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प्रत्येक व्यक्ति मुहाँसों (pimples/acne) से मुक्त चेहरा चाहता है लेकिन हर व्यक्ति वह सब चीजें नहीं करना चाहता जो चेहरे को धूल, तेल और सूजन से मुक्त रखने के लिए आवश्यक हैं | परन्तु, पूरी तरह से मुहाँसों से मुक्त चेहरा पाया जा सकता है | अपने चेहरे को पिम्पल्स से मुक्त रखने के बारे में कुछ मददगार सलाह के लिए विकीहाउ पर यह लेख पढ़ें (pimples se chutkara kaise paye, sundarta nikhaare, sundar chehra paye)।

विधि 1
विधि 1 का 2:

सामान्य सलाह

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  1. यह सबसे पहला नियम है! मुहाँसों में बुरे बैक्टीरिया पाए जाते हैं | अगर आप मुहाँसों को फोड़ेंगे तो सम्भावना है कि ये बैक्टीरिया अन्य छिद्रों के अंदर चले जाएँ और यह भी कह सकते हैं कि वहां जाकर ये बिना किराया दिए ही अपना घर बसा लें इसलिए अपने मुहाँसों को कतई न फोडें |
    • पिम्पल्स कुछ दिनों बाद अपने आप ही चले जाते हैं, इसलिए उन्हें थोड़ा टाइम दें, समय से पहले फोड़ें या नोचें नहीं।
  2. फाउंडेशन और लिपस्टिक का डेली यूज़ आपकी स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है। हालाँकि इस तरह से बगैर मेकअप के बाहर जाना थोड़ा अजीब लग सकता है खासतौर पर तब जब आपकी स्किन खराब हो, लेकिन इस तरह से मेकअप से ब्रेक लेना आपकी स्किन के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
  3. मुहाँसों को फोड़ने के अन्य दुष्प्रभाव ये हैं कि मुहाँसों के चारों ओर की स्किन और खुद मुहाँसों पर भी सूजन आ जाएगी: सूजन के कारण और अधिक लालिमा और दर्द होगा |
  4. आपके हाथों में (कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्हें कितनी भी बार रगड़कर धोया गया हो) पर धूल और तेल हो सकते हैं और इनमे बैक्टीरिया के वाहक हो सकते हैं | अगर आप लगातार धूल, तेल साफ़ करते हैं और फिर भी बैक्टीरिया आपके चेहरे पर वापस आ जाते हैं तो इसका मतलब यह है कि इससे काम नहीं बनने वाला है |
  5. कई डॉक्टर सिफारिश करते हैं कि आपको प्रतिदिन 9 से 12 गिलास (2.2 से 3 लीटर) पानी पीना चाहिए, निर्भर करता हैं कि आप लड़की हैं या लड़का [१] (महिलाओं को 9 गिलास और पुरुषों को 12 गिलास पानी पीना चाहिए) | आपकी स्किन भी आपके शरीर का एक अंग है और आपकी किडनी की तरह इसे भी सही रूप से काम करने के लिए पानी की पर्याप्त मात्रा की ज़रूरत होती है |
  6. अपनी डाइट में से मीठे और शर्करायुक्त पेय जैसे सोडा, जूस और स्मूथी को बाहर कर दें: हालाँकि, इसके प्रमाण सदियों से विवादस्पद रहे हैं लेकिन नयी रिपोर्ट्स संकेत देती हैं कि डाइट या आहार से मुहाँसों पर पर्याप्त प्रभाव पड़ता है और इनकी सूची में चीनी को एक ट्रिगर की तरह बताया है | [२] शर्करा या चीनी के कारण इन्सुलिन हार्मोन प्रभावित होता है और यह उत्तेजित होकर विशेष मुहांसे उत्पन्न करने वाले हार्मोन के रूप में परिवर्तित हो जाता है |
  7. दूध भी, हाल ही में मुहांसे उत्पन्न करने वाले कारक से सम्बद्ध पाया गया है | दूध पुरुष सेक्स हार्मोन (male sex hormones) - टेस्टोस्टेरोन (testostrone) और एण्ड्रोजन (androgen) को प्रेरित करता है जो इन्सुलिन के साथ–साथ गंदे मुहाँसों का कारण बनते हैं | [२]
  8. बिना चीनी वाली ग्रीन टी भी मददगार साबित हो सकती है: ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट (antioxidants) की भारी मात्रा पाई जाती है जो फ्री रेडिकल्स (free radicals) से लड़ने में मदद करते हैं, फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं जो स्किन में वयता (aging) के चिन्हों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं | पानी की अपेक्षा एक स्वस्थ विकल्प के रूप में थोड़ी स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक ग्रीन टी बनाकर पीयें |
  9. संतुलित आहार आपके रंग में निखार लाने में मदद कर सकता है | इस वाक्य में कोई आश्चर्य की बात नहीं है और आप संभवतः अंदाज़ा लगा सकते हैं कि इससे क्या होने वाला है –अधिक से अधिक फल, सब्जियां, स्वास्थ्यवर्धक वसा खाएं और प्रोबायोटिक्स (probiotics) का प्रयोग करें |
  10. जो लोग अधिक फल और सब्जियां खाते हैं और दूध और चीनी का उपयोग कम करते हैं उन्हें मुहांसे कम होते हैं: [२] यह सुनिश्चित करें कि आप प्रतिदिन 5 से 9 बार तक स्वास्थ्यवर्धक सब्जियां (विशेषरूप से हरी पत्तेदार सब्जियां) लें |
  11. साधारण वसा की अपेक्षा स्वस्थ वसा लें | स्वस्थ वसा जैसे ओमेगा-3 सूजन से लड़ने में मदद करता है और स्वस्थ कोशिकायें बनाता है | [३] ओमेगा-3 ऑक्सीजन के द्वारा नष्ट हो जाता है अर्थात् अगर आप ओमेगा-3 से भरपूर भोजन करें तो उसे कच्चा ही खाने की कोशिश करें | इस प्रकार के भोजन को उबालकर या तलकर खाने की अपेक्षा बेक करके खाना बेहतर होता है | ओमेगा-3 से भरपूर भोज्य पदार्थों में शामिल हैं:
    • मछली, विशेषरूप से सालमन (salmon), सारडाइन (sardine), और हेरिंग (herring) | [४]
    • बीज और नट्स, विशेषरूप से अलसी (flaxseed) | [४]
    • पत्तेदार हरी सब्जियां, विशेषरूप से पालक (spinach) और अरुगुला (arugula) | [४]
  12. प्रोबायोटिक्स स्वस्थ बैक्टीरिया होते हैं जो विशेष भोज्य पदार्थों में पाए जाते हैं जैसे कोम्बुचा (kombucha) जो पाचन प्रक्रिया को सुधारते हैं और सूजन को कम करते हैं | प्रोबायोटिक्स जैसे लैक्टोबैसिलस (lactobacillus) मुहाँसों को कम कर सकते हैं | प्रोबायोटिक्स आपके राशन की दुकान पर या प्राकृतिक दवाओं के स्टोर पर मिल सकते हैं |
  13. सही प्रकार के विटामिन्स आपके शरीर को तेजस्वी बनाने, स्किन को सुन्दर बनाने और मुहाँसों से लड़ने में मदद करेंगे | विटामिन-A त्वचा को स्वस्थ बनाने में विशेषरूप से प्रभावी है | लेकिन अगर आप गर्भवती हैं तो विटामिन-A नहीं लें |
  14. यह ऑइल एक सूजनविरोधी (anti-inflammatory) ओमेगा-6 फैट है और इसकी कमी से मुहांसे हो सकते हैं | [५] इसे दिन में दो बार 1000-1500 मिलीग्राम तक लें |
  15. यह प्रोटीन के संश्लेषण, घाव भरने और ऊतकों के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है | दिन में एक बार इसे 30 मिलीग्राम की मात्रा में लें |
  16. त्वचा के स्वास्थ्य की आपतकालिक स्थिति में विटामिन-E के प्रयोग से कई मुहाँसों से ग्रसित लोगों को लाभ मिला है | [५] दिन में एक बार इसे 400 IU (इंटरनेशनल यूनिट) तक लें |
  17. अपना चेहरा कई बार धोने से आपका चेहरा सिर्फ रुखा हो सकता है जिसके कारण चेहरा अधिक तेल उत्पन्न करने लगता है जिससे दुर्भाग्यवश मुहांसे अधिक हो जाते हैं |
  18. चेहरा धोने से आपकी स्किन की नमी निकल जाती है जो मुहांसे उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया से लड़ती है | अगर आपकी प्राकृतिक रूप से तैलीय त्वचा है तो भी ध्यान रखें कि आप अपनी त्वचा को आवश्यकतानुसार नमी प्रदान करें |
  19. नॉन-कोमेडोजेनिक (non-comedogenic) माश्चराइजर्स का उपयोग करें: इसका साधारण अर्थ है कि ये आपकी त्वचा के छिद्रों को बंद नहीं करेंगे | आप नहीं चाहेंगे कि अपनी स्किन के पोर्स या छिद्रों को साफ़ करने के तुरंत बाद आपका माश्चराइजर छिद्रों को बंद कर दे |
  20. अगर आपकी प्राकृतिक रूप से तैलीय त्वचा है तो एक जेल बेस्ड माश्चराइजर लगायें : इस प्रकार के माश्चराइजर से क्रीम बेस्ड माश्चराइजर्स के समान स्किन चिपचिपी और तैलीय अनुभव नहीं होती |
  21. टोनर एक लोशन है जो आपके चेहरे के रोमछिद्रों को सिकोड़ने में मदद करता है और गंदगी और धूल को साफ़ करता है | अल्कोहल बेस्ड टोनर का इस्तमाल करने में सावधानी रखें क्योंकि ये आपके चेहरे से तेल को साफ़ कर देते हैं जिसके कारण और अधिक तेल बनने लगता है और मुहांसे बढ़ जाते हैं | ऐसा टोनर ढूंढें जिसमे अल्कोहल की मात्रा कम हो लेकिन वह फिर भी प्रभावशाली हो |
  22. यथासंभव अपने जीवन से अस्वास्थ्यप्रद तनाव को हटा दें: हालाँकि डॉक्टर्स पूरी तरह से निश्चित नहीं हैं लेकिन वे जानते हैं कि तनाव और त्वचा की विकृतियों के बीच एक सम्बन्ध है, विशेषरूप से तनाव और मुहाँसों के बीच | हालाँकि, कोशिकाएं सीबम (sebum) का निर्माण करती हैं जो अंततः मुहाँसों का कारण होता है क्योंकि जब बहुत ज्यादा तनाव को अनुभव किया जाता है तब यह अनियमित हो जाता है | [६]
  23. कुछ लोग टहलकर तनावयुक्त स्थितियों से खुद को दूर रखते हैं | कुछ लोग कैनवास पर पेंटिंग करने के द्वारा अपना तनाव भगाते है | जो भी करने से आपका तनाव कम हो उसे अधिकतर किया करें और जल्दी से जल्दी करें |
  24. ध्यान की कई तकनीकें होती हैं, उनमे से कोई एक या कुछ तकनीकें ढूंढें जो आपके लिए काम कर सकें | कुछ लोग ध्यान के लिए योग को चुनते हैं |
  25. कम सोने के कारण तनाव हो सकता है और उनसे बढ़ सकते हैं | [७] जैसा कि हम ऊपर पढ़ चुके हैं कि तनाव से स्किन पर बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ता है जिसके कारण मुहांसे होते हैं | अच्छी नींद के लिए अपने तकिये के गिलाफ़ नियमित रूप से बदलें | अपने तकिये के गिलाफ़ पर एक टॉवल लपेटें जिससे तेल अवशोषित हो सके | आप अगली रात टॉवल को पलट सकते हैं |
  26. युवा और वृद्ध लोगों को वयस्कों की अपेक्षा अधिक सोने की ज़रूरत होती है: किशोरावस्था में 10 से 11 घंटे प्रति रात्रि सोना चाहिए | [८]
  27. मांसपेशियों या हड्डियों की क्षति के द्वारा होने वाले किसी भी प्रकार के रोगों के लिए व्यायाम एक रामबाण औषधि है | आपके संचरण को सुचारू रूप से चलने में मदद करने के लिए और अच्छे संचरण से आपकी स्किन को स्वस्थ और जीवंत बनाये रखने में मदद करने के लिए व्यायाम एक सर्वोत्तम विकल्प है | [९] व्यायाम करते समय आपको इन चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए:
  28. अगर बाहर व्यायाम करें तो हमेशा सनस्क्रीन लगायें: अगर आप सावधानी नहीं रखेंगे तो रक्त संचरण से मिलने वाले लाभ, धूप से होने वाली क्षति के द्वारा दुष्परिणामों में परिवर्तित होना शुरू कर देंगे | एक ऐसा सनस्क्रीन लगायें जो लाइट हो और आपकी स्किन को प्रकुपित न करे |
  29. जब आपको पसीना आता है तब आपकी त्वचा के छिद्र नमक युक्त गंदे अवशेष (residue) से अवरुद्ध हो जाते हैं जो व्यायाम के बाद रह जाते हैं | व्यायाम के बाद अपने शरीर को साफ़ रखें, विशेषरूप से अपने चेहरे को साफ़ रखें |
विधि 2
विधि 2 का 2:

मुहाँसों का उपचार करें

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  1. बेन्जॉयल परोक्साइड का उपयोग मुहांसे उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया को मारने के लिए किया जाता है | यह विभिन्न सांद्रता (concentration) में आता है लेकिन इसकी 2.5 प्रतिशत सांद्रता, 5-10 प्रतिशत सलूशन के समान ही प्रभावी होती है और यह स्किन को कम उत्तेजित करती है | बेन्जॉयल परोक्साइड मृत स्किन की परत हटाने और उसकी जगह पर चमकदार और अधिक नयी स्किन को लाने में मदद करता है |
    • बेन्जॉयल परोक्साइड आपकी स्किन को ड्राय करता है। इसलिए लीव-इन क्रीम्स यूज़ करने के बजाय बेन्जॉयल परोक्साइड फेस वॉश यूज़ करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
  2. बेन्जॉयल पेरोक्साइड के समान ही सैलिसिलिक एसिड भी मुहाँसों की वृद्धि करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करता है | इसके कारण भी त्वचा की कोशिकाएं तेज़ी के साथ झड़ती हैं और नयी स्किन की वृद्धि होती है | सोने से अपना चेहरा धोने के बाद प्रभावित हिस्से पर सैलिसिलिक एसिड की थोड़ी सी मात्रा लगायें |
  3. टूथपेस्ट में सिलिका (silica) पाया जाता है जो ड्रायिंग एजेंट (drying agent) है जो आपको अन्य चीज़ों के साथ ही लम्बी पतली परतों वाले सूखे गौमांस के बैग में मिलता है | बुनियादी तौर पर टूथपेस्ट आपके मुहाँसों को रातभर में सुखा देगा और इनका आकार कम हो जायेगा |
  4. अपनी स्किन पर ब्रश से हलके से लगाने के लिए एक प्राकृतिक टूथपेस्ट का उपयोग करें: कुछ टूथपेस्ट में सोडियम लौर्यल सल्फेट (sodium lauryl sulfate) पाया जाता है जो स्किन को उत्तेजित कर सकता है | इसे लगाने के हले अच्छी तरह से जाँच लें |
  5. टी ट्री ऑइल एक एंटीबैक्टीरियल एस्सेंसिअल ऑइल है जो आपकी स्किन के छिद्रों में घर बनाकर रहने की शुरुआत करने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर सकता है | एक ड्रॉपर के साथ क्यू-टिप को थोड़े से टी ट्री आयल की थपकी दें और ज़रूरत के अनुसार मुहाँसों पर लगायें, इसे सावधानीपूर्वक लगायें, बहुत ज्यादा न लगायें |
  6. टी ट्री ऑइल में सूजनविरोधी गुण पाए जाते हैं [15] जो मुहाँसों की लालिमा और आकार को घटाकर कम नोटिस करने योग्य बना सकते हैं |
  7. एस्पिरिन की टेबलेट को पीसकर उसमे पर्याप्त पानी मिलाकर एक पेस्ट बनायें | एक क्यू-टिप (q-tip) से एस्पिरिन पेस्ट को मुहाँसों पर पतला-पतला लगाकर इससे पूरा ढँक दें | एस्पिरिन में भी सूजन विरोधी गुण होते हैं अर्थात् यह स्किन को सूजन के विरुद्ध लड़ने में मदद करती है और मुहाँसों का दिखना कम करती है | एस्पिरिन पेस्ट को मुहाँसों से लड़ने के लिए रातभर लगा रहने दें |
  8. तैलीय त्वचा पर एस्ट्रिनजेंट्स (astringents) का उपयोग करें: ये ऐसे कारक होते हैं जिनसे स्किन संकुचित या छोटी हो जाती है | कुछ फार्मास्यूटिकल (pharmaceutical) एस्ट्रिनजेंट्स में एंटी माइक्रोबियल (antimicrobial) सामग्री पाई जाती है जो मुहाँसों से लड़ने के साथ ही मुहाँसों के आकर को भी कम करने में मदद करेगी | यहाँ कुछ एस्ट्रिनजेंट्स दिए गये हैं जिनके उपयोग पर विचार किया जा सकता है:
  9. ये विभिन्न प्रकारों और आकारों में आते हैं | एक ऐसा एस्ट्रिनजेंट ढूंढें जिसमे बेन्जॉयल पेरोक्साइड या सलिसिलिक एसिड पाए जाते हों | अपनी स्किन पर कोमल प्रभाव रखने वाले एस्ट्रिनजेंट के बारे में पूछें |
  10. इनकी भी बहुत थोड़ी सी मात्रा काम कर देती है | इनमें शामिल हैं:
  11. सिट्रिक एसिड मुहांसे उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर देता है और त्वचा में खिंचाव उत्पन्न करता है | नीम्बू का एक टुकड़ा लेकर इसे प्रभावित हिस्से पर कोमलता से मलें |
  12. केले का छिलका कीड़े या मच्छर के काटे हुए हिस्से का उपचार करने में मददगार है और मुहाँसों के आकार को कम करने में भी सहायक हो सकता है | प्रभावित हिस्से पर कोमलता से केले के छिलके को मलें |
  13. विच हेज़ल (witch hazel या एक प्रकार की पीले फूलों वाली खुशबूदार अमेरिकन झाड़ी): इसका उपयोग कई तरह से किया जाता है | ऐसी विच हेज़ल खोजें जिसमे अल्कोहल न पाया जाएँ | प्रभावित हिस्से पर थोड़ी सी मात्रा में इसे लगायें और सूखने दें |
  14. इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो फ्री रेडिकल्स से लड़कर वयता के चिन्हों को कम करने में मदद करते हैं | थोड़े गर्म पानी में इसका टी बैग डालें, और फिर पूरे तरल में से टी बैग को हटा दें और इसे प्रभावित हिस्से पर लगायें |
  15. मुहाँसों पर बर्फ के टुकड़े तब तक मलें जब तक वह हिस्सा सुन्न न हो जाये | अब रुकें और अपने चेहरे को फिर से गर्म होने के लिए छोड़ दें |
  16. जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि बर्फ स्किन की गहराई में उपस्थित रक्त वाहिकाओं को संकुचित करके पोर्स या छिद्रों के आकार को कम करने में मदद करती है: अगर आपके मुहांसे पीड़ादायक हैं तो यह दर्द को कम करने में मदद कर सकती है |
  17. अगर आपको बहुत सारे मुहांसे हैं तो छोटे- छोटे हिस्सों में काम करें: जब एक हिस्सा सुन्न हो जाये तब दूसरे हिस्से की ओर जाएँ |
  18. प्रभावित हिस्से पर आई ड्रॉप्स (eye-drops) का उपयोग करें: आई ड्राप जो आँखों की लालिमा को कम कर देती है, वो मुहाँसों की लालिमा और स्किन की उत्तेजना के चिन्हों को भी कम करने में मदद कर सकती है | क्यू-टिप पर थोड़ी सी आई-ड्राप लेकर मुहाँसों पर ज़रूरत के अनुसार लगायें |
  19. चूँकि ठण्डक भी मुहाँसों की सूजन को कम करने में मदद कर सकती है इसलिए क्यू-टिप को आई-ड्राप में डुबोकर लगाने से पहले एक घंटे तक फ्रीजर में रखें : ठंडी क्यू-टिप सूजन को कम करके पीड़ा कम करेगी |
  20. एंटीहिस्टामिन लोगों की त्वचा के ऊतकों में होने वाले सूजन के प्रभाव को दबा देते हैं | इनमे से कई दवाएं पिल्स के रूप में अंतर्ग्रहित की जाती हैं लेकिन कुछ चाय या स्थानीय कारकों के रूप में उपयोग की जा सकती हैं | प्राकृतिक हर्बल एंटीहिस्टामिन में शामिल हैं:
  21. यह सुनने में बहुत अजीब लगता है क्योंकि जंगल में बिच्छू बूटी या स्टिंगइंग नेटल छूने से छोटे मुहाँसों से भिन्न दाने उत्पन्न नहीं हो सकते | कुछ डॉक्टर्स बिच्छू बूटी की ठंडी-सूखी योजना को लेने की सिफारिश करते हैं जो शरीर में उत्पन्न होने वाले हिस्टामिन की मात्रा को कम करने की अपनी क्षमता के लिए जानी जाती है |
  22. यह भी एक प्रभावशाली एंटीहिस्टामिन हो सकता है | यह एक यूरोपियन पौधा है जिसका उपयोग स्किन रोगों के उपचार में किया जाता है | इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर लगाया जा सकता है या कोल्ड्स फुट का सार पिल्स के रूप में अंतर्ग्रहित किया जाता है |
  23. तुलसी भी एक प्राकृतिक एंटीहिस्टामिन की तरह काम कर सकती है: तुलसी की कुछ पत्तियां लेकर उन्हें भाप में गर्म करें और कोमलता से प्रभावित हिस्से पर लगायें |
  24. अगर यह सब करने के बाद भी आपके मुहांसे नही जाते तो एक डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें: | वे आपको कुछ एंटीबायोटिक्स और अन्य मुंह से लेन वाली दवाएं देंगें जो संक्रमित स्किन पर टारगेट कर सकती हैं और बहुत जल्दी मुहाँसों का सफाया कर सकती हैं |

सलाह

  • अपने मुहांसे गायब होने के बाद भी कम से कम 30 दिनों तक या कभी-कभी इससे ज्यादा समय तक अपने रूटीन को चलने दें | किशोरावस्था के बाद ठीक हुए मुहांसे फिर से वापस आ सकते हैं और अगर ये वापस आयें तो अपने पुराने रूटीन का फिर से पालन करने लगें |
  • मुहाँसों की स्थिति से हर कोई गुज़रता है और विभिन्न लोगों के लिए कुछ चीज़ें काम कर जाती हैं | और अगर ये काम न आयें तो कोई बात नहीं, कुछ और कोशिश करें और सकारात्मक रहें |
  • वास्तविक रूप से अपनी स्किन से धूल और तेल को निकालने के लिए साबुन या क्लीनजर को 2 मिनट का समय दीजिये | आप पूरे समय मलें नहीं लेकिन यह फिर भी मदद करेगा |
  • धोकर साफ़ करें और फिर से ऐसा ही करें |
  • अगर आपने बहुत सारा क्लीनजर लगाया है तो आपको फिर से धोने की ज़रूरत होगी | एक बार फिर से अपने पोर्स को बंद करने के लिए ठन्डे पानी से धोएं | कुछ लोग इस आखिरी स्टेप के लिए टोनर का उपयोग करते हैं |
  • थोडा भी क्लीनजर शेष रह जाने पर यह फिर से धूल और तेल को जमा करने में सहायता करेगा |
  • यह प्रक्रिया अधिक प्रभवि होगी अगर इसे सुबह या शाम को किया जाये | स्किन के लाल होने या तेल के फिर से उत्पन्न होने पर नज़र रखें |
  • पहले दो सप्ताह में, आप बंद पोर्स के खुलने के रूप में मुहाँसों के बढ़ने और मुहांसे बनने का अनुभव कर सकते हैं | हिम्मत रखें और खुश रहें | समय के साथ आपके मुहाँसों में सुधार आयेगा |
  • बेन्जॉयल पेरोक्साइड और काउंटर पर पाए जाने वाले अन्य प्रोडक्ट्स वास्तव म बहुत अच्छा काम करते हैं लेकिन इनका प्रयोग करने के लिए डॉक्टर से सलाह लें |
  • जितनी बार आप अपने मुहाँसों को छुएं उतनी बार अपने हाथों को धोएं |

चेतावनी

  • अपने मुहाँसों को नोंचें नहीं अन्यथा और अधिक मुहांसे हो सकते हैं |

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