आर्टिकल डाउनलोड करें
आर्टिकल डाउनलोड करें
वैसे तो ईंधन पर पैसे बचाने के अनेक तरीके हैं, परंतु इनमें से सबसे कारगर तरीका वाहन में ईंधन की खपत को कम करना है। पर, जब हमें अपने गंतव्य पर पहुँचने के लिए वाहन से जाना आवश्यक होता है, तब कुछ ऐसे तरीके अपना सकते हैं जिनकी मदद से ईंधन की खपत को कम किया जा सकता है।
चरण
-
निर्धारित गति सीमा पर चलायें: यह ईंधन बचाने का सबसे आसान और बहुत कारगर तरीका है। आपकी गाड़ी जिस रफ्तार पर सबसे ऊंचे गियर में डाली जाती है, सामान्यतः वही रफ्तार आपकी गाड़ी के लिए सर्वाधिक ईंधन-दक्ष है। ज्यादातर वाहनों के लिए यह रफ्तार 50 मील प्रति घंटे (80 किमी/घंटा) होता है। [१] X रिसर्च सोर्स
- दरअसल, 50 के ऊपर जब आप गति को और बढ़ाते है तो यह मान कर चलिए कि प्रत्येक 5 मील प्रति घंटे (8 किमी/घंटा) की बढ़ती रफ्तार आपके खर्च को Rs 4.30 प्रति लीटर ईंधन के हिसाब से बढ़ाती है। [२] X रिसर्च सोर्स Oak Ridge National Laboratory (ORNL): Predicting Light-Duty Vehicle Fuel Economy as a Function of Highway Speed, SAE 2013-01-1113.M गाड़ी की बढ़ती रफ्तार के साथ इसके ईंधन की दक्षता घटती जाती है।
- इसके अलावा, ट्रैफिक लाइट्स गति सीमा के आधार पर नियमित किए जाते हैं। यदि आप निर्धारित गति सीमा से अधिक रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं, तो आपको गाड़ी रुक-रुक के चलाना पड़ता है – जो ईंधन बचाने का सही तरीका नहीं है।
-
टेलगेट न करें और हमेशा ब्रेक को दबाएं न रखें: टेलगेट न करने से (अपने आगे चल रहे वाहन से पर्याप्त दूरी बनाये रखने पर) आप ईंधन की बरबादी रोक सकते हैं। ऐसे मौकों पर दूरी में सुधार लाने के लिए, आपको रफ्तार बढ़ाने हेतु अकसर ऐक्सेलरेटर दबाए रखना पड़ता है, क्योंकि ब्रेक लगाते समय आपकी गति कम हो जाती है और इससे आप एक दुष्चक्र में फंस जाते हैं। गाड़ी को एक स्थिर गति और आगे चल रहे वाहन से सुरक्षित दूरी बनाये रखकर चलाने से ईंधन की बचत होती है।
- बार-बार ब्रेक लगाने से शक्ति बर्बाद होती है, गैर-जरूरी ऊष्मा ऊर्जा पैदा होती है और इससे ब्रेक्स कमजोर हो जाते हैं, इनका सेवाकाल कम हो जाता है। भविष्य में अधिकांश वाहनों में ऐसी प्रणाली लगी होंगी जिसके मदद से ब्रेकिंग की वजह से उत्पन्न ऊर्जा का पुनः प्रयोग (रीयूज़) होगा। मगर वर्तमान में यह प्रणाली सिर्फ हाइब्रिड वाहनों में उपलब्ध है।
-
गाड़ी की रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ाएं: एकदम से रफ्तार बढ़ाने से न सिर्फ ईंधन ज्यादा खर्च होता है, बल्कि इससे गाड़ी के टायर भी बहुत तेजी से घिसते हैं। गाड़ी की रफ्तार को धीरे-धीरे बढ़ाने से गाड़ी ईंधन की उतनी ही मात्रा का उपयोग करती है जितनी मात्रा की आवश्यकता इसको सामान्य रफ्तार को प्राप्त करने के लिए होती है।
- संक्षेप में, बस यह समझ लें कि आप ऐक्सेलरेटर और ब्रेक पेडल को जितना कम दबाएंगे और छोड़ेंगे, आप उतना ही ज्यादा ईंधन बचाएंगे।
-
आराम से, एक लेन में स्थिरता से गाड़ी चलाएं: कभी धीमे, फिर अचानक से तेज- इस अंदाज से गाड़ी चलाने पर ईंधन की खपत बढ़ जाती है। ऐक्सेलरेटर पर पैर को स्थिर रखने से ईंधन समान बहाव से इंजन में पहुँचता है। चढ़ाई पर गाड़ी की गति को कम होने दीजिये और ढलान पर तेज। इससे ईंधन की बचत होती है।
- सड़क पर सांप जैसे न चलाएं। कारण वही हैं – जब आप बार-बार लेन बदलते हैं तो आपको रफ्तार में तेजी और सुधार लानी पड़ती है। रिलैक्स करें और एक लेन में बनाए रहें। [३] X विश्वसनीय स्त्रोत FuelEconomy.gov स्त्रोत (source) पर जायें
-
हाईवे पर चलते समय ओवरड्राइव और क्रूज कंट्रोल का उपयोग करें: यदि ओवरड्राइव और क्रूज कंट्रोल सुविधा आपकी गाड़ी में उपलब्ध है, तो इसका उपयोग करके, अपने पैर को ब्रेक और ऐक्सेलरेटर से दूर रख सकते हैं। ओवरड्राइव मोड में गाड़ी के इंजन की गति कम रहती है, जिससे इंजन की आयु भी बढ़ती है। [४] X विश्वसनीय स्त्रोत FuelEconomy.gov स्त्रोत (source) पर जायें
- क्रूज कंट्रोल मोड गाड़ी को स्थिर और एक समान गति में रखता है, जिससे इंजन में ईंधन का बहाव समान और सामान्य रहता है। परंतु, इसका उपयोग हाईवे पर ही करें, शहरी सड़कों पर नहीं, क्योंकि शहर में रुक-रुक के गाड़ी चलाने से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्रूज कंट्रोल मोड का उपयोग कर रहे हैं या नहीं।
-
गियर का इस्तेमाल विवेक के साथ करें: ऊँचे गियर में कम रफ्तार और निचले गियर में तेज रफ्तार से चलने पर बहुत ईंधन बर्बाद होता है। गति के हिसाब से गियर बदलिये। इससे आपकी गाड़ी के इंजन पर दबाव भी कम पड़ता है।
-
गाड़ी में ईंधन तभी भरवाएं जब टंकी खाली होने के करीब हो: यह भाग महज विज्ञान है: हल्की गाड़ी को कम ईंधन का इस्तेमाल होता है। आपकी गाड़ी की वज़न कब कम होती है? जब आपकी गाड़ी की टंकी भरी न हो। इसलिए, जब आपकी गाड़ी में ईंधन, इसकी टंकी की क्षमता के 1/3 हो जाये और आपको टंकी फुल करवाने की इच्छा होने लगे, तो 2 दिन रुक जाइये। हो सकता है टंकी में बचा 1/3 ईंधन पहले वाले 1/3 से ज्यादा चले।
- इसके अलावा, सामान्यतः ईंधन की कीमत बृहस्पतिवार दोपहर के बाद बढ़ना शुरू होती है और सप्ताहांत में सर्वाधिक हो जाती है। इसलिए, यदि आपको लगे कि शनिवार को गाड़ी में ईंधन भरवाना होगा, तो इस काम में देरी न करना ही अक्लमंदी है। उन दिनों पर भी नजर रखिये जब ईंधन सामान्य से कम कीमत पर उपलब्ध होती है और जब लगे कि यह फायदे का सौदा है, उसी दिन ईंधन ले लिया कीजिये। [५] X रिसर्च सोर्स
-
स्टार्ट वाहन को खड़ी अवस्था में ज्यादा देर तक न छोड़ें: अगर आपकी गाड़ी को कहीं भी एक मिनट से ज्यादा खड़ा रहना है, तो इसके इंजन को बंद कर देने से ईंधन की बचत होगी। इसके अतिरिक्त, आजकल की गाड़ियों को जाड़े की ठंडी सुबह में "गर्म" करने की भी जरूरत नहीं होती- इस काम के लिए दो सेकंड ही काफी है।
- जब आप किसी का इंतजार कर रहे हों, तो गाड़ी के इंजन को बंद कर दिया करें। गाड़ी के म्यूजिक सिस्टम को चलाने के लिए गाड़ी का स्टार्ट रहना जरुरी तो नहीं है!
-
जब गाड़ी में ईंधन भर लें तो आखिर में ईंधन पंप के नोजल को उलटा करें: ईंधन पंप के नोजल सामान्य होस पाइप से जुड़े होते हैं। जब आप होस को बंद करते हैं, तो उस समय भी पाइप में थोड़ा ईंधन बचा होता है। उस 1/2 कप ईंधन, यानि 118.294 मिली मुफ़्त ईंधन को प्राप्त करने के लिए ईंधन पंप के नोजल को उलटा करें और टंकी से बाहर निकलने के पहले, थोड़ा झटका देकर उस बूंद को टंकी के अंदर डाल दें।
- ईंधन के होस पाइप को थोड़ा ऊपर उठाएं, ताकि इसमें पड़ा हुआ ईंधन बाहर आए। गुरुत्वाकर्षण की वजह से ईंधन, पंप के होस पाइप के सबसे निचले भाग में जमा होता है। इसलिए, होस पाइप को ऊपर उठाने से उसमें जमा ईंधन वहाँ से निकल कर आपकी गाड़ी के टंकी में आ जाता है।
-
अधिक रफ्तार में गाड़ी की खिड़की के शीशे को खुला न रखें तथा एअर कंडीशनर बिलकुल न चलाएँ: फ्री वे पर चलते समय, उस गति में गाड़ी को ठंडा रखने का तरीका आपकी गाड़ी पर निर्भर करता है। गाड़ी के शीशे जब नीचे किए हुए होते है तो इससे एक ड्रैग पैदा होता है जो गाड़ी को आगे बढ़ने में अवरोध पैदा करता रहता है। एअर कंडीशनर के इस्तेमाल से आपकी गाड़ी के इंजन पर दबाव बढ़ता है। शहरी ट्रैफिक में गाड़ी के शीशों को नीचे कर के चलने में कोई हर्ज नहीं। [६] X रिसर्च सोर्स
-
गाड़ी को छाँव में खड़ी किया करें: यह भी विज्ञान है! आपकी गाड़ी जितनी ठंडी रहेगी, उसकी टंकी से उतना ही कम वाष्पीकरण होगा, मतलब उतना ही कम ईंधन भाप बनकर उड़ेगा। [७] X रिसर्च सोर्स ईंधन का भाप बनकर उड़ना, पैसे को आसमान में उड़ाने जैसा ही है।
- यह बतलाने की जरूरत नहीं की छाँव में खड़ी की गयी गाड़ी में जब आप बैठेंगे तो आपको इसमें गर्मी की वजह से वह तकलीफें नहीं होंगी जो धूप में खड़ी की गयी गाड़ी में बैठने पर होती है!
-
अत्यधिक व्यस्त ट्रैफिक और ख़राब मौसम से बचें: भीषण ट्रैफिक में, बारिश में, जब बहुत तेज हवा चल रही हो या जब बैरोमेट्रिक प्रेशर कम हो, ऐसी स्थितियों में गाड़ी चलाने पर ईंधन की सर्वाधिक बरबादी होती है। बारिश, आगे से आने वाली तेज हवा और बढ़ा हुआ बैरोमेट्रिक प्रेशर अतिरिक्त वायु अवरोध, यानी ड्रैग पैदा करते हैं, जिसकी वजह से गाड़ी को चलने में अधिक ईंधन की जरूरत होती है।
- परंतु, गाड़ी के पीछे से बहने वाली हवा मददगार होती है। इसलिए, हवा की दिशा पर ध्यान दें, कौन सी दिशा में वह बह रही है?
- यह तो सबको पता है कि अति-व्यस्त ट्रैफिक गाड़ी की ईंधन दक्षता के लिए बहुत ख़राब होता है। ऐसी स्थिति में आपको बार-बार गाड़ी के इंजन को बंद करना पड़ता है, उतनी ही बार स्टार्ट करना पड़ता है, स्टार्ट गाड़ी को खड़ी रखना होता है, वीविंग करनी होती है, मतलब ऐसी स्थिति में वह सब कुछ होता है जिससे ईंधन बर्बाद होता है.
-
गाड़ी के इंजन को बंद करने से पहले गाड़ी में लगे सभी इलेक्ट्रानिक्स और वातावरण को नियंत्रित करने वाले उपकरणों को बंद कर दें: यह सच है कि इंजन के बंद होने के साथ गाड़ी में लगे सारे उपकरण बंद हो जाते हैं, परंतु सोचिये जब आप गाड़ी को वापस स्टार्ट करते हैं तो क्या होता है? अगर आप गाड़ी के इंजन को बंद करने के पहले सारे उपकरण बंद कर देते हैं, तो अगली बार जब आप इसे स्टार्ट करेंगे तो स्टार्ट होने की प्रक्रिया में कम ईंधन खर्च होगा। इसके बाद आप सभी उपकरणों को चालू कर सकते हैं। ऐसा करना आपकी गाड़ी के लिए अच्छा है।
-
अपने सभी कार्य पहले से व्यवस्थित करें ताकि गाड़ी का कम इस्तेमाल हो: अपने कार्य को सूचीबद्ध कर इकट्ठा कर लिया करें। सभी कार्यों को एक बार निपटाने से आपका समय भी बचेगा। आप ट्रैफिक की व्यस्तता के हिसाब से गाड़ी रोड पर निकालने के दिन और समय को निर्धारित कर ईंधन की भारी बचत कर सकते हैं।
- उदाहरण के लिए, घरेलू इस्तेमाल की ऐसी चीजें जो ख़राब नहीं होतीं, उनको थोक में खरीद लिया करें ताकि इनकी जरूरत होने पर बार-बार आए दिन गाड़ी निकालने की जरूरत न पड़े।
-
अपने कार के वज़न को कम करें: अपने वाहन से गैर जरूरी वज़न, जैसे गोल्फ क्लब या गैर जरूरी उपकरण, औजार और अन्य बेकार की चीजों को हटा दें। पिक अप ट्रक जैसे माल ढोने वाले वाहनों के पीछे वाले टेलगेट (गाड़ी का पिछला तख्ता) को गिरा कर चलने से गाड़ी की ईंधन दक्षता कम हो जाती है, क्योंकि खुला हुआ टेलगेट वायु ड्रैग, मतलब, अवरोध पैदा करता है। पीछे वाले टेलगेट को उठाकर रखने से ड्राइवर केबिन के पीछे हवा का एक कुशन जैसा बन जाता है जो वायु ड्रैग को कम करने में मदद करता है।
- जब आपको अपने वाहन में कुछ लेकर जाना है, तो इसे गाड़ी के अंदर रखिये, इसके छत पर नहीं। छत पर रखे सामान वायु अवरोध पैदा करते हैं जिससे गाड़ी की रफ्तार कम होती है और गाड़ी को आगे बढ़ने में ज्यादा ताकत लगानी होती है।
-
गाड़ी के एअर फिल्टर को बदलें: गंदे एअर फिल्टर से गाड़ी की शक्ति और सक्षमता प्रभावित होती है। यह साफ फिल्टर के मुकाबले कहीं ज्यादा ईंधन खर्च करवाता है। इसलिए नियमित अंतराल पर इसे साफ भी करते रहें। इस काम में कुछ ही मिनट लगते है और इसे आप खुद से भी कर सकते हैं।
- गाड़ी के विभिन्न पार्ट में एअर फिल्टर बदलना सबसे सस्ता है। यह आपको `1950 से `2600 में मिल जाता है।
-
गाड़ी के टायर्स में निर्धारित दबाव से कम हवा मत रखें: टायर्स में जितनी हवा रहनी चाहिए, उतनी ही रखें। ऐसा करने पर आप उतने ही ईंधन में ज्यादा दूरी तय करेंगे। एक टायर गॉज, यानि हवा मापने के यंत्र को साथ रखिये और समय-समय पर टायर प्रेशर चेक करते रहें। टायर में हवा स्वाभाविक रूप से कम होता रहता है। इसलिए, जब आप किसी चक्के में कम हवा पाएं, तो परेशान न हों।
- जब वातावरण का तापमान बदल रहा हो तो टायर प्रेशर को नियमित रूप से जांचते रहें। गर्म टायर्स में प्रेशर ज्यादा मिलेगा, क्योंकि हवा गर्म होने पर फैलती है। यदि आप गर्म टायर में बढ़े हुए हवा को निकाल देंगे, तब जब टायर ठंडा होगा तो इसमें हवा काफी कम हो जायेगी और आपको टायर में फिर से हवा भरने की जरूरत होगी। जब टायर में हवा कम हो या जब जरूरत से ज्यादा बड़े टायर इस्तेमाल किए जा रहे हों, तो इससे घर्षण प्रतिरोध उत्पन्न होता है, जो न सिर्फ आपकी गाड़ी की ईंधन दक्षता, यानि माइलेज को कम करता है, बल्कि इससे टायर भी जल्दी घिस जाते हैं।
- जब भी टायर बदलें, रेडियल टायर लगवाएं। इसमें घर्षण प्रतिरोध कम होता है, जिससे आपकी गाड़ी एयरोडायनामिक बनी रहती है।
-
गाड़ी निर्माता द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार अपनी गाड़ी की नियमित अंतराल पर ट्यूनिंग कराते रहें इससे गाड़ी की ईंधन दक्षता बढ़ती है: गाड़ी के माइलेज को बढ़ाने के लिए इसमें लगे स्पार्क प्लग्स, वायर्स और कॉइल्स की नियमित जांच कराएं, और जरूरत हो तो बदलवा लें। आपकी गाड़ी का इंजन जितनी सक्षमता और सुगमता से चलेगा, वह उतना ही ज्यादा शक्ति पैदा करेगा, जिससे ईंधन की खपत कम होगी।
-
गाड़ी के इंजन में सिंथेटिक आयल का उपयोग करें: ऐसा करने से आप ईंधन तो बचाएंगे ही, आपको बार-बार मेकैनिक के पास जाने की जरूरत भी नहीं होगी और प्राकृतिक आयल की बचत भी होगी। एक तरह से प्रकृति संरक्षण में छोटा सा सहयोग भी हो जायेगा।
- जब आप अपनी गाड़ी की ट्यूनिंग करवा रहे हों, तो मेकैनिक से यह जरूर पूछें की गाड़ी के लिए कौन सा इंजन आयल इस्तेमाल करना चाहिए जिससे इंजन भी सुरक्षित रहे और ईंधन भी बचे। वह आपकी इस मामले में उचित सलाह देगा।
-
स्टॉक टायर्स (गाड़ी निर्माता के सलाह के अनुसार उत्पादित टायर्स) का इस्तेमाल करें: नए स्टाइल के चौड़े टायर्स का इस्तेमाल करने के पहले स्टॉक टायर्स पर विचार कर लें। टायर्स जितने ही चौड़े होंगे, उतना ही घर्षण प्रतिरोध होगा और इससे ईंधन की खपत बढ़ेगी।
सलाह
- इस बात का ध्यान रखें कि आप किस ग्रेड (ऑक्टेन) के ईंधन का उपयोग कर रहे हैं। सभी गैसोलीन एक जैसे नहीं है और हर इंजन, ईंधन के हिसाब से बेहतर परिणाम देते हैं।
- अपनी गाड़ी के ईंधन खपत पर नजर रखें, ताकि आप जान पाएं कि कब आपकी गाड़ी को ट्यूनिंग या किसी और सर्विस की जरूरत है। जब आप तीन या चार बार यह महसूस कर लें कि ईंधन की टंकी जल्दी खाली हो जा रही है, तो इसका मतलब यह होगा की आपकी गाड़ी को मेंटेनेंस की जरूरत है।
- मौसम के अनुकूल कपड़े पहनें। ऐसा करने पर कार की सवारी खुशनुमा होगी और हो सकता है कि आपको एअर कंडीशनर चलाने की या खिड़कियों को खोल के चलने की, जिसमें ईंधन की खपत बढ़ जाती है, जरूरत न हो।
- किसी गैस सेविंग कम्युनिटी (ईंधन बचाने वाली कम्युनिटी) से जुड़ जाएं। वहां पर आप आपकी गाड़ी के लिए बेहतर माइलेज निकालने के तरीके जान पाएंगे।
- यदि संभव हो, तो आस-पास की जगहों पर पैदल या साइकिल से जाए।
चेतावनी
- ईंधन बचाने के लिये दूसरी गाड़ियों से टेलगेट होकर, यानि दूसरी गाड़ी के बिलकुल पीछे, लगभग चिपक कर, न चलें (यह प्रथा रेसिंग कारों की है, इसे एअर ड्राफ्टिंग कहते हैं)। हो सकता है कि इससे आपकी गाड़ी का वायु अवरोध (ड्रैग) कम होता हो, क्योंकि आगे वाली गाड़ी वायु प्रतिरोध का सामना करती है, परंतु ऐसा करना खतरनाक भी है और गैरकानूनी भी।
- गाड़ी के रख-रखाव को नियमित रखें और गाड़ी के साथ आने वाले ओनर्स मैन्युअल को जरूर पढ़ें। गाड़ी के इंजन आयल इत्यादि को निर्धारित समय पर बदलना महंगा लग सकता है, पर स्पष्ट रूप से, यह ईंधन को बचाता है और इंजन की रक्षा करता है।
- कुछ लोग अकसर अपना पाँव ब्रेक पर रखे रहते हैं। इसका एक ही कारण होता है, ज्यादा रफ्तार में चलना या दूसरी गाड़ियों के पीछे चिपक कर चलना। ऐसा न करें।
रेफरेन्स
- ↑ http://auto.howstuffworks.com/question477.htm
- ↑ Oak Ridge National Laboratory (ORNL): Predicting Light-Duty Vehicle Fuel Economy as a Function of Highway Speed, SAE 2013-01-1113.M
- ↑ http://www.fueleconomy.gov/feg/motorweektranscript.shtml
- ↑ http://www.fueleconomy.gov/feg/driveHabits.jsp
- ↑ http://www.forbes.com/sites/cateyhill/2012/07/02/10-savvy-ways-to-save-on-gas/
- ↑ http://articles.chicagotribune.com/2010-08-05/classified/sc-cons-0805-trans-20100805_1_windows-mileage-ac
- ↑ http://consumerist.com/2010/10/04/park-in-the-shade-and-save-gas/