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आपके रेडिएटर में अगर कोई लीकेज (leakage) होगा तब आप इतना कूलेंट (coolant) गंवा देंगे कि आपकी वेहिकल (vehicle) अधिक गरम हो जाएगी, मगर कुछ और संकेत भी होते हैं, जिनसे आपको पता चल सकता है कि आपका कूलेंट बहा जा रहा है। अगर आप इन संकेतों को देखने के लिए अपनी आंखें खुली रखेंगे, तब आप उसके मुसीबत बनने से पहले ही उसका इलाज कर सकेंगे। रेडिएटर में दरारों और छोटे मोटे छेदों को सील करने के अनेक तरीके हैं जिससे आप अपनी गाड़ी को वापस चलती हुई हालत में ला सकते हैं और आपको परेशानी भी कम से कम होगी। कुछ ऐसे तरीके भी हैं जो कि एमर्जेंसी में काम कर सकते हैं, जिससे छोटे लीक्स इतने लंबे समय के लिए सील हो सकते हैं कि आप घर या मेकेनिक तक पहुँच जाएँ।

विधि 1
विधि 1 का 3:

रेडिएटर में लीक को पहचानना

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  1. टेम्पेरेचर गेज (temperature gauge) में तापमान बढ्ने पर ध्यान दीजिये: आपका रेडिएटर, आपकी वेहिकल के इंजन में ऑप्टिमल ऑपरेटिंग (optimal operating) तापमान बनाए रखने के लिए गर्मी को डिसिपेट (dissipate) कर देता है। आपके रेडिएटर में लीक होने से कूलेंट बह जाता है, और सिस्टम की तापमान घटाने की क्षमता घट जाती है। जब आपका कूलेंट सिस्टम फ़ेल (fail) होना शुरू होता है, तब डैश-बोर्ड पर लगा हुआ आपका टेम्पेरेचर गेज ऊपर को बढ़ना शुरू कर देता है। अगर आपकी वेहिकल लगातार गरम ही रही है या अभी हाल ही में उसमें ओवरहीट होने की समस्या शुरू हुई है, दोनों ही परिस्थितियों में शायद आपके रेडिएटर में लीक होगी। [१]
    • याद रखिएगा कि ओवरहीट होने से आपकी वेहिकल के इंजन को गंभीर नुकसान पहुँच सकता है। अगर आपकी गाड़ी ओवरहीट होने लगे, तब गाड़ी चलाना तुरंत रोक दीजिये।
    • अगर आपकी गाड़ी सामान्य से अधिक गरम रहती है, तब शायद कोई छोटा लीक है, क्योंकि इसका अर्थ यही होता है कि अभी उतना कूलेंट तो मौजूद है जिससे इंजन इतना ठंडा रह सकता है कि वह काम करता रहे।
  2. अपनी गाड़ी के नीचे पडल्स (puddles) हों, तब उन पर ध्यान दीजिये: कूलेंट लीक्स को पहचानने का एक आसान तरीका यह है कि आपको अपनी गाड़ी के नीचे कूलेंट के पडल्स दिखाई पड़ें। बेशक, किसी भी वेहिकल में बहुत से तरल पदार्थ होते हैं जो लीक कर सकते हैं, इसलिए आपको उसको ध्यान से देखना पड़ेगा और हो सकता है कि उसकी सही पहचान करने के लिए छू कर भी देखना पड़े। याद रहे कि एयर कन्डीशनिंग चला कर गाड़ी चलाने से आपके ए सी कंप्रेसर से नमी चू सकती है और गाड़ियों में कूलेंट की तरह ही तेल भी बह सकता है। अगर आपको अपनी गाड़ी के नीचे, या जहां आपकी गाड़ी खड़ी थी, वहाँ पर, कोई पडल नज़र आता है, तब उसे ध्यान से देखिये। [२]
    • कूलेंट हरे या नारंगी रंग का होता है और वह मोटर ऑइल या पानी से बहुत फ़र्क होता है।
    • नया मोटर ऑइल पीलापन लिए होता है, मगर अगर वह इंजन में लंबे समय तक पड़ा रहा होगा तब वह गाढ़ा भूरा या काला तक हो सकता है।
    • एयर कन्डीशनिंग से टपका हुआ कंडेन्सेशन (condensation) केवल पानी होगा।
  3. अगर आपको लगता है कि आपके रेडिएटर में लीक है और आपको उसकी पहचान नहीं कर पाये हैं, तब हुड के नीचे अपने कूलेंट रिजर्वोइर में कूलेंट के स्तर को नोट करिए। अधिकांश कूलेंट रिजर्वोइर्स में निम्न और उच्च का निशान साफ़-साफ़ बना होता है। रिजर्वोइर पर पेंट पेन से एक लाइन बना लीजिये या अपने फ़ोन से उसकी एक फ़ोटो ले लीजिये जिससे पता चल सके कि यह आपकी पहली जांच है। कुछ घंटों ड्राइव करने के बाद हुड खोल कर फिर से देखिये कि स्तर कितना गिर गया है। अगर आपने शुरुआती जांच ठंडे इंजन में की हो तब उसकी फिर से जांच करने से पहले उसे ठंडा हो जाने दीजिये। [३]
    • कूलेंट एक सील किए हुये सिस्टम में रहता है और उसका स्तर बदलना नहीं चाहिए।
    • अगर दूसरी बार जांच करने पर कूलेंट का स्तर नीचे हो, तब इसका मतलब है कि कहीं पर कोई लीक है।
  4. अगर आपको रेडिएटर या रेडिएटर के आसपास जंग और उड़ा हुआ रंग दिखे तब यह इस बात का संकेत है कि उस जगह के आसपास रेडिएटर में कूलेंट की लीक है। चूंकि लीक के कारण, आपके ड्राइव करने के दौरान कूलेंट तथा पानी रेडिएटर के बाहर निकल सकता है, इसलिए जो भी भाग उसके संपर्क में आते हैं उन पर जंग लग सकती है। हालांकि इंजन के सभी हिस्सों पर जंग लग सकती है, अगर आपको रेडिएटर के पास कोई ऐसा क्षेत्र दिखाई पड़ता है जहां यह कुछ अधिक ही हो, तब शायद वहीं पर लीक हो सकती है। [४]
    • जिन जगहों पर आप जंग लगी देखें, उन जगहों के आसपास कूलेंट के निशान ढूंढिए।
    • आपको इनमें से जो भी जंग लगा क्षेत्र और कूलेंट का निशान सबसे ऊपर मिले, हो सकता है कि उसी के आसपास लीक हो रहा हो।
विधि 2
विधि 2 का 3:

लीक को लोकेट करना

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  1. आपके रेडिएटर को इंजन का ऑपरेटिंग तापमान बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण काम करना होता है। परिणामस्वरूप, रेडिएटर और उससे मिलने वाली लाइन बहुत गरम हो सकती है। जब वह गरम होता है तब कूलेंट सिस्टम में दबाव बना हुआ होता है, और रेडिएटर के ढक्कन को खोल देने से गरम कूलेंट तथा भाप तेज़ी से बाहर निकल सकती है जो कि खतरनाक हो सकता है। यह अभियान शुरु करने से पहले, अपनी कार को किसी खाली जगह या गराज के बे में खड़ा करके कुछ घंटों तक ठंडा होने दीजिये। [५]
    • वेहिकल को पार्क करने के बाद हुड खोल दीजिये ताकि गर्मी को बाहर निकल जाने का खुला रास्ता मिल सके।
    • काम करने से पहले कुछ घंटों तक इंजन को को ठंडा होने का अवसर दीजिये।
  2. चूंकि कूलेंट सिस्टम प्रेशराइज्ड (pressurized) होते हैं, इसलिए यह ज़रूरी है कि आप रेडिएटर पर काम करते समय सुरक्षा चश्मे को पहने रहें। हालांकि जब आप इससे आगे का कम करें तब इंजन को इतना ठंडा हो चुका होना चाहिए कि उसे छुआ जा सके, क्योंकि कूलेंट सिस्टम में दबाव बहुत अधिक हो सकता है और जब आप उसकी कैप खोलेंगे तब हो सकता है कि गैस एक साथ बाहर को निकल आए। इस अभियान के दौरान हो सकता है कि आपको कार के नीचे भी घुसना पड़े और सुरक्षा चश्मा पहने से कार के अंडरकैरिज (undercarriage) में फंसे हुये कचरे के गिरने से भी आपकी आंखों की सुरक्षा हो सकेगी। [६]
    • गाड़ी के नीचे काम करते समय सदैव सुरक्षा चश्मा पहने रहिए।
    • आपको दस्ताने भी पहनने चाहिए ताकि आपके हाथ कहीं दब जाने से और बची हुई गर्मी के कारण जलने से बच सकें।
  3. जब रेडिएटर से गंदगी और कूलेंट हट जाएगा तब उसमें लीक को लोकेट करना अधिक आसान हो जाएगा। रेडिएटर और उसके आसपास की जगह को होज़ से छिड़काव करके साफ करिए ताकि आप यह यकीनन जान सकें कि लीक कहाँ है। अगर धोने के बाद स्टार्ट करने पर आपको इंजन बे में कूलेंट दिखाई देगा तब वह लीक से ही निकला होगा। जब आप रेडिएटर को धो रहे हों, तब देखिये कि रेडिएटर में या उसके दोनों किनारों पर टंकियों में कहीं कोई दरार तो नहीं है। [७]
    • रेडिएटर धोते समय साबुन का इस्तेमाल अनावश्यक है।
    • जिस जगह पर भी बहुत ग्राइम (grime) जाम गया हो, वहाँ पर पेपर टॉवल से पोंछ दीजिये।
  4. कार को स्टार्ट करिए और देखिये कि क्या कहीं किसी और नई जगह से लीक हो रहा है: रेडिएटर में लीक को पहचानने के दो तरीकों में से एक यह है कि साफ़ करने के बाद आप इंजन स्टार्ट करें। इंजन के चलते-चलते ही अपने रेडिएटर और उसके आसपास की जगह को ध्यान से देखिये कि क्या कहीं लीक के कोई संकेत दिखाई पड़ रहे हैं। आपको लीक से भाप के या फ़्लूइड (fluid) के फौहारे निकलते हुये दिख सकते हैं, पाइपिंग या रेडिएटर से कूलेंट या पानी टपकता हुआ दिख सकता है, या आपको कोई लीक से निकलती हुई कोई हिस्स की आवाज़ सुनाई पड़ सकती है जिसे आप अपनी जगह से देख न पा रहे हों। इस तरीके से आपको सही दिशा का संकेत मिल सकता है, मगर रेडिएटर में मुश्किल से देखी जा सकने वाली जगहों को देख पाने के लिए शायद आपको कार के इंजन को फिर से बंद करने की ज़रूरत पड़ सकती है। [८]
    • रेडिएटर की दरारों में से निकलती हुई गैस या फ़्लूइड (fluid) की फुहारों पर ध्यान दीजिये।
    • कूलेंट की बूंदों पर ध्यान दीजिये जो कि शायद ऊपर किसी लीक से बह कर आ रही हों।
    • अगर आप लीक्स को देख न सकें, तब रेडिएटर के आसपास की जगह से आने वाली हिस्स की आवाज़ को सुनिए।
  5. लीक्स को लोकेट (locate) करने के लिए प्रेशर टेस्टर (pressure tester) का इस्तेमाल करिए: आप अपने स्थानीय ऑटो पार्ट्स स्टोर से कूलेंट सिस्टम प्रेशर टेस्टर ख़रीद सकते हैं। उसको इस्तेमाल करने के लिए यह सुनिश्चित कर लीजिये कि इंजन ठंडा हो और अपने कूलेंट सिस्टम से रेडिएटर या उसकी कैप को निकाल दीजिये। साथ में आए हुये अडाप्टर (adaptor) की सहायता से कैप की जगह टेस्टर को इन्स्टाल कर दीजिये। जब टेस्टर लग जाये और सिस्टम एक बार फिर से सील हो जाये, तब टेस्टर का इस्तेमाल कूलेंट सिस्टम में दस पाउंड का प्रेशर पंप करने के लिए करिए। अगर जो गेज (gauge) में प्रेशर गिरता हुआ दिखे तब इसका मतलब है कि प्रेशर अभी सिस्टम से लीक कर रहा है। दरार को लोकेट करने के लिए उसमें से निकलती हुई हवा की आवाज़ को फॉलो (follow) करिए। [९]
    • ध्यान रखिएगा कि कूलेंट सिस्टम में 10 से 15 पाउंड (पीएसआई) से अधिक का प्रेशर न शामिल करें। उससे अधिक दबाव से नुकसान हो सकता है और लीक्स बढ़ भी सकते हैं। आपके कूलिंग सिस्टम ऑपरेटिंग प्रेशर को रेसिएटर कैप पर लिखा होना चाहिए और प्रेशर टेस्टिंग करते समय आपको इस संख्या से बहुत आगे नहीं बढ़ जाना चाहिए।
    • रेडिएटर के अलावा कूलेंट लाइंस में भी दरारें खोजने की प्रयास करिए, क्योंकि उनमें भी पुरानी होने पर दरारें पड़ने की संभावना हो सकती है।
विधि 3
विधि 3 का 3:

कूलेंट लीक की मरम्मत करना

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  1. बाज़ार में ऐसे अनेक उत्पाद उपलब्ध हैं जिनसे आपके रेडिएटर के लीक को सील करना सरल हो सकता है। हालांकि ऐसे अनेक ब्रांड होते हैं, मगर इन लीक सील करने वाले उत्पादों के काम करने का तरीका लगभग एक ही होता है। शुरुआत यह सुनिश्चित करने से करिए की आपका इंजन बंद और ठंडा है। रेडिएटर का ढक्कन खोलिए और सीलेंट को सीधे कूलेंट सिस्टम में डाल दीजिये। अगर आपके इंजन में अभी कमी हो तब इसमें कूलेंट और पानी डाल कर इसे टॉप अप कर दीजिये। रेडिएटर का ढक्कन वापस लगाये और इंजन स्टार्ट कर दीजिये। जब सीलेंट आपके कूलेंट सिस्टम में से जाएगा तब लीक सील हो जाएगी। [१०]
    • यह तरीका उतना स्थाई नहीं है जितना कि पेशेवर मरम्मत या एपोक्सी, मगर यह छोटी मोटी सील को तब तक के लिए तो ठीक कर ही देता है जब तक कि अधिक स्थाई मरम्मत नहीं करवा ली जाती।
    • इंजन को 5-10 मिनट तक चलने दीजिये जिससे कि लीक बंद करने वाला उत्पाद पूरे सिस्टम में घूम सके।
    • उसको चलाने के बाद इंजन को रात भर बंद रहने दीजिये ताकि सीलेंट सेट हो सके।
  2. दिखाई पड़ने वाली दरारों के लिए एपोक्सी का इस्तेमाल करिए: जब आपको कोई दरार साफ़-साफ़ दिखाई पड़े, तब उसके आसपास की जगह को अच्छी तरह से साफ़ करिए। अगर वहाँ पर कोई गंदगी या ग्रीज़ वगैरह बची रह जाएगी तब उसके कारण एपोक्सी उसको ठीक से सील नहीं कर पाएगी। चिपकी हुई गंदगी को साफ़ करने के लिए ब्रेक क्लीनर और रैग (rag) का इस्तेमाल करिए। जब वह जगह साफ़ हो जाये, तब एपोक्सी लगाने की कोशिश करने से पहले उस जगह को अच्छी तरह से सूख जाने दीजिये। एपोक्सी को हाथ में रख कर तब तक अच्छी तरह से मसल लीजिये जब तक वह इतनी मुलायम न हो जाये कि आप उसे दरार के ऊपर फैला कर लगा सकें। यह काम पूरे ध्यान से करिए और एपोक्सी की पर्त कम से कम एक बटा आठ इंच मोटी होनी चाहिए ताकि वेहिकल के चलते समय वह कूलेंट सिस्टम के दबाव को सहन कर सके। [११]
    • आप रेडिएटर एपोक्सी अधिकांश ऑटो पार्ट्स स्टोर्स में खरीद सकते हैं।
    • वेहिकल स्टार्ट करने से पहले एपोक्सी को रात भर सेट होने का अवसर दीजिये।
  3. लीक करते हुये रेडिएटर को सील करने के लिए अंडे का इस्तेमाल करिए: हालांकि रेडिएटर सील करने के लिए अंडे कोई दीर्घकालीन समाधान नहीं होते हैं, मगर इनकी मदद से कम से कम आप पिनहोल (pinhole) लीक्स को तब तक के लिए सील कर सकते हैं जब तक कि उसकी उचित मरम्मत नहीं हो जाती। अंडे की ज़र्दी को उसकी सफ़ेदी से अलग करने से शुरुआत करिए। सफ़ेदी को फेंक दीजिए, फिर तीन या चार अंडों की ज़र्दी को रेडिएटर के ढक्कन से कूलेंट सिस्टम में डाल दीजिये। जैसे लीक सीलेंट डालने के बाद किया था उसी तरह अंडे डालने के बाद इंजन स्टार्ट करिए जिससे अंडे की ज़र्दी कूलेंट सिस्टम में गुज़र सके। ज़र्दी कंजील (congeal) करेगी और आपके रेडिएटर के छोटी लीकेजेज़ को सील कर देगी और तब तक उस दबाव को सहने का अवसर देगी जब तक कि आप घर या मरम्मत के लिए गराज नहीं पहुँच जाएंग। [१२]
    • अंडे की ज़र्दी से आपकी कूलेंट की लाइंस क्लॉग (clog) हो सकती हैं इसलिए सिवाय आपात परिस्थितियों के अंडे की ज़र्दी के इस्तेमाल का सुझाव नहीं दिया जाता है।
    • यह तरीका उन कमर्शियल उत्पादों की तुलना में कम विश्वसनीय है जिनका इस्तेमाल आप अपने रेडिएटर की मरम्मत के लिए कर सकते हैं।
  4. छोटी लीक्स को सील करने के लिए पेप्पर (pepper) का इस्तेमाल करिए: पेप्पर एक और ऐसा अनलाइकली (unlikely) टूल है जिसका इस्तेमाल आप छोटी लीक को तब तक के लिए बंद या कम से कम धीमा करने के लिए कर सकते हैं जब तक आप घर या मरम्मत के लिए गराज तक न पहुँच जाएँ। इंजन को पूरी तरह ठंडा हो जाने दीजिये और उसके बाद रेडिएटर का ढक्कन खोलिए और लगभग आधी डिब्बी साधारण काली मिर्च उसमें डाल दीजिये। सीलेंट या अंडे की ज़र्दी की तरह ही काली मिर्च कूलेंट सिस्टम में से गुज़रेगी और जब दबाव उसे बाहर निकालने कीकोशिश कर रहा होगा तब वह दरारों में फंस जाएगी। इससे एक अस्थाई सील बन जाएगी जिसके कारण अप थोड़े समय तक कूलेंट और उसके प्रेशर को रोके रख सकेंगे और ड्राइव करते रहेंगे। [१३]
    • अंडे की ज़र्दी की तरह ही यह तरीका कमर्शियल उत्पादों की तुलना में कम विश्वसनीय है और जब तक बहुत एमर्जेंसी न हो इसके इस्तेमाल की सलाह नहीं है।
    • हालांकि काली मिर्च अंडे की ज़र्दी की तुलना में अधिक लंबे समय तक लीक्स को रोक सकती है मगर तब भी इसका इस्तेमाल केवल छोटे लीक्स के लिए ही करिएगा।
  5. आपने अपने रेडिएटर को सील करने का चाहे जो भी तरीका इस्तेमाल किया हो, महत्वपूर्ण यह है कि आपने उसको सेट होने का पर्याप्त अवसर दे दिया हो, उसके बाद आप अपनी मरम्मत पर ध्यान दीजिये। वेहिकल को कुछ समय चलाने के बाद, देखिये कि क्या लीक होने के कोई लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं। अगर आपको लगता है कि अभी भी कूलेंट लीक कर रहा है तब लीक के स्त्रोत को खोजने के लिए फिर से वही सब परीक्षण दोहराइए। हो सकता है कि अनेक लीक्स हों या आपकी मरम्मत ने लीक को पूरी तरह से सील न किया हो। तब नए लीक्स को खोजिए और इसी प्रक्रिया को दोहराइए।
    • अंडे की ज़र्दी और काली मिर्च किसी भी रेडिएटर लीक के स्थाई समाधान नहीं हैं। जब आप घर पहुँच जाएँ तब किसी लीक सीलेंट या एपोक्सी का इस्तेमाल अवश्य करिएगा।
    • बड़ी दरारें होंगी तब उनकी मरम्मत संभव नहीं है। इन परिस्थितियों में, शायद आपके रेडिएटर को बदलने की ही ज़रूरत हो सकती है।
    • सुनिश्चित करिए कि जब भी कम हो जाए तब कूलेंट सिस्टम को पानी और कूलेंट से 50/50 भरें।

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