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धोखेबाज़ जीवनसाथी (cheating spouse) से निबटना शायद जीवन में किए जा सकने वाले सबसे कठिन कामों में से एक है। जब बात यह तय करने की होती है कि क्या आप संबंध चलाते रहना चाहते हैं, तब कोई सही जवाब नहीं होता है। आप बस यही कर सकते हैं कि अपने जीवनसाथी से काम्यूनिकेट करें, अपने दिल की बात सुनें, और यह तय करें कि संबंध बचाने लायक है या नहीं। अगर आप निर्णय लेते हैं कि संबंध चलाते रहना चाहते हैं, तब अपना ध्यान रखते हुये, एक बार में एक चीज़ हाथ में लीजिये। (Deal With a Cheating Spouse, Dhoka Pahchane, Dhokebaaj Partner ki Pahchaan)

विधि 1
विधि 1 का 3:

जानिए कि क्या नहीं करना है

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  1. आपके जीवनसाथी के धोखा देने के कारण सदैव ही ज़ाहिर नहीं हो सकते हैं, और आपको लग सकता है कि स्वाभाविक तौर पर स्वयं को ही दोष देना चाहिए। शायद आपको लगता हो कि आप में दूरी बढ़ गई है, या शयनकक्ष में आप उतने उत्साहित नहीं रहे हैं। शायद आपने काम में स्वयं को डुबा लिया है और संबंध को पर्याप्त समय नहीं दिया है। वैसे, शायद यही वे कारण हों जिनकी वजह से आपको सम्बन्धों पर कुछ परिश्रम की आवश्यकता हो, मगर आपको यह जानना चाहिए कि आप कभी ऐसा कुछ नहीं कर सकते जिसके कारण जीवनसाथी को धोखा देना पड़े, और आपको कभी भी खुद को जीवनसाथी की ग़लतियों के लिए दोषी नहीं ठहरना चाहिए।
    • अवश्य ही, आप संबंध में किसी समस्या के लिए दोषी हो सकते हैं, और यह महत्वपूर्ण है कि आप उसे स्वीकार कर लें। मगर, आपको कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि आपकी किसी ग़लती के कारण, जीवनसाथी का धोखा देना उचित है।
    • यदि आप स्वयं को दोषी बनाने पर ही ध्यान केन्द्रित करेंगे, तब आपका पार्टनर हुक से छूट जाएगा। आपको अपने पार्टनर के व्यवहार पर भी, ध्यान केन्द्रित करना होगा।
  2. यदि अप स्वयं को जल्दी पागल कर लेना चाहते हैं, तब आप दूसरे आदमी या औरत के बारे में लाखों सवाल पूछ सकते हैं, दूसरे व्यक्ति के फेसबुक प्रोफ़ाइल का पीछा करने में घंटों बिता सकते हैं, या उस व्यक्ति पर एक नज़र डालने का प्रयास कर सकते हैं। आप ऐसा सोच सकते हैं कि उस व्यक्ति के बारे में सब कुछ जान कर आप पता लगा सकते हैं कि आपके संबंध में क्या गड़बड़ी थी, लेकिन असल में, इससे आपको बहुत कुछ हासिल नहीं होगा, हालांकि आपको तकलीफ़ बहुत होगी। [१]
    • जब किसी जीवनसाथी का अफेयर चल रहा होता है, तब शायद ही वह तीसरे व्यक्ति के बारे में होता है। जब तक कि जीवनसाथी वास्तव में तीसरे पक्ष से अर्थपूर्ण संबंध शुरू नहीं कर देता, अधिकतर, वह वास्तव में धोखेबाज़ की स्वयं से या विवाह से असंतुष्टि का प्रदर्शन ही होता है। यदि आप दूसरे आदमी या औरत पर बहुत ध्यान देंगे, तब आप अपने जीवनसाथी या संबंध के बारे में नहीं सोचेंगे।
    • हालांकि अफेयर के बारे में थोड़ी जानकारी से आपको संतोष मिल सकता है, परंतु आप शायद नहीं जानना चाहेंगे कि दूसरा व्यक्ति दिखता कैसा है, काम क्या करता है, या अन्य कोई जानकारियां जो शायद आपका ध्यान बंटाएँ या आपको छोटा दिखाएँ।
  3. हालांकि आपको लग सकता है कि यदि आप धोखे का कोई तर्कसंगत कारण ढूंढ सकेंगे तब आपके लिए आगे बढ़ना आसान हो जाएगा, जैसे कि ये फैक्ट कि धोखा इसलिए दिया क्योंकि आपके पति काम छूट जाने के बाद से शक्तिहीन महसूस कर रहे थे, या थर्ड पार्टी ने आपकी पत्नी पर इतना दबाव डाला कि वह संभवतः उसका प्रतिरोध नहीं कर सकी, मगर बकवास से अर्थ निकालने का प्रयास करना बेकार है। स्वीकार करिए कि आप आहत हुये हैं और आपको आगे बढ्ने का कोई कारण चाहिए, मगर यह मत समझिए कि जीवनसाथी के लिए बहाने ढूँढना वहाँ जाने का कोई रास्ता है। [२]
    • जब आपके जीवनसाथी ने धोखा देने का विचार किया तब उसके दिमाग़ में जो हुआ उसके लिए तर्क नहीं संभव है। वैसा क्यों हुआ, उसका सटीक कारण खोजने में बहुत समय मत लगाइये और उसके स्थान पर आगे बढ्ने का प्रयास करिए।
  4. आपको बहुत चोट लगी हो सकती है और आप बहुत ही नाराज़ हो सकते हैं, आपकी इच्छा हो सकती है कि अपनी भड़ास निकालने के लिए परिवार के सभी सदस्यों को, घनिष्ठ मित्रों को बताएं और यहाँ तक कि सोशल मीडिया पर भी पोस्ट करें। परंतु यदि कभी मेल-मिलाप का अवसर आयेगा भी, तब आपको उन लोगों से निबटना होगा जो जीवन भर आपके जीवनसाथी और आपके सम्बन्धों को अलग दृष्टिकोण से देखेंगे। सभी लोगों को बताने के स्थान पर, केवल उन्हीं निकटवर्ती लोगों को बताइये जिनसे आपको लगता हो कि आपको इससे निबटने में सहायता मिल सकती है।
    • जब अप सब लोगों को बता देंगे तब आपको आंतरिक राहत मिल सकती है, मगर उसके बाद पीड़ा और अफ़सोस भी आयेगा। आप को एहसास नहीं होगा कि आप सभी की सलाह और आलोचना के लिए तैयार नहीं हैं।
    • यदि आप अपने पार्टनर की बेवफ़ाई की बात अपने घनिष्ठ मित्रों को बता ही रहे हों, तब यदि आपको यकीन न हो कि आप उसका क्या करना चाहते हैं तब सुनिश्चित करिए कि आप यह सावधानी से करें। यदि आपके मित्रों को लगेगा कि आप अपने पार्टनर को छोड़ने ही वाले हैं, तब वे उसके बारे में 1,000 चीज़ें बताएँगे जो कि उन्हें नापसंद थीं, और इससे आपको सचमुच अच्छा नहीं ही लगेगा और बाद में यदि आप संबंध बनाए ही रखना चाहेंगे तब अटपटा लग सकता है।
  5. आपके मित्र और परिवार वाले क्या कहेंगे इसे ले कर जुनून न पाल लीजिये: अपने सभी जानने वालों को नहीं बताने के साथ ही, आपको इसे ले कर चिंता नहीं करनी चाहिए कि जो अफेयर के बारे में जानते हैं वे क्या सोचेंगे। हालांकि आपके नज़दीकी लोग उपयोगी सलाह दे सकते हैं, अंततः, बात यही है कि आपके लिए सबसे अच्छा क्या है, और आपको स्वयं से यह नहीं पूछना चाहिए कि सभी लोग क्या सोचेंगे, चाहे आप संबंध में रहना चाहें या छोड़ना। अंततोगत्वा, दूसरे लोग क्या सोचते हैं इससे फ़र्क नहीं पड़ता है, आपको दूसरों की आलोचना की छाया अपने निर्णय लेने की प्रक्रिया पर नहीं पड़ने देनी चाहिए।
    • निकटवर्ती लोगों से बात करने से आपको निश्चय ही मजबूती पाने में सहायता मिलेगी और साथ ही आपकी परिस्थिति के बारे में एक नया दृष्टिकोण भी मिलेगा। मगर अंत में यह जान लीजिये, कि उनकी राय कभी आपकी राय की जगह नहीं ले सकती।
  6. हालांकि आपको लगेगा कि धोखे का पता लगते ही आप अपना सामान बांध कर चले जाएँ या अपने जीवनसाथी को लात मार कर घर से निकाल दें, मगर आपको इस पर विचार करने के लिए और समय लेना चाहिए। आप अवश्य ही अपने जीवनसाथी से दूर कुछ समय बिता सकते हैं, मगर यह कहने से बचिए कि आप तलाक चाहते हैं या तुरंत ही कोई बड़ा निर्णय मत ले लीजिये। जल्दी में ऐसा कुछ भी करने के बजाय, जिसके लिए बाद में पछताना पड़े, जो भी हुआ उस पर तथा आपके और आपके सम्बन्धों के लिए अच्छा क्या होगा, उस पर विचार करने के लिए स्वयं को समय दीजिये।
    • हालांकि तुरंत ही एक दूसरे से दूर कुछ समय बिता पाना अच्छी बात हो सकती है, मगर समाचार सुनते ही यह कहने से बचिए कि आपको तलाक चाहिए; हालांकि आपका दिल आपसे यह करने को कहेगा, मगर तब तक रुकिए जब तक कि आप खुले दिमाग़ से यह निर्णय न कर लें कि भलाई के लिए यही ठीक है।
  7. हालांकि जीवनसाथी से क्रूर होना, जो चीज़ें उसे पसंद हों उन्हें छीन लेना या बदले में अपना अफेयर चलाना अच्छा लग सकता है, मगर ऐसा व्यवहार आपको अधिक दूर तक नहीं ले जाएगा और इससे आपके संबंध आगे बढ्ने में भी सहायता नहीं मिलेगी। हालांकि आप आहत हो सकते हैं, कुछ समय के लिए अपनी दूरी बना सकते हैं, मगर सक्रिय रूप से उसे दुखी करने का प्रयास मत करिए, अन्यथा आप दोनों को ही बहुत बुरा लगेगा।
    • अपने जीवनसाथी को सज़ा देने से आपमें केवल और कटुता ही भरेगी और आपका संबंध और भी खराब हो जाएगा। कुछ समय अलग बिताना और सामान्य से अधिक शीतलता और दूरी बनाए रखना ठीक होगा, मगर सक्रिय रूप से क्रूर होना कुछ भी सुधारेगा नहीं।
विधि 2
विधि 2 का 3:

पहले कदम उठाना

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  1. इससे पहले कि आप उसके साथ बातचीत शुरू करें आपको यह सोचने के लिए समय निकालना चाहिए कि आप अपने जीवन साथी से क्या चाहते हैं। सीधे धोखेबाज़ी की बात करके रोने-धोने और सुलह करने पर मत आ जाइए। उसके स्थान पर, एक योजना बनाइये ताकि आपके जीवनसाथी को पता चले कि यदि वो संबंध ज़ारी रखना चाहते हैं तो आपकी उनसे क्या अपेक्षा है। इसे कोई सज़ा जैसा नहीं, बल्कि साथ में आगे बढ्ने की योजना लगना चाहिए।
    • अपने पार्टनर को जान लेने दीजिये कि संबंध ज़ारी रखने के लिए उसे क्या करना होगा। इसमें शामिल हो सकता है, एक साथ काउंसेलिंग में जाना और संभवतः अलग अलग भी, जिन चीज़ों का साथ आपको पसंद रहा हो उनकी पुनः खोज के लिए ठोस कदम उठाना, हर रात कम्यूनिकेशन के लिए समय निकालना, या तब तक अलग कमरों में सोना जब तक कि आपको फिर से एक साथ रहने में सहज न लगने लगे।
    • यदि आप तलाक लेने के बारे में सोच रहे हों, आप जितनी जल्दी हो सके वकील का प्रबंध कर लीजिये। आप जितनी जल्दी यह कर लेंगे, आप उतनी ही अच्छी सौदेबाज़ी की स्थिति में होंगे।
  2. चाहे आप यह पाएँ कि आप जीवनसाथी को क्षमा करने या चीज़ों को सामान्य स्थिति पर लाने को तैयार हों, तब भी यह याद रखिए कि जो विश्वास और प्रेमपूर्ण भावनाएँ जीवनसाथी के लिए कभी आपके मन में थीं, उनके वापस आने के लिए बहुत समय लगेगा। हालांकि चाहे आप दोनों उसको ठीक करने के लिए कटिबद्ध ही क्यों न हों, किसी बेहतर शब्द की अनुपस्थिति में यही कहा जा सकता है कि चीज़ों को सामान्य महसूस करने और जिससे आपने शादी की थी उसके प्रति चाहत फिर से महसूस करने में बहुत समय लग सकता है। यह बिलकुल सामान्य है। अगर आप जल्दी करना चाहेंगे, तब शायद आप मुसीबत में पड़ सकते हैं। [३]
    • आप रातों-रात न तो अपने पार्टनर को क्षमा कर पाएंगे और न ही वापस सामान्य पर पहुँच पाएंगे। वही विश्वास फिर से बनाने के लिए महीनों, या सालों तक लग सकते हैं।
    • आपको भी धीमे चलना होगा। आपको भी बहुत दिन लग सकते हैं उसी बिस्तर पर सोने में जिस पर पार्टनर के साथ रहते थे, उसके साथ डिनर पर जाने में या उन्हीं चीज़ों में मज़ा लेने में जो आप साथ करते थे। उसके लिए तैयार रहिए।
  3. अपने जीवन साथी को पता चलने दीजिये कि आपको कैसा लग रहा है। उसे उस क्रोध, चोट, विश्वासघात और दर्द के बारे में बताइये जो उसने आपको दिया है। बहुत सावधानी बरत कर ऐसा मत दिखाइए कि वह कोई बड़ी बात नहीं था; उसे अपनी पीड़ा देखने दीजिये और सुनने दीजिये कि आपको कैसा लग रहा है। अगर आप पर जो बीत रही है उस बारे में ईमानदार और स्पष्टवादी नहीं होंगे, तब आप कभी भी साथ आगे नहीं बढ़ पाएंगे। हालांकि अपनी वास्तविक भावनाएँ व्यक्त करने में आपको शर्म आ सकती है या डर लग सकता है, मगर यह महत्वपूर्ण है कि आप ऐसा करें।
    • यदि आपको अपने जीवनसाथी का सामना करने या उससे वह सब कहने में, जो आप कहना चाहते हैं, परेशानी है, तब आप जो कुछ भी साझा करना चाहते हैं उसे लिख डालिए। इससे, आप उस पल में खो नहीं जाएँगे और कोई महत्वपूर्ण पॉइंट कहे जाने से छूटेगा भी नहीं।
    • यदि जो कुछ भी हुआ उसे बारे में बात करना आपको बहुत भावुक करता हो, तब कुछ दिन ठहरिए या जितना हो सके उतना ठहरिए जब तक कि आपको उस बारे में खुल कर बात करने में सहज न लगने लगे। बेशक, बात चीत कभी भी पूरी तरह से सहज तो नहीं ही होगी, मगर अगर आपको अपने पैर जमाने के लिए कुछ समय चाहिए हो तो अवश्य लीजिये। यह कह तो दिया है, मगर आप शायद इस वार्तालाप को लंबे समय के लिए टालना नहीं चाहेंगे।
  4. हो सकता है कि आपके धोखेबाज़ जीवनसाथी ने जो किया हो उसके बारे में आप कुछ चीज़ें स्पष्ट जानना चाहते हों। यदि आप जानना, चाहते हों कि यह सब कैसे हुआ तब आप पूछ सकते हैं कि यह कितनी बार हुआ, कब हुआ, यह शुरू कैसे हुआ या यह भी कि दूसरे व्यक्ति के बारे में आपके जीवन साथी के क्या विचार हैं। हालांकि, यदि आप यह चाहते हों कि यह संबंध टिके, तब आप उन बातों के बारे में पूछने से पहले दो बार सोचिए, जिनका न पता होना ही आपके लिए बेहतर हो सकता है।
    • ऐसे वो सभी प्रश्न पूछिये जिनसे आपको लगता हो कि आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि आपका संबंध कहाँ पर है। वैसे, केवल अपनी उत्सुकता शांत करने के लिए प्रश्न मत पूछिये; उत्तरों से आपको बहुत चोट पहुँच सकती है।
  5. हालांकि यह सुनने में बहुत शर्मिंदा करने वाला लग सकता है, मगर जैसे ही आपको पता चले कि जीवनसाथी ने आपको धोखा दिया है, आप दोनों को परीक्षण करवाना चाहिए। आपको पता नहीं है कि तीसरे पक्ष को कौन सी बीमारी रही हो, और आपको पता नहीं होगा कि वह आपको मिली है या नहीं। हालांकि आपका जीवनसाथी यह तर्क दे सकता है कि उसकी आवश्यकता नहीं है, मगर यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप दोनों सुरक्षित हैं आपको इसकी आवश्यकता है।
    • इस प्रक्रिया से निकलने पर आपके जीवनसाथी को अपने कृत्य की गंभीरता को समझने में मदद मिलेगी। किसी और के साथ सोने के साथ साथ आपके साथ सोने से उसने आपको भी जोखिम में डाला है और यह महत्वपूर्ण है कि वह इसको स्वीकार करे।
  6. हालांकि आप आहत, विह्वल, धोखा खाये हुये, नाराज़ और ऐसी ही कितनी सारी भावनाओं को निकालना चाहते होंगे, मगर महत्वपूर्ण यह है कि बैठ कर जीवनसाथी की बात भी सुनी जाये। आपको ऐसा लग सकता है कि कि उसकी बात सुनना शायद आपकी चाहने वाली अंतिम चीज़ होगी, मगर यदि आप कुछ स्पष्टता चाहते हैं और अपने संबंध को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तब आपको उसका पक्ष भी सुनना ही होगा। आपको शायद उन भावनाओं और परेशानियों का पता चल सकता है जिनका अपने जीवनसाथी के पास होने का आपको पता ही नहीं था।
    • यह सोचना उचित नहीं होगा कि वह अपना पक्ष बताने लायक ही नहीं है या उसकी कोई भावनाएँ हैं ही नहीं। हालांकि आपको नहीं लग सकता है कि आप अपने जीवनसाथी की भावनाओं का सामना करने को तैयार हैं, मगर यदि आप आगे बढ़ना चाहते हैं तब आपको उसे बताने देना होगा।
  7. जब आप और आपके जीवनसाथी धोखे के बारे में बात करने लगें, तब आप लाइन ऑफ कम्यूनिकेशन सुधारने के लिए काम शुरू कर सकते हैं। हालांकि, जो आपके जीवनसाथी ने किया उसके बाद यह असंभव लग सकता है, मगर यदि आप चीजों को बेहतर बनाना चाहते हैं तब यथासंभव कम्यूनिकेशन महत्वपूर्ण है।
    • जब आप उसके लिए तैयार हो गए हों, तब प्रतिदिन मिलिये, सभी विकर्षण किनारे कर दीजिये, और बात करिए कि आपका संबंध किस ओर जा रहा है। यदि आपको लगे कि यह सब व्यर्थ का परिश्रम है और केवल पुरानी भावनाओं का पुनर्वर्णन है, तब अतीत के बजाय वर्तमान और भविष्य के बारे में अधिक बात करिए।
    • महत्वपूर्ण यह भी है कि आप और आपका जावनसाथी एक दूसरे की भावनाओं के बारे में जानने का प्रयास करें। यही समय है कि अपने सम्बन्धों के बारे में जागरूक रहें और उस पर ध्यान दें। यदि आपमें मज़बूत कम्यूनिकेशन नहीं होगा तब आगे बढ़ना कठिन हो जाएगा।
    • अपनी भावनाओं को “तुम” के स्थान पर “मैं” वक्तव्य से व्यक्त करिए, जैसे कि कहिए, “मुझे दुख होता है कि जब मैं काम से घर आता हूँ तब तुम मेरा स्वागत नहीं करते हो,” बजाय यह कहने के कि, “जब मैं काम से घर आता हूँ तब तुम कभी मुझ पर ध्यान नहीं देते” क्योंकि यह तो आरोप जैसा लगता है।
  8. बेशक जब आप धोखे के बारे में बात करना शुरू करते हैं, तब आपको यह महत्वपूर्ण निर्णय लेना है: क्या आप जीवनसाथी को माफ़ करके फिर से स्वस्थ संबंध बना सकते हैं, या आपको लगता है कि सब ठीक होने की अब कोई संभावना नहीं बची है? स्वयं से ईमानदारी ज़रूरी है और इस बारे में सोचना भी कि आपका संबंध बचाने लायक है भी या नहीं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जल्दी में कोई भी निर्णय लेने से पहले आपको वास्तव में सोच विचार करने के लिए समय और जगह निकालनी होगी।
    • अगर आपने अपने जीवनसाथी से बात कर ली है और उसका पक्ष सुन लिया है जबकि आपको लगता है कि आपने अपनी भावनाओं पर भी विचार कर लिया है, तब आप यह निर्णय लेना शुरू कर सकते हैं कि आप चीजों को ठीक करना चाहेंगे या नहीं।
    • अगर आपको लगता है कि आप ठीक करना चाहेंगे, तब बहुत प्रयास करने की तैयारी करिए। अगर आपको लगता है कि आपके लिए सब समाप्त हो चुका हा, तब यह समय आ गया है कि तलाक के लिए कदम उठाए जाएँ। अगर आपके लिए यही रास्ता है, तब अपने देश और/या राज्य के कानून देखिये – उनमें कुछ परिवर्तन हो सकते हैं।
विधि 3
विधि 3 का 3:

सम्बन्धों का पुनर्निर्माण

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  1. दुर्भाग्य से, कोई पत्रिका, मित्र, परिजन या डॉक्टर आपसे नहीं बता सकता कि कौन सा निर्णय आपके लिए – या आपके परिवार के लिए सबसे अच्छा होगा। अगर बच्चे भी शामिल हैं, तब आपका निर्णय और भी उलझ जाएगा। हालांकि आपको लग सकता है कि केवल एक ही सही उत्तर हो सकता है, अंततः, आपको स्वयं से ईमानदार होना होगा और देखना होगा कि आपका दिल आपसे क्या कह रहा है। सच ढूँढने में समय लग सकता है, मगर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप यह पहचान लीजिये कि कोई और आपको नहीं बता सकता कि आप क्या करें या कैसा महसूस करें, विशेषकर आपका जीवनसाथी। [४]
    • यह एक भयभीत करने वाला विचार हो सकता है, क्योंकि संभावना यही है कि उत्तर खोजने में आपको कुछ समय लगेगा। मगर आपकी अंतरात्मा आपको अभी ही कुछ तो बता रही होगी, तब बेहतर होगा कि उसकी सुन लें।
  2. याद रखिए कि क्षमा करना वास्तव में एक विकल्प है; यह ऐसा कुछ नहीं है जो कि या होगा या नहीं होगा। अगर आप अपने जीवनसाथी को माफ़ करने के लिए तैयार हैं, या माफ़ करने के प्रयास के लिए तैयार हैं, तब आपको निर्णयात्मक रूप से वैसा करने का चयन करना होगा। क्षमा बस यूं ही आपकी या उसकी गोद में नहीं आ कर गिर जाएगी, और उसके लिए आपको प्रयास करना होगा। इसका पहला कदम यह स्वीकार करना है कि आप वह सब करने के लिए प्रयास करेंगे।
    • अपने जीवनसाथी से इस बारे में ईमानदार रहिए। अपनी क्षमा करने या नहीं करने की इच्छा को रहस्य मत रहने दीजिये। उसे पता चल जाने दीजिये कि आप उसे कारगर करने के लिए सचमुच प्रयास करना चाहते हैं।
  3. साथ ऐसा समय बिताइए जिसका अफेयर से कुछ लेना-देना न हो: यदि आप अपना संबंध पुनर्स्थापित करना चाहते हैं, तब आपको और आपके जीवनसाथी को क्वालिटी समय साथ बिताना होगा, जिसका इस तथ्य से कुछ लेना देना नहीं होगा कि आपके जीवनसाथी ने आपको धोखा दिया है। ऐसी चीज़ें करने की कोशिश करिए जिन्हें साथ करना आपको पसंद था और उन जगहों से दूर रहिए जिनसे आपको धोखेबाज़ी की याद आती हो। सबसे नीचे से शुरू करने की कोशिश करिए, और आप तेज़ी से आगे बढ़ें उससे पहले दैनंदिन गतिविधियों से यह सुनिश्चित करिये कि आपके संबंध की नींव मज़बूत हो। [५]
    • आप साथ में करने के लिए कोई नई गतिविधि भी खोज सकते हैं जैसे हाइकिंग, या खाना पकाना। बस यह सुनिश्चित करिए कि आपको ऐसा न लगे कि आपका पार्टनर उसके कारण कष्ट में है या उसे बहुत प्रयास करना पड़ रहा है।
  4. धोखेबाज़ जीवन साथी से निबटते समय, आपको ऐसा लग सकता है कि अपना ध्यान रखना तो सबसे आख़िरी बात है। आप शायद जटिल भावनाओं के तूफ़ान को झेलने में इतने व्यस्त होंगे कि दिन में तीन बार खाने, थोड़ी धूप लेने और पर्याप्त आराम करने का विचार भी आपके मन में नहीं आता होगा। खैर, यदि आप इस कठिन समय में मज़बूत रहना चाहते हैं और अपने सम्बन्धों को सुधारने के लिए पर्याप्त ऊर्जा चाहते हैं, तब आपको बिलकुल वही करना है। ये कुछ चीज़ें हैं जिनका आपको ध्यान रखना है:
    • हर रात कम से कम 7-8 घंटे सोइए। यदि आपको जीवनसाथी के बगल में सोने के कारण परेशानी हो और आप सो न पा रहे हों, तब आप सहज होने के लिए सोने के किसी अन्य इंतज़ाम के लिए चर्चा कर लीजिये।
    • दिन में तीन बार स्वास्थ्यकर भोजन करिए। हालांकि आपकी इच्छा अधिक अस्वास्थ्यकर भोजन करने की होगी, जैसे कि मिठाइयाँ, क्योंकि आप तनावग्रस्त होंगे, मगर हौसला बनाए रखने के लिए आपको स्वस्थ रहने का प्रयास करना चाहिए। चर्बीदार भोजन आपको शिथिल कर सकता है।
    • प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करने का प्रयास करिए। यह समय आपके दिमाग़ और शरीर के लिए अच्छा है और आपको अकेले कुछ समय दे सकता है जब आप अफेयर के बारे में नहीं सोचेंगे।
    • जर्नल लिखिए। कोशिश करिए कि हफ्ते में में कम से कम कुछ बार अवश्य लिखें ताकि आप अपनी भावनाओं के संपर्क में आ सकें।
    • स्वयं को सबसे काट मत लीजिये। केन्द्रित महसूस करने के लिए अपने मित्रों और परिवार के साथ अधिक समय बिताइए।
  5. हालांकि काउंसेलिंग सभी के लिए नहीं होती है, परंतु यदि आप चीजों को ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं तब आपको और आपके जीवन साथी को इसे लेना चाहिए। आपको ऐसा लग सकता है कि यह बहुत शर्मिंदा करने वाली या बहुत अधिक ही कुछ होगी आपके लिए, मगर यह असलियत में आपके और आपके जीवनसाथी के लिए सुरक्षित जगह बनाने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है और आपके लिए अपनी भावनाओं को साझा करना सबसे सहज लगेगा।
    • यदि आपके लिए यह महत्वपूर्ण हो, तब अपने जीवनसाथी को बता दीजिये कि यह नहीं करने का तो प्रश्न ही नहीं है। आपके पार्टनर ने आपका विश्वास तोड़ा है, और उसे यह चीज़ आपके लिए कर सकना चाहिए।
  6. यदि आपके बच्चे हैं, तब धोखेबाज़ जीवनसाथी से निबटना और भी जटिल हो जाएगा। आपके बच्चे घर में तनाव महसूस कर सकते हैं, और सबसे अच्छा यही होगा कि उनको इस बारे में खुलेपन और ईमानदारी से बता दिया जाये कि आपमें और आपके जीवनसाथी में कुछ समस्याएँ चल रही हैं। हालांकि आपको विस्तार में बताने के आवश्यकता नहीं है उनको बताइये कि आप उनसे प्यार करते हैं और आप और जीवनसाथी मिल कर पूरा प्रयास कर रहे हैं कि सब ठीक हो जाये। [६]
    • यदि आप संबंध समाप्त करने के बारे में सोच रहे हैं, तब अपने जीवनसाथी को अपने बच्चों को अपराधबोध की तरह इस्तेमाल करके आपको उसमें ज़बरदस्ती रखने मत दीजिए। हालांकि वह यह तर्क दे सकता है कि बच्चों के हित में यही होगा कि माता और पिता दोनों ही घर में रहें, मगर यह तब तो ठीक नहीं रहेगा जबकि वे दोनों सदा लड़ते रहें या एक दूसरे की परवाह न करें।
    • जब आप इस कठिन समस्या से जूझ रहे हों, तब भी उनके लिए समय निकालिए। बच्चों के साथ रहने से आपको मज़बूती भी मिल सकती है।
  7. अगर आपने उसे ठीक करने की सब कोशिशें की हों मगर अपने जीवनसाथी को क्षमा करके आगे बढ्ने की कोई राह न दिख रही हो, तब शायद संबंध समाप्त करने का समय आ ही गया है। जीवनसाथी को क्षमा नहीं कर पाने के लिए स्वयं से निराश मत होइए, चाहे वह आपका विश्वास प्राप्त करने का कितना भी प्रयास क्यों न कर रहा हो; कुछ चीज़ें माफ़ नहीं ही की जा सकती हैं। यदि आपको लगता हो कि आप संबंध को आगे नहीं चला सकते और महसूस करते हैं कि आपने उसे ठीक करने के लिए यथासंभव प्रयास कर लिया है, तब समय निर्णय लेने का और आगे बढ्ने का है।
    • अगर आपको लगता हो कि आप माफ़ नहीं ही कर सकते हैं तब भी अपने पर नाराज़ या निराश मत होइए। आपने प्रयास कर लिया है, और बात तो यह है आपके पार्टनर ने ही पहले विश्वासघात किया था।
    • अगर आप आगे बढ़ सकें हैं, तब आपको “पीछे हटने” के लिए शर्मिंदा भी नहीं होना चाहिए। आपने अपने सम्बन्धों और परिवार के सर्वश्रेष्ठ विकल्प चुना है, और किसी को उसकी आलोचना नहीं करनी चाहिए।

सलाह

  • एक काम जो आप कर सकते हैं वह यह कि कुछ पलों के लिए उनका सेल फोन हासिल कर लीजिये और उसमें से एक या दो अपरिचित नंबर छाँट लीजिये और उन पर किसी प्रतिबंधित नंबर से कॉल करने का प्रयास करके देखिये।
  • संभावना यही अधिक है कि नंबर के साथ नाम नहीं होगा, केवल एक नंबर जिससे कि आप उस लड़के या लड़की से दूर ही रहें।

चेतावनी

  • ईर्ष्यालु जैसा व्यवहार मत करिए जिससे उनको यह सोचने का मौका न मिले कि आप कोई जानकारी तलाश रहे हैं या कुछ और असामान्य सोच रहे हैं। पहले उनसे खरे सवाल पूछने का प्रयास करिए।
  • उनसे बात करते समय बहुत दखलंदाज़ मत लगिए वरना आप उनको उससे दूर कर देंगे जिसे आप वास्तव में खोजने का प्रयास कर रहे हैं।

विकीहाउ के बारे में

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