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हिबिस्कस खूबसूरत फूलों से भरे सुन्दर पौधे होते हैं, लेकिन कुछ समय उगने के बाद, आपका हिबिस्कस वो सुन्दर कलियाँ पैदा करना बंद कर देता है। अपने हिबिस्कस को ख़राब होने देने के बजाय, नयी बढ़त को शुरू करवाने के प्रूनिंग की कला सीख लें। हिबिस्कस को प्रून करने के लिए स्प्रिंग की शुरुआत में कुछ बड़े कट और स्प्रिंग और समर में छोटे कट्स करें। इसके अलावा बाहर को निकलती हुई और नोड के ऊपर स्थित शाखाओं को प्रून करें, पर ध्यान रहे कि सही प्रूनिंग की कला, आपके पौधे की ज़रूरतों पर निर्भर होती है। थोड़ी सी सोची समझी कटिंग से ही, आपका गार्डन जल्दी ही स्वस्थ और नयी हिबिस्कस बड्स से भर जायेगा।

विधि 1
विधि 1 का 2:

प्रूनिंग को समझें

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  1. हिबिस्कस के पौधे टर्मिनल फूलों के साथ उगते हैं; इसका मतलब ये है कि हिबिस्कस पौधे का हर फूल किसी शाखा के अंत में उगता है। एक स्वस्थ हिबिस्कस पौधे को प्रून करने से ग्रोथ बेहतर होती है और पौधे को अधिक शाखाएं पैदा करने की प्रेरणा मिलती है, जिसका अर्थ है ज़्यादा फूलों का उगना । आप एक मरते हुए या क्षतिग्रस्त पेड़ को प्रून करके उसमें आगे होने वाले नुकसान को रोक कर नयी, स्वस्थ ग्रोथ को बढ़ावा दे सकते हैं ।
  2. प्रूनिंग को आपके उस समय पर करना चाहिए कि वह हिबिस्कस के पौधे के स्वाभाविक ग्रोथ पैटर्न से मेल खाये। आपको कभी भी हिबिस्कस को फॉल के अंत या विंटर में प्रून नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे उसके स्प्रिंग में बढ़ने की सम्भावना कम हो जाती है। सही समय आपके स्थान पर निर्भर होगा, पर अधिकतर पूरी/ज़्यादा प्रूनिंग स्प्रिंग की शुरुआत में करनी चाहिए, और हलकी प्रूनिंग फॉल की शुरुआत में सितम्बर के करीब करनी चाहिए। [१]
    • अगर आप अपने हिबिस्कस पौधों को विंटर में अंदर रखते हैं, तो उन्हें बाहर रखने के बाद ही प्रून करें ।
  3. ये सुनिश्चित करने के लिए कि प्रूनिंग से कोई नुकसान नहीं होगा, आपको एक बड़े पैने चाकू, पैने गार्डनिंग शीयर्स की जोड़ी, पैने लोप्पिंग शीयर्स के जोड़े, और इन छोटे औज़ारों से काटने में नहीं आने वाली वस्तुओं के लिए एक हैंड सॉ की ज़रुरत होगी। बीमारी से बचने के लिए शुरू करने से पहले और दो पौधों को प्रून करने के बीच में भी सभी औज़ारों को स्टेरिलाइज़ कर लें। आप रब्बिंग एलकोहॉल, हैंड स्टेरिलाइज़र, या हॉर्टिकल्चर डिसइंफेक्टेंट की मदद से स्टेरिलाइज़ कर सकते हैं।
    • आपके औज़ार पूरी तरह से पैने होने चाहिए; एक डल चाकू, शीयर्स, या सॉ अगर आपने प्रून करने के लिए प्रयोग किया तो फायदे से ज़्यादा नुकसान पहुँचाएगा। अपने औज़ारों को पैना करने के लिए समय निकालें, और अगर आपके औज़ार पुराने हो गए हैं तो नए खरीद लें। [२]
  4. ये ध्यान दें की आप जिस स्थान पर प्रून करें वो नयी ग्रोथ का स्थान है, इसलिए हिबिस्कस को सदा उन शाखाओं पर प्रून करें जो बाहर को मुंह करे हुए हों। आप सभी कट्स को किसी भी नोड (किसी पत्ते/ट्विग का स्थान) के ऊपरी हिस्से से ¼-इंच दूरी पर ऊपर को 45 डिग्री पर काटें। हर कट का निचला हिस्सा पौधे के बीच के हिस्से के पास होना चाहिए, जबकि कट का ऊपरी हिस्सा पौधे के बाहरी हिस्से की तरफ होना चाहिए। इससे पानी भरने की बजाय सतह से ही बह जायेगा, जिससे संक्रमण की सम्भावना कम हो जाती है।
  5. वैसे तो आपको पौधे का कितना हिस्सा प्रून करना है ये हर स्थिति के हिसाब से अलग होता है, आम नियम ये है कि आपको कभी भी किसी भी शाखा का ⅔ से ज़्यादा हिस्सा नहीं काटना चाहिए। पौधे को बहुत ज़्यादा काट देना प्रूनिंग नहीं, हिबिस्कस को ख़राब करना कहलाता है।
विधि 2
विधि 2 का 2:

प्रूनिंग के प्रकार

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  1. प्रून करने के लिए आप विभिन्न प्रकार के तरीकों का प्रयोग कर सकते हैं। एक आसान सा तरीका है पौधे की शाखाओं के ऊपरी एंड्स को काट कर उसे "पिंच" करना, जिससे बिना पौधे के ज़्यादा हिस्से को काटे भी उसकी ग्रोथ को बढ़ावा मिल जाए। ये प्रूनिंग का सबसे आसान और साधारण तरीका और नौसिखियों के लिए सबसे सुरक्षित भी। पिंचिंग सदा छोटे और नए उगे पौधों पर करनी चाहिए, क्योंकि शुरुआत में उन्हें ग्रोथ बढ़ाने के लिए ज़्यादा प्रूनिंग की ज़रुरत नहीं होगी। हर शाखा के सबसे ऊपर के नोड की टिप्स या उससे भी ऊपर कट करें।
  2. ये हिबिस्कस को 'पिंच' करने का अगला चरण है और इसमें पौधे के ज़्यादा हिस्से काटे जाते हैं, लेकिन ऐसा सिर्फ कुछ स्थानों से ही किया जाता है ताकि पौधे की सामान्य साइज और शेप में ज़्यादा बदलाव नहीं आये। सेलेक्टिव प्र्रोनिंग में, आपको ऐसे नोड्स ढूंढने हैं जो ब्रांच के ऊपर से ⅓ अंतर पर स्थित हैं, और फिर इनके ऊपर कट करना है। नयी ग्रोथ के लिए और स्थान बनाने के लिए इस प्रक्रिया को अपनी अधिकतर या सारी शाखाओं के लिए दोहराएं।
  3. पूरी प्रूनिंग पूरे हिबिस्कस पौधे को सीज़न की शुरुआत में ही पूरा करने की प्रक्रिया है ताकि आप का पौधा आगे सबसे खूबसूरत फूल उत्पन्न करे। पूरी प्रूनिंग के फायदे और नुकसान दोनों हैं, क्योंकि ये यूँ तो आपके पौधे से सबसे ज़्यादा और अच्छे फूल उत्पन्न करवाते हैं, इसे करने के लिए आपको हिबिस्कस का पूरा पौधा काटना पड़ता है। हिबिस्कस पौधे की हर शाखा काटें ताकि हर शाखा पर सिर्फ 2-3 नोड्स बचें। याद रहे कि आपको किसी भी समय किसी भी शाखा के ⅔ से ज़्यादा हिस्से को नहीं काटना चाहिए।
  4. जैसा नाम से पता चलता है, करेक्टिव प्रूनिंग आप तब करते हैं जब आपको पौधे की कोई एक समस्या ठीक करनी होती है। आम तौर पर करेक्टिव प्रूनिंग हिबिस्कस पौधे के ख़राब हुए या बीमारी से ग्रसित हिस्सों पर की जाती है। इन ख़राब हुई शाखाओं पर जहाँ तक हो सके वहां तक कटाई करें, ताकि उसके बाद हरी वुड का हिस्सा दिखने लगे। अगर आप शाखा को प्रून करें लेकिन उसकी वुड सख्त और सफ़ेद है, तो समझें की वह शाखा ख़राब हो चुकी है और अब उसमें और ग्रोथ नहीं हो सकती है।
  5. हार्ड प्रून सबसे ज़्यादा तीव्र स्थिति में की जाती है जब एक हिबिस्कस का पौधा लगभग मर चुका है। हार्ड प्रून में सभी शाखाओं को काट कर और ग्रोथ को बढ़ावा दिया जाता है ताकि समय के साथ पौधा फिर से बढ़ने लगे। अगर पौधा पहले ही मर चुका है तो हार्ड प्रून से कोई फायदा नहीं होगा, पर ऐसा करके आपको कम से कम ये पता चल जायेगा की आपका हिबिस्कस पौधा किस हाल में है। [३] हार्ड प्रून सिर्फ स्प्रिंग में करें, साल में कभी और इसको करना उचित नहीं है।

सलाह

  • प्रूनिंग हिबिस्कस बीटल की खोज करने का सही समय होता है। ज़रुरत लगे तो स्प्रे करें, क्योंकि बीटल नयी बड्स ही अपना शिकार बनाने लगते हैं। अगर बीटल के कहीं भी निशान दिखें तो पूरे सीज़न में हर दो हफ्ते बाद स्प्रे करें।

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