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मस्से पिगमेंट प्रोड्यूस करने वाली सेल्स के गुच्छे होते हैं जो स्किन में कहीं भी दिखाई दे सकते हैं, ये अकेले या ग्रुप में हो सकते हैं, ये टैन, ब्राउन, ब्लैक या येलोइश स्किन-टोंड स्पॉट्स होते हैं | अगर आप अपने मस्से को सबसे सुरक्षित और इफेक्टिव तरीके हटाना चाहते हैं तो डॉक्टर से सलाह लेकर इसे प्रोफेशनली हटायें | बिनाइन, नॉन-कैंसरस मस्सों को हटाने के लिए आउट-पेशेंट प्रोसीजर की जाती है जो मिनटों में पूरी हो जाती है | खुद से मस्सों को हटाने की कोशिश करने से स्कारिंग, ब्लीडिंग, इन्फेक्शन और कैंसर करने वाले मस्सों को छोड़ देने की सम्भावना होती है | अगर आप सच में सर्जरी से बचना चाहते हैं तो घरेलू उपचारों से मस्सों को फेड या हल्का दिखाने की कोशिश करें |
चरण
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डर्मेटोलॉजिस्ट से अपॉइंटमेंट लें: मस्से को हटाने के लिए सबसे सुरक्षित निर्णय वही है जिससे आपको बाद में दुःख न हो | खुद मस्से को हटाने की कोशिश करने की बजाय किसी प्रोफेशनल से मस्सों को एक्सामिन कराना बहुत जरुरी होता है, भले ही आपको मस्से कॉस्मेटिक रीज़न के लिए हटाने हों | जब आप किसी डॉक्टर को दिखाएँगे तो वे आपको बताएँगे कि मस्सा कैंसरस है या नहीं | अगर ऐसा है तो मस्से को प्रोफेशनली हटवाना ही सुरक्षित होता है क्योंकि अन्य विधियाँ कैंसर सेल्स का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त नहीं होंगी |
- अगर आप किसी डर्मेटोलॉजिस्ट को नहीं जानते तो अपने प्राइमरी केयर फिजिशियन से कहें कि वो आपको रेफर करें |
- अगर आपका हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है तो देखें कि आपके निवास स्थान के आस-पास कोई हेल्थ क्लिनिक है जो मस्से हटाने की सर्विस या रेफ़रल देते हैं |
- ध्यान रखें कि कुछ डॉक्टर्स अपने क्लिनिक में भी मस्से हटाने का सामर्थ्य रखते हैं |
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जानें कि बायोप्सी की जरूरत कब पड़ती है: डॉक्टर आपके मस्से के शेप, बॉर्डर्स, साइज़, कलर और सरफेस टेक्सचर को एक्सामिन करेंगे जिससे पता चले कि ये कैंसरस दिखाई दे रहे हैं या नहीं | [१] X विश्वसनीय स्त्रोत American Academy of Family Physicians स्त्रोत (source) पर जायें अगर मस्से में मेलेनोमा या अन्य प्रकार के स्किन कैंसर के कॉमन लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर बायोप्सी करने के लिए आर्डर दे सकते हैं जिससे पता चल सके कि कैंसर सेल्स उपस्थित है या नहीं | अगर कैंसर नहीं है तो डॉक्टर क्लिनिक पर ही मस्सा निकाल सकते हैं | भले ही मस्सा कैंसरस न दिखाई दे रहा हो तब भी सैंपल को एनालिसिस के लिए भेजा जायेगा |
- बायोप्सी करने के लिए, शेव या पंच बायोप्सी के द्वारा मस्से का सैंपल लिया जायेगा | इस सैंपल को लैब में भेजा जाता है और टेस्ट किया जाता है |
- अगर ये टेस्ट पॉजिटिव आता है तो अन्य ट्रीटमेंट की जरूरत होगी | अगर ये नेगेटिव आता है तो आप मस्से को हटा सकते हैं या उसे बने रहने दे सकते हैं |
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शेविंग का विकल्प चुनें: सर्जिकल शेविंग एक ऐसा प्रोसीजर है जिसमे स्किन की सरफेस से मस्से को शेव किया जाता है | मस्से के आस-पास लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है जिससे प्रोसेस के दौरान आपको दर्द नहीं होगा (नीडल प्रिक होने के अलावा) | सर्जिकल शेव को हील होने में किसी प्रकार के टाँके लगाने की जरूरत नहीं होती | इस प्रोसेस से बाद में एक छोटा सा स्कार रह सकता है | [२] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- कुछ केसेस में प्रभावित एरिया को एक टूल से कोटराइज्ड (cauterized) किया जाता है जिससे मस्से की स्किन की लेयर्स जल जाती हैं और मस्से के फिर से ग्रो करने के चांसेस कम हो जाते हैं |
- यह विकल्प केवल नॉन- कैंसरस और अपेक्षाकृत छोटे मस्सों के लिए ही सही है | जो मस्से बहुत बड़े एरिया में फैले होते हैं और जो शेव करने या कोटेराइज्ड करने के लिए काफी बड़े हो उनके लिए सही नहीं है |
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जरूरत होने पर सर्जिकल एक्सीजन करें: अगर मस्सा कैंसरस हो या बहुत बड़ा हो और बिग सरफेस एरिया को कवर करता हो तो इसे सर्जिकल एक्सीजन के द्वारा हटाने की जरूरत अधिक होगी | लोकल एनेस्थीसिया देने के बाद, डर्मेटोलॉजिस्ट गहरा कट लगायेंगे जिससे मस्सा और उसके आस-पास के टिश्यू को हटाया जा सके और मस्सा फिर से न बढ़ सके | अब घाव को कम से कम स्कार करने के लिए बनाये गये सूचर्स या टांकों से बंद कर देंगे | [३] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- हालाँकि यह सुनने में बहुत बड़ा काम लग सकता है लेकिन सर्जिकल एक्सीजन वास्तव में एक क्विक , आउट-पेशेंट प्रोसीजर है | मस्से को हटाने में लगभग 20 से 30 मिनट लगेंगे जो मस्से के साइज़ पर निर्भर करता है |
- चूँकि केवल लोकल एनेस्थीसिया ही दिया जाता है इसलिए आप ड्राइव करके घर जा सकते हैं और अपने दैनिक काम सामान्य रूप से कर सकते हैं |
- डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार घाव की देखभाल करें | टाँके हटवाने के लिए आपको वापस डॉक्टर के क्लिनिक जाना पड़ सकता है |
- ध्यान रखें कि इस प्रोसीजर के लिए बहुत छोटा इन्सीजन दिया जाता है | अगर इसमें हेयर ग्रोथ हो तो डॉक्टर हेयर की रूट को काट देंगे |
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क्रायोथेरेपी के बारे में सोचें: क्रायोथेरेपी मस्सों के लिए एक कॉमन ट्रीटमेंट है | इस प्रोसीजर में एक कॉटन एप्लीकेटर पर लिक्विड नाइट्रोजन का उपयोग करके मस्से को फ्रीज़ किया जाता है | यह एक कॉमन ट्रीटमेंट है जिसमे बहुत कम एडवर्स इफ़ेक्ट होते हैं जो आमतौर पर थोड़े समय बाद अपने आप चले जाते हैं | [४] X रिसर्च सोर्स
- प्राइमरी केयर डॉक्टर या डर्मेटोलॉजिस्ट इस प्रोसीजर को अपनी क्लिनिक में भी कर सकते हैं | उच्च क्लीनिक में क्रायोथेरेपी करने के लिए ट्रैनिंग प्राप्त नर्स भी होती हैं |
- क्रायोसर्जरी के लिए ध्यान रखें कि इसमें किसी टिश्यू को टेस्ट के लिए लैब में नहीं भेजा जाता क्योंकि इसमें उन्हें फ्रोजन कर दिया जायेगा |
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लेज़र मोल रिमूवर के बारे में सोचें: कुछ डॉक्टर्स और डर्मेटोलॉजिस्ट भी लेज़र मोल रिमूवल भी करते हैं जिसमे लेज़र के द्वारा मस्सों को हटाने की प्रोसेस की जाती है | अपनी सिचुएशन के लिए एक अच्छे विकल्प के रूप में इसे आज़माने के बारे में डॉक्टर या डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें |
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इलेक्ट्रोसर्जरी के बारे में जानें: अप डॉक्टर से इलेक्ट्रोसर्जरी के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं | इस प्रकार की विधि से मस्सों को हटाने से इस प्रकिया में होने होने वाली ब्लीडिंग को कण्ट्रोल करने में मदद मिल सकती है जिससे कॉम्प्लीकेशन की रिस्क कम हो सकती है, हीलिंग जल्दी हो सकती है और इनके फलस्वरूप स्कार बहुत कम बनता है | [५] X विश्वसनीय स्त्रोत American Academy of Family Physicians स्त्रोत (source) पर जायें
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मोल रिमूवल क्रीम का उपयोग न करें: ये क्रीम आमतौर पर ऑनलाइन खरीदी जाती हैं, सस्ती मिलती हैं और सर्जिकल रिमूवल का नॉन-इनवेसिव अल्टरनेटिव होती हैं | बल्कि इन क्रीम के उपयोग से स्किन में डीप पॉकेट बन सकते हैं क्योंकि ये मस्सों के और अंदर तक जाकर काम करती हैं और मस्सों के अंदर की स्किन को भी खुरेदती हैं जिसके कारण रिपेयर न होने वाले डैमेज हो जाते हैं | इसकी तुलना में सर्जिकल रिमूवल से बाद के केवल एक छोटा सा स्कार बनता है | [६] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- साथ ही, मोल रिमूवल क्रीम से ये पता नहीं चल पाता कि मस्सा कैंसरस है या नहीं | कैंसरस मोल पर इन्हें लगाना काफी खतरनाक साबित हो सकता है, कैंसरस सेल्स बची रह सकती हैं और आपकी जानकारी के बगैर आउट ऑफ़ कण्ट्रोल ग्रोथ कर सकती हैं |
- किसी भी क्रीम या अन्य प्रोडक्ट्स का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें |
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मस्सों में होने वाले बदलावों को अनदेखा न करें: अगर आप मस्सों की सर्जरी के बारे में नहीं सोचते तो मस्सों को ऐसे ही पड़े रहने देते हैं और उन्हें भूल जाते हैं | ऐसा करना आमतौर पर ठीक है, अगर समय के साथ आपको मस्सों में कोई बदलाव न दिखाई दें तो | मस्से में होने वाले बदलाव कैंसर सेल्स की उपस्थिति के चिन्ह होते हैं इसलिए अगर ऐसा कोई मस्सा हो तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए | मस्से को एक्सामिन करने के लिए ABCDE गाइड का उपयोग करें | अगर आपको नीचे दी गयी चीज़ें नोटिस हों तो डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लें: [७] X विश्वसनीय स्त्रोत American Cancer Society स्त्रोत (source) पर जायें
- A- एसिमेट्रिकल शेप | अगर आपके मस्से को दो बहुत ही अलग-अलग हिस्से दिखाई दें तो यह कैंसर का चिन्ह हो सकता है |
- B- बॉर्डर; मस्सों के स्मूथ बॉर्डर होने की बजाय अगर इर्रेगुलर बॉर्डर हों तो उन पर नज़र रखें |
- C-कलर; मस्सों के रंग बदल रहे हों, एक से ज्यादा कलर दिखें या कलर ग्रेडेशन हो तो चेक करें |
- D-डायमीटर; अगर मस्से ¼ सेंटीमीटर से ज्यादा बड़े हों और अभी भी बढ़ रहे हों तो चेक करें |
- E-एवोल्विंग; मस्से में होने वाले सप्ताह दर सप्ताह या महीनों में होने वाले बदलावों पर नज़र रखें |
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नए मस्से होने से रोकने के लिए अपनी स्किन को UV रेज़ से बचाएं: धूप में ज्यादा देर तक रहने से नए मस्से बन सकते हैं | इससे पुराने मस्सों में बदलाव और कैंसर डेवलप होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है | खुद को UV रेज़ से बचाने पर ध्यान दें जिससे नए मस्से न बनें और पहले से मौजूद मस्से भी हेल्थी रहें |
- सर्दियों में भी SPF 30 या इससे अधिक SPF वाले सनस्क्रीन का उपयोग करें | सनस्क्रीन UVA और UVB रेज़ के विरुद्ध ब्रॉड स्पेक्ट्रम प्रोटेक्शन देने वाला भी होना चाहिए और यह वाटर रेजिस्टेंस होना चाहिए | [८] X विश्वसनीय स्त्रोत American Academy of Dermatology स्त्रोत (source) पर जायें
- अपने मस्सों को कपड़ों या एक हैट से कवर करके रखने की कोशिश करें |
- टैनिंग बेड के उपयोग से बचें | [९] X विश्वसनीय स्त्रोत US Food and Drug Administration स्त्रोत (source) पर जायें
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ध्यान रखें कि घरेलू उपचारों को मेडिकल एविडेंस सपोर्ट नहीं करते हैं : अधिकतर घरेलू उपचार लोकप्रचार के प्रमाणों पर आधारित होती हैं, मतलब ये है कि कुछ लोगो के द्वारा इनके उपयोग के बाद उनका दावा होता है कि ये उपचार में सफल रहे | हालाँकि घर पर मस्सों का उपचार करना अनसेफ और हाई रिस्क वाला हो सकता है | मस्से कैंसरस हो सकते हैं और ऐसे में मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होगी | कोई भी घरेलू उपचार के उपयोग से पहले डॉक्टर से सलाह लेना अच्छा होता है |
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एलोवेरा लगायें: एलोवेरा का उपयोग अधिकतर स्किन कंडीशन जैसे कोल्ड सोर्स, सोरायसिस, बर्न, और फ्रॉस्टबाईट में उपचार के तौर पर किया जाता है | [१०] X रिसर्च सोर्स आप रोज़ अपने मासे पर एलोवेरा लगाकर देख सकते है कि इससे मस्से से छुटकारा पाने में मदद मिल रही है या नहीं | मस्से पर एलोवेरा लगायें, इसे एक साफ़ कॉटन बैंडेज से कवर करें और इसे तीन घंटे तक लगा रहने दें | मस्सों से छुटकारा पाने के लिए इसे रोज़ लगभग तीन सप्ताह तक रिपीट करें |
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एप्पल साइडर विनेगर लगायें: हालाँकि ऐसी कोई साइंस-बेस्ड स्टडीज नहीं हैं जो ये कन्फर्म करें कि यह विधि काम करती है लेकिन कुछ लोगों में मस्सों पर एप्पल साइडर विनेगर लगाने से मस्सों का धुंधला होना देखा गया है | इस विधि का उपयोग करने के लिए:
- एक कॉटन बॉल पर कुछ बूँद एप्पल साइडर विनेगर डालें |
- अब कॉटन बॉल को मस्से के ऊपर रखकर इसके चारों ओर बैंडेज लपेट दें |
- एक घंटे बाद बैंडेज हटा दें |
- मस्से गायब होने तक इस विधि को रोज़ आजमायें | अगर स्किन में कोई उत्तेजना हो तो इसे न करें |
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लहसुन का उपयोग करें: लहसुन में कई मेडिसिनल प्रॉपर्टीज पायी जाती हैं और कुछ लोग कहते हैं कि ये मोल रिमूवल में मदद करती हैं | इस विधि को आजमाने के लिए आपको फ्रेश लहसुन की जरूरत होगी, सूखे हुए लहसुन की नहीं | इस विधि को आजमाने के लिए;
- लहसुन की एक कली लें और इसे आधे हिस्से में स्लाइस करें |
- आधे हिस्से को मस्से पर रखें और बैंडेज लपेटकर पूरी रात लगा रहने दें |
- इसे कई दिन रिपीट करें | अगर स्किन में परेशानी हो तो न लगाएं |
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केले के छिलकों का उपयोग करें: कुछ लोगों के अनुसार, केले के छिलके लगाने से मासों को हटाने में मदद मिलती है | साथ ही ये स्किन को माँइश्चराइज भी करता है |
- एक केला छील लें |
- इसके छिलके को मस्से पर एक घंटे तक लगाकर रखें |
- मस्सा गायब होने तक इसे हर दिन रिपीट करें | अगर स्किन में कोई उत्तेजना हो तो इसे न लगायें |
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बेकिंग सोडा और कैस्टर ऑइल लगायें: एक चुटकी बेकिंग सोडा को कुछ बूँद कैस्टर ऑइल से भिगोयें | इस पेस्ट को मस्से पर लगायें | रातभर लगा रहने दें | कुछ दिनों के बाद चेक करने कि मस्सा है या गायब हो गया है | अगर स्किन में कोई उत्तेजना हो तो इसका उपयोग न करें |
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टी ट्री ऑइल का उपयोग करें: टी ट्री ऑइल कुछ स्किन कंडीशन को जैसे मुहांसे, फंगल इन्फेक्शन और बग बाईट को ठीक करने में काफी मददगार साबित होता है इसलिए अगर आप चाहें तो इसे अपने मस्से पर लगा सकते हैं | [११] X रिसर्च सोर्स एक क्यू-टिप से दिन में दो बार मस्से पर टीट्री ऑइल को लगायें | रात में, एक कॉटन बॉल को ऑइल में भिगोकर भी मस्से पर रखकर बैंडेड लगायी जा सकती है | एक महीने तक या मस्सा गायब होने तक इस विधि को रिपीट करते रहें | लेकिन टीट्री ऑइल को हर दिन मस्से पर लगाने में ध्यान रखें कि ये स्किन को जला भी सकता है | अगर स्किन में कोई उत्तेजना हो तो इसे न लगायें |
सलाह
- मस्से खूबसूरत हो सकते हैं! मस्सों के साथ रहने की कोशिश करने और इनके साथ अपनी उम्र बढ़ने दें | जब तक आपको ये नहीं लगता कि मस्से कैंसरस हो सकते हैं तब तक इनका हटाने की कोई जरूरत नही होती है |
- ध्यान रखें कि कुछ लोगों को अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा मस्से होते हैं | कुछ मस्से नुकसानदायक नहीं होते लेकिन कुछ से परेशानी हो सकती है | उदाहरण के लिए, अगर आपके चेहरे पर मस्सों हो जिसमे हेयर ग्रोथ भी हो तो इससे परेशानी होगी और इसे हटाने के लिए आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं |
- आप छोटी कैंची से मस्से से निकलने वाले हेयर को ट्रिम कर सकते हैं |
- अगर मस्सा बढ़ने लगे, खुजली करने लगे या ब्लीड करने लगे तो डॉक्टर को दिखाएँ |
- अगर लहसुन विधि का उपयोग करें तो मस्से के आस-पास थोड़ी वेसिलीन या कोई चिकनाई लगायें | इससे लहसुन से स्किन में कोई उत्तेजना नहीं होगी |
चेतावनी
- खुद मस्से को हटाने के लिए विनेगर या अन्य एसिड्स का इस्तेमाल न करें | इससे केमिकल बर्न हो सकता है जिसके कारण परमानेंट स्किन डैमेज हो सकता है | [१२] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें मस्सा हटाने के लिए डॉक्टर को सलाह लें |
- मस्से को खींचे या कुरेदें नहीं | यह ब्लीड कर सकता है और अगर मस्सा निकल भी जाता है तो स्कार छोड़ देता है और यह फिर से भी हो सकता है | ऐसा करने से मस्सा और भी उत्तेजित हो सकता है और ज्यादा मस्सों की ग्रोथ को उत्तेजित कर सकता है |
- घर पर सर्जिकल रिमूवल न करें | डीप मोल में घाव को बंद करने के लिए टांकें लगाने की जरूरत होगी इसलिए मेडिकल ट्रीटमेंट ही जरुरी है |
रेफरेन्स
- ↑ http://www.aafp.org/afp/2008/0915/p735.html
- ↑ http://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/moles/basics/treatment/con-20019745
- ↑ http://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/moles/basics/treatment/con-20019745
- ↑ http://emedicine.medscape.com/article/1125851-overview
- ↑ https://www.aafp.org/afp/2002/1001/p1259.html
- ↑ https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/21359641
- ↑ https://www.cancer.org/cancer/melanoma-skin-cancer/detection-diagnosis-staging/signs-and-symptoms.html
- ↑ https://www.aad.org/media/stats/prevention-and-care/sunscreen-faqs
- ↑ https://www.fda.gov/radiation-emittingproducts/radiationemittingproductsandprocedures/tanning/ucm116432.htm