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व्हाइटहैड्स (Whiteheads) एक तरह के मुहाँसे होते हैं, जो आमतौर पर स्किन पर छोटे, गोल, सफ़ेद उभार (उभार) की तरह नजर आते हैं। इस तरह के मुहाँसे स्किन ऑइल और डैड स्किन सेल्स के द्वारा पोर एरिया को क्लोग करने और पोर ओपनिंग को रोक देने की वजह से हुआ करते हैं। क्योंकि व्हाइटहैड्स पोर्स को ब्लॉक कर देते हैं (ब्लैकहैड्स की तरह नहीं, जो पोर्स को ओपन ही रखते हैं), इसलिए इसको डर्मेटोलॉजिस्ट "क्लोज्ड कोमेडो (closed comedo)" एक्ने के नाम से जाना करते हैं। मुहाँसे के दूसरे प्रकारों की तरह ही, आमतौर पर व्हाइटहैड्स का इलाज घर पर भी किया जा सकता है।

विधि 1
विधि 1 का 3:

घर पर ही व्हाइटहैड्स का इलाज करना

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  1. प्रभावित हिस्से को दिन में दो बार एक माइल्ड क्लींजर की मदद से धो लें: बहुत जल्दी-जल्दी धोना, त्वचा को बहुत तेजी से रगड़ना या फिर बहुत ज्यादा खुरदुरे फेशियल मास्क्स इस्तेमाल करना, मुहाँसे को और भी बदतर बना सकता है।
  2. ऐसे ओवर-द-काउंटर (स्टोर पर सीधे मिलने वाले) एक्ने ट्रीटमेंट प्रोडक्ट्स लगाएँ, जिनमें बेंजोइल पैरॉक्‍साइड (benzoyl peroxide) और सैलिसिलिक एसिड (salicylic acid) हो: किसी भी टोपिकल मेडिकेशन को अप्लाई करने से पहले, अपनी स्किन को अच्छी तरह से धो लेने के बाद 5-15 मिनट्स का इंतज़ार करना जरूरी होता है। अगर आप अपने चेहरे को धोने के फौरन बाद, दवाई लगा लेती हैं, तो ये असल में आपकी स्किन को इरिटेट कर सकती है और इससे आपको व्हाइटहैड्स हो सकते हैं।
    • जब मुहांसा होता है, तब बेंजोइल पैरॉक्‍साइड पोर्स में पाए जाने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर देता है। [१] ये कई तरह के प्रोडक्ट्स की रेंज में शामिल होता है, जिसमें फेस वॉश, लोशन और ऑइंटमेंट (ointments) शामिल हैं। इन्हें लगाते समय सावधानी बरतें, नहीं तो इनकी वजह से आपको दाग या आपके कपड़े का कलर निकल सकता है। [२]
    • सैलिसिलिक एसिड स्किन की डेड सेल्स को हटाने में मदद करता है, जिसकी मदद से स्किन के पोर्स खुल जाते हैं। ये उस एक्सट्रा ऑइल को भी सुखा देता है, जिससे व्हाइटहैड्स होते हैं। क्योंकि ये एक एसिड है, इसलिए जब आप उसे अप्लाई करेंगे, तब उससे हल्की सी चुभन जैसी होगी। [३]
    • इनमें से किसी भी एक मेडिकेशन के साथ, अगर आपको ऐसा कुछ भी महसूस हो, तो इन्हें फौरन इस्तेमाल करना बंद कर दें और अपने डर्मेटालॉजिस्ट से संपर्क करें: स्किन रैश या बहुत तेज खुजली, छाले, रेडनेस या सूजन।
    • बहुत ज्यादा भी मत लगाएँ! इन मेडिकेशन्स की रिकमेंड किए हुए डोज़ से ज्यादा लगाने से न तो सिर्फ आपकी त्वचा तेज़ी से साफ हो पाएगी, असल में आपकी स्किन इरिटेट होगी और रेडनेस, सूजन और ज्यादा व्हाइटहैड्स होंगे।
  3. व्हाइटहैड्स से नेचुरल तरीके से निपटने के लिए टी ट्री ऑइल अप्लाई करें: कम से कम 5% टी ट्री ऑइल वाले किसी प्रोडक्ट का यूज करें। ऑइल में एक कॉटन बॉल को भिगो लें और उसे दिन में एक बार प्रभावित हिस्से पर लगाएँ। (अगर आप 100% प्योर टी ट्री ऑइल इस्तेमाल करती हैं, उसे घोलने की पुष्टि कर लें, नहीं तो आप आखिर में अपनी स्किन को इरिटेट कर बैठेंगी।) भले ही ये काम करने में ज्यादा वक़्त (लगभग तीन महीने) क्यों न ले, स्टडीज़ में पाया गया, कि टी ट्री ऑइल, बेंजोइल पैरॉक्‍साइड के ही बराबर सूजन से लड़ने में इफेक्टिव होता है, लेकिन इसके साइड इफ़ेक्ट्स कम होते हैं। [४]
    • अगर आपको एक्जिमा (खुजली) या दूसरी स्किन कंडीशन है, टी ट्री ऑइल आपकी स्किन को और भी इरिटेट कर सकता है। टी ट्री ऑइल को निगलें नहीं, क्योंकि इसे खाया जाना टॉक्सिक हो सकता है। [५]
    • ज्यादा तेज रिजल्ट्स पाने के लिए, टी ट्री ऑइल को दिन में दो बार, हर बार 20 मिनट्स के लिए त्वचा पर लगाएँ, फिर एक जेंटल क्लींजर से से धो लें। इस नियम को 45 दिनों तक जारी रखें। [६]
  4. अपने वादों के विपरीत, स्किन क्लियरिंग प्रोडक्ट्स रातोंरात काम नहीं करते हैं। इम्प्रूवमेंट नजर आने में 6-8 हफ्ते तक लग सकते हैं और स्किन सच में साफ होने में 6 महीने तक लग सकते हैं। धैर्य रखें और अपने स्किनकेयर नियम को बनाए रखें।
विधि 2
विधि 2 का 3:

प्रोफेशनल हेल्प लेना (Getting Professional Help)

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  1. व्हाइटहैड्स स्किन सर्फ़ेस पर आए छोटे, व्हाइट बम्प्स होते हैं। ये आमतौर पर कम सीरियस टाइप के एक्ने होते हैं, लेकिन ये दूसरे टाइप्स के साथ भी हो सकते हैं। व्हाइटहैड्स और दूसरे एक्ने ब्रेकआउट्स के पीछे कई तरह की वजह हो सकती हैं। व्हाइटहैड्स कैसे होते हैं, इसकी समझ ट्रीटमेंट को तय करने में मदद कर सकता है।
    • शरीर में होने वाले हॉर्मोनल चेंजेस, जैसे कि प्युबर्टी (यौवन), प्रेग्नेंसी और मीनोपॉज के दौरान, ब्रेकआउट्स दे सकते हैं। 12 और 24 वर्ष की उम्र के बीच के करीब 85% लोगों को इस तरह के एक्ने होते हैं। हॉर्मोनल बर्थ कंट्रोल जैसी दवाइयाँ और कुछ तरह की साइकेट्रिक दवाइयाँ भी ब्रेकआउट्स ट्रिगर कर सकती हैं।
    • एक्सट्रा सीबम प्रोडक्शन भी व्हाइटहैड्स और दूसरे तरह के एक्ने में अपना योगदान देते हैं। सीबम हेयर फोलिकल्स में बनने वाला ऑइली सब्सटेन्स होता है, जिसे आपकी स्किन के द्वारा बहुत ज्यादा एब्जोर्ब कर लिए जाने पर व्हाइटहैड्स और दूसरे तरह के एक्ने ब्रेकआउट्स होते हैं। आपकी बॉडी पर मौजूद ज़्यादातर हेयर फोलिकल्स सीबम बनाते हैं, इसलिए आपके चेहरे के अलावा, शरीर के दूसरे हिस्सों में भी व्हाइटहैड्स का आना मुमकिन है।
    • कुछ लोगों में जेनिटकली ज्यादा व्हाइटहैड्स डेवलप करने की संभावना होती है। कोकेशियान (Caucasians) या फेयर लोगों में दूसरे लोगों के मुक़ाबले व्हाइटहैड्स और दूसरे मुहांसे होने की सम्भावना ज्यादा होती है और व्हाइटहैड्स होने की ये प्रवृत्ति परिवार में आगे तक पास हो सकती है।
    • व्हाइटहैड्स के पीछे कई सारी वजह होती हैं, इनमें से सभी को आप खुद से ट्रीट नहीं कर सकते हैं। अगर आपकी स्किन होम ट्रीटमेंट्स को रिस्पोंड नहीं करते हैं, तो ऐसे में अगर कंडीशन बहुत ज्यादा सीरियस नहीं है, तब भी डॉक्टर के पास जाना बेस्ट होता है। हो सकता है, कि आपको ऐसी कोई छिपी हुई परेशानी हो, जो आपके व्हाइटहैड्स में अपना योगदान कर रही हो।
  2. अगर आप अपने व्हाइटहैड्स को घर पर ही ट्रीट कर रहे हैं और टोपिकल मेडिकेशन के 4-8 हफ्ते बाद भी आपको कोई इम्प्रूवमेंट नहीं नजर आई है, तो फिर ये वक़्त अपनी स्थिति के बारे में फिर से विचार करने का है। अपने एक्ने के लक्षणों को समझने में मदद के लिए, अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटालॉजी की एक ऑनलाइन गाइड मौजूद है, लेकिन इसे प्रोफेशनल एडवाइस की जगह नहीं देना चाहिए।
  3. अगर आपके व्हाइटहैड्स बहुत सीरियस हैं या होम ट्रीटमेंट मेथड्स के लिए रिस्पोंड नहीं करते हैं, आपके जनरल प्रैक्टिसनर आपको ओरल और टोपिकल प्रिस्क्रिप्शन्स प्रिस्क्राइब कर सकते हैं, जो ओवर-द-काउंटर मेडिकेशन्स से ज्यादा स्ट्रॉंग होते हैं। इन्हें काम करने में बस कुछ ही हफ्तों का वक़्त लगता है। अगर आपके व्हाइटहैड्स अभी भी प्रॉब्लम बने हुए हैं, तो फिर किसी डर्मेटालॉजिस्ट का रेफरल मांगने के लिए, अपने फिजीशियन से बात करें।
    • आपके जनरल प्रैक्टिसनर आपको ऐसी दवाई प्रिस्क्राइब कर सकते हैं, जिसमें आपकी स्किन पर एक्ने पैदा करने वाले बैक्टीरिया ( P. एक्ने ) की मौजूदगी और ग्रोथ में कमी करने वाले एंटीबायोटिक्स होते हैं। कुछ कॉमन ओरल एंटीबायोटिक्स में इरिथ्रोमाइसिन (erythromycin), टेट्रासाइक्लिन (tetracycline) और इनके डेरिवेटिव्स और (महिलाओं के लिए) ओरल कोंट्रासेप्टिव्स शामिल हैं। आपके डॉक्टर आपको बेन्जॉयल पैरॉक्‍साइड या अज़ेलैक एसिड जैसी एंटीमाइक्रोबियल टोपिकल भी प्रिस्क्राइब कर सकते हैं।
    • कुछ हैल्थ इंश्योरेंस प्रोग्राम्स में डर्मेटालॉजिस्ट के पास जाने के लिए फिजीशियन के रेफरल की जरूरत होती है और डर्मेटालॉजिस्ट आपके जनरल प्रैक्टिसनर के पास जाने से कहीं ज्यादा महंगे होते हैं। इस अचानक से आने वाले खर्च से बचने के लिए, विजिट शेड्यूल करने से पहले अपने हैल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर से चेक कर लें।
  4. अपने डॉक्टर से टोपिकल रेटिनोइड्स के बारे में बात करें: टोपिकल रेटिनोइड्स विटामिन A से बनी होती है और पोर्स को अनक्लोग करती हैं, जो व्हाइटहैड्स को क्लियर करने में और उन्हें वापस आने से रोकने में मदद करता है। स्किन इरिटेशन जैसे कुछ छोटे-मोटे साइड इफ़ेक्ट्स नजर आ सकते हैं और उनमें से कुछ (जैसे कि tazarotene) को प्रेग्नेंट लेडीज के द्वारा नहीं लिया जाना चाहिए।
    • कुछ ओवर-द-काउंटर मिलने वाली स्किन क्रीम्स में रेटिनोइड्स पाया जाता है, लेकिन आपके डॉक्टर आपको ऐसी प्रिस्क्रिप्शन-स्ट्रेंथ मेडिकेशन्स प्रिस्क्राइब कर सकते हैं, जो खासतौर पर व्हाइटहैड्स और दूसरे एक्ने से लड़ने के लिए बने होते हैं।
  5. अगर आपके व्हाइटहैड्स होम या जनरल प्रिस्क्रिप्शन ट्रीटमेंट्स के लिए रिस्पोंड नहीं करते हैं, तो फिर आपको एक डर्मेटालॉजिस्ट के पास जाना होगा। साथ ही, अगर आपको एक्ने नोड्युल्स (गांठ) या सिस्ट होते हैं, तो भी डर्मेटालॉजिस्ट के पास चले जाएँ। नोड्युल्स स्किन के अंदर बढ़े हुए हार्ड, उभरे हुए बम्प्स होते हैं और सिस्ट ऐसे ब्लॉक्ड पोर्स होते हैं, जो आमतौर पर रेड, बड़े और छूने पर दर्दभरे होते हैं। [७] दोनों को ही अगर किसी प्रोफेशनल से ट्रीट न कराया जाए, तो परमानेंट स्कार्स (दाग) होते हैं।
    • एक डर्मेटालॉजिस्ट के पास में ऐसे कई सारे ट्रीटमेंट ऑप्शन्स होते हैं, जो होम ट्रीटमेंट में मौजूद नहीं होते। टोपिकल और ओरल मेडिकेशन्स के साथ ही, आपके डर्मेटालॉजिस्ट आपकी एक्ने प्रॉब्लम की गंभीरता के हिसाब से, आपको केमिकल पील्स या शायद सर्जिकल प्रोसीजर्स भी रिकमेंड कर सकते हैं। [८]
  6. अपने डर्मेटालॉजिस्ट से कोमेडो एक्सट्रेक्शन के बारे में पूछें: आपके डर्मेटालॉजिस्ट पोर्स को क्लोग करने वाले मटेरियल को निकालने के लिए, एक स्टेराइल एक्सट्रेक्शन डिवाइस का यूज करके, फिजिकली आपके व्हाइटहैड्स और ब्लैकहैड्स को निकाल सकते हैं वो डैड स्किन को निकालने में मदद के लिए और छोटे पोर्स को ओपन करने के लिए एक माइक्रोडर्माब्रेशन पील भी प्रोवाइड कर सकते हैं। [९]
    • आपको कभी भी खुद से अपने व्हाइटहैड्स को निकालने की कोशिश नहीं करना चाहिए। स्क़्वीजिंग, पिकिंग, पॉपपिंग या अपने घर पर मौजूद एक्सट्रेक्शन डिवाइसेस इस्तेमाल करके आप अपनी व्हाइटहैड्स की प्रॉब्लम को और भी बदतर बना सकते हैं, क्योंकि ये व्हाइटहैड में मौजूद कंटेंट्स को स्किन में और अंदर तक पहुंचा देता है। घर पर व्हाइटहैड्स को निकालने की कोशिश करने से सीरियस इन्फेक्शन हो सकते हैं और स्थायी दाग भी बन सकते हैं।
  7. अपने डर्मेटोलॉजिस्ट से आइसोट्रेटिनोइन (isotretinoin) के बारे में पूछें: आइसोट्रेटिनोइन एक ऐसी प्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशन है, जो आपके शरीर के फेशियल ऑइल (सीबम) के प्रोडक्शन को कम करके काम करती है, जो व्हाइटहैड्स पैदा करने वाले क्लोग पोर्स के लिए जिम्मेदार होते हैं। [१०] ये इन्फ़्लैमेशन को भी और स्किन बैक्टीरिया P. एक्ने की प्रेजेंस को कम करती है। [११] सीरियस एक्ने वाले करीब 85% पेशेंट्स को आइसोट्रेटिनोइन ट्रीटमेंट्स से 4 से 5 महीने के अंदर ही पूरी तरह से क्लियर स्किन मिली।
    • आइसोट्रेटिनोइन Absorica®, Accutane®, Amnesteem®, Claravis®, Myorisan®, Sotret®, और Zenatane™ जैसे ब्रांड नेम में उपलब्ध होती है। ये जेनरिक फॉर्म में भी उपलब्ध होती है और इसे आमतौर पर ओरली लिया जाता है। [१२]
    • आइसोट्रेटिनोइन से कुछ मुमकिन सीरियस साइड इफ़ेक्ट्स होते हैं, जैसे कि इन्फ़्लैमेट्री बोवेल डिसीज या साइकेट्रिक डिस्टर्बेंस, जिससे संभावित खतरे होते हैं। इसे केवल बहुत सीरियस केस में ही प्रिस्क्राइब किया जाता है। [१३]
    • कुछ साइड इफ़ेक्ट्स की गंभीरता की वजह से, आइसोट्रेटिनोइन प्रिस्क्राइब किए जाने वाले लोगों को FDA के द्वारा तैयार किए हुए ipledge™ प्रोग्राम में एनरोल किया जाना होता है। दूसरी चीजों के साथ ही, ऐसी महिलाएं, जो आइसोट्रेटिनोइन लेती हैं, उन्हें प्रेग्नेंट नहीं होना चाहिए और प्रेग्नेंसी के दौरान उन्हें आइसोट्रेटिनोइन ट्रीटमेंट नहीं शुरू करना चाहिए। आइसोट्रेटिनोइन लेने वाले लोगों को ट्रीटमेंट के दौरान ब्लड भी नहीं डोनेट करना चाहिए और उन्हें धूप से दूर रहना चाहिए। [१४]
  8. याद रखें, कि व्हाइटहैड ट्रीटमेंट्स को काम करने में वक़्त लगता है और मेंटेनेंस की जरूरत होती है: यहाँ तक कि मेडिकल प्रोफेशनल के द्वारा प्रिस्क्राइब किए हुए ओरल और टोपिकल व्हाइटहैड ट्रीटमेंट्स को काम करने में टाइम लगता है। कोमेडो एक्सट्रेक्शन बहुत तेज होते हैं, लेकिन ये महंगे भी होते हैं। सभी मामलों में, अपनी त्वचा को साफ बनाए रखने के लिए आपको अपने ट्रीटमेंट्स को मेंटेन रखना होता है।
विधि 3
विधि 3 का 3:

व्हाइटहैड ब्रेकआउट्स को रोकना (Preventing Whitehead Breakouts)

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  1. खासतौर पर, एक "एक्सफोलिएटिंग" स्पंज या वॉशक्लॉथ से स्क्रब करने से, क्योंकि इससे आपकी स्किन इरिटेट हो जाती है, इसलिए आपकी व्हाइटहैड प्रॉब्लम असल में बदतर हो जाती है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटालॉजी रिकमेंड करती है, कि आपको सिर्फ अपनी फिंगरटिप्स इस्तेमाल करना होती है और उसे एक जेंटल, नॉन-अब्रेसिव क्लीनर से धोना है। [१५] साबुन को अपनी उँगलियों से अपनी स्किन पर मसाज करने से आपको एक डीप क्लीन मिलता है।
  2. कुछ खास तरह के स्किनकेयर प्रोडक्ट्स को लेकर अवगत रहें: स्किनकेयर प्रोडक्ट्स, जैसे कि एस्ट्रिन्जेंट, कुछ खास तरह के मास्क्स और टोनर्स और एक्सफोलिएटिंग सोप्स असल में आपकी स्किन को इरिटेट कर सकते हैं और उन्हें व्हाइटहैड होने के लिए एंकरेज कर सकते हैं।
    • रबिंग अल्कोहल लगाना भी आपकी स्किन को इरिटेट कर सकती है और व्हाइटहैड पैदा करती है।
    • स्किनकेयर प्रोडक्ट्स, जिनमें खास तरह के ऑइल्स मौजूद होते हैं, उन्हें भी एक्ने वाली स्किन पर लगाना सही नहीं होता है। काफी सारे कॉस्मेटिक्स और सनब्लॉक लोशन्स में ऑइल जोता है, जो पोर्स को क्लोग करता है और व्हाइटहैड्स देता है।
    • ये वो ऑइल्स हैं, जिन्हें अगर आपकी स्किन ऑइली या एक्ने वाली है, तो अवॉइड करना चाहिए: फ्रैक्शन्ड कोकोनट ऑइल, कोको बटर, सेसम ऑइल, व्हीट जर्म ऑइल, शिया बटर, सी बकथोर्न ऑइल, दूसरे ऑइल्स शामिल हैं।
    • कुछ तरह के ऑइल्स में हाइ “ओलिक (oleic)” फेटी एसिड्स होते हैं, जिसकी वजह से “लिनोलिक (linoleic)” फेटी एसिड्स के मुक़ाबले ज्यादा क्लोग पोर्स आते हैं। जैसे कि माना जाता है, कि ऑइली स्किन में लिनोलिक एसिड्स की कमी होती है, इसकी ज्यादा मात्रा वाले ऑइल्स आमतौर पर अच्छी तरह से काम करते हैं, वहीं “ओलिक” एसिड ज्यादा परेशानियाँ देते हैं। इस थ्योरी के आधार पर, अवॉइड किए जाने वाले ऑइल में, ऑलिव, एवोकैडो, एप्रिकोट कर्नेल और स्वीट आल्मंड ऑइल शामिल हैं। वहीं ऑइली स्किन के लिए अच्छे ऑइल्स में ग्रेपसीड, रोजहिप, ईवनिंग प्रिमरोज, हैम्प और पंपकिन सीड ऑइल शामिल हैं।
    • अगर हो सके, तो हैवी फाउंडेशन और क्रीम कॉस्मेटिक्स अवॉइड करें। ये पोर्स को ब्लॉक करने वाले सबसे बेकार दोषी होते हैं।
  3. ऑइल-फ्री मेकअप आपकी स्किन के लिए, ऑइली चीजों से ज्यादा बेहतर होते हैं, लेकिन अगर ये आपकी एक्ने मेडिकेशन्स को अपना काम करने से रोकती हैं, तो इनसे तब भी मुश्किल हो सकती हैं। बेस्ट रिजल्ट्स के लिए, पहले अपनी मेडिकेशन्स, फिर अपना मेकअप अप्लाई करें।
  4. अपने चेहरे को टच मत करें या न ही चेहरे पर नोचें (आपकी उँगलियों में नेचुरल स्किन ऑइल्स होते हैं और उन पर ऐसे बैक्टीरिया होते हैं, जिनसे ब्रेकआउट्स होते हैं)।
  5. व्हाइटहैड्स को नोंचने और दबाने की इच्छा को रोके रखना मुश्किल होता है, ऐसा करना असल में आपकी स्किन पर और ज्यादा सूजन दे सकता है, जो व्हाइटहैड की प्रॉब्लम को और भी बदतर बना देता है, जिसकी वजह से इन्फेक्शन हो सकता है और स्किन हीलिंग धीमी पड़ जाती है। अपनी उँगलियों को दूर रखें!
  6. आप कई सारी फार्मेसी और ब्यूटी सप्लाई स्टोर्स से ऑइल-एब्जोर्बेंट ब्लोटिंग पेपर खरीद सकती हैं। अगर आपकी स्किन बहुत ज्यादा ऑइली है, ब्लोटिंग पेपर का इस्तेमाल, बिना इरिटेशन दिए कुछ एक्सट्रा ऑइल को एब्जोर्ब कर सकते हैं।
  7. टैनिंग बेड्स और टेन के लिए बाहर धूप में लेटना बहुत पॉपुलर है, लेकिन ये आपकी स्किन के लिए अच्छे नहीं होते हैं। टेनिंग बैड्स के इस्तेमाल से स्किन कैंसर का खतरा 75 परसेंट तक बढ़ जाता है। इसके साथ ही, कुछ तरह की एक्ने मेडिकेशन्स आपकी स्किन को सनलाइट के लिए और ज्यादा सेंसिटिव बना देती है, जो टेन होने पर आपकी स्किन के डैमेज को बढ़ा सकती है। [१६]
  8. टोपिकल एक्ने मेडिकेशन्स के अपना काम करने के बाद, आपका उन्हें लेना बंद करने का मन होना, जाहिर है। डर्मेटालॉजिस्ट रिकमेंड करते हैं, कि आपको अपनी स्किन के क्लियर होने के बाद भी, किसी एक स्किनकेर मेडिकेशन को लेना जारी रखना चाहिए। याद रखें: कहते हैं न कि बीमारी के ज्यादा बढ़ने से अच्छा है, कि आप पहले से ही सावधानी बरतें!

सलाह

  • जब भी आपको एक मुहांसा होते समझ आए, तब सावधानी के साथ शेव करें। शेविंग के पहले गर्म पानी और साबुन से बालों को नर्म कर लें। वाइटहैड्स को नुकसान पहुँचने या उत्तेजित होने से बचाने के लिए, एक शार्प-ब्लेड वाले रेजर से बहुत आराम से शेव करें, क्योंकि डैमेज की वजह से निशान बन सकते हैं
  • मुहाँसे से जुड़ी हुई एक और दूसरी गलत अवधारणा है, कि मुहांसे गंदगी की निशानी हैं। ऐसा नहीं होता! वाइटहैड्स और ब्लैकहेड्स स्ट्रेस से लेकर एलर्जी और मीनोपॉज तक की न जाने कितनी ही अलग-अलग तरह की चीजों के कारण हो सकते हैं। अगर आपको कभी-कभार मुहांसे हो जाते हैं, तो इसे लेकर बुरा मत फील करें; सबको होते हैं।
  • कुछ लोगों का मानना है, कि डाइट की वजह से भी मुहांसे होते हैं। आप क्या खाते हैं और आपको वाइटहैड्स होते हैं या नहीं, इन दोनों के बीच में कोई साइंटिफिक एविडेंस नहीं है। चीज़-लोडेड पिज़्ज़ा या ग्रीसी बर्गर हैल्दी फूड चॉइस नहीं होते हैं, लेकिन इनकी वजह से मुहाँसे भी नहीं होते।

चेतावनी

  • ऐसे स्किनकेयर सिस्टम का इस्तेमाल मत करें, जो अल्कोहल-बेस्ड प्रोडक्ट्स, जैसे कि एस्ट्रिन्जेंट और टोनर्स के यूज को एंकरेज करते हैं। फिर चाहे वो कितने ही महंगे क्यों न हों और एकदम जादू होने का दावा ही क्यों न करते हों, इस तरह के स्किनकेयर रेजिमेन्स आपकी स्किन को इनफ्लेम कर सकते हैं और वाइटहैड ब्रेकआउट्स को प्रेरित करते हैं।
  • कीमत का किसी भी चीज़ की क्वालिटी से बहुत ज्यादा कुछ लेना-देना नहीं होता है। जब टोपिकल एक्ने मेडिकेशंस खरीद रहे हों, तब बेंजोइल पैरॉक्‍साइड और सैलिसिलिक एसिड के कोन्संट्रेशन की तलाश करें: FDA रेग्युलेशन के अनुसार, ओवर-द-काउंटर मेडिकेशन के लिए बेंजोइल पैरॉक्‍साइड के कोन्संट्रेशन को 2.5% और 10% के बीच होना चाहिए, और सैलिसिलिक एसिड के कोन्संट्रेशन को 0.5% और 2% के बीच में होना चाहिए। [१७] ऐसी कोई भी मेडिकेशन, जिसमें ये एलीमेंट्स रिकमंडेड कोन्संट्रेशन में मौजूद होते हैं, वो वाइटहैड्स के लिए काम करेंगे। फ़ैन्सी ब्रांड के लिए एक्सट्रा पैसे देने का कोई मतलब नहीं।
  • घर पर वाइटहैड्स निकालने की कोशिश कभी मत करें। अपने वाइटहैड्स पर पिकिंग, स्क़्वीजिंग या फिर ओवर-द-काउंटर एक्सट्रेक्शन टूल का यूज आगे जाकर भी वाइटहैड्स प्रॉब्लम क्रिएट कर सकता है, सीरियस इन्फेक्शन (जिसमें staph इन्फेक्शन भी शामिल है) दे सकते हैं और परमानेंट स्किन डैमेज और दाग दे सकते हैं।

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