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अपने पेरेंट्स के सामने कम आउट करना बहुत ही इमोशनल प्रोसेस हो सकता है। आप नर्वस, एंक्शस, या भयभीत तक महसूस कर सकते हैं। याद रखिए की बाइसेक्सुअल होना आपके होने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। आप यह जानकारी किसके साथ, और कब शेयर करेंगे, यह आप की चॉइस है। अपनी सेक्सुअलिटी के बारे में अपने पेरेंट्स को बताने से पहले यह सुनिश्चित कर लीजिये कि आपने कोई बढ़िया प्लान तैयार कर रखा है। उसके बाद ऐसे कदम उठाइए जिससे आपका कनवरसेशन कंस्ट्रक्टिव हो। फिर, आप लोग मिलजुल कर ऐसी कोशिश कर सकते हैं जिससे कि आप जो भी हैं, उसी रूप में कॉन्फिडेंटली रह सकें। मगर, याद रखिए, कि चाहे आपके पेरेंट्स जो भी कहें, आप जैसे भी हैं, वैसे ही सुंदर हैं, अंदर से भी और बाहर से भी।

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपने पेरेंट्स को बताने की तैयारी करना

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  1. अपनी सेक्सुअलिटी के बारे में जान लेना एक बात है, और उसके साथ कम्फ़र्टेबल रहना बिलकुल दूसरी बात है। अगर आप अभी गिल्ट (guilt), शर्म, या कन्फ़्यूजन की भावनाओं से डील कर रहे हों, तब शायद बेहतर यही होगा कि अभी पेरेंट्स को बताने के लिए थोड़ा इंतज़ार किया जाये। ज़रूरी यह है, कि आप जो भी हैं, सबसे पहले, खुद को उसी रूप में स्वीकार करें, और उसके बाद ही दूसरों से यह आशा करें कि वे आपको वैसे स्वीकार करेंगे।
    • शीशे में देख कर अपने आप से "मैं बाइसेक्सुअल हूँ" कहने की कोशिश करिए। अगर आप इससे कॉन्फिडेंट और खुश महसूस करते हैं, तब बढ़िया है। अगर आप इससे नर्वस हो जाते हैं, उस परिस्थिति में, तब तक कोशिश करते रहिए, जब तक आप कम्फ़र्टेबल न महसूस करने लगें।
    • कोशिश करिए कि पहले किसी दोस्त के सामने कम आउट करें। इससे आपको बाइसेक्सुअल होने के संबंध में बात करने की आदत पड़ने में सहायता मिलेगी।
    • कमिंग आउट में बहुत इमोशनल एनर्जी ख़र्च हो सकती है। इससे पहले कि आपको लगे कि आप बात करने लायक मजबूत हो गए हैं, यह सुनिश्चित कर लीजिये कि आप कॉन्फिडेंट महसूस करने लगे हैं।
  2. किसी के भी लिए कमिंग आउट एक कठिन काम होता है। अगर आपको यकीन न हो कि आपके पेरेंट्स किस तरह रिएक्ट करेंगे, तब आपको ख़ास तौर पर डर लगेगा। सुनिश्चित कर लीजिये कि आपके पास ऐसे लोग हैं, जिनका आप सहारा ले सकते हैं। सपोर्ट सिस्टम होने से आपको बातें करते समय कम्फ़र्टेबल होने में सहायता मिल सकती है, और आपको यह आश्वासन भी मिल सकता है कि चाहे जो भी हो, सहारा लेने के लिए कंधा मिल ही जाएगा।
    • अगर आप किसी और रिलेटिव के सामने कम आउट होते हैं, तब उन्हें पहले ही बता दीजिये कि आप अपने पेरेंट्स से बात करने वाले हैं। संभव है कि वे लोग कोई ऐसी सलाह दे सकें जिससे आपको इस डिस्कशन में सहायता मिल सके।
    • यह सोच कर देखिये कि जब आप अपने पेरेंट्स के सामने कम आउट करेंगे तब क्या आपके सपोर्ट सिस्टम से कोई व्यक्ति, बैकअप और सपोर्ट के लिए उस समय आपके साथ हो सकता है।
  3. कुछ रेलिवेंट ऑर्गनाइज़ेशन्स से सुझाव प्राप्त कर लीजिये: ऐसे अनेक ऑर्गनाइज़ेशन्स हैं, जैसे एलजीबीटी फ़ाउंडेशन, जिनका इस्तेमाल स्त्रोत के रूप में उन परिस्थितियों से निबटने के लिए किया जा सकता है, जो तब उत्पन्न होती हैं, जब आप अपने प्रिय लोगों के सामने कम आउट करते हैं। यह तय करने से पहले कि कब और किस तरह अपने पेरेंट्स को बताया जाये, ऑनलाइन जा कर इन ऑर्गनाइज़ेशन्स से कुछ सलाह और टिप्स ढूंढ लीजिये।
  4. यह जान लेना महत्वपूर्ण है कि आप अपने पेरेंट्स के सामने क्यों कम आउट करना चाहते हैं। एक अच्छा कारण तो यह हो सकता है कि आप उनको प्यार करते हैं, और उनसे कुछ भी छुपाना नहीं चाहते। आप यह तो नहीं ही चाहेंगे कि किसी बहस के दौरान आप केवल इसलिए उन्हें यह बात बता दें कि आप बाइसेक्सुअल हैं, क्योंकि आप उन्हें चोट पहुंचाना चाहते हैं।
    • एक मिनट का समय निकाल कर अपने कारण लिख डालिए। ये कारण शायद हो सकते हैं “मैं जो भी हूँ, मुझे उस पर गर्व है” या “मैं ओपेनली रहने को तैयार हूँ”।
  5. संभावना यही होती है कि यह कनवरसेशन तनावपूर्ण और इमोशनल हो जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह कंस्ट्रक्टिव रहे, आप यह विचार कर सकते हैं कि बात करने से पहले एक बार देख लें कि घर में और क्या चल रहा है। क्या आपके पेरेंट्स पैसों को ले कर चिंतित हैं? तब शायद यह इस तरह के सीरियस कनवरसेशन के लिए सही समय नहीं होगा। क्या अभी हाल ही में आपकी दादी/नानी बीमार हो गई हैं? तब भी बेहतर यही होगा कि चीज़ों के थोड़ा स्टेबल होने का इंतज़ार किया जाये।
    • अगर संभव हो, तब ऐसा समय चुनिये जब घर में इमोशनल माहौल काफ़ी शांत हो। आप तो चाहेंगे कि आपके पेरेंट्स आप पर ही फ़ोकस करें।
    • पूछने की कोशिश करिए कि क्या आप डिनर के बाद बात कर सकते हैं। इस महत्वपूर्ण कनवरसेशन के लिए वीकेंड सही समय हो सकता है।
  6. इस बात पर ध्यान दीजिये कि आपके पेरेंट्स एलजीबीटी व्यक्तियों को किस नज़र से देखते हैं। क्या आपने उनको बाइसेक्सुअल लोगों या बाइसेक्सुअल कम्यूनिटी के संबंध में कोई क्रोध भरे कमेंट्स करते हुये सुना है? अगर आपको ज़रा भी अंदाज़ा हो कि आपके पेरेंट्स बहुत बुरी तरह रिएक्ट करेंगे, तब आपको सुरक्षा प्लान पहले से ही बना कर रखने की बहुत ज़रूरत होगी। अगर परिस्थिति भयानक या यहाँ तक कि हिंसक हो सकती हो, तब यह सुनिश्चित कर लीजिये कि आपके पास अपने आप को सुरक्षित रखने के तरीके हैं। [1]
    • अगर आपको पक्का पता नहीं हो कि आपके पेरेंट्स बाइसेक्सुअलिटी के संबंध में किस तरह रिएक्ट करेंगे, तब बाइसेक्सुअल परिस्थितियों या बाइसेक्सुअल लोगों वाली कुछ मूवीज़ तथा टीवी शोज़ देखिये। कम आउट करने से पहले उनकी राय जानने के लिए, आप जो भी देख रहे हैं, उस संबंध में अपने पेरेंट्स की राय मांगिए।
    • किसी करीबी दोस्त को पता लग जाने दीजिये कि आप कब यह कनवरसेशन करने वाले हैं। अगर आप ज़रूरी समझें, तब उनसे ऐसा कुछ पूछ लीजिये, “मुझे पता नहीं, इस बात का नतीजा क्या होगा। अगर ज़रूरत पड़ेगी, तो क्या मैं तुम्हारे घर में रह सकता हूँ?”
    • अगर यह संभावना हो कि आपके पेरेंट्स आपको घर से निकाल देंगे, तब यह सुनिश्चित कर लीजिये कि आपके पास कुछ पैसे हों।
विधि 2
विधि 2 का 3:

कंस्ट्रक्टिव कनवरसेशन करना

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  1. कोशिश करिए कि जब आप बात करें तो तब कॉन्फिडेंट लगें। ऐसा करने के लिए, आवाज़ के शांत, और क्लियर टोन में बोलिए। घुमा फिरा कर बात मत करिए। सीधी बात करिए और जो आपका मतलब हो, वही बात कहिए।
    • जैसे कि आप कह सकते हैं, “मॉम, मैं चाहता हूँ कि तुम जान लो कि मैं बाइसेक्सुअल हूँ। मैं जो भी हूँ, उसमें कम्फ़र्टेबल हूँ, और आशा करता हूँ, कि तुम भी होगी।”
  2. बाइसेक्सुअलिटी के संबंध में अपने पेरेंट्स के प्रश्नों के उत्तर दीजिये: हो सकता है कि आपके पेरेंट्स यह जान कर चकित हो जाएँ कि आप बाइसेक्सुअल हैं। हो सकता है कि उन्हें इस बारे में बहुत कुछ पता भी नहीं हो जैसे कि उसका वास्तव में क्या अर्थ होता है। कोशिश करिए कि जितनी ईमानदारी से हो सकता है, उससे उनको जवाब दें, मगर ऐसा मत समझिएगा कि आपको उनके साथ ऐसी कोई बात शेयर करनी चाहिए जिसके संबंध में आप खुद कम्फ़र्टेबल न हों। जैसे कि, आप कह सकते हैं, "यह कोई चॉइस नहीं है, मैं ऐसा ही हूँ"। इस तरह के प्रश्नों के लिए तैयार रहिए: [2]
    • "क्या तुम्हें यकीन है?"
    • "आख़िर तुमने यह चॉइस क्यों की?"
    • "क्या तुम्हें नहीं लगता कि समय के साथ यह बीत जाएगा?"
  3. संभव है कि आपके पेरेंट्स वास्तव में कन्फ़्यूज्ड हों कि बाइसेक्सुअल का वास्तव में अर्थ क्या होता है। जैसे कि, वे सोच सकते हैं कि आप 50% लड़कों और 50% लड़कियों को पसंद करते हैं, या हो सकता है कि आपका कोई स्केल हो। महत्वपूर्ण उनको यह बताना है कि यह कोई स्पष्ट दिखाई पड़ने वाला इशू नहीं है। एक्सप्लेन करिए कि आप भिन्न लोगों की ओर भिन्न कारणों से आकर्षित होते हैं। उनके प्रश्नों का जवाब देने से आपको सहायता मिलेगी। एक अच्छा विचार यह है कि बात समझने में सहायता देने के लिए उन्हें अतिरिक्त जानकारी दें। ओवरऑल एलजीबीटी रिसोर्सेज़ उपयोगी होते हैं, मगर आप अपने स्थानीय सपोर्ट केंद्र से भी सहायता मांग सकते हैं कि वे आपको ऐसी कुछ जानकारी दें जिससे आपको बाइसेक्सुअलिटी एक्सप्लेन करने में सहायता मिल सके।
    • अपने स्थानीय एलजीबीटी कम्यूनिटी सेंटर से पैम्फलेट्स ले लीजिये। अगर आप छात्र हैं, तब अपने कैंपस एलजीबीटी केंद्र से भी कुछ जानकारी मैटीरियल इकट्ठा कर सकते हैं।
    • आपको चाहिए कि उन्हें कुछ ऐसी वेबसाइट्स का पता भी बताएं जहां वे चेक कर सकते हों। अगर उन्हें बेहतर जानकारी होगी, तब उनके और भी अधिक सपोर्टिव होने की संभावना बढ़ जाएगी।
  4. आप यह तो नहीं बता सकते कि आपके पेरेंट्स किस तरह रिएक्ट करेंगे। सोचिए कि उनके संभावित रिसपॉन्सेज़ क्या हो सकते हैं, और तय करिए कि आप उन पर किस तरह रिस्पोंड करेंगे। यह याद रखिएगा कि इनीशियल रिएक्शन से हमेशा यह संकेत नहीं मिलेगा कि वे वास्तव में क्या महसूस कर रहे हैं, संभव है कि समाचार को समझने और स्वीकार करने में उन्हें कुछ समय लगे। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि वे शुरू में शॉक में हों, मगर बाद में उसको स्वीकार कर लें और सपोर्ट करें। कुछ आम रिएक्शन ऐसे हो सकते हैं:
    • शॉक
    • क्रोध
    • दुख
    • डिसमिसल
  5. आशा है कि आपके पेरेंट्स का रिएक्शन प्यार भरा और सपोर्टिव होगा। अगर वे तुरंत ही सम्मानपूर्ण हो जाएँ तब तो यह बहुत ही बढ़िया होगा। अगर वे पॉज़िटिव तरह से रिएक्ट नहीं करते हैं, तब भी अपना कॉन्फ़िडेंस मत गंवा दीजिये। अगर आपके पेरेंट्स आहत करने वाली या बुरी बातें कहें, तब डरिए मत और अपने लिए खड़े होइए।
    • आप कह सकते हैं, “प्लीज़ मुझे बेइज़्ज़त मत करिए। मुझसे इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।”
    • आपके पास कनवरसेशन बंद करने का भी अधिकार है। कहने की कोशिश करिए कि, “यह कंस्ट्रक्टिव नहीं है। मैं इससे दूर हटने वाला हूँ।”
  6. किसी एक पेरेंट के सामने कम आउट करने के बारे में विचार करिए: अगर आप अपने किसी एक पेरेंट के अधिक निकट है, या उस पर अधिक विश्वास करते हैं, तब बेहतर तरीका यह हो सकता है कि आप बाइसेक्सुअल होने के संबंध में पहले उस एक से बातें करें। हो सकता है कि वे आपको यह सलाह दे सकें कि आपको दूसरे से किस तरह बात करनी चाहिए।
विधि 3
विधि 3 का 3:

समझना कि आगे कैसे बढ़ा जाए

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  1. आपके पेरेंट्स चाहे जैसे रिएक्ट करें, आपको उसे स्वीकार करने की ज़रूरत होगी। याद रखिए, कि संभावना यही है कि वे चकित तथा तथा इमोशनल होंगे। उनके साथ बहस करने या उनसे लड़ने की जगह, उनके रिसपॉन्स को स्वीकार करिए। याद रखिए कि प्रत्येक को अपने विचारों और भावनाओं को प्रोसेस करने के लिए समय चाहिए होता है। [3]
    • आप कह सकते हैं, “मुझे अफसोस है कि आप ऐसा महसूस करते हैं। मैं आप पर दबाव नहीं डालूँगा, मगर यह आशा ज़रूर करता हूँ कि आपके विचार इस पर बदल जाएंगे।”
  2. यह आपके तथा आपके पेरेंट्स, दोनों ही के लिए इमोशनल कनवरसेशन हो सकता है। अगर आपको लगता हो कि आप एक ही बात को बार-बार कह रहे हैं, तब एक ब्रेक लेने के संबंध में विचार करिए। आप सुझाव दे सकते हैं कि फॉलो-अप बात करने के लिए वे लोग ही कोई समय सुझाएँ।
    • कहिए, “लगता है कि हम सभी लोग थक गए हैं। क्या हम इसके बारे में शनिवार को बात कर सकते हैं?”
  3. अगर आपको सपोर्टिव रिएक्शन नहीं मिलता है, तब आपके लिए बहुत कठिन हो सकता है। कोशिश करिए कि आप अपनी रिलेशनशिप के पॉज़िटिव भाग पर फ़ोकस करें। याद रखिए कि वे शायद हमेशा नाराज़ या दुखी नहीं रहेंगे। उन्हें प्रोसेस करने के लिए कुछ समय देने की कोशिश करिए।
    • इसका यह मतलब नहीं है कि आप अपने आपको उनके द्वारा बुरी तरह ट्रीट कराइए। अपने लिए खड़े होने की याद रखिए।
  4. इतने लंबे चौड़े कनवरसेशन के बाद शायद आप बहुत थक चुके होंगे। इसलिए फिजिकली और इमोशनली अपना ध्यान रखने की याद रखिए। कोशिश करिए कि आप कुछ खा सकें, और थोड़ा आराम कर लें। देखिये कि साथ में टहलने के लिए क्या कोई दोस्त मिल जाता है। [4]
    • उन चीज़ों को करना मत भूल जायेगा, जिनसे आपको ख़ुशी मिलती हो। अपना प्रिय संगीत सुनिए, कोई फ़नी शो देखिये, या कोई बढ़िया किताब पढ़िये।

सलाह

  • कॉन्फिडेंट रहिए।
  • इस टॉपिक को अप्रोच करते समय शांत रहिए।
  • तब तक इंतज़ार करिए जब तक कि आपको यकीनन पता न चल जाये कि आप बाइसेक्सुअल हैं।
  • जब लोग आपको अपमानित करें तब भी पॉज़िटिव रहिए।
  • अपने पर गर्व करिए।
  • सभी लोगों से अपनी सेक्सुअलिटी बताने की हड़बड़ी मत करिए।
  • पॉज़िटिव या निगेटिव किसी भी प्रकार के रिएक्शन के लिए तैयार रहिए।
  • अगर आप अपने आप उनको बताने के बारे में नर्वस हैं, तब एक पत्र लिखिए और उसे किसी ऐसी जगह छोड़ दीजिये जहां आपके पेरेंट्स उसे देख सकें, और अगर हो सके तो कुछ समय के लिए घर से बाहर चले जाइए।

विकीहाउ के बारे में

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