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किसी कंट्रोलिंग और मैन्युपुलेटिव रिलेशनशिप को खत्म करना उसको निभाने से भी ज्यादा मुश्किल होता है | हालांकि आपको कई बार लगता है कि आप में इस रिलेशनशिप को खत्म करने की हिम्मत नहीं है या फिर आपके बिना आपका पार्टनर कुछ नहीं कर पायेगा | चाहे वह आपको कितना ही दुःख क्यों न पहुँचता हो, आप बस यही सोचते है कि आपका पार्टनर आपके बिना रह नहीं पायेगा | लेकिन याद रखें आप अपनी ज़िन्दगी को कभी खुल के नहीं जी पाएंगे यदि आप उस रिलेशनशिप में रहे जहां आपको हर वक़्त एक बंदिश सी लगे | यदि आप सचमुच अपने पैरों में बंधी उस रिश्ते की बेड़ियाँ तोडना चाहते हैं तो आपको अपने आप को पहले से ही तैयार करना होगा, सभी चीज़ें प्लान करनी होंगी और आखिर तक अपनी आज़ादी के लिए लड़ना होगा | लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है ऐसा करने के लिए वो हिम्मत जुटाना और सच मानिये आप में वह हिम्मत है | अपनी आने वाली बेहतर ज़िन्दगी के बारे में सोचें और उसके लिए जो बन सके वह करें !

विधि 1
विधि 1 का 3:

रिलेशनशिप को खत्म करने के लिए अपने आप को तैयार करें

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  1. पहचानें, कहीं आप का साथी आप को नियंत्रित तो नहीं करता : बहुत सी कंट्रोलिंग और मैन्युपुलेटिव रिलेशनशिप बहुत लम्बे समय तक इसीलिए चलती हैं क्योंकि इस रिश्ते में जिसको कण्ट्रोल किया जा रहा होता है उसे लगता है कि कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि कण्ट्रोल हो हो कर उसमे आवाज़ उठाने की हिम्मत ही नहीं रह जाती: आपको लगता है कि आपके पार्टनर के मूड में बदलाव होता रहता है, उनका स्वभाव ही ऐसा है या फिर वह एक जरूरतमंद इंसान है बल्कि आपको नहीं पता कि असल में उन्होंने आपकी ज़िन्दगी पर पूरी तरह कब्ज़ा कर लिया है और आपकी ज़िन्दगी उन्ही के हिसाब से शुरू और खत्म हो रही है | यदि आप पता लगाना चाहते हैं कि आप किसी कंट्रोलिंग या मैन्युपुलेटिव रिलेशनशिप में हैं तो इन सब बातों पर गौर करें: [१]
    • यदि आपको लगने लगे कि आपका पार्टनर आपकी ज़िन्दगी के हर पहलू पर नज़र रखने लगा है या उसका फैसला करने लगा है जैसे आप कब-कब अपने दोस्तों को मिल सकते हैं या कहाँ डिनर पर जा सकते हैं तो इसका मतलब है आपकी ज़िन्दगी आपकी नहीं, आप को पूरी तरह कण्ट्रोल किया जा रहा है |
    • यदि आपके पार्टनर गुस्से में या इमोशनली आपको कुछ भी बोल देते हैं और बाद में आपको अपने प्यार, अपनी केयर का वास्ता देते हैं तो इसका मतलब साफ़ है कि वह आपको अपनी भावनाओं की आड़ में कण्ट्रोल कर रहे हैं |
    • यदि आपने पहले भी कई बार उन्हें छोड़ देने की बात की है लेकिन हर बार सामने वाले ने आपको डरा कर या ख़ुदकुशी करने की धमकी दी है तो जान कर भी अनजान न बने -आपको कण्ट्रोल किया जा रहा है |
    • वह इंसान जिसके साथ आप रिलेशनशिप में हैं, बहुत ही ज्यादा शकी दिमाग का है, ईष्यालु है या फिर उसको आपका, आपके अपने दोस्तों के साथ मिलना-जुलना पसंद नहीं है या फिर वह आपका दूसरों से मेल-मिलाप बर्दाश नहीं कर पाता तो इसका मतलब है आपने अपनी ज़िन्दगी की डोर उनके हाथ में दे रखी है और उसे वह जहाँ चाहे ले जा सकता है |
    • यदि आपका पार्टनर आपको दूसरों के सामने बेइज्ज़त करता है, आपके साथ बुरा व्यवहार करता है, सबके सामने आपको बोलने से रोकता है या फिर आपको चुप करवाने के लिए आँखें दिखाता है तो इसका मतलब है आपको कण्ट्रोल किया जा रहा है |
    • यदि आपको लगता है कि हर बार आप ही झुक रहे हैं या फिर उनको बार-बार मौका दे रहे हैं क्योंकि आपको लगता है अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आपका पार्टनर बुरा बर्ताव कर सकता है, इसका मतलब है रिश्ते की डोर बहुत ही कच्ची है |
    • यदि आपको लगता है कि आप पर चीज़ों को करने का दबाव डाला जा रहा है खासकर सेक्शूअली, तो समझ जाइये इस रिश्ते से बाहर आने का समय आ गया है |
    • यदि आप हर बार किसी भी कीमत पर अपने पार्टनर को खुश रहने के बारे में सोचते हैं तो इसका मतलब है आपने अपने बारे में सोचना छोड़ दिया है और आप पूरी तरह इस रिश्ते में जकड़ गए हैं |
    • यदि सामने वाला आपको ये मानने पर मजबूर कर देता है कि इस रिश्ते को तोड़ कर आपके पास कहीं और या किसी और के पास जाने का रास्ता नहीं होगा तो आपको मैन्युपुलेट किया जा रहा है | हमेशा याद रखें आधे दुःख गलत लोगों से उम्मीद रखने से होते हैं |
  2. उन सभी कारणों के बारे में सोचें जिसकी वजह से आप उन्हें छोड़ना चाहते हैं: एक बार पता लग जाने के बाद कि आप कंट्रोलिंग या मैन्युपुलेटिव रिलेशनशिप में है, आपको यह सोचना होगा कि इस बंधन को तोड़ने के बाद आपकी ज़िन्दगी कैसे बेहतर होने वाली है | इस तरह सोचने से आपको उन्हें छोड़ने और आगे बढ़ने की हिम्मत मिलेगी और आप अपने आप को अपनी आने वाली बेहतर ज़िन्दगी के लिए तैयार कर सकते हैं | इन सभी कारणों को लिखें और अपने दिमाग में इस बात को अच्छे से डाल लें कि अपनी ज़िन्दगी को फिर से खुल के जीने के लिए आपके पैरों में बंधी रिश्तों की बेड़ियों को खोलना होगा |यदि आपके कारणों से नीचे लिखा कोई भी कारण मेल खाता है तो इसका मतलब है आपको इस रिश्ते को तोडना होगा | [२]
    • आपको फिर से वही इंसान बनना होगा जो आप पहले हुआ करते थे | उन सभी बातों या चीज़ों के बारे में लिखें जो आप इस रिश्ते में बंधने से पहले करना पसंद करते थे या आपको पसंद थी | जैसे अपने दोस्तों से मिलना, अपने घरवालों के साथ समय बिताना, अपनी रुचियों को वक़्त देना या और भी बहुत कुछ |
    • अपने दूसरे रिश्तों को अहमियत देना शुरू करें | याद करें वो पहले वाला टाइम, जब आपकी गर्लफ्रेंड/बॉयफ्रेंड नहीं थी/था और आप अपनी मर्ज़ी से काम किया करते थे | उन सभी बातों या लम्हों को याद करें जब आप अपने दोस्तों या घरवालों के साथ बेफिक्र समय बिताते थे और आपके आस-पास सिर्फ खुशियों की महफ़िल जमती थी | और सोचें कि कैसे आप अपनी नयी ज़िन्दगी में फिर से इन सब चीज़ों को जगह दे पाएंगे |
    • आप देखना ऐसा करते ही आपका कॉन्फिडेंस, आपका आत्म सम्मान सातवें आसमान पर पहुंच जाएगा | इस समय आपका आत्म सम्मान और कॉन्फिडेंस सिर्फ आपके पार्टनर के बर्ताव और उनके रिएक्शन पर निर्भर करता है लेकिन एक बार इस रिलेशनशिप से बाहर आने के बाद यह सिर्फ और सिर्फ आप पर निर्भर करेगा | जैसा सोचोगे वैसी पर्सनालिटी होगी | आपका आत्म सम्मान अभी कम है क्योंकि आप हर बार भावनाओं में बहकर उनके आगे अपनी खुशियों को त्याग देते हैं लेकिन जब आप ऐसा करना बंद कर देंगे तो आपको बेहतर महसूस होने लगेगा |
    • आप डर और टेंशन में जीना छोड़ सकते हैं | आपके कुछ बोलने या करने पर आपका पार्टनर कैसे रियेक्ट करेगा इन सब बातों के बारे में सोचने की बजाय आप अपनी ज़िन्दगी को एन्जॉय कर सकते हैं |
    • आप अपने अच्छे दोस्तों से भी मदद ले सकते हैं | कई बार जो चीज़ें हमें दिखाई नहीं देती एक अच्छा दोस्त देख सकता है | हो सकता है कण्ट्रोल हो हो कर आपका दिमाग सही और गलत की पहचान भी न कर पा रहा हो | तो अपने अच्छे दोस्त की हेल्प लें ताकि वह आपको इस रिश्ते से बाहर आने की हिम्मत दे सके |
  3. इसे आप शार्ट और स्वीट रखें! शब्दों का सोच-समझ कर इस्तेमाल करें और दूसरे को मौका न दें कि वह किसी भी तरह आपका दिमाग या आपका फैसला बदल सके, या आपको अपनी बातों में बहला कर उस रिश्ते में रहने के लिए मना ले | आपको उन्हें छोड़ने के हज़ारों कारण देने की जरुरत नहीं है या फिर उन सभी कारणों को बताने की जरुरत नहीं जिसकी वजह से आप इस फैसले को लेने पर मजबूर हुए हैं | ऐसा करने से चीज़ें और मुश्किल हो जाएंगी | आप एक बात बोलेंगे, सामने वाला दो जवाब देगा या बहाने बताएगा | [३]
    • बस इतना कहें कि- “अब हमेशा के लिए अलग होने का टाइम आ गया है” या “मैं इस रिश्ते को और नहीं निभा सकता/सकती |” आप और भी बातें बोल सकते हैं लेकिन कम से कम कारण दें |
    • एक दूसरे पर इलज़ाम लगाने से बात और बढ़ जायेगी | बात तो बस इतनी सी है कि अब इस रिश्ते का बोझ आप और नहीं उठा सकते |
    • यह फैसला सुनाते हुए जितना शांति से काम ले सके उतना अच्छा होगा | जैसे पंछी अपने पाँव के कारण जाल में फंसते हैं वैसे मनुष्य अपनी जुबान की वजह से | चीखने, चिल्लाने या गुस्सा करने से कुछ नहीं होगा | अंदर से चाहे आप टूटे ही क्यों न हो, बात को साफ़ और आराम से कहें | यदि आप बहुत ज्यादा इमोशनल है तो आपका पार्टनर समझ जाएगा कि आपको आसानी से मैन्युपुलेट किया जा सकता है |
    • एक बार यह सोच लेने के बाद कि आप क्या बोलेंगे, आपको यह सोचना होगा कि आप कैसे बोलेंगे | यह आपको अपनी बात ठीक तरह से बोलने में हेल्प करेगा |
  4. यदि आपका पार्टनर बहुत ज्यादा कंट्रोलिंग है तो यह करने से आपको अपने शब्दों का पहले से ही चयन करने में हेल्प मिलेगी | यदि आपका पार्टनर गुस्से पर काबू नहीं कर पाता या आपको नहीं पता कि आपकी बात सुनने के बाद वह कैसे रियेक्ट करेगा तो बेहतर है इस न्यूज़ को आप उसे पब्लिक में हे दें जहाँ आप सुरक्षित महसूस करते हैं | या जरुरत पड़ने पर अपने दोस्त के सामने अपनी बात बोलें |
    • यदि आप उस इंसान को आमने-सामने नहीं बताना चाहते तो उन्हें नोट लिखकर या मेल भेज कर अपनी बात बताएं | यदि हालात इतने बुरे हो गए हैं कि आप आमने-सामने बात नहीं कर सकते तो जैसे हो सके बस इस रिलेशनशिप से बाहर निकलें |
    • अगर आपने इस रिलेशनशिप को खत्म करने का फैसला ले ही लिया है तो सही समय और जगह का इंतज़ार करें | ऐसा टाइम चुने जब आपका पार्टनर अपने पूरे होशो-हवास में हो और आपकी बात सुन रहा हो |
  5. यदि आप उस इंसान के साथ रहते हों या फिर आपका बहुत सा सामान उसके घर हो तो सोचें कि कैसे आप अपनी चीज़ें उससे वापिस ले सकते हैं | आप चुप-चुप जाके या फिर ब्रेक-अप करने से पहले अपना सामान ला सकते हैं ताकि रिश्ता खत्म करने के बाद आपको वहां न जाना पड़े | अपने फ्रेंड की मदद लें और अपना सब सामान वापिस लें अब वो चाहे ब्रेक-अप के बाद हो या फिर अपने पार्टनर के पीठ-पीछे | ऐसा करने से आप आसानी से छोड़ने का फैसला ले पाएंगे | [४]
    • यदि आप अपने पार्टनर के साथ रहते थे तो आपको ब्रेक-अप करने से पहले रहने की जगह ढूंढनी होगी ताकि आप बेघर न हो | और आपको वापिस जाने की नौबत न आये |
  6. सामने वाले को अपना फैसला सुनाने से पहले अपने दिमाग और दिल में यह बात पक्की कर लें कि आप ऐसा करने जा रहे हैं और आपका फैसला आखिरी है | जब एक सीरियस रिलेशनशिप खत्म होता है तो दिल कहीं न कहीं दुखी होता है | तो अपने दिल और दिमाग को समझाएं कि इसी में आपकी भलाई है | और जब आप उन्हें बताने से पहले अपने आपको पक्का कर लेते हैं तो आपको एक हिम्मत मिलती है और आप आसानी से अपनी बात कह पाते हैं | [५]
विधि 2
विधि 2 का 3:

अपने प्लान को अंजाम दें

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  1. यह बात सबसे ज्यादा मायने रखती है क्योंकि अगर आपका मन पक्का नहीं है तो आप दूसरे को अपनी बात नहीं समझा सकते और बहुत जल्दी उनकी बातों में आ सकते हैं | एक बार आपने कह दिया मतलब कह दिया फिर सामने वाला चाँद ही उतार के जमीन पर ही क्यों न रख दे आपको अपनी बात पर अड़े रहना है | अपनी बात बोलें जो आप बोलना चाहते थे और वहां से जाने के लिए तैयार हो जाएँ | चाहे सामने वाला इंसान रोये, आपसे न जाने की गुजारिश करें, आपको अपने उन सभी कारणों को याद करना है जिसकी वजह से आज आप में यह बात कहने की हिम्मत आयी है | [६]
    • सामने वाला कह सकता है कि "तुमने मुझे अपनी बात समझाने का एक भी मौका नहीं दिया!" ये बहुत बुरा है -- लेकिन याद रखें आपने उन्हें एक नहीं बल्कि कई मौके दिए हैं |
  2. अपने पार्टनर को उन्हें छोड़ने की लम्बी लिस्ट देने की जरुरत नहीं बल्कि कम से कम शब्दों में पूरी बात बोलें | अपनी बात को जितना छोटा रखेंगे उतना कम आपके पार्टनर आपके साथ बहस करेंगे | याद रखें -इसमें किसी भी तरह का मोल-भाव नहीं चलेगा | यह ज़िन्दगी आपकी है तो हर बात में सफाई देने की जरुरत नहीं | बातचीत की कोई जगह नहीं | अपनी बात कहें और चले जाएँ | वहां से भी और उनकी ज़िन्दगी से भी। [७]
  3. उस इंसान से थोड़ा दूर खड़े हो या बैठें: इतनी दूर कि वह आपको छू कर, गले लग कर अपनी मीठी-मीठी बातों में फंसा न सके | जब आपका पार्टनर आपका हाथ पकड़ कर आपको अपनी बात समझाने की कोशिश करता है तो हो सकता है कि आप भावनाओं में बहकर अपने आप को कमजोर कर बैठें और वो न कर पाएं जिसे आप करने आये थे |
  4. यदि आप अपनी रिलेशनशिप में हर वक़्त मैन्युपुलेट होते आये हैं तो हो सकता है ब्रेक-अप में भी आप अपने आपको बचा न सके | इमोशंस के चक्कर में न आये | वह आपको बहुत सी बातें जैसे आपको उस जैसा कोई दूसरा नहीं मिलेगा या अगर आप उनके साथ रहे तो वह कुछ भी कर सकते हैं, बोलेंगे | अब चाहे वो आपसे शादी करना हो, आपके लिए घर खरीदना हो या अपने गुस्से पर काबू पाना हो | किसी भी बात में आने की जरुरत नहीं है | यदि इतना ही था तो ये सब बातें उन्हें पहले सोचनी चाहिए थी | [८]
    • अपने आपको याद दिलाएं कि आप इन्ही सब बातों और व्यवहार की वजह से तंग आ चुके हैं और अब ये सब बातें आप पर काम नहीं करने वाली |
  5. अपने पार्टनर को बिल्कुल न बताएं कि आप कहाँ जा रहे हैं: यह बिल्कुल सही है कि आप अपने पेरेंट्स या अपने दोस्त के साथ रहने वाले हैं लेकिन बताने की जरुरत नहीं है | उस इंसान को ऐसा कोई मौका न दें कि वह आपको अपनी ज़िन्दगी में वापिस लाने के लिए कोशिश करे या आपका पीछा करे | [९]
  6. एक बार अपनी बात बोलने के बाद वहां से चले जाएँ, पीछे मुड़ के भी न देखें | यदि आपका दोस्त बाहर कार में आपका इंतज़ार कर रहा है तो उस फ्रेंड के साथ चले जाएँ | एक आखिरी बार भी उनकी तरफ मुड़ के न देखें क्योंकि यह वही इंसान है जिसने आपकी ज़िन्दगी का ऐसा हाल किया | आपने बहुत सुन ली, अब कहने का मौका है | कहें और चले जाएँ | अपना सर ऊंचा रखें और बाहर चले जाएँ |
विधि 3
विधि 3 का 3:

अपने फैसले को अंजाम तक पहुचायें

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  1. कुछ ऐसा करें कि वह आदमी किसी भी तरह से आपसे कांटेक्ट न कर पाए जैसे फ़ोन, टेक्स्ट, फेसबुक या उस जगह आके जहाँ आप हो सकते हैं | क्योंकि ऐसे इंसान से बात करने से आप और ज्यादा कन्फ्यूज़ और दुखी होंगे और बात और बिगड़ जाएगी | किसी भी तरह उनकी बातों में आने की जरुरत नहीं है जैसे अगर वह कहें कि वह आपसे चैट करना चाहते हैं या आपको बहुत ज्यादा मिस कर रहे हैं क्योंकि वह आपके पास वापिस आने की हर कोशिश करेंगे लेकिन आपका फैसला अटल होना चाहिए। [१०]
    • यदि फिर भी आपको उस आदमी से बात करनी पड़े जैसे अपनी चीज़ें वापिस लाने के लिए या फिर उन चीज़ों को लेकर कोई बात करनी हो जिस पर आप दोनों का अधिकार है, तो अपने दोस्त के साथ उनसे मिलने जाएँ या फिर किसी पब्लिक प्लेस में उनसे मिलें |
    • यदि आपके और आपके पार्टनर के बहुत से दोस्त कॉमन है तो उन सबसे कुछ टाइम के लिए बात करना छोड़ दें | उन जगह नहीं जाएँ जहाँ आपको लगता है आपके एक्स पार्टनर हो सकते हैं | चाहे इन सबके लिए आपको कुछ दिनों के लिए घर पर ही रहना पड़े |
  2. किसी भी हालत में अपना फैसला न बदलें | अपने पार्टनर के बिना उदास या अकेला महसूस होना बहुत सामान्य है | क्योंकि पहले आपका हर फैसला आपका पार्टनर लेता था | आपकी ज़िन्दगी पर आपसे ज्यादा उनका हक़ था और अब आपको हर फैसला खुद लेना है | आपको ऐसा भी लग सकता है कि कोई छोटा फैसला लेने में भी आप असमर्थ हैं | आपको बहुत अकेला महसूस भी होगा - यही तो आपका एक्स पार्टनर हमेशा से चाहता था कि आप पूरी तरह उन पर डिपेंडेंट रहें, कुछ भी खुद न कर पाएं | लेकिन आपको उन्हें गलत साबित करना है | [११]
    • अपने आप को यह बताते रहें कि आने वाली ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है और थोड़े टाइम में सब ठीक हो जायेगा |
    • अपने आपको याद दिलाएं कि इस रिलेशनशिप में आने से पहले भी आप हर काम, हर फैसला, हर कदम अपने बलबूते पर लेते थे | और आप में फिर से वहीं बनने की हिम्मत है जो अपने आपको खुद संभालना जानता है |
  3. अपनी फैमिली, अपने दोस्तों या चाहने वालों के साथ वक़्त बिताएं: हालांकि ब्रेक-अप होने के बाद आप किसी से मिलना या बात करना नहीं चाहेंगे लेकिन पूरा टाइम अकेले नहीं बिताएं | बल्कि अपने दोस्तों, अपने परिवारजनों के साथ रहने से आपके दिल पर लगी चोट जल्दी भरेगी | हालांकि आप किसी पार्टी में जाने, बाहर घूमने जाने या मौज-मस्ती के मूड में बिल्कुल नहीं होंगे | [१२]
    • ये बात सही है कि ब्रेक-अप होने के बाद आप अकेले रहना चाहते होंगे लेकिन एक कंट्रोलिंग और मैन्यूपुलेटिव रिलेशनशिप में रहने के बाद बहुत ज्यादा समय अकेले बिताने से आप कई बार अपने एक्स के पास वापिस जाने के लिए मजबूर सा महसूस करेंगे |
    • आपकी फैमिली और फ्रेंड्स आपका सपोर्ट सिस्टम हैं | आपका रिलेशनशिप कैसा था, इसके बारे में उनसे बात करें | जब वे भी आपके इस फैसले को सही बताएँगे और आपका सपोर्ट करेंगे तो आपको और स्ट्रांग महसूस होगा |
    • अपनों को कांटेक्ट करने से न डरें | हो सकता है अपने कंट्रोलिंग पार्टनर की वजह से आपने अपने कई अच्छे दोस्तों से बात करना छोड़ दिया हो | ईमानदारी से उन्हें बताएं कि “आप लोगों से रिश्ता तोड़ना आपकी गलती थी और आप उन सबको अपनी ज़िन्दगी में वापिस लाना चाहते हैं |”
  4. यदि आप अपना सारा दिन बस कमरे में रहकर या अँधेरे में टीवी के सामने बैठकर गुजारते हैं तो आप कभी भी अपने एक्स को नहीं भुला पाएंगे | जितना हो सके उतना बिज़ी रहें जैसे अपने दोस्तों के साथ घूमना, अपनी होब्बीस को टाइम देना, काम या पढाई में अपने आप को बिज़ी रखना | आप कोई ऐसी एक्टिविटी या रुचि में भी अपना टाइम दे सकते हैं जो आपने पहले कभी नहीं की लेकिन आप हमेशा से करना चाहते थे | [१३]
    • चाहे कुछ भी लेकिन घर से थोड़ा बाहर निकलें | ऐसा करने से आप अपने आप को कम अकेला महसूस करेंगे | चाहे आप किसी कॉफ़ी शॉप में बैठकर कोई बुक ही क्यों न पढ़ें लेकिन बाहर निकलें |
    • अपना पूरा वीक प्लान करें | सोचें कि आप पूरा हफ्ता क्या-क्या करने वाले हैं | बस हमेशा याद रखें कि आपके पास हमेशा कुछ न कुछ करने को हो, कभी खाली या अकेले न बैठें |
    • ऐसा सोचें कि यह एक ऐसा अवसर है जो आपको आपके एक्स के होते हुए कभी नहीं मिला | हो सकता है कि उसे बहुत छोटी-छोटी चीज़ें जैसे मूवी जाना या इटैलिएन खाना नहीं पसंद हो लेकिन आपको वह अच्छा लगता था | और उसके साथ आप कभी भी ऐसा नहीं कर पाते थे | तो अब वो सब करें जो आपका दिल कहता है |
  5. यह सब महसूस करने में थोड़ा टाइम लगेगा लेकिन जब आप एक ऐसी रिलेशनशिप से आते हैं जिसने आपकी ज़िन्दगी बर्बाद कर रखी थी तो आप बहुत ही जल्दी अच्छा महसूस करने लगते हैं | हर रात सोने से पहले किसी ऐसी चीज़ के बारे में सोचें जो आप उस रिलेशनशिप के चलते नहीं कर पाते थे | आप उन सभी चीज़ों की लिस्ट बना सकते हैं जो आपको याद दिलाएं कि आपकी लाइफ पहले से कितनी बेहतर हो गयी है | जब इंसान की ज़िन्दगी की कमान उसके खुद के हाथ में होती है तो वह दिल से संतुष्ट महसूस करता है |
    • जब भी आप में हिम्मत की कमी लगे, आराम से बैठ कर उन सभी कारणों के बारे में सोचें जिनकी वजह से आज आपकी ज़िन्दगी बेहतर है | अपने आप को थोड़ा समय दें | देखना आप को जल्द ही एहसास होगा कि आपने कितनी बहादुरी का काम किया है और आपने सही राह चुनी है |

सलाह

  • अपनों के पास वापिस जाएँ: उन सभी लोगों के पास वापिस जाएँ, उनसे बात करें जिन्हे आपने अपने पार्टनर की वजह से काफी पीछे छोड़ दिया था | फ़ालतू की बातों को छोड़ कर, आप उन्हें कह सकते हैं "आप मेरे रिलेशनशिप को लेकर बिल्कुल सही थे, और उस रिश्ते में मेरा कुछ नहीं था, बस उसका था और जैसे ही इस बात का एहसास मुझे हुआ मैंने रिश्ता तोड़ देना ही बेहतर समझा | और मैं आपकी शुक्रगुज़ार हूँ कि आपने मुझे इस बारे में समझाया |"
  • अपने पार्टनर से सारे रिश्ते-नाते तोड़ देना और उनसे सारे कांटेक्ट खत्म कर देना अजीब होता है लेकिन कोई भी जवाब आपके एक्स को फिर से ट्राई करने का मौका देता है | और वो आप कभी भी नहीं करना चाहते | जितनी जल्दी सामने वाले को साफ़ जवाब मिल जाए कि उस रिश्ते की यादें तक दुख देती है तो उस इंसान से रिश्ता रखना तो बहुत दूर की बात है | यहाँ तक कि जरा सा भी कांटेक्ट आपके एक्स को गुस्सा दिला सकता है क्योंकि वह आपके उन्हें छोड़ के जाने वाली बात हज़म नहीं कर पा रहे होंगे |
  • चाहे आपके लिए यह सब करना कितना ही मुश्किल हो, चाहे आप अंदर से टूट चुके हो, या अभी भी वो यादें आपका पीछा नहीं छोड़ रही हों लेकिन अपने एक्स को इस बारे में कुछ भी बताने की गलती न करें | इन सबका कोई फायदा नहीं | बल्कि ये सब आप दोनों के ब्रेक-अप को और मुश्किल बना देगा |
  • अपनी कमजोरियों को समझें | अक्सर, आपका पार्टनर आपको कण्ट्रोल या मैन्यूपुलेट कर रहा होता है लेकिन असल में वह आपकी कमजोरियों का फायदा उठा रहा होता है | यदि आप फ्यूचर में इस तरह की कोई नौबत नहीं आने देना चाहते कि कोई आपको फिर से कण्ट्रोल करे तो अपनी कमजोरियों (जैसे बहुत जल्दी किसी पर विश्वास कर लेना) को समझें और उन्हें दूर करने पर काम करें | अपनी रिलेशनशिप को खत्म करने के बाद इन सब पहलुओं पर नज़र डालें और उन पर काम करें ताकि फ्यूचर सुन्दर हो |
  • हो सकता है रिलेशनशिप खत्म करने के बाद भी आप उन्हें भूल नहीं पा रहे हों तो अपने दोस्त के जरिये उनकी खैर-खबर लेने की भी गलती न करें | हो सकता है आपसे ब्रेक-अप करने के बाद उन्हें जरा भी दुःख न हो और इस बात का पता लगने पर आपको दुःख जरूर होगा | जख्म को कुरेदने से और दर्द होता है और यह आपको उभरने से रोकेगा | हालांकि यदि आपको लगे कि आपका एक्स अपने आप को नुकसान पंहुचा सकता है तो आप उनके किसी सपोर्ट को उनका ध्यान रखने के लिए बोल सकते हैं लेकिन उनके बारे में आपको कुछ न बताएं न ही आप पूछें |
  • यदि आप दोनों साथ रहते हैं और वो नहीं जा रहे तो आपको उन्हें छोड़ कर जाना होगा लेकिन तब नहीं जब आप ही घर के मालिक हों | यह करना बहुत मुश्किल हो सकता है खासकर तब जब आपने बाकी सभी रिश्ते-नाते इस एक खोखले रिश्ते के लिए तोड़ दिए थे और आपके पास किसी के पास आने की उम्मीद न हो | लेकिन अगर आप दोनों के नाम कोई जमीन या घर हो तो फिर तलाक के लिए वकील के पास जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है |
    • यदि घर या प्रॉपर्टी सिर्फ आपके नाम है तो आपको पुलिस को बुलाना चाहिए | उन्हें बताएं कि आप अपना रिश्ता उस इंसान से तोड़ रहे हैं और आप उन्हें इस घर से बाहर चाहते हैं | सुनिश्चित करें कि आपके एक्स ने घर या प्रॉपर्टी की सभी चाबियाँ आपको वापिस कर दी हैं | यदि आपको लगता है कि आपका एक्स वापिस आ सकता है तो रेस्ट्राइनिंग आर्डर फाइल करें | उसके बाद अगर वह वापिस आने की कोशिश करते हैं तो आप उन्हें अपनी प्रॉपर्टी से बाहर निकालने के लिए पुलिस को कांटेक्ट कर सकते हैं |
  • कंट्रोलिंग लोगों का इस तरह का नेचर बाहरी कारकों की वजह से होता है और उनको इस बात का कई बार पता भी नहीं चलता कि वह कितने कंट्रोलिंग हो रहें हैं | आप उन्हें बदल नहीं सकते और न ही उन्हें बचा सकते हैं | आप बस इतना कर सकते हैं कि आप विक्टिम न बने या आपके साथ गलत न हो |
  • अपने एक्स के द्वारा किये गए मैसेज या वौइस् मेल को डिलीट न करें और न ही उन्हें जवाब दें | बस ऐसा सोचें कि जैसे वह व्यक्ति कभी आपकी ज़िन्दगी में था ही नहीं | क्योंकि यदि आपका एक्स आपको परेशान करने लगे या आपको धमकी देने लगे तो आप इन सभी टेक्स्ट मैसेज को सबूत के तौर पर पुलिस को दे सकते हैं | जरुरत पड़ने पर, एक डिजिटल रिकॉर्डर खरीदने के बारे में सोचें और वौइस् मैसेज को कंप्यूटर या किसी भी तरह सेव करके रखें |

चेतावनी

  • ये मत सोचें कि अपने एक्स के साथ एक बहुत ही नार्मल सा दिखने वाली मीटिंग या आमना-सामना बिल्कुल वैसा ही हो जैसा दिख रहा है | सतर्क रहें | और अपने एक्स से फिर से मिलने की कोशिश न करें |
  • यदि आपका एक्स बहुत ही वायलेंट (हिंसक) दिमाग का हैं या उनका अपने गुस्से पर काबू नहीं है तो अचानक से कहीं मिलने पर सतर्कता बरतें |
  • यदि आपका एक्स आपके कॉमन फ्रेंड्स को मैन्युपुलेट करने की कोशिश करें कि आप ही गलत थे तो गुस्सा करने या अपने एक्स को इस बात के लिए कांटेक्ट करें की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि अगर वे आपके सच्चे दोस्त हैं तो वो आपको अच्छी तरह जानते होंगे | और उन्हें पता होगा कि कौन सही है और कौन गलत है | इन सब बातों को इग्नोर करें और मान लें कि आप अपने एक्स को ऐसा कुछ भी करने से रोक नहीं सकते |
  • वे सभी चीज़ें अपने साथ ले जाएँ जो आपकी हैं या आपके लिए जरुरी | नहीं तो बाद में आपको आपका एक्स इन सब चीज़ों को वापिस देने के लिए मीटिंग करने को कहेगा या फिर आपसे उन चीज़ों का भुगतान करने को कहेगा जो आप दोनों ने एक साथ खरीदी थी | इन सबका मतलब है रेगुलर कांटेक्ट होना और मैन्युपुलेशन के लिए जगह छोड़ना |
  • बच्चे इन सब के बीच ज्यादा पिस्ते हैं क्योंकि उनका बहुत जल्दी और आसानी से कण्ट्रोल किया जा सकता है | उनको बोला जाता है कि उनको अकेला छोड़ दिया जायेगा, उनको मेस्सेंजर की तरह यूज़ किया जा सकता है या फिर आपके बारे में खबर देने के लिए यूज़ किया जा सकता है | इसीलिए उनको समझाने और एक सही दिशा देने की जरुरत होती है | हो सके तो प्रोफेशनल हेल्प लें |
  • यदि आपके बच्चे हैं तो उन्हें उनके दूसरे पैरेंट से अलग करने की कोशिश न करें बल्कि उनके उदास, दुखी या किसी भी तरह का गिल्ट महसूस करने पर उन्हें सामने वाले के व्यवहार को समझाने की कोशिश करें | यदि आपको लगता है कि आपका एक्स आपके बच्चो को नुकसान पंहुचा सकता है या आपको डर है कि उनके साथ कुछ बुरा कर सकता है तो पुलिस, कोर्ट या किसी सम्बंधित अधिकारी को कांटेक्ट करें ताकि सही समय पर इंतज़ाम हो सके |
  • सभी कंट्रोलिंग या मैन्यूपुलेटिव लोग भयानक नहीं होते लेकिन "कुछ" होते हैं | लेकिन जब आप उस इंसान से सारे कांटेक्ट खत्म कर देते हैं और अपने रिश्तेदारों/दोस्तों के सपोर्ट में होते हैं तो उनकी हिम्मत कम और आपकी हिम्मत ज्यादा हो जाती है | लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो पुलिस या मेन्टल हेल्थ स्पेशलिस्ट की हेल्प लेने में कोई बुराई नहीं ताकि वह आपको सुरक्षित रहने के सही तरीके बता सके |

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