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इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर (आईएसपी) बनना एक रिवार्डिंग चीज़ है, मगर एक नई सर्विस शुरू करने के लिए बहुत डेडिकेशन की ज़रूरत होती है। इसमें सबसे बड़ी बाधा होती है, इक्विपमेंट तथा बिल्डिंग स्पेस के लिए आवश्यक धन। आप रिले सिग्नल्स कहाँ प्लेस करेंगे, इसका पहले से प्लान बना लीजिये और उसके बाद अपने यूज़र्स को स्पीडी इन्टरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए अच्छी क्वालिटी के इक्विपमेंट में निवेश करिए। अपनी सर्विस को स्टेबल बनाए रखने के लिए और समय के साथ उसको बढ़ाने के लिए अपने सेटअप का अच्छा रख-रखाव करिए।

विधि 1
विधि 1 का 5:

अपनी सर्विस के लिए लोकेशन ढूँढना

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  1. आईएसपी के डेटा सेंटर को हाउस करने के लिए उचित बिल्डिंग खोजिए: आपके डेटा सेंटर के लिए किसी ऊंची बिल्डिंग का ऊपर वाला फ्लोर आदर्श स्पॉट होगा। अपनी सर्विस को ऊंचाई पर सेटअप करने से, आपके एन्टेना का वायरलेस सिग्नल अधिक दूरी तक ट्रैवेल करता है। डेटा सेंटर को फ़ाइबर इन्टरनेट केबल्स द्वारा सर्विस करने की ज़रूरत होती है। अपनी सर्विस सेटअप करने के लिए आपको इन्हीं केबल्स को इस्तेमाल करने की ज़रूरत होगी। [१]
    • अपने क्षेत्र में डेटा सेंटर्स का पता लगाइए। अपने इक्विपमेंट के लिए छत पर स्पेस किराये पर लीजिये। कुछ डेटा सेंटर्स डेडिकेटेड इन्टरनेट एक्सेस नाम का मज़बूत इन्टरनेट कनेक्शन भी बेचते हैं, जिसका इस्तेमाल आप अपने बिजनेस को पावर करने के लिए, फ़ाइबर केबल्स की जगह पर कर सकते हैं।
    • यह पता करने के लिए कि फ़ाइबर केबल्स कहाँ पर हैं, अपने क्षेत्र में फ़ाइबर ऑप्टिक इन्टरनेट प्रोवाइडर्स का पता लगाइए। उनसे उनके नेटवर्क के संबंध में पूछिये और यह भी कि क्या वह आपके संभावित डेटा सेंटर तक पहुंचता भी है या नहीं। इसके अलावा, और अधिक जानकारी के लिए अपनी बिल्डिंग संपत्ति के मालिक तथा दूसरे किराएदारों से बातचीत करिए।
    • अगर डेटा सेंटर की लोकेशन अच्छी क्वालिटी की फ़ाइबर लाइन्स के निकट नहीं हो, तब उनके इन्स्टालेशन के लिए आपको इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर को भुगतान करना होगा। ऐसा करना महंगा पड़ सकता है, इसलिए अच्छा यही होगा कि आप ऐसी जगह खोजें जहां पहले से ही अच्छा अपस्ट्रीम फ़ाइबर कनेक्शन हो।
  2. अपने रिलेज़ को इन्स्टाल करने के लिए दूसरे हाई स्पॉट्स भी ढूंढ लीजिये: ये हाई स्पॉट्स आपके आईएसपी सिग्नल को डेटा सेंटर से आपके ग्राहकों को रिले करते हैं। अपने पड़ोस में ड्राइव करिए तथा लीज़ करने के लिए संभावित स्पॉट्स को आइडेंटिफ़ाई करने के लिए ऑनलाइन मैप्स का इस्तेमाल करिए। रेडियो टावर्स, पानी की टंकियाँ, पहाड़, टीले, ऊंची इमारतें, तथा कुछ घर भी ऐसे बढ़िया स्पॉट्स हो सकते हैं, जिन पर विचार किया जा सकता है। यहाँ से सीनरी (scenery) कैसी दिखाई पड़ती है, इस जानकारी को पाने के लिए, इन लोकेशन्स पर ख़ुद जा कर देखिये।
    • टावर से आपके ग्राहक का घर दिखाई पड़ना चाहिए, अन्यथा सिग्नल उस तक नहीं पहुंचेगा। टीले, पेड़ और दूसरी बिल्डिंग्स से भी परेशानी बढ़ सकती है।
    • आपका लक्ष्य होना चाहिए कि एक रिले टावर से लगभग 50 ग्राहकों को सर्विस किया जा सके। अगर आप ऐसी जगहों पर रिलेज़ को लगाएंगे, जहां बहुत घर नहीं होंगे, तब तो आप घाटा ही उठाएंगे। इसी कारण बड़े आईएसपी ग्रामीण क्षेत्रों को अवॉइड ही कराते हैं।
    • रिले टावर्स वायरलेस सिग्नल्स को प्रसारित करते हैं। जब टावर्स दूर-दूर हों, तब अधिक तेज़ इन्टरनेट कनेक्शन्स बनाने के लिए, आप ज़मीन पर फ़ाइबर ऑप्टिक केबल बिछा सकते हैं। फ़ाइबर ऑप्टिक नेटवर्क फैलाना बहुत महंगा काम होता है, इसलिए अधिकांश लोग वायरलेस टेक्नॉलॉजी पर ही टिके रहते हैं।
  3. अपने डेटा सेंटर तथा रिलेज़ के लिए लीज़ेज़ को निगोशिएट कर लीजिये: आप अपने नेटवर्क का जो भी भाग सेटअप करने के संबंध में प्लान करेंगे, उसके लिए आपको जगह किराये पर लेनी ही होगी, इसलिए बहुत अधिक निगोशियेटिंग करने के लिए तैयार रहिए। या तो विजिट करके, या पब्लिक रिकॉर्ड में खोजबीन करके प्रॉपर्टी के मालिकों का पता करिए। उसके बाद मालिक से पूछिये कि क्या आप वहाँ पर अपना आईएसपी इक्विपमेंट इन्स्टाल कर सकते हैं। प्रत्येक लीज़ के लिए 5,000 रुपये से 25,000 रुपये तक का किराया देना पड़ सकता है। [२]
    • प्रॉपर्टी मालिकों को ढूँढना एक मुश्किल काम हो सकता है। अपने रिलेज़ को लगाने के लिए आप आल्टर्नेटिव स्पॉट्स भी साथ में ढूंढते रहिए।
    • बारगेन (bargain) करने के लिए अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करिए: प्रॉपर्टी के मालिकों को आप मुफ़्त इन्टरनेट देने का वादा करिए। अधिकांश लोग आपको सस्ते में भी जगह दे सकते हैं।
  4. किसी इन्टरनेट प्रोवाइडर से अपस्ट्रीम फ़ाइबर कनेक्शन सेटअप करिए: दाम कंपेयर करने के लिए अपने क्षेत्र में अपस्ट्रीम कंपनीज़ रिसर्च करिए। किसी ऐसी सर्विस को पाने की कोशिश करिए जो 1 गीगाबाइट प्रति सेकंड पर ऑपरेट करती हो। इस तरह के तेज़ कनेक्शन से आप 500 से 800 ग्राहकों के लिए इन्टरनेट सर्विस बना सकेंगे। सेटअप में लगभग 90 दिन लगते हैं और फ़ाइबर सर्विस का दाम 70,000 से 200,000 रुपये प्रति माह तक हो सकता है। [३]
    • अगर आपको कोई ऐसी बिल्डिंग नहीं मिल पाती है जिसमें पहले से ही फ़ाइबर केबल सर्विस उपलब्ध हो, तब इन्टरनेट प्रोवाइडर को वहाँ तक आ कर आपके डेटा सेंटर तक केबल पहुंचाने होंगे। किसी बिल्डिंग में वायरिंग करने में सामान्यतः 10 से 12 लाख रुपये लग सकते हैं।
    • क्विक, तथा कंसिस्टेंट सर्विस उपलब्ध कराने के लिए अधिकांश आईएसपी सर्विसेज़ के पास 2 से 5 अपस्ट्रीम कनेक्शन्स होते हैं।
विधि 2
विधि 2 का 5:

प्रोवाइडर इक्विपमेंट ख़रीदना

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  1. प्रत्येक रिले पॉइंट के लिए एक्सेस पॉइंट इक्विपमेंट खरीदिए: गिन लीजिये कि आपने कितने रिले लोकेशन्स चुने हैं, उसके बाद राउटर्स या स्विचेज़ के लिए ख़रीदारी शुरू करिए। इन कम्पोनेंट्स से यूज़र्स आपके नेटवर्क से कनेक्ट हो पाते हैं। राउटर्स की तुलना में स्विचेज़ सस्ते होते हैं, मगर राउटर्स में उनसे कहीं अधिक फ़ीचर्स होते हैं। [४]
    • राउटर्स और स्विचेज़ अनेक इलेक्ट्रॉनिक स्टोर्स पर मिल सकते हैं। वे ऑनलाइन सप्लायर्स से भी लिए जा सकते हैं। बेसिक वर्ज़न लगभग 3,500 रुपये के आसपास शुरू होता है, मगर बड़े, और अधिक तेज़ बॉक्सेज़ तो कई हज़ार रुपयों के भी हो सकते हैं।
    • राउटर्स का इस्तेमाल नेटवर्क्स को कनेक्ट करने के लिए होता। आप एक राउटर का इस्तेमाल किसी एक क्षेत्र में अपने ग्राहकों के नेटवर्क को बनाने के लिए कर सकते हैं। प्रत्येक ग्राहक एक यूनीक आईपी एड्रेस, जिसे आसानी से ट्रैक किया जा सकता है, के ज़रिये आपके नेटवर्क से कनेक्ट होता है। स्विचेज़ की तुलना में वाईफ़ाई सिस्टम्स के लिए राउटर्स बेहतर काम करते हैं।
    • सिंगल-नेटवर्क सिस्टम के लिए स्विच बेहतर होते हैं। अगर आप सिंगल क्षेत्र में छोटा आईएसपी ऑपरेशन बना रहे होंगे, तब संभवतः राउटर्स की तुलना में स्विचेज़ बेहतर ऑप्शन होंगे। प्रत्येक यूज़र को एक अलग एमएसी एड्रेस मिल जाता है। स्विचेज़, वायर्ड कनेक्शन्स के साथ बेहतर काम करते हैं।
  2. ग्राहकों के घर पर इन्स्टाल करने के लिए कस्टमर-प्रीमाइज़ेज़ इक्विपमेंट (सीपीई) ख़रीदिए: निकटस्थ एक्सेस पॉइंट राउटर या स्विच से कनेक्ट करके, सीपीई ग्राहक की छत पर फ़िट किया जा सकता है। प्रत्येक ग्राहक के पास आपके आईएसपी सर्विस से कनेक्ट करने के लिए सीपीई होना चाहिए। सीपीई, ग्राहक के घर में किसी स्विच या राउटर से कनेक्ट होता है।
    • सीपीई डिवाइसेज़ तथा एन्टेना के लिए Ubiquiti, MicroTalk, और Mimosa जैसे सस्ते ऑनलाइन सप्लायर्स को खोजिए। बेसिक सैटेलाइट एन्टेना का दाम लगभग 7,500 रुपये होता है। इससे अधिक कीमती वर्ज़न्स से अधिक शक्तिशाली इन्टरनेट सिग्नल रेंज मिल सकती है।
    • यह ध्यान रखिएगा कि आपके ग्राहक के घर की छत किस प्रकार की हो सकती है। प्रत्येक सीपीई सैटेलाइट फ़र्क होता है। अनेक सैटेलाइट छत पर बोल्टेड माउंट्स से अटैच किए जाते हैं, मगर आप फ़्लैट रूफ को नुकसान पहुंचाए बिना उसमें ड्रिल नहीं कर सकते हैं। इसलिए फ़्लैट रूफ के लिए वेटेड, नॉन-पेनीट्रेटिंग माउंट लीजिये।
    • अधिकांश कंपनीज़ जो एक्सेस पॉइंट इक्विपमेंट बेचती हैं, वे सीपीई तथा बैकहॉल्स भी बेचती हैं। अगर संभव हो तो एक ही कंपनी से ख़रीदारी करिए ताकि इन्स्टाल करने के दौरान आपको बेहतर कस्टमर सपोर्ट मिल सके।
  3. अपने वायरलेस सिग्नल के प्रसारण में मदद करने के लिए वायरलेस बैकहॉल्स को चुनिये: वायरलेस बैकहॉल्स आपके ग्राहकों को रिले पॉइंट्स से कनेक्ट होने में मदद करता है। यह आपके ग्राहकों के डेटा को आपके नेटवर्क में ट्रांसमिट होने में मदद करता है। बैकहॉल्स का इस्तेमाल, अपने ग्राहकों के उन राउटर्स और स्विचेज़ से कनेक्ट होने के लिए करिए, जहां आसानी से नहीं पहुंचा जा सकता है। [५]
    • Siklu तथा Bridgewave जैसे ऑनलाइन सप्लायर्स के पास बैकहॉल्स को खोजिए। एक अच्छी वायरलेस डिवाइस की कीमत सामान्यतः 15,000 रुपये के आसपास होती है।
    • बैकहॉल्स को उसी तरह इन्स्टाल करिए जैसे आप किसी राउटर या स्विच को इन्स्टाल करते। अपने नेटवर्क की क्वालिटी को सुधारने के लिए, वायरलेस बैकहॉल्स को टावर्स, बिल्डिंग्स के टॉप पर या किन्हीं भी दूसरी ऊंची जगहों पर लगाइए।
  4. अपने नेटवर्क को ट्रैक करने के लिए कस्टमर मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर लगाइए: एक अच्छे आईएसपी के लिए उनके सवालों का जवाब देने के लिए, डेटा यूसेज को ट्रैक करने के लिए, बिल्स भेजने के लिए, और दूसरे कामों के लिए, एक यूज़र फ़्रेंडली तरीके की ज़रूरत होती है। इसे आसान बनाने के लिए, ऐसे सिस्टम को चुनिये जिसमें आपकी ज़रूरत के सभी फ़ीचर्स हों। इसके लिए अनेक ऑप्शन्स उपलब्ध होते हैं, जिनमें कुछ मुफ़्त वाले भी शामिल हैं। अपने डेटा सेंटर में कंप्यूटर पर अपने नेटवर्क को ट्रैक करने तथा कुछ गड़बड़ी होने पर ट्रबलशूट कर सकने के लिए प्रोग्राम को इन्स्टाल कर लीजिये। [६]
    • यूसीआरएम इस तरह के एक कम्प्रेहेंसिव (comprehensive) प्रोग्राम का एक उदाहरण है। यह एक मुफ़्त प्रोग्राम है जो बिलिंग, नेटवर्क सपोर्ट, तथा दूसरे फ़ीचर्स को हैंडल करता है।यह https://ucrm.ui.com/ पर उपलब्ध है।
विधि 3
विधि 3 का 5:

अपने नेटवर्क का निर्माण करना

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  1. अपने अपस्ट्रीम कनेक्शन के लिए अपने डेटा सेंटर में एक राउटर इन्स्टाल करिए: इस राउटर को उस फ़ाइबर कनेक्शन के साथ काम करना चाहिए जिसे आपकी चुनी हुई टेलीकॉम कंपनी ने इन्स्टाल किया होगा। इसे प्लग इन करिए, उसके बाद इसे उन सेटिंग्स के साथ कान्फ़ीगर करना शुरू करिए जिन्हें आपके फ़ाइबर प्रोवाइडर ने आपको दिया हो। नेटवर्क एड्रेस ट्रांसलेशन (एनएटी) तथा डायनामिक होस्ट कन्फ़ीगरेशन प्रोटोकॉल (डीएचसीपी) एनेबल करिए ताकि ग्राहक आपकी सर्विस से कनेक्ट कर सकें। [७]
    • राउटर को टेस्ट करने के लिए उसे कंप्यूटर से कनेक्ट करिए। अगर आपने उसे सही तरीके से इन्स्टाल किया होगा तब आपका कंप्यूटर ऑनलाइन जा सकेगा।
    • सेटअप प्रोसेस प्रत्येक राउटर में अलग हो सकता है। ट्रबलशूटिंग के लिए अपने फ़ाइबर प्रोवाइडर से सलाह लीजिये।
    • अक्सर नया नेटवर्क सेट करना थोड़ा ट्रिकी हो सकता है। अगर आपको पता नहीं है कि नेटवर्क किस तरह ऑपरेट करता है, तब अपने नेटवर्क को ऑनलाइन लाने के लिए आईटी विशेषज्ञ को काम पर रखने के बारे में विचार कर लीजिये।
  2. अपने आईएसपी सिग्नल को ऐम्प्लिफ़ाई करने के लिए रिले पॉइंट्स पर एंटेनाज़ लगाइए: अपने आईएसपी सिग्नल को भेजने के लिए, एक ऐंटेना अपने डेटा सेंटर के टॉप पर लगाइए, उसके बाद वैसा ही प्रत्येक रिले पॉइंट पर करिए। आपको रिले पॉइंट के ऊपर चढ़ना होगा और माउंट्स के साथ ऐंटेना को फ़िट करना होगा। आप किस तरह के माउंट का इस्तेमाल करेंगे, यह आपके द्वारा चुनी हुई रिले साइट पर निर्भर करेगा। सुनिश्चित करिएगा कि आपके ऐंटेना का मुंह आपके ग्राहकों की ओर हो, न कि एक दूसरे की ओर। [८]
    • फ़्लैट सतहों के लिए, वेटेड माउंट चुनिये। इस तरह के माउंट सतह पर स्क्रू नहीं किए जाते हैं, जिसके कारण कोई नुकसान नहीं होता है।
    • दूसरी तरह की सतहों के लिए, ऐसे रेगुलर या दीवार माउंट चुनिये जिनको लैग बोल्ट्स से सिक्योर किया जाता है।
    • ऐंटेना इन्स्टाल करना ख़तरनाक काम होता है। आपको लंबी सीढ़ियों, क्रेन्स, सुरक्षा हार्नेस, तथा दूसरे सामानों की ज़रूरत पड़ती है। अच्छा होगा यदि आप हार्डवेयर सेटअप करने के लिए पेशेवर इन्स्टालर्स को काम पर रखने के संबंध में विचार करें।
  3. अपने ऐंटेना पर एक्सेस पॉइंट्स तथा बैकहॉल्स टाँगिए: इन फ़ीचर्स को एक ही जगह बनाए रखने के लिए धातु के वेदरप्रूफ़ क्लैंप्स का इस्तेमाल करिए। क्लैंप्स को कस दीजिये ताकि वे इक्विपमेंट को ऐंटेना के मास्ट (mast) पर सुरक्षित रखे। इन कम्पोनेंट्स को इस तरह पोजीशन करिए ताकि उनका मुंह बाहर की ओर ग्राहकों की तरफ़ रहे।
    • ये कम्पोनेंट आपके ग्राहक के घरेलू नेटवर्क से कम्युनिकेट करते हैं, इसलिए यह सुनिश्चित करिए कि वे ऐंटेना के नीचे की ओर सिक्योर हैं। उनका मुंह अपने डेटा सेंटर की ओर मत करिएगा।
  4. एक्सेस पॉइंट्स से नेटवर्क स्विचेज़ तक तार बिछाइए: राउटर या स्विच को वॉटरप्रूफ़ एरिया में सेट करिए, जैसे कि ज़मीन पर बिल्डिंग के पास किसी वायर बॉक्स में। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका आईएसपी काम करता रहे और लंबे समय तक चले, आउटडोर रेटेड, शील्डेड CAT5e केबल्स चुनिये। अपने एक्सेस पॉइंट्स को टर्न ऑन करने के लिए केबल्स को प्लग इन करिए।
    • उनमें से पानी को टपकने से बचाने के लिए तारों के एन्ड्स को लूप कर दीजिये।
    • सुरक्षित, तथा लंबे समय तक चलने वाला इन्स्टालेशन करने के लिए इलेक्ट्रीशियन को काम देने के संबंध में विचार करिए।
विधि 4
विधि 4 का 5:

ग्राहक के घर पर वायरिंग करना

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  1. इन्स्टाल करने वाली साइट पर इधर-उधर देख कर यह पता करिए कि वहाँ किस प्रकार की छत है। तब एक ऐसा ब्रैकेट चुनिये, जो उस तरह की छत पर ठीक से काम करता हो। फ़्लैट रूफ के लिए वेटेड माउंट लीजिये। पिच्ड रूफ पर ऐंटेना इन्स्टाल करने के लिए लैग स्क्रू माउंट का इस्तेमाल करने की कोशिश करिए। जब आपका काम हो जाये तब ऐंटेना का मुंह निकटस्थ रिले पॉइंट की ओर कर दीजिये। [९]
    • माउंट करने की लोकेशन कई चीज़ों पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, पता लगाइए कि आप केबल को कहाँ से घर के अंदर ले जा सकते हैं। सुनिश्चित करिए कि माउंट करने की लोकेशन सबसे करीब के रिले एन्टेना के व्यू में हो।
  2. अगर वायरिंग के लिए उसकी ज़रूरत हो, तब घर में एक छेद ड्रिल करिए: सीपीई से यूज़र के नेटवर्क इक्विपमेंट तक तार को पहुंचाने के सबसे बढ़िया स्पॉट को खोजिए। ऐसा करने के लिए, उन बीम्स को लोकेट करने के लिए जिनसे दीवारें सीधी खड़ी हुई हैं, स्टडफ़ाइंडर का इस्तेमाल करिए। छेद को स्टड्स से कम से कम 3 in (7.6 cm) दूर रखिए। 18 in (46 cm) लंबी और 3 8  in (0.95 cm) डायमीटर वाली मेसनरी बिट का इस्तेमाल करते हुये, दीवार के आरपार छेद करिए। [१०]
    • उन स्पॉट्स का पता करिए, जिनका इस्तेमाल अन्य आईएसपीज़, टेलीफ़ोन कंपनीज़, और केबल कंपनीज़ ने तारों को घर में लाने के लिए किया हो। संभवतः आप इन स्पॉट्स का इस्तेमाल बिना ड्रिल किए इक्विपमेंट को वायर करने के लिए कर सकेंगे।
    • दीवार के अंदर स्थित किसी भी लाइव वायर से सावधान रहिएगा। ऐसे स्टड फ़ाइंडर का इस्तेमाल करिए जिसमें एसी वायर डिटेक्शन की क्षमता भी हो ताकि आप उन जगहों को अवॉइड कर सकें जहां आपकी ड्रिल को नहीं जाना चाहिए।
    • किसी भी चीज़ को इन्स्टाल या ड्रिल करने से पहले हमेशा अपने ग्राहक से पूछ लीजिये। उसको इन्स्टाल करने का प्रोसेस पूरी तरह समझा दीजिये। उनकी स्वीकृति ले लीजिये।
  3. सीपीई से ग्राहक के घर तक वेदरप्रूफ़ केबल्स बिछाइए: उन्हीं CAT5e केबल्स का इस्तेमाल करिए जिन्हें आपने अपने रिले पॉइंट्स में इस्तेमाल किया था। केबल्स को ज़िप टाइज़ या केबल क्लिप्स की सहायता से गटर्स के साथ सिक्योर करके उनको घर के साथ कसा हुआ रखिए। केबल्स को दीवार के सहारे नीचे लाइये और उसके बाद अपने ड्रिल किए हुये छेद में उनको थ्रेड करिए। [११]
    • इन्स्टाल करने काम को आसान बनाने के लिए किसी दोस्त की मदद लीजिये। उनसे कहिए कि जब आप केबल को अपने ड्रिल किए गए छेद में डाल कर घुसाएँ तब वे दूसरे सिरे पर उसको खींच लें।
  4. घर के अंदर हुक अप करने के लिए पावर ओवर ईथरनेट (PoE) स्विचेज़ सबसे आसान डिवाइसेज़ होती हैं। आपको ऐंटेना केबल को दीवार में लगे जैक में प्लग इन करना होगा। उसके बाद जैक में स्विच या राउटर को प्लग करने के लिए शील्डेड पैच केबल का इस्तेमाल करिए। उसको पावर देने के लिए स्विच या राउटर को किसी दीवार आउटलेट से कनेक्ट करिए। [१२]
    • साधारण इन्स्टालेशन्स के लिए, अपने ग्राहकों को राउटर्स और मॉडेम्स उपलब्ध कराइए। अगर आप ऐसा नहीं कराते हैं, तब अपने ग्राहको को बताइये कि क्या डिवाइसेज़ आपकी सर्विस के साथ कंपैटिबल होंगी। प्रत्येक ग्राहक को इन्टरनेट एक्सेस के लिए अपना मॉडेम लाना होगा तथा वाईफ़ाई के लिए अपना राउटर चाहिए होगा।
  5. इन्स्टालेशन पूरा करने के लिए किसी लैपटॉप को स्विच से कनेक्ट करिए: अगर आपने ऐंटेना सही ढंग से लगाया होगा, तब आप अपने कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर से अपने आईएसपी सिग्नल का पता लगा सकेंगे। ऐंटेना फ़र्मवेयर अपडेट्स इन्स्टाल करने के लिए, एक्सेस पासवर्ड बदलने के लिए, और ग्राहक का यूनीक आईपी एड्रेस सेट करने के लिए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करिए। ऐंटेना को अपनी जगह पर लॉक करने से पहले, अपने नेटवर्क सिग्नल को अधिक से अधिक पाने के लिए उसकी पोज़ीशनिंग को एडजस्ट करने के लिए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करिए।
    • जाने से पहले इन्टरनेट कनेक्शन को टेस्ट करिए। अपने लैपटॉप में इन्टरनेट पर लॉग इन करिए। सुनिश्चित करिए कि कनेक्शन तेज़ तथा स्टेबल है।
विधि 5
विधि 5 का 5:

आईएसपी बिज़नेस सेट अप करना

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  1. अपने लक्ष्य और फ़ाइनेंसेज़ को ऑर्गनाइज़ करने के लिए एक बिज़नेस प्लान बनाइये: एक विस्तृत बिज़नेस प्लान उस समय आपको ऑर्गनाइज़्ड रखता है जब जब आप अपना आईएसपी सेट अप कर रहे होते हैं। किसी भी अच्छे बिज़नेस प्लान में, आप एक आईएसपी के रूप में अपने लक्ष्य बताते हैं, आप किस तरह से अपने ग्राहकों को सर्विस उपलब्ध कराएंगे, और आप उसके लिए कितना चार्ज करेंगे। इसके साथ ही, यह भी बताइये कि शुरुआत के लिए आपको कितने धन की ज़रूरत होगी, आप कितने कर्मचारियों को काम पर रखेंगे, आप मेंटेनेंस जैसी समस्याओं से कैसे डील करेंगे। [१३]
    • अगर आप आईएसपी के रूप में अपनी सर्विसेज़ की बिक्री करना चाहते हैं, तब आपको एक अच्छे प्लान की आवश्यकता होगी। हालांकि आपको प्राइवेट सर्विस के लिए इसकी ज़रूरत नहीं होगी, मगर तब भी प्लान होना हमेशा उपयोगी ही होता है।
    • लोन देते समय बैंक हमेशा अच्छा बिज़नेस प्लान देखना चाहते हैं। चूंकि आईएसपी बनना एक ख़र्चीला काम होता है, इसलिए फ़ंडिंग पाने के लिए यह अच्छा होता है कि आपके पास एक बढ़िया प्लान तैयार हो।
  2. नया आईएसपी सेट अप करने के लिए स्थानीय नियमों का पता कर लीजिये: दुनिया के प्रत्येक देश में यह तय करने के कि आईएसपी किस तरह ऑपरेट होंगे, अपने यूनीक नियम होते हैं। राज्य और शहर भी अपनी अलग गाइडलाइंस बना सकते हैं, इसलिए सलाह लेने के लिए पास के सरकारी दफ़्तर में जा कर पता अवश्य कर लीजिएगा। अनेक स्थानों पर आप बिना किसी कानूनी कठिनाई के अपना आईएसपी सेट अप कर सकते हैं। [१४]
    • यह ध्यान रखिएगा कि राष्ट्रीय आईएसपी अधिकांश क्षेत्रों में ऑपरेट करता है। कुछ देशों में तो, हो सकता है कि आपको नया आईएसपी बिज़नेस सेट अप ही न करने दिया जाये।
  3. अगर आप अपनी सर्विस की बिक्री करना चाहते हैं, तब बेहतर होगा कि सरकार से उसके लिए बिज़नेस लाइसेन्स प्राप्त कर लें: अपनी लाइसेंसिंग एप्लिकेशन को अपनी सरकार के बिज़नेस ऑफिस में जमा करिए। एप्लिकेशन आप सरकारी वेबसाइट से या उनके दफ़्तर में जा कर प्राप्त कर सकते हैं। आपको वहाँ पर अपने बिज़नेस का नाम, उसमें क्या किया जाता है, और वह कैसे ऑपरेट होता है, यह बताना होगा। उसके बाद मेल द्वारा लाइसेन्स पाने के लिए 1 या 2 महीने इंतज़ार करिए। [१५]
    • अगर आप अपनी सर्विसेज़ को ग्राहकों को बेच नहीं रहे होंगे, तब आपको बिज़नेस लाइसेन्स लेने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। अगर आप किसी सर्विस को केवल अपने और अपने परिचितों के लिए लगाएंगे, तब संभावना यही है कि आपको कोई भी परेशान नहीं करेगा।
  4. अपनी इन्टरनेट सर्विस को संभावित ग्राहकों को मार्केट करिए: अधिकांश लोगों के पास पहले से ही कोई आईएसपी होता ही है। एग्ज़िस्टिंग बिज़नेस से कंपीट करने के लिए, एडवरटाइज़ करना शुरू करिए। स्थानीय टीवी पर एड्स ख़रीदिए, अख़बारों तथा पत्रिकाओं में एड स्पेस ख़रीदिए, और अपने रिले टावर्स के आसपास रहने वाले ग्राहकों को फ़्लायर्स भेजिये। इसके अलावा आपकी सर्विस क्या क्या ऑफर करती है, यह बताने के लिए दरवाज़े दरवाज़े जाइए। [१६]
    • उम्मीद यही रखिए कि लोग अपने पुराने आईएसपी के साथ ही रहना पसंद करेंगे चाहे वे अपने आईएसपी से कितने भी नाखुश क्यों न हों, वे शायद इतना मोटिवेटेड नहीं महसूस करेंगे कि परिवर्तन ले आयें। अपने बिजनेस को विकसित करने के लिए आपके पास जो ग्राहक हैं उन पर ही फ़ोकस करिए।
  5. अपनी सर्विस को चलाते रहने के लिए, अपने इक्विपमेंट्स की अच्छी तरह देखभाल करिए: अपनी सर्विस पर नज़र रखने के लिए अपने ग्राहक मैनेजमेंट प्रोग्राम को रेफ़र करिए। समय के साथ केबल और दूसरे इक्विपमेंट्स पुराने पड़ जाते हैं। कभी-कभी खराब मौसम, जानवरों, या दूसरी दुर्घटनाओं के कारण कम्पोनेंट्स क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। उनकी मरम्मत करवाइए और जहां ज़रूरत हो वहाँ नए इक्विपमेंट्स ख़रीदिए ताकि आपका बिज़नेस लाभप्रद बना रहे।
    • अगर आपके पास अच्छा नेटवर्क ट्रैकिंग सिस्टम होगा, तब उससे, जब भी आपके नेटवर्क में कोई समस्या आएगी, तब आपको पता चल जाएगा। आप जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी टेक्नीशियन भिजवा कर काम करवा दीजिये।

सलाह

  • अपना नेटवर्क सेट अप करने और मेंटेन करने के लिए किसी आईटी मैनेजर को काम पर रखने के संबंध में सोचिए। कोई अनुभवी आईटी प्रोफ़ेशनल आपको अपने नेटवर्क को प्लान करने में तथा उनमें सुधार लगाने के तरीकों को प्लान करने में आपकी सहायता कर सकता है।
  • अगर आप आईएसपी तो बनना चाहते हैं, मगर आपके पास कंप्यूटर का पर्याप्त अनुभव नहीं है, तब तो आप कंप्यूटर नेटवर्क्स पर क्लासेज़ जॉइन करने के संबंध में सोच सकते हैं। किसी स्थानीय विश्वविद्यालय से या ऑनलाइन क्लासेज़ लेने की कोशिश करिए।
  • फ़ंडिंग ऑप्शन्स के लिए अपनी स्थानीय सरकारी संस्थाओं से पता कर लीजिये। अनेक स्थानों पर छोटे व्यापारों के लिए लोन मिल जाता जाता है, मगर हो सकता है कि आपको अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए भी लोन मिल सके।
  • आईएसपी प्रोवाइड करने वालों से संबन्धित स्थानीय क़ानूनों से निबटने के लिए किसी वकील से बात कर लीजिये। आपके वकील आपको लीज़ वगैरह साइन करवाने में तथा दूसरे बिज़नेस डॉक्युमेंट्स से डील करने में मदद कर सकते हैं।
  • जैसे-जैसे आप अपना बिज़नेस फैलाएँ, अपने नेटवर्क को चलाने के लिए कर्मचारियों को काम पर रख लीजिये। उदाहरण के लिए, तकनीशियन्स तथा मेंटेनेंस क्र्यू रख लीजिये जो आपके नेटवर्क में ब्रेकडाउन हो जाने पर एमर्जेंसीज़ को हैंडल कर सकें।

चेतावनी

  • ऐंटेना इन्स्टाल करना, और बिजली के तार तथा अन्य कम्पोनेंट्स लगाना खतरनाक हो सकता है। उचित इक्विपमेंट का इस्तेमाल करिए, जिसमें स्टेबल सीढ़ियाँ और वेदर रेज़िस्टेंट केबल्स शामिल हैं। सुरक्षित इन्स्टालेशन के लिए पेशेवर लोगों को काम पर रखने के बारे में विचार करिए।
  • उपलब्ध बैंडविड्थ जैसे रिसोर्सेज़ का हिसाब लगाइए। अगर आप धीमी या अनस्टेबल सर्विसेज़ बेचेंगे, तब ग्राहक शिकायत करेंगे। आपकी सर्विस उतनी ही अच्छी होगी जितने अच्छे इक्विपमेंट आप इस्तेमाल करेंगे और उसे कहाँ पर प्लेस करेंगे।

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • डेटा सेंटर
  • रिले स्टेशन्स
  • क्वालिटी फ़ाइबर अपस्ट्रीम कनेक्शन
  • एन्टेना
  • एन्टेना माउंट्स
  • राउटर्स या स्विचेज़
  • वायरलेस बैकहौल्स
  • बिजली के वेदरप्रूफ़ केबल
  • ग्राहक-प्रीमाइसेज़ इक्विपमेंट
  • ज़िप टाइज़ तथा क्लैंप्स

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