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कभी-कभी आप खुद को कोई काम करता पाएंगे और आपको पता भी नहीं होगा कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं। क्यों आपने अपने बच्चे पर चिल्लाया? क्यों आपने नई जॉब चुनने की बजाय अपनी पुरानी जॉब में ही रहना चुना? आपने क्यों अपने पैरेंट्स के साथ में किसी ऐसी बात के लिए बहस की, जिसके बारे में आपको कोई परवाह भी नहीं? हमारा अवचेतन या सब-कॉन्शस हमारे काफी सारे व्यवहार पर कंट्रोल रखता है और इसलिए हमारी लाइफ में हमारे काफी सारे फैसलों के पीछे की वजह रहस्य से घिरी रहती है। हालांकि, अगर आप जानते हैं कि इसे कैसे देखना है, आप आपके बारे में एक बेहतर समझ हासिल कर सकते हैं: आप जो कुछ कर रहे हैं, उसके लिए आपने फैसला क्यों लिया, आपको किस से ज्यादा खुशी मिलती है और आप किस तरह से बेहतर के लिए चेंज हो सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 3:

खुद को जानना (Getting to Know You)

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  1. अपने बारे में बेहतर समझ पाने के लिए आप अगर कुछ कर सकते हैं, तो वो है, ऑब्जेक्टिव असेसमेंट करना। बेशक, आप आपकी जानकारी में मौजूद लोगों से पूछ सकते हैं, लेकिन उनका आपके बारे में अनुभव भी उन्हें ठीक वैसे ही एक-तरफा कर सकता है, जैसे आप पहले से हैं। कुछ ऑब्जेक्टिव राय पाना आपको एक ज्यादा सही पिक्चर दे पाएगा और आप भी ऐसी कुछ चीजों के बारे में विचार कर पाएंगे, जिनके बारे में आपने पहले कभी सोचा भी नहीं होगा। ऐसे कई सारे पहले से बने-बनाए टेस्ट हैं, जिन्हें लेकर आप आपके बारे में डिफरेंट आस्पेक्ट के बारे (और कुछ ऐसे भी, जो ज्यादा जाने-माने नहीं हैं) में सीख पाएंगे:
    • The Myers-Briggs Personality टाइप थ्योरी कहती है कि सभी लोगों के पास में 16 अलग-अलग बेसिक पर्सनेलिटी टाइप में से एक होती है। इन पर्सनेलिटी से अनुमान लगाया जा सकता है कि आप लोगों के साथ किस तरह से इंटरेक्ट करते हैं, आपको किस तरह की इंटरपर्सनल प्रॉब्लम और स्ट्रेंथ हैं और आप किस तरह के माहौल में सबसे अच्छी तरह से रहते हैं। [१] इस टेस्ट के एक बेसिक वर्जन को ऑनलाइन पाया जा सकता है, अगर आप अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर तरीके से समझकर पता लगाना चाहते हैं कि आप किस चीज को बेहतर तरीके से सीख सकते हैं।
    • अगर आप इस बात को समझने में स्ट्रगल कर रहे हैं कि ऐसा क्या है जो आपको खुश रखता है और आपको आपकी लाइफ के साथ में क्या करना चाहिए, तो एक करियर टेस्ट लेकर देखें। इस टाइप के टेस्ट आपको ये डिसाइड करने में मदद कर सकते हैं कि आप किस चीज को सबसे ज्यादा सैटिस्फ़ाइंग मानते हैं, जो आमतौर पर आपकी पर्सनेलिटी पर और आप मजे के लिए क्या करते हैं, पर आधारित होता है। ऑनलाइन ऐसे कई सारे टेस्ट उपलब्ध हैं, जो आमतौर पर फ्री हैं, लेकिन अगर आप स्कूल में हैं, तो आप अपने करियर काउन्सलर से एक ज्यादा जाने-माने को भी पा सकते हैं।
    • एक थ्योरी है कि हर एक इंसान दुनिया के अपने अनुभव को कई अलग-अलग तरीकों से सीखता है और उन्हें प्रोसेस करता है। इसे आपकी "लर्निंग स्टाइल" बोला जाता है। इस बात को जानना कि आपकी लर्निंग स्टाइल क्या है, ये आपको स्कूल से निकलने के बाद में मदद करेगा और आपको कुछ ऐसी चीजों को समझने में भी मदद कर सकता है कि आप आखिर क्यों कुछ एक्टिविटीज़ और दूसरों के साथ में स्ट्रगल करते हैं। ठीक जैसे कि दूसरों के साथ ऐसे कई सारे फ्री टेस्ट हैं, जिन्हें आप ऑनलाइन ले सकते हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि ये एक पक्की साइंस नहीं है, ये कितनी लर्निंग स्टाइल्स उपलब्ध हैं, कई सारी दूसरी थ्योरी के साथ ही और और आप कौन सा टेस्ट ले रहे हैं, उसके आधार पर आपको अलग रिजल्ट्स मिल सकते हैं।
    • आप Psychology Today पर कई दूसरे सबजेक्ट को कवर करने वाले कई दूसरे टेस्ट भी पा सकते हैं।
  2. जब राइटर्स बुक लिखते हैं, वो अक्सर ऐसी राइटिंग एक्सरसाइज करते हैं, जो उन्हें उस केरेक्टर के बारे में बेहतर समझ पाने में मदद कर सकें, जिसके बारे में वो लिख रहे हैं। आप अपने बारे में भी बेहतर समझ पाने के लिए ठीक इन्हीं एक्सरसाइज को कर सकते हैं और कई को फ्री में ऑनलाइन पाया जा सकता है। इन एक्सरसाइज में शायद कहने के लायक ऑफिशियल कुछ भी नहीं, ये अक्सर आपके दिए जवाब के जरिए ही अपना कंक्लूजन तैयार करती हैं, लेकिन इनसे आप उन चीजों के बारे में भी सोचने लग जाएंगे, जिनके बारे में आपने पहले कभी भी नहीं सोचा है। ये किस तरह होगा, इसके बारे में एक बेहतर आइडिया पाने के लिए, इन सवालों के जवाब देकर देखें:
    • आप खुद को एक सेंटेन्स में किस प्रकार से डिस्क्राइब करेंगे?
    • आपकी ज़िंदगी की कहानी में आपका मकसद क्या है?
    • आपके साथ में कभी हुई सबसे इंपोर्टेण्ट चीज क्या है? इससे आप में किस प्रकार बदलाव आया?
    • किस प्रकार आप आपके आसपास के लोगों से अलग हैं?
  3. आपको आपकी स्ट्रेंथ और वीकनेस के बारे में सोचने के बाद अपने बारे ज्यादा बेहतर समझ मिलेगी कि आप कौन हैं और आपके लिए क्या सबसे ज्यादा जरूरी है। सबसे जरूरी, आपको आपके स्ट्रेंथ और वीकनेस के बारे में अपने नजरिए को आपके फ्रेंड्स, फैमिली और को-वर्कर्स के द्वारा पहचाने आपके स्ट्रेंथ और वीकनेस के आपके नजरिए के साथ में कंपेयर करना है। वो लोग जो चीजें देखते हैं, वो बातें आप आपके बारे में और आप खुद को कैसे देखते हैं, के बारे में ज्यादा नहीं बता सकते हैं।
    • स्ट्रेंथ के उदाहरण में, दृढ़ संकल्प (determination), डिवोशन (Devotion), सेल्फ-डिसिप्लिन, विचारशीलता (thoughtfulness), निर्णायकता (decisiveness), धैर्य (patience), डिप्लोमेसी (diplomacy), कम्यूनिकेशन स्किल्स (communication skills) और इमेजिनेशन (imagination) या क्रिएटिविटी (creativity) शामिल हैं।
    • वीकनेस के उदाहरणों में, क्लोज-माइंडनेस (close-mindedness), सेल्फ-सेंटर्डनेस (self-centeredness), सच्चाई को मानने में मुश्किल (difficulty perceiving reality), दूसरों के लिए जजमेंट और कंट्रोल से जुड़े इशू शामिल हैं।
  4. आपको आपकी ज़िंदगी में क्या सबसे ज्यादा जरूरी लगता है और आपके हर दिन के इंट्रेक्शन से भी आपके बारे में आपको बहुत कुछ पता चल सकता है। अपनी प्रायोरिटीज के बारे में सोचें, उन्हें उन दूसरे लोगों की प्रायोरिटीज के साथ में कंपेयर करें, जिन्हें आप रिस्पेक्ट करते हैं और सोचकर बताएं कि आपके कंक्लूजन आपके बारे में क्या बताते हैं। बेशक, आपको इस आइडिया के लिए भी ओपन रहना होगा कि आपकी प्रायोरिटीज शायद बेस्ट ऑर्डर में नहीं होंगी (जो कि कई लोगों की नहीं होती), जो भी आपको आपके बारे में बहुत कुछ बता सकता है।
    • अगर आपका घर जल रहा होता, तो आप क्या करते? आप किसे बचाते? ये कितनी अजब बात है कि किस तरह से आग ने हमारी प्रायोरिटीज को उजागर किया। फिर चाहे आपको आपकी किसी प्रैक्टिकल चीज को, जैसे कि आपके टेक्स रिकॉर्ड को सेव करते, तो वो भी आपके बारे में कुछ तो (शायद जैसे कि आप तैयार रहना और ज़िंदगी में कोई रुकावट नहीं देखना चाहते हैं) बताएगा।
    • आपकी प्रायोरिटीज को बताने का एक और तरीका ये है कि आप आपके किसी करीबी इंसान को इमेजिन करें, जिसकी ऐसी किसी बात के लिए खुल के आलोचना की जा रही है, जिसे आप सपोर्ट नहीं करते (मान लेते हैं कि आप लाइफ़स्टाइल के साथ में सहमत नहीं हैं)। क्या आप उन्हें सपोर्ट करते हैं? उन्हें प्रोटेक्ट करते हैं? कैसे? आप क्या कहेंगे? हमारे करीबी की आलोचना और संभावित दूसरों से अलग करने के सामने हमारे एक्शन हमारी प्राथमिकताओं को प्रकट कर सकते हैं।
    • प्रायोरिटीज के कुछ उदाहरण, जिन्हें लोग अक्सर शामिल किया करते हैं, में ये शामिल हैं: पैसा, फैमिली, सेक्स, रिस्पेक्ट, सिक्योरिटी, स्टेबिलिटी, चीजों पर अधिकार और कम्फ़र्ट।
  5. अपने पास्ट को देखें और सोचकर देखें कि उस समय आपके साथ में जो हुआ, उसने कैसे आपके अभी के एक्ट करने और सोचने के तरीके को प्रभावित किया। आप किस प्रकार से बदले, ये आपके द्वारा किए बर्ताव के पीछे की वजह के बारे में काफी कुछ दर्शा सकता है, क्योंकि हमारा आज का व्यवहार, हमारे पिछले अनुभवों से जुड़ा होता है।
    • जैसे, शॉपलिफ्टर्स के आसपास शायद आप काफी ज्यादा डिफ़ेंसिव हो जाते हैं और उन लोगों के साथ में बहुत कठोरता से पेश आते हैं, जो आपको एक चोर समझ रहे हैं। जब आप इसके बारे में सोचते हैं, आपको शायद याद आएगा कि बचपन में स्टोर से एक कैंडी चोरी करना और आपके पैरेंट्स ने आपको इसके लिए बहुत बुरी तरह से सजा दी थी, जिसकी वजह से आगे जाकर अब आपका रिएक्शन नॉर्मल से ज्यादा स्ट्रॉंग हो गया है।
विधि 2
विधि 2 का 3:

अपने मन और एक्शन को एनलाइज करना (Analyzing Your Mind and Actions)

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  1. जब आपको स्ट्रॉंग इमोशन महसूस हों, तब खुद को चेक करें: कभी-कभी आप खुद को सच में बहुत स्ट्रॉंगली नाराज, उदास, खुश या एक्साइटेड होता पाएंगे। इन नॉर्मल से स्ट्रॉंग रिएक्शन को समझना, इनके पीछे की वजह को पता करना, आपको खुद को बेहतर तरीके से समझ पाने में मदद कर सकता है।
    • जैसे, शायद आप मूवी के दौरान बात करने वाले लोगों पर काफी ज्यादा नाराज हो जाते हैं। क्या आप असल में उनके बात करने को लेकर नाराज हैं या फिर आप इस बात को लेकर नाराज हैं, क्योंकि आपको ये आपकी तरफ डिसरिस्पेक्ट का एक पर्सनल साइन जैसा लगा? क्योंकि ये गुस्सा परिस्थिति में कोई मदद नहीं करता, इसलिए आपको लोगों के द्वारा आपकी रिस्पेक्ट किए जाने के बारे में कम चिंता करने की कोशिश करना ही इससे निपटने का सबसे अच्छा तरीका है, बस आप आपके ब्लड प्रैशर को न बढ़ाएँ।
  2. रिप्रेशन (repression या किसी चीज को दबाए रखना) और ट्रांसफेरेंस (transference) पर नजर रखें: रिप्रेशन तब होता है, जब आप किसी चीज के बारे में सोचना नहीं चाहते हैं, ताकि आप जो भी हुआ, उसे भूलने में अपनी मदद कर पाएँ। ट्रांसफेरेंस तब होता है, जब आप एक चीज को लेकर इमोशनली रिएक्ट करते हैं, लेकिन आप जिसके लिए रिएक्ट कर रहे हैं, वो बात असल में कुछ और ही है। ये दोनों ही बिहेवियर, जो बहुत कॉमन हैं, ये अनहेल्दी हैं और आप ऐसा क्यों करते हैं, का पता लगाना और साथ में इन इमोशन को हेल्दी तरीके से हैंडल करने के तरीके ढूँढना आपको एक ज्यादा खुश इंसान बना देगा।
    • जैसे, आप ऐसा सोच सकते हैं कि आप आपकी ग्रैंडमाँ के मरने को लेकर दुखी नहीं हैं, लेकिन आपकी फैमिली के उनकी पुरानी फेवरिट चेयर को अलग करने का फैसला असल में आपको नाराज और उदास कर रहा है। आप सच में चेयर की जर्नी के बारे में सोचकर उदास हैं। उस पर स्टेन कराया, अजीब बदबू आई और शायद उसमें रेडियोएक्टिव फ़ोम भी था। आप आपकी ग्रैंडमाँ के जाने को लेकर उदास हैं।
  3. नोटिस करें कि आप कब और किस तरह से अपने बारे में बात करते हैं: क्या आप लगभग हर एक कन्वर्जेशन को आपके बारे में कन्वर्जेशन में बदल देते हैं? क्या आप अपने बारे में बात करते समय अपनी खुद की ज़िम्मेदारी पर मजाक करते हैं? आप कब और कैसे आपके बारे में बात करते हैं, ये आपके खुद के बारे में सोचने और खुद को मानने के तरीके के बारे में काफी कुछ बता सकता है। कभी कभी अपने बारे में बात करना हेल्दी होता है और इस बात को महसूस करना भी अच्छा है कि आप सभी चीजें नहीं कर सकते, लेकिन आपको अति की तरफ ध्यान देना चाहिए और सोचना चाहिए कि आप आखिर क्यों इस एक्सट्रीम तक गए।
    • जैसे, आपके फ्रेंड ने शायद अपनी PhD पूरी की है, लेकिन जब आप सभी इसके बारे में बात कर रहे हैं, आपने कन्वर्जेशन को अपनी मास्टर्स की डिग्री की यादों की तरफ मोड़ दिया। ये इसलिए हो सकता, क्योंकि आपको शायद इस बात से शर्म आ रही है कि आपने केवल मास्टर्स ही किया और उसने पीएचडी भी कर ली, इसलिए आप अब कन्वर्जेशन को अपने बारे में बनाकर ही सही खुद को उससे ज्यादा इम्पोर्टेंट और ज्यादा बेहतर दिखाना चाहते हैं।
  4. ध्यान दें कि आप कब और कैसे लोगों से इंटरेक्ट करते हैं: जब आप लोगों से इंटरेक्ट करते हैं, जब आप लोगों से इंटरेक्ट करते हैं, तो क्या आप उन्हें नीचा दिखाते हैं? हो सकता है कि आपने ऐसा नोटिस किया हो कि आप केवल उन्हीं लोगों के साथ में टाइम स्पेंड करते हैं, जिनके पास में आप से ज्यादा पैसा है। इस तरह के बिहेवियर भी आपको अपने बारे में और आपके लिए क्या ज्यादा मायने रखता है, के बारे में कई बातें सिखा देते हैं।
    • जैसे, अगर आप केवल आप से ज्यादा पैसे वाले लोगों के साथ में टाइम स्पेंड करने का चुनते हैं, तो इससे ऐसा पता चलता है कि आप खुद को अपने फ्रेंड के जैसा होने का अहसास करा के ज्यादा रईस महसूस करना चाहते हैं।
    • आपने जो "सुना" उसके बजाय क्या कहा गया था के बारे में विचार करें। ये एक और दूसरी चीज है, जिसे आप अपने फ्रेंड्स और फैमिली के साथ में अपने इंटरेक्शन को जाँचने के लिए देख सकते हैं। हो सकता है कि आप पाएँ कि आपने "मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए" सुना, जबकि असल में "मैं तुम्हारा साथ चाहता हूँ" बोला गया था, इससे ऐसा लगता है कि आपको दूसरों के लिए आपकी जरूरत का अहसास दिलाने की बहुत इच्छा है।
  5. 20 मिनट में 500 शब्दों की अपनी बायोग्राफी लिखें। इसमें आपको काफी फास्ट टाइप करना होगा और आपको क्या शामिल करना है, के बारे में सोचना पड़ेगा, जिससे ये जानने में मदद मिलेगी कि आपका ब्रेन आपको डिफ़ाइन करते समय किसे सबसे जरूरी मानता है। कई लोगों के लोए, 20 मिनट 500 शब्द टाइप करने के लिए काफी नहीं होंगे। इस बारे में सोचना कि आप कुछ नहीं कर पाने के कम्पेरिजन में आपने क्या कहा में से किस में आपको ज्यादा उदासी मिली भी आपके बारे में आपको कई बातें बता सकता है।
  6. देखें आप संतुष्टि पाने के लिए कितना समय तक रुक सकते हैं: स्टडीज़ से पता चलता है कि वो लोग, जो संतुष्टि को टालते जाते हैं, आमतौर पर उन्हें ज़िंदगी से गुजरने में, बेहतर ग्रेड्स पाने में, ज्यादा एजुकेशन में और एक हेल्दी बॉडी मेंटेन करने में बेहतर टाइम जाता है। उन परिस्थितियों के बारे में सोचें, जिनकी वजह से आप संतुष्टि पाने में देर कर रहे हैं। आपबे क्या किया? अगर आपको संतुष्टि जो टालने में मुश्किल है, तो फिर ये एक ऐसी चीज है, जिसके बारे में आपको ध्यान देना चाहिए, क्योंकि ये सफलता में अक्सर एक अहम भूमिका निभाती है।
    • स्टैनफोर्ड (Stanford) ने इसके साथ में मार्शमेलो एक्सपरिमेंट (Marshmallow Experiment) नाम का एक फेमस एक्सपरिमेंट किया [2] , जिसमें उसने देखा कि कुछ बच्चे मार्शमेलो ट्रीट पाने पर कैसा रिएक्ट करते हैं और फिर कई दशकों के दौरान उनकी प्रोग्रेस को अपनी ज़िंदगी में फॉलो करते हैं। वो बच्चे, जिन्होंने बड़े रिवार्ड के फ़ेवर में अपनी ट्रीट को नहीं लिया, वो आगे जाकर स्कूल, ऑफिस और हैल्थ से संबन्धित एरिया में बेहतर कर पाए।
  7. एनलाइज करें कि आपको कुछ बताए जाने की जरूरत है या कुछ बताने कि: जब आप कुछ करते हैं, जैसे कि ऑफिस, तब सोचकर देखें कि आप पूछे बिना अपने अगले टास्क की तलाश करते हैं, कुछ करने से पहले क्या आपको किसी और के द्वारा क्या काम है बताए जाने की जरूरत होती है या फिर आप किसी और को काम बताने के लिए इन सभी को छोड़ देते हैं। परिस्थिति के मुताबिक इनमें से सभी चीजें, आपके बारे में अलग अलग बातें कह सकती हैं।
    • याद रखें कि किसी भी टास्क को शुरू करने से पहले किसी से इन्सट्रक्शन और गाइडेंस लेने में कुछ में गलत नहीं है। ये केवल एक ऐसी चीज है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए, ताकि आप जरूरी चीज आने पर अपने बिहेवियर को ठीक से समझ पाएँ और कंट्रोल कर पाएँ। जैसे, अगर जानते हैं कि आप किसी स्थिति पर काबू पाने में अच्छे नहीं हैं, लेकिन आपको मालूम है कि इसकी जरूरत है, तो आप ऐसा सोच सकते हैं कि ये आपकी अनिच्छा मात्र एक "आदत" है, जिसे आप तोड़ सकते हैं और ये कोई जरूरत नहीं है।
  8. देखें कि मुश्किल या नई स्थिति में आप किस तरह से रिएक्ट करते हैं: जब मामला बहुत मुश्किल हो जाता है, जैसे कि जब आपकी जॉब खो जाती है, आपका कोई अपना मर जाता है या फिर कोई आपको धमका रहा है, आपके केरेक्टर का सबसे छिपा या दबा हुआ पार्ट बाहर निकल आता है। [3] सोचकर देखें कि बीते समय जब टेंशन काफी बढ़ गई, उस समय आपने किस तरह से रिएक्ट किया था। आपने जैसे रिएक्ट किया, आखिर वैसा क्यों किया? आप कैसा रिएक्ट करना चाहते थे? क्या इस बात की संभावना है कि आप अभी भी वैसे ही रिएक्ट करेंगे?
    • आप चाहें तो इन सिनरियो को इमेजिन भी कर सकते हैं, लेकिन एक बात का ख्याल रखें कि आपकी काल्पनिक प्रतिक्रियाएँ शायद आपके एक-तरफा विचार से घिरे रह सकते हैं और ये शायद उतने एक्यूरेट भी नहीं रहेंगे, जैसे आप असल में रिएक्ट करते।
    • जैसे, ऐसा इमेजिन करें कि आप एक ऐसे नए शहर शिफ्ट हो रहे हैं, जहां पर आपको कोई नहीं जानता। आप फ्रेंड्स बनाने के लिए कहाँ पर जाएंगे? आप किस तरह के लोगों के साथ में फ्रेंड्स बनने की कोशिश करेंगे? ऐसा कुछ है जिसे आपके फ्रेंड्स जो जानते हैं उसके विपरीत आप लोगों को बताने के लिए बदलना चाहेंगे। ये भी आपकी प्रायोरिटीज को उजागर कर सकता है और दर्शा सकता है कि आप आपके सोशल इंटरेक्शन में किस चीज की तलाश कर रहे हैं।
  9. सोचकर देखें कि पॉवर से किस तरह से आपके व्यवहार में बदलाव आएगा: अगर आप किसी तरह की पॉवर की पोजीशन में हैं, तो आपको इसके आपके व्यवहार पर होने वाले प्रभाव के बारे में भी सोचना होगा। कई सारे लोग, जब पॉवर की पोजीशन में आते हैं, वो हार्ष या कठोर बन जाते हैं, ओपन माइंडेड नहीं रह जाते, ज्यादा कंट्रोलिंग और ज्यादा संदेही हो जाते हैं। [4] आप जब खुद को ऐसे फैसले लेते देखते हैं, जिनसे दूसरे लोग प्रभावित होते हैं, सोचकर देखें कि आप आखिर क्यों इस तरह के डिसीजन ले रहे हैं: ऐसा इसलिए क्योंकि यही करने लायक सही चीज है या फिर ऐसा इसलिए क्योंकि आप स्थिति के ऊपर ज्यादा काबू महसूस करना चाहते हैं?
    • जैसे, जब आप अपने छोटे भाई की देखभाल करते हैं, क्या आप उसे एक छोटी सी प्रॉब्लम के लिए भी सजा देते हैं? क्या इससे उसे सच में सीखने में मदद मिलती है या फिर आप बस उसे सजा देने की किसी वजह की तलाश कर रहे हैं?
  10. अपने इन्फ़्लुएन्स (influences) या आप पर किस बात का असर पड़ता है, को पहचानें: वो चीजें, जिनका आपके सोचने और दुनिया को आप किस प्रकार देखते हैं, उस तरीके के ऊपर असर पड़ता है, ये भी आपके बारे में बहुत कुछ बता सकता है, फिर चाहे आप इनसे असल में कुछ सीखने की बात को कंफ़र्म करते हैं या नहीं। ये देखना कि आपके इन्फ़्लुएन्स से आपके बर्ताव पर कोई असर पड़ता है या नहीं, तो आप आपके बिहेवियर के पीछे की असली वजह को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। यह देखते हुए कि आप उन सिखाए व्यवहार से विचलित होते हैं, आप आपकी यूनिकनेस को और अपनी खुद की पर्सनल थिंकिंग को पहचान सकते हैं। वो चीजें, जो आपको प्रभावित करती हैं, उनमें ये शामिल हैं:
    • आपका मीडिया का संपर्क, जैसे कि टीवी शो, मूवी, बुक्स और यहाँ तक कि आपके द्वारा देखी गई पॉर्न भी।
    • आपके पैरेंट्स, जो आपको टॉलरेंस वर्सेज़ रेसिज़्म से लेकर मटेरियल वैल्थ वर्सेज़ स्पिरिचुअल वैल्थ जैसी चीजों को सिखा सकते हैं।
    • आपके फ्रेंड्स, जो आपको कुछ खास चीजों को एंजॉय करने के लिए प्रैशर कर सकते हैं या आपको नए और शानदार अनुभवों से अवगत करा सकते हैं।
विधि 3
विधि 3 का 3:

खुद को परिवर्तन के लिए तैयार रखना (Opening Yourself to Reflection)

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  1. अगर आप सच में खुद को बेहतर तरीके से रिफ्लेक्ट करना और समझना चाहते हैं, आपको अपने उन पार्ट्स के बारे में भी सोचने की जरूरत पड़ेगी, जिन्हें आप असल में पसंद नहीं करते हैं और ऐसी बातों के लिए मानना होगा, जिन्हें आप करना नहीं चाहेंगे। आप नेचुरली खुद ही इस तरह की चीजों को करने के बारे में डिफ़ेंसिव होंगे, लेकिन अगर आप असल में ये समझना चाहते हैं कि आप किस तरह से काम करते हैं, तो आपको उस डिफ़ेंसिवनेस को दूर करने की जरूरत होगी। फिर चाहे आप उन बेरियर को दूसरे लोगों के लिए नहीं हटाते हैं, लेकिन आपको कम से कम इन्हें अपने लिए जरूर हटा लेना चाहिए।
    • अपनी वीकनेस के बारे में कम डिफ़ेंसिव होने का मतलब भी खुद को दूसरों से मदद के लिए तैयार रखना और पिछली गलतियों के लिए सुधार करना शामिल है। अगर आप डिस्कसन, आलोचनाओं और चेंज के लिए ज्यादा ओपन हैं, तो दूसरे लोग भी असल में आपको समझने में और खुद को सुधारने में मदद कर सकते हैं।
  2. हम अपने साथ में जितना आप सोचते हैं, उससे भी ज्यादा बार कई सारी चीजों के लिए झूठ बोलते हैं। [5] हम अपनी ये सोचने में मदद करेंगे कि हमने कुछ अच्छे या लॉजिकल रीजनिंग की वजह से अजवाबदेह विकल्प अपनाएं। लेकिन अपने मोटिव्स के पीछे के असली कारण को छिपाना हमें बदलने में और बेहतर इंसान बनने में ज्यादा मदद मिलती है। याद रखें: कि अपने साथ में झूठ बोलने का कोई पॉइंट नहीं है। फिर भले आप अपने बारे में इस सच्चाई को पता कर लेते हैं कि आप इसे पसंद नहीं करते हैं, इससे आपको उन परेशानियों को उनके न होने जैसा महसूस करने की बजाय, उन्हें अपने मन तक लेकर जाने का मौका मिल जाएगा।
  3. कभी कभी खासतौर से जब आप गलत काम करते हैं, दूसरे लोग हमें उस बिहेवियर के लिए वॉर्न करने की कोशिश करेंगे। साथ ही हमारी आदत नहीं सुनने की भी होती है। कभी कभी ये अच्छा होता है, क्योंकि काफी सारे लोग आपके बारे में बस इसलिए काफी सारी बातें कहते हैं, क्योंकि वो आपको ठेस पहुंचाना चाहते हैं और उनके कमेन्ट फ़ैक्ट पर आधारित नहीं होंगे। लेकिन कभी कभी वो जो भी कहते हैं, वो आपके व्यवहार का एक सही, बाहरी एनालिसिस होता है। सोचकर देखें कि लोगों के बीते समय में क्या कहा था और अपने व्यवहार के बारे में कुछ नई राय की मांग करें।
    • जैसे, आपकी बहन शायद नोटिस कर सकती है कि आप बहुत ज्यादा ही अग्रेसिव हो जाते हैं। लेकिन ये आपकी ओर से अनजाना होता है, जो आपको यह दिखाने के लिए काम कर सकता है कि वास्तविकता की आपकी धारणा थोड़ी दूर है।
    • उन्होने आपके बारे में जो बोला, इसमें और उनकी उस राय का असर आपकी लाइफ और एक्शन पड़ने के बीच में काफी बड़ा अंतर होता है। आपको कभी भी अपने व्यवहार पर दूसरे लोगों का प्रभाव नही पड़ने देना चाहिए, बशर्ते इसका आपकी लाइफ पर कोई बहुत बड़ा नेगेटिव प्रभाव न पड़ रहा हो (और इसके बाद भी, आपको ये भी सोचना चाहिए कि जरूरी नहीं कि सारी परेशानी आपके बिहेवियर की ही हो, शायद एनवायरनमेंट से भी परेशानी हो सकती है)। बदलाव केवल इसलिए करें, क्योंकि आप ऐसा चाहते हैं, न कि इसलिए, क्योंकि किसी ने आप से ऐसा करने का कहा है।
  4. सलह देना अक्सर आपको अपनी खुद की परेशानियों के बारे में सोचने का और बाहरी नजरिए से उनका आकलन करने का एक अच्छा मौका दे देता है। जब किसी और की सिचुएशन को देखें, उम्मीद है कि आप ऐसी सिचुएशन और माहौल के बारे में सोचेंगे, जिनके बारे में आपने इसके पहले कभी भी सोचा ही नहीं।
    • इस एक्टिविटी को आपको असल में भी करने की जरूरत नहीं है, भले ही अपने फ्रेंड्स, फैमिली और यहाँ तक कि अजनबियों की मदद करना भी एक अच्छा काम है। आप चाहें तो लैटर के फॉर्म में अपने आप को सलाह जरूर दे सकते हैं। ये आपको आपके पिछले अनुभवों के बारे में और आपने उसमें से क्या छीना, सोचने में मदद करेगा, साथ में ऐसा क्या है, जो आपके लिए भविष्य में अच्छा होगा।
  5. हालांकि, ज़िंदगी का अनुभव पाना ही अपने आप को जानना ही सबसे अच्छा तरीका होता है। ठीक एक दूसरे इंसान को जानने की तरह ही, खुद को समझने में टाइम लग सकता है और आप अपना इंटरव्यू लेने और टेस्ट लेने की बजाय अपनी ज़िंदगी के अनुभवों से कहीं ज्यादा सीख जाएंगे। आप ये सब ट्राई कर सकते हैं:
    • ट्रेवलिंग: ट्रेवलिंग करके आप कई सारी अलग अलग सिचुएशन में पहुँच जाएंगे और आपके स्ट्रेस को हैंडल करने की क्षमता और बदलावों को स्वीकारने की क्षमता भी टेस्ट हो जाएगी। इसमें आपको अपनी उसी पुरानी लाइफ में बैठे रहने के मुक़ाबले, खुशी, प्रायोरिटीज और सपनों के बारे मे ज्यादा बेहतर समझ मिल जाएगी।
    • ज्यादा पढ़ाई करना: एजुकेशन, रियल एजुकेशन हमें नए तरीकों से सोचने का चैलेंज करेते हैं। एजुकेशन पाना आपके मन को खोल देगा और आप ऐसी बातों के बारे में सोचने लग जाएंगे, जिनके बारे में आपने पहले कभी कुछ सोचा ही नहीं। आपके इन्टरेस्ट और आप इनके बारे में कैसा फील कर रहे हैं, वो भी आपके बारे में बातों को उजागर कर सकता है।
    • उम्मीदों को जाने दें। दूसरे लोगों की आपके लिए उम्मीदों को जाने दें। अपने लिए अपनी उम्मीदों को जाने दें। ज़िंदगी को कैसा होना चाहिए, उसकी भी उम्मीदों को जानें दें। जब आप ऐसा करते हैं, आप नए अनुभवों से आपको मिलने वाली खुशी और एक परिपूर्ण होने की भावना को महसूस करने की ओर ज्यादा ओपन हो जाएंगे। ज़िंदगी एक क्रेज़ी रोलर कोस्टर है और आपको ऐसी कई चीजों का सामना होगा, जो आपको उनके नए या अलग होने की वजह से डरा सकती हैं, लेकिन अपने आप को उन अनुभवों को महसूस करने से न रोकें। ये आपको उतना खुश बना सकते हैं, जितनी खुशी आपने पहले कभी महसूस भी नहीं की होगी।

सलाह

  • इसके पहले कि आप खुद को समझना शुरू करें, आप जो हैं, वही रहें । आप किसी ऐसे इंसान को नहाईं समझ सकते, जो आप हैं ही नहीं।
  • अगर आप हमेशा नाराज या उदास रहते हैं, तो फिर आपको मालूम नहीं कि आप काउन कौन हैं। इसे पता करने की कोशिश करें।
  • अगर आप पता लगा लेते हैं कि आप कौन हैं और आपको वो पसंद न आए, तो उसे बदल लें।
  • दूसरों के कमेंट्स को कभी भी नजरअंदाज न करें, ये आपको आपके बारे में जानने में मदद कर सकते हैं।

चेतावनी

  • अतीत पर शक या कायम न रहें, क्योंकि ये जा चुका है।
  • अपने साथ में बहुत ज्यादा भी नाराजगी न जताएँ।

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