आर्टिकल डाउनलोड करें आर्टिकल डाउनलोड करें

इसमें कोई शक ही नहीं है कि किसी भी रोल में नैचुरल लगने के लिए अच्छी क्वालिटी के एक्टर को कठोर परिश्रम करना चाहिए। ऐसा प्रोफ़ेशनल, स्क्रिप्ट्स को पढ़ता है, मोनोलॉग्स की प्रैक्टिस करता है, और एक्टिंग क्लासेज़ में क्रिएटिव रिस्क्स लेता है। परफ़ॉर्मेंस एफ़र्टलेस लगे इसके लिए बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। सच्चा थेस्पियन बनने के लिए आवश्यक, ये कुछ मुख्य स्टेप्स हैं:

विधि 1
विधि 1 का 3:

इंडिपेंडेंटली प्रैक्टिस करना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. स्वयं को, मोनोलॉग पढ़ते हुये और शॉर्ट सीन्स करते हुये रिकॉर्ड करिए: आप ऑनलाइन या इन्टरनेट पर मोनोलॉग्स की कोई किताब खरीद सकते हैं, जिससे आप घंटों तक संभावित रोल्स में बने रह सकते हैं। कोई भी एक चुन लीजिये और उसकी 2-3 बार प्रैक्टिस करिए, उसके बाद स्पीच देते हुये खुद को रिकॉर्ड करिए। जब आप उसको फिर से देखें, तब नोट करते जाइए की आप कहाँ पर सुधार करना चाहते हैं, कौन सी लाइन्स बढ़िया लग रही थीं, और वे कौन से विचार हैं जिनसे आप उसमें और भी सुधार कर सकते हैं। उसके बाद अपनी स्पीच को री-डू करिए, और तब तक उसे रिकॉर्ड करते रहिए जब तक आप उसके परिणामों से खुश न हो जाएँ।
    • अनेक प्रकार के मोनोलॉग चुन लीजिये, न कि केवल वही जहां आप कम्फ़र्टेबल हों। जब प्रैक्टिस का टाइम हो, तब अपने आप को चुनौती दीजिये। [१]
    • आप ऐसे मोनोलॉग्स भी ट्राई करना चाहेंगे जिनके कंट्रास्टिंग टोन हों। अगर आपकी नीयत इन मोनोलॉग्स का इस्तेमाल ऑडीशन के लिए इस्तेमाल करने की हो, तब मशहूर या अक्सर इस्तेमाल करने के लिए परफ़ॉर्म किए जाने वाले मोनोलॉग्स से दूर ही रहिए।
    • यह आशा करने की जगह कि उससे परफ़ेक्शन आ जाएगा, उचित यही होगा कि उसको एक एक्सपेरिमेंट की तरह किया जाये। कभी-कभी फ़र्क अप्रोच, वास्तव में मोनोलॉग को अपने आप में अलग दिखा सकता है। क्या होगा अगर आप:
      • अपनी लाइनें धीमे बोलें?
      • अलग-अलग शब्दों पर स्ट्रेस दें?
      • कुछ अधिक लंबे ठहराव डालें?
      • उसको अलग-अलग मूड में कहिए: सरकास्टिक, अनिश्चित, अथॉरिटेटिवली, एरोगेंटली, वगैरह?
  2. अपने फेवरिट सीन्स को बार-बार देखिये। उस एक्टर के मूवमेंट्स कैसे हैं? प्रत्येक लाइन में वो किन शब्दों पर एम्फ़ेसाइज़ करता है? जब वे बोल नहीं रहे होते हैं, तब क्या करते हैं? महान एक्टर्स को केवल देखिये मत, बल्कि यह देखने के लिए उनको स्टडी करिए कि वे इतने महान कैसे बन गए।
    • क्या आप उसी लाइन को किसी दूसरी तरह से बोल सकते हैं? अगर हाँ, तब कैसे?
    • यूट्यूब पर अलग-अलग एक्टर्स को एक ही रोल करते हुये देखिये, जो शेक्सपियर के नाटकों और मूवीज़ में कॉमन बात होती है। किस प्रकार से प्रत्येक एक्टर उन्हीं लाइन्स से रोल को यूनीक और मेमोरेबल बना देता है? [2]
    • याद रखिएगा कि जिन एक्टर्स के आप प्रशंसक है, ज़रूरी नहीं कि वे आपकी आयु, सेक्स, या एथनिसिटी के हों।
  3. सभी एक्टर्स को, अपनी रीडिंग में, स्पष्ट और कॉन्फिडेंट होना चाहिए। यह एक और जगह है जहां पर रिकॉर्डिंग काम आएगी, क्योंकि यहाँ पर आप अपनी आवाज़ को वापस सुन सकेंगे और पता लगा सकेंगे कि कौन से फ़्रेज़ेज़ अस्पष्ट रहे हैं। विभिन्न वॉल्यूम्स और स्पीड्स में, स्पष्ट बोलने पर फ़ोकस करिए, ताकि प्रत्येक शब्द, पावर और कनविक्शन के साथ मुंह से निकले।
    • पढ़ते समय, कंधों को पीछे और ठोढ़ी को आगे की ओर निकाल कर, सीधे खड़े होइए। इससे एयरफ़्लो साफ़, और बेरोकटोक होता है। [3]
    • किसी भी मोनोलॉग या आर्टिकल को ज़ोर से पढ़िये, मगर उसकी एक्टिंग मत करिए। स्पष्ट, भली-भांति आर्टीकुलेटेड शब्दों और फ़्रेज़ेज़ और एक ईवेन पेस पर फ़ोकस करिए। ऐसे बोलिए जैसे कि आप कोई भाषण दे रहे हों।
  4. किसी एक लाइन को इमोशन्स की पूरी रेंज में बार-बार बोलने की प्रैक्टिस करिए: एक्टिंग के लिए यह आवश्यक होता है कि आप मनुष्य के अनुभवों की पूरी रेंज का प्रदर्शन कर सकें, इसलिए इमोशनल स्ट्रेचिंग के छोटे-छोटे गेम्स से, उन अनुभवों की प्रैक्टिस करिए। कोई छोटी मगर वर्सेटाइल लाइन लीजिये, जैसे कि, "मैं तुमसे प्यार करता हूँ" या "मैं उसके बारे में बिलकुल भूल गया," और उसको, जितनी तरह से भी आप कह सकते हैं, उतनी तरह से कहने की प्रैक्टिस करिए – खुशी से, प्यार से, ग़ुस्से से, आहत हो कर, शरमाते हुये आदि। इसको किसी शीशे के सामने करिए। या खुद को रिकॉर्ड करिए, ताकि आप अपने चेहरे के एक्सप्रेशंस को देख सकें और साथ में अपनी आवाज़ के टोन को भी सुन सकें।
    • हर बार आपको जिन इमोशन्स को निभाना हो, उनकी लिस्ट बना लीजिये। क्या आपको लगता है कि दूसरों की तुलना में, कुछ ऐसे इमोशन्स हैं जिनकी आपको और अधिक प्रैक्टिस करने की आवश्यकता है?
    • एक इमोशन से दूसरे में स्वाभाविक रूप से जाने की कोशिश करके, अपनी चुनौती के स्तर को और भी बढ़ाने की कोशिश करिए। उदाहरण के लिए, क्या होता है, जब कोई व्यक्ति जो बहुत खुश है, वो एकाएक कोई डिवास्टेटिंग खबर पाता है?
    • केवल चेहरे के एक्सप्रेशंस से इमोशनल रेंज की महारत को देखने के लिए पैटन ओस्वाल्ड को डेविड बायर्न के साथ इस शॉर्ट फ़िल्म में देखिये।
  5. कोल्ड रीडिंग तब कही जाती है जब आपको लाइन्स दी जाती हैं और आपसे कहा जाता है कि बिना किसी प्रैक्टिस के उनको परफ़ॉर्म करिए – यह ऑडीशंस के लिए बहुत कॉमन होता है। हालांकि यह भयावह लगता है, मगर यह आपकी स्किल्स को सुधारने और इम्प्रोवाइज़ेशनल एक्टिंग में कम्फ़र्टेबल होने के लिए एक बढ़िया तरीका है, जिसके कारण आप और भी अधिक कॉन्फिडेंट एक्टर बन सकते हैं।
    • लाइन को पढ़ने पर फ़ोकस करिए, जल्दी से मन ही मन उसको रिहर्स करिए, उसके बाद अपने ऑडिएंस से आँखें मिलाइए, और लाइन को डेलीवर कर दीजिये।
    • ड्रामेटिक पौज़ेज़ आपके काम में चार चाँद लगा देते हैं। कहा यही जा सकता है कि तेज़ी से करने की जगह, धीमे करना बेहतर होता है।
    • कोई अख़बार या पत्रिक लीजिये, उसमें से कोई छोटी सी कहानी चुन लीजिये, और उसको भाषण की तरह डेलीवर करिए।
    • ऑनलाइन, छोटे दृश्य या मोनोलॉग्स छाँट लीजिये, और बिना किसी तैयारी के उनमें लॉंच कर जाइए।
    • अपने काम को रिकॉर्ड करिए और फीडबैक पाने के लिए उसको वापस प्ले करिये।
    • यह एक अच्छी वार्म-अप एकसरसाइज़ भी है, जिससे आपको अपने दिमाग़ और बॉडी को एक्टिंग के लिए तैयार करने में सहायता मिलती है। [4]
  6. ख़ुद को विभिन्न कैरेक्टर्स, रोल्स और लोगों से एक्स्पोज़ करिए: सबसे बढ़िया एक्टर्स गिरगिट होते हैं—जो प्रत्येक रोल में घुल-मिल कर अदृश्य हो जाते हैं। हालांकि आपको मूवीज़ और प्लेज़ देखने चाहिए, पढ़ने और लिखने से आप नए दृष्टिकोणों और वॉइसेज़ से एक्स्पोज़ होंगे जिसके कारण आपकी एक्टिंग पर प्रभाव पड़ेगा। यह उस समय और भी महत्वपूर्ण हो जाएगा जब आप किसी ख़ास रोल के लिए काम कर रहे होंगे। अपने कैरेक्टर में पूरी तरह से घुस जाने के लिए, रिसर्च करके, थोड़ी और गहराई में उतरिए। [5]
    • प्रतिदिन कम से कम एक स्क्रिप्ट और प्ले पढ़िये। जब हो जाये, तब मूवी देखिये, और नोट करिए कि किस तरह एक्टर्स उस टेक्स्ट को पोर्टरे करते हैं।
    • मशहूर कैरेक्टर्स तथा मोनोलॉग्स को स्टडी करिए। वे किस तरह विकसित होते हैं और बदलते हैं? वो क्या है जो उनको बढ़िया बना देता है? टेक्स्ट के अर्थ के निकट पहुँचने के लिए शब्दों और वाक्यों को हाइलाइट करिए, एनोटेट करिए, और जिन शब्दों का अर्थ नहीं जानते हैं, उनका अर्थ खोज लीजिये। [6]
विधि 2
विधि 2 का 3:

किसी स्पेसिफ़िक रोल को परफेक्ट करना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. प्रभावी होने के लिए, आपको केवल अपने रोल को ही नहीं, बल्कि पूरी कहानी को समझना होता है। यह याद रखिएगा कि आपका काम भीड़ में अकेला खड़ा होना नहीं है, बल्कि एक लंबी कहानी का हिस्सा बनना है। मुद्दे पर पहुँचने के लिए, आपको थीम और मोटिफ दोनों में कहानी को और उसके साथ ही अपने रोल को समझना होगा।
    • जब एक बार आपकी कहानी पर पकड़ मज़बूत हो जाये, तब अपने पार्ट पर जाइए और उसको 1-2 बार फिर से पढ़िये। अब, अपने कैरेक्टर के रोल और उसकी लाइन्स पर फ़ोकस करिए।
    • अगर आपको मूवी को 1-2 वाक्यों में बताना हो, तब वे वाक्य क्या होंगे? और आपके रोल के बारे में क्या कहा जाएगा?
  2. कैरेक्टर के अंदर घुसने के लिए, आपको जानना होगा कि वो है क्या चीज़। आपको बायोग्राफ़ी लिखने की ज़रूरत नहीं है, मगर आपको उसकी बेसिक स्टोरी और जीवन को फ़िगर आउट कर लेना चाहिए। कभी कभार आपको डाइरेक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए और कभी कभार आपको अपने मन पर ही विश्वास कर लेना चाहिए। बहुत गहराई में जाने के बारे में परेशान मत होइएगा। उसकी जगह, बस केवल कुछ बेसिक सवालों के जवाब दे दीजिये:
    • मैं कौन हूँ?
    • मैं कहाँ से आता हूँ? मैं कहाँ जाना चाहता हूँ?
    • मैं यहाँ पर क्यों हूँ? [7]
    • अगर आप अपने कैरेक्टर के कुछ डिफ़ाइनिंग फ़ीचर्स के संबंध में सोच लेंगे, तब आपको अपने परफ़ॉर्मेंस में उनको डालने में सहायता मिल सकेगी, जैसे कि वो कैसे ड्रेस करता है, कैसे बातें करता है, कैसे चलता है, आदि।
  3. सभी कैरेक्टर्स, लगभग सभी कहानियों में, कुछ न कुछ चाहते हैं। यही इच्छा कैरेक्टर की कहानी को ड्राइव करती है। हो सकता है कि यह केवल कोई एक चीज़ हो, और यह भी हो सकता है कि वो कुछ ऐसी इच्छाएँ हों, जो एक दूसरे से कॉन्फ़्लिक्ट कर रही हों। यह इच्छा ही होती है, जो कैरेक्टर को पूरे प्लॉट में ड्राइव करता हो। यह संभवतः आपके रोल का सबसे महत्वपूर्ण फ़ैक्टर होता है।
    • किसी कैरेक्टर की इच्छाएँ बदल सकती हैं, मगर आपको यह जानने की ज़रूरत होती है कि स्क्रिप्ट में ऐसा कब होता है।
    • एक एकसरसाइज़ की तरह, कोशिश करके अपने फेवरिट कैरेक्टर्स/एक्टर्स की इच्छाओं का पता करिए। उदाहरण के लिए There Will Be Blood में, डेनियल प्लेनव्यू तेल पाने की इच्छा से पूरी तरह ड्राइव होता है। उसका हर एक्शन, लुक, और इमोशन उसके कभी समाप्त न होने वाले, पैशनेट लालच से ड्राइव होता है। [8]
  4. जब तक याद न हो जाएँ, तब तक अपनी लाइन्स की प्रैक्टिस करते रहिए: आप चाहेंगे कि आप अपनी लाइन्स को इतनी अच्छी तरह से जान लें कि आपको उन्हें याद करने की ज़रूरत ही न पड़े। आपको बस यह सोचना है कि आप उनको किस तरह कहने जा रहे हैं। किसी दोस्त को ले लीजिये जो दूसरा रोल प्ले करे, ताकि आपको केवल अपना ही पार्ट प्ले करना पड़े। उसके बाद आप वास्तविक बातचीत की तरह एक दूसरे से बोल सकते हैं।
    • लाइन्स के साथ एक्सपेरिमेंट करिए। उन्हें अनेक तरीके से बोलने की कोशिश करिए। देखिये कि इससे सीन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
    • लाइन्स में महारत हासिल करने से पहले उनको याद कर लीजिये। अगर आप शब्दों को याद करने की कोशिश करते रहेंगे, तब तो आप कभी भी उनमें स्वाभाविकता ला ही नहीं पाएंगे।
  5. डाइरेक्टर से पूछिये कि कैरेक्टर के बारे में उनका क्या विज़न है: याद रखिएगा कि आप वहाँ एक कहानी के हिस्से की तरह आए हैं, अपने लिए नहीं। डाइरेक्टर से यह जानने के लिए बात करिए कि क्या उनके दिमाग़ में कोई स्पेसिफ़िक ट्रेट्स, इमोशन्स, या आइडियाज़ हैं जिन्हें वे अपने कैरेक्टर में चाहते हैं। इसके अलावा आपको भी अपने आइडियाज़ को रोल में लाना चाहिए। डाइरेक्टर को कैरेक्टर के बारे में अपने विज़न का भी पता चलने दीजिये, मगर उसमें उनके आइडियाज़ को शामिल करने को तैयार रहिये।
    • अगर आप किसी ऑडीशन में जा रहे हैं, तब कैरेक्टर के लिए कोई एक दिशा चुन लीजिये और उसी पर टिके रहिए। ऑडीशन आपके पास सलाह लेने और उसके अनुसार कैरेक्टर को बदलने का टाइम तो होगा नहीं, इसलिए बस अपनी इन्स्टिंक्ट्स पर ही विश्वास करिए। [9]
  6. रोल में अपनी पर्सनैलिटी और अनुभव को भी रिलेट करिए: मानव इमोशन्स के बेसिक तो यूनिवर्सल होते हैं। हो सकता है कि आपने कभी भी दुनिया को एलियन आक्रमण से न बचाया हो, मगर आपने डर तो पहले भी महसूस किया ही होगा। आपको हिम्मती होना होगा, और आप मुसीबत के समय आगे आए हैं। उन इमोशन्स और अनुभवों को ढूंढ कर निकालिए जो आपके उस समय के कैरेक्टर से रिलेट करते हों जब आप एक्ट करने के बारे में अनिश्चय की स्थिति में रहे हों। महान एक्टर्स लोगों को अपने दूसरे पक्ष को दिखाते हैं। वे रिलेटेबल और ह्यूमन होते हैं, चाहें कैरेक्टर वास्तविक एक्टर जैसा नहीं भी हो।
    • सीन के बेसिक इमोशन को समझने से शुरुआत करिए – ख़ुशी, पछतावा, दुख, आदि। उसके बाद वहाँ से आगे बढ़िए।
विधि 3
विधि 3 का 3:

दूसरों के साथ क्राफ़्ट सीखना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. आप सीन्स को ख़ुद लिख सकते हैं, या आप उनको किसी पुस्तक से उतार कर लिख सकते हैं। आप स्क्रिप्ट्स को ऑनलाइन भी ढूंढ सकते हैं और अपनी मनपसंद मूवीज़ या शोज़ को पुनः-एक्ट कर सकते हैं। प्रैक्टिस करने का सबसे बढ़िया तरीका एक्ट करना है, इसलिए किसी दोस्त को साथ ले लीजिये और अपनी स्किल्स को सुधारने के लिए, एक साथ काम करिए।
    • यूट्यूब ने शॉर्ट, मज़ेदार सीन्स के लिए एक मार्केट बना दिया है। किसी दोस्त के साथ कोई शॉर्ट वेब सीरीज़ बनाने के बारे में विचार करिए।
    • जब भी संभव हो, अपने प्रैक्टिस सेशन्स को रिकॉर्ड करिए, या दर्शक के रूप में किसी मित्र को बैठा लीजिये और उससे कहिए कि सुधारने के लिए सलाह दे।
  2. अगर आप एक्टर बनना चाहते हैं, तब तो आपको स्टडी करना पड़ेगा। न केवल टीचर पर ध्यान दीजिये, बल्कि दूसरे स्टूडेंट्स को भी ध्यान से देखिये। आप प्रत्येक व्यक्ति से कुछ न कुछ सीख सकते हैं, चाहे आप उनके एक्टिंग संबंधी निर्णयों से सहमत नहीं भी हों। सोचिए, कि आप उस रोल को कैसे प्ले करते और अपने क्लासमेट्स की सफलता और कमियों से सीखिये।
    • हो सकता है कि आपको बाद में अपनी क्लासमेट्स के साथ रोल प्ले करना का मौका मिले, और किसी को नहीं पता होता कि कब किसी को जीवन का बड़ा ब्रेक मिल जाएगा। अपने क्लासमेट्स के साथ काइंड और सपोर्टिव रहिए – जैसे-जैसे आप आगे बढ़ेंगे, यही आपकी एक्टिंग कम्यूनिटी बनेगी।
  3. अपने रिएक्शन को सुधारने के लिए, इंप्रोवाइज़ेशन क्लासेज़ में भर्ती हो जाइए: चाहे आपने कभी भी इम्प्रोव कॉमेडी करने के लिए प्लान नहीं किया हो, तब भी इंप्रोवाइज़ेशन, एक निर्णायक स्किल होती है। यह इसलिए होता है क्योंकि इम्प्रोव के कारण आपको किसी भी सिचुएशन में रिएक्ट करना, और अपने कैरेक्टर में रहना ही पड़ता है। एक्टिंग का मतलब यह नहीं होता कि आपने अपनी लाइन्स बोल दीं और आपका काम हो गया – इसका मतलब यह होता है कि स्क्रीन पर या स्टेज में चाहे जो भी हो रहा हो, आपको अपने कैरेक्टर में ही रहना है। [10]
    • कुछ एक्टिंग तकनीकें, जैसे माइस्नर तकनीक में तो आपको बस इंप्रोवाइज़ेशनल, इन्स्टिंक्टिव, मोमेंट टू मोमेंट, अपने मन की आवाज़ पर करने वाला, और जैसा आप हो सकें वैसा एक्टर होना पड़ता है।
    • अगर आप कक्षाओं के लिए फीस नहीं देना चाहते हैं, तब आप और आपके अनेक एक्टिंग करने वाले दोस्त मिल कर ऑनलाइन इंप्रोव गेम्स खेल सकते हैं। इनका इस्तेमाल अपने घर पर ही प्रैक्टिस करने के लिए करिए।
  4. विभिन्न प्रकार की एक्टिंग करके अपने कमफ़र्ट ज़ोन से बाहर आइये: अपने आप को किसी एक टाइप या शैली के रोल्स में बॉक्स मत कर लीजिये। इसके कारण न सिर्फ काम मिलना कठिन हो जाता है, बल्कि यह तो आपका स्किल-सेट सीमित करके एक्टर के रूप में आपके आगे होने वाले विकास को भी बाधा पहुंचाता है। आप दर्शकों के सामने जो भी प्रस्तुत करते हैं, चाहे वो मूवी हो, कमर्शियल हो, नाटक हो, या स्टैंड अप हो, उससे आपको अपनी एक्टिंग स्किल्स की प्रैक्टिस में मदद मिल सकती है।
    • एक्टिंग का काम मिलने से पहले पॉल रड्ड ने अपना जीवन वेड्डिंग डीजे के रूप में शुरू किया था, मगर उसने अपने समय का उपयोग भीड़ के साथ इंटरफ़ेस करना सीखने में लगाया।
    • बेसिकली, स्टैंड-अप कॉमेडी एक व्यक्ति का शो होती है, और आपको मैटीरियल को ख़ुद ही लिखना और एक्ट आउट करना होता है। यह प्रैक्टिस करने का एक अद्वितीय अवसर होता है।
    • चाहे आप मूवी एक्टर ही क्यों न बनना चाहते हों, कोशिश करिए कि आप नाटकों में भी भाग लें। किसी एक रोल में डेडिकेटेड समय और कंसिस्टेंट रहने की आवश्यकता, जैसी कि नाटकों के लिए चाहिए होती है, किसी भी एक्टर के लिए बेशकीमती होती है। [11]
  5. किसी भी प्रकार के फिल्म या थियेटर के काम में, जो आपको मिल सके, शामिल हो जाइए: चाहे आप एक्टिंग नहीं भी कर रहे हों, उन लोगों के साथ कनेक्शन बनना शुरू कीजिये जो आपकी स्टेज तक पहुँचने में मदद कर सकें। अपने आप को ऐसे कामों में लगाइए जहां आप डाइरेक्टर्स, प्रोड्यूसर्स, और दूसरे एक्टर्स के संपर्क में आ सकें, चाहे आपको पीए जैसे छोटे काम से ही शुरुआत क्यों न करनी पड़े। एक पुरानी मगर सच्ची कहावत है कि "लोग ही लोगों को काम देते हैं।" आपका रिज़्युमे या बिना चेहरे वाला ईमेल आपको आगे कोई बड़ा रोल नहीं दिलाएगा। आपको बाहर की दुनिया में निकल कर लोगों से मिलना होगा, और जब भी आप एक्टिंग नहीं कर रहे होंगे, तब ख़ुद चक्कर लगाने का परिश्रम करना होगा।

सलाह

  • अपने वास्तविक इमोशन्स को छोड़ दीजिये। अपने दिमाग़ को क्लियर कर लीजिये और अपने कैरेक्टर पर फ़ोकस करिए।
  • जब आप प्रैक्टिस कर रहे हों, तब एक नोटपैड अपने पास रखिए। इससे आपको यह याद रखने में सहायता मिलती है कि आप क्या ग़लती कर रहे हैं, या सुधार के लिए डाइरेक्टर के पास अगर कोई नए आइडियाज़ हों तो उनको याद रखने में सहायता मिलती है।
  • जब आप एक्टिंग करें, तब कॉन्फिडेंट रहिए।
  • अगर आप दूसरे लोगों के सामने एक्टिंग करने में नर्वस होते हों, तब कल्पना करिए कि आपके सामने आपका परिवार बैठा हुआ है।
  • वास्तव में रोल में घुस जाइए, कल्पना करिए कि आप, आप नहीं बल्कि वही कैरेक्टर हैं।

विकीहाउ के बारे में

सभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो ६,७२२ बार पढ़ा गया है।

यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?