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हकलाना (Stuttering) या रुक-रुक के बोलना, ये एक ऐसी आम समस्या है, जो दुनियाभर की लगभग 1% आबादी को प्रभावित करती है। ये एक स्पीच डिसऑर्डर है, जो इंसान के बोल पाने के नॉर्मल फ्लो को तोड़ देता है और इसकी वजह से कोई इंसान किसी एक ही शब्द या साउंड को दोहराना शुरू कर सकता है। [१] क्योंकि हर इंसान दूसरे से अलग होता है, इसलिए हकलाने की समस्या का कोई अकेला इलाज नहीं मौजूद है, लेकिन ऐसी कुछ एक्सरसाइज जरूर हैं, जो हकलाने की समस्या को कम करने में मदद करती हैं। अपनी चिंता को कम करके, अपने स्पीच पैटर्न को समझ के, अपने शब्दों के ट्रिगर्स को रिव्यू करके और लोगों के सामने प्रैक्टिस करके, आप अपनी हकलाने की समस्या को काफी हद तक कम कर सकेंगे।

विधि 1
विधि 1 का 3:

घर पर प्रैक्टिस करना (Practicing at Home)

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  1. बोलने की तैयारी करते समय गहरी, कंट्रोल में साँसें लें: चिंता आपके हकलाने के लक्षणों को और भी बदतर बना सकती है। एक प्रैक्टिस सेशन से या फिर दूसरे लोगों के सामने बोलने से पहले, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज की सीरीज से अपने शरीर को रिलैक्स करें। ये आपकी चिंता को कम कर देता है और आपकी हकलाने की परेशानी को भी दूर कर सकता है। [२]
    • अपनी चिंता को कम करने के लिए नियमित रूप से गहरी साँसों की एक्सरसाइज करें।
    • इन साँसों की एक्सरसाइज को खासतौर से सोशल इंट्रेक्शन के दौरान खुद को रिलैक्स करने के लिए इस्तेमाल करें। सोशल एंजाइटी से बचना, अपने हकलाने की समस्या को अवॉइड करने में काफी मददगार होता है।
  2. खुद को बोलते हुए देखना, अपने स्पीच पैटर्न को समझने में आपकी मदद करता है। उन शब्दों, साउंड या फ्रेज के ऊपर खास ध्यान दें, जिन पर आकर आप हकलाने लगते हैं। [३]
    • आईने में अपने साथ में आइ कांटैक्ट मेंटेन करें: ये करना जरूरी है, क्योंकि आइ कांटैक्ट मेंटेन करना आपकी हकलाने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।
    • आप चाहें तो आईने में किसी दूसरे इंसान के होने की कल्पना भी कर सकते हैं और फिर उसी के साथ में बात करते हुए खुद को इमेजिन कर सकते हैं। ये आपको दूसरे लोगों के साथ में बात करने के लिए तैयार कर देता है।
    • ऐसा पहले अकेले में करना शुरू करें, लेकिन फिर बाद में अपनी फैमिली या फ्रेंड्स को भी इसमें शामिल करें। आप आईने में बोलें और लोग आपको देखें, हो सकता है कि आपको ये बहुत अजीब लगे, लेकिन आमतौर पर लोग जब अकेले होते हैं, तब वो कम हकलाते हैं। कमरे में लोगों को भी शामिल करने से आप कहीं तो हकलाएंगे, जिससे आप इसके बारे में अच्छी तरह से सोच पाएंगे।
  3. ये तरीका आपको आईने में देखने के मुक़ाबले कहीं ज्यादा अच्छी तरह से आपके स्पीच पैटर्न को समझने में मदद करता है। एक कैमरा सेट करें और उसमें बोलें। फिर से, पहले अकेले में ऐसा करें और फिर बाद में कमरे में और भी लोगों को शामिल करें, जिससे कि आप बीच में कहीं पर तो हकलाएँ। इस टेप को फिर से प्ले करें और फिर अपने स्पीच पैटर्न को समझें। [४]
    • अपने फ्रेंड और फैमिली के साथ भी इस टेप को एनालाइज करें। ये लोग शायद आपके बोलने के पैटर्न की उन बातों को भी नोटिस कर सकेंगे, जिन्हें आपने देखा ही नहीं और उन समस्या को समझने में आपकी मदद करेंगे।
  4. अपने ब्लॉक्स या ट्रिगर वर्ड्स की एक लिस्ट बनाएँ: अक्सर हकलाने वाले लोगों के पास में आमतौर पर कुछ ऐसे शब्दों, फ्रेज या साउंड के खास ब्लॉक्स होते हैं, जिन्हें बोल पाने में उन्हें मुश्किल जाती है। यही ब्लॉक्स हकलाने के ट्रिगर होते हैं। खुद को बोलते हुए रिव्यू करते हुए, इन्हीं ब्लॉक्स का एक नोट बनाते जाएँ। [५]
    • अपने हकलाने की समस्या से उबरने की प्रैक्टिस करने से पहले, लोगों के सामने बोलते समय आप इन्हीं शब्दों या फ्रेज के ब्लॉक्स को अवॉइड कर सकते हैं। समय और प्रैक्टिस के साथ, आप शायद इन ट्रिगर्स से उबर पाएंगे और शायद हर रोज होने वाली बातचीत में इन्हें इस्तेमाल भी कर पाएंगे। [६]
  5. अपने ब्लॉक्स और ट्रिगर वर्ड्स को बोलने की प्रैक्टिस करें: आपके हकलाने की समस्या के पीछे के ब्लॉक्स की पहचान करने के बाद, प्रैक्टिस सेशन में उन्हीं पर फोकस करें। खुद को इन शब्दों और फ्रेज को बोल पाने में कम्फ़र्टेबल बनाने के लिए इन्हें बार-बार दोहराएँ। [७]
    • सबसे पहले अपने शब्दों या फ्रेज को धीरे-धीरे बोलने की तरफ फोकस करें। एक गहरी साँस लें और इन शब्दों को जितना हो सके, उतना स्मूदली बोलें। अगर आप हकलाते भी हैं, तो घबराएँ नहीं, आखिरी इसी के लिए तो आप प्रैक्टिस कर रहे हैं न।
    • आप जब आपके ट्रिगर्स को अकेले बोल पाने में बेहतर हो जाएँ, फिर एक ऐसा सेंटेन्स बनाएँ, जिसमें आपके ट्रिगर्स की स्ट्रिंग को एक-साथ रखा जाए। फिर उसी सेंटेन्स को धीरे से और स्मूदली बोलने की प्रैक्टिस करें।
  6. हर एक शब्द के पहले सिलेबल या शब्दांश को लंबा खींचकर बोलें: इस प्रैक्टिस को प्रोलॉन्गेशन (prolongation) की तरह जाना जाता है, जो हकलाने की समस्या पैदा करने वाली टेंशन के ऊपर फोकस करने में और उसे कम करने में मदद करती है। इस एक्सरसाइज के दौरान जहां तक हो सके, बहुत स्मूदली और बहुत शांति के साथ बोलें और हर एक सिलेबल को स्पष्ट रूप से बोलने की ओर फोकस करें। [८]
    • अपने ट्रिगर वर्ड्स को प्रोनाउंस करने के ऊपर खासतौर से फोकस करें। शब्द को तोड़ना आपको अपने ब्लॉक (बोलने में मुश्किल शब्दों) से उबरने में मदद करता है।
    • परेशान न हों, अगर आप प्रोलॉन्गेशन एक्सरसाइज के दौरान भी हकलाएं तो। यहाँ पर असली मकसद ये नहीं है कि आपको बिना रुके लगातार बोलना है, बल्कि मकसद तो ये है कि बोलते समय आपको शांत रहने की आदत डालने का है।
  7. लोग अक्सर कुछ गाते समय कम हकलाते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि किसी एक पहले से तय रिदम में सगाना हमारे ब्रेन को कनफ्यूज होने से और शब्दों के ऊपर अटकने से रोक सकता है। [९]
    • जैसे, आप चाहें तो शब्दों को आपकी पसंद की किसी धुन के साथ में बोलने की प्रैक्टिस कर सकते हैं। ये आपके हकलाने की समस्या में आपकी मदद करता है और आपके प्रैक्टिस सेशन को और भी मजेदार बना देता है।
  8. ये प्रैक्टिस आपको शब्दों के उच्चारण की आदत डालने में मदद करती है। हर एक शब्द के हर एक सिलेबल के उच्चारण की ओर फोकस करें। ज़ोर से बोलने की आदत डालने के लिए एक ऐसे पैसेज या वाक्य के सतह में शुरुआत करें, जिसे आप अच्छी तरह से जानते हैं। फिर कुछ अनजाने शब्दों को पढ़ने के साथ में खुद को ट्रेन करने के लिए किसी ऐसी चीज को बोलने की ओर बढ़ें, जिसे आपने इसके पहले नहीं पढ़ा है। [१०]
    • अगर पढ़ते समय आप हकलाते हैं, तो घबराएँ नहीं। बस आगे बढ़ते रहें।
    • रिदम में पढ़ते हुए एक्टिविटीज़ को कम्बाइन करें। आपके गाने की ट्यून का यूज करें या फिर पढ़ते हुए खुद ही एक बीट तैयार कर लें।
    • पढ़ते समय भी अपने प्रोलॉन्गेशन टेक्निक का इस्तेमाल करें। जितना हो सके उतना आराम से और उतना ही धीरे बोलने की ओर फोकस करें।
  9. अगर आप प्रैक्टिस तो करना चाहते हैं, लेकिन अभी किसी से सामने बैठकर बातें करने को तैयार नहीं हैं, तो ऐसे में फोन पर बात करना एक अच्छी एक्सरसाइज रहेगी। टेक्स्ट मेसेज करने के बजाय, फ्रेंड और फैमिली को कॉल करें और उनसे बात करें। अपने हकलाने की समस्या को कम करने के लिए बोलते समय प्रोलॉन्गेशन टेक्निक का इस्तेमाल करें। [११]
    • कस्टमर सर्विस लाइन को कॉल करना भी मददगार होता है। ईमेल के ऊपर आश्रित रहने की बजाय, थोड़ी और एक्सट्रा प्रैक्टिस के लिए कस्टमर सर्विस नंबर पर कॉल करें।
विधि 2
विधि 2 का 3:

पब्लिक में बोलना (Speaking in Public)

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  1. लोगों से बात करते समय अपने हकलाने की समस्या से मुंह फेरने की कोशिश न करें: वो लोग, जो हकलाते हैं, वो अक्सर अपनी इस कंडीशन को लेकर शर्म महसूस करते हैं और इसे एक कमी की तरह देखते हैं, और कभी-कभी वो इसे छिपाने की कोशिश भी करते हैं। लेकिन इसे छिपाने की कोशिश करना आपकी चिंता को बढ़ा सकता है, जिसकी वजह से आखिर में आपकी हकलाने की समस्या और भी बदतर हो जाएगी। कॉन्फ़िडेंस के साथ लोगों को आपकी हकलाने की समस्या के बारे में बताकर अपने इस डर पर काबू पाएं। ये लोगों को पता लग जाने की चिंता को कम करता है और माहौल में आपको कंट्रोल में रखने में मदद करता है। [१२]
    • आराम से कहें, “प्लीज, माफ कीजिएगा, शायद मैं बहुत धीमे बोलूँ, तो मुझे हकलाने की परेशानी है,” बस आपको इतना ही तो करना है। आप खुद भी पाएंगे कि ज़्यादातर लोग आपकी इस कंडीशन को पूरी तरह से स्वीकार भी कर रहे हैं।
  2. सोशल इंटरेक्शन की कल्पना करें और उसे प्लान करें: अपनी हकलाने की समस्या पर काबू पाने की कोशिश करते समय, अपने सोशल इंटरेक्शन को प्लान करें। ये पब्लिक में बोलने की आपकी चिंता को कम कर सकता है और बोलने से पहले आपको शब्दों और फ्रेज को दोहराने का मौका भी मिल जाता है। [१३]
    • जैसे, अगर कल आपकी ऑफिस की एक मीटिंग होने वाली है, तो फिर एक बार बहुत ध्यान से उसके एजेंडा की स्टडी करें। आप से क्या पूछा जा सकता है, उसकी कल्पना करें और अपने जवाब को भी प्लान करें। इन रिस्पोंस को समय से पहले ही पढ़कर चलें। रिस्पोंस की और बोले जाने वाले टॉपिक की एक पहले से तैयार की हुई लिस्ट होना आपकी चिंता को कम करेगा।
    • इस बात को समझें कि सोशल इंटरेक्शन को हमेशा पहले से प्लान करके नहीं रखा जा सकता और हो सकता है कि कन्वर्जेशन के किसी दूसरी ही दिशा में जाने पर आप हकलाना भी शुरू कर दें। ऐसे मामले में, धीमे हो जाएँ और अपने आपको स्थिर रखने के लिए बोलने के पहले अपने शब्दों को विजुलाइज करें।
    • याद रखें, अगर आपका सामना ब्लॉक (मुश्किल शब्दों) से हो जाए और आप हकलाना शुरू कर दें, तो बस स्वीकार कर लें कि आपको हकलाने की समस्या है और अपने विचारों को इकट्ठा करने के लिए कुछ पल मांग लें।
  3. अपने ब्लॉक्स और ट्रिगर शब्दों से बचने की कोशिश करें: प्रैक्टिस सेशन के दौरान, आपने शायद उन विशेष ट्रिगर्स और ब्लॉक को पहचान ही लिया होगा, जिन्हें बोलने में आपको मुश्किल जाती है। समय, प्रैक्टिस के साथ, आप हकलाए बिना ही उन ट्रिगर वाले शब्दों को बोलना सीख जाएंगे। हालांकि, उस समय तक के लिए, अपने हकलाने की समस्या को रोकने के लिए पब्लिक माहौल में इन्हें इस्तेमाल करने से बचने की कोशिश करें। [१४]
    • अपने ट्रिगर शब्दों के सिनोनिम या पर्यायवाची शब्दों की एक लिस्ट बना लें। अगर कोई खास शब्द पर आप हकलाना शुरू हो जाते हैं, तो ऐसे न जाने और भी कितने ही शब्द मिल जाएंगे, जिन्हें इस्तेमाल करके आप वही बात बोल सकें। एक शब्दकोश का यूज करें और अपने ट्रिगर वर्ड्स के लिए सर्च करें। ये आपको कन्वर्जेशन में उन्हें अवॉइड करने में मदद करेगा, जबकि आपके कहने के मतलब को भी नहीं बदलेगा।
  4. आप जिसके साथ भी बात करें, उनके साथ में आइ कांटैक्ट मेंटेन करें: लोग जब हकलाते हैं, तब वो अक्सर ही सामने वाले के साथ आइ कांटैक्ट नहीं बनाते हैं। ये पब्लिक में बोलने पर हकलाने की चिंता की वजह से होता है। फिर भले आप हकलाने लग जाते हैं, लेकिन फिर भी आइ कांटैक्ट बनाए रखने के लिए खुद को फोर्स करें। आपका ये एक्शन आपको और भी कॉन्फिडेंट दिखाएगा और अपने खुद को कॉन्फ़िडेंस को बनाना, समय के साथ आपके हकलाने की समस्या को भी कम करने में मदद करेगा। [१५]
    • अगर आप हकलाने की समस्या को रोकने की कोशिश करते समय, आइ कांटैक्ट को तोड़ देते हैं, तो तुरंत उसे फिर से बनाना शुरू कर दें।
  5. हकलाना कभी-कभी उस नर्वस एनर्जी की वजह से सामने आता है, जिसे हमारा शरीर सही तरीके से इस्तेमाल करने का तरीका समझ नहीं पाता है। अपने हाथों को हिलाना, आपकी इस एनर्जी को किसी दूसरी जगह पर लगा देता है। ये आपके ब्रेन को हकलाने की ओर से भटका देता है और आपको स्मूदली बोलने में मदद करता है। [१६]
    • ये तरीका उस समय खासतौर से मददगार रहता है, जब आप कोई पब्लिक प्रेजेंटेशन दे रहे हों। जब अपनी स्पीच प्लान करें, उस समय अपने हाथों के मोशन को भी प्लान करें, जो आपकी हकलाने की समस्या को कम करने में मदद करें। आपने जब भी हाथ को हिलाया, उस समय को भी अपनी स्क्रिप्ट में लिख लें।
  6. ये अपनी इस एक्सरसाइज के काम को समझने का एक अच्छा टेस्ट होता है। रैनडम कन्वर्जेशन को पहले से प्लान नहीं किया जा सकता है, इसलिए अपनी सारी एक्सरसाइज का यूज करें और जहां तक हो सके, बहुत स्मूदली बोलने की कोशिश करें। [१७]
    • खुद को इंट्रोड्यूस करते हुए अपने कन्वर्जेशन को शुरू करें और बोलें, “मुझे हकलाने की प्रॉब्लम है और मैं अपनी स्पीच में सुधार लाने की कोशिश में हूँ।” आपको ऐसे न जाने कितने ही लोग मिल जाएंगे, जो आपकी मदद करने को तैयार होंगे।
    • लोगों से डाइरैक्शन के बारे में पूछना, एक अच्छी, तेज एक्सरसाइज है। फिर चाहे आपको वो रास्ता पता भी क्यों न हो, लेकिन ये आपको लोगों के साथ में, बिना लंबी बात किए उनसे इंटरेक्ट करने का एक अच्छा तरीका होता है।
विधि 3
विधि 3 का 3:

प्रोफेशनल हेल्प की तलाश करना (Seeking Professional Help)

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  1. अगर आपकी हकलाने की परेशानी में कोई सुधार नहीं आता है, तो एक स्पीच थेरेपिस्ट से इसके बारे में बात करें: अगर आप कई महीनों से अपनी इस समस्या में सुधार करने के ऊपर काम कर रहे हैं, और अब तक आपको जरा भी सुधार नहीं दिखा है, तो एक प्रोफेशनल स्पीच थेरेपिस्ट के पास जाएँ। एक स्पीच थेरेपिस्ट आपकी परेशानी को अच्छी तरह से समझेगा और आपको एक ट्रीटमेंट भी रिकमेंड करेगा। [१८]
    • अगर आपको एक स्पीच थेरेपिस्ट की तलाश करने में मदद की जरूरत है, तो आप ऑनलाइन जाकर इसके लिए एक सर्च कर सकते हैं।
    • आप चाहें तो अपने फिजीशियन या डॉक्टर से भी इनके लिए रेफरल मांग सकते हैं।
  2. स्पीच थेरेपी के लिए ऑफिस से बाहर काफी सारा काम करने की जरूरत होती है। आपके डॉक्टर आपको एक्सरसाइज की एक लंबी लिस्ट देंगे, जिसे आपको अपने घर पर करना होगा। उनके दिए इस शेड्यूल को फॉलो करें और आपके थेरेपिस्ट ने आप से जो भी कुछ कहा है, वो सभी करें। [१९]
    • याद रखें कि स्पीच थेरेपी एक लंबी प्रोसेस भी बन सकती है। आपको आपके थेरेपिस्ट के साथ में कई महीने तक काम करना पड़ सकता है। धैर्य रखें और पूरी प्रोसेस के दौरान कॉन्फिडेंट रहें।
  3. हकलाने की समस्या में सपोर्ट देने वाले एक ग्रुप पर जाएँ: अगर आप हकलाते हैं, तो शाया आपको ऐसा लग सकता है कि ऐसे केवल आप अकेले इंसान हैं। लेकिन आप अकेले नहीं हैं। ऐसा अनुमान है कि दुनियाभर में करीब 70 मिलियन लोगों को ये समस्या है। हकलाने वाले लोगों की एक एक्टिव कम्यूनिटी है, जो एक-दूसरे को सपोर्ट करते हैं और इस कम्यूनिटी का एक हिस्सा बनना, इस परेशानी पर जीत पाने के लिए आपके कॉन्फ़िडेंस को बढ़ाने में मदद कर सकेगा। [२०]
    • अगर आप यूनाइटेड स्टेट्स में हैं, तो नेशनल स्टटरिंग एशोसिएशन का एक लोकल सपोर्ट ग्रुप है। अपने पास में एक ऐसे ग्रुप की तलाश करने के लिए https://westutter.org/chapters/ पर जाएँ।
    • अगर आप यूके में हैं, तो ब्रिटिश स्टटरिंग एशोसिएशन का भी एक लोकल सपोर्ट ग्रुप है। इसके बारे में ज्यादा जानकारी पाने के लिए https://stamma.org/connect/local-groups पर जाएँ।
    • भारत के लोग या अगर आप किसी दूसरे देश में हैं लोकल स्टटरिंग सपोर्ट ग्रुप (local stuttering support groups) के लिए ऑनलाइन सर्च कर सकते हैं और मदद की मांग करने से जरा भी न हिचकिचाएँ।

विकीहाउ के बारे में

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