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कछुए जैसा प्राणी बिल्ली और कुत्ते के समान प्यारा न लगे पर ये बहुत अच्छे पालतू होते हैं | क्योंकि ये दशकों तक जीवित रह सकते हैं इसलिए कछुआ खरीदने के पहले उनकी दीर्घकालिक ज़िम्मेदारी लेने के लिए आपको अच्छे से तैयार रहना होगा | अपने पालतू कछुए को स्वस्थ और खुश रखने के लिए, उनके रहने के लिए सही घर, खाने में जरूरी पोषक तत्व और साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना होगा | कछुए की अलग-अलग प्रकार की प्रजातियों के अनुसार उनकी जरूरतें भी अलग-अलग तरह ही होती हैं, इसलिए आप जिस स्टोर या ब्रीडर (breeder) से कछुआ खरीद रहे हैं उनसे अपने पालतू की उचित देखभाल के निर्देशों की जानकारी ले लें |

विधि 1
विधि 1 का 3:

पालतू के लिए उचित घर बनाएँ

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  1. कछुए को एक बड़े एक्वेरियम में रखें | सामान्यतः यदि आपके कछुए की लंबाई 1 इंच (2.5 सेमी) है तो उसके एक्वेरियम का आकार 10 US गैलन (38 लीटर) होना चाहिए | इसलिए यह भी ध्यान में रखें कि आपका कछुआ जिस प्रकार का है उसी के अनुसार उसको रहने के लिए जगह की जरूरत होगी |
    • यदि आपके पास जुवेनाइल (juvenile) कछुआ है तो निश्चित कर लें कि वह वयस्क होने पर कितना बढ़ जाएगा | जैसे कि मान लो यदि आपने 4 इंच (10 सेमी) का जुवेनाइल टर्टल (turtle) लिया है और उसके टैंक का साइज 40 US गैलन (150 लीटर) है और कुछ समय बाद टर्टल 12 इंच (30 सेमी) तक बढ़ जाता है तो उसके लिए वह टैंक बहुत छोटा पड़ेगा |
    • टैंक को हमेशा एक सुरक्षित कवर से ढक कर रखना चाहिए ताकि कछुआ बाहर न निकल पाये |
    • इसके अलावा पानी में रहने वाले कछुए को तैरने के लिए पर्याप्त पानी की जरूरत होती है | इसलिए एक्वेरियम में पानी की मात्रा कछुए की लंबाई से दोगुनी तो होना ही चाहिए |
  2. इसके लिए आप काई और लकड़ी के भुरभुरे चूरे को मिला लें या रेत और मिट्टी को बराबर मात्रा में मिला लें | अब इसे टैंक की सतह में लगभग 2 से 3 इंच (5.1-7.6 सेमी) ऊपर तक बिछा दें | [1]
    • टैंक के बॉटम में कंकड़ न डालें | क्योंकि कछुआ छोटे कंकड़ों को खा भी सकता है और वह उसके गले में फंस सकते हैं |
  3. इसे बनाने के लिए आप रेत और मिट्टी को मिलाकर या लकड़ी के चूरे और काई को मिलाकर टैंक के एक तरफ इस मिश्रण की परतें ऊंचाई तक जमा दें | ऊंची उठी हुई साइड में, नदी में पाये जाने वाले चिकने पत्थर या लकड़ी की टहनी लगाएँ | टैंक में भरे पानी से यह स्थान ऊंचा उठा होना चाहिए ताकि कछुआ वहाँ आराम से सो सके | [2]
    • काई या मिट्टी के मिश्रण और पत्थरों को एक समान ऊंचाई का अंतर रखते हुये जमाएँ ताकि उस स्थान पर एकदम खड़ी चढ़ाई न हो और आपका कछुआ उस पर आसानी से चढ़ जाए |
    • पालतू पशुओं का समान मिलने वाले स्टोर से एक हाइडिंग बॉक्स (hiding box) खरीद लाएँ और उसे बास्किंग एरिया (basking area) में रख दें | इसमें आपके कछुए को आराम करना काफी अच्छा अलगेगा और वह खुश रहेगा |
    • यदि आपका कछुआ पानी में रहने वाला है तो ध्यान रखें कि पानी गहरा होना चाहिए | बास्किंग एरिया को कछुए की लंबाई से दोगुना ऊंचा बनाएँ और सुनिश्चित करें वह पानी से ऊपर हो |
  4. आप टैंक को नल ले पानी से भर सकते हैं, पर देखें कि पानी में क्लोरीन की मात्रा ज्यादा न हो | यदि आपके पास बॉक्स टर्टल है (box turtle), तो टैंक में उतना पानी भरें कि जब कछुआ पानी में डूबा हो तो उसकी गर्दन पानी से बाहर और ऊपर निकल सके | [3]
    • गहरे पानी में बॉक्स टर्टल डूब सकते हैं | पर यदि आपके पास पोंड टेरापीन (pond terrapin) जैसा एक्वेटिक टर्टल (aquatic turtle) है तो याद रखें कि पानी का स्तर कछुए कि लंबाई से दोगुना होना चाहिए | [4]
    • ऑनलायन मिलने वाले पशु सप्लाई स्टोर के समान से क्लोरीन जाँचने वाला किट खरीद लें या फिर जहां पर घरेलू समान सुधारने वाली चीजें मिलती हैं उस शॉप से यह किट खरीद लें | यदि आपके नल के पानी में क्लोरीन की मात्रा 0 से ऊपर है तो टैंक को बोतल बंद पानी से भरें या फिर पशु सप्लाई स्टोर से पानी को शुद्ध करने के लिए डिक्लोरीनेट खरीद लाएँ और पानी डिक्लोरीनेट (dechlorinate) करें |
  5. बास्किंग एरिया को गरम रखने के लिए रेप्टाइल लैंप (reptile lamp) लगाएँ: रेप्टाइल (कछुआ) को पालने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप उसके रहने के स्थान के तापमान को ठंडे और गरम दोनों अनुपातों में नियंत्रित रखें | इसके लिए पशुओं का समान मिलने वाले स्टोर से आप रिफलेक्टर युक्त रेप्टाइल लैंप खरीद लाएँ, जिस पर लेबल लगा हो कि वह रेप्टाइल के लिए बना है | टैंक के अंदर थर्मामीटर रखें और निश्चित करें कि बास्किंग एरिया का तापमान 85 और 90 °F (29-32 °C) के बीच हो | [5]
    • यदि आप लैंप में उद्दीप्त बल्ब लगा रहे हैं तो फिर आपको एक UVA/UVB फ्लूरसेंट (fluorescent) लैंप खरीदना होगा | यूवी लाइट आपके टर्टल को विटमिन D देती है जिससे वह केल्सियम को अच्छे से एब्जोर्ब कर पाता है |
    • UV लैंप को हर 6 महीने में बदलना पड़ता है |
    • आपको रात के समय लैंप को बंद करना होगा, पर टैंक 60 °F (16 °C) से कम ताप पर नहीं रख सकते | यदि रात में टैंक का पानी और हवा बहुत ज्यादा ठंडे हो जाते हैं, तो एक हीटिंग पैड को टैंक के अंदर रखें और वाटर हीटर खरीद लाएँ | [6]
    • आपके टर्टल से लगभग 12 इंच की दूरी पर आप UV लैंप को सेट करें |
    • आप जब कछुआ खरीदें उसके कम से कम दो सप्ताह बाद उसके टैंक की लाइट, ताप और अन्य चीजों की सेटिंग करें, तो यह आपके कछुए के हिसाब से एकदम सही होगा |
  6. टैंक के पानी को साफ रखने के लिए उसमें एक फिल्टर लगाएँ: इसके लिए आप एक ऐसा फिल्टर लें जो आपके टैंक के साइज से दोगुना पानी फिल्टर करता हो | जैसे कि आपके एक्वेटिक टर्टल है जिसका एक्वेरियम 100 US गैलन (380 लीटर) टैंक वाला है और उसका आधा टैंक पानी से भरा हुआ है | क्योंकि अब उसका टैंक 50 US गैलन (190 लीटर) के लगभग भरा है इसलिए आपको 100 से 150 US गैलन (380-570 लीटर) साइज का फिल्टर लेना चाहिए | [7]
    • जब आप फिल्टर खरीदने स्टोर पर जाएँ तो वहाँ के कर्मचारी से फिल्टर के बारे में जानकारी ले लें |
    • भले ही आप वाटर फिल्टर यूज कर रहे हों, पर आपको टैंक से कछुए का मल और अन्य गंदगी साफ करते रहना पड़ेगी | टैंक के पानी को साफ रखने के लिए आप टर्टल को अन्य टैंक में भी खाना खिला सकते हैं |
  7. यह छोटा टैंक आपके कछुए को ट्रांसफर करते समय यूज में आएगा | इसके अलावा जब आप बड़े टैंक की सफाई करेंगे, उस समय भी कछुए को रखने के लिए आपको इस छोटे टैंक की जरूरत पड़ेगी | [8]
    • यह टैंक कुछ समय के लिए ही यूज में आता है इसलिए जरूरी नहीं कि वह बड़ा हो | बस यह निश्चित कर लें कि आपका कछुआ उसमें कुछ देर के लिए आराम से घूम सके | कछुए को गर्मी देने के लिए छोटे टैंक का उपयोग करते समय उसमें हीट लैंप लगा दें |
विधि 2
विधि 2 का 3:

टर्टल को खाना खिलाएँ

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  1. अपने कछुए की प्रजाति के अनुसार टर्टल का खाना खरीदें: पशुओं के उपयोग के समान वाली दुकान से पेलेट या डिब्बा बंद फूड जो कि कछुओं के लिए आता है, वह ले आयें | कई प्रकार के कछुओं को जानवरों से मिलने वाला प्रोटीन और शाकाहार दोनों की जरूरत होती है | आपने जो खाना स्टोर से खरीदा है उससे कछुए को सभी पोषक तत्व मिल जाएंगे, पर आपको अपने कछुए को स्वस्थ रखने के लिए उसकी डाइट में अतिरिक्त सप्लीमेंट्स भी देना होंगे | [9]
  2. टर्टल की डाइट में मछ्ली, कशेरुकी जीव और सब्जियों जैसे सप्लीमेंट्स शामिल करें: इसके लिए आप बाजार में आने वाले फ़्रोजन किए हुये और जीवित छोटे कीट-पतंगे, छोटी मछलियाँ, केंचुए, टिड्डे और झींगुर खरीद लाएँ | इसके साथ ही आप पत्तागोभी, सलाद, डेंडेलियन और गाजर जैसी सब्जियाँ काटकर कछुए के खाने में मिला दें | [10]
    • कछुए को खाने के लिए आप जो भी खाना दें उसे रुचिकर बनाने के लिए बदलते रहें | एक सप्ताह में आप उसे बाजार से लाया हुआ खाना 1 से 2 बार दे सकते हैं और घर पर मिक्स कर के बनाया हुआ खाना अगले सप्ताह 1 से 2 बार दे सकते हैं |
    • जीवित मछ्ली और कीट खाने से कछुए का दिमागी विकास अच्छे से होता है |
    • सब्जियाँ आपके कछुए के गले को बंद न कर दें, इसलिए उन्हें अपने कछुए के मुंह के कौर के बराबर बहुत बारीक काटकर खिलाएँ |
  3. कछुए की कई प्रजातियों को अन्य पालतू के समान हर दूसरे दिन खाना देना जरूरी होता है, पर आपके कछुए की कौन-सी प्रजाति है यह आपके ब्रीडर या जहां से आपने कछुआ खरीदा है उस स्टोर से जानकारी लें | कछुए को खाना खिलाने के लिए सुबह का समय अच्छा होता है क्योंकि इस समय वे ज्यादा एक्टिव रहते हैं | कछुए को कितनी मात्रा में खाना देना है यह पता करना थोड़ा मुश्किल या पेचीदा काम होता है | [11]
    • ऐसा माना जाता है कि कछुआ 5 मिनिट में जितना खा सके उतना ही खाना उसे दें | आप उसे पहली बार खाना देते समय उसके खाने की सही मात्रा का अंदाजा लगा लें | कछुए खाने की तलाश में ही रहते हैं और यदि उन्हें अतिरिक्त खाना भी मिलता रहे तो वे उसे खाने के इक्छुक ही रहेंगे | [12]
    • यदि आपके पास एक्वेटिक टर्टल है तो आप उसे पानी के अंदर ही खाना डाल दें | क्योंकि यदि इनका खाना पानी के अंदर नहीं देंगे तो ये उसे नहीं खा पाएंगे | 5 मिनिट के बाद खाने को नेट (net) की मदद से पानी से बाहर निकालकर टैंक की सफाई कर लें | [13]
    • बॉक्स टर्टल को एक बाउल में खाना दें और 5 मिनिट के बाद बाउल उठा लें |
  4. आप ऑनलायन या पशु सामग्री की दुकान से केल्सियम कार्बोनेट खरीद सकते हैं | चुटकी भर केल्सियम को एक सप्ताह के अंदर 1 से 2 बार ही कछुए के खाने में मिलाएँ जिससे उसकी केल्सियम की जरूरत पूरी हो जाएगी | [14]
    • कछुए को अपनी सेल्स मजबूत बनाने के लिए केल्सियम की काफी जरूरत होती है |
    • यदि आपके पास एक्वेटिक टर्टल है, तो आप केल्सियम कार्बोनेट के टुकड़े भी टैंक के पानी में डाल सकते हैं, जिसे कछुआ चबा जाएगा | [15]
विधि 3
विधि 3 का 3:

कछुए को स्वस्थ रखने के तरीके

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  1. प्रत्येक एक या दो दिन में अपने कछुए का निरीक्षण करते रहें जैसे कि जब आप उसे खाना देते हैं तब भी कर सकते हैं | निरीक्षण करते समय देखें कि आपके कछुए की त्वचा और शेल (shell) स्मूथ है और उसके ऊपर किसी प्रकार के दाग-धब्बे या फफोले तो नहीं आए | अपने टर्टल की आँखें, नाक और चोंच भी चेक करें कहीं से कुछ द्रव तो नहीं निकल रहा या उसके सामान्य बर्ताव में किसी प्रकार का बदलाव तो नहीं आया | [16]
    • वैसे तो कछुए स्वस्थ ही रहते हैं, पर इनको संक्रमण, कुपोषण और आँखों की समस्या बहुत जल्दी हो जाती हैं | यदि आपको कछुए की त्वचा नरम और पिलपिली-सी दिखे, उसकी आँखें फूली या त्वचा पर दाग दिखें, तो आप उसे एक अनुभवी पालतू पशु चिकित्सक के पास ले जाएँ |
    • आप एक अनुभवी चिकित्सक को ऑनलायन खोज सकते हैं या इस बारे में अपने ब्रीडर से या पशु स्टोर से सलाह ले सकते हैं |
  2. कछुए के मल को हटाने के लिए नेट द्वारा रोज टैंक की सफाई करें: कोशिश करें कि टैंक के पानी में गिरे हुये जूठन, गंदगी और कछुए के मल को टैंक से रोज साफ करें और पानी को साफ रखें | टैंक के अंदर हाथ डालने के पहले या कछुए को बाहर निकालने के पहले अच्छी तरह से अपने हाथों को धोएं | [17]
    • टर्टल्स में सेल्मोनेला (कीटाणु जो खाने को जहरीला बनाते हैं) होते हैं जिससे उल्टी और डाइरिया हो सकता है |
  3. कुछ दिनों में पानी का ph, अमोनिया, नाइट्रिट और नाइट्रेट लेवल जाँचें: एक्वेरियम का पानी चेक करने के लिए आप पशु सप्लाई स्टोर से या ऑनलायन वाटर टेस्ट किट खरीद लें | याद रखें कि ph 6.0 से 8.0 के बीच या न्यूट्रल हो | अमोनिया का लेवल 0, नाइट्रिट का लेवल 0.5 ppm (part per million) होना चाहिए, और नाइट्रेट का लेवल 40 ppm होना चाहिए | [18]
    • क्योंकि आपका कछुआ वही पानी पिएगा इसलिए पानी का स्वाद और स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी होता है | यदि पानी का ph बंद है तो बाजार से एजेंट लाकर पानी का शोधन करें | पानी को शुद्ध करने वाला एजेंट आपको पशु सप्लाई स्टोर से मिल जाएगा | यदि पानी में अमोनिया, नाइट्रिट या नाइट्रेट का लेवल ज्यादा है तो पानी को बदलकर उसमें नया फिल्टर लगाएँ |
  4. एक बाल्टी से टैंक के एक चौथाई पानी को बाहर निकाल लें या बहा दें | फिर उसमें उतना ही अच्छा पानी और भर दें | [19]
    • पानी में हितकारी बैक्टीरिया होते हैं; तो फिर पानी पूरा ही न निकालें |
  5. अपने कछुए को दूसरे टैंक में ट्रांसफर कर दें ताकि आप उसके बड़े वाले टैंक को साफ कर सकें | टैंक में एक चौथाई या आधा पानी बचा कर बाकी के पानी को काई या मिट्टी के समेत ही फेंक दें | उसके बाद ब्लीच में दस गुना गरम पानी मिलाकर पत्थरों, हाइड बॉक्स, और टैंक को अंदर से अच्छी तरह धो लें | [20]
    • टैंक और उसके अंदर की सभी चीजों को अच्छी तरह धो लें ताकि उसमें ब्लीच का घोल लगा न छूट जाएँ | टैंक को अच्छे से धोने के बाद उसमें वापिस काई या मिट्टी के मिश्रण जमा दें और पानी भर दें |
    • टैंक को धोने के बाद ध्यान से अपने हाथों को और सिंक या टब को सेनेटाइज करें | यह न भूलें कि टर्टल में कीटाणु होते हैं जो आपके घर के लोगों को बीमार कर सकते हैं |

सलाह

  • जब भी आप टर्टल को उठाएँ या टैंक के अंदर हाथ डालें या टैंक की सफाई करें, उसके बाद हाथों को धोना न भूलें |
  • अलग-अलग प्रकार की कछुए की प्रजातियों को रखने के तरीके भी अलग ही होते हैं, इसलिए अपने ब्रीडर से या पशु स्टोर से अपने कछुए की प्रजाति के अनुसार उसकी सभी जरूरतों की जानकारी लें |

विकीहाउ के बारे में

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