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लोगों को अक्सर अपने करीबी लोगों से निराशा प्राप्त होती है | यह असामान्य नहीं कि लोग विश्वासघात, निराशा या कई नकारात्मक भावनाओं से इतने प्रभावित हो जाते हैं कि वे भावनाहीन बनने को ज्यादा महत्व देते हैं | जबकि एक स्वस्थ मानसिकता वाले व्यक्ति के लिए भावनाहीन होना संभव नहीं है, आप कभी-कभी कुछ परिस्थितियों में निर्दयता दिखायेंगे तो यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है | अगर आप अपने आप को भावनाहीन बना लें, ज़्यादा मिलनसार न बनें, दूसरों से पहले खुद को महत्व दें, तो संभवतः दूसरे लोग अपने लाभ के लिए आपका फ़ायदा न उठा पाएँ या आपको चोट न पहुँचा पाएँ |

विधि 1
विधि 1 का 3:

भावनात्मक दर्द से बचने के लिए निर्दयी होने का नाटक करें

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  1. माना जाता है कि व्यस्त रहने से संतोष बढ़ता है | जान बूझकर उन गतिविधियों को चुनें जो आप को आपके लक्ष्य की ओर लेकर जाएँ या आपको किसी भी तरह फ़ायदा पहुंचाएं | अपने आप को व्यस्त रहने के लिए प्रोत्साहित करें | [१]
    • खुद को व्यस्त रखने से आप अपनी ऊर्जा को काम, कसरत, घर की सफ़ाई, आदि, में लगाएंगे, बजाय भावनात्मक संबंधों की तलाश के |
  2. "भावनात्मक ऋण" वह होता है जो निरंतर आपके अतीत की उन भावनाओं का वर्णन करता रहता है जिनसे आप अपने दैनिक जीवन में उबर नहीं पाते हैं | यह आपके वर्तमान को प्रभावित करता है, इसलिए आपको अपने अतीत की भावनाओं को लेकर खुद के प्रति ईमानदार होना होगा, वह भावनाएँ जो आपको सुस्त कर रहीं हों, या उन भावनाओं से उबरने के तरीक़ों को जान-बूझकर तोड़ रही हों, और आपको चैन से जीने न देती हों | आपको अपनी इस स्थिति से बाहर निकालना होगा और अपने अतीत की भावनाओं के प्रभाव से दूर रहना होगा और इससे आप यह सब भूल कर जीवन में आगे बढ़ पायेंगे | [२]
    • आपको शायद लगता हो कि आप अपने सुविधा क्षेत्र (comfort zone) में बुरी भावनाओं से बचे रहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है, आपकी यही अप्रिय भावनाएं आपको अपने सुविधा क्षेत्र से बाहर निकलने से रोक रही हैं | अगर आप अपने सुविधा क्षेत्र से बाहर निकलें तो आप उन पर नियंत्रण पा सकते हैं |
  3. आप जब किसी व्यक्ति से कुछ उम्मीद रखते हैं और वह आपके द्वारा की गयी उम्मीदों पर खरा न उतरे, तो काफ़ी चोट पहुँचती है | इसलिए अपनी ज़िंदगी से कम से कम उम्मीदें रखें, और जब आप किसी से अपेक्षा या उम्मीद रखें तो संभवतः कुछ बड़ी उम्मीदें रखें | ये आपको उस तकलीफ़ से बचाता है जो आपको तब मिलती है, जब सब कुछ आपकी अपेक्षा अनुसार न हो |
    • आप अपनी उम्मीदों को अधिक यथार्थवादी भी बना सकते हैं | जैसे, आप उम्मीद करें कि आज गर्मी होगी, जो यह उम्मीद करने से कम निराशा जनक है कि आज ठीक 73 डिग्री फेरेनहाइट (degree fahrenheit) का तापमान होगा, तेज हवा चलेगी और धूप निकलेगी |
  4. लोगों के ज़्यादा क़रीब आने से बचें और वादों से या माफ़ियों से उनको खुद पर क़ाबू न करने दें | आप जिस-जिस तरीक़े के संबंध में रहना चाहें सिर्फ़ उन ही प्रकार के संबंध रखें | किसी भी संबंध में आप कितने भागीदारी हैं, उस पर क़ाबू रखें |
  5. अगर आप अतीत के किसी आघात से प्रभावित हों या आप भावनाओं से उबर नहीं पा रहे, तो आपको एक पेशेवर मनोविज्ञानी की ज़रूरत है | अवसाद या ज़्यादा चिंतित रहने जैसे मुद्दों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता | आपका चिकित्सक दवाई और इलाज के द्वारा आपकी सहायता कर सकता है, शायद इससे आपकी अतीत के भावनात्मक ऋण से छुटकारा मिलने में सहायता हो पाये | [३]
विधि 2
विधि 2 का 3:

लोग आपका फायदा न उठा पाएँ इससे बचने के लिए और जीवन में आगे बढ़ने के लिए निर्दयी होने का नाटक करें

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  1. हो सकता है कि आप यह पहले से ही जानते हैं कि आपको ज़िंदगी में क्या नहीं चाहिए | आपको आगे क्या करने की ज़रूरत है, इससे आपको अपनी पसंद की पहचान होती है, और फिर ठीक वही करें जो आप ज़िंदगी में करना चाहते हैं | आपकी इच्छाएँ जितनी स्पष्ट होंगी, उतने ही प्रभावी रूप से आप उनके लिए काम करेंगे | [४]
    • अगर आप जानते हैं कि आप क्या चाहते हैं, तो यह दूसरों के लिए काफ़ी मुश्किल है कि वे आपको, उनके खुद के स्वार्थ के लिए मना पाएँ |
    • कभी कभी तनाव और ग्लानि (guilt) के कारण आप अपनी इच्छा के विरुद्ध काम करते हैं | ऐसे मुश्किल समय में ध्यान रहे कि जो आप चाहते हैं वो करने से आप ज़्यादा मज़बूत बनेंगे |
  2. एक बार आप जान जाएँ की आपको क्या चाहिए, तो संभवतः आपको कुछ चीजें कुछ लोगों को सौंपनी होंगी | लोगों को वही बताएँ जो आप उनसे चाहें और जो आप के करीबी हैं उनसे ही उम्मीद करें | अपनी इच्छाओं के साथ कभी समझौते न करें | [५]
    • आपने शायद अपने समय और योग्यता को किसी दूसरे व्यक्ति को वह करवाने में लगाया होगा जो आप चाहते हैं, लेकिन सीमित रहने की कोशिश करें और किसी को भी आपकी इच्छाएँ आपके ही ख़िलाफ़ इस्तेमाल न करने दें |
  3. कोई भी चीज़ जो आपके फ़ायदे की न हो उसके लिए साफ़ "मना" करें: जब आप किसी ऐसी चीज़ के लिए हाँ करें जो आपके लक्ष्य में किसी प्रकार से फ़ायदेमंद न हो, तो आप अपना समय व्यर्थ कर रहे हैं | इसलिए अपना समय बरबाद न करें | सिर्फ़ उन ही गतिविधियों में भाग लें जो आपके लक्ष्य को आगे बढ़ाएँ, और बाकी सारे निवेदन या निमंत्रणों को प्यार से इंकार कर दें |
    • स्पष्ट रहें | कहें "नहीं, मैं ये नहीं करना चाहता (या नहीं करूँगा)" | अगर आपको विवरण की आवश्यकता पड़े, जैसे, "मेरे पास इस के लिए बिल्कुल भी समय नहीं" तो वह ठीक है, लेकिन ज़रूरी नहीं कि आप हर बार विस्तार से बोलें |
    • यह काफ़ी मुश्किल हो सकता है जब आपको खुद पर पछतावा हो रहा हो कि आप उनकी मदद नहीं कर पा रहे | दान पुण्य जैसी चीजें जिसका आप समर्थन नहीं करते, दोस्त जो आप की मदद चाहते हैं, और यहाँ तक की परिवार जो आपका समय चाहता हो वे आपकी सफलता के रास्ते में बाधक बन सकते हैं | इन्हें इंकार करें |
  4. आप खुद के लिए बोल रहे हों या आपकी कम्पनी, संगठन, समाज, आदि के लिए | यह स्वीकारना अक्सर मुश्किल होता है कि आप बाकी मनुष्यों के साथ काम करके ज़्यादा फ़ायदे में रहेंगे, पर यह सच है | दूसरों के साथ-साथ काम करना फ़ायदेमंद और आपके लक्ष्य की ओर ज़्यादा प्रभावशाली होता है | ध्यान रहे कि संबंध पारस्परिक रूप से लाभ में हो और कोई भी पक्ष का फ़ायदा न उठाया जा रहा हो | [६]
    • संबंध दो तरह से चलते हैं | जब आप बाकी लोगों के साथ काम कर रहे हो, तो ध्यान रहे जितना आप प्राप्त कर रहे हो उतना ही आपका योगदान भी हो | यह आपको मज़बूत, पेशेवर और सामाजिक रिश्ते बनाने में सहायता करता है |
  5. आपसे अक्सर किसी न किसी तरीक़े से मदद माँगी जाएगी | आपको समझना चाहिए कि आपसे मदद क्यों माँगी जा रही हैं और दूसरे व्यक्ति के आपसे मदद माँगने में कैसे इरादे हैं | किसी को आपसे कुछ क्यों चाहिए, इसे अच्छी तरह समझें, और फिर आप फ़ैसला कर सकते हैं कि उसमें आपका क्या फ़ायदा हो सकता है, और फिर क्या आप वह करना चाहेंगे |
विधि 3
विधि 3 का 3:

लोगों से बचने के लिए बेरहम होने का नाटक करें

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  1. टेक्नॉलजी (technology) ने छोटी बातों से बचना काफ़ी आसान बना दिया है | फ़ोन उठाने का नाटक करें, अजनबियों से बचने के लिए हमेशा कानों में ईयरफ़ोन (earphone) लगा कर रखें | आप बातचीत को किसी भी समय रोक सकते हैं बस इतना बोल कर कि "अभी मैं बात नहीं कर सकता, मैं काफ़ी व्यस्त हूँ" |
    • जैसे, अगर आपके कोई सहकर्मी आपको स्नैकमशीन (snacks machine) पर मिल जाएँ, तो उन्हें बस इतना-सा बोल कर रोक दें कि "अभी मैं बात नहीं कर सकता, मेरा काम अभी बाकी है" |
  2. इंकार करने में सामने वाले को अपमान जनक न लगे | निमंत्रण में नहीं जाने के लिए अगर आप सरल-सा बहाना बनाएँगे, तो वे आपको बुलाने के लिए ज़्यादा ज़ोर डालेंगे | इसलिए आपको अपने अंतिम निर्णय पर दृढ़ रहना होगा | [७]
    • किसी भी समारोह या उत्सव से बचने के लिए सबसे आसान है ये बोलना कि "माफ़ करना, मुझे पहले से ही कुछ काम है" |
    • आप अगर कोई निमंत्रण को इंकार करते हैं, तो आपको कोई सफ़ाई देने की ज़रूरत नहीं | आप बस इतना कह सकते हैं कि "माफ़ कीजिए, पर मैं नहीं आ सकता" |
  3. कभी-कभी ऐसा लगता है कि एहसान करना आपका कर्तव्य है | उसकी बजाय, आत्मविश्वास के साथ इंकार करें | आपको अपनी बात रखने के लिए अशिष्ट व्यवहार करने की ज़रूरत नहीं | [८]
    • अगर आपका दोस्त आपको घर पर बैठने के लिए पूछे, तो सरलता से इंकार करते हुए बोलें, "मुझे माफ़ करो, मैं ऐसा नहीं कर पाऊँगा" | अगर आप चाहो तो आप स्पष्टीकरण दे सकते हो, लेकिन बहाना बनाने की कोई ज़रूरत नहीं |
  4. अगर आपको ऐसा लगे कि आपके दोस्त या परिवार ही आपकी परेशानी है, लोगों से अलग होने या कटने से बेहतर है, कि नई सहायता प्रणाली बनाएँ | नए लोगों से मिलने की कोशिश करें, जो आपके समान रूचियाँ रखते हों | ऐसे लोग ढूँढे जो आपके ही क्षेत्र में काम करते हों और एक जैसी जगह पर घूमने जाते हों और आम तौर पर आपके जैसी ही पसंद रखते हों | [९]

सलाह

  • बिना किसी संकोच के खुद के लिए अवसर निकालें |
  • खुद को ग़लत न समझें |

चेतावनी

  • अपने प्रति दूसरों के बुरे व्यवहार को झेलने के लिए तैयार रहें |
  • कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आएगा कि आप उनके प्रति निर्दयी या कठोर हों |

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