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यदि आपके पेट के निचले भाग में सूजन और जलन हो रही हो, तब शायद आपको अपेंडिसाइटिस (Appendicitis या appendix) की समस्या है। यह स्थिति 10 से 30 वर्ष की आयु के लोगों में बहुत सामान्य है, जबकि 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों और 50 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं में इन पारंपरिक लक्षणों की पहचान करने में कठिनाई हो सकती है। यदि आपमें अपेंडिसाइटिस पायी जाती है, तब शायद आपको अपेंडिक्स, अर्थात अपनी छोटी आंत से निकली हुयी एक थैली, को निकलवाने के लिए सर्जरी का सहारा लेना पड़ेगा। इसको चिकित्सीय आपात स्थिति माना जाता है, अतः यह महत्वपूर्ण है कि इसके संकेतों को कैसे पहचाना जाये और यथाशीघ्र सहायता प्राप्त की जाये।

Appendicitis के Emergency में दिखने वाले Symptoms

यदि आपको इनमें से अनेक लक्षणों का अनुभव होता है तब या तो अपने चिकित्सक से संपर्क करिए या तुरंत आपात चिकित्सा के लिए जाइए

  • 102°F (38°C) से ऊपर बुखार (Fever)
  • पीठ में दर्द (Back pain)
  • भूख में कमी (Decreased appetite)
  • चक्कर और उल्टी आना (Nausea and vomiting)
  • दस्त या कब्जियत (Diarrhea or constipation)
  • मूत्र विसर्जन में पीड़ा (Painful urination)
  • मलाशय, पीठ, या पेट में दर्द (Pain in rectum, back, or abdomen)
विधि 1
विधि 1 का 2:

स्वयं लक्षणों की जांच करना

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  1. सबसे सामान्य लक्षण होता है नाभि के निकट होने वाला हल्का दर्द जो फ़ैल कर या खिसक कर पेट के निचले दाहिने हिस्से (right side) में पहुँच जाता है। कुछ और लक्षण भी हैं, जो उतने सामान्य नहीं हैं। यदि आपको उनमें से कई महसूस होते हैं, तब यह समय है कि आप डॉक्टर से संपर्क करें या अस्पताल जाएँ। जैसे ही आप स्वयं में इन लक्षणों को पहचानें, आपको तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए या तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। इस प्रक्रिया में देर करने से आपके अपेंडिक्स के फटने की संभावना बढ़ जाएगी और इससे आपके जीवन को खतरा हो सकता है। [१] आम तौर पर आपको ये लक्षण 12 से 18 घंटों में दिखने लगेंगे मगर ये एक सप्ताह तक भी ज़ारी रह सकते हैं और हर बार बढ़ते ही जाएँगे। [२] ये लक्षण हैं:
    • घटी हुई भूख या भूख कम लगना
    • पेट की समस्याएँ – जैसे चक्कर आना, दस्त, और कब्जियत, विशेषकर यदि उसके साथ में उल्टियाँ भी हो रही हों [३]
    • बुखार – यदि तापमान 103°F (40°C) या उसके ऊपर हो तब तुरंत अस्पताल जाइए। यदि वह 102°F (38°C) और आपको अन्य लक्षण भी महसूस हो रहे हों, तब यथासंभव शीघ्रता से अस्पताल जाइए। हल्का बुखार, जैसे कि 99°F एक अन्य लक्षण है।
    • ठंडा लगना और शरीर का कांपना
    • पीठ में दर्द
    • गैस नहीं निकाल पाना
    • टेनेज़्मस (tenesmus) – भावना कि पेट खाली हो जाने से कष्ट में आराम मिलेगा
    इनमें से अनेक लक्षण वाइरल गैस्ट्रोएंट्राइटिस (viral gastroenteritis) के लक्षणों से मिलते जुलते हैं। अंतर केवल इतना है कि गैस्ट्रोएंट्राइटिस में दर्द विशेष नहीं बल्कि सामान्य होता है। [४]
  2. अपेंडिसाइटिस के कुछ कम सामान्य लक्षणों पर भी ध्यान दीजिये: ऊपर दिये गए लक्षणों के अलावा, आप उन लक्षणों को भी महसूस कर सकते हैं जो कि अपेंडिसाइटिस के साथ आमतौर पर अधिकतर सम्बद्ध नहीं होते हैं। ये हैं कुछ कम सामान्य लक्षण जिन्हें आप खोज सकते हैं: [५]
    • मूत्र विसर्जन में पीड़ा
    • उल्टी आने से “पहले” पेट में दर्द होना
    • मलाशय, पीठ या पेट के ऊपरी भाग या निचले भाग में तेज़ या धीमा दर्द
  3. अधिकांश वयस्कों में, आपका अपेंडिक्स नाभि के दायीं ओर निचले हिस्से में नाभि और कूल्हे की हड्डी की दूरी के एक तिहाई नीचे पाया जाता है। ध्यान रखिए कि गर्भवती महिला में यह स्थान भिन्न हो जाता है। पीड़ा के “रास्ते” पर ध्यान दीजिये। लक्षणों के सामने आने के 12 से 24 घंटों के अंदर तीखा दर्द शायद आपकी नाभि से कूल्हे की हड्डी की ओर बढ़ेगा। यदि आप इस प्रकार के स्पष्ट बढ़ाव को महसूस कर पाते हैं, तब सीधे आपात चिकित्सा कक्ष की ओर जाइए।
    • वयस्कों में अपेंडिसाइटिस के लक्षण 4 - 48 घंटों में बिगड़ सकते हैं। यदि आपका अपेंडिसाइटिस पहचान में आ जाता है तब इसे चिकित्सीय आपदा समझा जाता है। [६]
  4. यदि छूने में भी दर्द होता है, विशेषकर नीचे दाहिनी ओर, तब आपात चिकित्सा कक्ष में जाने का विचार करिए। जब आप दबाएँगे तब आपको पेट के निचले हिस्से में नरमी महसूस होगी। [७]
    • पेट को छूने पर संवेदनशीलता (rebound tenderness) पर ध्यान दीजिये। यदि पेट के दाहिने निचले हिस्से को दबाएँ और जब जल्दी से दबाव को कम करें तब आपको तेज़ दर्द हो, इसका अर्थ है कि आपको अपेंडिसाइटिस है और चिकित्सीय सहायता की आवश्यकता है।
  5. जब आप पेट को दबाते हैं तब क्या आपकी उंगली थोड़ी भी अंदर जाती है? या आपका पेट असामान्य रूप से तना और कड़ा बना रहता है? यदि बाद वाली बात सत्य है, तब शायद आपके पेट में वायु भरी है, जो कि अपेंडिसाइटिस का एक अन्य लक्षण है।
    • यदि आपको पेट में दर्द तो है, परंतु न तो उल्टी आ रही है और न ही भूख में कमी हुयी है, तब शायद यह अपेंडिसाइटिस नहीं है। पेट में दर्द के अनेक ऐसे कारण हो सकते हैं जिनमें आपात चिकित्सा कक्ष में जाने की आवश्यकता न पड़े। जब आपको संदेह हो या पेट का कोई दर्द तीन दिन से अधिक रह जाये तब अपने नियमित चिकित्सक से मिलिये।
  6. यदि आप तीखे दर्द के बिना यह न कर सकें, तब शायद आपको अपेंडिसाइटिस है। यद्यपि आपको आपातकालीन देखभाल तुरंत प्राप्त करनी चाहिए परंतु आप दर्द में कमी करने के लिए करवट से लेटकर और भ्रूण जैसी मुद्रा में बदन सिकोड़ कर देख सकते हैं।
    • देखिये कि क्या एकाएक बदन को हिलाने से या खाँसने आपका दर्द बढ़ जाता है।
  7. ध्यान रखिए गर्भवती स्त्रियॉं और बच्चों में लक्षण फ़र्क होते हैं: गर्भवती स्त्रियों में दर्द किसी और स्थान पर भी हो सकता है क्योंकि जब महिलाएं गर्भवती होती हैं तब अपेंडिक्स थोड़ी ऊंचाई पर होता है। दो साल या उससे कम उम्र के बच्चों में पेट का दर्द आमतौर पर और नीचे होता है और उसके साथ उल्टियाँ तथा पेट में सूजन भी होती है। गोद के बच्चों में अपेंडिसाइटिस होने पर कभी कभी खाने में समस्या होती है तथा वे असामान्य रूप से नींद में रहते हैं। वे अपना मनपसंद भोजन खाने से भी इंकार कर देते हैं।
    • बड़े बच्चों में दर्द वयस्कों की तरह ही होता है तथा नाभि से शुरू होकर पेट के दाहिने ओर निचले चतुर्थांश की ओर बढ़ता है। लेटने से भी बच्चे का दर्द कम नहीं होता है, और हिलने डुलने से तो बढ़ता ही है।
    • यदि बच्चे में अपेंडिक्स फट ही जाता है, तब तेज़ बुख़ार देखा गया है।
विधि 2
विधि 2 का 2:

चिकित्सीय सहायता प्राप्त करना (Get Medical Help)

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  1. यदि आपको लगता है कि आपको अपेंडिसाइटिस के लक्षण हैं, तब यह महत्त्वपूर्ण है कि आप आपातकालीन कक्ष में इलाज शुरू होने की प्रतीक्षा में स्थिति को और खराब न कर लें। ये कुछ चीज़ें हैं जिनसे आपको तब बचना चाहिए, जब आप इलाज की प्रतीक्षा कर रहे हों:
  2. यदि आपको लगे कि अपेंडिसाइटिस तो है ही, तब जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलने का समय मांग लीजिये। यथा शीघ्र अस्पताल जाइए। यदि अपेंडिसाइटिस बिना इलाज के फट जाये तब इसमें जान जाने का जोखिम भी रहता है ।
    • एक रात के लिए कुछ सामान साथ ले लीजिये, जैसे कि पाजामा और अपना टूथब्रश। यदि आपको अपेंडिसाइटिस है, तब तो आपकी सर्जरी होगी और आपको रात वहीं बितानी होगी।
  3. अपने लक्षणों का विवरण इमरजेंसी डिपार्टमेंट को दीजिये: तुरंत चिकित्सा शुरू हो सके, इसके लिए इमरजेंसी स्टाफ को बताइये कि आपको अपेंडिसाइटिस का संदेह है। तब आपको प्राथमिकता के आधार पर तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता वाले रोगियों के क्रम में चिकित्सा दी जाएगी।
    • यदि आपको प्रतीक्षा करनी भी पड़े, तब भी आप घबराइए मत। जब आप अस्पताल पहुँच ही गए हैं, तब आप घर की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित होते हैं। धैर्य बनाए रखिए और अपना ध्यान दर्द से हटाइए।
  4. बॉडी एग्जामिनेशन से मिलने वाले रिजल्ट के लिए अपने आप को तैयार करें: जब भी आप चिकित्सक से मिलेंगे तब आपको अपने लक्षण एक बार फिर से बताने होंगे। पाचन की अनियमितताओं (जैसे कब्ज़ या उल्टी) को ध्यान में रखिए और चिकित्सक को बताने का प्रयास करिए कि आपको दर्द पहली बार कब महसूस हुआ था। चिकित्सक आपकी जांच अपेंडिसाइटिस के संकेतों के लिए करेगा।
    • थोड़े दबाव को सहने के लिए तैयार रहिए। चिकित्सक आपके पेट के निचले हिस्से को कस कर दबाएगा। वह वास्तव में पेरिटोनाइटिस (peritonitis) या अपेंडिक्स फटने से होने वाले इन्फेक्शन की जांच कर रहा है। यदि आपको पेरिटोनाइटिस है ही, तो दबाये जाने पर आपकी पेट की मांसपेशी अकड़ जाएगी। चिकित्सक, शायद एक मामूली सी मलाशय की जांच भी कर सकते हैं।
  5. अपेंडिसाइटिस के आधिकारिक निदान के लिए लैब टेस्ट और इमेजिंग महत्वपूर्ण होते हैं। संभावित टेस्ट ये हो सकते हैं: [१२]
    • ब्लड टेस्ट – इससे श्वेत रुधिराणुओं की संख्या का पता चलेगा जो, हल्का बुखार आने से भी पहले ही, रोग के लक्षण दिखा देगा। यह रक्त परीक्षण यह भी बता देगा कि इलेक्ट्रोलईट में कोई असंतुलन है या डिहाइड्रेशन है जिसके कारण भी दर्द हो सकता है। महिलाओं में तो, चिकित्सक गर्भावस्था परीक्षण भी कर सकता है, ताकि यह पता चल सके कि कहीं गर्भ तो नहीं है।
    • ’’’मूत्रपरीक्षण’’’ – मूत्र से संभावित मूत्र नलिका इन्फेक्शन या गुर्दे में पथरी का पता चलता है जो कि कभी कभी पेट के दर्द का कारण हो सकते हैं।
    • ’’’अल्ट्रासाउण्ड’’’ – पेट का अल्ट्रासाउण्ड, अपेंडिक्स के अवरोध को, अपेंडिक्स के फटने को, अपेंडिक्स की सूजन को या पेट दर्द के अन्य कारणों को दिखा सकता है। अल्ट्रासाउण्ड रेडियेशन का सबसे सुरक्षित प्रकार है और आम तौर पर यही इमेजिंग का पहला विकल्प होता है।
    • MRI - एम आर आई का उपयोग, बिना एक्स रे का प्रयोग किए आंतरिक अंगों के विस्तृत चित्रण के लिए किया जाता है। एम आर आई मशीन में थोड़ी घुटन होने की आशंका रखिए। यह एक छोटी सी बंद जगह होती है। अनेक चिकित्सक परेशानी को कम करने के लिए हलकी सी शामक औषधि देते हैं। इससे भी वही चित्र दिखेंगे जो अल्ट्रासाउण्ड से दिखते, बस थोड़े और स्पष्ट हो जाएँगे।
    • ’’’CT scan’’’ - सी टी स्कैन चित्र प्रदर्शित करने के लिए एक्स रे का उपयोग कंप्यूटर टेक्नोलोजी के साथ करता है। आपको पीने के लिए एक मिश्रण दिया जाएगा। यदि आपको तुरंत उल्टी नहीं हो जाती है तब आप टेस्ट के लिए मेज़ पर लेट सकते हैं। यह बहुत शीघ्र हो जाने वाली प्रक्रिया है और एम आर आई मशीन जैसी घुटन लाने वाली नहीं। इस परीक्षण से भी अपेंडिक्स में सूजन, उसके फटने, या उसमें अवरोध का वैसे ही पता चलता है और इसका उपयोग अधिकतर किया जाता है।
  6. आपका चिकित्सक यह निर्धारित करेगा कि आपको अपेंडिक्स है या नहीं। अपेंडिसाइटिस का एक ही इलाज है, वह यह कि उसे अपेंडिक्टोमी द्वारा निकाल दिया जाये। अधिकांश सर्जन लैप्रोस्कोपिक सर्जरी को ही प्राथमिकता देते हैं, जिसमे ओपन सर्जरी की तुलना में कम निशान पड़ते हैं।
    • यदि आपके चिकित्सक को सर्जरी की आवश्यकता नहीं महसूस होती है, तब वह आपको 12 से 24 घंटों के “निरीक्षण” के लिए घर भेज सकता है। उस समय में, आपको एंटी-बायोटिक, दर्द कम करने वाली दवाएं या रेचक नहीं लेने चाहिए। इस परिस्थिति में यदि आपकी हालत बिगड़ती है तब आपको तुरंत अपनी देखभाल करने वाले से संपर्क करना चाहिए। अपने लक्षणों के स्वयं हल हो जाने की प्रतीक्षा मत करिए। आपको शायद परीक्षण के लिए मूत्र, ले कर वापस आना होगा। जब आप दूसरे परीक्षण के लिए लौटते हैं, तब आपको यह सुनिश्चित करना होता है कि आप पहले कुछ भी खाएं या पिएँ नहीं अन्यथा इससे सर्जरी में जटिलताएँ हो सकती हैं।
  7. आधुनिक अपेंडेक्टोमी मिनिमल इन्वेसिव (minimally invasive अर्थात जिसमे कम से कम चीर-फाड़ हो) होती हैं और आप बिना किन्ही भी जटिलताओं के सामान्य जीवन में वापस लौट सकते हैं। परंतु तब भी, है तो यह सर्जरी ही – इसलिए अपना समुचित ध्यान रखिए। आपको सर्जरी के बाद वापस उसी रूप में आने के लिए, यह करना चाहिए: [१३]
    • धीरे धीरे ठोस भोजन करना शुरू करिए। चूंकि आपके पाचन तंत्र की सर्जरी हुई है, अतः 24 घंटे तक कुछ भी खाने या पीने से परहेज करिए। आपके चिकित्सक या नर्स आपको बताएँगे कि आप कब थोड़ा सा तरल पदार्थ और उसके बाद कुछ ठोस पदार्थ, अलग अलग ले सकते हैं। कालांतर में आप नियमित आहार लेना शुरू कर ही देंगे।
    • पहले ही दिन स्वयं को थका मत डालिए। इस बहाने से आराम करने और तबीयत सुधारने का काम करिए। अगले कुछ दिनों तक, हल्की गतिविधियों और चलने फिरने में ही सीमित रहने का प्रयास करिए, क्योंकि आपका शरीर इन्हीं गतिविधियों से स्वस्थ होगा।
    • यदि आपको कोई समस्या ध्यान में आती है, तब अपने चिकित्सक से संपर्क करिए। दर्द, उल्टी, चक्कर आना, बेहोशी आना, बुखार, दस्त, मूत्र या मल में खून आना, कब्जियत, या कटने वाली जगह पर सूजन अथवा वहाँ से बहाव, ऐसी परिस्थितियाँ हैं जबकि आपको तुरंत अपने चिकित्सक के कार्यालय से संपर्क करना चाहिए। अपेंडिक्स निकल जाने के बाद अपेंडिसाइटिस के कोई भी लक्षण चिकित्सक से संपर्क करने का कारण हो सकते हैं।

सलाह

  • विशिष्ट परिस्थितियों वाले लोगों को अपेंडिसाइटिस के शास्त्रीय लक्षणों का अनुभव नहीं होता है और उन्हें बस यही लगता है कि वे अस्वस्थ हैं या बीमार हैं। ये विशिष्ट परिस्थितियाँ हो सकती हैं:
    • मोटापा
    • मधुमेह
    • एच आई वी रोगी
    • कैंसर तथा/ या कीमोथिरेपी वाले रोगी
    • वे रोगी जिन्हें अंगों का प्रत्यारोपण किया जा चुका है
    • गर्भ (तीसरे तिमाही में जोखिम सबसे अधिक होता है)
    • गोद के तथा कम उम्र के बच्चे
    • वृद्ध
  • एक और स्थिति भी होती है, जिसे कहते हैं अपेंडिसियल कोलिक (appendicial colic)। अपेंडिक्स के सिकुड़ने और ऐंठने के कारण, पेट में तेज़ मरोड़ होता है। यह अवरोध, फोड़े, स्कार टिशू या किसी बाहरी वस्तु के कारण हो सकता है। दर्द लंबे समय तक लगातार हो सकता है या आता जाता भी रह सकता है। इस स्थिति का निदान करना कठिन हो सकता है, मगर अंततः इसके परिणाम स्वरूप एक्यूट अपेंडिसाइटिस हो सकता है। [१४]

चेतावनी

  • इलाज में देरी के फलस्वरूप कई महीनों के लिए या शायद पूरे जीवन के लिए कोलोस्टोमी बैग (colostomy bag) पहनना पड़ सकता है।
  • ’’’’’यदि आपको अपेंडिसाइटिस का संदेह हो, तब चिकित्सा में देर मत करिए’’’’’। फटा हुआ अपेंडिक्स जानलेवा हो सकता है। यदि आप आपात कक्ष से बिना इलाज के घर वापस भेज दिये जाते हैं, तब लक्षणों के बिगड़ जाने पर ‘’’सुनिश्चित करिए कि आप दोबारा जांच के लिए जाएँगे’’’। यह कोई असामान्य बात नहीं होगी, कि यदि लक्षण बार बार तब तक उठते रहें, जब तक कि सर्जरी आवश्यक न हो जाये।

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