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अपने पार्टनर से यह स्वीकार करवाना कठिन हो सकता है कि वो चीटिंग कर रहा है। वो जो कुछ भी कहता है उसको ध्यान से सुनिए और उसके बहानों में इनकंसिस्टेंसीज़ खोजिए। अगर आपका पार्टनर अपनी अनुपस्थिति की माफ़ी मांगने के लिए कोई बहुत सिम्प्लिस्टिक भाषा और कुछ सेल्फ़-रेफ़ेरेन्शियल शब्दों का इस्तेमाल करता है, तब इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि वो चीटिंग कर रहा है। जब आप उनकी चीटिंग को स्वीकार करने को तैयार हों, तब कैजुयल, ओपेन एंडेड सवाल पूछिये और उन्हें सच बोलने के लिए उकसाइए। एंपैथेटिक रहिए और अपने पार्टनर को यह महसूस कराइए कि वे सच बोल सकते हैं। अगर आपका पार्टनर यह स्वीकार कर लेता है कि वो चीट कर रहा था, तब आप सफल हो गए, मगर ज़रूरी यह है कि आप शांत रहें और एग्रेसिव तथा हिंसक न हो जाएँ।

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपने पार्टनर की बातें सुनना

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  1. आपका पार्टनर किस प्रकार की भाषा बोलता है उसको सुनना: चीट करने वाले अपने व्यवहार के बारे में झूठ बोलते समय उन शब्दों से अलग शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जिनका इस्तेमाल वो सच बोलते समय करते हैं। विशेषकर, वे लोग कम जटिलता वाले शब्दों का इस्तेमाल करेंगे, कुछ ही सेल्फ़-रेफ़रेन्स करेंगे, और अपनी बातों में अधिक निगेटिव इमोशन्स पेश करेंगे।
    • अधिक जटिलता वाली भाषा में “एक्सक्लूसिव” शब्दों (“सिवाय,” “मगर,” और “बिना”) और कंपाउंड वाक्यों का इस्तेमाल होता है। अगर आपका पार्टनर चीट कर रहा होगा, तब वो बहाने बनाते समय ऐसे वाक्यों को बोलना अवॉइड करेंगे जिनमें बहुत जानकारी और जटिल भाषा का इस्तेमाल किया गया हो।
    • सेल्फ़-रेफ़रेन्स शब्द होते हैं “मैं,” “मेरा,” और “मेरे।” ये शब्द उस कहानी के लिए, जिसे झूठा सुना रहा है, उसकी ओनरशिप तथा पर्सनल ज़िम्मेदारी दिखाते हैं। इसकी संभावना अधिक है कि, चीट करने वाले वे लोग, जो इस बारे में झूठ बोल रहे होंगे कि वे कहाँ गए थे या वो किसके साथ थे, झूठा बहाना बनाते समय इन शब्दों को एक्सक्लूड कर देंगे।
    • वे शब्द जिनसे निगेटिविटी या निगेटिव इमोशन्स एक्स्प्रेस किए जाते हैं, उनमें नफ़रत, दुख, बेकार, और दुश्मन शामिल होते हैं। झूठी कहानियों के दौरान ये शब्द अधिक फ्रीक्वेंट्ली सामने आएंगे, क्योंकि झूठे को, झूठ बोलते समय, अस्थाई गिल्ट (guilt) और डिसकमफ़र्ट की भावना महसूस हो रही होगी (बशर्ते कि वे वास्तव में सोशियोपैथिक न हों)।
  2. नॉड करना, एन्करेजमेंट तथा सहमति का संकेत होता है। अगर अपने पार्टनर के बोलते समय आप नॉड करती रहेंगी, तब वो बोलते रहने के लिए अधिक इच्छुक होगा, और एट ईज़ भी महसूस करेगा। संभावना यही है कि वो यह रहस्य खोल देंगे कि उन्होंने चीट किया था। [१]
    • कम से कम, आप उससे उसके व्हेयरअबाउट तथा हाल की एक्टिविटीज़ के बारे में और अधिक क्ल्यूज़ तो निकलवा ही सकेंगी।
  3. बहुत सारे लोगों को लगता है कि बेवफ़ाई का कन्फेशन निकलवाना का सबसे अच्छा तरीका यही है कि अपने पार्टनर पर सवालों की कभी न खत्म होने वाली झड़ी लगा कर उस पर धौंस जमा ली जाये। मगर, इससे आपके पार्टनर को वह स्पेस नहीं मिलेगी, जो उन्हें अपनी करनी स्वीकार करने के लिए चाहिए। जब चीटिंग के विषय पर पहुँचें तब उनको बोलने दीजिये। उनके प्रत्येक स्टेटमेंट पर दूसरे सवाल, आरोप, या अपने स्टेटमेंट से तुरंत रिस्पोंड करने की कोशिश मत करिए। [२]
विधि 2
विधि 2 का 3:

प्रश्न पूछना

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  1. प्राइमिंग एक मनोवैज्ञानिक तकनीक होती है जिसमें आप कुछ विशेष शब्दों या फ़्रेज़ेज का इस्तेमाल करके, किसी व्यक्ति के विचारों या व्यवहार को किसी विशेष तरीके से फ़्रेम करते हैं। अगर आप अपने पार्टनर को यह स्वीकार करने के लिए प्राइम कर देंगे कि वे ईमानदार हैं तब वे आपकी सहायता करने के लिए अधिक कोऑपरेटिव तथा इच्छुक हो जाएँगे। अपने पार्टनर से कैजुयली पूछिये, “तुम्हारे हिसाब से तुम कितने ईमानदार होगे?” [३]
    • आपके पार्टनर को जवाब देना चाहिए कि वे बहुत ईमानदार हैं (विशेषकर आपके साथ)।
    • अधिकांश व्यक्ति कल्पना करना चाहते हैं कि वे ईमानदार हैं, और अपने पार्टनर को उनके बारे में यह याद दिलाने में सहायता करने से कि वे ईमानदार हैं (या अपने को ईमानदार समझते हैं) वे यह स्वीकार करने के इच्छुक हो जाएँगे कि वे चीट कर रहे हैं।
  2. अपने पार्टनर से कहिए कि अपनी कहानी दूसरी तरह से सुनाएँ: अगर आपका पार्टनर अपनी बेवफ़ाई छुपाने की कोशिश कर रहा होगा तब वो कहाँ जा रहा है या वो लोग कहाँ थे, उन्होंने क्या किया, और वे किन लोगों के साथ थे, इस बारे में बहुत से झूठ बोलेगा। अपने पार्टनर से कनफ़ेस करवाने के लिए – या यह सबूत इकट्ठे करने के लिए कि आपका पार्टनर चीट कर रहा है – अपने पार्टनर से कहिए कि अपने बहाने को दूसरी तरह से बताए। [४]
    • झूठे अपनी कहानी को रिवर्स क्रम में नहीं सुना सकते (कहानी के घटनाक्रम को अंतिम से पहले तक क्रमवार करना), और उन्हें कहानी को अंत से, या बीच से भी, फिर से सुनाने में बहुत कठिनाई होती है। [५]
    • अपने पार्टनर को कहानी को रीकैप करने के लिए कहिए, जहां वो सबसे पहले अंतिम चीज़ बताएगा। उसके बाद पूछिये, “तुमने क्या बताया, उसके ठीक पहले क्या हुआ था?” अगर वो कहते हैं कि उन्हें याद नहीं, या घटनाओं का, पहले बताए गए से कोई भिन्न सीक्वेंस बताते हैं, तब उनकी ग़लती को पॉइंट आउट करिए। जैसे कि आप पूछ सकते हैं, “यकीनन तुम वहीं पर थे?” या “सचमुच में क्या हुआ था?”
  3. अपने पार्टनर के बहाने का कोई ग़लत वर्ज़न बताइये: अगर आपका पार्टनर अपने कहीं होने और कुछ करने के बारे में कोई कहानी बताता है, तब उसी कहानी को कुछ ग़लतियों के साथ फिर से सुनाये, और उसमें उनके चीटिंग व्यवहार के बारे में कोई फँसाने वाली डिटेल जोड़ दीजिये। जैसे कि, मान लीजिये कि आपके पार्टनर का अपने सहकर्मी के साथ अफ़ेयर चल रहा है। जब आप उनसे पूछें कि वे लोग कहाँ थे, तब वे कहें कि दोस्तों के साथ ड्रिंक्स के लिए गए थे। इसके जवाब में आप कह सकते हैं, “ओह, तुम दोस्तों और सहकर्मी के साथ बॉलिंग के लिए गए थे?” उनका जवाब हो सकता है, “मैं दोस्तों के साथ बॉलिंग के लिए नहीं गया था।” [६]
    • इस मामले में आपके पार्टनर का आंशिक डिनायल यह संकेत देता है कि आपके स्टेटमेंट का दूसरा भाग – कि वे अपने सहकर्मी के साथ कहीं बाहर थे – सच है।
    • आपका पार्टनर शायद इस बात को समझ जाएगा कि उसने आपके स्टेटमेंट के दूसरे भाग को ठीक नहीं किया है, और जल्दी ही अपने आप को कवर करेगा।
    • यह सबसे बढ़िया उस समय काम करेगा जबकि आप यह ढोंग करेंगे कि आप बहुत गहराई से किताब पढ़ने या फ़िल्म देखने में इंटरेस्टेड हैं।
  4. ओपेन प्रश्न, वे प्रश्न होते हैं जिनका जवाब केवल हाँ/नहीं में नहीं दिया जा सकता है। ओपेन प्रश्नों से आपके पार्टनर पर बोलने का दबाव पड़ता है, और जितनी अधिक जानकारी मिलेगी, उसका इस्तेमाल करके, आप बाद में, जब अपने पार्टनर को यह दिखाने की कोशिश कर रही होंगी कि क्या गड़बड़ है, तब, उतने ही अधिक सबूत निकाल सकेंगी। [७]
    • ओपेन प्रश्नों से आपका पार्टनर कम्फ़र्टेबल भी हो जाएगा, जिसके कारण वे बहक कर खुलासा भी कर सकते हैं – जाने या अनजाने – कि वे चीट कर रहे थे।
    • उन छोटी-छोटी डिटेल्स पर ध्यान दीजिये जिनको आप बाद में वेरिफ़ाई कर सकें। जैसे कि, अपने पार्टनर की कहानी की सच्चाई जानने के लिए उन लोगों से बात करिए, जिनके साथ होने का आपके पार्टनर ने दावा किया हो।
  5. अगर आप बहुतेरे डायरेक्ट और पॉइंटेड प्रश्न पूछेंगे तब हो सकता है कि आपका पार्टनर अपने खोल में सिमट जाए और यह स्वीकार करने के लिए तैयार न हो कि वो चीटिंग कर रहा था। जब आप दोनों काम से घर वापस पहुँचें, तब एक दूसरे के दिन के बारे में सवाल पूछना स्वाभाविक होता है, और आप भी अपने पार्टनर से पूछ सकती हैं, “आज क्या रहा?” या “आज इतनी देर से घर कैसे लौटे?” मगर, अगर आप यह अंदाज़ा लगा लेने से पहले ही कि आपका पार्टनर अब क्रैक करने वाला है, उसको दिखा देंगी, कि आपको उस पर शक हो गया है, तब तो आप उसको फ़्रस्ट्रेशन की ओर धकेल देंगी, और उसके जवाब में आपको सरकास्टिक और ज़ाहिर रूप से झूठे जवाब ही मिलेंगे। [८]
    • बातचीत के स्वाभाविक पैटर्न पर ही टिकी रहिए: अपने पार्टनर के साथ बातचीत का पैटर्न वही रखिए जैसा कि तब रहा हो जब आप उस पर चीटिंग का शक नहीं करती थीं।
    • मोटी सी बात यह कि ऐसे पॉइंटेड प्रश्न करना अवॉइड करिए “तुम क्या कर रहे थे?”, “तुम किसके साथ थे?”, और “तुम कहाँ थे?”
  6. अपने पार्टनर के साथ नेस्टी (nasty) या पैसिव-एग्रेसिव (या केवल एग्रेसिव) होने से उसमें आपसे और अधिक ओपेन होने की प्रेरणा नहीं आएगी। इसकी जगह, प्रश्न पूछते समय, हल्का-फुल्का, नॉन-जजमेंटल, और उत्सुक टोन अपनाइए। इसके कारण उनको यह संदेह नहीं होने पाएगा कि आपको उन पर चीटिंग का शक हो रहा है। अगर आपके पार्टनर को लगने लगेगा कि आपको उन पर शक हो रहा है, तब वे अपने एक्शन्स को छुपाने के लिए कुछ अतिरिक्त कदम उठाने लगेंगे जिससे कि आप धोखा खा सकती हैं। [९]
    • जब अपने पार्टनर से प्रश्न पूछ रही हों तब शांत रहिए और मानसिक संतुलन बनाए रखिए: अगर आपको कोई मानसिक या शारीरिक उलझन महसूस हो रही होगी तब इसका मतलब है कि आप अभी प्रश्न पूछने के लिए तैयार नहीं हैं। यह बात करने के लिए एक बहुत कठिन विषय हो सकता है, इसलिए जब तक आप शांत न हों, तब तक इस विषय पर बात करना मत ही शुरू करिए।
विधि 3
विधि 3 का 3:

कन्फेशन निकालना

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  1. आपके पार्टनर ने जो किया उसके लिए एंपैथी एक्स्प्रेस करिए: अगर आपके पार्टनर को लगेगा कि आप उनके व्यवहार को समझते हैं और उसके लिए सहानुभूति रखते हैं, तब उन्हें लगेगा कि वे सुरक्षित हैं। इससे यह संभावना बढ़ जाएगी कि वे आपके साथ शेयर कर सकेंगे कि वे चीट कर रहे थे। [१०]
    • अपने पार्टनर को एट ईज़ (at ease) करिए: [११] कोई बहाना बनाइये और उन्हें बताइये कि आप समझ सकती हैं कि उन्होंने जो किया, वैसा क्यों किया। जैसे कि, आप कह सकते हैं, “मुझे पता है कि मुझे काम के सिलसिले में बहुत बाहर रहना पड़ता है। अगर तुम किसी और से मिल रहे थे, तब मैं समझ सकती हूँ।”
    • ऐसे फ़्रेज़ेज से एंकरेजमेंट दीजिये, “मैं हमेशा तुम्हारे साथ ईमानदार रहा हूँ” या “अगर तुम मुझे चीट कर रहे थे, तो मुझे ईमानदारी से बता दो। मैं वास्तविक तुमको जानना चाहती हूँ।” आप कह सकती हैं, “कोई बात नहीं है, अगर तुमने मुझे चीट किया है तो मैं अपसेट नहीं होऊंगी।”
  2. आम तौर पर एक एम्पेथेटिक, जेंटल अप्रोच ही सबसे बढ़िया होता है, मगर कुछ लोग तब तक कनफ़ेस नहीं करते जब तक गर्मी थोड़ी बढ़ाई नहीं जाती और यह दिखावा नहीं किया जाता कि आप कंट्रोल में हैं। न तो एग्रेसिव होइए और न ही डोमिनियरिंग – बस उनको थोड़ा अनकम्फ़र्टेबल कर दीजिये। उनकी पर्सनल स्पेस के अंदर चले जाइए। [१२]
    • आप अपनी कुर्सी सामान्य तौर पर अपने पार्टनर के जितने निकट लाते उससे अधिक निकट ले आइये।
    • अगर आप खड़े हों, तब उसकी ओर एक कदम बढ़ जाइए।
    • जब आप बात करें तब मेज़ पर झुक जाइए।
    • ये छोटे-छोटे व्यवहार डायनामिक को आपके पक्ष में शिफ़्ट कर देगा और उन्होंने जो भी किया है उसका भेद खोलने की दिशा में उनको धकेल देगा।
    • अगर आपका पार्टनर हिंसक है, या आपको लगता है कि वो हिंसक हो जाएगा, तब इन कदमों को लेना अवॉइड करिए। आप चाहें तो सलाह माँगने के लिए स्थानीय घरेलू हिंसा हॉटलाइन के लिए कॉल कर सकती हैं।
  3. अगर आपको पता है कि आपका पार्टनर कल रात बार में नहीं था, तब उनके व्हेयरअबाउट के बारे में यह कहते हुये बातचीत मत शुरू करिए, “मुझे पता है कि तुम कल रात बार में नहीं थे।” इससे आपका पक्ष कमजोर हो जाता है और उनके लिए इससे इंकार करना आसान हो जाता है कि वे चीटिंग कर रहे थे। [१३]
    • इसकी जगह, कोशिश करिए कि वे बहाना बना कर जाल में फंस जाएँ, उसके बाद उनकी कहानी को उस पक्की जानकारी के साथ कंपेयर करिए कि वे कहाँ नहीं देखे गए थे और वे किनके साथ नहीं थे। इससे आप उनके बहाने की हवा निकाल पाएंगी।
  4. अगर आपको लगता है कि आपके पास काफ़ी सबूत हैं, मगर आपको 100% यकीन नहीं है कि आपका पार्टनर चीट कर रहा है, तब इस प्रयास में कि आप उनसे कनफ़ेस करवा सकें, उनके विरुद्ध डायरेक्टली केस बना सकते हैं। एक ऐसा शांत पल ढूंढिए जिसमें कि आप दोनों अकेले हों। अपने पार्टनर को कनफ्रंट करिए और आप ऐसा कह सकती हैं, “मुझे पता है कि क्या चल रहा है,” या “मुझे लगता है कि हमें [जिस व्यक्ति के कारण आपका पार्टनर चीट कर रहा है] के बारे में बात करनी चाहिए।” [१४]
    • आप बातचीत की शुरुआत में प्रीफ़ेस के रूप में अपने पार्टनर से यह पूछ कर उसे कनफ़ेस करने का मौका दे सकती हैं, “क्या तुम मुझे कुछ और बताना चाहते हो?”
    • अपने पार्टनर से यह स्वीकार कराने के लिए कि वो चीट कर रहे हैं, ब्लफ़ करना प्रभावी हो सकता है, मगर यदि वे आपके ब्लफ़ को भाव नहीं देते, तब वे उसको स्वीकार नहीं करेंगे, जो वास्तव में चल रहा होगा। इसके साथ ही, यह सोच कर वे और अधिक कॉन्फ़िडेंट महसूस करेंगे कि आपको उनकी एक्टिविटीज़ के बारे में कुछ नहीं मालूम है।
    • अगर आप अपने पार्टनर को ब्लफ़ करती हैं और वे वास्तव में चीट नहीं कर रहे होंगे, तब यह आपकी बेवकूफ़ी लगेगी।
  5. जब आप ब्लफ़ कर रही हों, तब अपने पार्टनर को ऐसे तथ्यों की डिटेल्स के साथ नरेटिव दे कर गाइड करिए, जिनके बारे में आपको पक्का यकीन हो, ताकि वो आपको ख़ुद ही बताएं कि उन्होंने क्या किया था। जैसे कि, आप कह सकते हैं, “इस पूरे हफ़्ते हर रात को तुम देर से घर लौटे हो। तुमने कहा कि दोस्तों के साथ थे, मगर तुम थे नहीं, थे क्या?” उसके बाद वो नरेटिव प्रस्तुत करिए जिसके बारे में आपको लगता हो (या जानते हों) कि हुआ था। आपका पार्टनर उसमें करेक्शन करना शुरू करेगा और उसमें यह बताने के लिए डिटेल्स भरेगा, कि वास्तव में क्या हुआ था। [१५]
  6. जब आपका पार्टनर कनफ़ेस करे कि वो चीटिंग कर रहा था तब शांति से रिएक्ट करिए: चाहे आप बहुत समय से यह शक क्यों न कर रही हों, कि आपका पार्टनर चीट कर रहा है, मगर जब वो अंततः स्वीकार करता है तब यह हार्टब्रेकिंग और भावनात्मक रूप से हिला देने वाला हो सकता है। परिस्थिति के भावनात्मक रूप से चार्ज्ड होने के बावजूद, चिल्लाना और पार्टनर के साथ शारीरिक दुर्व्यवहार मत शुरू कर दीजिएगा। ये व्यवहार न केवल बचकाने और अनकाइंड होते हैं - ये कानूनी कार्यवाही का आधार भी बन सकते हैं। [१६]
    • शांति से रिएक्ट करने के लिए जब आप यह सुनें कि आपका पार्टनर चीटिंग कर रहा है, तब अपनी नाक से गहरी सांसें लीजिये। नाक से ही सांस बाहर निकालिए और सुनिश्चित करिए आपके एक्सहेलेशन को इन्हेलेशन की तुलना में अधिक समय लगे।
    • अगर आपको अपना दिमाग़ ठंडा करने के लिए ज़रूरी हो, तब दूसरे कमरे में चले जाइए या बाहर टहलने चले जाइए।
    • क्या हो रहा है, यह बताने के लिए किसी मित्र या परिवार के सदस्य को कॉल करिए। इस एहसास से निबटने का कि आपका पार्टनर आपको चीट कर रहा, सबसे बढ़िया तरीका यह है कि आप उन लोगों से सपोर्ट लें जो आपकी परवाह करते हैं।

सलाह

  • अपने पार्टनर को, उसकी बॉडी लैंगवेज का विश्लेषण करके, पकड़ने की कोशिश मत करिए। ऐसे ट्रूइज़्म, कि जब कोई झूठ बोलता है तब वो आँखें चुराता है, एक्यूरेट नहीं होते हैं। झूठ को सच से अलग करने में बॉडी लैंगवेज शायद ही कभी सहायता देती है। [१७]
  • अपने पार्टनर से यह स्वीकार करने का कोई फ़ूलप्रूफ़ तरीका नहीं है कि वो चीटिंग या किसी दूसरी तरह का बुरा व्यवहार कर रहा है। हो सकता है कि वो स्वीकार न भी करे तब भी आपका पार्टनर चीटिंग कर रहा हो।
  • अगर आप लगातार अपने पार्टनर पर शक करेंगे, या आप उसका विश्वास नहीं कर रहे होंगे, तब अगर वो चीट नहीं भी कर रहे होंगे, तब भी आपका रिलेशनशिप खतरे में होगा। शायद आप किसी रिलेशनशिप काउंसेलर से सहायता लेना चाहेंगे।

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