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प्रैशर पॉइंट (pressure points) की ट्रेडीशनल डेफ़िनिशन, एक ऐसा पॉइंट, जिस पर जब प्रैशर अप्लाई होता है, तब वहाँ पर एक बहुत ही अजीब तरह का दर्द होता है। इसे एक्यूपंक्चर प्रैशर पॉइंट्स पर आधारित, डिम मेक (Dim Mak) के नाम से मशहूर चाइनीज मार्शल आर्ट्स में सिखाया जाता है, लेकिन ये आर्ट काफी रेस्ट्रिक्टेड होता है और इसे करने के लिए चाइनीज एक्यूपंक्चर की समझ होना काफी जरूरी होता है। इसी वजह से, इस आर्टिकल में सिर्फ उन्हीं नाजुक एरियाज के बारे में इन्फॉर्मेशन दी जा सकती है, जिन्हें हम कमजोर पॉइंट्स (vulnerable points) के नाम से जानते हैं। इसे किसी एक प्रतिद्वंदी के ऊपर जीत हासिल करने के हिसाब से, मानव शरीर की कमजोरी का यूज किया जाता है। इन प्रैशर पॉइंट्स का यूज करते वक़्त, आपको जरा सावधान रहना होगा, क्योंकि इसकी वजह से आप गलती से आपके फ्रेंड की या आपके दुश्मन की किसी की जान भी ले सकते हैं। इस वक़्त पर, आप लीगल सिस्टम में चले जाते हैं, जिसमें आमतौर पर, ये बात समझना काफी मुश्किल हो जाता है, कि आप सच में खुद का बचाव कर रहे थे या फिर आपने अपना गुस्सा उतारा है और कुछ मामलों में, ये तो कोई मायने भी नहीं रखता है। ये आपको उस पॉइंट पर ले जाता है, जहां टेक्निक से कहीं ज्यादा जरूरी वो मानसिकता है जिसे आप ट्रेनिंग में यूज करते हैं, जो निश्चित रूप से एक पर्सनल फिलोसोफ़िकल डिसीजन होता है, लेकिन प्रैक्टिस करते वक़्त, ध्यान और विचार करने के लिए सबसे जरूरी होता है।

विधि 1
विधि 1 का 12:

प्रैशर पॉइंट्स को समझना

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  1. शरीर के सबसे कमजोर एरियाज के बारे में सीखें: इन्हें आमतौर पर प्रैशर पॉइंट्स के नाम से जाना जाता है। इन पॉइंट्स में आँखें, ग्रोइन (groin), the पिंडलियाँ (shins) बगैरह शामिल होते हैं। [१] आमतौर पर, ध्यान देने योग्य चीजों में, ये शामिल हैं:
    • उन किक्स का यूज करें, जिनमें आपकी पिंडलियों (अगर आप उन्हें यूज करते हैं) के लिए पैर की सबसे ज्यादा चौड़ाई की जरूरत होती है, क्योंकि ये उसे मिस कर पाना मुश्किल बना देती है।
    • ग्रोइन के लिए किक करते वक़्त अपने पैर को जल्दी से खींच लें, ताकि आपका पैर पकड़ में न आने पाए। ऐसी किसी भी स्टाइक से नाक को आसानी से तोड़ा जा सकता है।
विधि 2
विधि 2 का 12:

सिर

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  1. माथे के सामने के फ्लेट हिस्से को स्ट्राइक करने से सिर, हल्के से रेजिस्टेंस के साथ में पीछे की तरफ फोर्स होता है और असल में ये खोपड़ी के अंदर के दिमाग को हिलाकर रख देता है, जिसकी वजह से आघात पहुँचता है या इससे और भी बदतर हो जाता है: बिगिनर्स को उनकी फिस्ट (मुट्ठी) का यूज करने के बजाय, हथेली की हील का यूज करना चाहिए। ऐसा ही ठीक खोपड़ी के पीछे, हॉरिजॉन्टल रिज (उभार) के ठीक नीचे भी होता है। (सामने भी, फ्लेट के ठीक ऊपर एक होता है।) ये रिज अपने आप में ही एक हथियार की तरह यूज किए जाने लायक मजबूत होते हैं, इसलिए उन्हें अवॉइड ही करें। [२]
  2. टेम्पल्स, कपाल का सबसे पतला हिस्सा होता है, इसलिए इसके नीचे एक अच्छा (एक-मुट्ठी का पंच ठीक रहेगा) झटका भी हेमरिज, आघात पहुंचा सकता है या मौत भी दे सकता है। अपने ट्रेनिंग पार्टनर को इस मूव से मत स्ट्राइक करें। [३]
  3. जब इस एरिया पर हिट किया जाता है, तो सामने वाला इंसान बेहोश हो जाता है, कुछ मामलों में मौत भी हो जाती है। इसे "फीनिक्स आइ (phoenix eye)" पंच, जिसमें इंडेक्स फिंगर को एक्सटैंड (इमेज के लिए ऑनलाइन सर्च करें) करना शामिल होता है, के जरिए पाया जाता है। इस पंच को तब तक यूज मत करें, जब तक आप किसी असली खतरे में न हों। [४]
विधि 3
विधि 3 का 12:

गर्दन

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  1. ये एक और दूसरा प्रैशर पॉइंट है, लेकिन इसे अप्लाई करना बहुत मुश्किल होता है। आपके ऊपर हमला करने वाले इंसान के पीछे चले जाएँ और रेडियस (फोरआर्म बोन), यूज करते हुए, अपनी एक आर्म को उसकी नेक पर लपेट दें, एक्सटर्नल कराटिड (carotid) आर्टरी पर प्रैशर अप्लाई करें (अपने गले के साइड पर, जहां पर आपको पल्स की बीट सुनाई दे), ऐसा करते हुए उसे धीरे से जमीन पर ले आएँ। आप चाहें तो दूसरी आर्म का यूज करते हुए आपको आर्म को खींचकर प्रैशर को और बढ़ा सकते हैं, और ऐसा करते वक़्त अपनी चेस्ट को भरते हुए साँस लें। आप चाहें तो स्क्वीजिंग आर्म वाले हाँथ को दूसरे आर्म के एल्बो के नीचे रख सकते हैं और फिर दूसरी आर्म से हैड/नेक को सामने की ओर पुश कर दें। यदि वे सिर के पीछे इस तेज झटके को कमजोर करने के कोई संकेत नहीं दिखाते हैं, जो उन्हें गुमराह कर देगा और आपको भागने का मौका मिल जाएगा। [५]
    • काउंटर (विरोध) के लिए: अपने सिर को एल्बो की ओर मोड़ दें। दरार से आपके गले पर दबाव नहीं पड़ेगा और आप साँस ले सकेंगे। अभी भी यहाँ पर सर्कुलेशन की प्रॉब्लम होगी, इसलिए आपको जल्दी करना होगा। एल्बो को सबसे करीबी हाँथ से पकड़ लें और यहाँ पर प्रैशर पॉइंट का यूज करें। ऐसा करने से उनकी ग्रिप लूज हो जाएगी, लेकिन वो शायद हार नहीं मानेंगे। खींचने को बाइटिंग, फूट स्टंपिंग, हैड-बटिंग, आइ-गाउजिंग, अपनी हील को उनकी ग्रोइन तक ले जाना, शिन-किकिंग, रिब-एल्बोइंग (अपने हिप्स को टर्न करना), हेयर पुलिंग, और आपके मन में जो भी आ रहा हो, उसी के साथ में कम्बाइन करें।
विधि 4
विधि 4 का 12:

कंधे

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  1. एक बार जब मिल जाए, अपनी उँगलियों को बोन के पीछे रखें और ग्राउंड पर (इसे असली हमले के करीब 1/4 सेकंड के अंदर परफ़ोर्म किया जाना चाहिए) फोर्स करें। [६]
विधि 5
विधि 5 का 12:

गला (Throat)

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  1. उल्टा किया हुआ नाइफ हैंड (knife hand) (कराटे चोप) इसे करने का शायद सबसे आसान तरीका होता है: मुट्ठी को जॉ (जबड़े) और कॉलरबोन के बीच में फिट होने में मुश्किल होगी। आप चाहें तो गले को पकड़कर और स्क़्वीज भी कर सकते हैं और यहाँ तक कि इसे डिसलोकेट करने के लिए एक अच्छा झटका भी दे सकते हैं और साँस लेना नामुमकिन बना सकते हैं। यह, ज़ाहिर तौर पर, काफी घातक है और इसे केवल तभी आखिरी उपाय के रूप में यूज करना चाहिए, जब आपके पास में कोई और विकल्प न हो। [७]
विधि 6
विधि 6 का 12:

जॉ ज़ोन (Jaw zone)

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  1. नेक को सामने से पकड़ लें और जॉ के नीचे तक जाएँ। ऊपर की ओर प्रैस करते वक़्त स्क़्वीज करें। [८]
  2. टीएमजे (TMJ) : अपने सिर को एक हाँथ से सपोर्ट दें। दूसरे हाँथ से, जॉलाइन को हाइएस्ट पॉइंट तक, कानों के ठीक नीचे, जहां ये आपके स्कल के बम्प (उभार) से मिलती है, तक फॉलो करें। कान की तरफ, इनवर्ड और अपवर्ड प्रैशर अप्लाई करें। ये बहुत पेनफुल होता है और बोल पाना बहुत मुश्किल बना देता है। अगर मुमकिन हो, तो कोई भी इंसान इससे दूर जाने की कोशिश करेगा, इसलिए सपोर्टिंग हैंड चाहिए होता है। इस जगह पर एक सिंगल-नकल (उँगलियों के जोड़ का) पंच जॉ को डिसलोकेट कर सकता है। [९]
विधि 7
विधि 7 का 12:

फोरआर्म/क्रेविस (crevice)

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  1. फोरआर्म/क्रेविस : आपके फोरआर्म की क्रेविस पूरी तरह से मसल्स और टेंडन्स (tendons) से बनी होती है, इसलिए यहाँ पर काम करने के लिए बहुत कुछ मिलेगा। अपनी एल्बो को अपने थंब से ऊपर पकड़ लें। एक अच्छी ग्रिप पाने के लिए, एल्बो के पीछे अपनी फिंगर्स को रख लें। अपने थंब के ऊपरी हिस्से को अपनी इंडेक्स या मिडिल फिंगर की ओर दबाएँ। अब आपको अपने थंब को अपनी उँगलियों से मजबूत करना होगा, नहीं तो आप पकड़ को खो देंगे। थंब को क्रेविस के सेंटर में, क्रेविस के किसी भी साइड में या फिर मुट्ठी ( the brachioradialis ) बांधते वक़्त आउटर फोरआर्म में बने हुए उभार की ओर प्रैस करें। इसके साथ एक्सपेरिमेंट करें। ये बहुत ट्रिकी हो सकता है। [१०]
विधि 8
विधि 8 का 12:

हाँथ (Hands)

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  1. अगर आपको पकड़ लिया गया है, तो फिर आप पर हमला करने वाले इंसान के हाँथ पर सीधे देखें और या फिर रेगुलर या सिंगल-नकल पंच से, हाँथ के पीछे वाली बोन्स पर स्ट्राइक करें। जब किसी पार्टनर के साथ में प्रैक्टिस कर रहे हों, तब उसे एक अच्छा शॉट दें, ताकि आपको इसे सारा दिन न करना पड़े। इससे सिर्फ एक मिनट के लिए ही दर्द होता है। [११]
  2. जब पंच किए जा रहे हों, तब एक को अपनी आर्मपिट में कैच करें और उसे टाइट जकड़ लें। एल्बो जाइंट के अपर इनर पार्ट को पकड़ लें––इसे तेज़ी से किया जाना चाहिए। हर एक साइड में एक फिंगर को ज़ोर से पिंच करें। ऐसा करने से जोरदार दर्द होता है और सामने वाले की आर्म में ऐसा फील होगा, जैसे वो टूट रही है। [१२]
विधि 9
विधि 9 का 12:

टोर्सों रीजन (Torso region)

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  1. चेस्ट के बीच के हिस्से में बोन पर सिंगल-नकल से स्ट्राइक करें। इसमें कोई मसल नहीं होती और न ही ज्यादा फेट होता है, इसलिए ये बहुत कमजोर होता है और अगर सही तरह से लगे, तो इससे बीच में दो टुकड़े भी हो सकते हैं। आप चाहें तो इसी तरह से पेक्टरल (pectorals) पर भी स्ट्राइक कर सकते हैं। स्टर्नम को तोड़ने से लंग पंक्चर या इससे भी कुछ बदतर हो सकता है। इसके साथ में बहुत ज्यादा सावधानी बरतें और इसे फ्रेंड्स के ऊपर मत प्रैक्टिस करें। [१३]
  2. सोलर प्लेक्सस (Solar plexus) : यह एब्डोमेन के सेंटर के अंदर मौजूद नर्व्स का एक बंडल है, जिसे डीप इमोशन्स की फिजिकल फीलिंग्स के लिए जिम्मेदार माना जाता है। स्टर्नम के ठीक नीचे, जहां पर रिब्स एब्डोमेन के फ्रंट हिस्से पर जुड़ता है, पर स्ट्राइक करके आप नर्व्स के इस बंडल को प्रभावित कर सकते हैं और जिसकी वजह से डायफ्राम (ब्रीदिंग मसल) पर जोरदार झटका लगता है। इसे ही "किसी की हवा निकाल देना" कहते हैं। ये बहुत ईजी टार्गेट होता है। इसे प्रभाव के समय एब्स को जल्दी से फ्लेक्स करके काउंटर किया जा सकता है, जिसे सांस लेने या चिल्लाने (कियाई) के द्वारा पूरा किया जाता है। [१४]
  3. अपने हाँथ को सीधे अपने एब्डोमेन के साइड में, रिब्स और हिप्स के बीच में रख लें। अपनी उँगलियों को अपनी हथेली की तरफ अँड रोल करें। पिंच मत करें। पिंच करने से कुछ भी नहीं होता। ये किसी भी बॉडी टाइप के ऊपर काम करेगा। [१५]
  4. बॉडी टाइप के हिसाब से, रिब्स की बहुत जरा सी कवरिंग होती है और इनके बीच में बहुत पतली मसल होती है। उन्हें तोड़ने के लिए, उन्हें एक्सटैंड करने के लिए, एक दूसरे को सुदृढ़ करने की उनकी क्षमता को कम करते हुए, आर्म को उठा लें और जब आप स्ट्राइक करें, तब उनकी तरफ कदम बढ़ाएँ। एक पाल्म-डाउन नाइफ हैंड इसके लिए बेहतर काम करता है। अपरकट्स भी इसके लिए ठीक काम करते हैं, क्योंकि ये ऐसे लगते हैं, जैसे कि हाँथ के नीचे सही जगह पर बना है, जिसे आप लक्ष्य कर रहे हैं। चेस्ट या बैक की मसल्स से प्रोटेक्ट होने वाले रिब एरिया को आसानी से नहीं तोड़ा जा सकता। सिर्फ स्पाइन से जुड़ी हुई लोवेस्ट रिब्स टूटने के हिसाब से काफी कमजोर होती है। [१६]
विधि 10
विधि 10 का 12:

पैर

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  1. नीचे पैर की तरफ देखें और अपनी हील यूज करते हुए, अपने घुटने को जितना ऊंचा उठा सकें, उठा लें और पैर के आर्क पर जितना तेज़ मार सकें, मरें। इसके स्ट्रक्चर की वजह से, ये आसानी से टूट सकता है। टोज़ (पैर के अंगूठे) पर मत स्ट्राइक करें। इससे दर्द होगा, लेकिन इससे निश्चित रूप से कुछ भी नहीं टूटेगा। हल्के प्रैशर के साथ हर एक को आज़माएं और देखें कि किस से ज्यादा दर्द मिलता है। [१७]
विधि 11
विधि 11 का 12:

संभावित चिकित्सीय इस्तेमाल (Possible therapeutic uses)

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  1. अगर ड्राउजी (नींद जैसा) फील हो रहा हो या फिर दोनों पॉइंटर फिंगर्स से फोकस नहीं कर पा रहे हैं, प्रैशर अप्लाई करें: इस प्रैशर को टेम्पल्स पर, अपनी नाक के ब्रिज के फ़्लेंक्स पर और अपनी आँखों के कॉर्नर पर अपनी नाक के ब्रिज से करीब 5mm की दूरी पर अप्लाई करें। [१८]
  2. उचित प्रैशर पॉइंट का यूज करके दर्द का टेम्पररी रिलीफ़ या कम किया जा सकता है। [१९]
    • सिर के सामने का हिस्सा: दोनों टेम्पल्स पर मसाज करें
    • सिर का मिडिल/टॉप भाग: कान के ठीक ऊपर के पॉइंट पर प्रैशर अप्लाई करें
    • सिर के पीछे का हिस्सा: दोनों थंब्स को कानों के ठीक पीछे रखें और तब तक पीछे की ओर खींचें, जब तक आपको वो पॉइंट न मिल जाए, जहां खोपड़ी खत्म होती है। अंदर की ओर एक और mm मूव करें और प्रैशर अप्लाई करें।
विधि 12
विधि 12 का 12:

प्रैशर पॉइंट्स की प्रैक्टिस करना

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  1. एक बात का ध्यान रखें, कि लड़ाई में स्पीड बहुत जरूरी होती है: अगर आप किसी प्रैशर पॉइंट में गड़बड़ कर देते हैं, तो आपको सीधे सिर पर चोट मिलेगी। प्रैक्टिस करते रहें और सावधानी से प्रैक्टिस करें। ऐसे प्रैक्टिस करें, जैसे कि आप असली फाइट में हैं। धीमी शुरुआत करें और प्लेसमेंट पाएँ। फिर, अपनी सारी इंटेन्सिटी और स्पीड का यूज करें। आप जैसे प्रैक्टिस करते हैं, उसी तरह से फाइट भी करते हैं, इसलिए अगर आप धीमे या गड़बड़ी के साथ में प्रैक्टिस कर रहे हैं, तो आप इसी तरह से फाइट करने वाले हैं और आप शायद ज्यादा देर तक नहीं टिके रह पाएंगे।
    • अगर आपका फोकस स्पीड पर है, तो नॉर्मली (Bak Mei Kung Fu) साँस लें। आपकी आर्म्स, आपके लंग्स से कहीं ज्यादा तेज़ी से मूव हो सकती हैं। वैसे तो नियंत्रित सांसें बगैरह पावर देती हैं, ये आपकी आर्म्स की स्पीड को कम कर देती है।
  2. अपने ऊपर और अपने फ्रेंड्स के साथ में प्रैक्टिस करें: हर कोई अलग होता है और उसके दर्द सहने की शक्ति भी अलग होती है। जो पॉइंट आप पर किसी पोजीशन में हो, हो सकता है, कि उसकी पोजीशन किसी और में एक इंच दूरी पर हो। कुछ लोगों के ये शायद फील ही न हो। आप जितने ज्यादा लोगों के साथ में प्रैक्टिस करते हैं, आपको पॉइंट की पोजीशन का उतना ही अच्छा अंदाजा मिलते जाएगा और वो जब वहाँ न हो, तब उसे तलाश भी कर पाएंगे।
    • टेप (Tap) करें। जब किसी फ्रेंड के साथ में प्रैक्टिस कर रहे हों, तब उन्हें ये दिखाने के लिए, कि आप उसे सही तरीके से कर रहे हैं और आपको अब रुकना है, उनकी थाई पर ज़ोर से टेप करें। हालांकि, उन्हें सिर्फ तभी टेप करना चाहिए, जब उन्हें सच में दर्द हो रहा हो। झूठा कॉन्फ़िडेंस झगड़े में काम नहीं आता।
  3. हमेशा सीधे अपने टार्गेट की ओर देखें। अगर आपकी आँखें वहाँ नहीं होंगी, आपका फोकस भी नहीं होगा।
  4. प्रैक्टिस करते वक़्त पर ध्यान में रखने लायक ये कुछ जरूरी बातें हैं:
    • आपके द्वारा यूज की जाने वाली टेकनिक्स के लिए अपनी फिंगर्स और थंब्स की टिप्स का यूज करें। ये एक नीडल की तरह काम करती है, सभी अंगुलियों को अपनी उंगली/अंगूठे के सिर पर केंद्रित करते हुए, दबाव को प्रति वर्ग इंच (psi) से गुणा करें। आप नीडल के साइड से नहीं सिल सकते हैं, क्या आप कर सकते हैं?
    • अपने घुटनों को हमेशा, कम से कम थोड़ा सा झुकाकर रखें। टेकनिक्स करते वक़्त सबसे जरूरी। ये आपको स्टेबिलिटी और पावर देता है। अपने रिएक्शन टाइम को बढ़ाते हुए, आपके लॉक हुए घुटनों को आपके मूव होने के लिए अनलॉक किया जाना जरूरी होता है। अगर आप सीधे खड़े हैं, तो आप ठीक एक लकड़ी के सीधे टुकड़े की तरह होंगे, तो सीधे ऊपर से धक्का मिलने के लिए तैयार रहें।
  5. अपने वेट को, आपके द्वारा लगाए जाने वाले प्रैशर की डाइरैक्शन में रखें: अगर आप नीचे की ओर प्रैस कर रहे हैं, अपने घुटनों को मोड़ लें। अगर आप सामने की ओर पुश कर रहे हैं, तो उस तरफ आगे बढ़ जाएँ या अपने हिप्स को उसकी तरफ मोड़ दें।
    • पंच करते वक़्त और ज्यादा फोर्स पाने के लिए, टार्गेट स्पॉट को उसकी असली पोजीशन से हल्का सा दूरी पर समझें। (इसे पंच पैड यूज करने के अलावा, ट्रेनिंग के लिए रिकमेंड नहीं किया जाता)।
    • स्ट्राइक करते वक़्त, इसके साथ अपने हिप्स को ट्विस्ट करें। ये मार्शल आर्ट्स के लिए बिल्डिंग ब्लॉक होता है। ये आपके वजन को मूव करते हुए शुरू होता है और ये टेकनिक्स में पावर सोर्स की तुलना में अधिक बार होता है।
  6. जब स्ट्राइक कर रहे हों, एक बार जब आप कांटैक्ट कर लें, फौरन पीछे हट जाएँ। ये अक्सर आपके द्वारा हिट की हुई चीज़ से वापस बाउंस होने जैसा होता है, सिवाय इसके कि आप उस पावर को रोकने के लिए जल्दी से पलटवार करना चाहते हैं, जिसे आप अपने शरीर के हिस्से में वापस आने से रोक रहे हैं। ये एनर्जी को टार्गेट पर बनाए रखेगा और खासकर बोन्स में ज्यादा डैमेज करता है। ये बोन्स के टूटने की संभावना को बढ़ा देगा और आपके दुश्मन के द्वारा आपके पैर या हाथ को पकड़ने की संभावना कम हो जाएगी।
  7. मार्शल आर्ट्स में (जापानी में), इसे कियाई (kiai) के नाम से जाना जाता है। इसे आपके डायफ्राम से, आपकी इनर पावर को रिलीज करते हुए आना चाहिए। ये आपको कॉन्फ़िडेंस देगा और आप पर हमला करने वाले को डरा देगा। इसके लिए अपने एब्स को फ़्लेक्स करने से, ये आपके सोलर प्लेक्सस को भी प्रोटेक्ट करेगा। ये कियाई प्रैशर पॉइंट्स काम कर रहे हैं या नहीं, के बीच का फर्क भी हो सकता है।

सलाह

  • पेन प्रैशर पॉइंट्स का यूज करना, बेसिकली मसल्स को स्क़्वीज करना होता है। अपने बॉडी को फील करें और आपको बहुत कुछ मिल जाएगा।
  • रिसर्च करें। अगर आपको यहाँ पर कुछ समझ नहीं आया, तो और ज्यादा इन्फोर्मेशन की तलाश कर लें, खासकर कि किसी एक टीचर से। विकिपीडिया (Wikipedia) की सलाह दी जाती है।
  • आप प्रैशर पॉइंट्स से किसी फाइट को नहीं जीत सकते। पंचेस (punches) और किक्स (kicks) सीख लें।
  • ये मार्शल आर्ट्स टेक्निक्स हैं , इसलिए इसके लिए बेस्ट टीचर की तलाश करने की सलाह दी जाती है। हालांकि McDojo न जॉइन करने को लेकर सावधान रहें। इसमें और मदद पाने के लिए किसी मार्शल आर्ट्स स्कूल को जॉइन करने के तरीके के बारे में जानकारी जुटा लें।
  • इसे हमेशा सिर्फ सिर्फ सेल्फ-डिफेंस के लिए ही यूज करें।
  • फाइट करना सिर्फ स्पीड ही नहीं, बल्कि स्ट्रेटजी के बारे में भी होता है। जब भी किसी बड़े अपोनेंट के साथ में फाइट करें, तब आपको अपनी आँखें, फुटवर्क स्टेंस बगैरह को यूज करना चाहिए। आपको वीक स्पॉट्स की तलाश करना चाहिए। जैसे, अगर उन्हें पहले कभी कोई चोट लगी हो और उनके किसी हाँथ या पैर में कोई तकलीफ हो।
  • ये उन लोगों के लिए काफी घातक हो सकते हैं, जिन्हें इसके बारे में कुछ भी नहीं मालूम, इसलिए इन्हें यूज करते वक़्त बहुत ज्यादा सावधानी बरतें।

चेतावनी

  • सावधान रहें। गलतियों की वजह से चोट, मौत या फिर फ्रेंड नाराज हो सकते हैं, इसलिए हमेशा पार्टनर की परमिशन जरूर ले लिया करें। जब भी असली दुनिया में स्ट्राइक करें, तब प्रैशर पॉइंट्स का सहारा केवल तभी लें, जब सारा कुछ फेल हो चुका हो और आपकी लाइफ किसी मुश्किल में (जैसे, अगर आपके ऊपर हमला करने वाले के पास में गन/चाकू हो) हो। अपनी दादी माँ को गले में हिट करना और उसे सिर्फ इसलिए मार देना, क्योंकि उसने आपके ऊपर छींटाकशी की थी, इसे कोर्ट में "सेल्फ-डिफेंस" के दायरे में नहीं रखा जा सकता। इसी वजह से मार्शल आर्ट्स के लिए सिर्फ पूरी तरह से "प्रैशर पॉइंट्स" के ऊपर निर्भर रहने के बजाय, एकिडो (Aikido) सीखना ज्यादा जरूरी होता है।
  • जब स्ट्राइकिंग पॉइंट्स यूज करें, तो ये एकदम स्पष्ट होने चाहिए, किसी भी एक्सीडेंट से बचने के लिए, लेकिन अपने पार्टनर को असल में मत मार दें और न ही अपने पार्टनर को सीधे लक्षित करें। उनके शरीर के साइड पर जाएँ। हाँथ के पीछे का हिस्सा और स्टर्नम भी ठीक होना चाहिए, लेकिन सिर, ग्रोइन, पैर और फीट, ये सब लिमिट से ऊपर होते हैं। यहाँ तक कि एक्सपर्ट्स भी गलतियाँ कर देते हैं।
  • इस बात से अवगत रहें, कि आपके ऊपर हमला करने वाला इंसान भी स्लीपर मूव्स जैसे, किसी मूव से आपके ऊपर हमला कर सकता है। उनके हाँथ और पैर सब फ्री होते हैं और उन्हें एक हथियार के तौर पर या आपको वापस पकड़ने के लिए भी यूज किया जा सकता है। ये टेक्निक्स कई तरह के अलग-अलग मार्शल आर्ट्स में यूज होती हैं। जैसे कि, taijustu (जिसमें क्विक हैंड टू हैंड कांटैक्ट होता है)।
  • ऐसी किसी भी प्रैशर पॉइंट एड्वाइस को लेकर सावधान रहें, जो आपको एकदम "मेजिकल" नजर आ रही हो। ये असल में निश्चित रूप से नहीं है। हालांकि अक्सर एक्यूपंचर और इसके इफ़ेक्ट्स पर आधारित, जिसे मेडिकल कम्यूनिटी में कुछ रिस्पेक्ट मिलती भी नजर आती है, ये निश्चित रूप से किसी फाइट के लिए असरदार और क्विक नहीं होते हैं। प्रैशर पॉइंट्स को सेल्फ-डिफेंस के लिए यूज करने के पीछे का असली मकसद एक फौरन रिजल्ट पाना है और यह शरीर रचना विज्ञान (anatomic physiology) का एक सिंपल फ़ैक्ट भी कहता है, कि किसी की आर्म पर एक निश्चित तरीके से मारने पर उसके दिल की धड़कनें नहीं रुक जाती।

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