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क्या आप धूप में निखरी दमकती त्वचा चाहती हैं, लेकिन झुर्रियों या कैंसर के जोखिम को बढ़ाना नहीं चाहतीं? हालाँकि स्वस्थ और सुरक्षित टैन जैसी कोई चीज नहीं होती, लेकिन इन तरकीबों से टैनिंग के नेगेटिव असर को कम किया जा सकता है।

विधि 1
विधि 1 का 3:

सूरज की धूप में टैनिंग

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  1. टैनिंग आपकी त्वचा की सेल्स की एक प्रक्रिया है, जो सूरज से आने वाली अल्ट्रा वायलेट-A और अल्ट्रा वायलेट-B किरणों से आपकी हिफाजत करती हैं, न कि महज वह प्यारी सी चमक जो गर्मियों में आप पाते हैं।
    • अल्ट्रा वायलेट-A और अल्ट्रा वायलेट-B किरणें वे रेडिएशन हैं, जो कैंसर से जुड़ी हैं। लम्बे समय तक त्वचा पर पड़ने से ये कैंसरग्रस्त कोशिकाओं के पनपने की संभावना को बढ़ा सकती है।
    • टैन दरअसल रेडिएशन से रक्षा करने वाले कवच के तौर पर काम करता है। अपनी त्वचा के अन्दर हजारों छतरियों की कल्पना कीजिए; जितना ही उन पर सूरज की धूप पड़ेगी, उतना ही वे खुलती जाती हैं। यह आपकी त्वचा को कुछ गहरा रंग दे देता है।
    • टैन कैंसर को जन्म नहीं देता, लेकिन यह इस बात का साफ़ प्रमाण है कि आपकी स्कीन सेल्स को क्षति पहुँची है। [१]
  2. टैनिंग से पहले हमेशा ही धूप के खिलाफ प्रोटेक्शन लें: सनस्क्रीन के इस्तेमाल के बिना धूप में जाना कैंसर के जोखिम को बढ़ा देता है।
    • सनब्लॉक वह प्रोडक्ट है जो टाइटेनियम डाईऑक्साइड और जिंक ऑक्साइड का इस्तेमाल करके सूरज की अल्ट्रा वायलेट किरणों को पूरी तरह से रोक देता है। इसका मतलब यह हुआ कि इसे लगाने के बाद टैनिंग बिल्कुल नहीं होगी।
    • सनस्क्रीन वह प्रोडक्ट है जो कुछ अल्ट्रा वायलेट किरणों को त्वचा की सतह तक जाने की इजाजत देता है, जिससे आपको हल्की सी टैनिंग मिल जाती है।
    • सन प्रोटेक्शन फैक्टर (Sun Protection Factor-SPF) अल्ट्रा वायलेट किरणों की उस मात्रा को बताता है, जिस अनुपात में वे सन प्रोटेक्शन से छनकर आपकी त्वचा को छूती हैं। मिसाल के लिए एसपीएफ-30 (SPF 30) का मतलब यह है कि सूरज की अल्ट्रा वायलेट किरणों का 1/30 वाँ भाग आपकी त्वचा के संपर्क में हैं।
    • एसपीएफ 30 से कम का कोई एसपीएफ इस्तेमाल ना करें।
    • एक शॉट ग्लास के बराबर की सनस्क्रीन या सन ब्लॉक अपने पूरे शरीर पर लगाएँ, देह के जिन हिस्सों पर सबसे ज्यादा धूप पड़ती है (कंधे, नाक और चेहरा, बाहें, पीठ), वहाँ ज्यादा गहरा लेप करें।
    • सनस्क्रीन या सन ब्लॉक को हर दो घंटे पर लगाना चाहिए, या पानी में उतरने के बाद। [२]
  3. अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन सबसे ज्याद सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच होती है। इसलिए इस समय ख़ास तौर पर सावधानी बरतें। किसी भी नुकसान को कम करने के लिए चरणों में टैनिंग करें; रोजाना एक घंटा सबसे सुरक्षित रहेगा।
  4. टैनिंग की प्रक्रिया को तेज करने के लिए एक टैनिंग आयल का इस्तेमाल करें: टैनिंग आयल में वे केमिकल होते हैं, जो अल्ट्रा वायलेट किरणों को गहराई तक ले जाते हैं, जो त्वचा को तेजी से गहरा करता है।
    • टैनिंग आयल का मकसद सनस्क्रीन की तरह सूरज की किरणों को ब्लॉक करना नहीं, त्वचा की “शिल्डिंग” प्रक्रिया को जल्द उत्तेजित करने के लिए सूरज के रेडिएशन को केन्द्रित करना है।
    • सिर्फ़ उन टैनिंग आयल का इस्तेमाल करें जो कुछ सन प्रोटेक्शन देते हों; एसपीएफ 15 या इससे ज्यादा बेहतरीन रहेगा।
    • सनस्क्रीन की तरह अपने पूरे शरीर पर टैनिंग आयल की परत लगायें, और पर्याप्त सुरक्षा निश्चित करने के लिए दोबारा लेप करें।
विधि 2
विधि 2 का 3:

बिना धूप के टैनिंग

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  1. ये लोशन, क्रीम और स्प्रे होते हैं जो आपकी त्वचा की डाई करके टैन का भ्रम पैदा करते हैं।
    • बिना धूप वाले टैनर डाईहाइड्रोऑक्सीएसिटोन नाम के केमिकल का इस्तेमाल करते हैं जो आपके शरीर पर त्वचा की मृत सेल्स की डाई कर देता है। यानी यह सिर्फ थोड़े समय के लिए रहेगा, जब तक कि आपका शरीर मृत सेल्स को झाड़ कर नहीं फेंक देता।
    • हर जगह बराबर टैनिंग के लिए बिना धूप वाला टैनर लगाने से पहले एक एक्सफोलियेंट का इस्तेमाल करके त्वचा की मृत कोशिकाओं को साफ़ कर लीजिए।
    • रंग की धारियाँ और धब्बों से बचने के लिए अपनी पूरी देह पर बराबर की मात्रा वाली परत का लेप करें।
    • सेल्फ टैनर में सनस्क्रीन नहीं भी हो सकते हैं: खुली रोशनी में बाहर लम्बे समय तक रहने पर बिना धूप वाले टैनर से भी आपकी त्वचा को नुकसान हो सकता है। त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए अपने सेल्फ टैनर के साथ सनस्क्रीन लगाना न भूलें।
    • आश्वस्त हो लीजिए की आपके सेल्फ टैनर के लिए लोशन के साथ धूप में रहने की जरूरत तो नहीं है। कुछ सेल्फ टैनर जिन्हें आप चुनती हैं, वे बिना धूप के टैनर होने का दावा तो करते हैं, लेकिन पूरी तरह ऐसा नहीं होते।
  2. इनमें एक केमिकल डाई होती है, जो समय के साथ आपकी त्वचा को ऑरेंज बना सकती है, और लीवर को नुकसान पहुँचा सकती है। [३]
  3. झड़ने वाली मृत कोशिकाओं की संख्या घटाकर अपनी टैनिंग को ज्यादा समय तक बनाए रखने के लिए लोशन नियमित तौर पर लगाएँ।
विधि 3
विधि 3 का 3:

टैनिंग सैलून

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  1. ये भले ही सूरज की रोशनी का इस्तेमाल न करें, फिर भी आप पर अल्ट्रा वायलेट किरणें डालती हैं, जो त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है।
    • टैनिंग बेड दरअसल सूरज के रेडिएशन का ही अनुकरण करते हैं। यानी प्राकृतिक धूप के मुकाबले ये त्वचा को होने वाले नुकसान को कम नहीं करते।
    • 30 साल की उम्र से पहले इनडोर टैनिंग बेड का इस्तेमाल त्वचा के कैंसर के जोखिम को 75% तक बढ़ा देता है। [४]
  2. इन सलूनों में मिलने वाले स्प्रे टैन सुरक्षा मानकों से अनुमोदित नहीं होते, और नाक या मुंह से शरीर में जाने पर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। [५]

सलाह

  • अच्छी तरह से हाइड्रेटेड त्वचा के जलने की संभावना कम और इसकी टैनिंग की संभावना ज्यादा होती है, तो पानी का गिलास भरा रखें!
  • अगर टैनिंग की तैयारी कर रहे हैं, तो त्वचा के कैंसर के लक्षणों के लिए आपके स्कीन की जाँच के लिए साल में एक बार डरमेटोलॉजिस्ट से जरूर मिलें।
  • अपने बदन को घुमाएँ जिससे सामने और पीठ की तरफ बराबर की टैनिंग हो सके।
  • आप पानी और बर्फ में भी टैनिंग ले सकते हैं, जो सूरज के अल्ट्रा वायलेट किरणों को रिफ्लेक्ट करते हैं।
  • इक्वेटर (equator) के करीब और ऊँचाई पर रहने वालों के लिए त्वचा के कैंसर का जोखिम ज्यादा होता है।
  • टैनिंग आयल नहीं है? पानी इसका काम करेगा (भले ही यह बहुत अच्छा विकल्प न सही, फिर भी कुछ न होने से तो यह बेहतर ही है) क्योंकि पानी सूरज की रोशनी को आकर्षित करता है।
  • अगर आप चमकदार टैन चाहती हैं, तो सनस्क्रीन पहनें, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि यह कम से कम एसपीएफ -30 वाला जरूर हो।
  • सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच सूरज सबसे ज्यादा तपता है। इस दौरान कहीं खुली धूप में लेट सकती हैं, और आप बेहतर टैन पाएंगी।
  • अगर टैनिंग बेड या सेल्फ टैनर से आपको डर लग रहा हो, तो टैनिंग सनस्क्रीन लगाएँ। इसे अगर सनस्क्रीन की तरह लगाएँ, तो यह हल्के से मीडियम टाइप का शानदार दिखने वाला टैन देगा।
  • अधिक मात्रा में पानी पियें, फल खाएं और एक या दो गिलास दूध पियें। रोज दो से तीन बार अपने चेहरे को धोना न भूलें।

चेतावनी

  • ऊपर बाताई गयी सावधानियों के बावजूद त्वचा को नुकसान और त्वचा कैंसर एक दुर्भाग्यजनक संभावना है।
  • रोज सूरज की धूप में वक्त बिताना विटामिन D पाने का एकमात्र बेहतरीन तरीका नहीं है। सिर्फ सूरज पर निर्भर रहने के बजाय सप्लीमेंट भी लीजिए।

विकीहाउ के बारे में

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