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यदि आप कंप्यूटर प्रोग्राम, मोबाइल एप, वेबसाइट्स, गेम्स या फिर सॉफ्टवेयर के किसी भी भाग को बनाने में रूचि रखते हैं, तो पहले आप को प्रोग्रामिंग सीखना होगी। प्रोग्रामिंग लेंग्वेज का प्रयोग कर के प्रोग्राम बनाए जाते हैं। यह लेंग्वेज आप के प्रोग्राम को यह जिस भी मशीन पर चल रहा है जैसे कि, कंप्यूटर, मोबाइल फ़ोन या फिर कोई और हार्डवेयर इसे चलने की क्षमता प्रदान करती है।

विधि 1
विधि 1 का 6:

एक लेंग्वेज का चयन करना

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  1. आप किसी भी प्रोग्रामिंग लेंग्वेज (हालाँकि कुछ लेंग्वेज अन्य की तुलना में सच में आसान होती हैं) के साथ शुरुआत कर सकते हैं, तो पहले आप खुद से एक बार पूछें कि आप प्रोग्रामिंग लेंग्वेज सीख कर क्या पाना चाहेंगे। यह आप को आप के अनुसार एक प्रोग्रामिंग लेंग्वेज चुनने में और शुरुआती बिंदु प्रदान करने में मदद करेगा।
    • यदि आप वेब डेवलपमेंट (web developement) में जाना चाहते हैं, तो आप के लिए ऐसी बहुत सारी प्रोग्रामिंग लेंग्वेज के विकल्प उपलब्ध हैं, जो कंप्यूटर प्रोग्राम बनाने के काबिल हैं। मोबाइल एप डेवलपमेंट में आप को मशीन प्रोग्रामिंग से कुछ अलग तरह की युक्तियों की ज़रूरत होगी। इन सभी परिणामों से आप को एक दिशा की प्राप्ति होगी।
  2. किसी बहुत ही आसान सी लेंग्वेज के साथ शुरुआत करें: अपने निर्णयों के अनुसार अब आप एक आसान और उच्च श्रेणी की लेंग्वेज के साथ शुरुआत करना चाहेंगे। इस तरह की लेंग्वेज से आप को कुछ आधारभूत तथ्यों और विधियों की जानकारी मिलती है, जो हर तरह की लेंग्वेज में लागू होती हैं, और ये शुरुआत के लिए बहुत ही अच्छी होती हैं। [१]
    • Python, और Ruby इस श्रेणी की दो बहुत ही प्रसिद्ध लेंग्वेज हैं। ये दोनो ही ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड वेब एप्लीकेशन लेंग्वेज हैं, और इन में एक साधारण इंसान के द्वारा पढ़े जाने के योग्य सिंटेक्स (syntex) का उपयोग होता है।
    • "ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड" का मतलब यह है कि इस तरह की लेंग्वेज का निर्माण, "ऑब्जेक्ट (object)" या डेटा के कलेक्शन और इनके बदलाव की अवधारणाओं के अंतर्गत किया गया है। इस अवधारणा का उपयोग बहुत सारी एड्वान्स प्रोग्रामिंग लेंग्वेज जैसे कि C++, Java, Objective-C and PHP में किया जाता है।
  3. अन्य लेंग्वेज सीखने के लिए कुछ बेसिक ट्यूटोरियल्स को पढ़ें: आप को कौनसी लेंग्वेज सीखना चाहिए, यदि आप इसका निर्णय नहीं कर पाए हैं तो, कुछ अलग-अलग लेंग्वेज के लिए उपलब्ध ट्यूटोरियल्स को पढ़ें। यदि इन में से कोई भी एक लेंग्वेज आप को अन्य किसी लेंग्वेज से ज़्यादा समझ में आती है, तो इस पर थोड़ा सा काम करें। प्रोग्रामिंग लेंग्वेज सीखने के लिए यहाँ पर विकीहाउ (wikiHow) सहित बहुत सारे ऑनलाइन ट्यूटोरियल्स उपलब्ध हैं:
    • Python - यह शुरुआत करने के लिए एक बहुत ही अच्छी लेंग्वेज है, और इस के जानकारों के लिए बहुत प्रभावशाली भी है। इस का उपयोग बहुत सारे वेब एप्लीकेशन में और कुछ गेम्स में भी होता है।
    • Java - इस का उपयोग गेम्स से लेकर वेब एप्लीकेशन और एटीएम (ATM) सॉफ़्टवेयर तक कई तरह के प्रोग्राम में होता है।
    • HTML- किसी भी वेब डेवलपर के लिए यह एक शुरुआती बिंदु है। किसी भी प्रकार के वेब डेवलपमेंट क्षेत्र में जाने के लिए HTML सीखना बहुत ही ज़रूरी है।
    • C - यह कुछ पुरानी लेंग्वेज में से एक है, C एक बहुत ही प्रभावशाली टूल है और यह और भी मॉडर्न C++, C# और Objective-C के लिए आधार है।
विधि 2
विधि 2 का 6:

छोटे से शुरुआत करना

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  1. हालाँकि इस चरण में मौजूद भाग आप के द्वारा चुनी गई लेंग्वेज पर निर्भर करते हैं, हर प्रोग्रामिंग लेंग्वेज की कुछ आधारभूत अवधारणाएँ होतीं है, जिन का उपयोग प्रोग्राम बनाने में किया जाता है। इन अवधारणाओं को सीख कर आप आसानी से किसी भी कोड की समस्याओं का हल निकाल सकते हैं और एक प्रभावशाली और उपयोगी कोड तैयार कर सकते हैं। नीचे कुछ अलग-अलग लेंग्वेज के लिए कोर कॉन्सेप्ट्स दर्शाए गये हैं:
    • Variables - वेरियबल का उपयोग किसी भी बदलते हुए डेटा को स्टोर करने में किया जाता है। वेरियबल्स बदले जा सकते हैं और इन्हें "integers", "characters" और भी कुछ अन्य तरीके से परिभाषित किया जाता है, यह आप के द्वारा स्टोर किए जा रहे डेटा के प्रकार (type) को दर्शाता है। कोडिंग के समय वेरियबल्स को कुछ इस तरह के नाम दिए जाते हैं, जो अन्य किसी भी इंसान के द्वारा पहचानने के योग्य हों। इस से वेरियबल्स के, मौजूदा कोड के साथ आदान-प्रदान को समझने में आसानी होती है।
    • Conditional Statements - एक कंडीशनल स्टेट्मेंट का उपयोग किसी भी स्टेट्मेंट के सही या ग़लत की जाँच के लिए किया जाता है। "If-Then" स्टेट्मेंट, आमतौर पर उपयोग किए जाने वाला कंडीशनल स्टेट्मेंट है। यदि दिया हुआ स्टेट्मेंट सही है (जैसे कि X = 5) तो आगे की प्रक्रिया में से कुछ होगा। यदि दिया हुआ स्टेट्मेंट ग़लत है (जैसे कि X != 5) तो आगे की प्रक्रिया में से और कुछ होगा ।
    • Functions or Subroutines - इस अवधारणा का वास्तविक नाम आप की लेंग्वेज के अनुसार कुछ और भी हो सकता है। यह एक "Procedure" एक "Mehod" या फिर एक "Callable Unit" भी हो सकता है। दरअसल यह किसी बड़े प्रोग्राम में मौजूद एक छोटा प्रोग्राम होता है। प्रोग्राम के द्वारा एक फंक्शन का उपयोग, अनगिनत बार किया जा सकता है, जिसे हम "called" by program भी कहते हैं, और इस के माध्यम से कोई भी प्रोग्रामर एक जटिल प्रोग्राम का निर्माण कर सकता है।
    • Data input - यह एक बहुत ही सामान्य अवधारणा है जिस का उपयोग आमतौर पर हर प्रकार की लेंग्वेज में होता है। यूज़र के द्वारा दिए गये इनपुट का संचालन और उस डेटा को स्टोर करना भी इस के अंतर्गत आते हैं। यह डेटा किस प्रकार से आ रहा है, यह आप के प्रोग्राम के प्रकार और उपलब्ध इनपुट्स (जैसे कि कीबोर्ड, फाइल आदि) पर निर्भर करता है। यूज़र को किस प्रकार से परिणाम देना है, जैसे कि स्क्रीन पर दिखाना है या फिर किसी फाइल में देना है, इस के लिए यह (इनपुट) अच्छी तरह से आउटपुट से जुड़ा हुआ होता है।
  2. बहुत सी प्रोग्रामिंग लेंग्वेज को एक कंपाइलर (compiler) की आवश्यकता होती है, जो आप के द्वारा डिज़ाइन किए हुए प्रोग्राम को मशीन के द्वारा समझने योग्य लेंग्वेज में बदलता है। बहुत सी अन्य लेंग्वेज इंटरप्रेटर (interpreter) का उपयोग करती हैं, जो आप के प्रोग्राम को कंपाइल किए बिना ही एक्जिक्यूट (execute) कर देता है।
    • कुछ लेंग्वेज में IDEs (Integrated Development Environment) होती हैं, जिन में आमतौर पर एक कोड एडिटर, एक कंपाइलर और/ या एक इंटरप्रेटर और एक डिबगर (debugger) होता है। यह एक प्रोग्रामर को, प्रोग्राम के लिए आवश्यक कोई भी एक्शन एक ही स्थान पर करने की सुविधा प्रदान करता है। IDEs में ऑब्जेक्ट हाइरार्कीस (object hierarchies) और डाइरेक्टरीस (directories) का दृश्य निरूपण भी होता है।
    • यहाँ पर बहुत सारे ऑनलाइन एडिटर्स उपलब्ध हैं। ये सभी कुछ बहुत ही अच्छे डेवेलपर फ्रेंडली टूल्स उपलब्ध कराते हैं।
विधि 3
विधि 3 का 6:

अपना पहला प्रोग्राम बनाना

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  1. स्क्रीन पर "Hello World" दिखाई देने वाला प्रोग्राम किसी भी लेंग्वेज के लिए सबसे पहला प्रोग्राम होता है। इस प्रोग्राम के ज़रिए कोई भी प्रोग्रामर, प्रोग्राम के सिंटेक्स, उस की फंक्शनिंग और आउटपुट को किस तरीके से संभालना है यह सब कुछ सीख सकते हैं। प्रोग्राम में टेक्स्ट को बदल कर आप प्रोग्राम के द्वारा डेटा हैंडलिंग को समझ पाएँगे। विकीहाउ पर अलग-अलग लेंग्वेज में "Hello world" प्रोग्राम बनाने के लिए गाइड दी गई हैं।
  2. ऑनलाइन उपलब्ध उदाहरणों को अलग-अलग भागों में तोड़ कर इस के बारे में और ज़्यादा जानें: दरअसल यहाँ पर आप के लिए हर एक प्रोग्रामिंग लेंग्वेज में बहुत सारे ऑनलाइन उदाहरण उपलब्ध हैं। इन उदाहरणों का उपयोग कर के लेंग्वेज के हर एक पहलू की जाँच करें। अपना प्रोग्राम बनाने के लिए, इन उदाहरणों से कुछ भागों को लें।
  3. सिंटेक्स ही वह तरीका है जिस के माध्यम से ही कंपाइलर और इंटरप्रेटर आप के लेंग्वेज को समझ पाते हैं। हर एक लेंग्वेज का अपना एक अलग सिंटेक्स होता है, हालाँकि कुछ एलिमेंट्स सभी लेंग्वेज में एक समान उपयोग होते हैं। किसी भी लेंग्वेज में प्रोग्रामिंग करने के लिए आप को पहले उस के सिंटेक्स के बारे में जानना ज़रूरी है। असल में यह एक आधार है जिस पर बहुत सारे एड्वान्स कॉन्सेप्ट टिके हुए हैं।
  4. उदाहरण में दिए गये प्रोग्राम में बदलाव करें और फिर इस के परिणामों की जाँच करें। इस प्रयोग से आप को यह जानने मिलेगा कि आप के द्वारा पढ़ी गई किताबों या गाइड से पढ़ने के बाद किस चीज़ ने काम किया और किसने नहीं। अपने बनाए हुए प्रोग्राम को बीच में ही तोड़ने में घबराएँ नहीं; किसी भी डेवलपमेंट प्रक्रिया के लिए, ग़लतियों को ठीक करना सीखना बहुत ज़रूरी है, और ये नई चीज़ें हमेशा पहली बार में ही काम नहीं करती। [२]
  5. आप जब प्रोग्रामिंग करेंगे तो आप को हमेशा ही बग्स (bugs) देखने मिलेंगे। ये सब आप के प्रोग्राम में हुई ग़लतियाँ होतीं हैं, और यह कहीं पर भी दिख सकती है। ये कभी-कभी कुछ हानिरहित ग़लतियाँ होती हैं या फिर कुछ ऐसी ग़लतियाँ हो सकती हैं जो आप के प्रोग्राम को कंपाइल होने या फिर रनिंग (running) से रोक सकता है। सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट साइकल में इन ग़लतियों को ढूँढ कर इन का निवारण करना एक बहुत ही प्रमुख प्रक्रिया है, तो आप को इन की आदत जल्द ही हो जाएगी।
    • जैसे-जैसे आप बेसिक प्रोग्राम में बदलाव के साथ प्रयोग करेंगे, तो आप को कुछ ऐसी चीज़ें भी देखने को मिलेंगी जो शायद काम ना करें। एक अच्छे प्रोग्रामर के लिए अपने प्रोग्राम में कुछ अलग-अलग दृष्टिकोण को अपनाना बेहद ज़रूरी है।
  6. आमतौर पर हर एक प्रोग्रामिंग लेंग्वेज में एक "Comment" फंक्शन होता है, जिस में आप उस कोड के बारे में कुछ भी लिख सकते हैं, और यह इंटरप्रेटर या कंपाइलर के द्वारा एक्जिक्यूट नहीं होगा। इस पर आप अपने कोड के बारे में, अन्य लोगों को एक बहुत ही साधारण भाषा में समझा सकते हैं। यह आप की ना सिर्फ़ बाद में यह जानने में कि आप का कोड क्या करता है मदद करेगा, बल्कि एक समूचे वातावरण में काम करने के लिए यह बहुत ही ज़रूरी भी है, इस से अन्य लोगों को भी आप के कोड के बारे में समझने में मदद मिलेगी।
विधि 4
विधि 4 का 6:

नियमित रूप से अभ्यास करें

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  1. किसी भी प्रोग्रामिंग लेंग्वेज में माहिर होने के लिए आप को समय की ज़रूरत होगी। यहाँ तक कि एक बहुत ही साधारण सी लेंग्वेज जैसे कि Python, जिस के बेसिक सिंटेक्स को ही समझने में और इस में कुशल बनने में भी बहुत समय लगता है। अन्य स्किल्स की तरह ही अभ्यास ही सफलता की कुंजी होती है। अपने हर दिन से कुछ समय कोडिंग के लिए ज़रूर निकालें, भले ही यह आप के भोजन और काम के बीच का एक ही घंटा क्यों ना हो।
  2. पूर्ण हो सकने योग्य और चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का निर्धारण करें, आप खुद ही से समस्याओं को सुलझाने में सक्षम हो जाएँगे। कुछ बहुत ही साधारण से एप्लीकेशन के बारे में सोचने की कोशिश करें, जैसे कि एक कैलकुलेटर और अपने प्रोग्राम के ज़रिए इसे बनाने की कोशिश करें। आप जिन भी प्रोग्राम और सिंटेक्स के बारे में पढ़ रहे हैं उन्हें अपने प्रोग्राम में ज़रूर उपयोग करें।
  3. अन्य लोगों से अपने प्रोग्राम के बारे में बातें करें और दूसरों के प्रोग्राम भी पढ़ें: ऐसे बहुत से प्रोग्रामिंग समूह हैं जो कुछ विशेष लेंग्वेज और विषयों के लिए ही बने हैं। इन समूहों में शामिल हो कर आप अपने सीखने की प्रक्रिया में चमत्कार ला सकते हैं। इन पर से आप कुछ ऐसे टूल्स और कुछ उदाहरण मिलेंगे जिन्हें आप अपने सीखने की प्रक्रिया में शामिल कर सकते हैं। और अन्य प्रोग्रामर के प्रोग्राम को पढ़ कर आप उन काँसेपट्स में भी अपनी पकड़ को मजबूत कर सकते हैं, जिनमें अभी तक आप को कुशलता प्राप्त नहीं हुई है। [३]
    • अपनी पसंद की लेंग्वेज के लिए उपलब्ध फोरम या ऑनलाइन समूहों पर जाएँ। वहाँ पर सिर्फ़ प्रश्‍न ही ना पूछते रहें बल्कि अपनी भागीदारी भी दिखाएँ। इस तरह के समूहों पर बहुत से लोग ना सिर्फ़ सवाल जवाब करते हैं, बल्कि चर्चा कर अपनी भागीदारी दिखाते हैं। मदद के लिए पूछने पर शर्माएँ नहीं, लेकिन अपने काम को दर्शाने और कुछ नए दृष्टिकोण को अपनाने के लिए तैयार रहें।
    • कुछ अनुभव प्राप्त करने के बाद प्रोग्रामिंग की किसी भी प्रतियोगिता में भाग लेने के बारे में सोचें। ये कुछ इस तरह की स्पर्धाएँ होती हैं, जिनमें अलग-अलग लोगों की या फिर समूह में समय के हिसाब से किसी विशेष फंक्शन प्रोग्राम बनाने की प्रतियोगिता होती है, और यह आमतौर पर किसी विशेष मुद्दे पर होती है। ये सारी स्पर्धाएँ बहुत ही मजेदार होतीं हैं और इन के माध्यम से आप को अलग-अलग प्रोग्रामर से मिलने का मौका भी मिलता है।
  4. इसे मजेदार बनाए रखने के लिए खुद को ही चुनौती देते रहें: कुछ ऐसी चीज़ें करने की कोशिश करें, जिन्हें आप ने अभी तक ना किया हो। इस कार्य को पूरा करने के तरीकों को ढूँढें, और फिर इसे अपने प्रोग्राम में उपयोग करने की कोशिश करें। ऐसे चीज़ों से दूर रहें जिन के बारे में आप जानते हैं कि ये ज़रूर काम करेंगी, बल्कि ऐसी हर चीज़ करें जिस से आप का प्रोग्राम बिना किसी रुकावट के चले।
विधि 5
विधि 5 का 6:

अपने ज्ञान का विस्तार करना

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  1. बहुत सारी यूनिवर्सिटी, कम्यूनिटी कॉलेज और कम्यूनिटी सेंटर आप को प्रोग्रामिंग क्लासेज और वर्कशॉप की सुविधा देते हैं जिन में आप बिना भर्ती हुए भी भाग ले सकते हैं। इन पर आप किसी एक अनुभवी प्रोग्रामर से मदद पा सकते हैं और इस के साथ ही बहुत से अन्य प्रोग्रामर के संपर्क भी रख सकते हैं इसलिए ये सभी किसी नये प्रोग्रामर के लिए बहुत ही मददगार साबित हो सकते हैं।
  2. हर एक प्रोग्रामिंग लेंग्वेज के लिए बहुत सारी किताबें उपलब्ध हैं। हालाँकि इनमें बहुत सारे अच्छे उदाहरण दिए होते हैं पर फिर भी आपका सारा ज्ञान सिर्फ़ किताबों से ही नहीं मिलेगा।
  3. बहुत सारी प्रोग्रामिंग में अंकगणित (arithmetic) के बेसिक्स शामिल होते हैं, लेकिन आप को इन के और भी एड्वान्स कॉन्सेप्ट्स को पढ़ने की ज़रूरत भी होगी। यदि आप कोई एक कॉंप्लेक्स सिमुलेशन को डेवेलप कर रहे हैं तब इन्हें जानना और भी ज़रूरी हो जाता है। पर आपको साधारण प्रोग्रामिंग के लिए बहुत ही एड्वान्स गणित पढ़ने की ज़रूरत नहीं है। लॉजिक पढ़ कर, विशेष रूप से कंप्यूटर लॉजिक पढ़ कर, आप को और एड्वान्स प्रोग्राम में जटिल समस्याओं के समाधान में मदद मिलेगी।
  4. एक बहुत ही प्रसिद्ध सिद्धांत है कि इस में निपुण होने के लिए आप को लगभग 10,000 घंटों के अभ्यास की ज़रूरत होती है। हालाँकि यह पूरी तरह से आप के ऊपर निर्भर करता है, लेकिन सामान्य सिद्धांत सही रहता है: किसी भी कार्य में निपुण होने के लिए समय और समर्पण की ज़रूरत होती है। कुछ ही समय में सब कुछ जानने की कोशिश ना करें, पर यदि आप अपना ध्यान केंद्रित कर के और सीखना जारी रखने की कोशिश करते हैं तो भी आप अपने क्षेत्र में निपुण बन सकते हैं। [४]
  5. किसी एक लेंग्वेज में निपुण होने के बाद भी कुछ अन्य प्रोग्रामर अपने क्षेत्र में सफलता पाने के लिए अन्य लेंग्वेज भी सीखते हैं। ये दूसरी या तीसरी लेंग्वेज आपकी पहली लेंग्वेज की पूरक होती हैं, और आप को और भी जटिल और रोचक प्रोग्राम बनाने की सुविधा प्रदान करती हैं। आप को अपनी पहली लेंग्वेज में निपुणता पाने के बाद ही एक नई लेंग्वेज सीखना चाहिए।
    • दूसरी लेंग्वेज को सीखना आप को पहले की अपेक्षा और भी आसान लगेगा। यदि ये दोनों लेंग्वेज एक-दूसरे से संबंध रखती हैं तो इस के बहुत से कोर कॉन्सेप्ट्स आप के सामने पहले से ही स्पष्ट हो चुके होंगे।
विधि 6
विधि 6 का 6:

अपनी तकनीकों को लागू करना

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  1. किसी भी चार वर्षों के प्रोग्राम के लिए नामांकन करें: हालाँकि यह ज़रूरी नहीं है, लेकिन किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी से लिया गया चार साल का प्रोग्राम आप के सामने बहुत सी अन्य लेंग्वेज के प्रकारों को प्रकट करेगा, और इस के साथ ही आप का अन्य प्रोफेशनल्स और छात्रों के साथ संपर्क भी बढ़ेगा। यह प्रक्रिया हर किसी के लिए नहीं है और बहुत सारे सफल प्रोग्रामर ने आज तक कोई भी चार साल का प्रोग्राम नहीं किया।
  2. जब आप प्रोग्राम बनाते हैं और अपने ज्ञान को बढ़ाते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आप के सारे अच्छे प्रोग्राम को एक पोर्टफोलियो पर सेव किया गया है। आप इस पोर्टफोलियो को रिक्रूटर और इंटरव्यूवर को अपने द्वारा किए गये कार्यों के उदाहरण के तौर पर भी दिखा सकते हैं। अपने द्वारा किए गये हर एक काम को इस में शामिल करना ना भूलें और किसी भी कंपनी के साथ किए गये कार्यों को शामिल करना भी ना भूलें।
  3. प्रोग्रामर्स के लिए एक बहुत बड़ा फ्रीलांस मार्केट उपलब्ध है, विशेष रूप से मोबाइल एप डेवेलपर्स के लिए। अपनी प्रोग्रामिंग स्किल्स को आँकने के लिए कुछ छोटे फ्रीलांस जॉब करें। और आप अपने इस फ्रीलांस जॉब को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करें और अपने द्वारा प्रकाशित प्रोग्राम को भी अंकित करें।
  4. अपने खुद के फ्रीवेयर या कमर्शियल प्रोग्राम बनाएँ: वैसे आप को सिर्फ़ पैसों के लिए किसी कंपनी में प्रोग्रामिंग करने की ज़रूरत नहीं है। बल्कि यदि आप के पास स्किल्स हैं, तो आप अपना खुद का एक सॉफ़्टवेयर बना सकते हैं, और खरीदे जाने के लिए इसे या तो अपनी खुद ही की वेबसाइट पर या फिर किसी और मार्केटप्लेस में रिलीज कर सकते हैं। अपने द्वारा रिलीज़ किए हुए सॉफ़्टवेयर की कमर्शियल सेल के लिए, हमेशा ही इसे सपोर्ट करने को तैयार रहें, क्योंकि कस्टमर हमेशा यही चाहेगा कि उस के द्वारा खरीदे हुए प्रॉडक्ट सही ढंग से काम करें।
    • फ्रीवेयर (Freeware) अपने कुछ छोटे प्रोग्राम को बाँटने का एक सही तरीका है। इस में डेवलपर को पैसे तो नहीं मिलते, लेकिन ये ऐसा कर के उन समूहों में अपना नाम और एक पहचान ज़रूर पा सकते हैं।

सलाह

  • यदि आप गेम प्रोग्रामिंग में रूचि रखते हैं, तो Python, C++ और Java पर ध्यान दें। इन तीनों में से C++ सबसे अच्छी है, Python को सीखना बहुत आसान है और Java को आप विंडोज़, मैक ओएस और लिनॅक्स पर बिना किसी बदलाव के चला सकते हैं।
  • Free software के बारे में जानें। Free software directory पर उपलब्ध प्रोग्राम के सोर्स कोड पर ध्यान दें। जब आप दिए हुए कोड को ही और भी बेहतर बना सकते हैं, तो इसे फिर से बनाने की क्या ज़रूरत? सिर्फ़ इतना जान लें कि आप जो कुछ भी प्रोग्राम कर रहे हैं, आप को उस बारे में पता होना चाहिए।
  • कुछ लोगों को प्रोग्रामिंग करना बहुत ही आकर्षक लगता है। अपनी रूचि के प्रॉजेक्ट्स के बारे में जानने के लिए सर्च इंजन का उपयोग करें।
  • जब भी आप कुछ नया सीखते हैं, तो यह जानने के लिए कि आप अब तक कितना कुछ नया सीख पाए हैं, इस पर खुद से ही अभ्यास करना, डिज़ाइन करना, परिणामों की अपेक्षा करना आप के लिए बहुत मददगार साबित होगा।
  • हमेशा ही सॉफ़्टवेयर के पब्लिशर के पास उपलब्ध आधुनिक प्रोग्रामिंग इंटरफेस और सामग्रियों का उपयोग करें।
  • यहाँ पर आप के लिए बहुत से रिफरेन्स (reference) मौजूद हैं। यदि आप को हर चीज़ याद नहीं है, तो संकोच महसूस ना करें; सब समय के साथ याद हो जाती हैं। सबसे ज़रूरी बात यह है कि आप को रिफरेन्स मटेरियल कहाँ से पाना है।
  • अपने अभ्यास के लिए दूसरों को पढ़ाना शुरू कर दें। यह ना सिर्फ़ आप को और ज़्यादा सक्षम बनाएगा, बल्कि इस से आप को अलग-अलग दृष्टिकोण पर और अधिक गहराई से सोचने लायक भी बनाएगा।

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