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कुछ लोगों के लिए लेपर्ड गेको छिपकली के प्रजनन की प्रक्रिया सरल है परंतु कुछ के लिए कठिन। इस लेख में लेपर्ड गेको के प्रजजनन की सबसे सरल विधि दर्शाई गयी है। सबसे सरल विधि यही है।

विधि 1
विधि 1 का 4:

प्रजनन की तैयारी

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  1. नर गेको के नीचे के भाग मे हेमीपीनल उभार (hemipenal bulge) होता है जो की मादाओं मे नहीं होता है । नर और मादा दोनों मे v-आकार की छाल (स्कालेस) की पंक्तियाँ छेद के ऊपर होती हैं, लेकिन नर गेको के स्केल खोखले होते हैं जहां मोम (wax) बनता है। यह मोम सुगंधित होता है जिससे उसका अधिकार क्षेत्र निर्धारित होता है।
    • पालतू जानवरो की दुकान मे लोगों की बातों पर विश्वास करने के बजाये आप स्वयं जाँच कर लें कि आप्के पास एक नर और एक मादा छिपकली है। छोटे मोटे विशेषज्ञ और रेंगने वाले जानवरों के प्रदर्शंकारी इसे अछे से समझते हैं।
    • कभी भी दो नर गेको को एक साथ नहीं रखना चाहिए अन्यथा वह लड़ के मर जाएंगे।
  2. एक बड़ा पिंजरा लाएँ जिसमें एक नर और एक मादा छिपकली एक साथ रह सकें: नर और मादा छिपकली को तब तक एक साथ रखा जा सकता है जब तक उनमें कोई अत्याधिक आक्रोश नहीं दिखाई दे। हालांकि यह सामान्य बात है कि जब नर और मादा शुरुआत में एक साथ आते हैं तो थोड़ी बहुत झड़प अवश्य होती है जो आमूमन पहले सप्ताह में समाप्त हो जाती है।
    • एक जोड़ी छिपकली के लिए कम से कम एक लंबी टंकी कि आवश्यकता होगी।
    • एक नर छिपकली को 4-5 मादा छिपकलियों के साथ रखा जा सकता है, प्रत्येक अतिरिक्त छिपकली के लिए आवश्यकता अनुसार और जगह कि ज़रूरत होगी।
  3. अंडे देने के लिए एक डिब्बे और एक अंडे देने वाली मशीन (incubator) का प्रबंध कर लें: इसके लिए एक ढक्कन वाले प्लास्टिक संडविच के डब्बे का प्रयोग किया जा सकता है। डिब्बे की एक ओर छेड़ करें और काई लगे हुए नम सामग्री उस डिब्बे में भर दें (इसे नम छिपने वाली जगह की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है)।
  4. यह पहले ही सुनिश्चित कर लें कि पैदा होने वाले छोटे बच्चे खरीदने के लिए आपके पास ग्राहक हों।
विधि 2
विधि 2 का 4:

प्रजनन

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  1. सामान्यतः दोनों को एक ही पिंजरे में शुरुआत में ही रखा जा सकता है। (यदि मादा स्वस्थ न हो तो उसके प्रजनन का प्रयास ना करें। उसकी मृत्यु हो सकती है।
    • मादा कम से कम एक वर्ष कि हो और सामान्य वज़न की हो। एक छिछले बर्तन में कैल्सियम (चूना) और विटामिन डी3 का चूर्ण रखें जिसे मादा जब चाहे चाट सके। मादा इस कैल्सियम भंडार को अंडे बनाने के लिए इस्तेमाल करती हैं, और यदि यह भंडार समाप्त हो जाए तो आंतरिक हड्डी के रोग से उसकी मृत्यु हो सकती है।
    • कैल्सियम (चूना) युक्त कीडे उसे अवश्य खिलाएँ और पर्याप्त मात्रा में पानी का भी प्रबंध रखें। अंडे देने से मादा अत्यंत कमजोर हो जाती हे।
  2. प्रजनन एक सप्ताह में हो जाना चाहिए।
    • यदि अत्यधिक लड़ाई हो तो नर और मादा को अलग कर दें। यह देख लें कि दोनों नर तो नहीं हैं। अगर नहीं तो उन्हे बाद में फिर से एक साथ रख सकते हैं।
  3. अंडे देने वाले डिब्बे को पिंजरे में रखने के लिए तैयारी कर लें: मादा अंडे देने के लिए गड्ढा खोदती हैं, तो उन्हे इसके लिए जगह का प्रबंध करें।
विधि 3
विधि 3 का 4:

अंडे कि देखभाल

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  1. सामान्यतः, आप उसे अंडे देने वाले डिब्बे में गड्ढा खोदते हुए और जोड़ों में अंडे देते हुए देखेंगे। उसे दुबला देख कर आप यह समझ जाएँगे कि उसने अंडे दे दिए हैं।
  2. अंडों को अंडे देने वाले डिब्बे से निकाल लें और यह सुनिश्चित करें कि उन्हे उलट पलट हरगिज़ ना करें। अंडे देने के 24 घंटे के अंदर भ्रूण अपने को अंडे की दीवाल से जोड़ लेते हैं। अंडे को घुमाने से भ्रूण के दीवाल से अलग हो कर डूब कर मृत्यु होने की संभावना होती है।
    • एक 2 इंच अंडे सेने वाले माध्यम से भरा हल्का सा कप लें और उस माध्यम को जहां अंडा रखना हो वहाँ उंगली से थोड़ा सा पिचका दें।
    • अब पिचके वाली जगह पर ध्यानपूर्वक तरीके से अंडे को रखें और एक पेंसिल या मार्कर से अंडे के ऊपर बिंदी बना दे जिससे सही भाग ऊपर की तरफ रहे। यदि अंडा हिलता है तो उसे पुनः सही ढंग से वापस रखा जा सकता है इस उम्मीद केक साथ की भ्रूण की डूब ना गया हो।
    • यदि आप मादा बच्चे चाहते हैं तो अंडे सेने के माध्यम का तापमान 80-85 डिग्री, यदि नर बच्चे चाहते हैं तो तापमान 90-95 डिग्री पर, और यदि संयुक्त चाहते हैं तो दोनों के बीच का तापमान रख सकते हैं।
  3. कुछ सप्ताह बाद आप उन अंडों पर टॉर्च की रोशनी से अंडो के अंदर देख सकते हैं। अंडो को छूने की आवश्यकता नहीं है, बस उन्हे एक अंधेरे कमरे में ले जा कर टॉर्च की रोशनी अंडे के खोल के जितना पास चाहें जा कर देख सकते हैं। आपको अंडे के अंदर गुलाबी माध्यम में लाल खून से भरी नसें दिखेंगी। और अंडे जीतने दूर होंगे, उनमें बच्चे अंदर काले पदार्थ जैसे दिखेंगे।
  4. सेने के तापमान के अनुसार लगभग 60 दिनो के बाद अंडों से बच्चे बाहर निकाल आएंगे।
विधि 4
विधि 4 का 4:

बच्चों की देख भाल

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  1. हर एक अंडे को एक छोटे पिंजरे में रख दें। आप एक प्लास्टिक की दीवारों से बंटे खाने वाली टंकी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे प्रत्येक हिस्से में एक एक बच्चा स्थापित हो जाय। हर पिंजरे में पानी की छोटी कटोरी भी रख दें।
  2. पैदा होने के एक या दो दिन के होने पर बच्चे कीड़े खाना शुरू कर देते हैं।
  3. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि छिपकली के प्रजनन से पहले आप हर एक बच्चे के लिए घर की व्यवस्था सुनिश्चित करें: प्रत्येक मादा छिपकली 12 से 20 जोड़े अंडे एक साल में दे सकती है, जोकि 24 से 40 बच्चे हुए!

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • छिपकली के लिए पिंजरे (20 Gallon प्रत्येक जोड़ी के लिए, और 10 Gallon प्रत्येक अतिरिक्त मादा के लिए)।
  • अंडे देने के लिए डिब्बा। मादा के अंडे देने के लिए नम सामग्री से भरा हुआ टप्परवेर या प्लास्टिक का डिब्बा।
  • अंडे सेने का माध्यम (समान्यतः Perlite)।
  • अंडों की बढ़ोत्तरी के लिए कैल्सियम से लिपटे हुए झींगुर।
  • हर बच्चे के रहने लिए जगह।
  • बच्चों के लिए बहुत छोटे कीड़े।

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