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कभी कभार किसी व्यक्ति से ईर्ष्या करना स्वाभाविक है। मगर जब ईर्ष्या आप पर इतनी हावी हो जाए कि आप अपना सारा समय केवल इसी इच्छा में लगा दें कि आपके पास भी वह सब हो जाये जो दूसरों के पास है और अपनी परिस्थितियों की सराहना भी न कर पाएँ, तब समस्या है। यदि आप ईर्ष्या पर विजय पाना चाहती हैं और जीवन में आगे बढ़ना चाहती हैं, तो पढ़िये।

विधि 1
विधि 1 का 4:

अपनी ईर्ष्या को समझिए

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  1. इससे पहले कि आप अपनी ईर्ष्या का सामना करना शुरू करें, आपको यह मानना पड़ेगा कि यह वास्तविक समस्या है जो आपका जीवन लिए ले रही है और आपको उस व्यक्ति को चाहने नहीं दे रही है, जो आप हैं। ईर्ष्या वास्तव में आपको कमजोर कर देती है और आपको अपने लक्ष्यों तक और अच्छा व्यक्ति बनने से रोकती है। ईर्ष्या आपके जीवन पर कब्जा किए जा रही है, इसके ये कुछ लक्षण हैं:
    • यदि आप अपनी चीजों की सराहना न कर, अपना समय इस इच्छा में गुज़ार देती हैं कि आपके पास वह सब हो जो दूसरों के पास है।
    • यदि आप लगातार अपनी तुलना अपने मित्रों, परिजनों और सहकर्मियों से करती रहती हैं, और सदैव स्वयं को उनसे निम्न ही पाती हैं।
    • यदि आप किसी व्यक्ति विशेष से ईर्ष्या करते हैं और उसके साथ पाँच मिनट भी यह सोचे बगैर नहीं रह सकती हैं कि काश आपके पास भी उसके जैसे कपड़े, सौन्दर्य और उसके ठाठ होते।
    • आप अपने सभी मित्रों के संबंधो से ईर्ष्या करती हैं, और चाहती हैं कि काश आपके संबंध भी कम से कम उनके सम्बन्धों से आधे तो अच्छे होते।
    • यदि आप किसी रिश्ते में हैं और आपसे यह बर्दाश्त नहीं होता है कि आपका साथी किसी अन्य विपरीत सेक्स वाले के साथ संबंध रखे। आपका यह दृढ़ विश्वास है कि हर लड़की का बस एक ही लक्ष्य है – आपके ब्वायफ्रेंड को चुराना।
    • आपकी सनक ऐसी है कि आप अपने साथी के फ़ेसबुक, या यहाँ तक कि फ़ोन और ई मेल भी यह देखने के लिए जाँचती रहती हैं कि कहीं वह आपको धोखा तो नहीं दे रहा है।
    • आप कुछ समय भी अपने सम्बन्धों, कैरियर, या परिवार की तुलना अपने हर मिलने वाले के सम्बन्धों, कैरियर और परिवार से किए बिना नहीं रह सकती हैं।
    • जब भी आपका कोई मित्र किसी नए मित्र के साथ घूमने लगता है तब आप बुरी तरह से ईर्ष्यालु हो जाती हैं। क्या इसके कारण आप सोचने लगती हैं कि,”मुझमें क्या गड़बड़ है?”
  2. जब एक बार आप यह स्वीकार कर लेती हैं कि आपके लिए ईर्ष्या एक वास्तविक समस्या है और आप उस पर काबू पाना चाहती हैं, तब सबसे पहले आपको समझना होगा कि ईर्ष्या की भावना आपमें है ही क्यों। यदि आपको लगता है कि आपके पास वह सब नहीं है जो दूसरों के पास है, तो आपमें ही कुछ कमियाँ होंगी। आपकी भावनाएँ कहाँ से आ रही हैं, यहाँ से समझिए:
    • क्या आप अपने मित्र के जीवन के किसी विशेष पहलू से ईर्ष्यालु हैं? जैसे कि यदि आप केवल अपने मित्र के रूमानी सम्बन्धों से इसलिए ईर्ष्या करती हैं क्योंकि आपके, उनके मुक़ाबले में नहीं हैं, तब या तो, आपको अपनी शर्तों पर अपने सम्बन्धों को सुधारने का प्रयास करना चाहिए और यदि वे बचाए जाने योग्य नहीं हैं तो उन्हें समाप्त कर देना चाहिये। क्या आप अपने घनिष्ठ मित्र से इसलिए ईर्ष्या करती हैं क्योंकि वह चित्रकारी के पेशे में है और आप वह कदम उठाने से डर रही हैं? यह एक संकेत हो सकता है कि आपको अपने पेशे के संबंध में पुनर्विचार की आवश्यकता है।
    • क्या आप दूसरों के पास की हर चीज़ से ईर्ष्या करती हैं? यदि आपको ऐसा लगता है कि आपके पास ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे लोग ईर्ष्या करें, तब इसका अर्थ है कि आप असुरक्षा की भावना से पीड़ित हैं और आपमें विश्वास की कमी है। ईर्ष्या से दूर होने के पहले आपको अपनी आत्मछवि सुधारने का प्रयास करना होगा।
    • क्या आप इस बात पर ईर्ष्यालु हैं कि आपके मित्र दिखते कैसे हैं? क्या आपको ऐसा लगता है कि यदि आप उनके जैसी दिखतीं तो आपका जीवन कहीं बेहतर होता। अपनी एक विशिष्ट शैली विकसित करने का प्रयास करिए, व्यायाम और आहार पर ध्यान दीजिये, और दर्पण में देख कर अपनी सर्वश्रेष्ठ विशेषताओं को पहचानिए और पसंद करिए और याद रखिए कि अपने बारे में आपको क्या सर्वाधिक पसंद है।
विधि 2
विधि 2 का 4:

स्थिति को सुधारिए

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  1. यदि आप सदैव ही ईर्ष्यालु रहती हैं तब संभवतः आपको लगता है कि आप प्रशंसा के योग्य नहीं हैं क्योंकि आप उत्साही, दिलचस्प और स्फूर्त नहीं हैं। यह समय है स्वयं को ऐसे व्यक्ति में परिवर्तित करने का, जिसके पास ईर्ष्या का कोई कारण ही नहीं हो, क्योंकि वह जो भी है, उसी में प्रसन्न है। और आप यह कर सकते हैं:
    • अपने आत्मविश्वास का विकास करें। अपने बारे में जो कुछ भी आपको पसंद हो उसे एक स्थान पर लिख डालिए और अपनी कमियों की भी एक सूची बनाइये। यथासंभव अपनी कमियों को दूर करने का प्रयास करिए, और आप जो हैं, उसी को पसंद करने लगेंगी। यदि आप स्वयं को पसंद करने लगेंगी तो आप के ईर्ष्यालु होने की संभावना कहीं कम हो जाएगी।
    • अधिकांशतः ईर्ष्या भौतिक कारणों से होती है। यदि आप किसी ऐसे मित्र से ईर्ष्या करती हैं जो बहुत धनी है या जिसका परिवार बहुत धनी है, जबकि आप निर्धन हैं, तब आपको यह तो स्वीकार कर लेना चाहिए कि आप वे सब चीज़ें नहीं खरीद पाएंगी, जो वह खरीद सकती है। इसके स्थान पर अपने खर्चों का ध्यान रखें। अपने धन को केवल कुछ ऐसे महत्वपूर्ण कपड़ों या घरेलू सामान खरीदने के लिए व्यय करें, जिनसे आपको लगे कि आपके पास भी अच्छी चीज़ें हैं।
    • शरीर को सुगठित बनाने के लिए प्रयास करें। यदि आपको अपने मित्र की पत्थर जैसी सख्त मांसपेशियों से जलन है, तो थोड़े अधिक बार जिम जाइए। याद रखिए हालांकि हर व्यक्ति एक विशिष्ट प्रकार के शरीर के साथ जन्म लेता है, मगर वह कालांतर में देखती कैसी है, यह आप पर निर्भर करता है। परंतु यदि आपको ऐसा लगता है कि आपके आसपास के सभी लोग आपसे बेहतर दिखते हैं, और आप उस स्थिति को बदलने के लिए कुछ भी नहीं कर सकती हैं, तब तो शायद आपको आत्मछवि संबंधी समस्या है जिसके लिए कि आपको किसी चिकित्सक से सहायता लेनी चाहिए।
    • स्वयं ही बने रहने की याद रखिए। आप अपनी ईर्ष्या को तब तक मात नहीं दे पाएंगी जब तक आप पीछे नहीं पड़ी रहेंगी, वही करने के जो आपके मित्र कर रहे हैं, उनके जैसी दिखने की या उनके जैसे संबंध बनाने की। कोई भी दो व्यक्ति एक जैसे नहीं होते हैं, और आप पछताएंगे यदि आप किसी और की नकल करने लगेंगे। हालांकि दूसरे लगों को हमें अन्य तरीकों से प्रोत्साहित करना चाहिए, मत भूलिए कि आप अद्वितीय व्यक्ति हैं और कभी अपनी तुलना किसी और से मत करिए।
  2. आप दूसरों से इसलिए ईर्ष्या हो सकती हैं क्योंकि शायद आपको स्वयं की दिनचर्या पसंद न हो। इससे बचने के लिए आपको अपने कठिन परिश्रम पर गर्व करना चाहिये और अपनी रुचियों के लिए काम करने का उत्साह होना चाहिये। यदि आप अपनी रुचियों की संतुष्टि और लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कार्यरत हैं तब तो आपके पास दूसरों से ईर्ष्या करने का समय ही नहीं रहेगा।
    • अपनी पसंद की चीजों को अधिक से अधिक करें। यदि आप अपना अधिकांश समय अपने मित्रों जैसा होने की चाह में शायद इसलिए गुज़ारती हैं, क्योंकि आपके पास गर्व करने के लिए कुछ है ही नहीं। कविता, नाटक और पुस्तकें पढ़ कर या उपयोगी कौशलों जैसे कि बुनाई, बढ़ईगीरी सीख कर और सुसंस्कृत बन जाइए। आप जितना स्वयं को सुधारने का प्रयास करेंगी, उतना ही आप स्वयं रहते हुये भी प्रसन्न रहेंगी।
    • अपने कैरियर पर काम करिए। यदि आप किसी से इसलिए ईर्ष्यालु हैं कि उसने अपने सपनों के लिए परिश्रम किया है, या किसी ऐसे से ईर्ष्यालु हैं जिसकी पदोन्नति हुई है तब या तो आपको अपने काम में अधिक परिश्रम करना चाहिये या कैरियर में परिवर्तन कर ऐसा कुछ करने के संबंध में विचार करना चाहिये जो आप करना चाहती हों।
    • स्वयं के लिए लक्ष्यों का निर्धारण करें और उन तक पहुँचें। प्रारम्भ थोड़े से करें। यदि आप कभी दौड़े नहीं हैं तो 5 किलोमीटर की दौड़ की तैयारी पहले बिना रुके चल कर करें। यदि आप इस उद्देश्य में सफल हो जाते हैं तो आपको अपनी क्षमताओं पर गर्व होगा और आप अपने लिए अन्य लक्ष्यों के निर्धारण का भी प्रयास करेंगे।
  3. यदि आप किसी से इसलिए ईर्ष्या करते हैं क्योंकि उसके बहुत सारे दोस्त हैं, या इसलिए कि उसके संबन्ध बहुत ही शानदार हैं तब तो संभावना यह है कि आपके सम्बन्धों में ही कुछ कमी है। अपने मित्रों के साथ अर्थपूर्ण वार्तालाप या गतिविधियों में अधिक समय बिताने का प्रयास करिए और अपने सम्बन्धों में खुलापन और ईमानदारी लाने का प्रयास करिए।
    • यदि आप इस बात से प्रसन्न हैं कौन आपके मित्र हैं या कौन आपका जीवन साथी है, तब आपके पास अपने अपने मित्रों जैसे सम्बन्धों की आवश्यकता ही नहीं रह जाती है। यदि आपके संबन्ध सुदृढ़ हैं तब तो आपको ठीक और सुरक्षित लगेगा ही।
      • यदि आपकी कोई मित्रता ईर्ष्या पर आधारित है तो उसे समाप्त करने का समय आ गया है। यदि आपकी कोई सहेली लगातार, अपनी चीजों की बड़ाई करके, आपको ईर्ष्यालु बनाने का प्रयास करती रहती है, तो शायद उसको छोड़ देने का समय आ गया है।
    • अपने परिवार के साथ अपने संबन्ध सुधारिए। यदि आप अपने परिवार के साथ पर्याप्त समय नहीं बिताते हैं तब शायद आपको दूसरों की, उनके अपने परिजनो के सम्बन्धों की निकटता से ईर्ष्या हो सकती है। घर पर ज़्यादा बार फ़ोन करने की या परिजनों के साथ रहने की कोशिश करिए और आप अपने सम्बन्धों के बारे में अच्छा महसूस करने लगेंगे।
    • अपने प्रेम सम्बन्धों को सुधारिए। यदि आप किसी गंभीर संबन्ध में हैं तब, जो भी समस्याएँ उठ रही हैं उनके समाधान के लिए ईमानदारे से खुले संवादों का प्रयास करिए। यदि आप अभी अकेले हैं, तो दूसरों के समर्पित सम्बन्धों से ईर्ष्या करने के स्थान पर, अकेलेपन में खुश रहिए और भविष्य में किसी के मिलने की आशा का आनंद लीजिये।
विधि 3
विधि 3 का 4:

अपना दृष्टिकोण सुधारिए

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  1. स्वयं को याद दिलाये कि आप कितने सौभाग्यशाली हैं। जब आप ईर्ष्या से अंधी हो जाती हैं तब आप चीजों को निष्पक्ष रूप से नहीं देख पाती हैं और समझ नहीं पाती हैं कि आप कितनी भाग्यशाली हैं। स्वयं को याद दिलाइये कि आप कितनी भाग्यशाली हैं कि आपको लगातार पानी, जब ही चाहें तब खाने को भोजन, अच्छा स्वास्थ्य और यहाँ तक कि कंप्यूटर भी उपलब्ध है। आप इसे ऐसे कर सकते हैं:
    • समझिए कि आप विश्व के अधिकांश लोगों की तुलना में कितनी भाग्यशाली हैं। स्वयं को याद दिलायेँ कि दुनिया में कितने ही लोगों को वे आधारभूत चीज़ें भी नहीं उपलब्ध होती हैं जिनका आप कुछ मूल्य ही नहीं समझते। संभव है कि आपको कभी सचमुच की भूख का सामना नहीं करना पड़ा हो, आप स्वस्थ हों और चिकित्सक को काफ़ी आसानी से मिल सकती हों, आपके पास शरीर ढकने को कपड़े हों, आप जहां रहते हों वहाँ आपका उत्पीड़न न होता हो। परंतु यह उससे कहीं अधिक है जो अधिकांश लोग नहीं कह सकते हैं।
    • यह जान लीजिये कि आपके पास ऐसा बहुत कुछ है जिससे लोग ईर्ष्या कर सकते हैं। ऐसी कम से कम बीस चीजों की सूची बनाइये जो आपके पास हों और जिन्हें दूसरे लोग चाहते हों। यह इतनी मूलभूत भी हो सकती हैं जैसे “लगातार पानी” या थोड़ी विस्तृत जैसे, “किसी को हंसा सकने वाली बात करने की क्षमता”।
    • जान लीजिये कि आप जिस किसी से भी ईर्ष्या करती हैं उसका जीवन भी सम्पूर्ण नहीं है। जिन लोगों से आप ईर्ष्या कर रही हैं, उनके संबन्ध में तनिक यथार्थवादी रहिए। उनकी, उन सारी चीजों की सूची बनाइये जिनके कारण आपको ईर्ष्या है और तब स्वयं से पूछिए कि क्या आपके पास भी ऐसा कुछ है जो वे चाहते हों। उदाहरण के लिए, आप अपनी सहेली के शानदार प्रेमसंबंध से ईर्ष्यालु हो सकती हैं, मगर शायद वह चाहती हो कि काश उसके भी आपके जैसे, जान लुटाने वाले माता पिता होते। आप अपने मित्र की पदोन्नति से ईर्ष्यालु हो सकते हैं, मगर शायद वह आपके जैसी प्रतिभासम्पन्न कलाकार होना चाहती हो।
  2. यदि आप दूसरों की मदद करने में अधिक समय बिताती हैं, तो न सिर्फ आप अधिक उदार होने के कारण अच्छा महसूस करेंगी बल्कि आपको यह भी पता चलेगा कि आपके पास ऐसा क्या है जिसके लिए लोग आपके आभारी हो सकते हैं।
    • अपने समुदाय के लिए कुछ स्वयंसेवा करिये। निश्चित रूपसे यह जानने के लिए कि आप कितने भाग्यशाली हैं, आप अपने समुदाय में कुछ स्वयंसेवा कर सकते हैं जैसे लोगों की अँग्रेजी सीखने में मदद करना, पढ़ना, या लंगर में पर्याप्त खाना देना। ऐसे लोगों के बीच में जाने से, जिनकी मूलभूत आवश्यकताएँ भी न पूरी हुई हों, आपको यह याद रहेगा कि आप जीवन में कितनी भाग्यशाली हैं।
    • अपने परिचितों की मदद करिए। किसी ऐसे मित्र की सहायता करिए जो खराब सम्बन्धों के दौर में हो या जो स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के लिए संघर्षरत हो। दूसरों की कठिनाई की समझ आपको दिखाएगी कि सभी लोग आपकी तरह ही संघर्ष कर रहे हैं, और आप अकेले व्यक्ति नहीं हैं जो अपने जीवन को सुधारने का प्रयास कर रहे हों।
    • जिनसे आप प्रेम करते हों उनके लिए छोटी छोटी चीज़ें करिए। ऐसे मित्र की सहायता करिए जिसे कपड़ों की ढुलाई में समस्या हो रही हो या ऐसे मित्र को अपनी गाड़ी में साथ ले जाइए, जिसकी कार खराब हो गई हो। आप स्वयं को सहायता करने वाला व्यक्ति समझ कर अपने पास उपलब्ध सुविधाओं का और भी मूल्यांकन कर सकेंगी।
विधि 4
विधि 4 का 4:

सकारात्मक जीवन व्यतीत करिए

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  1. अपनी ईर्ष्या पर किया गया विचार और स्वयं को बेहतर व्यक्ति बनाने का प्रयास, आपकी समस्या के समाधान के लिए अत्यंत लाभकारी हो सकता है। तब भी आपको यह तो समझना है कि आप चाहे जो भी करें, सम्पूर्ण तो हो नहीं सकतीं, और कुछ न कुछ कमियाँ तो रह ही जाएंगी।
    • समझ लीजिये कि जीवन में सब कुछ न्यायसंगत नहीं होता है। आप चाहे जितना भी प्रयास क्यों न कर लें, आपके पास वह सब कुछ नहीं होगा जो आप चाहती हैं, और आपसे अधिक भाग्यशाली लोग भी हो सकते हैं। मगर एक बार आप इस सत्य को स्वीकार लेंगी तब आप को संतोष हो जाएगा और सब कुछ पाने का प्रयास भी छोड़ देंगी।
    • आप जो हैं उसी में खुश रहिए। आपमें भी, औरों की तरह कमियाँ हो सकती हैं, मगर समय निकाल कर अपनी कमियों का मज़ा लीजिये और जो आप हैं उसी को पसंद करना सीखिये। एकांत के लिए समय निकालिए और अपने साथ को सचमुच में पसंद करिए।
    • अपने सकारात्मक गुणों पर ध्यान केन्द्रित करिए। हो सकता है कि आप में अभी भी कुछ कमियाँ हों, परंतु अपने जीवन के उन पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित करिए, जो आपको पसंद हों, जैसे कि आपके संबन्ध या आपका शानदार काम। जो आपके पास नहीं है, उसकी चिंता करने के स्थान पर, जो भी आपके पास है उसका महत्व समझिए और उसी को पसंद करिए।
  2. एक बार जीवन-घाती ईर्ष्या से इतने प्रयासों से, उबरने के बाद, आपको यह भी सुनिश्चित करना है कि वह भविष्य में भी सिर न उठा सके। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह ईर्ष्या की समस्या भविष्य में न आए, आप ये कुछ कर सकते हैं:
    • किसी चीज़ को भी महत्वहीन मत समझिए। प्रत्येक सुबह, स्वयं को, कम से कम दस ऐसी चीजों की याद दिलाइये, जिस के लिए आप आभारी हैं। इस आदत के पड़ने से यह मनोभावना सुदृढ़ होगी कि आप को ईर्ष्या नहीं करनी चाहिये।
    • ईर्ष्या-कारक स्थितियों से बचिए। यदि आपको लगता है कि गर्लफ्रेंड होने के नाते थोड़ी बहुत ईर्ष्या तो होगी ही, तब ऐसे व्यक्ति को डेट मत करिए जो अनेक महिलाओं के इर्द गिर्द रहता हो। यदि आपकी कोई ऐसी मित्र है, जिसके पास आपके विचार से सब कुछ है और आप स्वयं को उससे ईर्ष्यालु होने से रोक नहीं सकती हैं, अब अगर आपको इतना ही बुरा लगता है तो उसके साथ समय बिताना कम कर दीजिये।
    • अपनी ईर्ष्या को पहचानिए। जैसे ही आपको लगता है कि आप किसी से फिर से ईर्ष्या करने लगे हैं तो घर जाइए और एक नोटबुक में लिख कर विचार करिए। आप इस व्यक्ति से क्यों ईर्ष्या कर रहे हैं? ईर्ष्या के काबू से बाहर हो जाने के पूर्व उसे नियंत्रित करने के लिए आप क्या कर सकते हैं?
    • याद रखिए कि कभी कभी ईर्ष्यालु होना ठीक है। यदि आप स्वयं को सब चीजों के बारे में ईर्ष्यालु होने से रोक नहीं पाते हैं तब भी स्वयं को प्रताड़ित मत करिए। यदि आपकी मित्र नई कार ले लेती है और आपकी भी इच्छा है कि काश आप भी ले पातीं, या वह बताती है कि उसका विवाह होने वाला है जबकि आप भी चाहती हैं कि आपका ब्वायफ्रेंड होता, तो थोड़ी सी ईर्ष्या होना स्वाभाविक है। जब ईर्ष्या आपका जीवन नष्ट करने लगती है और आपके सभी कामों पर असर डालने लगती है तब आपको सचमुच में समस्या है।

सलाह

  • सदैव लोगों को यह मत बताते रहिए कि वे कितने भाग्यवान हैं। इससे एक असहज स्थिति उत्पन्न हो सकती है और आपके आस पास के लोगों को अटपटा लग सकता है।
  • ईर्ष्या एक अनाकर्षक गुण है। यदि आपके किसी से संबन्ध हैं, तो याद रखिए कि जो व्यक्ति सदा ही ईर्ष्यालु होता है उससे अधिक नीरस और कुछ नहीं हो सकता है। इससे यही पता चलेगा कि आप में असुरक्षा की भावना है और आप जिसे भी डेट कर रही होंगी उसे उबा देगा।

चेतावनी

  • यदि आप सब प्रयास कर चुकी हैं मगर आपको लगता है कि आपके जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं है जो किसी को आकर्षक लग सके और आपको प्रतीत होता है कि आप अपनी इस परिस्थिति को सुधारने के लिए कुछ कर भी नहीं सकती हैं, तब शायद आप विषाद की स्थिति में हैं और आपको सहायता लेनी चाहिये।

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