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कई ऐसी चीज़ें होती हैं जिनके कारण आँखों में पीड़ा हो सकती है, लेकिन सभी कारणों में से सबसे सामान्य कारण है आँखों का अतिउपयोग करना या आँखों में खिंचाव या तनाव होना | आप कम प्रकाश वाले कमरे में काम करने के द्वारा, लम्बे समय तक वाहन चलने के द्वारा, ज़रूरत होने पर भी चश्मे न पहनने के द्वारा या एक जगह पर (जैसे कंप्यूटर स्क्रीन के सामने) लम्बे समय तक टकटकी लगाये रखने के द्वारा अपनी आँखों में खिंचाव उत्पन्न कर सकते हैं | [१] आँखों की पीड़ा सिरदर्द, ग्लूकोमा, आँख में विजातीय पदार्थों के चले जाने से, साइनस के संक्रमण से, या सूजन के कारण भी हो सकती है | अगर आपकी आँखों में पीड़ा एक दिन बाद भी बनी रहे तो यहाँ कुछ चीज़ें दी गयी हैं जिन्हें घर पर आजमाने से आँखों की तकलीफ़ से राहत पायी जा सकती है | आइये पढ़ते हैं यह लेख (aankhon ki dekhbhaal kaise kare aur tareeke)।

विधि 1
विधि 1 का 3:

आँखों के खिंचाव में राहत पायें

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  1. ऑय ड्रॉप्स या कृत्रिम आंसू शुष्क आँखों को नम करने में मदद कर सकते हैं जिससे आँखों की पीड़ा में शांति मिल सकती है | आप सादा नमक का घोल या मेडिकेटिड ऑय ड्रॉप्स का उपयोग कर सकते हैं | मैन्युफैक्चरर के निर्देशों का पालन करें |
    • ऑय ड्रॉप्स पर निर्भर न बनें | अगर आप बार-बार ऑय ड्रॉप्स का उपयोग करते हैं तो ध्यान दें कि उनमे कोई दवा या प्रिज़रवेटिव न मिले हों | मेडिकेटिड ऑय ड्रॉप्स के अत्यधिक उपयोग से आँखों की परेशानियाँ उभर सकती हैं | [२]
  2. गर्म सेंक आपकी आँखों की चारों ओर की मांसपेशियों को विश्राम देने में मदद कर सकता है जिससे आँखों का तनाव कम होता है और आँखों की थकान में भी राहत मिलती है | आप जिस प्रकार से सबसे अच्छा महसूस कर सकें उसके आधार पर, शुष्क या नम सेंक का इस्तेमाल कर सकते हैं | अगर आप चश्मा या कांटेक्ट लेंस लगाते हैं तो किसी भी प्रकार के सेंक के पहले उन्हें निकाल दें | [३]
    • शुष्क सेंक के लिए, एक साफ़ मोज़े में कच्चे चावल या बीन्स भरें और गांठ लगाकर मोज़े को बंद करके रख दें | अब इस मोज़े को माइक्रोवेव में लगभग 30 सेकंड के लिए गर्म होने के लिए रख दें | अब इस सेंक को अपनी आँखों पर लगायें |
    • नम या गीले सेंक के लिए, एक साफ़ कपडे या कई सारी पेपर टॉवल को गर्म पानी में (बहुत ज्यादा गर्म पानी में नहीं) भिगोयें | अपनी आँखों पर इसे रखें | अगर आप चाहें तो अपनी हथेलियों से हल्का दबाव डाल सकते हैं, लेकिन बहुत ज्यादा दबाव न डालें | इस सेंक को ठंडा होने तक आँखों पर ही रहनें दें |
  3. आपनी आँखों के हिस्सों पर अपनी हथेलियों के द्वारा हल्का दबाव डालने से आँखों के खिंचाव और दर्द में राहत मिल सकती है | जब आप हथेली अपनी आँखों पर सेंक के रूप में रखें तब चश्मे या कांटेक्ट लेंस हटा दें |
    • अपने हाथों को हथेलियों के साथ क्रॉस करने हुए अपनी ओर लायें |
    • धीरे से अपनी आँखों पर अपने हाथ की हथेली को दबाएँ |
    • यह दबाव 30 सेकंड तक लगातार बनाये रखें और फिर विश्राम दें | पीड़ा को कम करें के लिए ज़रूरत के अनुसार इसे दोहराएँ |
  4. कुछ हर्ब्स जैसे केमोमाइल (chamomile), गोल्डनसील (goldenseal), ऑयब्राइट (eyebright), कैलेंडुला (calendula), और ऑरेगोन ग्रेप/बर्बेर्री (oregon grape/barberry) में संक्रमण-विरोधी गुण पाए जाते हैं जो आपकी आँखों को शांति पहुँचाने में मदद कर सकते हैं। [४] परन्तु, इसके कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं जो सुझाव दें कि अन्य सेंक की अपेक्षा एक टी बैग अधिक प्रभावशाली होती है, आप हर्बल अरोमा में भी शांति खोज सकते हैं | [५]
    • एक मग में दो टी बैग्स रखें और इनके ऊपर उबलता हुआ पानी डालें | लगभग 5 मिनट तक या पानी को थोडा कम गर्म रहने तक चाय को भाप में रहने दें |
    • अतिरिक्त तरल को टी बैग से निचोड़ दें और प्रत्येक आँख पर एक–एक रखें | अपने सर को पीछे झुकाएं और विश्राम करें | एक बार टी बैग के ठन्डे हो जाने पर उन्हें हटा दें | आप जब तक चाहें इसे दोहरा सकते हैं | #*अगर आप टी बैग्स न ले सकें तो एक घुटनों तक लम्बे नायलॉन के मोज़े की अंगुली वाले हिस्से को काटकर उसमे सूखी हुई हर्ब डालें और उसे कसकर बाँध दें और इसका उपयोग टी बैग के समान करें |
  5. यह प्रत्येक किशोर का सबसे पसंदीदा तरीका है, आँखों को घुमाने से आँखों के खिंचाव में राहत पाई जा सकती है | जब आप निम्नलिखित गतिविधियाँ करें तब अपनी आँखें बंद करके गहरी सांसों पर फोकस करें:
    • अपनी आँखों को घडी की दिशा में घुमाएँ | अब, इन्हें घडी की विपरीत दिशा में घुमाएँ | यह पूरी गतिविधि एक बार आँख घुमाने को पूरा करती है |
    • आँखों को घुमाने की पूरी गतिविधि को 20 बार दोहराएँ | धीमी गति से शुरू करें और प्रत्येक बार थोड़ी-थोड़ी गति बढ़ाते जायें |
    • दिन में इसे 2-4 बार करने से आँखों की खिंचाव को रोकने या राहत पाने में मदद मिलती है |
  6. 20-20-20 के नियम का पालन करते हुए दिन में कई बार आपनी आँखों को ब्रेक दें | प्रत्येक 20 मिनट में, ब्रेक लें और कम से कम 20 फीट की दूरी से कोई चीज़ कम से कम 20 सेकंड तक देखें | [६] लम्बे समय तक बिना ब्रेक लिए कंप्यूटर की स्क्रीन पर फोकस करे रहने से आँखों में दर्द, सिरदर्द, और मांसपेशियों में पीड़ा होने लगती है |
    • हर घंटे खड़े होने, चारों ओर गति करने और खुद को हिलाने की कोशिश करें | इससे आपको तरोताजा होने में मदद मिलेगी और आपकी आँखों पर भी जोर नहीं पड़ेगा |
  7. चिंता, तनाव और मांसपेशियों में तनाव के कारण आँखों पर जोर पड़ सकता है और आँखों में पीड़ा उत्पन्न हो सकती है | कुछ गहरी सांस लें, अपने हाथ-पैरों को हिलाएं और अपने सिर को चारों ओर गोल घुमाएँ | थोड़ी स्ट्रेचिंग करें | [७]
    • अगर संभव हो तो ध्यान भटकाने वाले स्थान से दूर एक शांत, आरामदायक स्थान ढूंढें | एक समान और गहरी साँसें लें |
    • जितना हो सके उतनी कसकर अपनी पलकें बंद करें | इस तनाव को 10 सेकंड के लिए थामे रखें और फिर विश्राम दें | अब अपनी आँखें खोलें |
    • अपनी भौहों को जितना ऊपर उठा सकें, उठायें | आपको इस तरह अनुभव होना चाहिए जैसे आप आँखों को चौड़ा कर रहे हों | इस स्थिति में 10 सेकंड के लिए बने रहें और फिर विश्राम दें |
    • इन दोनों व्यायामों को ज़रूरत के अनुसार दिन भर दोहराएँ |
विधि 2
विधि 2 का 3:

आँखों की पीड़ा को दूर करें

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  1. कंप्यूटर स्क्रीन के सामने लम्बे समय तक रहना, वास्तव में आपकी पलक झपकने की संख्या बहुत कम कर सकता है जिससे आँखें सूख जाती हैं | अपनी आँखों को नम रखने के लिए लगातार झपकाते रहें | अगर आपको फिर भी परेशानी हो तो आर्टिफीसियल टीयर्स की मदद ले सकते हैं | [८]
    • अगर आप प्रिज़रवेटीव युक्त आर्टिफीसियल टीयर्स का इस्तमाल करें तो इन्हें दिन में चार बार से ज्यादा इस्तेमाल न करें | सामान्यतः इन आंसुओं के बहुत ज्यादा उपयोग से आपकी आँखों की परेशानी और बढ़ सकती है | अगर आपके आर्टिफीसियल टीयर्स में प्रिज़रवेटीव मौजूद न हों तो ज़रूरत के अनुसार अधिकतर आप इनका उपयोग कर सकते है |
    • एक ह्युमिडीफायर (humidifier) के उपयोग से भी आपको आँखों को नम और तरोताजा रखने में मदद मिल सकती है |
  2. पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना आपकी आँखों को शुष्क, खुजलीयुक्त और पीड़ादायक बना सकता है | अगर आप डिहाइड्रेटेड होंगे तो आप अपनी आँखों को नम बनाये रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में आंसुओं का उत्पादन नहीं कर पाएंगे | अगर आप पुरुष हैं तो दिन में कम से कम 13 गिलास (3 लीटर) पानी पियें | अगर आप महिला हैं तो प्रतिदिन कम से कम 9 गिलास (2.2 लीटर) पानी पियें | [९]
  3. मेकअप आपकी स्किन में उपस्थित तेल ग्रंथियों को अवरुद्ध कर सकता है और इसके कारण उत्तेजना और संक्रमण हो सकते हैं | आँखों के मेकअप जैसे मस्कारा और ऑय शैडो को हटाने के लिए अतिरिक्त देखभाल अपनाएं |
    • आप बेबी शैम्पू या विशेषरूप से आँखों के मेकअप को हटाने के लिए बनाये गये रिमूवर का उपयोग कर सकते हैं | परन्तु, सबसे जरुरी बात यह है कि आपको प्रतिदिन ध्यान से अपना सारा मेकअप हटाना है |
  4. संवेदनशील आँखों के लिए बनाये गये विभिन्न प्रकार के ऑय मेकअप को थोड़ी मात्रा में उपयोग करें जिससे आप अपने लिए उचित प्रकार के मेकअप को चुन सकें |
    • अगर मेकअप के लगातार इस्तेमाल से आपको परेशानी हो रही हो तो डर्मेटोलॉजिस्ट से बात करें | वे आपको ऐसे मेकअप को उपयोग करें की सिफारिश कर सकते हैं जो आपकी आँखों को उत्तेजित नहीं करेगा |
  5. अगर आपको शुष्क, लाल या खुजलीयुक्त आँखों की शिकायत हो तो आप एक पलकों के लिए उपयोग किये जाने वाले स्क्रब की मदद ले सकते हैं | पलकों के लिए एक अच्छे स्क्रब के रूप में बेबी शैम्पू, या कोई मृदु, अनुत्तेजक, सल्फेट मुक्त शैम्पू का उपयोग कर सकते हैं | [१०] इससे आपकी स्किन में प्राकृतिक आयल का प्रवाह मुक्त रूप से होने में मदद मिल सकती है और आपकी आँखों को बेहतर रूप से लुब्रिकेट करता है | [११]
    • अपने हाथ अच्छी तरह से साबुन और गर्म पानी से धोएं |
    • एक छोटे बाउल में बेबी शैम्पू और गर्म पानी की बराबर मात्रा लेकर मिलाएं |
    • अपनी आँखों की बरौनियों और पलकों के किनारों पर सलूशन को धीरे-धीरे मलने के लिए एक साफ़ कपडे (प्रत्येक आँख के लिए अलग कपडे) का इस्तमाल करें |
    • साफ़ और गर्म पानी से आँखें धोएं |
    • दिने में दो बार स्क्रब का उपयोग करें |
  6. जब आप पढ़ रहे हों, तब प्रकाश का प्रतिबिंब पेज या स्क्रीन पर पड़ने से आँखों में दर्द हो सकता है | अपने लैंप या प्रकाश के स्त्रोत को अपने पीछे रखें या एक शेडेड लैंप का उपयोग करें | [१२]
  7. एक अच्छी तरह से डिजाईन किये गये कार्यस्थल को सेट करने से आपको आँखों की पीड़ा से बचने में मदद मिल सकती है | कंप्यूटर की डेस्क के ऊपर झुकने से न सिर्फ आँखों में दर्द होता है बल्कि मांसपेशियों में दर्द और थकान भी होती है | [१३]
    • अपने कंप्यूटर मॉनिटर से कम से कम 20-26 इंच की दूरी पर बैठें | मॉनिटर को आरामदायक स्तर पर रखें जिससे आपको झुकना या टकटकी लगाकर देखना न पड़े |
    • स्क्रीन की ब्राइटनेस कम करें: अपनी स्क्रीन्स पर ग्लएर फ़िल्टर (glare filter) का उपयोग करें और अगर संभव हो तो अपने ऑफिस की लाइट को बदलें | पुराने ज़माने की फ्लोरोसेंट लाइट जो बार-बार जलती बुझती है, के कारण आँखों पर जोर पड़ता है और सिरदर्द हो सकता है | नयी कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लाइट (सीएफएल) बल्ब से ये प्रभाव नहीं होते हैं | [१४]
  8. अगर आपकी आँखें लगातार लाल, खुजलीयुक्त, थकी हुई बनी रहती हैं या आंसू निकलते रहते हैं तो इसका मतलब है कि वातावरण में उपस्थित किसी चीज़ से आपको प्रतिक्रिया हो रही है | सामान्य प्रकोपकों में शामिल हैं सिगरेट का धुआं, धुंध और फफूंदी | [१५]
    • अगर आपकी आँखों से गाढ़ा या हर डिस्चार्ज हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ | ये लक्षण बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस या “गुलाबी आँखों” के हो सकते हैं | [१६]
  9. तनाव या चिंता अनुभव करने से आपकी आँखों को नुकसान पहुँच सकता है | पूरे दिन में कम से कम कुछ मिनट के लिए शिथिलीकरण की तकनीकों का उपयोग करें जिससे आपकी आँखों को तरोताजा बनाये रखने में मदद मिल सकती है | [१७]
    • अपनी कोहनियों को मेज पर रखें | अपनी हथेलियों को ऊपर की और करके अपने सिर को अपने हाथों पर रखें | आँखें बंद करें और इन्हें अपने हाथों से ढँक लें | अपनी नाक से गहरी सांस लें और अपनी अपने पेट में हवा भरने दें | इस सांस को 4 सेकंड तक थामे रखें और फिर धीरे से सांस छोड़ दें | इस प्रक्रिया को दिन में कई बार 15-30 सेकंड के लिए दोहराएँ |
    • अपने चेहरे की मालिश करें: धीरे-धीरे अपनी आँखों के आस-पास की मांसपेशियों की मालिश करने से पीड़ा को कम किया जा सकता है |अपनी ऊपरी पलक पर 10 सेकंड के लिए हल्की घुमावदार गति में अपनी अँगुलियों के पोरों के द्वारा मालिश करें | अब, अपनी निचली पलक पर हल्की घुमावदार गति से 10 सेकंड के लिए मालिश करें | इस मालिश से आपकी अश्रुग्रंथियों को उत्तेजित करने में और मांसपेशियों को आराम देने में मदद मिल सकती है | [१८]
    • अपने चेहरे पर हल्के दबाव का उपयोग करें: अपने चेहरे को धीरे-धीरे थपथपाने से आँखों पर जोर पड़ने को कम किया जा सकता है और आँखों को थकान और दर्द से दूर रखा जा सकता है | अपनी भौहों के लगभग एक इंच ऊपर अपने माथे पर धीरे-धीरे थपथपाएं | अब, उस पॉइंट पर थपथपाएं जहाँ आपकी भौहों का घुमाव या आर्च होती है | अपनी भौहों के बीच धीरे-धीरे दबाव डालें | अब, भौहों के आंतरिक हिस्से पर थपथपाएं और फिर बाहरी भौहों के बाहरी हिस्से पर | अंत में, अपनी नाक के सेतु को दबाएँ | [१९]
  10. अगर आप एक दिन में कई घंटों तक कंप्यूटर की स्क्रीन के सामने टकटकी लगाये रहते हों तो सुरक्षात्मक चश्मे पहनने से आँखों पर जोर पड़ने को कम किया जा सकता है | कुछ ग्लासेस आपकी आँखों को सूखने और पीड़ा से बचाने के लिए बनाये जाते हैं | एम्बर-टिंटेड लेन्सेस का उपयोग करके देखें जो स्क्रीन की तेज़ चकाचौंध को साम्य करने में मदद करते हैं |
    • गुन्नेर ऑप्टिक्स (gunnar optiks) में कई रेंज के चश्मे हैं जो विशेषरूप से हैवी ड्यूटी गेमर्स के लिए बनाये गये हैं | इनके विशेष आकृति वाले लेंस आँखों पर जोर पड़ने की और सूखने की अनुभूति से दूर रखने में मदद कर सकते हैं | एम्बर लेन्सेस चकाचौंध को कम कर सकते हैं | [२०]
  11. हम सभी स्क्रीन्स से घिरे होते हैं जैसे, कंप्यूटर, टेबलेट्स, फ़ोन, टीवी आदि, ये सभी चकाचौंध उत्पन्न करते हैं जिसे आपकी आँखों को झेलना पड़ सकता है | आप अपनी स्क्रीन्स को तोड़ तो नहीं सकते, लेकिन यहाँ कुछ ऐसे उपाय दिए गये हैं जिनके द्वारा आप अपनी आँखों को नुकसान पहुँचने से बचा सकते हैं | [२१]
    • नीली रोशनी कम करें: नीली रोशनी के कारण चकाचौंध हो सकती हैं और अगर आप इसके संपर्क में बहुत ज्यादा रहे तो इसके कारण नेत्र हानि भी हो सकती है | [२२] अपनी टेबलेट या सेलफ़ोन पर एक नीली रोशनी के फ़िल्टर का उपयोग करें और अपनी टीवी के बैकलाइट विकल्प को कम करें | आप अपने चश्मों के लिए एंटीरेफ्लेक्टिव (ए आर) या एंटी-ग्लएर लेंस भी खरीद सकते हैं जो नीली रोशनी के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं |
    • अपने कंप्यूटर की स्क्रीन और टीवी के लिए एंटी-ग्लएर फ़िल्टर (anti-glare filter) खरीदें |
    • बार-बार स्क्रीन साफ़ करें | धूल, मिट्टी और धब्बे चकाचौंध बना सकते हैं जिसके कारण आँखों पर खिंचाव पड़ता है | [२३]
विधि 3
विधि 3 का 3:

प्रोफेशनल मदद लें

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  1. अगर आपकी आँख इसलिए दर्द कर रही हैं क्योंकि आपकी आँख में धूल, धातु, ग्रिट या अन्य विजातीय चीज़ें चली गयी हैं तो आपको आँख को डॉक्टर को दिखाने की ज़रूरत होगी | अगर कोई वस्तु आपकी आँख में फंस जाए तो तुरंत डॉक्टर को बुलायें | अगर आप विजातीय तत्व को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन आपको तुरंत लाभ नहीं मिल पा रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ | [२४]
    • अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन और गर्म पानी से धोएं |
    • आपके द्वारा उपयोग किये जा रहे किसी भी प्रकार के कांटेक्ट लेन्सेस को निकाल दें |
    • अपनी आँखें धोने के लिए साफ़ (संभवतः डिस्टिल्ड) गर्म पानी या ऑयवाश का उपयोग करें | आप एक विशेष ऑय कप (जो फार्मेसी या ड्रगस्टोर से ख़रीदा जा सकता है) या एक छोटे पानी पीने के गिलास का उपयोग कर सकते हैं | एक चिकित्सीय ड्रॉपर को साफ़, गर्म पानी से भरकर आँखों में डालने से छोटे कणों को भी धोकर बाहर निकाला जा सकता है |
    • अगर विजातीय तत्वों को बाहर निकालने के बाद भी आपकी आँखों में उत्तेजना या लालिमा और दर्द बना रहे तो तुरंत चिकित्सीय देखभाल अपनाएं |
  2. जानें कि कब आपको नेत्र आपातकालीन देखभाल लेना है: जब बाहरी वस्तु आपकी आँख में फंसी रह जाएँ और इसके साथ ही अन्य लक्षण भी हो तो आपको तुरंत चिकित्सीय देखरेख लेनी चाहिए | ये लक्षण संभवतः अन्य गम्भीर रोगों या चिकित्सीय मसलों के चिन्ह हो सकते हैं: [२५]
    • अस्थायी अंधत्व या काले धब्बे जो अचानक ही दिखने लगते हैं
    • दोहरी दृष्टी या “आभामंडल” दिखना (किसी वस्तु के चारों ओर चमकीले घेरे दिखना)
    • आँखों के आगे अँधेरा छा जाना
    • आँख दर्द के साथ ही अचानक दृष्टी धुंधली हो जाना
    • आँख के पास लालीमा या सूजन होना
  3. ग्लूकोमा वास्तव में नेत्र रोगों का एक समूह है जो आपकी ऑप्टिक नर्व को हानि पहुँच सकता है | नेत्ररोग विशेषज्ञ के साथ नियमित रूप से आँखों का चेकअप कराना, ग्लूकोमा को रोकने और पहचानने के लिए सबसे अच्छा मार्ग है | परन्तु, अगर आपको आँखों की पीड़ा के साथ ही निम्नलिखित लक्षण भी हों तो जल्दी से जल्दी अपने नेत्ररोग विशेषज्ञ को दिखाएँ: [२६]
    • प्रकाश में बदलाव होने पर समायोजन करने में कठिनाई होना, विशेषरूप से अँधेरे कमरों में
    • वस्तु पर फोकस करने में परेशानी होना
    • प्रकाश संवेदनशीलता (भेंगापन, बार-बार पलक झपकाना, उत्तेजना)
    • लाल, पपडीदार या सूजी हुई आँखें
    • दोहरी, धुंधली या विकृत दृष्टी
    • आँख से पानी बहना, जो बंद न हो
    • खुजलीयुक्त, जलनयुक्त या अत्यधिक सूखी आँखें
    • ”भूत”, धब्बे या रेखाएं दिखना
  4. गुलाबी आँखें या कंजंक्टिवाइटिस (conjunctivitis) अगर वायरस के कारण हो तो बहुत ही संक्रामक होती हैं | हालाँकि, कई केसेस में गुलाबी आँखों का उपचार घर पर ही किया जा सकता है, लेकिन अगर कुछ विशेष लक्षण विकसित होने लगें तो तुरंत एक नेत्र विशेषज्ञ को दिखाएँ या आपातकालीन कक्ष में दिखाएँ: [२७]
    • हरा या पीलापन लिए हुए रंग का डिस्चार्ज या “पपड़ी”
    • तेज़ बुखार (102 डिग्री फेरनहाइट से ज्यादा), ठण्ड लगना, कंपकपी, दर्द या दृष्टी की हानि
    • आँख में गंभीर दर्द
    • धुंधला दिखना या दो दिखना या “आभामंडल दिखना”
    • अगर आपकी आँखों का गुलाबी रहने का लक्षण दो सप्ताह में ठीक न हो तो लक्षणों के हल्के होने पर भी आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए |
  5. अगर घर पर की जाने वाली आँखों की देखभाल से आपको दर्द में कोई राहत न मिले तो आँखों की आपातकाल स्थिति न होने पर भी निश्चित रूप से डॉक्टर को दिखाना चाहिए | अगर आपको अन्य लक्षण भी अनुभव हों और घर पर किये जा रहे “किसी” भी प्रकार के उपचार से एक या दो दिन के बाद भी आराम न मिल रहा हो तो यथासंभव जल्दी से जल्दी एक नेत्ररोग विशेषज्ञ को दिखाएँ | [२८]
  6. अगर हो सके तो अपने लक्षणों पर नज़र रखें जिससे आप अपने डॉक्टर को यथासंभव ज्यादा से ज्यादा जानकारी दे सकें | निम्नलिखित सवालों पर विचार करने से डॉक्टर को आपकी ज़रूरत के अनुसार देखभाल देने में मदद मिल सकती है: [२९]
    • क्या आपको आपकी दृष्टी के साथ कोई परेशानी हुई जैसे, धुंधला दिखना, आभामंडल दिखना, काले धब्बे दिखना या प्रकाश के प्रति समायोजन में कठिनाई होना ?
    • क्या आपको दर्द अनुभव होता है ? अगर होता है तो बहुत ज्यादा कब होता है?
    • क्या आपको चक्कर आते हैं ?
    • आपके लक्षण कब शुरू हुए ? क्या ये अचानक शुरू हुए या फिर धीरे-धीरे शुरू हुए?
    • ये लक्षण आपको कितनी बार अनुभव होते हैं ? क्या ये हर समय बने रहते हैं या होते हैं और फिर चले जाते हैं ?
    • दर्द कब बढ़ जाता है ? क्या किसी चीज़ से इसमें लाभ मिलता है?

सलाह

  • अगर आप मेकअप लगते हैं तो इसे अपनी आँखें मेल बिना हटायें | आँखों का मेकअप निकालने के लिए हल्के, मृदु संचलन का उपयोग करें |
  • बार-बार अपने ग्लासेज या कांटेक्ट लेंस साफ़ करें | इससे चकाचौंध और उत्तेजना से बचने में मदद मिलेगी | *ध्यान रखें कि ऑय वेअर (eyewear) की प्रिस्क्रिप्शन की तारीख (prescription) निकल न गयी हों क्योंकि गलत प्रिस्क्रिप्शन आँखों की पीड़ा का एक सामान्य कारण होता है |
  • थोडा आराम पाने के लिए आपको अपने ग्लासेज या कांटेक्ट लेन्सेस निकालकर रखने की ज़रूरत हो सकती है |
  • अपनी आँखों को खुरचने से बचें क्योंकि इससे आँखों में उत्तेजना या संक्रमण हो सकता है |
  • धूप और तेज़ प्रकाश से अपनी आँखों की सुरक्षा करें | अल्ट्रावायलेट से सुरक्षा देने वाले सनग्लासेज या लेंस पहनें | अगर आप किसी निर्माण क्षेत्र के नज़दीक हों या ऐसी किसी जगह पर हैं जहाँ हवा में बहुत अधिक मात्रा में कण उपस्थित हों तो सुरक्षात्मक ग्लासेज या गॉगल्स पहनें |

चेतावनी

  • आंख के अंदर कुछ भी (जैसे ट्वीज़र, कॉटन स्वाब आदि) न डालें! इसके कारण आपको गंभीर क्षति पहुँच सकती है |
  • अगर आपको एक या दो दिन से ज्यादा असुविधा अनुभव होती रहे या आपकी दृष्टी प्रभावित हो जाये या आपको मितली/ उल्टी या लगातार सिरदर्द बना रहे तो जल्दी से जल्दी एक नेत्र विशेषज्ञ को दिखाएँ |
  • अगर आप मेडिकेटिड ऑय ड्रॉप्स का उपयोग करते हैं तो फार्मासिस्ट से सलाह करके चेक कराएँ कि आपके द्वारा हाल ही में ली जा रही कोई भी दवा आपकी ऑय ड्राप को प्रभावित तो नहीं करेगी |
  • सेंक के लिए ब्लैक या ग्रीन टी का उपयोग न करें क्योंकि इनमे टेनिन का स्तर बहुत ज्यादा होता है जो आपकी कोमल पलक के ऊतकों को क्षति पहुंचा सकता है |

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  1. http://www.webmd.com/first-aid/dry-eye-syndrome-treatment
  2. http://www.aoa.org/patients-and-public/eye-and-vision-problems/glossary-of-eye-and-vision-conditions/blepharitis?sso=y
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  12. https://www.thevisioncouncil.org/sites/default/files/VC_DigitalEyeStrain_Report2015.pdf
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  17. http://www.kellogg.umich.edu/patientcare/conditions/glaucoma.html#symptoms
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  19. http://www.webmd.com/eye-health/eye-pain-causes-symptoms-diagnosis-treatment?page=2
  20. http://www.nlm.nih.gov/medlineplus/ency/article/003029.htm

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