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अपनी फिजिकल फिटनेस सुधारने से ओवरऑल हेल्थ को सुधारने और ज्यादा कॉंफिडेंट फील करने में मदद मिल सकती है | सबसे पहले, अपने फिटनेस लेवल का अंदाजा लगायें | इसके बाद, अपनी फिजिकल फिटनेस के आधार पर, किसी एक्सरसाइज प्रोग्राम शुरू करने या कोई स्पेसिफिक फिटनेस लक्ष्य को हासिल करने जैसे सरल लक्ष्य के साथ फिटनेस लेवल को सुधारने की शुरुआत करें | आपका फिटनेस लेवल चाहे कैसा भी हो, यहाँ कुछ ऐसे तरीके दिए दिए जा रहे हैं जिनका इस्तेमाल आप अपने लक्ष्य को हासिल करने में कर सकते हैं |

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपनी फिजिकल एक्टिविटी बढाये

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  1. लक्ष्य निर्धारित करें : कोई ऐसे फिटनेस लक्ष्य या छोटे-छोटे लक्ष्यों की सीरीज बनायें, जिन पर आप काम कर सकें | ऐसा करने से न सिर्फ आपको फोकस रखने में मदद मिलेगी बल्कि आप मोटीवेट भी होते रहेंगे | ध्यान रखें कि आप जो भी लक्ष्य निर्धारित करें, वे SMART (specific, measurable, action-oriented, realistic, and time-based) लक्ष्य हों | [1]
    • उदाहरण के लिए, अगर आप हर दिन एक्सरसाइज करना चाहते हैं तो आपको कुछ इस तरह से लक्ष्य निर्धारित करने पड़ेंगे, “इस सप्ताह मैं प्रत्येक सुबह 30 मिनट ब्रिस्क वॉक करूँगा |”
  2. अपनी फिटनेस प्रोग्रेस को ट्रैक करते रहना, मोटिवेटेड रहने का सबसे बढ़िया तरीका है | अपनी प्रोग्रेस ट्रैक करने से फिटनेस लक्ष्य हासिल करने की राह भी आसान बन जाएगी | आप की अलग-अलग तरह से अपनी प्रोग्रेस को ट्रैक कर सकते हैं | फिजिकल फिटनेस को ट्रैक करने की कुछ विधियाँ यहाँ दी गयी हैं:
    • वज़न और/या शरीर का नाप लें
    • माइल टाइम
    • आप कितना वज़न उठा सकते हैं
    • आप कितने सिट-अप्स/पुश-अप्स कर सकते हैं
    • कुछ ख़ास समय तक कठिन पोज जैसे प्लैंक में बने रहने की क्षमता |
  3. हालाँकि ऐसा बहुत ही कम होता है लेकिन, लम्बे समय तक विलासमय जिन्दगी जीने के तुरंत बाद मेहनतकश एक्सरसाइज करने से हार्ट अटैक की रिस्क बढ़ सकती है इसलिए कम तीव्रता के साथ धीरे-धीरे शुरुआत करना बेहतर हैं जैसे वॉकिंग, स्विमिंग या बाइकिंग | [2]
    • धीरे-धीरे शुरुआत करने से चोट लगने के चांसेस कम हो जाते हैं जिससे आप अपने फिटनेस के प्रयास जारी रख सकते हैं |
    • कुछ समय बाद, आप फ्लैट सरफेस पर वॉकिंग, जॉगिंग या बाइकिंग करने से लेकर थोड़े पहाड़ी इलाकों पर बाइकिंग करके या 30 मिनट की बजाय 45 मिनट स्विमिंग करके अपनी एक्टिविटी की इंटेंसिटी और समय बढ़ा सकते हैं |
    • छोटे, ज्यादा आसानी से हासिल होने योग्य लक्ष्यों के साथ शुरुआत करने वाले लोग अपनी योजनाओं पर अडिग रह पाते हैं | बड़े बदलावों पर बने रहना काफी मुश्किल होता है इसलिए कुछ ऐसा खोजें जो आपको आनंद दे और पूरा करने योग्य हो |
  4. ज्यादातर दिनों में 30 मिनट की कार्डियोवैस्कुलर एक्टिविटी शामिल करें: फिजिकल फिटनेस बढाने के लिए कार्डियोवैस्कुलर एक्टिविटी किसी भी प्लान का जरुरी हिस्सा होती हैं | प्रति सप्ताह 150 मिनट (या प्रति सप्ताह पांच दिन 30 मिनट) एक्सरसाइज करने की सिफारिश की जाती है इसलिए अपने शिड्यूल में इतनी एक्टिविटी करने की कोशिश करें | [3]
    • अल्टरनेटिव रूप से, आप 75 मिनट की तीव्र कार्डियोवैस्कुलर एक्टिविटी कर सकते हैं | उदाहरण के लिए, आप प्रत्येक सप्ताह के पांच दिनों में 15 मिनट की किकबॉक्सिंग, सीडियां चढना या रनिंग करें |
    • ध्यान रखें कि लम्बे समय तक एक्सरसाइज करना ही बेहतर होता है | अगर आप हर सप्ताह 300 मिनट की मॉडरेट एरोबिक एक्टिविटी में फिट रह सकते हैं तो आपको हर सप्ताह 150 मिनट की एक्सरसाइज करने की तुलना में इससे ज्यादा स्वास्थ्य लाभ मिल पाएंगे |
  5. स्ट्रेंथनिंग ट्रेनिंग भी फिजिकल फिटनेस के लिए जरुरी होती है लेकिन आपको प्रत्येक सप्ताह केवल दो स्ट्रेंथनिंग ट्रेनिंग वर्कआउट करने पड़ेंगे | ध्यान रखें कि इन दो वर्कआउट से आप सभी बड़े मसल्स ग्रुप को टारगेट कर पायें जिसमे पैर, हाथ, पीठ, छाती, हिप्स, पैर और कन्धों की मसल्स शामिल हैं | दोनों ही वर्कआउट से एक ही बार में सभी मसल्स ग्रुप्स पर फोकस नहीं हो पाता |
    • उदाहरण के लिए, एक वर्कआउट आपकी भुजाओं, पीठ, छाती और कन्धों पर फोकस कर सकती है | जबकि दूसरी का फोकस पैर, हिप्स और पैरों पर हो सकता है |
  6. एक्सरसाइज क्लासेज से वर्कआउट अच्छी तरह से हो जाते हैं और इसके साथ ही सोशल आउटलेट भी मिलता है | खुद से वर्कआउट करने की बजाय ग्रुप एक्सरसाइज क्लासेज से भी आपको मोटीवेटेड रहने में मदद कर सकती हैं | [4] कुछ एक्सरसाइज क्लासेज ज्वाइन करें जैसे:
    • स्पिनिंग
    • जुम्बा
    • स्टेप
    • योग
    • Tai chi
    • पिलेट्स
  7. दिन में छोटी-छोटीक कई सारी फिजिकल एक्टिविटी करते रहने से भी फिजिकल फिटनेस को सुधारने में मदद मिल सकती है | भले ही आपके पास केवल थोडा ही समय हो फिर भी आप उस समय का लाभ उठा सकते हैं और अपने दिन में छोटी-छोटी फिजिकल एक्टिविटी शामिल कर सकते हैं |
    • उदाहरण के लिए, आप कमर्शियल ब्रेक-अप के दौरान थोड़े सिट-अप्स कर सकते हैं | इसके लिए अपनी कार को ग्रोसरी स्टोर के प्रवेश द्वार से थोडा दूर पार्क करें या एलीवेटर की जगह पर सीढ़ियों का इस्तेमाल करें | इन सभी तरह के छोटे-छोटे बदलावों से कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ में सुधार आता है और स्ट्रेंग्थ डेवलप होती है |
  8. अगर आपको मोटीवेटेड रहने में काफी मुश्किल होती है या समझ न आ रहा हो कि शुरुआत कहाँ से करना है तो पर्सनल ट्रैनर आपकी मदद कर सकते हैं | ट्रैनर के साथ काम करने से आप बेहतर तरीके से फिटनेस के प्रयास की शुरुआत कर सकते हैं और उनके साथ काम करने से आप अपने प्रोग्राम पर भी आसानी से अडिग बने रह सकते हैं |
    • पर्सनल ट्रैनर एक्सरसाइज में आपकी रूचि बनाये रखने के लिए कुछ असरदार वर्कआउट स्ट्रेटेजीज भी सिखा सकते हैं और रिजल्ट्स पर नजर रख सकते हैं | कुछ पर्सनल ट्रैनर आपको डाइट प्लान आइडियाज और बेहतर रिजल्ट पाने के बारे में सलाह भी दे सकते हैं |
विधि 2
विधि 2 का 3:

भोजन सम्बन्धी आदतें सुधारें

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  1. पता लगायें कि आपको प्रतिदिन कितनी कैलोरी की जरूरत पड़ती है: अपनी फिजिकल फिटनेस बढाने के लिए, आपको अपनी डाइट पर भी सावधानीपूर्वक ध्यान देने की जरूरत होगी | अगर आप वज़न घटाने की कोशिश कर रहे हैं तो आप जितनी कैलोरी बर्न करते हैं, उससे बहुत कम कैलोरी लेनी होगी | अगर आप वज़न बढ़ाना चाहते हैं तो ज्यादा खाना होगा |
    • आपके द्वारा खायी जाने वाली हर एक चीज़ का रिकॉर्ड रखें | चाहे आप वज़न घटा रहे हों या बढ़ा रहे हों, अपने प्रतिदिन के आहार की मात्रा पर सावधानीपूर्वक नज़र रखनी होगी | अपनी कैलोरी इन्टेक का ट्रैक रिकॉर्ड रखने के लिए एक फ़ूड डायरी मेन्टेन करें |
    • फ़ूड की मात्रा नापें: डेली बेसिस पर लिए जाने वाले फ़ूड बहुत ज्यादा या बहुत कम मात्रा में तो नहीं लिए जा रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए फ़ूड या भोजन की मात्रा का नापना बहुत जरुरी होता है | आप जो भी खाएं, उसके लेबल्स पढ़ें और उचित हिस्से को नापें जिससे सुनिश्चित हो सके कि आप प्रतिदिन सही मात्रा में कैलोरी ले रहे हैं |
  2. आप जो भी खाते हैं, उसका रिजल्ट्स पर और आप कैसा फील करते हैं, उस पर बहुत असर डालता है | इसीलिए, जरूरी है कि फिटनेस लक्ष्य हासिल करने की दिशा में काम करते समय बैलेंस्ड डाइट ली जाए | नीचे दी गयी चीज़ों में से कुछ चीज़ों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए:
    • फल और सब्जियां जैसे केले, सेव, संतरे, ब्रोकॉली, पालक, गाजर और मिर्च |
    • लीन प्रोटीन जैसे स्किनलेस चिकन, वाइल्ड सॉकआई सामन (wild sockeye salmon), सीड्स, नट्स, एग, सोया, डेरी, बीन्स, दालें और चने | कुछ अनाज लीन प्रोटीन के काफी अच्छे सोर्स होते हैं जैसे क़ुइओना, हेम्प, अमरंथ (amaranth), बकव्हीट और चिया |
    • ब्राउन राइस, व्होल व्हीट पास्ता, व्होल व्हीट ब्रेड और क़ुइओना जैसे काम्प्लेक्स कार्बोहायड्रेट | [5]
  3. जब आप अपनी डाइट में हेल्दीफूड्स शामिल कर रहे हों तो अस्वस्थकर चॉइसेस से जितना दूर रह सकें, रहे | अपने खाने में से इन चीज़ों को कम करने की कोशिश करें: [6]
    • मीठे अनाज, कैंडी और बेक की गयी चीज़ें जैसे हाई शुगर और/या ट्रांस फैट वाली चीज़ों को |
    • तले या चिकनाई वाले फूड्स जैसे प्याज के पकौड़े, फ्रेंच फ्राइज और तली हुई फिश |
    • बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड चीज़ें जैसे कैंड सूप, क्रैकर्स और फ्रोजन डिनर |
  4. पानी पीते रहने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और इससे पेट अस्थायी रूप से भर जाता है जिससे भूख भी कम लगती है | [7] हाइड्रेटेड रहने के लिए हर दिन कम से कम 8 औंस (250 मिलीलीटर) पानी पियें |
    • अगर आप एक्सरसाइज कर चुके हैं तो आपको शरीर से पसीने के रूप में निकले हुए पानी की क्षति-पूर्ति करने के लिए आपको और ज्यादा पानी पीना होगा |
    • जूस, सोडा और कॉफ़ी जैसे नॉर्मली पीये जाने वाले पेय के पानी की अदला-बदली करते रहें |
विधि 3
विधि 3 का 3:

लाइफस्टाइल में बदलाव लायें

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  1. अपने एक्टिविटी लेवल या डाइट में कोई बड़े बदलाव करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें | कुछ लोगों को उनकी मेडिकल कंडीशन के आधार पर उनकी डाइट और एक्सरसाइज लेवल पर कुछ निषेध होते हैं इसलिए अपनी डाइट या एक्टिविटी लेवल में बड़े बदलाव करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें |
    • अपनी मेडिकल कंडीशन के आधार पर इन्टरनेट के मिलने वाले निषेधों को फॉलो न करें | प्रत्येक कंडीशन यूनिक होती है इसलिए इसके बारे में डॉक्टर ही आपको बेहतर बता सकेंगे |
  2. अगर आप ओवरवेट हैं तो वज़न घटायें : ओवरवेट रहने से डायबिटीज जैसे कई लम्बे समय तक बनी रहने वाली बीमारियाँ होने की रिस्क बढ़ जाती है और इससे आप फिजिकल फिट भी नहीं रह पाते | अगर ज्यादा मोटापा हो तो आपको वेटलॉस प्रोग्राम शुरू करना चाहिए |
    • ध्यान रखें कि स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए आपको बहुत सारा वज़न कम करने की जरूरत नहीं पड़ती | बल्कि अपने शरीर के कुल भार का 5 से 10% वज़न कम करने से भी ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम किया जा सकता है और ब्लड शुगर लेवल को सुधारा जा सकता है | [8]
  3. स्मोकिंग छोड़ें : स्मोकिंग आपके फिटनेस के लक्ष्य को प्रभावित कर सकती है और इससे कैंसर, emphysema, और COPD जैसी प्राणघातक बीमारियाँ भी हो सकती है | ऐसी कई डॉक्टर द्वारा बताई दवाएं और नशामुक्ति प्रोग्राम होते हैं जो स्मोकिंग छोड़ने में आपकी मदद कर सकते हैं |
    • आप पर प्रत्येक ट्रीटमेंट काम नहीं कर सकता | सही उपाय मिलने तक आपको कई तरह के इलाज़ आजमाने होंगे |
    • इलाज़ से तुरंत रिजल्ट मिलने की उम्मीद न रखें | कुछ इलाज़ में बेहतर रिजल्ट्स मिलने में कई सप्ताह का समय लग सकता है |
  4. बहुत ज्यादा मात्रा में अल्कोहल लेने से आपको फिजिकल फिटनेस में सुधार लाने में परेशानी हो सकती है | अल्कोहल आपकी डाइट में खाली कैलोरी जोड़ देता है और इससे डिहाइड्रेशन, थकान और दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं | अगर आप महिला हैं तो एक दिन में एक ड्रिंक से ज्यादा न लें और अगर आप पुरुष हैं तो एक दिन में दो ड्रिंक्स से ज्यादा न लें | [9]
    • अगर आप अक्सर अल्कोहल का सेवन करते रहते हैं और/या अल्कोहल इन्टेक को संयमित करने में परेशानी अनुभव करें तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए | ड्रिंकिंग छोड़ने के लिए आपको इलाज की जरूरत पड़ सकती है |

सलाह

  • अपनी एक्सरसाइज, डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव के प्रति नियमित रहें | रिजल्ट्स दिखने में थोडा समय लग सकता है इसलिए अपने प्रोग्राम जारी रखें और धीरज रखें |

विकीहाउ के बारे में

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