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छींकना, शरीर की एक नेचुरल मैकेनिज्म है | कई कल्चर में इसे एक एक सामाजिक गलती के तौर पर गलत नज़र से देखा जाता है, विशेषरूप से अगर आपके पास टिश्यू नहीं हैं तो | फिर भी कई लोग अलग-अलग तरह के कारणों से छींक रोकना चाहेंगे जिनमे गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार 977 दिनों तक लगातार एक मिलियन से भी ज्यादा बार छींकने वाला एक इंसान भी शामिल है |
चरण
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नाक को दबाएँ: नाक की टिप के ऊपरी हिस्से को पकड़ें और इसे इस तरह बाहर की ओर खींचें जैसे आपको इसे अपने चेहरे से अलग करना हो | यह पेनफुल नहीं होना चाहिए लेकिन कार्टिलेज पर खिंचाव पड़ना चाहिए जिससे छींक रुक जाए | [१] X रिसर्च सोर्स
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नाक से ब्लो करें: जब आपको लगे कि छींक आने वाली है तो एक टिश्यू का इस्तेमाल करते हुए छींकें | इससे सर्वप्रथम साइनस साफ़ होंगे जिनके कारण छींक आ रही थी | [२] X रिसर्च सोर्स
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अपनी ऊपरी होंठ को दबाएँ: अपने अंगूठे और तर्जनी से ऊपरी होंठ को हलके से दबाएँ और नासछिद्रों की ओर ऊपर की तरफ प्रेस करें | अंगूठा एक नासाछिद्र की ओर होना चाहिए और तर्जनी दूसरे की ओर जिससे ऊपरी होंठ हल्का सा ऊपर उठ जाए |
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जीभ का इस्तेमाल करें: अपने सामने के दो दांतों के पीछे जीभ को वहां प्रेस करें, जहाँ मुंह की छत गम पैलेट या अल्वेओलर रिज से मिलती है | गुदगुदी होने तक अपने दांतों के विरुद्ध सबसे पावरफुल मसल्स से तेज़ी से प्रेस करते रहें |
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रुकें, जीभ नीचे गिराएँ और इंतज़ार करें: अपने घर में कहीं एक छोटी सी टेबल खोजें और टेबल के टॉप से लगभग एक इंच (2.5 सेंटीमीटर) पर अपना चेहरा रखें और जीभ बाहर निकाले रहें, इससे छींक नेचुरली दब जाएगी | इसमें लगभग 5 से 7 सेकंड्स लगेंगे | अगर यह काम न करे तो जो भी आसपास हैं, उन्हें दूर भगा दें!
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अपने हाथों से अपना ध्यान भंग करें: एक हाथ के अंगूठे को फैलाते हुए अँगुलियों से दूर ले जाएँ | दूसरे हाथ की तर्जनी और अंगूठे के नाखून के शार्प किनारों से फैले हुए अंगूठे और अँगुलियों के बीच की स्किन के फ्लैप को पिंच करें |
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आईब्रो में बीच एक स्पॉट पर फोकस करें: यह एक प्रेशर पॉइंट होता है जिसे पकड़ने से सिरदर्द बंद हो जाता है और यह छींक पर भी काम कर सकता है | अपने अंगूठे और तर्जनी से आईब्रो के बीच पर्याप्त दबाव अनुभव होने तक प्रेशर लगाएं |
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अपनी नाक को दबाएँ: अपनी तर्जनी की एक साइड (आँखों के नीचे की ओर हाथ में हॉरिजॉन्टली) से नाक के कार्टिलेज पर प्रेस करें जो नासासेतु की हड्डी के बिलकुल नीचे की ओर होता है | इससे छींक लाने वाली एक नर्व पर भी दबाव पड़ेगा | [४] X रिसर्च सोर्स
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अपने कानों पर हल्का दबाव डालें: छींक आने की फीलिंग होने पर अपने इयर लोब्स को धीरे-धीरे दबाएँ | यह देखकर ऐसा लगेगा जैसे आप अपनी इयरिंग से खेल रहे हैं या पब्लिक में छींक आने से रोकना चाहते हैं |
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किसी और व्यक्ति के छींकने पर बेतुके बयान देकर छींक रोकें: अगर आपको लगता है कि कोई व्यक्ति छींकने वाला है या उस स्टेट में हैं जहाँ उसे छींक आना फील हो रही है तो कुछ बेतुका कहें | कई बार ब्रेन उस समय छींक के बारे मे 'भूल' जाता है जब कोई ऐसी बात हो मजेदार हो और जिस पर तुरंत ध्यान आकर्षित हो |
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गुस्सा करें: अपने दांतों को एकसाथ पीसें लेकिन जीभ को चिपकाए रखें (जीभ की मसल्स का इस्तेमाल सामने के दांतों के पिछले हिस्से पर दबाव डालने के लिए करें) | जितना हो सके, दबाव डालें | इन स्टिमुलेशन को अमल में लाने से छींक रोक सकते हैं |
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काले जीरे का इस्तेमाल करें: आप इसे ऑनलाइन ख़रीदे सकते हैं या लोकल विटामिन/हर्ब शॉप से खरीद सकते हैं | एक मुट्ठी काले जीरे लें और उन्हें एक कपडे या रुमाल आदि में लपेटें | अब इसे थोडा तोडने के लिए अपने हाथ में रोल करें | इसे अपनी नाक के पास रखें और कुछ गहरी सांसें लें | इससे छींक आना बंद हो जाएगी |
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खुद को छींकने के लिए सेट करना छोड़ें: बिलकुल सही, छींकने के लिए खुद को आरामदायक न बनायें | यह एक वैध मिकल डिसऑर्डर है जिसमे आपकी छींकें इसलिए नहीं रुक पाती क्योंकि आपका पेट भरा है | ऐसा अधिकतर ज्यादा खाना खाने के तुरंत बाद होता है | इसलिए आप इससे कैसे बचेंगे? बस ओवरईटिंग नहीं करनी है |
- यह बात जान लें कि इसमें भूख की तृप्ति करने पर छींक नॉन-कण्ट्रोलेबल हो जाती हैं | ये ट्रेट आनुवंशिक होता है और इसी के नाम के अनुसार चलता है | बेसिकली यह छींक और तृप्ति का पिटारा है | [५] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें अब आप ये जान गये होंगे कि यह आपकी ईटिंग एक्टिविटी को मॉनिटर करने वाली रियल चीज़ है | वैसे आपको ज्यादातर छींकें कब आती है?
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जानें कि कहीं आप "सन स्नीज़िंग" से पीड़ित तो नहीं हैं: अगर आपको लगता है कि जब आप ब्राइट लाइट्स के सम्पर्क में आते हैं तभी छींकें आती हैं तो आपको फोटोप्टारमोसिस या फोटिक स्नीज़ रिफलेक्स हो सकते हैं | ये 18 से 35% लोगों में पाया जाता है और कई बार ACHOO (ऑटोसोमल डोमिनेंट कॉम्पेलिंग हेलियो-ऑफ्थेल्मिक आउटबर्स्ट सिंड्रोम) के रूप में देखा जाता है | आप इसके बारे में और भी जानना चाहते होंगे, है न? यह एक आनुवंशिक सिंड्रोम है और अगर इसमें असुविधा अनुभव हो तो एंटीहिस्टामिन से ठीक हो सकती है | [६] X रिसर्च सोर्स
- अन्यथा, सनग्लासेज (विशेषरूप से पोलराइज्ड) या स्कार्व्स पहनें | अगर ब्राइट लाइट्स (या धूप) हो तो अपनी आँखों को बचाएं और किसी अँधेरी जगह या ज्यादा उदासीन जगह पर देखें | अगर आप कोई वाहन चला रहे हैं तो यह औरभ ज्यादा जरुरी हो जाता है |
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तैयार रहें: अगर आप हाई स्नीज़-रिस्क एनवायरनमेंट (जिसे मिर्च के बादल या परागकणों के मैदान कहा जा सकता है) में प्रवेश करते हैं तो छींकों के अटैक से दूर रहने के लिए सावधानी बरतें |
- अपने हाथ में टिश्यू रखें | बार-बार छींक आने या नाक साफ़ करने के लिए अपने पास टिश्यू हमेशा रखें |
- नासछिद्रों को गीला रखने के उपाय अपनाएं | इससे छींकें आने से पहले ही रुक जाएँगी | हालाँकि नाक से पानी सूंघना, सच में एक सरल ऑप्शन है | इसके लिए आप एक टिश्यू को गीला करके नासछिद्रों पर लगा सकते हैं | आप चाहें तो आईड्रॉप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं या एक कप कॉफ़ी से स्टीम को सूंघ सकते हैं |
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एलर्जन्स से दूर रहें: हम लोगों में से वो लोग जिन्हें पूरी तरह से रेंडम स्नीज़ अटैक नहीं आते, और जो लगातार होने वाले अटैक्स को गुप्त रखते हैं, उनमे छींक आने का कारण ज्यादातर वातावरणीय चीज़ होती है | साथ ही डॉक्टर से बात करके अपनी एलर्जी के बारे में जानें और समझदारी दिखाएँ | इस कुछ हद तक छींकों से बचा जा सकता है | [७] X रिसर्च सोर्स
- एंटीहिस्टामिन लें | ये न केवल छींक से मुकाबला करेंगी बल्कि खांसी, बहती हुई नाक और आँखों की खुजली से भी मुक्ति दिलाएंगी | बेनाड्रिल को नींद लाने वाली दवा के रूप में जाना जाता है लेकिन दूसरी दवाएं जैसे क्लारिटिन से बहुत कम साइड इफेक्ट्स होते हैं |
- अपने दरवाज़े और खिड़कियाँ बंद रखें | ये आपके घर और कार में जा सकते हैं | आपका एलर्जन्स से जितना कम सामना होगा, उतना ही बेहतर होगा | बाहर कम से कम जाएँ |
- अगर आप काफी लम्बे समय से घर से बाहर रहे हैं तो शावर लें और कपडे बदलें | आप अपने साथ इन परागकणों को भी धो सकते हैं |
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जानें कि कब छींक नहीं रोकनी है: स्नीज़ जिसे तकनीकी रूप से छींकना कहते हैं, शरीर का एक बहुत बड़ा काम है | आमतौर पर छींकने से आपके शरीर से 100 मील प्रति घंटा (160 किलोमीटर/घंटा) की तेज़ रफ़्तार से शरीर से बाहर निकलती है इसलिए अगर गलत तरीके से छींकें तो सीरियस इंजरी हो सकती हैं | इसलिए आपको उस छींक को रोकने की कोशिश कभी नहीं करनी चाहिए जो प्रोसेस में हों | [८] X रिसर्च सोर्स
- उदाहरण के लिए, अपनी नाक या मुंह को ब्लॉक न करें, जब आप छींक रहे हों | अगर एक औसत छींक के फ़ोर्स और रफ़्तार को शरीर से बाहर निकलने से रोक दिया जाए तो अंततः इससे सुनने की शक्ति ख़त्म हो सकती है और सिर में ब्लड वेसल्स डैमेज हो सकती हैं, विशेषरूप से अगर छींक शुरू होने पर आपको इसे रोकने की आदत हो गयी हो तो |
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स्वस्थ रूप से छींकें: अगर आपके आसपास और लोग भी हों तो आप एक (या दो या तीन या चार) बार छींकने से हवा में हानिकारक बैक्टीरिया फैलने की रिस्क बढ़ा देते हैं | जो "स्प्रे" आपकी नाक से बाहर जाता है वो आपसे 5 फीट (1.5 मीटर) दूर तक जा सकता है | इसके घेरे में आने वाले लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं | इसलिए सावधानी रखें |
- अगर संभव हो तो एक टिश्यू पर छींकें और उसे डिस्पोज कर दें | अगर टिश्यू नहीं है तो अपनी स्लीव पर छींकें | अगर आप अपने हाथ पर छींकते हैं तो ध्यान दें कि छींकने के तुरंत बाद हाथ धो लें | आप अपने हाथों से डोरनोब्स, अपना चेहरा, सरफेस और दूसरे लोगों को लगातार छूटे रहते हैं | और, अगर आपके आसपास पानी नहीं है तो हैण्ड सैनीटाइज़र अपने साथ रखें | [९] X विश्वसनीय स्त्रोत Centers for Disease Control and Prevention स्त्रोत (source) पर जायें
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सभ्य तरीके से छींकें: अगर आप कई लोगों के समूह में हैं तो हवा में जोर से छींकने और छींक के कण हवा में उड़ाने पर सच में लोगों की बुरी नज़र के शिकार होंगे | इससे आप जर्म्स फैलायेंगे और फ्लो को बाधित करेंगे इसलिए जितना हो सके, कहीं अलग जाकर छींकें |
- कोहनी में छींकने से आवाज़ कम आती है | अगर कोई ऑप्शन न होतो एक टिश्यू लें और सिर को नीचे झुका लें और जितना हो सके, उतनी शांति से छींकें |
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सावधानी से छींकें: अगर आपकी पसलियाँ टूटी हुई हैं तो छींकने से परेशानी काफी बढ़ सकती है | अपने फेंफडों से जितनी हो सके, हवा बाहर निकालें | इससे पसलियों पर लगने वाला प्रेशर कम होगा और छींक उन्हें ज्यादा कमज़ोर नहीं कर पाएंगी | साथ ही दर्द भी कम होगा |S
- सच में, अगर कोई भी चीज़ आपको परेशान करती है तो छींक उनमे से वो सबसे आखिरी चीज़ होगी जिका आप सामना करना चाहते हों | ऊपर दी गयी सावधानियाँ बरतें लेकिन सांस छोड़ने पर ध्यान दें | थोड़ी सी हवा बाहर छोड़ने से आप अंदर से हिल नहीं जायेंगे बल्कि लम्बे से तक छींक से बचे रहेंगे |
सलाह
- अपने साथ हमेशा एक रुमाल रखने की आदत डालें जिससे अनावश्यक रूप से छींक रोकने की जरूरत न पड़े |
- जब आप छींकने वाले हों तो पम्पकिन या पाइनेपल बोलें | यह ऊपर दी गयी सभी स्टेप्स से ज्यादा आसान है |
- प्रकाश सम्बन्धी छींक के रिफ्लेक्स भी बार-बार लगातार छींक आने का कारण हो सकते हैं | यह कंडीशन 18% से 35% मानवों में होती है जो दूसरों की तुलना में कोकेशियान (यूरोप, पश्चिमी एशिया, भर के कुछ हिस्से और उत्तरी अफ्रीका के लोग) लोगों में यह बार-बार होने की सम्भावना ज्यादा होती है | यह कंडीशन वंशानुगत रूप से ऑटोसोमल डोमिनेंट ट्रेट के तौर पर आगे की पीढ़ी में पास होती जाती है | ट्राईजेमिनल नर्व न्यूक्लीयस में नर्व सिग्नल्स में होने वाले कंजेनाइटल मालफंक्शन इसका पॉसिबल कारण होता है |
- अपनी नाक में नमक डालने से मदद मिल सकती है |
- अगर आप छींक रहे हों तो सावधानी रखें और इससे डिजीज न फैलाएं | कई डॉक्टर आजकल सिफारिश करते हैं कि जर्म्स को फैलने से रोकने के लिए अपने हाथ पर छींकने की बजाय कोहनी के अंदरूनी हिस्से पर छींकें | यह ध्यान रखें कि आपका मुंह और नाक कवर रहे जिससे जर्म्स हवा में न फ़ैल पायें | आप किसी टिश्यू पर भी म्यूकस निकाल सकते हैं और इसके बाद जितना जल्दी हो सके, हाथ धो लें जिससे डिजीज फैलने से रोकी जा सके |
- अगर आपको लगता है कि आपको छींक आने वाली है तो अपने साथ टिश्यू का पूरा पैकेट रखें (अगर आपको एक से ज्यादा छींकें आने लगें तो तैयारी के रूप में)|
- अगर आप छींकने वाले हैं तो हाथ या टिश्यू का इस्तेमाल न करें | अपनी कोहनी में छींकें जिससे बहुत कम से कम जर्म्स ही आस-पास फैलेंगे |
- आती हुई छींक को रोकने का दूसरा उपाय है; अपने निचले होंठ को काटें (बहुत तेज़ी से नहीं) |
- जब आपको छींक आने वाली हो तो अपनी जीभ से मुंह की छत पर हल्का सी गुदगुदी करें | या फिर अपनी आँखें तेज़ी से बंद करें और जीभ को काटें, लेकिन बहुत जोर से नहीं |
चेतावनी
- छींक को अंदर ही दबाने या रोकने की कोशिश करने से न्यूमोमेडियास्टिनम (एक ऐसी कंडीशन जिसमे फेफड़ों की भित्ति (मेडियास्टिनम) के बीच हवा भर जाती है) हो सकता है जो काफी खतरनाक होता है |
- छींक रोकना आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है | छींक रोकने के कारण होने वाले हादसों के सबसे एक्सट्रीम केस देखने के लिए गूगल पर सर्च करें |
- छींक रोकने से डायाफ्राम में चोट लगना, ब्लड वेसल्स टूटना और एक्सट्रीम केसेस में ब्रेन की ब्लड वेसल्स कमज़ोर होने से थोडा सा भी ब्लड प्रेशर बढ़ने से इनके टूट जाने जैसे डैमेज हो सकते हैं |
रेफरेन्स
- ↑ https://lifehacker.com/stop-an-impending-sneeze-by-stretching-out-your-nose-1711759408
- ↑ https://www.medicalnewstoday.com/articles/321305.php
- ↑ https://www.medicalnewstoday.com/articles/321305.php
- ↑ https://www.youtube.com/watch?v=--q4xs9A2nk
- ↑ http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1017036/
- ↑ http://www.scientificamerican.com/article.cfm?id=looking-at-the-sun-can-trigger-a-sneeze
- ↑ http://www.medicalnewstoday.com/releases/96789.php
- ↑ https://www.livescience.com/32776-is-it-safe-to-hold-in-a-sneeze.html
- ↑ http://www.cdc.gov/healthywater/hygiene/etiquette/coughing_sneezing.html