने का एक बहुत ही अच्छा तरीका होता है। [७]
    • उदाहरण के लिए, वो अपने किसी फ्रेंड या रिलेटिव को स्टडीज़ में हेल्प कर सकते हैं या घर के कामों में मदद कर सकते हैं। वो चाहें तो, एनिमल शेल्टर, सूप किचन, या यूथ मेंटोरशिप प्रोग्राम जैसे उनके किसी फेवरिट काम को वॉलंटियर भी कर सकते हैं।
    • उनसे कहें, “जब आप किसी की मदद करते हैं, तब अपने बारे में किसी भी नेगेटिव विचार को आने देना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में, जब आप किसी के चेहरे पर खुशी लाते हैं, तब खुद को इस बात के लिए सहमत करना काफी मुश्किल हो जाता हैं, कि आप किसी काम के नहीं हैं।”
विधि 2
विधि 2 का 3:

नेगेटिव विचारों को चैलेंज करना (Challenging Negative Thoughts)

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  1. उन्हें नेगेटिव विचारों को पहचानने और उसे करने के बारे में समझाएँ: उन्हें सलाह दें, कि उनके मन में जब भी “मैं बिलकुल भी अच्छा/अच्छी नहीं हूँ,” या “मैं कभी भी ये नहीं कर पाऊँगा।” जैसे कुछ विचार आएँ, तब वो खुद को उन से बाहर निकाल लें। उन्हें सलाह दें, कि वो खुद से ऐसा कुछ बोलें, “रुको! ये सब नेगेटिव विचार हैं, ये किसी काम के नहीं हैं और मेरे अंदर अपने विचारों को बदलने की पूरी पावर है।” [८]
    • उनसे पूछें, “क्या आप आपके क्लोज फ्रेंड से कहेंगे, कि ‘आप एक बुरे इंसान हैं’ या आप उन्हें बहुत ज्यादा क्रिटिसाइज़ (आलोचना) करेंगे? संभावना तो ऐसी है, कि आप उन्हें एक अच्छे तरीके से किसी चीज़ में बेहतर बनने की सलाह देंगे। नेगेटिव सेल्फ-टॉक प्रैक्टिस करने के बजाय, खुद को भी उसी तरह से ट्रीट करें, जैसे कि आप आपके फ्रेंड को ट्रीट करने वाले हैं।” [९]
    • उन्हें सलाह दें, कि वो अपने नेगेटिव विचारों को कुछ और ज्यादा न्यूट्रल या वास्तविक विचारों से रिप्लेस कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, “मैं कितना बुद्धू हूँ, मैं कभी भी मैथ में अच्छा नहीं कर सकूँगा,” कहने के बजाय, उन्हें सलाह दें, कि वो खुद से कुछ ऐसा बोल सकते हैं, “ये मेरे लिए डिफिकल्ट सब्जेक्ट जरूर है, लेकिन मैं इसमें बेहतर बनने के लिए अपनी तरफ से पूरी मेहनत करने वाला हूँ।” ये उन्हें एक और ज्यादा पॉज़िटिव माइंडसेट पाने में मदद करेगा।
    • सुनिश्चित कर लें, कि आपका फ्रेंड नेगेटिव विचारों के ऊपर सलाह सुनने को तैयार है। अगर वो सही ढंग से रिस्पोंड नहीं करता है, तो ऐसे में उनके ऊपर कंवर्जेशन थोपने की बजाय, उन्हें कुछ वक़्त देने में ही भलाई है।
  2. उन्हें याद दिलाएँ, कि नेगेटिव परिस्थितियाँ भी जरूरी होती हैं: अपने इस प्यारे फ्रेंड को मालूम होने दें, कि आप जानते हैं, कि शायद लाइफ में आने वाली हर एक मुसीबत बहुत मुश्किल लगे, संभाली जाने योग्य न भी लगे, और बहुत बड़ी भी लग सकती हैं। उन्हें इनसे एकदम घबरा जाने के बजाय, एक उद्देश्य के लिए सोचने का बोलें। [१०]
    • उन्हें बताएं, “बहुत ज्यादा नेगेटिव सोचने से कभी कुछ हासिल नहीं होता है। ‘मैं कभी भी इसमें अच्छा नहीं बन सकता, कहने की बजाय, कहें ‘अगर मैं प्रैक्टिस करूंगा, तो मैं इंप्रूव कर सकता हूँ,’ या ‘ऐसी कुछ चीज़ें हैं, जिनमें मैं अच्छा नहीं हूँ, और उसमें कोई गलत बात नहीं है।’”
    • कहें, “बुरी चीज़ें ऐसी नजर आ सकती हैं, जैसे कि वो हमेशा हमारे साथ बनी रहने वाली हैं, लेकिन कोई भी चीज़ परमानेंट नहीं होती है। ऐसे वक़्त के बारे में सोचो, जब तुमने मुश्किल परेशानियों का सामना किया। चीज़ें वक़्त के साथ बेहतर होती रहती हैं; बस खुद से इतना बोलें, ‘ये वक़्त भी गुजर जाएगा।’”
    • ऐसा कुछ कहकर उन्हें प्रेरित करें, “इस अंधेरे के पीछे छिपे हुई रौशनी को ढूंढ निकालने के लिए, अपनी तरफ से पूरी कोशिश करो। तुमने पहले ही काफी कुछ हासिल कर लिया है और तुम पिछली मुसीबतों से निपटते हुए, और भी स्ट्रॉंग बनते गए हो।”
  3. अपने उस प्यारे साथी को इस बात का भरोसा दिलाएँ, कि हर कोई गलतियाँ करता है: जान-बूझकर कुछ गलती करते हुए या फिर कुछ सिली सा बोलते हुए, उन्हें उनकी की हुई गलतियों के लिए खुद को माफ करने का कहें। पास्ट के ऊपर घर करके रहने के बजाय, उन्हें उनकी गलतियों को, ग्रोथ की नजर से देखना समझाएँ। [११]
    • ज़्यादातर लोग किसी गलत कदम के चलते या किसी गलत बात को कहने की वजह से अपनी रातों की नींद गँवा देते हैं। अगर आपका प्यारा साथी उसकी गलतियों पर घर किए बैठा है, तो उसे बोलें, “हर कोई ऐसी गलतियाँ करता है। तुम पास्ट को तो नहीं बदल सकते, इसलिए इसके ऊपर अपने सेंस ऑफ ह्यूमर का यूज करने की कोशिश करो।” [१२]
    • कहें, “अगर आपने कुछ गलत किया या कोई गलत कदम उठा लिया है, तो फिर आप क्या कर सकते थे, के बारे में न सोचते बैठे रहें। अपनी मिस्टेक्स से सीखें, आगे बढ़ें और पूरी कोशिश करें, कि आगे कभी दोबारा ऐसा न हो।”
  4. उनसे ऐसी चीजों को स्वीकार करने का कहें, जो कि काबू से बाहर हैं: सेल्फ-एक्सेप्टेन्स काफी मुश्किल हो सकता है, लेकिन ये हैल्दी सेल्फ-लव का एक बहुत जरूरी भाग है। अपने प्यारे फ्रेंड को उसकी उपलब्धियों के ऑफर प्राउड होने का कहें, जहां भी हो सके, खुद में सुधार करने की पूरी कोशिश करने का कहें और इस बात को भी स्वीकार करने का कहें, कि ऐसी कुछ चीज़ें हैं, जो कंट्रोल से बाहर हैं। [१३]
    • उदाहरण के लिए, हो सकता है, कि वो कुछ ऐसी चीजों के लिए खुद को क्रिटिसाइज़ करें, जो उनके कंट्रोल में है, जैसे कि स्कूल या काम में बुरा प्रदर्शन करना। वो स्टडी करने में ज्यादा वक़्त बिताकर, एक ट्यूटर लगाकर, प्रोफेशनल डेवलपमेंट अपोर्चुनिटी अपनाकर या फिर बेहतर परफ़ोर्म करने पर, अपने बॉस से टिप की मांग कर, उसमें सुधार ला सकते हैं।
    • हालांकि, हर किसी को उनकी सीमाओं को लेकर वास्तविक रहना चाहिए। उदाहरण के लिए, आप कुछ ऐसा कह सकते हैं, “अगर तुम प्ले में लीड रोल न मिलने की बात को लेकर दुखी हो, तो इसमें बुरा मानने वाली कोई बात नहीं है। स्क्रिप्ट में दिया हुआ है, कि उस केरेक्टर की हाइट कितनी कम होनी चाहिए और तुम तो कितने लंबे हो। बहुत जल्द तुम्हारे सामने दूसरी अपोर्चुनिटी भी आने वाली हैं।”
विधि 3
विधि 3 का 3:

सेल्फ-केयर प्रैक्टिस करना (Practicing Self-Care)

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  1. एक स्ट्रॉंग सपोर्ट सिस्टम की इंपोर्टेन्स के ऊपर डिस्कस करें: जब भी कोई इंसान बुरा फील करता है, तब उसके करीबी लोग उसके अंदर हिम्मत जगाने का काम करते हैं। आप जिस इंसान की मदद कर रहे हैं, उसे कहें, कि चाहे जो भी हो जाए, उसके फ्रेंड्स और फमिली मेम्बर हमेशा उसे याद दिलाते रहेंगे, कि वो कितना प्यारा इंसान है। इसके साथ ही, इस बात को भी पेश करें, कि खुद को पॉज़िटिव, सपोर्टिव लोगों के बीच में रखना कितना जरूरी है। [१४]
    • उन्हें ऐसे लोगों को अवॉइड करना चाहिए, जो उन्हें नीचा दिखाते हैं या हमेशा उन्हें क्रिटिसाइज़ करते रहते हैं। इसकी बजाय, उन्हें ऐसे लोगों के साथ रिश्ते जोड़ने की तलाश करना चाहिए, जो उन्हें प्रोत्साहित करते हैं और उनकी कद्र करते हैं।
  2. उन्हें उनकी ओवरऑल हैल्थ को बनाए रखने की टिप्स दें: जब कोई खुद से प्यार करता है, तब वो अपनी हैल्थ का ध्यान रखने की पूरी कोशिश करते हैं। जिसके बदले में, हैल्दी फील करने से, एक हैल्दी सेल्फ-इमेज बन जाती है, जो सेल्फ-लव को प्रमोट करती है। [१५]
    • उन्हें वेजिटेबल्स, फ्रूट्स, लीन प्रोटीन्स और होल ग्रेन्स से बाहरी एक हैल्दी डाइट लेने का कहें।
    • उन्हें रोजाना कम से कम 30 मिनट की एक्सर्साइज़ करने की सलाह दें। उन्हें ब्रिस्क वॉक या जॉग, साइकलिंग, स्वीमिंग और योगा जैसी एक्टिविटीज़ करने की सलाह दें।
    • उन्हें ये भी मालूम होना चाहिए, कि रेस्ट लेना भी जरूरी होता है और उन्हें हर रात 7 से 9 घंटे की नींद भी लेना चाहिए।
  3. उन्हें ऐसी एक्टिविटीज़ करने की सलाह दें, जिन से उन्हें खुशी हो: अपने उस प्यारे इंसान को उसकी हॉबीज को पूरा करने के लिए कुछ वक़्त निकालने की सलाह दें और खुद को मस्ती करने की भी आजादी दें। फिर चाहे उसकी पसंदीदा एक्टिविटी बुक पढ्न या रॉक क्लाइम्बिंग करना हो, अपनी पसंद की चीज़ें करने से, उनके अंदर खुद के लिए मौजूद प्यार जागेगा। [१६]
    • अगर वो कहते हैं, कि उनकी कोई हॉबी या इन्टरेस्ट नहीं है, तो आप अपनी ओर से कोई सलाह दे दें या फिर उन्हें उनके पैशन की याद दिलाएँ। उदाहरण के लिए, आप कुछ ऐसा बोल सकते हैं, “मुझे मालूम है, कि तुम्हारे पास में एक डॉग है; आप एक नए पार्क जा सकते हो या फिर एक साथ मिलकर नेचर ट्रेल्स हाइक कर सकते हो। और अगर तुम चाहो तो उसके साथ में एक ट्रिक ट्रेनिंग क्लास भी जॉइन कर सकते हो।”

सलाह

  • एक बात का ध्यान रहे, कि आपको बहुत ज्यादा अनचाही सलाह भी नहीं देनी हैं। एकदम बॉस की तरह बर्ताव करने से बचें, उस इंसान के आपकी बातों के सुनने की पुष्टि करें और अगर वो बिलकुल भी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं, तो आप पीछे हट जाएँ।
  • आप जिस जिस इंसान की हेल्प कर रहे हैं, अगर उसे खुद को एक पॉज़िटिव लाइट में देखने में मुश्किल जा रही है, तो उन्हें एक काउंसलिंग से मदद मिल सकती है। अगर वो रेगुलर एक्टिविटीज़ से ही गायब हो गए हैं, हमेशा ही दुखी नजर आते हैं या फिर अगर आपको उनके खुद को नुकसान पहुँचाने का शक है, तो उन्हें किसी प्रोफेशनल से बात करने का कहें। [१७]
  • उनसे उनके रिश्तों के बारे में सोचने का कहें। क्या उनकी लाइफ में कोई ऐसा इंसान है, जो उन्हें नीचा दिखा रहा है या ऐसी कोई चीज़ है, जो उनको खुद को लेकर बुरा फील करा रही है? अगर ऐसा है, तो उन्हें उन लोगों से सारे रिश्ते तोड़ लेना चाहिए या फिर उनके साथ में कम से कम वक़्त बिताने की कोशिश करना होगी।

विकीहाउ के बारे में

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