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घर में प्रकृति को लाने का सबसे आश्चर्यजनक तरीका है फ्रेश वाटर ऐक्वेरियम सेटअप करना। ऐक्वेरियम सेटअप करना पहली निगाह में जितना मुश्किल लगता है यह उससे भी ज्यादा आसान होता है। इसके लिए आपको अपने पेट-स्टोर में ढेर सारे सामानों की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी, शुरू करने के लिए बस कुछ आधारभूत चीजों की ही आवश्यकता पड़ेगी। कुछ ही समय में आप शान से अपने ऐक्वेरियम में मछलियों को तैरते हुए देखेंगे।

विधि 1
विधि 1 का 4:

टैंक और स्टैंड सेटअप करना

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  1. जिस टैंक को आप चुनें वह इतना बड़ा जरूर होना चाहिए कि उसमें आपकी योजना के मुताबिक चुनी जाने वाली विभिन्न तरह की मछलियां और उनकी संख्या के अनुसार पर्याप्त पानी आ जाये। इस विषय में आपने जिस एक इंच प्रति गैलन के नियम के बारे में आपने सुना है वह थंब-रूल छोटे या बड़े टैंक के लिए लगभग बेकार ही साबित होता है। आप कभी भी दो पाँच इंच साइज़ की मछलियों को एक 10 गैलन (37.9 ली) साइज़ के ऐक्वेरियम में नहीं रखेंगे। अलग-अलग तरह की मछलियों के लिए अलग-अलग साइज़ के स्थान की आवश्यकता होती है और उनसे उत्सर्जित पदार्थ की मात्रा भी अलग-अलग होती है। आम तौर पर मछली जितनी बड़ी होती है, उतना ही अधिक पदार्थ उत्सर्जित करती है और उतना ही अधिक उसकी पानी की आवश्यकता होती है। इस बात को भी ध्यान में रखें कि जीवित पौधे और सजावट की सामाग्री भी जगह घेरते हैं।
    • ऐसे भी कैलकुलेटर्स होते हैं जो आपको यह निर्णय लेने में सहायता करते हैं कि किस साइज़ के टैंक के लिए, आपसी ताल-मेल अच्छा रखने के लिए तथा अन्य आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर किस तरह की मछलियां ऐक्वेरियम में रखना सुरक्षित होगा। [१]
    • एक 55 गैलन (208.2 ली) साइज़ के टैंक को मानक साइज़ का माना जाता है जिसमें कई तरह की मछलियाँ रख सकते हैं। एक नए शौकीन के रूप में अभी आप इससे बड़ा ऐक्वेरियम नहीं बनाना चाहेंगे। [२]
    • आप चाहें तो शुरुआत में 20 या 25 गैलन (75.7 या 94.6 ली) साइज़ का टैंक लेकर उसमें कुछ चुनी हुई मछलियाँ (मोलीज़, गप्पीज़, प्लेटिस, टेट्रा, छोटी कोरी कैट्स आदि) यह देखने के लिए रख सकते हैं कि आपका शौक पूरा हो रहा है या नहीं।
    • आप चाहे जो भी निर्णय करें लेकिन 10 गैलन (37.9 ली) से छोटे टैंक से शुरू मत करें अर्थात डेस्कटॉप ऐक्वेरियम या छोटा सिंगिल बेटा होल्डर्स न लें। ये आपके मछलियों के लिए पर्याप्त बड़े नहीं होंगे। छोटे टैंक देखने और खरीदने में तो काफी आकर्षक होते हैं परंतु इनमें अच्छे क्वालिटी के पानी का रख-रखाव करना बहुत मुश्किल होता है।
  2. 20 गैलन (75.7 ली) या इससे अधिक भार वाले ऐक्वेरियम के लिए, चाहे जो हो, स्टैंड आवश्यक होता है। ऐसा स्टैंड खरीदें जो आपके टैंक के डाइमेंशन और आकृति के अनुसार हो। किसी भरे हुए फिश टैंक के वज़न को कम करके मत आँकें। सुनिश्चित करें कि स्टैंड की रेटिंग या तो आपके टैंक के साइज़ के लिए उचित है और या खास कर इसे टैंक के हिसाब से पर्याप्त मजबूत बनाया गया है। स्टैंड को इतना मजबूत होना चाहिए कि यह टैंक का वज़न वहन कर सके क्योंकि टैंक की विश्वसनीयता के लिए यह आवश्यक होता है। इसके अतिरिक्त सुरक्षा की दृष्टि से, टैंक के किनारे बाहर निकले हुए नहीं होने चाहिए।
    • ड्रेसिंग टेबल, टीवी स्टैंड या डेस्क आदि ऐसे फर्नीचर होते हैं जो पर्याप्त मजबूत नहीं होते हैं।
    • बड़े बाक्स पेट स्टोर में टैंक का सम्पूर्ण किट देखें। क्रेग्लिस्ट (Craigslist) जैसे वेब-साइट पर उपयोग किये जा चुके सेट-अप्स अक्सर महंगे होते हैं लेकिन उन्हें प्रयोग में लाने से पहले यह अवश्य सुनिश्चित कर लें कि टैंक कहीं से लीक तो नहीं कर रहा है और अच्छी तरह से साफ है।
    • यदि आप सम्पूर्ण सेटअप नहीं खरीदते हैं तो सुनिश्चित करें कि जो भी उपकरण आप खरीद रहे हैं उसकी रेटिंग आपके टैंक के साइज़ के अनुसार है।
  3. सही जगह का चुनाव करना आपके मछलियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। आप इसे ऐसी जगह रखना चाहेंगे जहां तापमान अधिकांशतः एक जैसा बना रहे और रोशनी बहुत ज्यादा तीव्र न हो। फिल्टर के लिए दीवार और ऐक्वेरियम के बीच कम से कम 5 इंच (12.7 सेमी) जगह जरूर छोड़ें। टैंक रखने के लिए जगह का चुनाव करते समय नीचे दी गई कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए:
    • ज्यादा रोशनी के कारण शैवालों की वृद्धि अत्यधिक बढ़ जाती है जिससे उसके रख-रखाव में अत्यधिक परेशानी आ जाएगी। तेज़ रोशनी से दूर किसी अंदरूनी दीवार के पास की जगह सर्वोत्तम होती है।
    • टैंक को किसी झरोखे के नीचे न रखें अन्यथा हवा के साथ धूल फिश टैंक में चली जाएगी। साथ ही पानी का तापमान भी स्थिर बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा जो सभी मछलियों के स्वस्थ रहने के लिए महत्वपूर्ण होता है और कुछ के लिए तो जीवनदायी होता है।
    • इस बात का भी ध्यान रखना आवश्यक है कि फर्श इतना मजबूत हो कि पूर्ण रूप से भरे हुए ऐक्वेरियम का वज़न सह सके। सुनिश्चित करें कि फर्श के नीचे पर्याप्त संरचनात्मक सपोर्ट है। यदि आवश्यक हो तो घर के ब्लू प्रिंट में क्रास-बीम्स का अध्ययन करें।
    • किसी ऐसे स्थान का चुनाव करें जो पानी के निकास मार्ग के निकट हो और इस बात का भी ध्यान रखें कि टैंक के साप्ताहिक रख-रखाव के लिए कितना पानी बहाना पड़ेगा। सच पूछिये तो यह एक अच्छा विचार है कि आप एक सर्ज प्रोटेक्टर पावर स्ट्रिप लगाएँ और निश्चिंत होकर वहाँ से चले जाएँ।
    • टैंक को वूडेन फ्लोर पर सेटअप करना आदर्श होता है न कि किसी गलीचे आदि पर।
विधि 2
विधि 2 का 4:

फिल्टर इन्स्टाल करना और ग्रैवेल्स डालना

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  1. कौन सा फिल्टर सिस्टेम आप प्रयोग करना चाहेंगे इसका निर्णय करें: सबसे अधिक आसानी से प्रयोग में आने वाले फिल्टर्स या तो “अंडरग्रैवेल फिल्टर्स” (undergravel filters) हैं (जो पहली बार सेटअप करने वालों के लिए संस्तुत है) या फिर “पावर फिल्टर्स” (power filters) जो टैंक के पीछे लटके रहते हैं। टेक्नोलोजी में फँसने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे भी पावर फिल्टर्स होते हैं जो मेकैनिकल और बायोलाजिकल दोनों ही तरह का फिल्टरेशन करते हैं और उनका प्रयोग और सफाई भी आसान है।
    • यदि आप एक अंडरग्रैवेल फिल्टर का चयन करते हैं तो इस बात को सुनिश्चित्त करें कि जो भी एयर पंप या पावरहेड आप खरीदें वह टैंक के साइज़ के अनुसार पर्याप्त रूप से मजबूत हो। यहाँ पर “जितना बड़ा उतना बेहतर” वाली कहावत चरितार्थ होती है। नोट करे कि यदि आप ग्रैवेल को नियमित रूप से वैक्यूम नहीं करेंगे तो यह अंडरग्रैवेल फिल्टर को जाम कर देगा और इसे कातिल ज़ोन बना देगा। याद रखें, यदि आप बालू या कोई अन्य महीन पदार्थ प्रयोग करने की योजना बना रहे हैं तो आप अंडरग्रैवेल फिल्टर का प्रयोग नहीं कर सकते हैं।
    • यदि आप पावर फिल्टर चुनते हैं तो वह ऐसा होना चाहिए जो टैंक की साइज़ के अनुसार पर्याप्त पानी सर्कुलेट कर सके। (आदर्श रूप से इसे टैंक की क्षमता के अनुसार हर घंटे 5 या अधिक बार पानी फिल्टर करना चाहिए। उदाहरण के लिए एक 10 गैलन वाले टैंक के लिए आपको ऐसे फिल्टर की जरूरत पड़ेगी जो प्रति घंटे 50 गैलन पानी सर्कुलेट कर सके।)
  2. इन्स्टाल करने की विधि फिल्टर के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती है। पता करें कि आपके उपकरण के लिए कौन सा सबसे बेहतर काम करेगा।
    • अंडरग्रैवेल फिल्टर्स के लिए फिल्टर प्लेट अंदर लगायें और सुनिश्चित करें कि उसमें लिफ्ट-ट्यूब्स फिट है। (यदि आपके पास सब-मर्सिबुल पावर हेड है तो आपको केवल एक की ही आवश्यकता पड़ेगी परंतु यदि आपके पास ट्रेडीशनल एयर पंप है तो 40 गैलन से कम वाले अधिकांश टैंकों के लिए दोनों तरफ के लिए एक-एक अर्थात कुल दो एकदम ठीक रहेंगे। इसे तबतक ऑन नहीं करना चाहिए जबतक टैंक पूर्ण रूप से पानी से भर न जाये। यदि आपके पास अंडरग्रैवेल फिल्टर है तो अब आप अपने पंप एयरलाइन या पावरहेड को उचित लिफ्ट-ट्यूब्स से जोड़ें। इसे ऑन न करें।
    • यदि आप एक एक्स्टर्नल पावर फिल्टर चुनते हैं तो इसे टैंक के पीछे ऐसी जगह सेटअप करें जहां बाहर निकल रहे पानी का एक समान वितरण हो। कुछ टैंक के हुड में पहले से ही उचित छेद बने रहते हैं जिससे उपकरण को सही स्थिति में लगाने में आसानी होती है। इसे तबतक ऑन न करें जबतक टैंक पानी से पूरी तरह भर न जाये।
  3. एक स्वस्थ ऐक्वेरियम के तली में लगभग 2 से 3 इंच (5 से 7.5 सेमी) ग्रैवेल या बालू होना आवश्यक है इससे मछलियों को जल के अंदर का माहौल पसंद आता है। जिन जगहों पर ऐक्वेरियम बिकता है वहीं से सस्ते ग्रैवेल (विभिन्न रंगों के विकल्प के साथ) और प्ले-सैंड स्टिक (काले या प्रकृतिक सफ़ेद या भूरे) खरीदे जा सकते हैं। मछलियों और इनवर्टिब्रेट्स के लिए बालू सबसे अच्छा होता है क्योंकि वे उसमें घुस कर रहते हैं लेकिन बालू को नियमित रूप से चलाते रहना चाहिए नहीं तो उनमें डेड-स्पॉट बन जाएँगे जो टैंक के लिए बहुत घातक साबित हो सकता है।
    • ऐक्वेरियम में डालने से पहले ग्रैवेल और बालू को साफ पानी से धो लें। [३] पानी में जितनी कम गंदगी होगी, फिल्टर चालू होने पर उसकी उतनी आसानी से सफाई हो पायेगी। वैसे तो यह प्रक्रिया सभी के साथ होना चाहिए परंतु बालू के साथ यह बेहद जरूरी है।
    • ग्रैवेल को अच्छे से बार-बार धुलें। धुलाई के लिए साबुन का प्रयोग बिलकुल न करें क्योंकि यह मछलियों के लिए बेहद हानिकारक और यहाँ तक कि प्राणघातक होता है।
    • ऐक्वेरियम के तल में स्थित सब्स्ट्रेट के लेवेल को पीछे की ओर थोड़ा ऊंचा उठायेँ।
    • यदि आपके पास अंडरग्रैवेल फिल्टर है तो धुले हुए ग्रैवेल को फिल्टर के सतह में एक बराबर चारों ओर बिछायेँ। (ग्रैवेल को एक बार में थोड़ा-थोड़ा डालें और उसे उस तरह बैठने दें जैसा आप चाहते हैं लेकिन इसका एक कारण और भी है कि यदि आप ज्यादा तेजी से डालेंगे तो टैंक की दीवारों पर स्क्रैच पड़ सकता है।
    • सब्स्ट्रेट के ऊपर एक प्लेट रख दें ताकि पानी डालने पर यह बिखर न जाये।
  4. इसी समय इन सब वस्तुओं को जिस तरह लगाने के लिए आपने सोच रखा है वैसे ही लगाएँ अन्यथा एक बार पानी भर जाने और मछलियों को डाल देने के बाद आप नहीं चाहेंगे कि आपको उसमें हाथ डालना पड़े।
विधि 3
विधि 3 का 4:

पानी डालना और गरम करने का प्रबंध करना

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  1. टैंक में लगभग 2 इंच पानी भरें और उसके बाद आधे घंटे तक प्रतीक्षा करें। यदि पानी कहीं से चू रहा होगा तो बेहतर है कि अभी पता चल जाए न कि पूरा टैंक भर जाने के बाद। यदि कहीं से चू न रहा हो तो टैंक के एक तिहाई भाग को भर दें।
    • इस कार्य को किसी ऐसी जगह करें जहां पानी चूने से आपको कोई समस्या न हो। सील करने के लिए सामान अपने हाथ में रखें ताकि आप टैंक को सुखाते जाएँ और सील करते जाएँ।
  2. पौधे एक कार्यशील सजावट होते हैं; यांत्रिक फिल्टर के लिए प्लैंकटान ब्लूम को नियंत्रित करना कठिन होता है लेकिन जीवित पौधे इस कार्य को बेहद आसानी से कर लेते हैं। बहुत सी मछलियों को स्वस्थ बने रहने में पौधे वास्तव में मददगार होते हैं। पौधों के अतिरिक्त आप ड्रिफ्टवुड या विशेषकर फ्रेश वाटर ऐक्वेरियम के लिए डिजाइन किए गये अन्य सजावटी सामान का भी उपयोग कर सकते हैं। टैंक में ऐसी-वैसी वस्तु न डालें:
    • जिस तरह की मछलियों को आप टैंक में डालना चाहते हैं उसी के अनुसार पौधों को चुनें। तने और पत्तियों को छोड़कर जड़ों को ग्रैवेल में डुबो दें।
    • कुछ पौधों को किसी सहारे से बांधने की जरूरत पड़ती है इसलिए कुछ फिशिंग-लाइन ले लें (यह पौधों या मछलियों को हानि नहीं पहुंचायेगा) और पौधे को किसी सजावटी सामान या ठीक से साफ किए गये ड्रिफ्टवुड के टुकड़े या पत्थर के साथ बांध दें।
  3. एक बार यह सुनिश्चित हो जाये कि सजावट की सारी सामाग्री आपकी इच्छानुसार लग गयी है उसके बाद टैंक को, ऊपर से 1 इंच (2.5 सेमी) की जगह छोडकर, पूरा भर लें।
  4. फिल्टर के रिजर्वायर को पानी से भरें और प्लग लगा दें। दो मिनट बाद पानी को आसानी से बिना किसी आवाज के सरकुलेट होना चाहिए। यदि आपके पास अंडरग्रैवेल फिल्टर है तो पावरहेड / पंप को प्लग से लगाएँ। पानी को लिफ्ट-ट्यूब्स में ऊर्ध्वाधर दिशा में बहना शुरू कर देना चाहिए।
    • 1 से 2 घंटे तक प्रतीक्षा करें और फिर जांच करें कि तापमान अभी भी सुरक्षित रेंज में है और पानी ठीक ढंग से सरकुलेट हो रहा है।
  5. यह सक्सन कप्स से जुड़ जाएगा। इसे, फिल्टर के मुंह पर या उसके पास जहां से पाने बाहर निकलता है, लगाने का प्रयास करें। इस तरह पानी एक बराबर गरम होगा। नए हीटर में लगे हुए थर्मोस्टैट अब स्वीकार्य तापमान रेंज 70-77० फा (21-25० से) पर पहले से ही सेट हुए आते हैं। हीटर को प्लग में लगाएँ और थर्मामीटर को स्थापित करें। इसे तबतक ऑन न करें जबतक टैंक पूरी तरह से पानी से भर न जाये।
    • पूर्ण रूप से डूबे रहने वाले हीटर प्रयोग करने में सबसे ज्यादा आसान होते हैं। ऐसा हीटर देखें जिसके साथ ऐड्जेस्टेबल थर्मोस्टेट लगा हो क्योंकि भिन्न-भिन्न मछलियों को भिन्न-भिन्न तापमान पसंद होता है। इसका सीधा नियम यह है कि हर गैलन पानी के लिए 3-5 वाट हीट होना चाहिए। अधिकांश मछलियों को 70-80०फा का तापमान पसंद आता है। मूलतः, किसी कम्यूनिटी टैंक में तापमान को 78-82० फा (28-32०से) के बीच रखें।
    • कुछ रोशनी के स्रोत (कभी-कभी स्टार्टर किट के साथ ही आते हैं) इतनी ऊष्मा उत्पन्न करते हैं कि पानी के तापमान में बहुत अधिक परिवर्तन हो जाता हैं। जब इन्हें बंद किया जाता है तो उसी तरह से तापमान कम भी हो जाता है। यह मछलियों के लिए अच्छा नहीं है। यदि ऐसा होता है तो हार्डवेयर स्टोर में जाकर एक इस तरह का ले आयें जो इतनी अधिक गर्मी न उत्पन्न करता हो।
  6. टैप वाटर में क्लोरीन के साथ अन्य रसायन भी पाये जाते हैं जो मछलियों के लिए प्राणघातक होते हैं इसीलिए इसमें न्यूट्रलाइजर डालना आवश्यक होता है जबतक कि आप डिस्टिल्ड वाटर का प्रयोग नहीं करते हैं। डी-क्लोरीनेटर को बोतल पर लिखे निर्देशों के अनुसार डालें। इसी समय सेफ-स्टार्ट (SafeStart), जो एक बैक्टीरियल कैटेलिस्ट है, के शुरुआती खुराक को भी डाल देना चाहिये जिससे बैक्टीरिया की ग्रोथ और तेज हो जाती है।
  7. मछली-रहित चक्र (cycle) संबन्धित निर्देश के लिए (लाभदायक बैक्टीरिया को सबसे मानवीय ढंग से उगाने के लिए हर टैंक में इसकी जरूरत पड़ती है) मछली-रहित चक्र पूरा करें (Do a Fishless Cycle) देखें। किसी भी मछली को टैंक में डालने से पहले चक्र पूरा हो जाना चाहिए अन्यथा मछलियाँ मर जाएंगी। साइकिल के दौरान आपको पानी के मानदंड (पीएच, हाई पीएच, अमोनिया, नाइट्राइट और नाइट्रेट) की जांच करना होता है। जब अमोनिया, नाइट्राइट और उसके बाद नाइट्रेट की संख्या शून्य हो जाती है तो समझ लीजिए कि शुरुआती नाइट्रोजन चक्र पूरा हो गया और अब आप मछली को टैंक में डाल सकते हैं। (अमोनिया और नाइट्राइट को साथ-साथ चलाने के लिए आपको अमोनिया-रिमूवर प्रयोग करने की आवश्यकता पड़ सकती है। नाइट्रेट्स को घटाने का एक मात्र तरीका होता है पानी बदलना और भौतिक रूप से खराब केमिकल्स को बाहर निकालना।)
    • पानी की जांच करते रहना याद रखें विशेषकर जब टैंक नया हो। अपने फिश-टैंक को साफ बनाये रखने के लिए आपको प्रतिदिन 15% पानी बदलते रहना होगा।
विधि 4
विधि 4 का 4:

मछली डालना

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  1. विक्रेता से इस बात की चर्चा करें कि कौन-कौन सी ताजे पानी वाली और ट्रापिकल मछलियां चाहिए। वे आपको बताएँगे कि कौन-कौन सी मछलियां एक दूसरे के साथ रह सकती हैं और कौन-कौन सी नहीं। अपने क्षेत्र में किसी स्थानीय मछली स्टोर में बात करें क्योंकि उनके पास सही जानकारी भी होती है और अच्छे किस्म की मछलियाँ भी। अच्छे स्टोर्स में आमतौर पर स्वच्छ जल और खारे जल के मछलियों की अनुकूलता सारिणी होती है।
    • हो सकता है कि आपको दो अलग-अलग तरह की मछलियाँ बेहद पसंद हों परंतु उनमें अनुकूलता नहीं भी हो सकती है। उन दोनों को एक साथ रखने का परिणाम यह होगा कि दोनों ही तनावग्रस्त होकर रंगहीन हो जाएंगी। (तनावग्रस्त होने पर मछलियों का रंग उड़ जाता है) और अंततोगत्वा जो दबंग नहीं होगी वह मर जाएगी। फिर पैसा खर्च करने का फायदा क्या है?
    • यदि यह आपका पहला टैंक है तो ऐसी मछलियां न लें जो ज्यादा अनुभवी या मध्यम अनुभवी ऐक्वेरियम मालिकों के लिए संस्तुत होते हैं। जैसे कुत्ता खरीदने के लिए कहा जाता है कि एक कारण होता है जिसके वजह से वह किसी शुरुआती व्यक्ति के लिए नहीं होता है।
    • बड़ी मछलियों के साइज़ के संबंध में सावधान रहें (बेबी मछली के लिए नहीं) और ऐसी मछली न लें जिसे आगे चलकर आप संभाल न पाएँ। यही फ्रेशवाटर शार्क्स और केकड़ों पर भी लागू होता है (जो हर समय भाग निकालने के फिराक में रहते हैं ) या सिकलिड्स (Cichlids) और ऐसे जानवर जो अपने को गड्ढे में छुपाए रहते हैं। यह मछलियों के लिए न्यायसंगत नहीं होता है।
    • गुप्पीज (Guppies) या मोलीज़ (mollies) शुरुआत करने के लिए बहुत अच्छी मछलियाँ होती हैं। परंतु यह सब आपके टैंक साइज़ पर निर्भर करता है। यदि आपके टैंक का साइज़ 5-10 गैलन है तो आप 3-4 अफ्रीकी बौने मेंढक या एक बेट्टा या संभवतः एक बेट्टा और कुछ झींगे पा सकते हैं। किसी भी मछली को टैंक में डालने से पहले उसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी एकत्रित कर लें। 1 इंच (2.5 सेमी) मछली प्रति गैलन के नियम को सदैव याद रखें।
  2. जिन मछलियों को आप अंततः अपने टैंक में देखना चाहते हैं उनके बारे में जानकारी प्राप्त करें और उनमें से दो सबसे छोटी वाली खरीदें (यह नियम स्कूलिंग फिश जो 4 के समूह और आदर्श रूप से 6 से अधिक लिए जाते हैं, उन्हें छोड़कर सभी तरह के मछलियों पर लागू होता है)। आप हर दो सप्ताह में मछलियों का एक नया ग्रुप डाल सकते हैं। सबसे बड़ी मछली को सबसे अंत में डालें।
  3. विक्रेता एक पारदर्शी साफ बैग में पानी भरकर उसमें मछली को डालेगा और उसके बाद उसमें ऑक्सीज़न प्रवाहित करके आपको देगा। रास्ते में लाते समय यह सुनिश्चित करें कि बैग इधर – उधर न डोले या उसपर कोइ अन्य वस्तु न गिर जाये जिससे उसे हानि पहुंचे। सीधे घर जाएँ। मछली, पानी और आक्सीजन पर ही जिंदा रहती है जो बैग में उपस्थित आक्सीजन की मात्रा के अनुसार मात्र 2 1/2 घंटे के लिये ही पर्याप्त होता है। इससे लंबी दूरी यदि तय करनी है तो मछली को विशेष विधि से पैक करना जरूरी होता है।
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    जब विक्रेता आपको मछली पकड़ कर बैग में देता है तो आप घर आकर बैग को टैंक में ही स्थापित कर दें: बैग को टैंक में लगभग 20 से 30 मिनट तक रहने दें। उसके बाद बैग को खोलें और टैंक का थोड़ा पानी उसमें जाने दें। सुनिश्चित करें कि बैग का पानी टैंक में न जाने पाये। इसे पुनः 20 से 30 मिनट के लिए टैंक में रहने दें। अब धीरे से मछली को बैग से छानकर बाहर निकालें और बैग में बचे हुए पानी को सिंक में डाल दें।
  5. पहले 10 दिनों में 2 या 3 मछलियों से शुरू करें उसके बाद 2 या 3 मछलियां और डालें तथा 10 दिनों के लिए प्रतीक्षा करें। यदि आप एक ही बार में नए टैंक में ज्यादा मछलियाँ डाल देंगे तो पानी अपना चक्र पर्याप्त रूप से पूरा नहीं कर पाएगा और शीघ्र ही विषैला हो जाएगा। प्रथम 6 से 8 सप्ताह के लिए धैर्य ही सफलता की कुंजी होता है। अब यहाँ पर लोग बहुत बड़ी गलती करते हैं कि वे खरीदते तो स्कूलिंग फिश हैं परंतु 1 या 2 ही। यह मछली के लिए बहुत ही तनावपूर्ण और क्रूरता भरा होता है। एक स्कूल का अर्थ है कि कम से कम 5 का समूह। इस संदर्भ में एक बहुत ही अच्छी पुस्तक है "दी सिंपुल गाइड टु फ्रेश वाटर ऐक्वेरियम बाई डेविड ई बोरुचोविट्ज” (The simple guide to freshwater aquariums by David E Boruchowitz)।

सलाह

  • यदि विकल्प उपलब्ध हो तो फ़्लोरोसेंट बल्ब प्रयोग करें, इसमें मछलियों के रंग बहुत सुन्दर दिखते हैं और गरमी भी कम उत्पन्न होती है।
  • लाभदायक बैक्टीरिया को बढ्ने में समय लगता है इसलिए यदि ज्यादा मछलियाँ एक ही बार में डाल देंगे तो फिल्टर पर अनावश्यक बोझ पड़ेगा.
  • लाइट को रात भर जला के न छोड़ें क्योंकि मछलियों को भी नींद की जरूरत होती है जिसके लिए उन्हें अंधेरा चाहिए।
  • भरे हुए टैंक के अनुमानित वजन के अनुसार मजबूत स्टैंड लें।
  • बेहतर होगा यदि आप मछलियों का चुनाव स्थानीय पानी के गुणों के आधार पर करें अन्यथा पानी की सफाई सुनिश्चित करना बहुत महंगा पड़ेगा।
  • यदि आपको टैंक को साफ रखने में दिक्कत आ रही हो तो जीवित पौधों को यह कार्य करने दें। बस इतना ध्यान दें के उसे किसी पेट स्टोर से खरीदें ताकि उससे मछलियों को नुकसान न पहुंचे।
  • टैंक को धूप में न रखें अन्यथा शैवाल बहुत ज्यादा बढ़ जाएगे और मछलियाँ बीमार पड़ जाएंगी।
  • अपनी जानकारी को बढ़ाते रहें।

चेतावनी

  • टैंक के दीवार पर खट-खट न करें इससे मछली डर जाती है या परेशान हो जाती है।
  • मछली छोटी और सुंदर है इसलिए ही उसे मत खरीदें क्योंकि संभव है की वह मछली बड़ी होकर खतरनाक साबित हो।
  • टैंक के किनारों को कभी भी स्प्रे बाटल या अमोनिया से साफ न करें।
  • नियमित जांच करते रहें और आवश्यकतानुसार पानी और पौधों को बदलते रहें।

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • ऐक्वेरियम
  • ऐक्वेरियम स्टैंड
  • ग्रैवेल या सैंड सब्सट्रेट
  • फिल्टर
  • एयरलाइन ट्यूबिंग (यदि आपके पास अंडरग्रैवेल फिल्टर और एयर पंप है)
  • पौधे और सजावट का सामान
  • हीटर
  • टैप वाटर से क्लोरीन निकालने के लिए न्यूट्रलाइजर
  • ऐक्वेरियम का ढक्कन (प्रकाश व्यवस्था सहित)
  • मछली
  • थर्मामीटर

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