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परिचय में जो बताया जाता है उससे किसी भी भाषण का भविष्य तय होता है। वह या तो बन सकता है, या बिगड़ सकता है। गेस्ट स्पीकर्स अपनी सफलता के लिए आपके उस उत्साहपूर्ण स्वागत पर निर्भर रहते हैं, जिसके कारण श्रोताओं का ध्यान आकर्षित होता है। एक अच्छा परिचय देने के लिए यह आवश्यक है कि स्पीकर के बारे में अच्छी तरह रिसर्च की जाए। अपना भाषण ऐसे लिखिए कि श्रोताओं को पता चल सके कि स्पीकर को सुनने से उन्हें क्या मिलेगा। परिचय को याद करके, उत्साह से सुनाने से आप दिखा सकते हैं कि स्पीकर अद्भुत है।

विधि 1
विधि 1 का 3:

स्पीकर पर रिसर्च करना

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  1. स्पीकर से पूछिये कि वो आपसे क्या कहलवाना चाहेंगे: बहुधा स्पीकर स्वयं ही आपके लिए परिचय तैयार कर के लाते हैं। चाहे वे नहीं भी लाएँ, वे आपको ऐसी जानकारी दे सकते हैं जिसका आप इस्तेमाल कर सकते हैं। जब गेस्ट स्पीकर स्वयं उपलब्ध न हो, तब उन लोगों से बाते करिए जो उन्हें जानते हों, जैसे कि ऐसे लोग जिन्हें आप दोनों जानते हों, या उनके सहकर्मी। [१]
    • जब स्पीकर अपना परिचय खुद उपलब्ध कराये, तब उसका इस्तेमाल करिए। उसे कई बार पढ़िये और फिर ऊर्जा और उत्साह के साथ उसे बताने के लिए तैयार हो जाइए।
  2. भाषण का फ़ोकस (focus) पता लगाने के लिए थोड़ी पूछताछ करिए। स्पीकर या ईवेंट (event) प्रबन्धक शायद आपको बता सकें। इस प्रकार से आप अपने भाषण को ऐसा रूप दे सकेंगे कि उसमें स्पीकर का विषय भी शामिल हो जाए। आपके परिचय में ठीक तरह से वही बताया जाना चाहिए जो कि श्रोता आगे सुनने वाले हों। [२]
    • जैसे कि, आपको अगर पता चलता है कि भाषण बालिकाओं को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीखने के लिए प्रोत्साहित करने के बारे में है। तब आपको यह बताने में समय नहीं बरबाद करना चाहिए कि किस प्रकार स्पीकर वयस्कों को यह कौशल सीखा सकता है।
  3. स्पीकर के संबंध में बायोग्राफ़िकल (biographical) जानकारी प्राप्त करिए: स्पीकर के क्रीडेंशियल्स (credentials) की ऑनलाइन खोज करिए। समाचारों के लेख, इंटरव्यू और स्पीकर से संबन्धित वेबसाइट्स इस प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराती हैं। उनका नाम सर्च इंजन में टाइप करिए और जो जानकारियाँ भाषण से सम्बद्ध हों, उन्हें ले लीजिये। अक्सर आपको ऐसे विशिष्ट तथ्य मिल जाएँगे जो आपके परिचय में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। [३]
    • जैसे कि, शायद किसी प्रोफ़ेसर के स्कूल की वेबसाइट में यह जानकारी मिले, “जेन डो ने अपनी वैज्ञानिक रिसर्च का इस्तेमाल चिड़ियों की दस नई प्रजातियों की पहचान में किया।” जिस विषय पर वे बोलने जा रहे हैं, उससे प्रासंगिक जानकारी खोजने का प्रयास करिए।
    • समाचार आर्टिकल और इंटरव्यू भी उपयोगी बेसिक तथ्य दे सकते हैं, जैसे कि, “जेन डो ने पिछली गर्मियाँ अफ़्रीका में स्कूल बनाने में बिताईं।”
  4. बिना स्वीकृति के संवेदनशील या परेशानी पैदा करने वाली जानकारी का इस्तेमाल करिए: याद रखिए कि आप स्पीकर को बढ़ावा देने के लिए परिचय दे रहे हैं। कानूनी, स्वस्थ्य संबंधी, या पारिवारिक मामले जटिल होते हैं। उनमें समय लगता है, और निगेटिव (negative) छवि बनती है। दूसरों द्वारा की गई सार्वजनिक आलोचना या बहस को भी सामने लाना उचित नहीं है। उनके परिवार के बारे में बातें करना भी उचित नहीं है।
    • इन डिटेल्स (details) का इस्तेमाल करने से पहले अवश्य ही स्पीकर की अनुमति ले लीजिये। यह सुनिश्चित करिए कि आप बता सकते हों कि परिचय में इनको बताने का क्या महत्व है।
  5. जब आपको कोई भाषण मिले, तब उसके परिचय वाले भाग पर विशेष ध्यान दीजिये। देखिये कि क्या उसमें से स्पीकर के बारे में किसी जानकारी का आप इस्तेमाल कर सकते हैं। भाषण को बोल कर पढ़िये और देखिये कि कौन से भाग बहुत अच्छी तरह से लिखे गए हैं। अपने द्वारा दिये जाने वाले परिचय के लिए इन भागों को उचित रूप से अडाप्ट (adapt) कर लीजिये। [४]
    • अपना परिचय लिखने के लिए गेस्ट के भाषण का इस्तेमाल मत करिएगा, क्योंकि हो सकता है कि इस बार वे कोई दूसरा भाषण दे रहे हों, और आप श्रोताओं के मन में झूठी अपेक्षाएँ पैदा कर दें।
    • सावधान रहिए कि अगर आप किसी और भाषण के हिस्सों का उपयोग कर रहे होंगे तब वह कॉपीराइट सामग्री भी हो सकती है जिसका इस्तेमाल बिना स्पीकर की अनुमति के नहीं किया जा सकता है।
  6. अपने परिचय में कोई चकित करने वाली जानकारी शामिल करिए: हो सकता है कि आपको कोई ऐसी जानकारी मिल जाये जिससे स्पीकर के चरित्र का कोई ऐसा पक्ष पता चल जाये जिसे सार्वजनिक रूप से लोग नहीं जानते हों। हो सकता है, यह ऐसी कोई बात हो जो केवल आपके और स्पीकर के बीच की हो। एक बढ़िया आश्चर्यजनक जानकारी भाषण से फ़ोकस नहीं हटाती है। अनेक बार, इसका इस्तेमाल श्रोताओं को हँसाने या स्पीकर की इंसानियत की सराहना के लिए किया जाता है। [५]
    • जैसे कि, मान लीजिये कि आप स्पीकर से तब मिले थे जब डॉग अडोप्शन सेंटर (dog adoption center) में काम करते थे। भाषण शुरू करते समय इस संबंध के बारे में बताइये। समाप्त यह कहते हुये करिए, “मुझे पता है कि जेन डो, आपको अपनी छात्राओं के साथ बेहतर होने के लिए प्रेरित करेंगी – और अपने कुत्ते के साथ भी।”
  7. स्पीकर के नाम का उच्चारण करने में महारत हासिल करिए: सुनिश्चित करिए कि आपको सही उच्चारण पता हो। अगर आप स्पीकर से, उनके किसी परिचित से, या ईवेंट प्लानर तक से संपर्क न कर सकें, तब आप शायद उसकी जानकारी ऑनलाइन मालूम कर सकते हैं। अनुचित उच्चारण से आपका परिचय अव्यावसायिक लगता है। उससे परेशानी होती है और आपकी तथा स्पीकर दोनों की विश्वसनीयता संदेहास्पद हो जाती है। [६]
  8. स्पीकर के यदि कोई विशेष टाइटल हों, तब उनका पता कर लीजिये: स्पीकर को सही टाइटल से पुकारना व्यावसायिक लगता है और स्पीकर को अधिक विश्वसनीयता मिलती है। डॉक्टर को डॉ जेन डो कहिए। जज को जज जेन डो कहिए। स्पीकर के ऐसे टाइटल भी हो सकते हैं, जिनसे आप परिचित न हों, जैसे ब्रिटिश शासक द्वारा नाइट की उपाधि पाने वाले सर या डेम। [७]
    • यह भी सच है, कि स्पीकर आपको बता सकता है कि उसे कैसे पुकारा जाए। यह जानकारी ऑनलाइन भी मिल सकती है या दूसरों से पूछी भी जा सकती है।
विधि 2
विधि 2 का 3:

परिचय लिखना

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  1. याद रखिएगा कि आप वहाँ पर गेस्ट स्पीकर का परिचय कराने गए हैं। आपका परिचय मुख्य कार्यक्रम पर छा नहीं जाना चाहिए। माहौल बनाने के लिए कुछ संक्षिप्त वाक्य ही काफ़ी होते हैं। स्पीकर के क्रीडेंशियल्स स्थापित करने और श्रोताओं की दिलचस्पी जगाने के लिए यह पर्याप्त समय है। [८]
  2. स्पीकर की क्वालिफ़िकेशन्स (qualifications) का विवरण दीजिए: परिचय का एक लक्ष्य यह समझाना भी है कि स्पीकर को बोलने के लिए चुना क्यों गया। यहाँ पर प्रासंगिक क्रीडेंशियल्स काम आते हैं। विषयवस्तु के बारे में स्पीकर की विशेषज्ञता को हाईलाइट करिए। क्वालिफ़िकेशन के उदाहरणस्वरूप प्रकाशित रचनाओं, काम के अनुभव, सफलताओं को लिया जा सकता है। यह दिखाइये कि स्पीकर अपने विषय में ज्ञानी है, मगर क्वालिफ़िकेशन्स का विवरण संक्षिप्त और प्रासंगिक ही रखिए। [९]
    • जैसे कि, यदि स्पीकर टीमवर्क में सुधार के बारे में भाषण दे रहा हो, तब यह बताइये कि किस प्रकार स्पीकर ने अनेक फॉर्च्यून 500 कंपनियों में काम के वातावरण में परिवर्तन कर दिया।
    • परंतु यदि बात घर में बुनाई के बारे में हो, तब आप डिगरियों, पुरस्कारों या फॉर्च्यून 500 में काम के अनुभव की बात नहीं करना चाहेंगे।
  3. श्रोताओं को बताइये कि सुनने से वे क्या सीख सकेंगे: श्रोताओं का ध्यान आकृष्ट करना आपका काम है। यह करने के लिए, श्रोताओं को बताइये कि उन्हें इस भाषण से बहुत कुछ मिलेगा। इन शिक्षाओं को कार्यक्रम से प्रासंगिक होना चाहिए। जैसे कि, यदि बातें सार्वजनिक भाषण देने के बारे में हो रही होंगी, तब श्रोता यह जानना चाहेंगे कि वे अपने जीवन में इससे क्या लाभ उठा सकेंगे। [१०]
    • जैसे कि, शायद आप कह सकते हैं, “जॉन स्मिथ आज साबित करेंगे कि कोई भी करिश्माई भाषण दे सकता है और थोड़ी परेशानी होना सदैव ही कोई बुरी बात नहीं होती है।”
  4. यदि आपके पास हो, तब एक छोटा सा व्यक्तिगत किस्सा सुना दीजिये: संभावना यही है कि आपको बोलने के लिए इसीलिए चुना गया था क्योंकि आपका अपने गेस्ट से कुछ इंटरऐक्शन (interaction) हुआ होगा। इसके लिए स्पीकर से घनिष्ठता होने की ज़रूरत नहीं है। चूँकि स्पीकर के लिए कहे गए आपके शब्दों में अपनापन लग रहा होगा, इसलिए श्रोताओं का ध्यान उस पर जाएगा। उनका आपसे संबंध जुड़ेगा और इसीलिए वे भाषण सुनना चाहेंगे। [११]
    • आप चाहें तो कह सकते हैं, “20 साल पहले मेरा परिचय एक ऐसे आदमी से हुआ, जिसने मुझे बेहतर बनने की चुनौती दी। फिर उससे गहरी दोस्ती हो गई।”
    • आप कोई छोटा सा किस्सा भी सुना सकते हैं, जैसे कि “मैंने जॉन स्मिथ को मयामी में बोलते हुये सुना और मैं विचलित हो गया,” या, “डॉ स्मिथ ने आज सुबह अपने विचार मुझे बताए, और मुझे विश्वास है कि वे आपको भी पसंद आएंगे।”
    • सावधानी यह बरतिए कि प्रशंसा के बौछार मत कर दीजिये क्योंकि इससे श्रोताओं की स्पीकर से अपेक्षा बहुत बढ़ जाती है। आपकी बहुत अधिक बड़ाई से स्पीकर का आत्मविश्वास भी डगमगा जाता है।
  5. मज़ाकिया किस्सों को सुनाने में समय लगता है और अक्सर इनके कारण किसी को शर्मिंदगी हो सकती है या ये भाषण से संबन्धित नहीं होते हैं। वैसे कभी कभी ये काम कर भी जाते हैं। हँसी मज़ाक शामिल करने के बारे में आपको खुद निर्णय करना होगा। कुछ मामलों में, जैसे कि किसी दुखद या निचोड़ देने वाले ईवेंट के बाद, श्रोताओं को थोड़ी हँसी की ज़रूरत होती है। [१२]
    • जैसे कि, आप कह सकते हैं “जॉन स्मिथ की प्रेरणा से मैंने अपनी कैबिनेट बनाने का निर्णय लिया। मगर वह पाँच मिनट में ही बिखर गई। मगर मैंने उसके भाषण को फिर से सुना, और इतना कुछ सीखा कि मैं अपना एक कैबिनेट का व्यापार खोल सका।”
  6. अंतिम लाइन पर तालियाँ बजती हैं। अपने भाषण को ऐसा ही बनाइये। यही वह जगह है जहां श्रोताओं को स्पीकर के लिए उत्साह दिखाने की ज़रूरत होती यह भाषण की एकमात्र जगह है जहां आपको स्पीकर का नाम और टाइटल बताने की ज़रूरत होती है। [१३]
    • जैसे कि, आप कह सकते है, “कृपया, मेरे साथ डॉ जॉन स्मिथ का स्वागत करिए!”
    • अगर उसकी ज़रूरत हो, तो आप भाषण का शीर्षक भी बता सकते हैं। इससे उन बड़े ईवेंट्स में मदद मिलती है जहां श्रोता और स्पीकर दोनों ही अलग अलग लोकेशनों से आ रहे हों।
    • आप भाषण की शुरुआत में भी स्पीकर का नाम बता सकते हैं और फिर पूरे परिचय के दौरान आप उनका नाम दोहराते रह सकते हैं। इससे श्रोताओं के साथ अंतरंगता बढ़ती है।
  7. पूरा भाषण लिख लेने के बाद, उसे खुद को ही पढ़ कर सुनाइए। देखिये कि वह कैसा लगता है। जगह के हिसाब से उसकी टोन उचित होनी चाहिए। ऐसे शब्द या विवरण जो उचित न लगें उन्हें काट दीजिये, और ज़रूरी बदलाव करिए। साथ ही, देखिये कि आपको कितना समय लगता है। अच्छे भाषण स्मूथ (smooth) होना चाहिए और उसको व्यर्थ ही खींचा नहीं जाना चाहिए। [१४]
    • सोच कर देखिये कि अगर आप श्रोता होते तो ऐसे परिचय का आप पर क्या असर होता।
विधि 3
विधि 3 का 3:

भाषण देना

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  1. बढ़िया परिचय एकाएक नहीं दिया जा सकता। आपको परिचय देने से पहले उसका थोड़ा रिहर्सल कर लेना चाहिए। अगर आप स्टेज पर खड़े हो कर नोट्स से पढ़ कर बोलेंगे तब आप श्रोताओं का ध्यान भटका सकते हैं। उसकी जगह यह सुनिश्चित करिए कि आपको सब याद रहे और आपके मुंह से शब्द बिना प्रयास के निकलें। आपका परिचय धाराप्रवाह और उत्साह से भरा होना चाहिए। आप परिचय का अभ्यास अनेक तरीकों से कर सकते हैं, जैसे कि उसे रिकॉर्ड करके या अपने परिचितों के सामने उसका अभ्यास करके। [१५]
    • अगर समस्या स्टेज फ़्राइट (stage fright) की हो, तब शीशे में देखते हुये परिचय देने की कोशिश करिए। जब आपको उसमें कोई दिक्कत न रह जाये, तब अपने परिवार या मित्रों के सामने उसका अभ्यास करिए।
    • परिचय को रिकॉर्ड करके अकेले में उसे सुनना सबसे सरल तरीका है। उसे प्ले करके यह देखने को सुनिए, कि क्या कोई ऐसी जगहें हैं जहां सुधार की ज़रूरत है।
  2. स्टेज पर जाने से पहले बहुत अधिक रिहर्सल करने से बचिए: अपनी बारी का इंतज़ार करते समय आपको लगेगा कि परिचय एक बार फिर दोहरा लिया जाये। कुछ रिहर्सल तो ठीक होते हैं, मगर बहुत अधिक रिहर्सल करके और याद कर अपने को थका मत डालिए। अभ्यास से होगा यह, कि आप स्वयं को सुरक्षित और गेस्ट स्पीकर के बारे में उत्साहित महसूस करेंगे। इस तरह आपका परिचय किताबी नहीं लगेगा।
  3. श्रोताओं में जो लोग आपको नहीं जानते हैं, उनके लिए आपके नाम और टाइटल को जानना उपयोगी होगा। मगर इसको संक्षिप्त ही रखिए ताकि आप अधिक समय परिचय में दे सकें। याद रखिए कि आप गेस्ट स्पीकर के लिए ज़मीन तैयार कर रहे हैं, इसलिए यह विस्तार से बताने की ज़रूरत नहीं है कि आप कौन हैं। अगर किसी ने आपका परिचय पहले ही दे दिया हो, तब आप इस हिस्से को छोड़ भी सकते हैं।
    • कहिए, “शुभ संध्या। मेरा नाम अलेक्स ब्राउन है, और मैं इस ईवेंट का आयोजक हूँ।”
    • जब सभी लोग आपको जानते हों, जैसे कि यदि आप किसी क्लास में अध्यापक हों और किसी स्पीकर का परिचय करा रहे हों, तब आपको यह करने की ज़रूरत नहीं।
  4. चूंकि आपने अभ्यास किया होगा, इसलिए आप उत्साह से परिचय कराने को तैयार हो सकते हैं। ऊर्जा के स्तर को ऊंचा ही रखिए। सीधे खड़े होइए। जैसे-जैसे आप परिचय में आगे बढ़ते जाएँ, अपनी आवाज़ अधिक ऊँची और आधिकारिक बनाते हुये ऊर्जा के स्तर को बढ़ाते जाइए। बस यह याद रखिए कि अगर आप श्रोताओं में होते तो किस प्रकार का परिचय पसंद करते। आप चाहते कि इससे गेस्ट स्पीकर पर ध्यान देने की प्रेरणा मिले। [१६]
  5. अनेक स्पीकर या तो घबरा जाते हैं या अति उत्साह में आ जाते हैं। वे अपना भाषण जल्दी से पूरा करते हैं, और उसे सुना भी नहीं जा सकता है। आप थोड़ा धीमे बोलिए। इससे आपके परिचय के हर हिस्से को श्रोताओं द्वारा सुना जा सकेगा। आप देखेंगे कि प्रत्येक शब्द अलग अलग पीछे वाले श्रोताओं द्वारा तक सुना जा सकेगा।
  6. जब अप समापन की ओर पहुँचें, तब खड़े हो जाइए। अपनी अंतिम लाइन ज़ोर से कहिए। और ताली बजाने वाले पहले आदमी होइए। परिचयकर्ता के रूप में, आप गेस्ट स्पीकर के लिए स्टेज तैयार कर रहे हैं। श्रोता आपकी ही नकल करेंगे, और यह ध्यान रखिएगा कि स्पीकर के लिए ठंडे स्वागत से बुरा और कुछ नहीं होता। [१७]
  7. अपना शरीर उनकी ओर मोड़ लीजिये। आपके पाँव उनकी ओर होने चाहिए और नज़रें उनसे मिली होनी चाहिए। गेस्ट स्पीकर की ओर देख कर ज़ोर से और दिल से मुस्कुराइए। अपनी जगह पर रुके रहिए और जब तक वे आप तक न पहुँचें तब तक ताली बजाते रहिए।
  8. हाथ मिलाना एक पॉज़िटिव क्रिया है। श्रोता इस पर ध्यान देंगे। इससे आपके अभिवादन में आत्मीयता आती है, और दिखता है कि आपका स्पीकर के साथ संबंध है। जब तक वे स्टेज पर न पहुँच जाएँ तब तक स्पीकर की ओर मुँह किए रहिए। उनसे हाथ मिलाइए और फिर विश्वास के साथ स्टेज छोड़ दीजिये। [१८]

सलाह

  • “इस व्यक्ति को परिचय की ज़रूरत नहीं।” जैसी घिसी पिटी बातें भूल जाइए। उसकी जगह अपने परिचय को ख़ास और विवरणात्मक बनाने की कोशिश करिए।
  • आपने जो परिचय लिखा हो, उसे स्पीकर को दिखा कर उनका एप्रूवल (approval) ले लीजिये।
  • अगर आपको लगता है कि उपलब्ध परिचय इन श्रोताओं के सामने प्रस्तुत करना उचित नहीं है, तब स्पीकर से निवेदन करके उसे रिवाइज़ (revise) करवा लीजिये।

विकीहाउ के बारे में

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