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आपको रोज-रोज स्कूल जाना खराब लग सकता है और कभी-कभी आपको अपने लिए भी एक दिन बिताने की जरूरत महसूस होती है | बस जरा से प्रयास और थोड़ा-सा दिमाग लगाकर आप क्लास से बाहर निकल सकते हैं, और अपने लिए फ्री टाइम निकाल कर पूरे दिन का मजा ले सकते हैं | यहाँ दी जा रही कुछ मेथड से सीखकर आप स्कूल से छुट्टी पा सकते हैं, और अपनी अनुपस्थिति को भी विश्वसनीय बनाए रख सकते हैं |

  1. यदि आप बीमार होने का बहाना बनाने वाले हैं, तो स्कूल जाने से पहले ही अपने पैरेंट्स को बताएं कि आपको अच्छा महसूस नहीं हो रहा है | आपकी "बीमारी" पर सब ज्यादा भरोसा करेंगे, जब आपके पैरेंट्स आपके द्वारा बनाए जा रहे बहाने को सही समझेंगे |
    • पेट दर्द का बहाना बनाने के लिए आप पैरेंट्स से कह सकते हैं कि शायद आपने स्कूल में कुछ उल्टा-सीधा खा लिया होगा |
    • जुकाम का बहाना बनाने के लिए कह सकते हैं कि आपको गले में थोड़ी खुजली-सी हो रही है | [१]
    • रात को सोने से पहले या सुबह जागने पर आप पैरेंट्स को बताएं कि आपको तबीयत ठीक नहीं लग रही है | या फिर तभी थोड़ा कुनमुन कर के यह भी बोल दें कि "मुझे लगता है बुखार आ गया |"
  2. आप जिस समय जागते हैं उससे थोड़ा देर से उठें | उठते ही अपने पैरेंट्स से बोलें कि आपको तबीयत ठीक नहीं लग रही | धीरे-धीरे चलें, जैसे कि आपके मसल्स दर्द कर रहे हों, और अपने बालों को भी बिखरे ही रहने दें, जैसे रात भर से थे |
    • नाश्ता भी थोड़ा-सा ही करें | बीमार व्यक्ति की भूख अपने आप ही कम हो जाती है, इसलिए आप भी ऐसा ही भ्रम पैदा करें जिससे आप खुद को बीमार दिखा सकें | [२]
    • यदि आप जुकाम/बुखार होने का नाटक कर रहे हैं, तो छींक और खांसी जैसे लक्षणों का भ्रम पैदा करें और पैरेंट्स को बताएं कि आपको चक्कर आ रहे हैं |
    • यदि आप पेट दर्द का बहाना बना रहे हैं, तो इसके लिए अपने पेट को मलें और उसके लिए कराहें जैसे आपको बहुत दर्द हो रहा है |
  3. आपको बुखार है कि नहीं इसके लिए हो सकता है आपके पैरेंट्स आपके बुखार की जांच करना चाहेंगे, क्योंकि बुखार आने से ही पता चलता है कि आप सच में बीमार हैं | इसलिए अपने पैरेंट्स को अपनी बीमारी का भरोसा दिलाने के लिए आपको उन्हें समझाना होगा |
    • एक टॉवल को गर्म पानी में भिगाकर निचोड़ लें और उसे अपने माथे पर एक मिनिट तक रखें | इससे आपका माथा और बॉडी गर्म हो जाएगी और आपके बुखार पर सब भरोसा करेंगे |
    • एक बर्तन में पानी उबालें और उसे एक कटोरे में खाली कर लें | अब अपनी त्वचा पर पूरा पानी डालें जब तक आपकी त्वचा लाल न दिखने लगे, फिर कटोरे को हटा दें | इससे आपको पसीना-जैसा आयेगा और चिपचिपा लगेगा |
    • थर्मामीटर को अपने हाथों के बीच रख कर रगड़ें, जब यह 99–101 °F (37–38 °C) तक न पहुँच जाए | लेकिन इसे बहुत ज्यादा भी न रगड़ें, नहीं तो आपको हॉस्पिटल भी जाना पड़ सकता है | [३]
  4. शुरू में थोड़ा निडर फेस बनाएँ, फिर निराश होकर बोलें: यदि आपके पैरेंट्स आपसे घर रुकने का कहें, तो उन्हें तुरंत ही हाँ न बोल दें | आपको अपने पैरेंट्स के सामने यह दिखाना है कि आप स्कूल जाना चाहते हैं और वहाँ नहीं जाने से आपको बहुत नुकसान होगा | इससे उन्हें लगेगा कि आप वाकई में स्कूल जाने के इक्छुक हैं, लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से नहीं जा पा रहे हैं |
    • एक दो मिनिट सोचें और फिर कुछ ऐसा बोलें, "लेकिन मैं तो पीई (PE) की क्लास जॉइन करना चाह रहा था |" उसके बाद थोड़ी देर रुक कर और थोड़ा सोचते हुये फिर बोलें, "पता नहीं कि मैं पूरे दिन स्कूल में रुक पाऊँगा |"
    • यदि आप अपने पैरेंट्स से ऐसा न बोलकर, अचानक से यह बोल देंगे कि आपको स्कूल जाना अच्छा नहीं लगता है इसलिए नहीं जा रहे, तो आपकी बीमारी का नाटक पकड़ा जाएगा |
  5. सुबह उठते से ही अपनी तबीयत खराब होने का नाटक करें, और दिनभर ऐसा जताएँ कि थोड़ा ठीक तो लग रहा है, पर बिल्कुल ठीक नहीं | अगले दिन भी सुबह से यही कहें कि आपको एकदम सही नहीं लग रहा, पर इतना ठीक लग रहा है कि आप स्कूल जा सकते हैं |
    • हालाँकि आपके पास पूरा दिन है, इसलिए आपको दिनभर अपने बीमार होने का दिखावा करते रहना पड़ेगा, कम से कम तब जब आपके पैरेंट्स आपके आस-पास रहें |
    • यदि आप अगले दिन तुरंत स्वस्थ होकर बैठ जाते हैं, तो आपके पैरेंट्स समझ जाएंगे कि आप झूठ बोल रहे हैं और उन्हें बेवकूफ बना रहे हैं | इससे वे आप पर कभी यकीन नहीं करेंगे जब आप वाकई में बीमार होंगे |
विधि 2
विधि 2 का 4:

चुपचाप स्कूल से बाहर निकलें

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  1. बहुत से स्कूलों में बच्चों पर और वहाँ के बाकी लोगों पर नजर रखने के लिए, कैमरा, सिक्योरिटी गार्ड, टीचर्स और नॉन-टीचिंग स्टाफ मौजूद होते हैं | [४] यदि आप स्कूल से बंक (bunk) मार के निकलना चाह रहे हैं, तो आपको बड़ा जोखिम उठाने के लिए तैयार रहना होगा |
    • बंक करने से पहले अपने स्कूल के सभी नियमों को अच्छी तरह से पढ़ लें, यदि आप स्कूल से निकल रहे हैं, और उससे होने वाले परिणामों के लिए भी तैयार रहें |
  2. यदि आप स्कूल की बिल्डिंग से बाहर निकल रहे हैं, तो मौका देख कर चुपचाप से स्कूल छोड़ें, जिससे आपको कोई देख न पाए | आप बहुत सारी भीड़ हो तब ज्यादा सुरक्षित निकल सकते हैं, क्योंकि आप के ऊपर किसी का ध्यान नहीं जाएगा |
    • यदि आप स्कूल खुलने के तुरंत बाद में भागते हैं तो लोगों को पता चल जाएगा, क्योंकि उस समय सभी बच्चे स्कूल के अंदर जा रहे होंगे और बाहर निकलेंगे, इसलिए तब स्कूल न छोड़ें |
    • अपनी पहली क्लास में ही नहीं भागें, कम से कम लोग आपको देख तो लें कि आप स्कूल आए हैं | इसके बाद अगली क्लास में स्कूल छोड़ें | आप दो तीन क्लास के बीच में या लंच टाइम में भी स्कूल से निकल सकते हैं |
  3. आप स्कूल से निकलने के बाद, जब बाहर घूमते हैं या मौज-मस्ती करते हैं तो समय का ध्यान रखें | आपके टीचर्स और पैरेंट्स को इस बात की भनक न लग पाये कि आपने स्कूल बंक किया है | इसलिए जब बाहर हैं तो आपके पास कितना समय और बचा है, यह चैक करते रहें |
    • स्कूल के कपड़े वापिस पहनने के लिए थोड़ा समय बचा कर रखें (यदि आपने अन्य ड्रेस पहनी है) और छुट्टी की घंटी बजने से पहले स्कूल में पहुँच जाएँ |
    • छुट्टी के समय अपनी वैन या बस या फिर पैरेंट्स का इंतजार करने का दिखावा करें | बार-बार घड़ी को देखते रहें | ऐसा करने से सबको लगेगा कि आप पूरा दिन स्कूल में ही थे |
    • यदि आपको देख कर कोई पूछ ही ले कि आप कहाँ थे दिखे नहीं, तो आप कहें कि बाथरूम में, या सिकरूम में, या फिर किसी टीचर से मिलने गए थे | यह भी ध्यान रखे कि आपके पैरेंट्स, टीचर से यह न सुन पाएँ कि आप क्लास में नहीं थे |
विधि 3
विधि 3 का 4:

बहाने बनाएँ

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  1. सुबह उठते से ही अपने पैरेंट्स के सामने यह बहाना बनाएँ कि आपका बहुत जरूरी असाइनमेंट पूरा नहीं हो पाया है, और इसके लिए आप डर रहे हैं, रोने का नाटक करें, और आवेश में आकर बोलें कि आपको अपना वर्क पूरा करना है | इससे आपके पैरेंट्स आपको परेशान होता देखेंगे, और वे आप पर तरस खाकर आपको घर रुक कर अपना वर्क पूरा करने देंगे | [५]
    • यह तरीका सभी पैरेंट्स पर काम नहीं करता है | कुछ पैरेंट्स आपको स्कूल भेजेंगे, ताकि आप समय पर अपना वर्क पूरा करने का सबक सीख सकें |
  2. यदि आपके पैरेंट्स चाहते हैं कि आप खुद ही बस स्टॉप तक अकेले जाएँ, तो आप बड़ी ही आसानी से अपनी बस छोड़ सकते हैं | बस छोड़ने के लिए पहले तो धीरे-धीरे स्टॉप तक पहुंचे और बस निकल जाने पर थोड़ी देर से घर तक जाएँ | इसके बाद घर पहुँच कर यह दिखावा करें कि जैसे आप दौड़े लेकिन बस फिर भी छूट गयी और आपको इसका बड़ा दुख है |
    • कुछ ऐसी जगह देख कर वहाँ छुप जाएँ, जहां आपके पैरेंट्स आपको पकड़ न पाएँ, या फिर घर पहुँच कर उन्हें बताएं कि आपकी बस छूट गयी है |
    • यदि आपके पैरेंट्स ज्यादा स्ट्रिक्ट हैं, तो आप जरा देर इंतजार करें, जिससे वे अपने काम पर चले जाएँ, नहीं तो वे आपको खुद ही स्कूल तक छोड़ सकते हैं |
    • थोड़ा सावधान रहें! यदि आपके पड़ोसी आपको जानबूझकर बस छोड़ते हुये देख लेंगे तो वे आपके पैरेंट्स को यह बात बता देंगे |
  3. आप अलार्म को 1 से 2 घंटे आगे भी बढ़ा सकते हैं, या फिर 30 मिनिट आगे कर सकते हैं | जब आपके पैरेंट्स देर से उठेंगे तो वे डर जाएंगे कि आपको अब स्कूल कैसे भेजें, और इतनी जल्दी वे आपको स्कूल के लिए तैयार नहीं कर पाएंगे |
    • जैसे कि, यदि अलार्म सुबह 6 बजे का सेट है, तो आप इसे सुबह 7 या 8 बजे का सेट कर दें |
    • यदि पैरेंट्स एक ही अलार्म सेट करते हैं, तो आपको भी एक अलार्म को बदलना पड़ेगा | और यदि वे एक से ज्यादा अलार्म सेट करें, तो फिर आप सभी अलार्म बदल दें | यह सब करने में आपको खुद ही जोखिम उठाना पड़ेगा |
    • अपने पैरेंट्स के वर्क का ध्यान भी रखें | यदि आप अपने कारण उन्हें बहुत अधिक लेट कर देंगे, तो उनको परेशानी हो सकती है |
विधि 4
विधि 4 का 4:

अपने बहानों को भरोसेमंद बनाएँ

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  1. जब आप स्कूल को छोड़ना चाह रहे हैं, तो स्कूल में आपके टीचर इसका कारण जानना चाहेंगे | इसलिए अपने पैरेंट्स की तरफ से खुद ही एक नोट लिखें, जिसमें आपकी अनुपस्थिति का कारण बताएं |
    • आप नोट में कोई भी कारण बता सकते हैं जो वाकई में असली लगे, जैसे कि आपको किसी की शोक में जाना है, या फिर डेन्टिस्ट के यहाँ जाना है, या आपका पालतू मर गया है |
    • हाथ से लिखने की बजाय नोट को टाइप करें | आपकी लिखावट वैसे भी आपके पैरेंट्स से अलग होगी, और टीचर इसे तुरंत पकड़ लेंगे, इसलिए नोट को टाइप करना सुरक्षित रहेगा और यह ज्यादा ऑफिशियल भी लगेगा |
  2. अपने झूठे दिन के बारे में किसी से बातें करें, जो कि आपके टीचर भी सुन सकें: छुट्टी लेने का जो कारण आपने टीचर को बताया था, उसके बारे में अपने फ्रैंड्स को विस्तार से बतायें, कि वहाँ क्या हुआ, कौन मिला, आपको कैसा लगा, जैसी सभी बातें सुनाएँ | यह सब बातें ऐसे सुनाएँ कि आपके टीचर आस-पास से आपकी बातें सुन पाएँ |
    • आप फ्रैंड्स को सब बताएं जैसे कि आप शोक में गए थे, तो वहाँ सभी लोग रो रहे थे, या फिर डेन्टिस्ट के यहाँ आपको बहुत देर इंतजार करना पड़ा, आपको बहुत गुस्सा आ रहा था तब आपका नंबर आया और डॉक्टर ने आपका चैकअप किया |
  3. बहुत सारे टीचर यह जानते हैं कि बच्चे वर्क पूरा न करने के कारण स्कूल नहीं आने का बहाना करते हैं | आप टीचर से स्कूल वर्क के बारे में पूछेंगे कि कल क्या पढ़ाया, तो वे यह जान नहीं पाएंगे कि आप झूठे बहाने से गए थे और आपको एक जिम्मेदार विद्यार्थी समझेंगे |
    • खुद पर भरोसा दिलाने के लिए, आपको अपनी छूट चुकी पढ़ाई की बहुत चिंता है, इसका दिखावा करें |

सलाह

  • यदि आपके पैरेंट्स परेशान हैं, या किसी तनाव में हैं तब उनसे अपनी बीमारी का बहाना करना आपके लिए मुश्किल हो सकता है, इसलिए देख लें कि जिस दिन उनका मूड अच्छा है, उस दिन अपनी बीमारी का नाटक करें |
  • यदि आप पकड़े जाते हैं, तो फिर नाटक न करते रहें, इन्हें सच बता दें | झूठ ही बोलते रहने से आपको ज्यादा नुकसान होगा, आपके पैरेंट्स आपको गुस्सा भी कर सकते हैं, और यदि आप सच बता देंगे तो शायद वे आपको माफ कर दें |
  • यदि आपको अच्छे से नाटक करना नहीं आता, तो आप अलार्म घड़ी को बंद कर दें और कह दें कि वह अपने आप ही बंद हो गयी, या फिर अलार्म बजा ही नहीं | यदि आपके पैरेंट्स ने आपको एक बार जगा दिया है, तो देर होने पर उन्हें कह दें कि आपकी नींद फिर से लग गयी थी (यह बात अलग-अलग पैरेंट्स के हिसाब से लागू होगी कि वे कितने अनुशासन प्रिय और आपको स्कूल भेजने के लिए कितने सख्त हैं) |
  • यह ध्यान रखें कि अपनी बीमारी का नाटक आपको बड़े विश्वसनीय तरीके से करना होगा, और इसके जोखिमों से भी बचना होगा, क्योंकि यदि आपके पैरेंट्स को यह समझ में आ गया कि आप नाटक कर रहे हैं, तो वे दोबारा आपकी वास्तविक बीमारी पर भरोसा नहीं करेंगे |
  • अपने बुखार का दिखावा करने के लिए अपने माथे को बार-बार मलें |
  • बिस्तर से नीचे न उतरें |
  • यह भी ध्यान रखें कि आपके पैरेंट्स बहुत ज्यादा चिंतित न हो जाएँ; नहीं तो इससे आपको दवाइयाँ भी खाना पड़ सकती हैं, जिनकी आपको जरूरत ही नहीं है |
  • आपको कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा ऐसा दिखावा करें, और अपने पैरेंट्स से स्कूल न जाने के लिए एक नोट साइन करवा लें |
  • आप स्कूल नहीं पहुंचेंगे तो स्कूल वाले आपके पैरेंट्स को इसकी जानकारी देंगे | इसलिए कुछ ऐसे उपाय खोजें कि स्कूल से फोन न आ जाए | आप फोन का प्लग निकाल दें, जिससे आपके पैरेंट्स फोन सुन ही नहीं पाएंगे | अगर सब ठीक तरह से हो जाता है तो किसी को पता नहीं चलेगा कि फोन के तार निकलें हैं |
  • बीमारी का अत्यधिक नाटक न करें | बस यही कहें कि आपको तबीयत जरा ठीक नहीं लग रही | वरना यदि आपके पैरेंट्स ने आपको वाकई में बीमार समझा, तो वे आपको दवाइयाँ खिला देंगे, जो आपको नुकसानदायक हो सकती हैं |
  • यह भी याद रखें कि यह सब करने में आपको काफी परेशान होना पड़ेगा | इसलिए बहुत सावधानी से सब योजना बनाएँ |
  • जन आपके पैरेंट्स सुबह नींद से जागें तभी उनसे अपने बीमार होने की बात कह दें, इससे वे सुबह-सुबह आधी नींद में होने के कारण आसानी से आपकी बात मान लेंगे |
  • यदि फिर भी आप पकड़े जाते हैं, तो झूठ न बोलें | इसके बाद बहाने बनाने की कोशिश न करें, क्योंकि आपके पैरेंट्स यह सुनने के बिल्कुल मूड में नहीं होंगे, आप बस उनसे अपनी गलती मानकर माफी मांग लें |

चेतावनी

  • आमतौर पर यह उपाय घर ही स्कूल ले रहे बच्चों के काम नहीं आएंगे |
  • यदि स्कूल से बंक करना आपकी आदत ही बन जाती है तो आप स्कूल से निकाल दिये जाएंगे | इसलिए यदि आप इस बारे में बहुत ज्यादा उत्सुक नहीं हैं, तो स्कूल छोड़ने का न ही सोचें |
  • यदि स्कूल में आपको धमकाया जा रहा है, या फिर परेशान किया जा रहा है, या इसी तरह की कोई भी परेशानी है, तो स्कूल से भागने से समस्या का समाधान नहीं निकलेगा | आपके साथ ऐसा कुछ भी हो, तो तुरंत ही स्कूल में किसी बड़े व्यक्ति को सब बताएं |
  • यदि आप 13 साल से छोटे हैं, तो स्कूल से बंक कर के बाहर अकेले न जाएँ |
  • स्कूल से बंक करना या स्कूल को छोड़ना "अनुपस्थिति" कहलाता है | यदि आप लगातार अनुपस्थित रहते हैं, तो आपके पैरेंट्स को इसके कारण कानूनी परिणाम झेलने पड़ सकते हैं | [६]

विकीहाउ के बारे में

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