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आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में सेहत का ख्याल रखना जरूरी हो गया है। और सेहतमंद आहार लेना अति आवश्यक है, इसलिए अपने आहार में अंकुरित अनाज शामिल करें। अंकुरित सेम, सब्जियां, बीज, और अनाज जैसे साधारण सामग्री को अंकुरित करने से उनके पोषक-तत्व को तेज़ी से बढ़ा सकते हैं। बथुआ (ऐल्फैल्फा) या दाल अंकुरित करने से सूक्ष्म पोषक तत्व बढ़ जाते हैं और यह आपके आहार को स्वादिष्ट भी बनाता है। अंकुरित अनाज बड़े ही स्वादिष्ट होते हैं और आश्चर्य की बात यह है कि आप इन्हें घर पर ही अंकुरित कर सकते हैं, बस आपको आवश्यकता है थोड़ी सामग्री और संबंधित जानकारी की। आइये इस लेख के जरिये हम सीखते हैं कुछ बुनियादी प्रक्रिया और कुछ विशेष निर्देशन, कि कैसे फलियां, अनाज, बीज, और हरी साग-सब्जियों को अंकुरित करें। अधिक जानकारी के लिए चरण 1 से शुरूआत करें।

विधि 1
विधि 1 का 5:

बुनियादी निर्देशन और सामग्री

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  1. जैविक बीज, सेम और मेवे सभी बुनियादी प्रक्रिया का उपयोग करके अंकुरित हो सकते हैं। ध्यान रखें कि आप जैविक या कीटनाशक रहित अनाज ही अंकुरित करने के लिए चुनें। बहुत से वाणिज्य बीज जो रोपण के लिए उपयोग करते हैं, उन पर पहले से ही फफूँदीनाशी, कीटनाशक, और अन्य कई दूसरे केमिकल का छिड़काव किया होता है, जिस कारण यह अनाज खाने के लिए हानिकारक होते हैं। किस प्रकार के अनाज अंकुरित करना सर्वोत्तम है, यह जानने के लिए, विभिन्न प्रकार के बीज और फलियां पर प्रयोग करें। और ऐसा करने के लिए थोड़ी सी तैयारी और सामग्री से शुरूआत करें। अंकुरित करने के लिए नीचे दिए गए अनाजों में से चुनें:
    • बीज जैसे तिल, सूरजमुखी, कूट्टू या कद्दू
    • फलियां और सेम जैसे साबुत मूंग, दाल, चना, राजमा, या हरे मटर
    • साबुत अनाज जैसे जौ, मकई, गेहूँ, क्विनोआ, राजगिरा, या रागी
    • सब्जियों के बीज जैसे बथुआ (ऐल्फैल्फा), तिपतिया घास (क्लोवर), मूली के बीज, करमसाग (एक प्रकार की बंदगोभी), बंदगोभी (पत्तागोभी), मेथी के दाने, या शलजम
  2. एक मर्तबान में बीजों को फिल्टर पानी के साथ रात भर भिगोये: जार में बीज रखकर, बीज भीगने जितना पर्याप्त मात्रा में पानी डालकर उसे रख दें। जार को जालीदार कपड़े या पुनः उपयोग वाली जाली: जैसे दुपट्टा, या परदे का छोटा सा भाग, या मलमल का कपड़ा, इनमें से कुछ भी जिससे जार ढकने में आसानी हो और बाद में पूरी तरह से पानी निकाला जा सकें, उससे ढक दें।
    • कोई भी कांच का साफ़ मर्तबान अनाज को अंकुरित करने के लिए ठीक है। आप पुराने अचार के मर्तबान, चीनी मिट्टी के मर्तबान या अन्य कोई कांच का मर्तबान अनाज अंकुरित करने के लिए पुनः उपयोग में ला सकते हैं। अगर चीनी मिट्टी के मर्तबान के ढक्कन को कसने के लिए अभी भी आपको मेटल रिंग मिलती है, जिसकी मदद से आप जाली वाले कपड़े को कसकर बाँध सकते हैं, तो उसका इस्तेमाल करें अथवा आप बालों में लगाने वाले बैंड, रबर बैंड, या अन्य कोई भी इलैस्टिक बैंड का उपयोग करके मर्तबान को जालीदार कपड़े से ढक सकते हैं।
    • अगर आप ताज़े साग सब्जियां जैसे गेहूं के जवारे, या मटर के ताज़े नाजुक पत्ते अंकुरित करना चाहते हैं, तो आपको इनके बीजों को अंकुरित करने के लिए आवश्यकता है; सही स्थान (क्यारी), मिट्टी, और सबसे ज्यादा जरूरी आपका समय है।
  3. अनाज भिगोये पानी को निकालें और अनाज को दिन में दो बार पानी से धो ले: सामान्यतः दिन में दो बार सुबह और शाम किसी भी प्रकार के अंकुरित अनाज को धो लें, फिर अनाज को मर्तबान से निकाले बिना, मर्तबान से पानी पूरी तरह से निकाल लें, ताकि अनाज अंकुरित होने में वृद्धि हो।
    • जब आप फलियां अंकुरित कर रहे हैं, तो थोड़े दिनों बाद, जब फलियां टूट जाएगी और उनके छिलके निकल जाएंगे, और अंकुर आना शुरू होगा, तब उसमें से थोड़ा पानी निकलना सामान्य बात है।
  4. अंकुरित होने वाले अनाज पर समय-समय पर पानी का छिड़काव करें, ताकि उनमें नमी बनी रहें, लेकिन इसके अलावा अंकुरण प्रक्रिया में वृद्धि करने के लिए आपको एक समान तापमान बनाए रखने की जरूरत है। अपने अंकुरित होने वाले अनाज को 50°F और 70°F तापमान के बीच के तापमान में रखें।
    • अगर आपका घर साल के एक विशेष समय में (ठंड के मौसम में) विशेष रूप से ठंडा होता है, तो आपको हीटर की आवश्यकता पड़ सकती है। एक 8 वॉट का हीटर उसके ऊपर अंकुरण प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले उपकरण को रखें, जो बिना अनाज को पकाए, अंकुरो को खराब होने से बचाने में मदद करेगा।
    • कुछ अंकुर जैसे मूली, अंधेरे में अच्छे से अंकुरित होते हैं, परंतु अंकुरित होने के बाद इन्हें अच्छे से हरा होकर बढ़ने के लिए उजाले में रखने की आवश्यकता होती है। सामान्यतः ज्यादातर अंकुरित अनाज दिन के उजाले में और सामान्य तापमान में सही तरह से अंकुरित होते हैं।
  5. जब आप अंकुर के लंबाई से संतुष्ट हो जाएंगे, तब सैंडविचेस, सलाद या सूप में इसका इस्तेमाल करके मजा लें। अंकुर को आप पाँच दिनों तक फ्रिज में रख दें, परंतु अंत में यह भूरे दिखने शुरू हो जाएंगे और सड़ने लगेंगे, इसका मतलब है कि, इन्हें फेंकने और फिर से नए बीज अंकुरित करने का समय आ गया है।
    • हर एक प्रकार के अनाज अंकुरित होने में अलग-अलग समय लेते हैं, जब यह काफ़ी देर तक पानी में भीगकर अंकुरित होते हैं और इन अंकुरित बीजों की अच्छी देखभाल की जाती है। कुछ अनाज मर्तबान में ही लंबे अंकुर और ज्यादा नाजुक होते हैं, तो कुछ अनाज क्यारी में (मिट्टी में) अंकुरित होने से अच्छी तरह से अंकुरित होते हैं और वह स्वादिष्ट भी होते हैं। किस तरह के अनाज आप अंकुरित कर सकते है, इसकी जानकारी नीचे दिए गए अनुच्छेद पढ़ने से आपको मिलेगी। [१]
    • कुछ अनाज लंबे समय तक अंकुरित होने के बाद उनके छिलके निकालने की जरूरत होती है, और अंकुरो को पानी में जोर से मिलाये ताकि उसमें भँवर आ जाएं और अंकुरो के छिलके निकालने में मदद मिलें, ध्यान रखें उसके बाद पानी को छलनी करें।
विधि 2
विधि 2 का 5:

बीज अंकुरित करें

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  1. कोई भी जैविक और खाने योग्य बीज अंकुरित करने के लिए सही रहेंगे। बीजों को भिगोने से अंकुरित होने की प्रक्रिया सक्रिय हो जाती है, और सेहतमंद, पौष्टिक स्नैक आपको मिलेगा जो कि वास्तविक बीज की तरह ही होते हैं परंतु यह पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
    • खाने योग्य बीज जैसे कद्दू, सूरजमुखी, और तिल यह बीज आम तौर पर अंकुरित किए जाते हैं। यह बीज अंकुरित होने में ज्यादा समय नहीं लेते हैं और स्वादिष्ट एवं बेहद पौष्टिक स्नैक के तौर पर आप इसका सेवन कर सकते हैं।
    • सब्जियों के बीज जैसे तिपतिया घास (क्लोवर), बथुआ (ऐल्फैल्फा), मूली और बंदगोभी के बीज, मेथी, या करमसाग (केल-एक प्रकार की बंदगोभी) अंकुरित होने के बाद नरम और मृदु हो जाते है, और जो सूक्ष्म पोषक तत्व से भरपूर होते हैं। इन्हें अकसर थोड़े प्रमाण में सैंडविच के ऊपर डालकर खाया जाता है।
  2. बीजों को अंकुरित करने वाले मर्तबान में बीजों को डालें और बीज भीगने जीतना ठंडा पानी मर्तबान में डालें, लगभग बीजों के ऊपर एक इंच पानी होना चाहिए। अगर बीजों में मिट्टी लगी है या दूसरा कोई कचरा है, तो बीजों को भिगोने से पहले उन्हें अच्छी तरह साफ़ करके पानी से धो लें, ताकि उनमें लगी धूल मिट्टी निकल जाएं।
    • सामान्य तापमान में इन बीजों को 4 घंटे भीगने दें। रसोईघर में चौके के ऊपर मर्तबान को रखें। 4 घंटे बाद मर्तबान से पानी को पूरी तरह से निकाल लें (आप छलनी का उपयोग कर सकते हैं), और बीजों को अंकुरित होने के लिए रखें। [२]
  3. यह खाने योग्य बीजों को अंकुरित होने में 12 से 24 घंटे लगते हैं: बीजों में से पानी निकालने के बाद एक दिन तक उसे बिना कुछ किए ऐसे ही रहने दें। बीज सक्रिय होकर, उनमें से पौधा निकलने को तैयार होने लगेगा और यही उचित समय है जिसे हम अंकुरण कहते हैं। एक दिन बाद यह अंकुरित बीज खाने योग्य बन जाएंगे।
    • एक दिन बाद बीजों को मर्तबान से निकालें और उन्हें तौलिये पर फैला दें, ताकि वह अच्छे से सूख जाएं। सूखने के बाद उन्हें वापिस किसी कटोरी में या दूसरे कंटेनर में डालकर उन्हें फ्रिज़ में रख दें। वह काफी दिनों तक अच्छे रहेंगे और खाने योग्य रहेंगे।
    • आम तौर पर तिल के बीज 6 घंटे से ज्यादा समय तक रखने से थोड़े कड़वे हो जाते हैं। इसलिये इन बीजों को समय से पहले निकालकर अच्छी तरह से सुखायें।
  4. सब्जियों के बीज पूरी तरह से अंकुरित होने में और उचित लंबाई तक पहुँचने में कम से कम 5 से 6 दिन लेते हैं। वैसे तो अंकुरित होते ही कभी भी आप इसका सेवन कर सकते हैं, अंकुरित होने के थोड़े दिन बाद यह कोमल और पौष्टिक होते हैं। नियमित रूप से पानी का छिड़काव करना, उन्हें अच्छे से सुखाना, और मर्तबान को उलटा करके उसमें से अतिरिक्त पानी निकालते रहने से अंकुरित बीज सूखे एवं ताज़े रहेंगे।
    • सब्जियों के बीजों की ताजगी की जांच करने के लिए हमेशा उसपर नजर बनाए रखें और उन्हें सूँघकर देखते रहें। जब उनकी ताजगी चली जाएगी तब वह भूरे रंग के हो जाएंगे और उनमें से हल्की सी क्लोरीन जैसी गंद आने लगेगी।
  5. तत्काल खाने के लिए मेवे (बादाम, अखरोट) अंकुरित करने का विचार करें: मेवे जैसे बादाम, अखरोट और अन्य तिलहन (ऑयलसीड), आमतौर पर इन्हें भिगोने के कुछ घंटों में ही यह "सक्रिय" हो जाते हैं और अधिक पौष्टिक हो जाते हैं। मेवों को भिगोकर सक्रिय करके अंकुरित करके खाने से जो पोषण संबंधी लाभ है, उनके। बारे में कुछ हद तक अभी पुष्टि नहीं कि गई है, परंतु अगर आप चाहें तो बड़ी आसानी से इस तरीके को आजमा सकते हैं।
विधि 3
विधि 3 का 5:

फलियां अंकुरित करें

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  1. सेम या फलियां के प्रकार को अंकुरित करने के लिए चुनें: शायद सब का पसंदीदा और फलियां में अंकुरण के लिए जाना माना है सेम। अंकुरित फलियां में भारी उभार जिससे यह पौष्टिक हो जाते हैं और इसके स्वाद के क्या कहने! अंकुरित फलियां, सूक्ष्म पोषक तत्व और स्वाद से भरपूर होते हैं। जो फलियां आम तौर पर अंकुरण के लिए इस्तेमाल होती है, उनमें नीचे दी गई फलियां शामिल है:
    • दाल, विशेष रूप से हरी या भूरे रंग की
    • काले चने या काबुली चना
    • साबुत मूंग, जो किराने की दुकान में खासकर “अंकुरित सेम“ करके बिकती है।
    • हरे मटर
  2. आधी कटोरी सूखे सेम (साबुत अनाज) से शुरुआत करें (पानी सोखने के बाद वह थोड़े फुल जाएंगे और उनके छिलके निकलने लगेंगे) । पानी को उबालने की जरूरत नहीं है, बस पानी को उतना गरम करें कि वह छूने पर हाथ को गरम लगें, जैसे चाय को थोड़ी देर रखने के बाद होती है। मर्तबान में सेम को लगभग 12 घंटों के लिए अंकुरित होने के लिए रखें।
    • क्योंकि फलियां सोखने के बाद अत्यधिक फुल जाती है, इसलिए ध्यान रखें कि मर्तबान में अधिक जगह बची रहे और मर्तबान में काफी मात्रा में पानी डालें ताकि सेम पानी में अच्छे से डुब जाएं।
  3. दिन में दो बार सेम को धो लें, और मर्तबान को उलटा करके उसमें से पूरा पानी अच्छे से छलनी कर लें ताकि वह अच्छे से अंकुरित हो जाएं। कभी-कभी पहले या दूसरे दिन, जार को धीरे से हिलाने की जरूरत पड़ सकती है, ताकि उसमें से छिलके निकल जाएं। आप छिलकों को निकालने के लिए थोड़ा पानी मर्तबान में डाल सकते हैं। अगर थोड़े बहुत छिलके बच जाते हैं, तो सोचने की जरूरत नहीं है। अगर आप चाहें तो उन्हें खाते वक्त हटा सकते हैं।
    • राजमा जैसे साबुत अनाज को अंकुरित होने में 4 दिन का समय लगता है, ताकि वह पूरी तरह से अंकुरित होकर अधिक स्वादिष्ट बनें। इसलिए उन्हें अंकुरित होने के लिए अतिरिक्त समय दें।
  4. अंकुरित साबुत अनाज को सूखने दें और फिर उन्हें फ्रिज में रखें: अनाज पूरी तरह से अंकुरित होने के बाद उन्हें मर्तबान से निकालकर उन्हें सावधानी से सुखाये और अगर उनमें कोई अतिरिक्त छिलके है, जो आप पहले नहीं निकाल पाएं है, तो उन्हें निकाल लें, या अगर चाहें तो छिलकों को ऐसे ही रहने दें (आप इन छिलकों को भी खा सकते है, हालांकि यह थोड़े कड़वे होते हैं)। अगर आप इन पर नजर बनाए रखते हैं और पूरी तरह से सूखा रखते हैं, तो फ्रिज में यह कम से कम एक सप्ताह तक अच्छे रहते है।
    • अंकुरित सेम खास तौर पर पतले सूप (शोरबा) के ऊपर डालकर खाने के लिए अच्छे होते हैं जैसे कि कोई पतला नूडल्स सूप या अन्य कोई तीखा व्यंजन। यह सलाद और सैंडविच के ऊपर भी अच्छा स्वाद देते हैं।
विधि 4
विधि 4 का 5:

साबुत अनाज अंकुरित करें

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  1. साबुत अनाज बिना पकाए खाने से पचते नहीं है, और उन्हें कच्चा खाकर इनका मज़ा उठाना मुश्किल है। जब कि अनाज को अंकुरित करने से, यह पचने में आसान होते है, और पौष्टिक भी होते हैं। बिना पकाए, बिना बेक करें और बिना पोषण तत्व नष्ट करें आप अंकुरित साबुत अनाज जैसे कि रागी, गेहूँ, जौ या मकई, का मज़ा ले सकते हैं।
    • अंकुरित अनाज पचने में मुश्किल फायटीक आम्ल (Phytic acid) को निष्प्रभावित करके, विटामिन और पोषक तत्व जो कच्चे अनाज में नहीं होते हैं उनकी उत्पत्ति करता है। अंकुरित अनाज दलिया बनाने में, बेकिंग प्रक्रिया में, तथा आटा बनाने के लिए उचित है। [३]
    • ओटमील बनाने के लिए छिलके वाले ओट्स जो आप बाज़ार से खरीदते है, वह अंकुरित नहीं होते हैं। अनाज अंकुरित करने के लिए कच्चे एवं जैविक साबुत अनाज जिनके छिलके न निकाले गये हो, उनकी जरूरत होती है। दूसरे तरह के अनाज सिर्फ भिगोये। आप ओटमील को मिसो पेस्ट (जो सोयाबीन और जौ के साथ किण्वित किया जाता है) के साथ रात भर किण्वित करके उसका उपयोग कर सकते हैं, ताकि आपके शरीर में जीवित संवर्धित जीवाणु (लाइव कल्चर) बढ़ सकें।
  2. अनाज भीगने के बाद उसका प्रमाण तीन गुना बढ़ जाता है, इसलिए बड़ा मर्तबान या कटोरे में इन्हें भिगोना जरूरी है, ताकि भीगने के बाद जब यह तीन गुना बढ़ जाएंगे, तब उस मर्तबान या कटोरे में समा सकें। अनाज को 6 घंटे भिगोये, उसके बाद उसको अच्छी तरह से छलनी करके पानी निकाल लें और फिर सामान्य तापमान में लगभग 2 दिनों तक अंकुरित होने के लिए रख दें। समय-समय पर इन्हें धोकर पानी अच्छे से छान लें।
    • मकई भीगने में ज्यादा समय लेती है, लगभग 12 घंटे, फिर इनमें से पानी निकालकर अंकुरित होने के लिए रखें।
    • राजगिरा, क्विनोआ, बाजरा, इनको कई बार बीजों और चावल के प्रकार माना जाता है, परंतु यह क्षारीय अनाज है, और जो इस प्रक्रिया से अंकुरित करने के लिए उत्तम है।
    • जौ वास्तव में अंकुरित नहीं होते है, परंतु आप अंकुरण प्रक्रिया को सक्रिय कर सकते हैं, जैसे जौ से ऐल्कोहोल बनाते समय, जौ को 12 घंटे “अंकुरित“ किया जाता है। जिससे प्रक्रिया सक्रिय होने लगेगी और छिलके निकलना शुरू होगा।
  3. अंकुरित अनाज का आटा बनाने के लिए, आपको फूड डिहायड्रेटर (अनाज सुखाने वाला उपकरण) और अनाज पिसने वाली चक्की की आवश्यकता पड़ेगी। अंकुरित होने के बाद, अनाज को 12 घंटों के लिए सूखने दें और बाद में इसे चक्की में डालकर पूरी तरह एकत्रित करके, बारीक आटा बना लें और अगर आप चाहें तो आटे को छान लें। इस आटे को ज्यादा दिन तक स्टोर करना चाहते है, तो इसे फ्रिज में रखें और जब चाहे तब खाना बनाने में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। [४]
विधि 5
विधि 5 का 5:

अंकुर और साग-सब्जियां उगाएँ

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  1. पर्याप्त मात्रा में अनाज अंकुरण कार्य की शुरूआत करें: रसोई में अनाज अंकुरित करने की प्रक्रिया से आगे बढ़े और थोड़े बड़े उपकरण के साथ और अधिक अनाज जैसे कि गेहूँ जवारे, मटर, या सूरजमुखी अंकुरित करने कि शुरूआत करें। अब आप इन अंकुरण प्रक्रिया के जरिए उच्च फसलों की उपज करने में सक्षम हो गए हैं, हालांकि, अगर आप खास तौर पर सलाद के लिए गेहूँ जवारे या ताज़े अंकुर उगा रहें हैं तो आप एकदम सहीं निवेश कर रहें है।
    • साधारण प्रक्रिया से शुरूआत करें, सर्वप्रथम बीज जैसे गेहूँ, मटर, या सूरजमुखी को मर्तबान में पानी डालकर भिगोये, फिर उन्हें अंकुरित होने दें, और अंकुर थोड़े बड़े होते ही उन्हें सीडिंग ट्रे में निकाल लें।
    • अंकुरित अनाज को सीडिंग ट्रे में निकालने से पहले, उनमें एक चौथाई इंच तक जड़े दिखाई देनी चाहिए। इतनी लंबी जड़े निकलने में हर अनाज अलग-अलग समय लेता है, लगभग 3 से 4 दिन, पर यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के पौधे लगा रहे हैं। [५]
  2. घर के बाहर होने वाली अंकुरण प्रक्रिया में सामान्यतः अनाज अंकुरित करके उन्हें उगाने में ट्रे की जरूरत होती है, जिसमें नीचे की तरफ जाली लगी होती है, या छेद बने होते है, ताकि इस प्रक्रिया के दौरान अनाज के ऊपर नियमित रूप से पानी का छिड़काव जो आप करते है, वह पानी रुके नहीं और बह जाएं। यह ट्रे आपको नर्सरी से आसानी से मिल जाएंगे, या आप खुद इसे बना सकते हैं। इसके लिए कोई एक ट्रे ले जिसमें एक स्क्वेअर फुट मिट्टी डाली जा सके और उसमें नीचे की तरफ छेद बनाएं।
  3. सीडिंग ट्रे में भरपूर मात्रा में मिट्टी डालें। आपको ज्यादा मिट्टी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, क्योंकि ज्यादातर अंकुरण मिट्टी के ऊपरी तरफ होते हैं और जड़े ज्यादा फैलती भी नहीं है, परंतु इतनी मिट्टी अवश्य डाले जो नमी को बनाएं रखें और आपको अंकुर सूखने की चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
    • मिट्टी को पानी डालकर अच्छी तरह से गीला करें और मिट्टी में अंकुर डालने से पहले, मिट्टी में अगर कहीं ज्यादा पानी रुक गया है, तो उन्हें सोख लेने दें।
    • आम तौर पर प्लेट या स्प्राउटिंग ट्रे के निचली तरफ छोटा कपड़ा बिछाया जाता है, ताकि मिट्टी की नमी बनी रहें और साथ में मिट्टी में थोड़ी मात्रा में-लगभग 10 x 10 आकार के ट्रे के लिए 1 कप वर्मीकुलाइट (एक प्रकार का खाद जो नमी बनाए रखने में मदद करता है) मिलाएं।
  4. अनाज को मिट्टी के ऊपर एक समान छिड़काव करें, और इस तरह से उनका छिड़काव करें कि वह एक दूसरे के ऊपर न गिरें, जिससे वह खराब हो सकते हैं। ढकने वाले ट्रे का इस्तेमाल करें या एक साधा सा कपड़ा या और कुछ जिससे की ट्रे ढक सकें। अनाज को हल्के हाथों से मिट्टी में दबायें। अनाज को "अंदर तक दबाने की" जरूरत नहीं है।
  5. दिन में दो बार अंकुर को पानी डालें और उन्हें कम रोशनी में रखें: दिन में कई बार अपने अंकुरो पर पानी का छिड़काव करें और उस पर नजर बनाए रखें। ध्यान रखें की अंकुरो को काफी मात्रा में पानी मिलें और हवा का परिसंचरण ठीक से होता रहे ताकि अनाज अंकुरित होने में बढ़ावा मिलें। और जहां तक संभव हो इन्हें सामान्य तापमान में रखने की कोशिश करें। शेड़ में अनाज को अंकुरित करना, जहां ठंडी छाँव आती हो, शुरुआत करने के लिए सबसे अच्छी जगह है।
  6. अंकुरित अनाज या अंकुरित गेहूँ को 10 दिनों में काटे: गेहूँ के जवारे एक सप्ताह बाद ही लंबे और हरे भरे हो जाते हैं, परंतु इन्हें और थोड़ा समय देने से यह पौष्टिकता से परिपूर्ण हो जाते हैं। दस दिनों में मटर के पत्ते अच्छी तरह से बढ़कर, सुंदर हरे रंग के बन जाते हैं और यह नाज़ुक पत्ते स्वाद से भरपूर होते हैं। ऊपर के पत्तों की कटाई करें और बाकी पौधे को फिर से बढ़ने दें अगर आप चाहें तो या खुद की क्यारी बनाने के लिए इस्तेमाल करें।

सलाह

  • मूंग अच्छी तरह से अंकुरित करने के लिए, जैसे ही वह अंकुरित होना शुरू होंगे उसपर कोई वजनदार चीज़ रखें।
  • लसदार बीज जैसे सरसों या अलसी के बीजों को "साधारण" अंकुरित मूंग या गेहूँ के साथ मिश्रित करने से वह नमी बनाए रखने में मदद करते हैं और इससे बार-बार पानी का छिड़काव भी नहीं करना पड़ेगा; और सरसों के बीज आपके अंकुरित बीज को "चटपटा" बना देगा। अगर आपने तीसरे दिन के भीतर इन अंकुरित अनाज का सेवन नहीं किया तो, नमी के कारण फफूँदी बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।
  • अंकुर "भिगोएं" और "धोएं" पानी पीने के लिए रुचिकर और पौष्टिक होता है, खासकर तब जब आप मसाले वाले बीज जैसे काला जीरा को मिलाते हैं।
  • सूरजमुखी के बीज छिलकों के साथ या बिना छिलकों के साथ भी अंकुरित हो सकते हैं। हरे सूरजमुखी (स्वादिष्ट!) जो बिना छिलकों वाले काले बीजों से लगभग 10 मिनटों में उगाये जाते हैं, वह सबसे बेहतरीन होते हैं। और इसके विपरीत जब छिलके वाले सूरजमुखी के बीज भिगोने के बाद एक दिन में अंकुरित हो जाते हैं, और इन्हें सलाद के ऊपर डालने में इस्तेमाल किया जाता है।
  • जब आप अनाज अंकुरित करने के लिए विशेष स्प्राउटिंग कंटेनर की बजाय साधारण मर्तबान या पीने का गिलास का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अनाज से भिगोये पानी को निकालने के लिए और अनाज को धोने के लिए इस्तेमाल किए गए पानी को निकालने के लिए छलनी या कॉफ़ी फिल्टर का उपयोग आप कर सकते हैं।
  • ऑटोमैटेड स्प्राउटिंग उपकरण लेने का विचार करें। इस उपकरण द्वारा अंकुरो को अपने आप पानी मिल जाता है।
  • बिना अंकुरित परंतु स्वाद से भरपूर बीज जैसे जीरा, सौंफ, मोटी सौंफ, या तिल को अंकुरित अनाज के साथ मिलाने से आखिर में अंकुरित अनाज का स्वाद बेहतर बन सकता है।
  • कोशिश करें कि जो बीज खराब, फीके या बिगड़े हुए आकार में हैं उनका उपयोग न करें। ऐसे बीजों का उपयोग करने से अंकुरित बीज ठीक से नहीं आएंगे। बहुत अंदर तक खुदाई करने की जरूरत नहीं है। मिट्टी उतनी ही ढीली रखें जितनी की अंकुर डालने के लिए सही है। मिट्टी में कुछ बूंदें पानी मिलायें।

चेतावनी

  • ठीक से पानी न निकलने से अगर अनाज में फफूंदी लगी है, तो उसे न खाएं।

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • जैविक बीज
  • अंकुरित करने के लिए मर्तबान, ट्रे, या आटोमैटिक स्प्राउटर
  • पानी का स्तोत्र और पानी निकालने के तरीके
  • स्क्रीन

विकीहाउ के बारे में

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