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ज़्यादातर लोग इस बात को भूल जाते हैं कि चिड़िया के बच्चे आख़िर जंगली पक्षी ही होते हैं। जंगली पक्षियों को घर में रखना ग़ैरक़ानूनी काम है। इसलिए इनका सबसे अच्छा उपाय यही है कि इनको क़ुदरत के हवाले ही छोड़ दिया जाए [१] लेकिन अगर आप इनकी परवरिश करने के लिए इनको घर ले जाना ही चाहते हैं तो इस आर्टिकल में इनकी देखभाल से जुड़ी हुई ज़रूरी जानकारियाँ दी गयी हैं।

भाग 1
भाग 1 का 3:

तय करना कि क्या चिड़िया के बच्चे को मदद की ज़रूरत है

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  1. अगर आपका इरादा चिड़िया के बच्चे को हाथ लगाने का है, तो इसके लिए दस्तानों का इस्तेमाल करें। दस्ताने उससे आपका बचाव करेंगे। चिड़िया के छोटे बच्चे भी आपके चोंच मार सकते हैं। [२]
  2. अगर इसके पंख पूरी तरह विकसित हो गए हैं तो यह उड़ने लायक़ है, और अगर नहीं, तो इसको अभी और घोंसले में रहने की ज़रूरत है। [३]
  3. उड़ने लायक़ बच्चा घोंसले के बाहर रह सकता है। अगर उसके पंख पूरी तरह विकसित हो गए हैं, तो वह उड़ना सीख रहा है और उसका घोंसले से बाहर रहना उचित है। उसके माता-पिता उसको घोंसले के बाहर भी खिला पिला सकते हैं। [४]
  4. अगर बच्चा उड़ने लायक़ नहीं है तो उसको घोंसले में वापस रख दें: ऐसे बच्चों को मदद की ज़रूरत होती है। अगर ऐसा चिड़िया का बच्चा आपको मिल जाए तो उसको आप घोंसले में वापस रख सकते हैं, जो कि आसपास ही होगा। लेकिन अगर आप घोंसले को ढूंढने में कामयाब ना हो सकें तो आपको मदद की ज़रूरत होगी। [५]
    • इसके दूसरे भाइयों की आवाज़ सुनें। जब भी इनके माता-पिता खाना लेकर घोंसले की तरफ वापस लौटते हैं तो आप इस चिड़िया के बच्चे के भाइयों की आवाज़ को सुनकर घोंसले को आसानी से ढूंढ सकते हैं। बच्चे माँ-बाप से खाना मांगने के लिए आवाज़ें निकालते हैं।
    • चिड़िया के बच्चे को पकड़ने के लिए एक हाथ इसके सर के ऊपर रखें और दूसरा हाथ उसके पेट और पैरों के बीच में डालें। इस बात की परवाह ना करें कि आपके हाथ लगाने की वजह से माँ-बाप इसको नकार देंगे। वह बहुत आसानी से इसको अपना लेंगे।
    • बच्चे को अपने हाथों से ढक कर गर्माहट पहुंचाएँ, यहां तक कि उसका शरीर दोबारा गर्म हो जाए। [६]
  5. अगर आपको घोंसला मिल जाए और इसमें मौजूद दूसरे बच्चे मर चुके हों तो इसका मतलब है कि उस घोंसले को छोड़ दिया गया है, यानी ज़िंदा बचे हुए बच्चों की परवरिश आपको ख़ुद करनी होगी।
  6. उसकी उम्र सुनिश्चित करने के लिए फिंगर टेस्ट (Finger Test) करें: अगर आपको पता नहीं है कि बच्चा अभी उड़ने लायक़ हुआ है या नहीं, तो चिड़िया के बच्चे को अपनी उंगली पर बैठाएं, अगर बच्चा उंगली को अच्छे से पकड़ रहा है तो वह उड़ने लायक़ है। [७]
  7. अगर आप बच्चे को घोंसले में अकेला छोड़ने के बारे में फिकरमंद हैं तो आप अगले कुछ घंटे घोंसले पर नज़र रखकर इसके मां-बाप के आने को सुनिश्चित कर सकते हैं। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि घोंसले पर कहीं दूर से ही नज़र रखी जाए, नहीं तो बच्चे के माँ-बाप आपकी मौजूदगी की वजह से वापस नहीं लौटेंगे। [८]
  8. हो सकता है कि आंधी तूफ़ान, शिकारियों या इंसानों के दख़ल की वजह से घोंसला नष्ट हो गया हो। अगर आप घोंसला नहीं ढूंढ पाएं तो दूसरा घोंसला बनाएं। इस काम के लिए आप प्लास्टिक की डलिया इस्तेमाल कर सकते हैं और इसके अंदर आप कुछ नरम चीज़ बिछा दें, जैसे कपड़े, छोटा तोलिया या छोटी चादर। [९]
    • घोंसले को किसी छायादार जगह में रखें जो चिड़िया के बच्चे के मिलने की जगह से क़रीब ही हो। घोंसले को आप पेड़ पर टाँग भी सकते हैं। फिर बच्चे को इसके अंदर रखें, बच्चे की टांगों को उसके पेट के नीचे अच्छे से जमा दें। [१०]
  9. बच्चे को हाथ में लेने और रखने के बाद हाथों को अच्छे से धोना ना भूलें, क्योंकि चिड़िया के बच्चों के अंदर बीमारियाँ भी मौजूद हो सकती हैं। इसलिए बेहतर यही है कि सारे काम करने के बाद हाथों को अच्छे से धोया जाए। [११]
भाग 2
भाग 2 का 3:

मदद के लिए कब संपर्क किया जाए

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  1. अगर कुछ घंटे गुज़रने के बावजूद भी माँ-बाप ना लौटें या आपको यह यक़ीन हो जाए कि इसके माँ-बाप मर चुके हैं, तो ऐसे मौक़े पर आपको मदद के लिए संपर्क करना चाहिए। [१२]
  2. अगर बच्चे को पंख फड़फड़ाने में दिक़्क़त आ रही है तो इसका मतलब है कि वह जख़्मी है। अगर बच्चा कपकपा रहा है तो वह परेशानी में है। पक्षी का जख़्मी होना भी संपर्क करने का कारण हो सकता है। [१३]
  3. जंगली पक्षियों को रखना या पालना ग़ैरक़ानूनी काम है। यह करने के लिए आपके पास इसका स्पेशल परमिट और लाइसेंस होना चाहिए।
  4. वन्य जीव पुनर्वास केंद्र में मौजूद लोगों को इनकी देखभाल करने में महारत हासिल होती है। इस केंद्र का पता आपको वहां की किसी सरकारी वेबसाइट से मिल सकता है। आप वहां के किसी पशु चिकित्सक या एनिमल शेल्टर वाले से संपर्क करके इस केंद्र की जानकारी ले सकते हैं। [१४]
    • उनसे इसके खान-पान और ज़रूरी देखभाल से जुड़े हुए सारे सवाल पूछ लें। इनसे आप इससे जुड़े हुए और भी सवाल कर सकते हैं और यह भी पूछ सकते हैं कि मुझे इसकी देखभाल से जुड़ी हुई और क्या-क्या जानकारियों की ज़रूरत होगी?
भाग 3
भाग 3 का 3:

चिड़िया के बच्चे की पहचान और उसका खान-पान

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  1. इस बात का ध्यान रखें कि इस चिड़िया के बच्चे को आप अपने पास रखकर एक ग़ैरक़ानूनी काम कर रहे हैं। इसके अलावा इसकी देखभाल का आपको बिल्कुल भी अनुभव नहीं है, जिसकी वजह से यह आपके पास मर भी सकता है। इसकी देखभाल कोई आसान काम नहीं है क्योंकि इसको हर 20 मिनट के अंतराल पर खाना खिलाना पड़ता है। सबसे ज़रूरी बात यह है कि आप इसको वह सब नहीं सिखा सकते जो इसके माँ-बाप इसको सिखाते हैं, जैसे; कैसे शिकार किया जाए और कैसे शिकारियों से बचा जाए। [१५]
    • यह पक्षी इंसानों पर निर्भर भी हो सकता है जो कि उसके लिए नुक़सानदेह है क्योंकि वह इंसानों से उड़ना नहीं सीख सकते और ना ही बार-बार इंसानों के पास खाने की उम्मीद लगाकर आ सकते हैं। [१६]
  2. आप थोड़ी बहुत ऑनलाइन रिसर्च करके पक्षी की प्रजाति को आसानी से पहचान सकते हैं।
    • माता-पिता का हुलिया या झलक मालूम हो जाने से इनकी प्रजाति को पहचानना बहुत आसान हो जाएगा। लेकिन चिड़िया के बच्चे के माँ-बाप अगर वहां मौजूद हों तो आप उनको ही बच्चे की देखभाल करने दें। अपने बच्चों की देखभाल करना इनकी प्रवृत्ति में ही शामिल होता है और यह इस काम को बहुत अच्छे ढंग से कर सकते हैं।
  3. चिड़िया के बच्चे का खान-पान इस बात पर निर्भर करता है कि उसकी प्रजाति के विकसित पक्षी क्या खाते पीते हैं। जैसे कार्डिनल (Cardinal) बीज खाते हैं [१७] जबकि कौवा बीज और फल से लेकर कीड़े-मकोड़े और चूहे तक खा सकता है। [१८]
  4. मांसाहारी पक्षियों को कुत्ते-बिल्ली का खाना खिलाएं: अगर आपके पास मौजूद पक्षी मांसाहारी है तो आप उसको कुत्ते बिल्ली का खाना भी खिला सकते हैं। बहुत सारे जंगली पक्षी मांसाहारी होते हैं, इनके माँ-बाप बचपन में इनको कीड़े मकोड़े खिलाते हैं। जिसका मतलब यह हुआ कि ऐसा खाना जिसमें प्रोटीन अधिक मात्रा में हो, जैसे कुत्ते और बिल्ली का खाना, ऐसा खाना इनके लिए उचित रहेगा। [१९]
    • अगर आपके द्वारा खिलाए जाने वाला खाना सूखा है तो इसको पहले पानी में भिगो दें। लेकिन बच्चे को खिलाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि खाना ज़्यादा पतला ना हो, नहीं तो खाना बच्चे के फेफड़ों में जाकर उसको मार भी सकता है। खाना स्पंज की तरह नरम होना चाहिए, ना कि पानी की तरह पतला हो।
    • खाने की छोटी-छोटी गोलियाँ बनाएं। मटर के दाने के बराबर खाने की गोलियाँ बनाकर बच्चे के मुंह में डालें। इस काम के लिए आइसक्रीम स्टिक या चॉपस्टिक (Chopstick) उचित रहेगी। आप स्ट्रा (Straw) का अगला हिस्सा काटकर एक चम्मच भी बना सकते हैं। [२०] चिड़िया का बच्चा फिर आसानी से खाना खाने लगेगा। कुत्ते-बिल्ली के खाने के अगर टुकड़े ज़्यादा बड़े हों तो इनको तोड़कर छोटे-छोटे टुकड़ों में बाँट दें। टुकड़ों का आकार मटर के दाने के बराबर होना चाहिए।
  5. शाकाहारी पक्षियों को सीड फार्मूला (Seed formula) खिलाएं: अगर आपका चिड़िया का बच्चा सिर्फ़ बीज खाने वाला है तो आप इसको सीड फार्मूला खिलाएं, जो की नज़दीकी पालतू जानवरों के सामान की दुकान पर मिल जाएगा। अक्सर वहां तोते के बच्चों के लिए सीड फॉर्मूला उपलब्ध रहता है।
    • सिरिंज (Syringe) की मदद से खाने को श्वास नली के आगे धकेलें। मुंह के अंदर आपको एक छोटा सा छेद दिखेगा, यही श्वास नली का मुंह है। इसके अंदर बिल्कुल भी खाना और पानी नहीं जाना चाहिए। इसलिए सिरिंज की नोक हमेशा श्वास नली के आगे रखना सुनिश्चित करें। [२१]
  6. चिड़िया के बच्चे को पेट भरने तक खाना खिलाते रहें: चिड़िया का बच्चा उसका पेट भरने तक खाना खाता रहता है अगर वह खाना खाने में रुचि नहीं दिखा रहा है तो इसका मतलब है कि उसका पेट भरा हुआ है। [२२]
  7. अगर खाना अच्छे से गीला है तो चिड़िया के बच्चे को अलग से पानी पिलाने की जरूरत नहीं है, जब तक कि वह घोसले में है। पानी पिलाने से फायदे की जगह नुकसान हो जाएगा क्योंकि यह उसके फेफड़ों में जाकर उसका दम घोट कर उसे मार सकता है। [२३]
    • अगर आप चिड़िया के बच्चे को डिहाइड्रेशन (Dehydration) यानी पानी की कमी का शिकार देखें तो आप इस पर Gatorade or Lactated Ringers Solution का इस्तेमाल कर सकते हैं। अपनी उंगली की मदद से इसकी बूंदें चिड़िया के बच्चे की चोंच पर डालें ताकि बच्चा इसको पी सके। लाल त्वचा और मुंह का सूखा होना डिहाइड्रेशन के लक्षण हैं। गर्दन के पीछे की खाल की चुटकी लेने पर दोबारा नहीं उभरना भी डिहाइड्रेशन का लक्षण है। [२४]
  8. चिड़िया के बच्चे को ऊर्जा के लिए लगातार खाने की आवश्यकता होती है। [२५] लेकिन आपको रात में उठकर इसको खाना खिलाने की ज़रूरत नहीं है। [२६]
  9. इसको आज़ाद करने के लिए यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि इसका आप से लगाव और जुड़ाव ना हो। इसलिए उसके कम से कम सामने आएं और उसके साथ बिल्कुल भी पालतू पक्षियों जैसा व्यवहार ना करें। [२७]
    • हक़ीक़त में यह असंभव है कि चिड़िया के बच्चे की परवरिश करते समय उसको आप से लगाव ना हो, ख़ासतौर पर जब कि वह 2 हफ्ते से भी ज़्यादा छोटा हो। [२८]
  10. 4 हफ्ते के होते-होते चिड़िया के बच्चे ख़ुद से खाना पीना सीखने लगते हैं, हालांकि उनको पूरी तरह सीखने में एक और महीना लग सकता है। इसलिए इस समय में भी आपको चिड़िया के बच्चे को हाथों से खिलाना चाहिए और साथ ही साथ पिंजरे में एक खाने का बाउल भी रख देना चाहिए और इसके पिंजरे में कम गहरे पानी का एक बाउल भी रख देना चाहिए। [२९]
    • आप देखेंगे कि बच्चे की समय के साथ साथ अब हाथों से खाने में रुचि ख़त्म होती जा रही है। [३०]
  11. बच्चे को खिलाते पिलाते रहें यहां तक कि वे उड़ने लायक़ हो जाए: बच्चे के पंख आने और उड़ने लायक़ होने के लिए आपको कुछ हफ्तों का इंतज़ार करना पड़ेगा। पंख आने और उड़ने लायक़ होने से पहले तक वह ख़ुद से ज़िंदा नहीं रह सकता। इसके बाद ही आप इसको खुले में ले जाकर आज़ाद कर सकते हैं। [३१]
    • अगर आप व्यस्क होने तक चिड़िया के बच्चे को रखते हैं, तो अब आपको इसको व्यस्कों वाली ख़ुराक खिलाने की ज़रूरत होगी, जो कि इसकी पिछली ख़ुराक से पूरी तरह अलग होगी। [३२]
    • जब चिड़िया का बच्चा फुदक कर डिब्बे पर चढ़ना शुरू कर दे तो अब समय है कि इसको डिब्बे से निकालकर पिंजरे में रखा जाए। [३३]

चेतावनी

  • इस बात की जानकारी ज़रूर रखें कि किस तरह का खाना पक्षियों को नहीं खिलाना चाहिए, कई खाने कुछ पक्षियों के लिए नुक़सानदायक होते हैं। जैसे कि दूध को पक्षी हज़म नहीं कर सकते।

संबंधित लेखों

  1. http://wdfw.wa.gov/conservation/health/rehabilitation/baby_birds.html
  2. http://wdfw.wa.gov/conservation/health/rehabilitation/baby_birds.html
  3. http://wdfw.wa.gov/conservation/health/rehabilitation/baby_birds.html
  4. http://wdfw.wa.gov/conservation/health/rehabilitation/baby_birds.html
  5. http://wildlifecenter.org/baby-bird
  6. http://www.birds.cornell.edu/AllAboutBirds/faq/master_folder/attracting/challenges/orphaned
  7. http://www.birds.cornell.edu/AllAboutBirds/faq/master_folder/attracting/challenges/orphaned
  8. http://www.allaboutbirds.org/guide/Northern_Cardinal/lifehistory
  9. http://www.allaboutbirds.org/guide/American_Crow/lifehistory#at_food
  10. http://www.starlingtalk.com/dogfood.htm
  11. http://www.starlingtalk.com/dogfood.htm
  12. http://www.themodernapprentice.com/trachea.htm
  13. http://www.2ndchance.info/insecteater.htm
  14. http://www.2ndchance.info/insecteater.htm
  15. http://www.starlingtalk.com/babycare.htm
  16. http://www.birds.cornell.edu/AllAboutBirds/faq/master_folder/attracting/challenges/orphaned
  17. http://www.birds.cornell.edu/AllAboutBirds/faq/master_folder/attracting/challenges/orphaned
  18. http://www.starlingtalk.com/babycare.htm
  19. http://www.starlingtalk.com/babycare.htm
  20. http://www.starlingtalk.com/babycare.htm
  21. http://www.starlingtalk.com/babycare.htm
  22. http://www.birds.cornell.edu/AllAboutBirds/faq/master_folder/attracting/challenges/orphaned
  23. http://www.starlingtalk.com/babycare.htm
  24. http://www.starlingtalk.com/babycare.htm

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