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बाँसुरी एक रमणीय ध्वन्यात्मक वाद्य है जो कि बाँस से निकलने वाली ध्वनि पर आधारित है, जिसका आनंद बैंड, वाद्य वृंद या अकेले मैं भी उठाया जा सकता है | बाँसुरी सबसे प्राचीन संगीत वाद्य भी कहलाता है, वास्तव में- 43000 साल प्राचीन बाँसुरी के अंश पश्चिमी यूरोप के भागों में पाए गये हैं | [१] तो यदि आप इस महान संगीत परंपरा का भाग बनना चाहें और बाँसुरी बजाना सीखना चाहें, तो नीचे लिखे उपाय 1 से शुरूवात करें

विधि 1
विधि 1 का 3:

शुरूआती तैयारी

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  1. Watermark wikiHow to सीखें बांसुरी बजाना
    किसी संगीत संग्रहालय (दुकान) से एक बाँसुरी खरीदें या किराए पर लें: | किसी वाद्य को सीखने के प्रारंभ में वाद्य किराए पर लें ताकि आप खरीदने के बारे में निश्चित हो जायें |
    • यदि आप निश्चित हैं की आप इसे पसंद करेंगे तो किराये की जगह खरीदना बेहतर विकल्प होगा | यदि आप सीख रहे हैं, तो आप अपने गुरु से सलाह ले सकते हैं कि आपके लिए कौनसी बाँसुरी आपके उपयुक्त होगी |
    • बाँसुरी का मूल्य 500 रु से लेकर 5000 रु तक हो सकता है | विद्यार्थियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बाँसुरी 2500-3000 रु तक उपलब्ध हैं | शुरूवात में विद्यार्थियों को बंद-छिद्र वाली बाँसुरी लेनी चाहिए जो कि किसी प्रख्यात ब्रांड की हो क्यूँकि निम्न गुणवत्ता वाले बाँसुरी को बजाना बहुत कठिन भी होता है |
    • खुले छिद्र वाली बाँसुरी लेने से पहले निसचीत करलें कि आप सीख पा रहे हैं |
    • महँगे और व्यवसायिक, खुली छिद्र वाली बाँसुरी पेशेवर बाँसुरी वादकों के लिए है और विभिन्न कारणों से यह बजाने में भी कठिन होता है |
    • खरीदने से पहले, अपने लिए सहीं वाद्य का चयन करने के लिए दूसरे वादक/ गुरु की सलाह अवश्य लें |
  2. Watermark wikiHow to सीखें बांसुरी बजाना
    सीखने के लिए अच्छे बाँसुरी वादक गुरु का चयन करें: आपके बैंड के निर्देशक अथवा किसी संगीत-संग्रहालय से इस बारे में पता करें (पाठशाला जाने के शुरूवात में, यदि आप पाठशाला में पढ़ते हों तो) | जैसे-जैसे आप वाद्य बजाना सीखेंगे और जब आप उच्च स्तर पर पहुचेंगे तो यह उपाय आपकी बढ़ोतरी में सहायक होगा |
  3. Watermark wikiHow to सीखें बांसुरी बजाना
    बाँसुरी बजाने से पहले आपको इसे समवेत (assemble) करना सीखना होगा | यह आप इस तरह कर सकते हैं |
    • ऊपरी जोड़ में स्थित खुले सिरे को बाँसुरी के चौड़े भाग में डाले- इस भाग में छिद्र कम होते हैं और यह सिरा बाँसुरी पर अंकित ब्रांड के नाम के सबसे पास होता है | इन भागों को जोड़ने के लिए इन्हें मरोड़ना पड़ सकता है |
    • बाँसुरी के मुख रंध्र (जिसे हम अपने मुँह में रखते हैं) को डंडी में स्थित पहले छिद्र पर संरेखित करें | ऊपरी सिरे की जोड़ को पूरी तरह से अंदर ना डालें, इसे थोड़ा सा बाहर रखें | यह बाँसुरी को धुन में रखने की मदद करता है |
    • निचले सिरे को कैस में से निकाल कर बाँसुरी के दूसरे सिरे से जोड़ें | निचले सिरे की मुख्य लग्गी को बाँसुरी के आखरी छिद्र से जोड़ें | ज़रूरत पड़ने पर संरेखन को समायोजित करें |
विधि 2
विधि 2 का 3:

वाद्य बजाना सीखें

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  1. Watermark wikiHow to सीखें बांसुरी बजाना
    बाँसुरी को मुख रंध्र से अपने मुँह में पकड़ें और बाकी का भाग आपके दाँयी ओर होना चाहिए सम-स्तरीय विधान में |
    • आपका बाँया हाथ मुख रंध्र के पास होना चाहिए और बाँसुरी के दूसरे सिरे से आपकी तरफ मुड़ा हुआ होना चाहिए | आपका बाँया हाथ ऊपरी छिद्रों पर होना चाहिए |
    • आपका दाँया हाथ बाँसुरी पर और नीचे होना चाहिए, निचले सिरे के पास और दूसरी तरफ मुड़ा हुआ होना चाहिए |
  2. Watermark wikiHow to सीखें बांसुरी बजाना
    शुरूवाती दौर में बाँसुरी से ध्वनि निकलना कठिन हो सकता है, इसलिए आपको सहीं तरीके से फूकने की विधि का अभ्यास करना होगा इससे पहले की आप किसी विशेष स्वर को निकालने की कोशिश करें | .
    • बाँसुरी में ना फूँकें | जिह्वा की मदद से "टी" ध्वनि निकालने का प्रयास करें |
    • बाँसुरी को फूँकने की पद्धति का सहीं तरीके से अभ्यास करने के लिए काँच के गिलास या बोतल में फूँककर ध्वनि निकालने का प्रयत्न करें | बोतल के सिरे से नीचे की ओर और सिरे के आर=पार फूँककर "म" की ध्वनि एवं और होंठ को दबाते हुए "पी" की ध्वनि निकालें | याद रखैईं कि बोतल में जितना पे होगा, स्वरमान उतना ही ज़्यादा होगा |
    • बोतल में फूँकने की पद्धति में माहिर होने के बाद आप बाँसुरी मैं अभ्यास कर सकते हैं | मुख रंध्र में सीधे फूँकने के बजाय, रंध्र के किनारे को निचले होंठ के किनारे रखकर धीरे-धीरे नीचे की ओर और आर-पार फूँकने का प्रयास करें (जैसा आपने गिलास में किया था) |
    • फूँकते समय गालों को ना फुलायें | हवा मुँह से नही बल्कि सीधे डायफग्राम के अंदर से आनी चाहिए | फूँकते समय "टू" ध्वनि निकालने का प्रयास करें, ये आपको आपको होंठ को सही स्थिति समें रखने के लिए सहायक होगा |
  3. Watermark wikiHow to सीखें बांसुरी बजाना
    अगला चरण है उंगलियों का सही स्थाणन सीखना | चूंकि बाँसुरी में कई माप और आकृति के छिद्र होते हैं | सारी उंगलियों का सही स्थान इस प्रकार है:
    • बांये हाथ की तर्जनी उंगली ऊपर से दूसरे छिद्र पर होनी चाहिए, तीसरे छिद्र को छोड़े दें और मध्यमा और अनामिका उंगलियों को चौथे और पाँचवे छिद्र पर रखें | छोटी उंगली को पाँचवे छिद्र के बाजू उस भाग पर रखे जोकि बाहर की ओर हो | बाँये अंगूठे को बाँसुरी के पीछे स्थित समतल भाग पर रखें |
    • दाँये हाथ की तर्जनी, मध्यमा और अनामिका उंगलियों को बाँसुरी के निचले जोड़ के पास स्थित टीन छिद्रों पर रखे | कनिष्ठा उंगली को निचले जोड़ पे स्थित छोटे गोल भाग पर रखे | दाँये अंगूठे को बाँसुरी के नीचे रहने दें, ये वाद्य बजाते समय सहायक होगा | यह किसी स्वर को बजाने के लिए उपयोग नही किया जाता | [२]
    • ध्यान में रहे कि यह उंगलियों का स्थानन शुरूवात में अप्राकृतिक और अजीब प्रतीत होता है | बाद में साधारण लगता है |
  4. Watermark wikiHow to सीखें बांसुरी बजाना
    बाँसुरी पर विशिष्ट स्वरों को बजाने के लिए रेखा-चित्र की सहायता लें, जिससे आपको हर स्वर के लिए उंगली के स्थानन का ज्ञान प्राप्त हो |
    • रेखा-चित्रों में विविध चित्रों और आरेखों का उपयोग होता है जोकि हर एक स्वर के लिए उंगलियों के स्थानन को दृश्य बनाता है | बाँसुरी के किसी भी अनुदेश-पुस्तिका में आपको रेखा चित्र मिलेंगे, ये रेखा चित्र आपको इंटरनेट में भी प्राप्त हो सकते हैं | [३]
    • प्रत्येक स्वर का अभ्यास तब तक करें जब तक आपको सहीं ना आ जाए | स्वर निकलते समय ऐसा प्रतीत नही होना चाहिए मानो आप फूँक रहे हो या सीटी बजा रहे हो- यह पूरी तरह अविचल ध्वनि होनी चाहिए |
    • जब प्रत्येक स्वर अलग-अलग बजाने आप सक्षम हो जाए तो स्वरों को एक-साथ बजाने का प्रयत्न करें | यदि यह संगीतमय ना भी हो तो इसका मतलब एक स्वर से दूसरे स्वर में जाने के बीच के परिवर्तन को समझने से है |
  5. Watermark wikiHow to सीखें बांसुरी बजाना
    ये आवश्यक है कि आप बाँसुरी बजाते सही दशा में बढ़ोतरी लाए, जिससे की आपकी श्वास-ऊर्जा बढ़े और ज़्यादातर अविचल ध्वनि निकालने में मदद मिले |
    • जितना हो सके उतना सीधा खड़े होने या बैठने का प्रयास करें, ठुड्डी ऊपर की ओर हो और आँखे सीधी तरफ, ये आपके डायफग्राम को खुलने में मदद करेगा जिससे कि आप सीधे और अविचल ध्वनि निकाल सकें |
    • दोनो पैरों को भूमि पर रखकर और पीठ सीधी कर खड़े हों- एक पैर पर खड़े ना हो और गर्दन को अजीब तरीके से ना घुमाए | इससे सिर्फ़ दर्द और परेशानी होगी और आपके अभ्यास में बाधा पड़ेगी |
    • बजाते समय शरीर को पीढ़ा एवं चिंता से मुक्त रखे- ये आपको अविचल और सुंदर ध्वनि निकालने में सहायक होगा |
    • यदि आप किसी म्यूज़िक-स्टैंड का प्रयोग कर रहे हों, तो आँखों की सीध मे रखे और यदि स्टैंड छोटा हो तो आपको गर्दन या ठुड्डी को झुंकाना पड़ सकता है जिससे आपके श्वास लेने में तकलीफ़ हो सकती है और गर्दन में दर्द भी हो सकता है | [४]
  6. Watermark wikiHow to सीखें बांसुरी बजाना
    जैसे की कहा गया है, अभ्यास से ही निपुणता प्राप्त होती है | परंतु ध्यान में रहे कि सप्ताह के अभ्यास को 2-2.5 घंटे करने से प्रतिदिन छोटे-छोटे अंतराल में अभ्यास करना लाभदायी होगा |
    • प्रतिदिन 20 मिनट अभ्यास करने का प्रयत्न करें | अपने अभ्यास को लक्ष्यात्मक बनाए, ये आपका ध्यान केंद्रित रखने में सहायक होगा | इन लक्ष्यों को छोटे परंतु अविचल बनाए | उदाहरण के लिए, स्वर 'ब' से स्वर 'आ' में जाने का उत्तम स्थानरन को अपना लक्ष्य बनाए |
    • अनियमित अंतराल और तेज़- अभ्यास से शरीर क्षीण हो जाता है, जिससे आपको चिढ़ और थकाव का अनुभव हो सकता है | यदि आप नियमित छोटे-छोटे अंतराल में अभ्यास करे तो आपको अधिक विकास दृश्य होगा | . [४]
  7. Watermark wikiHow to सीखें बांसुरी बजाना
    अभ्यास करने के बाद हमेशा शरीर को फैलायें इससे आप बाँसुरी बजाने के पश्चात चिंता और शरीर की अनम्यता से मुक्त होंगे, और अगले सत्र के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो सकेंगे | इसके लिए कुछ उचित व्यायाम है: :
    • घुटनों को हल्का मोड़ें और हाथों को पीछे की ओर झूलायें, इसके बाद हाथों को ऐसे ऊपर की ओर उठाए जैसे आप उठना चाहते हों | इसे 5-10 बार दोहराए हाथ और कंधे के लिए |
    • श्वास अंदर लेते समय कंधे को ऊपर की ओर कान की तरफ खींचे और इस स्थिति में कुछ मिनट रोकें | श्वास छोड़ते समय कंधे को नीचे छोड़ दे | चिंता एवं कंधे की पीढ़ा से मुक्त होने के लिए इस प्रक्रिया को दोहरायें |
    • दोनों हाथों को शरीर से चिपकाकर खड़े हों और अपने हाथ और कलाई को इस तरह से हिलाए जैसे ये रबड़ के बने हो | इससे हाथ और कलाई के जोड़ों की अनम्यता कम हो जाएगी |
    • ऐसे बहुत से व्यायाम है जिनसे आप चिंता और पीढ़ा से मुक्त हो सके | आपके लिए जो सहीं लगे उसे अभ्यास में लाए |
  8. Watermark wikiHow to सीखें बांसुरी बजाना
    बाँसुरी सीखने में थोड़ा समय लगता है इसलिए धीरज रखे और अभ्यास करते रहें और किसी अच्छे गुरु की मदद लें | जल्द ही आप मनोहर संगीत निकाल पाएँगे | !
विधि 3
विधि 3 का 3:

अपने बाँसुरी की देखभाल करें

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    • बाँसुरी को बजाने के बाद साफ कर संधारित करें | एक ब्रश या कपड़े या पेन्सिल को या फिर लंबी सीक में लपेटें और बाँसुरी के छिद्रों और सकरे जगहों में स्थित गंदगी को अच्छी तरह से साफ करें | कभी-कभी कपड़े से पोंछें |
      Watermark wikiHow to सीखें बांसुरी बजाना
    • बाँसुरी को कैस में रखे | बाँसुरी के भागों को अधिक समय तक एक साथ ना रखे, इससे बाद में अलग करने में कठिनाइ हो सकती है, और फँस भी सकता है |
      Watermark wikiHow to सीखें बांसुरी बजाना
    • बाँसुरी के भागों को अलग करने हेतु उपरी और निचले सिरे को धीरे से मोड़ कर अलग करें और वापस केस में रख दें | केस को बंदकर सुरक्षित स्थान पर रखे, जहाँ यह सामान्य तापमान में रह सके |
    • बाँसुरी को म्यूज़िक स्टैंड पर वैसे ही कभी ना छोड़ें, जिससे कोई दुर्घटना हो सकती हो | बाँसुरी को ठीक करना बहुत कठिन होता है यदि कोई भाग टूट जाए तो और उन्हे बदलना बहुत महँगा पड़ सकता है, इसलिए इसे संहाल कर रखे |
    • यदि आपके बाँसुरी को जोड़ने के हिस्से फँस जायें तो कार्क ग्रीस का प्रयोग करें या नॉस-ग्रीस का | वेसालीन भी इन भागों की चिकनाई बढ़ाने के काम आता है |

सलाह

    • कोई भी "प्राथमिक" किताब खरीदें | यदि आपके बैंड के निर्देशक या गुरु हो तो वो आपको इस बारे में सलाह दे सकते हैं | किताब देखकर पहले सरल धुनें बजाने की कोशिश करें |
    • सीखें किस तरह शीट से धुन को पढ़ना है | अधिकतर प्राथमिक किताबें स्वरों के नामों से शुरू होती है जो कि स्टाफ में हों | तथापि आपको धुन पढ़ना सीखना होगा यदि आपको पहले से ना आता हो तो |
    • अभ्यास के पहले और बाद में बाँसुरी को अच्छी तरह सॉफ करें ताकि उसमें स्थित थूक और गंदगी साफ हो सके | इससे बाँसुरी की आवाज़ और सुरीली हो जाएगी |
    • तार, मंद्र और मध्य स्थाई के सुरों को बजाने से परिचित हों | ये आपके पुस्तक में अंकित होगा | कोई भी धुन इन स्थाइयों और स्वरों के विभिन्न भागों से बनी होती है यदि आप इनसे भली-भाँति परिचित हों तो आसानी से बजा सकते हैं | सारी चीज़ों का अभ्यास अच्छी तरह करें |
    • अभ्यास करने को अपनी रोज़ के कार्यक्रम का हिस्सा बनायें | इसे उसी तरह समझें जैसे रोज़ का कोई और काम ताकि आपको ज़्यादा समय मिल सके |
    • बाँसुरी के से ऊँचा स्वर निकालने के लिए मुख रंध्र में थोड़े ज़्यादा कोण से ज़ोर से फूँके | मंद्र स्वर बजाने के लिए थोड़े कम कोण से मुख रंध्र में फूँके |
    • बाँसुरी के उपरी सिरे को दोनों तरफ घूमकर बेहतर ध्वनि प्राप्त करने की कोशिश करें |
    • यदि आपकी बाँसुरी लगातार बेसुर हो तो इसका मतलब है कि इसे समस्वरित करने वाला कार्क खराब हो गया है | ध्यान से देखें तो आपकी बाँसुरी की डंडी ओर एक रेखा होगी | उपरी सिरे को हल्के से मोड़ें और उस रेखा के साथ जोड़ दें | जब ये रेखा बाँसुरी के उपरी सिरे से जुड़ी हो तो यह रेखा मुख रंध्र के बिल्कुल बींचोबीच आनी चाहिए | यदि नही तो, कार्क को समस्वरित करने के लिए अपने गुरु की सलाह लेंवे |
    • किसी को आपकी मुद्रा को ध्यान से देखने के लिए कहीं ताकि अगली बार आपको सीधे बैठने में आसानी हो, और ज़मीन पर सीधे खड़े रह सके |
    • किसी धुन को पहली बार सीखते समय, बजाने या उंगलियों की मुद्रा के बिना धुन को समझें | "स्टार्स" पर ध्यान दें शैली, गति, अभिव्यक्ति, लय और हस्ताक्षर (छिद्र, समय), किसी सुर्घटना का भी ध्यान रखे |
    • समतल ‘आ’ को समस्वरित करने के लिए, ऊपरी सिरे को दबाकर मोड़ें | यदि आ तेज़ हो तो उपरी सिरे को बाहर की ओर खींचकर मोड़ें | समस्वरित करने के लिए थोड़े समन्वय की ज़रूरत पड़ सकती है |
    • अभ्यास से ध्वनि निकालने के लिए ज़ोरों से फूँकने की आवश्यकता नही है |
    • सारे संगीत संग्रहालयों में बैंड के लिए उपयुक्त सामान मिल जाते हैं | उनके हर वाद्य के लिए किताब होते हैं | ये किताबें ज़्यादा महँगी नही होती परंतु बहुत उपयोगी होती है |
    • बाँसुरी को कंधे पर रखकर सिर झुकाने की कोशिश ना करें |
    • प्रतिदिन अभ्यास करें |

चेतावनी

    • ध्यान रहे कि बजाते समय आपकी उंगलियाँ ज़्यादा दूर ना हों | यदि आप तेज़ धुन बजा रहे हों तो यह बाधक हो सकता है |
    • बाँसुरी को छिद्रों से ना पकड़ें | ऐसे भाग से पकडें जो मशीनीकृत ना हो, ये आपको महँगे मरम्मत से बचा सकता है |
    • बाँसुरी बजाते समय मीठे पेय या खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें | खाने के पश्चात बाँसुरी बजाने से पहले मुँह अच्छी तरह कुल्ला करें | बाँसुरी में से चिपचिपे या मीठे पदार्थों को निकलना बहुत महँगा होता है |
    • बाँसुरी को पानी से साफ ना करें | सफाइ के लिए ब्रश का प्रयोग करें |
    • बाँसुरी को ज़्यादा देर ठंडे या गरम जगह पर ना रखे | यह छिद्रों के नीचे स्थित भाग के लिए खराब साबित हो सकता है |
    • यदि अंदर का भाग गिरने लगे तो गोंद से ना चिपकाए, दुकान पर लेजाकर ठीक करवाए |
    • सॉफ करने के कपड़े को केस के अंदर बाँसुरी पर ना रखे इससे रंध्र टेढ़े हो सकते हैं |
    • बाँसुरी बजाते समय अपने दाँये हाथ को झूलने ना दे इससे आपके शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है, और ध्वनि भी खराब हो सकती है | इससे पीठ मैं दर्द भी हो सकता है |
    • जब आप सीधे बैठना शुरू करें (यदि ये प्रथम बार हो तो), आपके पीठ में का बार शुरूवात में पीढ़ा हो सकती है |

आपको चाहिए

    • बाँसुरी
    • प्राथमिक किताब/ चार्ट
    • ब्रश या मुलायम कपड़ा
    • म्यूज़िक स्टैंड
    • गुरु (इच्छानुसार)
    • मेट्रोनोम (इच्छानुसार)
    • बाँसुरी का स्टैंड (इच्छानुसार)

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